गढ़वा में फसल बीमा योजना पर जिला स्तरीय कार्यशाला, 1.12 लाख किसानों का बीमा कराने का लक्ष्य निर्धारित
गढ़वा: गढ़वा जिले में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से बचाने के लिए बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (B-PMFBY) को लेकर जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान तेज कर दिया गया है। जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और किसानों को जागरूक करने पर जोर दिया गया।
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कार्यशाला में प्रखंड स्तर के ATM (असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर), BTM (ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर), BAO (ब्लॉक एग्रीकल्चर ऑफिसर), BCO (ब्लॉक को-ऑपरेटिव ऑफिसर), LAMPS (लार्ज एरिया मल्टीपर्पज सोसायटी), PACS (प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी), जनसेवक, बीमा कंपनी के सभी प्रखंड समन्वयक और संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त, जिला अग्रणी बैंक अधिकारी, कृषि विभाग, सांख्यिकी विभाग, और CSC जिला प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।
योजना की मुख्य विशेषताएं और लक्ष्य:
कार्यशाला के दौरान B-PMFBY और NCIP पोर्टल से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कंपनी के प्रतिनिधि उमेश कुमार, जिला समन्वयक ने योजना की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए किसानों से समय पर बीमा कराने के लिए जागरूक होने का आह्वान किया। बैठक में बताया गया कि गढ़वा जिले का लक्ष्य 1,12,998 किसानों का बीमा करना है, जिसे 31 जुलाई 2025 की अंतिम तिथि से पहले पूरा करना प्राथमिकता है। बीमा प्रक्रिया कृषक टोकन मनी के माध्यम से की जाएगी।
बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज:
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
आधार कार्ड
बैंक पासबुक
जमीन का प्रमाण पत्र
कृषक द्वारा स्वयं घोषणा फसल बुवाई पत्र
बटाईदार किसान के लिए नोटरीकृत शपथ पत्र
वंशावली प्रमाण पत्र (दादा या पूर्वजों की जमीन होने पर)
किसान वर्ग और बीमा प्रक्रिया:
ऋणी किसान: संबंधित बैंक के माध्यम से स्वतः बीमा करा सकते हैं।
गैर-ऋणी किसान: अपने निकटतम CSC प्रज्ञा केंद्र पर बीमा करा सकते हैं। बीमा करते समय जमीन की माप (डिसमिल/एकड़) को हेक्टेयर में परिवर्तित करके ही पोर्टल पर दर्ज करना होगा।
बीमा कवरेज के प्रकार:
असफल बुवाई पर लाभ: बीमित किसानों को बीमित राशि का 25% लाभ प्रदान कर पॉलिसी बंद कर दी जाती है।
फसल कटाई के उपरांत 14 दिनों तक कवरेज: कटाई के बाद फसल नुकसान की स्थिति में 72 घंटे के अंदर टोल फ्री नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज करनी होगी।
पैदावार आधारित मुआवजा: फसल कटाई के बाद पैदावार में कमी के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
अधिकारियों का संदेश:
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने जोर देकर कहा कि फसल बीमा किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच है, जो प्राकृतिक आपदा, असफल बुवाई और फसल नुकसान की स्थिति में उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने सभी प्रखंडों को लक्ष्य प्राप्त करने और पंचायत स्तर तक अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए।
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने एक स्लोगन के माध्यम से संदेश भी दिया: "फसल बीमा कराओ, सुरक्षा कवच पाओ!" यह पहल गढ़वा जिले के किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें अनिश्चित मौसम की मार से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
Jul 19 2025, 09:44