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पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के बाद भगदड़, 3 की मौत, गुंडिचा मंदिर के सामने हादसा

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ओडिशा के पुरी जिले में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार तड़के हुई एक भगदड़ में कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग 50 अन्य घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ, जब श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भारी भीड़ जमा थी।

गुंडिचा मंदिर के सामने हादसा

हादसा जगन्नाथ मंदिर से करीब 3 किमी दूर गुंडिचा मंदिर के सामने हुआ। यहां भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ जुटी थी, इसी दौरान भगदड़ मची। जिसमें कम से कम 3 लोगों की जान जाने की आशंका है।

हादसे की वजह

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटनास्थल के पास पहले से ही काफी भीड़ जुट गई थी। वहां पर अचानक से 2 ट्रकों के घुसने की कोशिश के कारण भगदड़ मच गई। संकरी जगह, कथित तौर पर पर्याप्त पुलिस उपस्थिति की कमी और रथों के पास बिखरे हुए ताड़ के लट्ठों की वजह से स्थिति खराब हो गई।

छह की हालत गंभीर

पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन ने बताया कि घटना में घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से छह की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों की पहचान बसंती साहू (बोलागढ़), प्रेमकांत मोहंती और प्रवाती दास (दोनों बालिपटना निवासी) के रूप में की गई है। तीनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। कलेक्टर के अनुसार, घटना की जांच शुरू कर दी गई है और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। भीड़ को नियंत्रित करने और घायलों को राहत पहुंचाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

सीएम माझी ने भगदड़ की घटना पर मांगी माफी

हादसे के बाद मोहन चरण माझी ने पुरी में हुई भगदड़ की घटना पर माफी मांगी है। उन्होंने एक्स पर लिखा,मैं और मेरी सरकार भगवान जगन्नाथ के सभी भक्तों से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगते हैं। यह लापरवाही माफ करने लायक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा चूक की तुरंत जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

महागठबंधन को ओवैसी का खुला ऑफर, एनडीए को रोकने के लिए दी ये सलाह

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बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए और महागठबंधन एक दूसरे को मात देने की रणनीति तय करने में जुटी हुई हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन को बड़ा ऑफर दिया है। ओवैसी ने कहा है कि अगर आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दल एनडीए को बिहार में सत्ता से रोकना चाहते हैं, तो एआईएमआईएम साथ देने को तैयार है। वरना, पार्टी सीमांचल के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी चुनाव लड़ेगी।

ओवैसी का कहना है कि महागठबंधन भी नहीं चाहता कि बिहार में फिर से एनडीए गठबंधन की वापसी हो। उन्होंने कहा कि अगर बिहार की सत्ता एनडीए सरकार को फिर से नहीं सौंपनी है, तो हम सभी को एक साथ मजबूती से खड़ा होना होगा। यह पूरा मामला इंडिया गठबंधन पर निर्भर करता है कि क्या वह ओवैसी के साथ हाथ मिलाएगा या नहीं?

हम बिहार में बीजेपी या एनडीए की वापसी नहीं चाहते-ओवैसी

ओवैसी ने बताया कि इंडिया गठबंधन भी नहीं चाहता कि बिहार की सत्ता फिर से एनडीए के हाथों में जाए। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के कुछ नेताओं से बात की है और उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हम नहीं चाहते कि बिहार में बीजेपी या एनडीए की वापसी हो। उन्होंने कहा कि अब ये उन राजनीतिक दलों पर निर्भर करता है जो एनडीए को बिहार की कदम रखने से रोकना चाहते हैं।

याद दिलाई 2020 के चुनाव की याद

एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने याद दिलाया कि 2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में 4 विधायकों ने आरजेडी में शामिल हो गए। इस बार पार्टी का लक्ष्य सीमांचल (अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार) के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना है।

बैक डोर से एनआरसी लाने की कोशिश, टीएमसी ने मतदाता सूची की जांच पर उठाए सवाल

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पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण पर सवाल उठाया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने चुनाव आयोग पर इसको लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। चुनाव आयोग के अभियान की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्षी इंडी गठबंधन की पार्टियां इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठाएंगी।

एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’ करार

दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रायन कहा कि बिहार से शुरू होकर पश्चिम बंगाल में लागू होने जा रही ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन ऑफ इलेक्टोरल रोल’ की प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है। टीएमसी सांसद ने इसे ‘पीछे के दरवाज़े से एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कवायद संदिग्ध समय पर शुरू की गई है।

चुनावी गणित बदलने की कोशिश का आरोप

डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल उठाया, अब अचानक इस प्रक्रिया की क्या जरूरत पड़ गई? उन्होंने दावा किया, हमारे पास सबूत हैं कि यह कवायद क्यों की जा रही है। बीजेपी के आंतरिक सर्वे में उन्हें बंगाल में केवल 46-49 सीटें मिलती दिख रही हैं, और इसी हताशा में वे चुनावी गणित बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले सोमवार को बिहार में इस विशेष गहन समीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसका मकसद अपात्र नामों को हटाना और पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना बताया गया है। यह कवायद बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रही है। बिहार में पिछली बार इस तरह की समीक्षा 2003 में हुई थी।

भारत की मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने श्रीलंका की कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी, जानें चीन को क्यों तगड़ा झटका

#mazagondocksrilanka_deal 

भारत और श्रीलंका में बड़ी डील होने जा रहा है। भारत-श्रीलंका के बीच होने वाली एक नई रणनीतिक डील से चीन की नींद उड़ने वाली है। महाराष्ट्र स्थित भारत की सरकारी कंपनी मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने श्रीलंका की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग कंपनी ‘कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी’ में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है। 

यह सौदा 52.96 मिलियन डॉलर यानी लगभग 452 करोड़ रुपये में हुआ है।यह पहली बार है जब भारत का कोई बड़ा शिपयार्ड, जो पनडुब्बियां और युद्धपोत बनाता है, विदेश में किसी कंपनी को खरीद रहा है। इससे भारत को हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में एक मजबूत जगह मिल जाएगी।

चीन के लिए तगड़ा झटका

चीन पहले से ही श्रीलंका में अपनी पैठ बनाने में जुटा है। चीन हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रही। वह इस क्षेत्र में अपने जहाजों के लिए ठिकाने भी ढूंढ रही। ड्रैगन का ये दांव भारत के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बनकर उभरा है। ऐसे में मझगांव डॉक की ये डील भारत को इस क्षेत्र में मजबूत पैठ प्रदान करेगी। यह श्रीलंका में चीन की रणनीतिक घुसपैठ के बीच बड़ा कदम है।

चीन पर होगी नजर

कोलंबो डॉकयार्ड न केवल श्रीलंका की सबसे बड़ी जहाज निर्माण कंपनी है, बल्कि यह हिंद महासागर के सबसे व्यस्त शिपिंग लेन के बेहद करीब स्थित है। यह वही क्षेत्र है, जहां चीन के जासूसी जहाज आए दिन मंडराते रहते हैं और भारत की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। पिछले ही महीने चीन का संदिग्ध ‘रिसर्च शिप’ श्रीलंका की ओर बढ़ता देखा गया था। चीन इसे रिसर्च जहाज कहता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये जहाज असल में चीनी जासूसी का हथियार हैं, जो समुद्र के नीचे भारत की रणनीतिक गतिविधियों को ट्रैक करते हैं। चीन ने यह हरकत तब की थी, जब भारत और पाकिस्तान में विवाद चल रहा था। ऐसे में भारतीय कंपनी अब श्रीलंका में चीन की टोह लेने वाली गतिविधियों पर भी नजर रख सकेगी।

राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से की मुलाकात, जानें क्या हुई बात?

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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के क्विंगदाओ शहर में आयोजित एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन से मुलाकात कर द्विपक्षीय बैठक भी की।

राजनाथ सिंह ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री से उनकी द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। लगभग छह वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर अपनी खुशी व्यक्त की। दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें।

इसके अलावा उन्होंने चीनी समकक्ष को बिहार की मधुबनी पेंटिंग भेंट की। बिहार के मिथिला क्षेत्र में बनी पेंटिंग की विशेषता चमकीले रंगों और विरोधाभासों या पैटर्न से भरे रेखा चित्र हैं। ये पेंटिंग अपने आदिवासी रूपांकनों और चमकीले मिट्टी के रंगों के उपयोग के कारण लोकप्रिय हैं।

राजनाथ सिंह चीन के रक्षा मंत्री से ऐसे समय में मिले हैं जब उन्होंने चीन के क्विंगदाओ में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मीटिंग के साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। रक्षामंत्री ने साझा बयान पर साइन करने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि इसमें हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ देश अपनी नीतियों में सीमा पार आतंकवाद को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि ऐसे दोहरे मापदंड को खत्म करना बेहद जरूरी है और एससीओ जैसे मंच को ऐसी ताकतों की खुलेआम आलोचना करनी चाहिए।

भारत-अमेरिका के बीच बड़ी ट्रेड डील की उम्मीद, ट्रंप ने दिए संकेत, जानें क्या कहा?

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भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक 'बड़ी' ट्रेड डील होने वाली है। इस बात के संकेत खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिए हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में हुए 'बिग ब्यूटीफुल बिल' इवेंट में बताया कि अमेरिका ने हाल ही में चीन के साथ व्यापार समझौता किया है और अब भारत के साथ भी ऐसा ही कुछ बड़ा होने वाला है।

हर कोई एक डील करना चाहता है-ट्रंप

ट्रंप ने अपनी स्पीच में कहा, हर कोई एक डील करना चाहता है और उसका हिस्सा होना चाहता है। कुछ को हम बस एक चिट्ठी भेजेंगे, जिसमें लिखा होगा, बहुत-बहुत धन्यवाद। आपको 25, 35, 45 फीसदी देना होगा।

हम भारत के साथ बहुत बड़ी डील कर रहे-ट्रंप

हमने कल ही चीन के साथ एक डील पर हस्ताक्षर किए हैं। हम कुछ बड़े समझौते कर रहे हैं। इसी के बाद हम एक डील शायद भारत के साथ कर रहे हैं। इस डील के बारे में बात करते हुए ट्रंप ने कहा, हम भारत के साथ बहुत बड़ी डील कर रहे हैं।

हम हर किसी के साथ डील नहीं करने जा रहे-ट्रंप

ट्रंप ने कहा हम भारत के दरवाजे खोलने जा रहे हैं। ये वे चीजें हैं जो पहले कभी संभव नहीं थीं। इसी के साथ ट्रंप ने आगे कहा, किसी भी दूसरे देश के साथ डील नहीं की जाएगी। हम हर किसी के साथ डील नहीं करने जा रहे हैं

लगातार मिल रहे बड़ी डील के संकेत

इस महीने की शुरुआत में, यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में बोलते हुए, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है. उन्होंने कहा था, मुझे लगता है कि हम इसके बहुत करीब आ गए हैं और आपको आने वाले भविष्य में अमेरिका और भारत के बीच एक समझौते की उम्मीद करनी चाहिए। वहीं, 10 जून को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।

अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

अमेरिका जहां यह समझौता जल्‍द से जल्‍द करने के मूड में है, वहीं भारत किसी तरह की हड़बड़ी में नहीं है और साफ कर दिया है कि वह अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। 26% टैरिफ के संभावित खतरे के बावजूद भारत किसी भी हालत में झुकने के मूड में नहीं है। टैरिफ के लिए ट्रंप द्वारा रखी गई डेडलाइन 9 जुलाई को समाप्‍त हो जाएगी।

अब फोन करने पर “परेशान” नहीं करेगी अमिताभ बच्चन की आवाज, हट जाएगी साइबर फ्रॉड कैंपेन वाली कॉलर ट्यून

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आज के दौर में हम अक्सर काम ऑनलाइन करते हैं। हालांकि, ऑनलाइन का चलन बढ़ने के साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार ने एक व्यापक अभियान चलाया था। जब भी हम किसी को फोन करते थे तो एक कॉलर ट्यून तब बजती थी। इसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करते सुने जाते थे। हालांकि, अब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

रिपोर्ट्स हैं कि सरकार ने ये डिसाइड किया है कि साइबर क्राइम से बचने के लिए देशवासियों को जागरुक करने के लिए जो कॉलर ट्यून लगी हुई थी उसे अब हटा दिया जाएगा। 26 जून यानी आज से ही वो कॉलर ट्यून हटा दी जाएगी।आम जनता की शिकायतों के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इस पर ब्रेक लगा दिया है।

कॉलर ट्यून को बंद करने हो रही थी मांग

साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून वाला 40 सेकंड का मैसेज हर कॉल से पहले बजता है।इस कॉलर ट्यून को लेकर लोगों का कहना था कि चाहे कितनी भी जरूरी कॉल हो, इसको सुनना मजबूरी बन गया है। इससे जुड़ी शिकायतें केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय और TRAI तक पहुंच रही थीं। सोशल मीडिया पर भी इस कॉलर ट्यून को बंद करने की मांग उठ रही थी।

शिकायतों के बाद मंत्रालय का फैसला

इस कॉलर ट्यून की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंत्रालय की तरफ से ये फैसला लिया गया है। एक पोस्ट में कहा गया है कि साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून आपकी और आपके पैसों की सुरक्षा के लिए है। साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून इमरजेंसी नंबर पर नहीं बनाए जाते हैं। अब सामान्य कॉल पर भी ये दिन में केवल दो बार चलाए जाते हैं। मंत्रालय ने साफ कर दिया कि अब आम जनता को हर कॉल पर ये कॉलर ट्यून नहीं सुननी पड़ेगी।

इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ हो चुके हैं ट्रोल

बता दें कि इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ को कई बार ट्रोलिंग भी झेलनी पड़ी थी. लोग उन्हें ये हटाने के लिए भी बोलते थे. हाल में एक यूजर ने अमिताभ से कहा था- फोन पर बोलना बंद करो तो इस पर अमिताभ ने जवाब भी दिया था। अमिताभ ने कहा था- सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा था सो किया।

कौन हैं जोहरान ममदानी जो बने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर? ट्रंप ने बताया पागल वामपंथी

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भारतीय-अमेरिकी सांसद जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्युमो को हरा दिया है। भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर और भारतीय मूल के युगांडा के लेखक महमूद ममदानी के बेटे जोहरान को मंगलवार रात को मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में विजेता घोषित किया गया।

ममदानी की जीत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन पर हमला किया है। ट्रंप ने ममदानी का मजाक उड़ाते हुए पागल वामपंथी कहा है। ममदानी की जीत के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर एक पोस्ट शेयर की और लिखा, ''100 प्रतिशत वामपंथी पागल।'' ट्रंप उन्हें कई बार निशाने पर ले चुके हैं।

राम मंदिर के निर्माण के विरोध में प्रदर्शन

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी में जीत हासिल करने वाले भारतीय मूल के जोहरान ममदानी अपनी तीखी टिप्पणियों और विवादास्पद बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। ममदानी कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं। वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के विरोध में टाइम्स स्क्वायर में प्रदर्शन का नेतृत्व कर चुके हैं। जहां भीड़ ने हिंदुओं के खिलाफ बेहद अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। ममदानी ने कहा कि वह भारत में बीजेपी सरकार और बाबरी मस्जिद के विध्वंस के खिलाफ हैं। यह प्रदर्शन खालिस्तानी तत्वों द्वारा आयोजित था और ममदानी ने अपमानजनक नारों पर चुप्पी साध रखी थे। इसे हिंदू-विरोधी भावना के समर्थन के रूप में देखा गया।

पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान

जोहरान ममदानी ने बीते मई में न्यूयॉर्क फोकस द्वारा आयोजित ‘न्यू मेयर, न्यू मीडिया’ फोरम में पीएम मोदी की तुलना इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से की थी। नेतन्याहू को वह युद्ध अपराधी करार दे चुके हैं। उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों की चर्चा की। आरोप लगाया कि इसमें मुसलमानों का नरसंहार किया गया।

कौन हैं जोहरान ममदानी

33 वर्षीय ममदानी मशहूर फिल्मकार मीरा नायर और गुजराती मूल के युगांडाई विद्वान महमूद ममदानी के बेटे हैं। ममदानी का जन्म युगांडा के कम्पाला में हुआ था और उनका पालन-पोषण न्यूयॉर्क सिटी में हुआ। जब वह सात साल के थे, तब अपने माता-पिता के साथ न्यूयॉर्क आकर बस गए थे। उनकी मां मीरा नायर ने ‘मानसून वेडिंग’ और ‘सलाम बॉम्बे’ जैसी फ़िल्मों के लिए प्रशंसा बटोरी है. क्वीन्स से राज्य विधानसभा सदस्य और मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रहे डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ममदानी का विवाह ब्रुकलिन में रहने वाली सीरियाई मूल की कलाकार रमा दुवाजी से हुआ है।

आतंकी घटना का करारा जवाब देते रहेंगे, एससीओ शिखर सम्मेलन में राजनाथ सिंह का सख्त संदेश

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। एससीओ की बैठक में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर दो टूक अपनी बात रखी हैय़ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा आतकंवाद और शांति साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेते रहेंगे। निर्दोषों का खून बहाने वालों को नहीं छोड़ेंगे।

आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी समकक्ष के सामने ही राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर जिक्र किया। पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 22 अप्रैल 2025 को, आतंकवादी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर एक नृशंस और जघन्य हमला किया। एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर प्रोफाइल बनाकर गोली मार दी गई। द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी है।

दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं-राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा, कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

आतंकवाद को खत्म करने के लिए सबको आगे आने की जरूरत-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, भारत का मानना है कि रिफॉर्मेड मल्टिलेटरिजम देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए संवाद और सहयोग के लिए तंत्र बनाने में मदद कर सकता है। कोई भी देश, चाहे वह कितना भी बड़ा और शक्तिशाली क्यों न हो, अकेले काम नहीं कर सकता। वास्तव में, वैश्विक व्यवस्था या बहुपक्षवाद का मूल विचार यह धारणा है कि राष्ट्रों को अपने पारस्परिक और सामूहिक लाभ के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा। यह हमारी सदियों पुरानी संस्कृत कहावत 'सर्वे जना सुखिनो भवन्तु' को भी दर्शाता है, जिसका अर्थ है सभी के लिए शांति और समृद्धि।

एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च, शुभांशु शुक्ला समेत चार एस्ट्रोनॉट ने अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान

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भारत की अंतरिक्ष यात्रा में आज का दिन ऐतिहासक है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेश सेंटर यानी की ओर रवाना हो गए हैं। पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक भारतीय कदम रखेगा। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजा गया। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं।

मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ेगा।

कई बार टाला गया एक्सियम-4 मिशन

इससे पहले एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग में कई बार अलग-अलग वजहों से देरी हो चुकी है, पहले खराब मौसम की वजह से और फिर स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और बाद में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल पर लीक का पता चलने की वजह से इस यात्रा को टालना पड़ा था। सबसे पहले 29 मई को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के तैयार नहीं होने के कारण लॉन्चिंग टाल दी गई। इसे 8 जून को शेड्यूल किया गया। फाल्कन-9 रॉकेट लॉन्च के लिए तैयार नहीं था। नई तारीख 10 जून दी गई। फिर से इसे मौसम खराब होने की वजह से टाला गया। चौथी बार 11 जून को मिशन शेड्यूल किया गया। इस बार आक्सीजन लीक हो गई। नई तारीख 19 जून दी गई। मौसम की अनिश्चितता, क्रू मेंबर्स की सेहत के कारण टल गया। छठी बार मिशन को 22 जून के लिए शेड्यूल किया गया। ISS के ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल के मूल्यांकन करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था। इसलिए मिशन टल गया।

इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन जाने वाले पहले भारतीय

शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं, जो इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में कदम रखेंगे। वह वहां 14 दिनों तक रहेंगे और रिसर्च करेंगे। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

एक्सिओम मिशन में शुभांशु शुक्ला की भूमिका

शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट के तौर पर आईएसएस भेजे गए हैं। यानी जिस ड्रैगन कैप्सूल के जरिए एक्सिओम-4 मिशन को आईएसएस रवाना किया गया है, शुभांशु उसको गाइड करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यहां स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस पर डॉक कराने से लेकर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने तक की जिम्मेदारी शुभांशु के ही कंधों पर ही है। इसके अलावा अगर यह कैप्सूल किसी तरह की दिक्कत में आता है तो शुभांशु के पास ही यान का कंट्रोल और आपात फैसले लेने की जिम्मेदारी है।