*पहले सीएचसी से जिला अस्पताल, फिर काशी प्रयागराज रेफर होते हैं दुघर्टनाओं के 60% केस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में संसाधन, तो चिकित्सकों की कमी के कारण पहले सीएचसी से जिला अस्पताल और फिर यहां से बनारस और प्रयागराज मरीज रेफर कर दिए जा रहे हैं। इसमें दुर्घटना के 660 और प्रसव के 25 फीसदी मरीज शामिल हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। जिला अस्पताल रेफर होने आने वाले दुर्घटना के 60 और प्रसव के 25 फीसदी केस रेफर होते हैं। गंभीर होने पर उन्हें सीधे वाराणसी बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, स्वरुपरानी प्रयागराज रेफर कर दिया जाता है। 90 फीसदी मरीज वाराणसी और 10 फीसदी प्रयागराज जाते हैं। रेफर में सबसे अधिक संख्या दुर्घटना में घायल मरीजों की है। जिले में तीन बड़े अस्पताल है। जिसमें महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल, सरपतहां का सौ शय्या और भदोही का एमबीएस अस्पताल है। इसके अलावा छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुरियावां, भदोही, भानीपुर, डीघ, औराई, गोपीगंज है। यहां औसतन 3500 से 4000 की ओपीडी प्रतिदिन होती है। वहीं 250 से 300 की इमरजेंसी केस होते हैं। इसमें रोजाना औसतन एक से दो मरीज जिला अस्पताल रेफर होते हैं। गोपीगंज सीएचसी से हर महीने 125 से 135 मरीज रेफर होते हैं। वहीं अन्य सीएचसी पर यह संख्या 20 से 25 है। सीएचसी से जिला अस्पताल आने वाले मरीजों में 60 फीसदी दुर्घटना में घायल, 25 फीसदी प्रसव पीड़िता तो 15 फीसदी गंभीर मरीजों के होते हैं। सीएचसी के डॉक्टर सीधे मरीज को बीएचयू, प्रयागराज रेफर नहीं कर सकते हैं। उन्हें पहले जिला अस्पताल भेजते हैं। यहां से मरीज को रेफर किया जाता है। सुरियावां, भानीपुर में आर्थों के डॉक्टर न होने के कारण मरीज जिला अस्पताल भेज दिए जाते हैं। वहीं डीघ, भदोही में संसाधनों का अभाव है।
हर महीने 55 से 65 मरीज, वाराणसी रेफर
जिला अस्पताल से हर महीने करीब 55 से 60 मरीज, तो भदोही एमबीएस 25 से 30 मरीज वाराणसी रेफर होते हैं। आर्थो, ट्राॅमा, सर में गंभीर चोट के मरीज रेफर होते हैं। कारण यह है कि विशेषज्ञ डॉक्टर का न होना है। एमबीएस में आर्थों के डॉक्टर नहीं है। वहीं जिला अस्पताल में तीन आर्थों के डॉक्टर हैं। एमबीएस में अप्रैल में 45, मई में 29 और 26 जून तक 20 मरीज रेफर किए गए। इसी तरह जिला अस्पताल में 26 मई से 26 जून तक 55 मरीज रेफर किए गए। अधिकतर दुर्घटना में घायल मरीज है। सीएचसी भदोही के अधीक्षक डाॅ. समीर उपाध्याय ने बताया कि कई बार मरीज के परिजन भय के मारे रेफर कराने पर जोर देते हैं। आईसीयू की व्यवस्था नहीं है।
कहां से कितने मरीज रेफर
जिला अस्पताल - 55
भदोही एमबीएस - 30
गोपीगंज - 135
सुरियावां - 25
डीघ - 30
भानीपुर - 15
केस 1- दो महीने पूर्व जिला अस्पताल से एक प्रसव पीड़िता का ऑपरेशन किया गया। गंभीर केस होने पर उसे वाराणसी रेफर कर दिया गया। गोपीगंज पहुंचते पहुंचते ही पीड़िता की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया।
केस 2 - चार दिन पहले
वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर दो ट्रेलर भिड़ गए। इससे चालक केबिन में फंस गया। गंभीर अवस्था में उसे गोपीगंज सीएचसी लाया गया। जहां चिकित्सक उसे सीधे वाराणसी के बजाय जिला अस्पताल रेफर किए। यहां आने के बाद उसे वाराणसी रेफर किया गया।
पहले की अपेक्षा अब रेफर केस में कमी आई है। मरीजों का सुमुचित उपचार स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ कर रहे हैं। केवल गंभीर मरीजों को ही रेफर किया जाता है
डॉ. एसके चक, सीएमओ, भदोही।
Jun 29 2025, 16:31