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किसानों और पेंशनरों के हित में साय सरकार ने लिया बड़ा फैसला

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के मानसून सत्र से पहले आज साय कैबिनेट की 30वीं बैठक हुई. मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में लॉजिस्टिक पॉलिसी को मंजूरी दी गई है. वहीं कृषक उन्नत योजना के विस्तार पर भी सहमति बनी है. बता दें कि जून महीने में कैबिनेट की यह दूसरी बैठक थी.

साय कैबिनेट की बैठक में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय –

1. मंत्रिपरिषद ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। कृषक उन्नति योजना के प्रचलित निर्देशों को संशोधित करते हुए इसके दायरे को और विस्तृत कर दिया है। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।

खरीफ 2024 में पंजीकृत कृषक जिन्होंने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, उनके द्वारा खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल की खेती की जाती है, तो उन्हें भी अब कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

2. मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान संबंधी दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

3. मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास एवं राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि/कमी का समुचित प्रबंधन एवं आर्थिक मंदी के समय वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होगी।

4. मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में लॉजिस्टिक सेक्टर के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस पॉलिसी से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा तथा निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी।

राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ लेते हुए लॉजिस्टिक सेक्टर तथा ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के उद्योगोें, व्यापारियों और किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी। प्रदेश में लॉजिस्टिक में लगने वाले लागत कम होने से व्यापार, निवेश एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस नीति के माध्यम से ड्राई पोर्ट/इन्लैंण्ड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहित करने से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। राज्य के प्रचुर वन संसाधन, वनोपज एवं वनौषधि उत्पाद के निर्यात हेतु इको सिस्टम तैयार होगा। यह पॉलिसी राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी साथ ही राज्य को लॉजिस्टिक्स एवं निर्यात क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में स्थापित करेगी।

5. मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय व जीवनयापन में सहजता बढ़ेगी। अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरणों और उनमें होने वाले व्यय में कमी आएगी।

6. मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न विभागों/निगम/मण्डल/कम्पनी/बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जर्जर भवनों तथा इनके स्वामित्व की अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास और सदुपयोग के लिए रिडेव्हलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इसमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं।

7. मंत्रिपरिषद द्वारा वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक/रिकार्ड कीपर से तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए विहित 05 वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा को केवल एक बार के लिए न्यूनतम अर्हकारी सेवा 02 वर्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश मुख्यालय से PCC चीफ दीपक बैज का आईफोन चोरी, भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने कसा तंज

रायपुर- कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रदेश कार्यालय राजीव भवन से पीसीसी चीफ दीपक बैज का मोबाइल रविवार को चोरी हो गया. इस घटना के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया. भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने इसे लेकर तंज कसते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने प्रदेश मुख्यालय में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी नहीं होने को लेकर सवाल उठाएं हैं.

भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “सुनने में आया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का मोबाइल फोन उनके ही प्रदेश मुख्यालय- रायपुर में चोरी हो गया! चोर को पकड़ने की कोशिश की तो सामने आया कि मुख्यालय में CCTV कैमरा नहीं हैं!”

उन्होंने आगे लिखा कि “वैसे, यह कोई नई बात नहीं जब मुझे इसी छतीसगढ़ कांग्रेस मुख्यालय में बंद किया गया था, तब भी CCTV नहीं था.”

राधिका खेड़ा ने प्रदेश मुख्यालय की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में साल तो उठा है कि कांग्रेस मुख्यालय में कैमरे क्यों नहीं हैं? कका के 5 साल के ऐसे क्या काले कारनामे इस मुख्यालय में छिपे हैं ? चोरी रोकने से ज्यादा ‘क्या’ छुपाने पर जोर ??

कैसे पार हुआ दीपक बैज का मोबाइल

बता दें कि रविवार को छत्तीसगढ़ NSUI की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में चल रही थी. इसी दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज कुछ देर के लिए बैठक हॉल से बाहर मीडिया से बातचीत करने निकले थे. इसी बीच कार्यकर्ता के रूप में किसी चोर ने बैज का I-phone 15 pro चोरी कर ले गया. मोबाइल गुम होने की सूचना खम्हारडीह थाना में दी गई. पुलिस टीम जांच में जुटी हुई है.

20वें यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 हुआ सम्पन्न, 14 वैज्ञानिक हुए पुरस्कृत

अम्बिकापुर- भारतीय ज्ञान परम्परा वेदों से प्रारम्भ हो कर आज हमारे जीवन में शामिल है। इसे धर्म के नजरिये से नहीं बल्कि अपनी विरासत और धरोहर के नजरिये से देखिये। यह बातें संत गहिरा गुरू विष्वविद्यालय अम्बिकापुर और छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 20वें यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के निदेषक राजीव प्रकाष ने कही। उन्होंने कहा कि यंग साईंटिस्ट शोध-अनुसंधान के लिए बड़ा मंच है। आपका मुकाबला मैन पॉवर, इंटेलीजेंस और एआई से है। हमें मषीनी लर्निंग, डिजीटल लर्निंग से आगे बढ़ना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्मार्ट वर्क चाहता है। प्रो. राजीव कहा कि शोध-अनुसंधान फूल टाइम जॉब है, इसमें विश्राम, विराम नहीं होता है, बल्कि यह कठोर परिश्रम और समर्पण मांगता है। उन्होंने सभी अध्येताओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप देश के लिए अनुसंधान कीजिए। हमारे लिये राष्ट्र प्रथम है और रामायाण, गीता को पढ़िये, यही हमारी पहचान है।

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा और संत गहिरा गुरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत गुलाब की कलियां और सरगुजिहा कलेवर से सजा अंगवस्त्र प्रदान कर किया गया।

छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी के कन्वीनर जॉयस राय ने 20वें छत्तीसगढ़ यंग साईंटिस्ट कांग्रेस-2025 के दो दिनों के आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 92 शोध पत्रों का वाचन, प्रजेंटेषन पॉवर प्वाईंट के माध्यम से हुआ। प्रथम दिन 60 और दूसरे दिन 32 शोध पत्रों की प्रस्तुति हुई। श्रेष्ठ और मानक के अनुसार 14 यंग साईंटिस्टों को चयन किया गया। उन्होंने यंग साइंटिस्टों का आह्वान करते हुए कहा कि विज्ञान में अनुसंधान और शोध होते रहना चाहिए और यही मानवता की जरूरत है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संत गहिरा गुरू विश्विविद्यालय के कुलपति और कार्यक्रम के संरक्षक प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह ने कहा कि षिक्षा-दीक्षा और ज्ञान का समारोह सरगुजा के लिए उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास संसाधनों की कमी है और इन परिस्थितियों में भी आपका हौसला हमें कुछ नया कर गुजरने का उत्साह देता है। प्रो. सिंह ने कहा कि आपके अनुसंधान से समाज का विकास होगा और आर्थिक समृद्धि आयेगी। उन्होंने आह्वान किया कि आप शैक्षिक परिसर में प्रतिभाओं के पास जाइये, आपके लिए अच्छे अवसर इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सपने पूरे होंगे तो आनन्द आयेगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर ने कहा कि हमारे समाज को तकनीकी और ज्ञान दोनो चाहिए। अब जय विज्ञान-जय अनुसंधान का दौर है। प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करायेगी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रो. राजीव प्रकाश, विशिष्ट अतिथि विश्वविजय सिंह तोमर, राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डॉ. एसके सिंह, डॉ. एस. कर्मकार, डॉ. जॉयस के राय आदि को स्मृति चिह्न, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। विषय विशेषज्ञों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी आनन्द कुमार ने किया।

कार्यक्रम के दौरान श्री साई बाबा आदर्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेष श्रीवास्तव, डॉ. आर.एन शर्मा, केआर टेक्निकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा, डॉ. आशीष बंजारा तथा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये अध्येता, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थिति रहे।

14 यंग साईंटिस्ट हुए सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान विक्की कुमार, सतीश कुमार दुबे, प्रिया गुप्ता, धर्मेन्द्र, परिणिता त्रिपाठी, श्रेया अनन्त, डॉ. प्रियंका पांडेय, संदीप कुमार, सृष्टि सजल स्वर्णकार, वर्षा मेश्राम, प्रतीक सिंह, रागिनी अरोड़ा, श्रद्धादेवी, लेवश वैघ को अतिथियों ने प्रमाण पत्र, पदक, 21000 रूपये का चेक प्रदान का सम्मानित किया।

शोध और अनुसंधान से होगी सरगुजा की भागीदारी: कुलसचिव

अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि 2008 से स्थापित विश्वविद्यालय संसाधनों के देर की अवधि पूरा कर चुका है। उम्मीद है कि घनी अंधेरी रात के बाद अब सुबह होगी। हमें ज्ञान-विज्ञान के साथ विकास की दौड़ में शामिल हेाना है। विश्वविद्यालय के लिए 24 नये विषय, आर्यावर्त संग्रहालय आदि का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में भी सरगुजा की भागीदारी उनके शोध और अनुसंधान से होगी। उन्होंने सभी अतिथि, अध्येता, विषय विशेषज्ञ, प्राध्यापक और कार्यक्रम में जुडे़ महानुभावों का आभार प्रकट किया।

युवा बनायेंगे नया छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी के डायरेक्टर जनरल और कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. एस. कर्मकार ने युवाओं की जिम्मेदारी है कि शोध-अनुसंधान को प्रयोगशाला से बाहर लायें, जिसमें समाज हित फलित हो। उन्होंने यंग साईंटिस्टों को बधाई देते हुए कहा कि आपकों लगातार प्रयास करना चाहिए। आपके परिश्रम, संकल्प, शोध एवं अनुसंधान से नया छत्तीसगढ़ फलक पर आयेगा।

बिलासपुर-अंबिकापुर हवाई सेवाएं की गई बंद, कंपनी ने कही ये बात

बिलासपुर- फ्लाई बिग कंपनी की बिलासपुर-अंबिकापुर हवाई सेवा अब बंद कर दी गई है. पहले सप्ताह में छह दिन संचालित होने वाली यह फ्लाइट यात्रियों की कमी के कारण केवल तीन दिन चलाई जा रही थी. अब कंपनी ने मानसून के दौरान विजिबिलिटी यानी दृश्यता की कमी का हवाला देते हुए सेवा को फिलहाल पूरी तरह से बंद कर दिया है. टिकट खरीदने वाली साइट भी बंद है. 

इस फ्लाइट का किराया मात्र 1048 रुपए निर्धारित था, फिर भी यात्रियों की संख्या बेहद कम रही, जिससे कंपनी को यह निर्णय लेना पड़ा. कंपनी की वेबसाइट भी बंद कर दी गई है और अब टिकटों की बिक्री नहीं हो रही है. फ्लाइट के बंद होने से बिलासपुर और अंबिकापुर के बीच हवाई सफर करने वाले यात्रियों को अब भारी निराशा का सामना करना पड़ेगा.

यह हवाई सेवा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही थी, लेकिन अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण इसे बंद कर दिया गया है।

पटवारी सुसाइड मामला : PCC चीफ दीपक बैज ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग, कहा –

रायपुर- भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला मामले में निलंबित पटवारी के आत्महत्या मामने में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. बैज ने कहा, इस मामले की CBI या ED से जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा, सरकार बड़ी मछलियों को बचाने छोटी मछलियों का शिकार कर रही है. मौत है या आत्महत्या ये जांच का विषय है, लेकिन उनके सुसाइड नोट से पता चलता है कि बड़े-बड़े अधिकारी और बीजेपी के नेता इस घटना में शामिल हैं. मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए.

राशन कार्ड सत्यापन की समयावधि बढ़ाने की मांग

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने PDS के राशन कार्डों का kYc से लिंक करने का समय बढ़ाने की मांग सरकार से की है. बैज ने कहा, 30 लाख से अधिक राशन कार्ड धारियों का सत्यापन नहीं हो सका है. इस महीने में अंतिम 3 दिन में सभी कार्डधारियों का सत्यापन संभव नहीं है. राशन कार्ड सत्यापन की समयावधि बढ़ाया जाए, ताकि प्रदेश में कोई गरीब हितग्राही राशन से वंचित न हो.मानसून सत्र में कानून व्यवस्था, रेत खनन पर सरकार को घेरेंगे

विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होगा. इस पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, कानून व्यवस्था, पेड़ों की कटाई, रेत खनन जैसे मुद्दों को सदन में उठाएंगे. इस मामलों को लेकर कांग्रेस फिर से सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी. मानसून सत्र के दौरान सरकार को घेरेंगे.

बता दें कि शुक्रवार को भारतमाला प्रोजेक्ट के मुआवजा निर्धारण में फर्जीवाड़ा मामले में निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने अपनी बहन के फार्महाउस में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. सकरी पुलिस को मौके पर सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है. जानकारी के अनुसार, सुरेश मिश्रा अयोध्या नगर का रहने वाला था और शुक्रवार सुबह ग्राम जोंकी स्थित अपनी बहन सरस्वती दुबे के फार्महाउस गया था. काफी देर तक वापस न लौटने पर परिजन वहां पहुंचे तो सुरेश का शव कमरे में पंखे से लटका मिला. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

कृषकों की समृद्धि हमारा संकल्प: नवाचार और तकनीक से सशक्त होंगे छत्तीसगढ़ के अन्नदाता – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले में बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से कृषि क्रांति अभियान के अंतर्गत एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का वर्चुअल शुभारंभ किया। जिला पंचायत परिसर में दो दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में देश की कई प्रमुख कृषि कंपनियां जैसे-जियो मार्ट रिटेल, देहात, हॉनेस्ट फॉर्म, आत्माकुर, धरागरी, अवनी आयुर्वेदा इत्यादि उपस्थित रहेंगी। इन कंपनियों के माध्यम से जिले के किसान एफपीओ के जरिए अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने हेतु फसल विक्रय अनुबंध कर सकेंगे। बिचौलिया प्रथा समाप्त होने से किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य प्राप्त होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों की समृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार दृढ़ संकल्पित है । नवीनतम तकनीक को अपनाकर छत्तीसगढ़ के अन्नदाता आर्थिक रूप से अधिक सशक्त होंगे। उन्होंने कहा कि जशपुर के कृषि विकास के इतिहास में आज का दिन मील का पत्थर सिद्ध होने वाला है। जिला प्रशासन के अभिनव प्रयास से ‘कृषि क्रांति’ अभियान की शुरुआत हो रही है। हमारा देश कृषि प्रधान है और छत्तीसगढ़ में लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि तथा इससे संबंधित कार्यों से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने हेतु फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। चाहे वह समर्थन मूल्य पर 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी हो, समर्थन मूल्य पर वनोपज का संग्रहण हो या प्रोसेसिंग और निर्यात से जुड़ी योजनाएं हों, हमारी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बहुस्तरीय प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जशपुर में कटहल, आम, लीची, नाशपाती की बहुतायत में पैदावार होती है। यहां सेब की भी खेती शुरू हो गई है। इस सम्मेलन के माध्यम से किसानों और खरीदार कंपनियों के बीच सीधा संवाद स्थापित होगा। यह एक ऐसा मंच है जहां एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के माध्यम से किसानों की उपज को सीधा बाजार उपलब्ध होगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सॉइल हेल्थ कार्ड के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि इससे यह जानकारी मिलती है कि किस जमीन पर कौन-सी फसल का उत्पादन अधिक होगा और कितनी मात्रा में खाद की आवश्यकता होगी। इसके लिए केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिक पूरे राज्य में जाकर सॉइल हेल्थ के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। राज्य में कृषि के साथ पशुपालन, मछली पालन और डेयरी विकास को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। डेयरी विकास योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित छह जिलों में जशपुर भी शामिल है।

रायगढ़ से वर्चुअली जुड़े सांसद राधेश्याम राठिया ने कहा कि जशपुर जिले का प्राकृतिक वातावरण अत्यंत आकर्षक है। जल संरक्षण और संवर्धन के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि जल का संरक्षण अनिवार्य है, जिससे किसानों को लाभ होगा और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। जिला पंचायत से वर्चुअली जुड़ी विधायक रायमुनी भगत ने कहा कि जशपुर जिला नवाचार को तेजी से अपना रहा है। इस सम्मेलन के माध्यम से किसानों और कंपनियों के बीच सीधा अनुबंध होगा, जिससे उन्हें निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय ने अपने संबोधन में कहा कि यदि जिले में व्यवस्थित ढंग से खेती और प्रबंधन किया जाए तो किसानों को निश्चय ही लाभ प्राप्त होगा। जशपुर आम, मिर्च और नाशपाती के उत्पादन में अग्रणी है। उन्होंने धान के साथ दलहन और तिलहन की खेती को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।

कलेक्टर रोहित व्यास ने एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के महत्व तथा इससे किसानों को होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिला पंचायत से वर्चुअली जुड़े जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने एक वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से सम्मेलन के तहत होने वाले नवाचार एवं विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर आईजी दीपक कुमार झा, पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, जनपद पंचायत अध्यक्ष गंगा राम भगत सहित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में मिलेगी उन्नत तकनीकों की जानकारी

सम्मेलन के माध्यम से किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी देने के उद्देश्य से नाबार्ड एवं एपेडा जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित होकर एग्रीकल्चर मार्केटिंग, जैव उत्पादों के प्रमाणीकरण आदि विषयों पर किसानों को जानकारी देंगे। राज्य के वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल किस्मों का जीआई टैग, कृषि एवं उद्यानिकी फसलों की वैज्ञानिक पद्धति से खेती तथा रेशम विशेषज्ञ रेशम पालन की जानकारी देंगे। साथ ही कंपनी एवं किसानों के मध्य अनुबंध खेती (कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग) पर चर्चा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कंपनी और कृषकों के मध्य अनुबंध हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।

कार्यक्रम में फसल प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें जिले के एफपीओ से जुड़े किसान एवं प्रगतिशील किसान अपनी फसल जैसे-जैविक धान, कुटकी, रागी, नाशपाती, लीची, रामतिल, टाऊ, मिर्च, सुगंधित धान आदि का किस्मवार गुणवत्ता के आधार पर प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम के अंतर्गत आम एवं नाशपाती तथा नवाचार प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया है। विजेता किसानों को पुरस्कार राशि भेंट कर आगामी समय में नवाचार एवं उन्नतशील खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

विज्ञान और तकनीकी से देश-दुनिया का होगा विकास : चिंतामणी महराज

अम्बिकापुर- ज्ञानी की सर्वत्र पूजा होती है। विज्ञान और तकनीकी से देश-दुनिया और सभ्यता का विकास होता है, जिससे पूरी मानवता का पोषण होता है। यह बातें शुक्रवार को 20वें छत्तीसगढ़ यंग सांइटिस्ट कांग्रेस-2025 के उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज ने कही। संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय यंग साईंटिस्ट कांग्रेस को सरगुजिहा में सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्र और कुछ अनुसूचित जातियों में ज्ञान की कमी है। विज्ञान, तकनीकी से उनके जीवन में सुधार लाना है। चिंतामणी महराज ने युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आपके अनुसंधान से ज्ञान का विकास होगा जिससे देश-दुनिया और समाज को लाभ मिलेगा। उन्होंने बलरामपुर के तातापानी, उल्टापानी आदि का सन्दर्भ देते हुए युवा वैज्ञानिकों का आह्वान किया। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और संत गहिरा गुरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ और छत्तीसगढ़ी सौन्दर्य से सजे गमछे से किया गया। अतिथियों को स्वागत करते हुए कार्यक्रम के कन्वीनर एच.एस.पी. टोंडे ने कहा कि शोध के इस समागम में नये अनुसंधान होंगे जिससे विज्ञान की बुनियाद मजबूत होती जायेगी।

कार्यक्रम के संरक्षक, संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह ने कहा कि मां महामाया की पवित्र भूमि संत गहिरा गुरू और राजमोहिनी देवी के पावन कार्यों से समृद्ध है। उन्होंने कहा कि दण्डकारण्य और कालिदास की स्मृतियां यहीं से गुजरी हैं। उन्होंने बताया कि प्रतापपुर के पास एस्ट्रो फिजीक्स सेन्टर की तैयारी है। डॉ. पीपी सिंह ने कहा कि इजरायल, इराज और अमेरिका के युद्ध में आतंकवाद के संस्मरण से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि शांति भंग की स्थिति में युद्ध का वरण धर्म बन जाता है। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को आह्वान करते एआई की अधुनातन उपयोग के लिए तैयार होना है। अब हमें विकसित भारत के लिए तैयार होना है।

ज्ञानवीर विश्वविद्यालय सागर के कुलपति प्रो. आरके त्रिवेदी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान के लिए विद्यार्थियों के लिए रीडिंग टूल्स में लैपटॉप, मोबाइल, टैब आदि उपलब्ध हैं। हमारे विद्यार्थी जीवन में सिर्फ अध्यापक ही मेरे सहयोगी होते थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के अनुसंधान से ही आर्थिक, सामाजिक समृद्धि आयेगी। भू विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि हमारा ज्ञात इतिहास ५००० साल का है। शब्दभेदी बाण, गाइडेड मिसाइल, भगवान गणेश आदि के उद्धरण से अवगत कराया। सुश्रुत परम्परा, केमिकल साईंस, फिं गर प्रिंटिंग, स्पेस टेक आदि के बार में बताया। उन्होंने कहा कि ज्ञान के आकाश में सम्भावनायें अपार हैं। बस छलांग लगाने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि सांसद चिंतामणी महराज, प्रो. आरके त्रिवेदी, डॉ. एस कर्मकार, कुलपति पीपी सिंह, डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में शोध पत्रों का वाचन पॉवर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से हुआ।

छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नोलॉजी के डायरेेक्टर जनरल के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. वसीम रजा, सह आयोजक, कन्वीनर सीजी कॉस्ट के यंग साईंटिस्ट कांग्रेस के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. जॉयस राय, कार्यक्रम के सह कन्वीनर डॉ. धीरज कुमार यादव एवं डॉ. जुनैद खान, डॉ. अर्णब बनर्जी, डॉ.जयस्तु दत्ता, श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, प्रो. एसके श्रीवास्तव, डॉ. रितेश वर्मा, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के डॉ. आशीष बंजारा आदि उपस्थित रहे।

राज्यभिषेक नहीं, अपना घर चाहिए : कुलसचिव

संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय और उसकी विरासत से अवगत करते हुए कहा कि 2008 में स्थापित विश्वविद्यालय बुनियादी संसाधनों के लिये जुझ रहा है। उन्होंने कहा कि 14 वर्षों का वनवास तो पूरा हो गया है, मुझे राज्यभिषेक नहीं चाहिए लेकिन अपना घर तो चाहिए। डॉ. त्रिपाठी ने उम्मीद जताते हुए कि वर्तमान सरकार से आश्वासन मिला है अब संसाधनों की कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि 24 नये पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। प्राचीन संस्कृति और विरासत से सम्बंधित आर्यावर्त संग्रहालय की स्थापना की तैयारी है।

 

अनुसंधात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देना हमारा काम : एस. कर्मकार

छत्तीसगढ़ कौंसिल ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी के डायरेक्टर जनरल डॉ. एस कर्मकार ने कहा कि हमारा काम विज्ञान की शोधात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि बाल वैज्ञानिकों के लिए देश में ६४० प्रतियोगी थे जिसमें 20 श्रेष्ठ मॉडल रहे। इन 20 में छत्तीसगढ़ के चार बाल वैज्ञानिकों को अवसर मिला। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुए नये अनुसंधान के लिए आह्वान किया।

नशीली दवाओं के कारोबार का भंडाफोड़: औषधि प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने मेडिकल स्टोर्स पर मारा छापा

रायपुर- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में औषधि प्रशासन और पुलिस विभाग की संयुक्त कार्रवाई में नशीली और प्रतिबंधित दवाओं के अवैध कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। जिले की देवभगत फार्मेसी (दुर्ग शहर) और सिन्हा मेडिकल स्टोर (पाटन क्षेत्र) में औषधि निरीक्षकों की टीम ने पुलिस बल के साथ दबिश दी, जिसमें बिना वैध बिल और दस्तावेजों के नारकोटिक दवाओं का बड़ा जखीरा बरामद किया गया। इस कार्रवाई के बाद दोनों मेडिकल स्टोर्स की औषधि अनुज्ञप्तियां (लाइसेंस) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं।

बता दें कि यह कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा संचालित “अवैध औषधि नियंत्रण अभियान” के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य समाज में स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना और गैरकानूनी दवा कारोबार पर सख्ती से रोक लगाना है।

सूचना के बाद प्रशासन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने दी दबिश

गौरतलब है कि औषधि निरीक्षकों को सूचना मिली थी कि दुर्ग के कुछ मेडिकल स्टोर्स में नशीली दवाएं बिना पंजीकरण और नियमन के खुलेआम बेची जा रही हैं। इस पर औषधि प्रशासन ने स्थानीय पुलिस विभाग के साथ मिलकर देवभगत फार्मेसी और सिन्हा मेडिकल स्टोर पर छापा मारा।

जांच के दौरान इन मेडिकल स्टोर्स से शक्तिशाली दर्द निवारक और नशे के लिए प्रचलित ट्रामाडोल (Tramadol), युवा वर्ग द्वारा नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला कोडीन युक्त (Codeine-based Cough Syrups) कफ सिरप और गैरकानूनी गर्भपात में उपयोग होने वाला एमटीपी किट (Medical Termination of Pregnancy Kits) जैसी दवाएं बरामद कर जब्त की गई हैं।

कार्रवाई के बाद प्रशासन ने दोनों मेडिकल स्टोर्स की औषधि अनुज्ञप्तियाँ तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत विस्तृत कानूनी कार्रवाई जारी है। सूत्रों के अनुसार इन मेडिकल स्टोर्स से जुड़े अन्य व्यापारिक या चिकित्सकीय नेटवर्क की भी जांच की जा रही है।

क्या कहता है प्रशासन ?

औषधि नियंत्रक विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि “प्रदेश में किसी भी हाल में नशीली, प्रतिबंधित या गैरकानूनी दवाओं की बिक्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी संस्थान नियमों को ताक पर रखकर जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करेंगे, उन पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”

विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी दवाएं अक्सर उन क्षेत्रों में खपाई जाती हैं, जहां युवा वर्ग, नशे की लत या सस्ती दवाओं की पहुंच के प्रति संवेदनशील होते हैं। ट्रामाडोल जैसी दवाएं, जो सीमित चिकित्सकीय उपयोग के लिए अनुमोदित हैं, यदि बिना नियंत्रण के खुले बाजार में बिकें, तो यह सामाजिक स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है।

जनता से अपील

प्रशासन ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि किसी भी मेडिकल स्टोर में संदिग्ध गतिविधियां या नशीली दवाओं की अवैध बिक्री होती दिखाई दे, तो तत्काल संबंधित अधिकारियों को सूचना दें।

रायपुर पुलिस का नशे के खिलाफ बड़ा अभियान, 200 से अधिक ठेलों-गुमटियों पर छापेमारी कार्रवाई

रायपुर- रायपुर में नशे के बढ़ते प्रचलन पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने गुरुवार को एक व्यापक और संगठित अभियान चलाया। एडिशनल एसपी (क्राइम) संदीप मित्तल की अगुवाई में क्राइम ब्रांच और शहर के पुलिस बल ने एक साथ कई इलाकों में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में गोगो पेपर, ई-सिगरेट, हुक्का फ्लेवर, चिलम और अन्य प्रतिबंधित नशीली सामग्री जब्त की। इस कार्रवाई के दौरान 200 से अधिक दुकानों और ठेलों पर दबिश दी गई और 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। नशीले सामानों को मौके पर ही नष्ट भी किया गया।

200 से अधिक ठेलों और दुकानों पर छापे

पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर चलाए गए इस अभियान में राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, टिकरापारा, गुढ़ियारी, आजाद चौक, सरस्वती नगर, पंडरी, खमतराई सहित शहर के प्रमुख इलाकों में 200 से अधिक ठेलों, गुमटियों और दुकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। अभियान में 20 से अधिक पुलिस टीमें शामिल थीं, जिन्होंने पूरे शहर में ताबड़तोड़ कार्रवाई की।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने नशे में इस्तेमाल किये जाने वाले हजारों प्रतिबंधित सामग्रियां जब्त की गई। इनमें 2600 नग गोगो पेपर, 400 नग रोल पेपर, 550 नग चिलम, 10 पैकेट प्रतिबंधित हुक्का फ्लेवर, 25 नग हुक्का उपकरण, 04 पैकेट प्रतिबंधित सिगरेट, 04 नग सिगार और 200 पाउच प्रतिबंधित गुटखा शामिल है। इसके साथ ही जब्त किये गए सामग्रियों को नष्ट भी किया।


11 लोगों पर FIR दर्ज

छापेमारी के दौरान नशीले सामान बेचते पाए गए 11 दुकानदारों के खिलाफ कोटपा एक्ट और अन्य धाराओं के तहत संबंधित थानों में प्रकरण दर्ज किया गया है। जिन दुकानों से यह सामग्री बरामद हुई, उन्हें तत्काल बंद कराने की कार्रवाई की गई।

गोगो पेपर डीलर के गोदाम पर छापा

अभियान के तहत शंकर नगर स्थित K.K. ट्रेडर्स नामक गोगो पेपर डीलर के गोदाम पर भी छापेमारी की गई, जहां से 6000 नग गोगो पेपर जब्त किए गए। गोदाम संचालक और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध भी वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। इस पूरे विशेष अभियान का संचालन एएसपी क्राइम संदीप मित्तल, डीएसपी क्राइम संजय सिंह, और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट प्रभारी निरीक्षक परेश पांडेय ने किया।

पुलिस की अपील

रायपुर पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि वे नशे का अवैध कारोबार या प्रतिबंधित सामग्री की बिक्री होते देखें, तो तुरंत मोबाइल नंबर 94792-16156, 94792-11933 या 1933 पर सूचना दें। सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। रायपुर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह विशेष अभियान आगामी दिनों में और सघन रूप से चलाया जाएगा, ताकि शहर को चल रहे नशे के कारोबार को बंद किया जा सके।

कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे का अंतिम संस्कार : मारवाड़ी शमशान घाट पहुंचे भाजपा महामंत्री पवन साय और मंत्रिमंडल के सदस्य

रायपुर- छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे का कुछ ही देर में अंतिम संस्कार कार्यक्रम शुरू होगा। मरवाही शमशान घाट में नेताओं और कला क्षेत्र के प्रसिद्ध हस्तियों का पहुंचना जारी है. भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और मंत्रिमंडल के सदस्य पहुंच चुके हैं. वहीं चर्चित कवि कुमार विश्वास, सूफी भंजन गायक पद्मश्री मदन चौहान, कवि सुदीप भोला, गायक-अभिनेता सुनील तिवारी, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह भी मौजूद हैं.


ACI अस्पताल में ली अंतिम सांस

पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को तबीयत अचानक खराब होने पर उन्हें रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान हार्ट अटैक आने से उनका निधन हो गया.

हास्य और व्यंग से मानवीय संवेदनाओं को छुआ

डॉ. सुरेंद्र दुबे ने हास्य और व्यंग्य जैसी विधाओं को सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक चिंतन का जरिया बनाया. मंच पर उनकी प्रस्तुति, शब्दों का चयन और आत्मविश्वास दर्शकों को प्रभावित करता था. उन्होंने अपनी कविताओं से केवल हँसाया नहीं, बल्कि सामाजिक विसंगतियों, राजनीतिक हलचलों और मानवीय संवेदनाओं को भी छुआ और लोगों को सोचने पर मजबूर भी किया.

पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे की जीवन

8 अगस्त 1953 को बेमेतरा, छत्तीसगढ़ में जन्मे डॉ. दुबे पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक थे, लेकिन पहचान उन्होंने एक साहित्यकार और हास्य कवि के रूप में बनाई. भारतीय साहित्य के साथ ही छत्तीगसढ़ी भाषा में उनकी पकड़ बेहद मजबूत थी. उन्होंने पांच किताबें लिखी हैं और कई मंचो और TV शो पर दिखाई दिए. उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 में देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.

इससे पहले पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे को वर्ष 2008 में काका हाथरसी से हास्य रत्न पुरुस्कार प्राप्त हुआ था. वर्ष 2012 में पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान और संयुक्त राज्य अमेरिका में लीडिंग पोएट ऑफ इंडिया सम्मान प्राप्त हो चुके हैं.

विदेशों में भी मिला सम्मान

बता दें, पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे ने छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी कविताओं से सबका दिल जीता है. उन्हें अमेरिका (America) के वाशिंगटन (Washington) में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी एसोसीएशन द्वारा आयोजित समारोह में पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे को हास्य शिरोमणि सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया था. नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की ओर से शिकागो में पद्मश्री डॉ. सुरेन्द दुबे को छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.

पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र की रचनाओं पर देश के 3 विश्वविद्यालयों ने पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की है, जो उनकी साहित्यिक और अकादमिक उपलब्धियों की पुष्टि करती है.