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शाहजहांपुर में घर से निकले 100 से अधिक जहरीले सांप, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति को अपने घर की सफाई के दौरान एक प्लास्टिक के ड्रम में 100 से अधिक जहरीले सांप मिले। इस दृश्य को देखकर उसके होश उड़ गए और पूरे गांव में दहशत फैल गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत 'सर्प मित्र' और वन विभाग को सूचना दी, जिन्होंने विशेषज्ञों की मदद से सभी सांपों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला और जंगल में छोड़ दिया।

सांपों के घर में घुसने के कारण:

- बरसात के मौसम में सांप और बिच्छू सूखे और सुरक्षित स्थानों की तलाश में घरों में घुस जाते हैं।

- लंबे समय से बंद पड़े सामानों या स्थानों में सांपों के अंडे देने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे इस तरह की घटनाएं होती हैं।

सुरक्षा के लिए सुझाव:

- घर के आसपास की सफाई: घर के आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें और घास-फूस न बढ़ने दें।

- बंद पड़े सामानों की जांच: लंबे समय से बंद पड़े ड्रम, बक्से या अन्य वस्तुओं की नियमित जांच करें।

- सांप दिखने पर सावधानी: सांप दिखने पर घबराएं नहीं, सुरक्षित दूरी बनाए रखें और तुरंत विशेषज्ञों को सूचित करें।

- घर की दरारें सील करें: घर में दरारों, छेदों और अन्य संभावित प्रवेश मार्गों को सील करें।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सांपों को ड्रम में रेंगते हुए देखा जा सकता है। यह घटना हमें सतर्क रहने की चेतावनी देती है, विशेषकर बरसात के मौसम में.

एक बच्चे ने की ऐसी डिमांड, बदल गया केरल की आंगनबाड़ी में मिलने वाला खाना, अब मिलेगी ये खास चीज

केरल सरकार ने राज्य के चाइल्ड केयर संस्थानों में भोजन के मेनू को अपडेट किया है.अब पथानामथिट्टा की आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडे की बिरयानी और पुलाव भी मिलेगा. आंगनवाड़ियों के लिए नए शैक्षणिक वर्ष का उद्घाटन करते हुए महिला एवं बाल कल्याण मंत्री वीना जॉर्ज ने रिवाइज मेनू का अनावरण किया. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ियों में जॉइंट मेनू को पहली बार लागू किया जा रहा है. कई लेवल पर चर्चा के बाद ही इस मेनू को अपडेट किया गया है. नए मेनू में अंडा बिरयानी और पुलाव को शामिल किया गया है.

दरअसल, एक तीन साल के बच्चे का हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह आंगनबाड़ी में मिलने वाले उपमा की जगह बिरयानी की मांग कर रहा था. इस वीडियो को राज्य की स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री वीना जॉर्ज ने भी शेयर किया था और कहा था कि सरकार बच्चे की सलाह पर विचार करेगी और खाने के मेनू को रिवाइज करेगी. अब उन्होंने बच्चे से किया गया अपना वादा निभाया और मेनू में बिरयानी को शामिल कर लिया.

बिरयानी और चिकन फ्राई चाहिए’

वीडियो में बच्चा अपनी मां से कहता है, “मुझे आंगनबाड़ी में उपमा की जगह बिरयानी और चिकन फ्राई चाहिए. बच्चे की मां ने उसका वीडियो रिकॉर्ड किया और इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया. सोशल मीडिया पर ये वीडियो खूब शेयर किया गया, जिसके बाद ये वीडियो वीना जॉर्ज ने देखा और शेयर किया था. अब उन्होंने मेनू में बिरयानी एड होने के बाद कहा कि चीनी और नमक के सेवन को कम करके बच्चों के स्वास्थ्य के लिए मेनू को रिवाइज किया गया है. आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए पूरक पोषण (nutritional supplements) जैसे नाश्ता, दोपहर का खाने को रिवाइज किया गया है. दूध और अंडा जो हर दो दिन में दिया जाता था. अब सप्ताह में तीन दिन दिया जाएगा.

बच्चे ने मंत्री को कहा धन्यवाद

जिस बच्चे का वीडियो वायरल हुआ था. उसका नाम शंकु है, जो अपने परिवार के साथ केरल के अलप्पुझा का रहनेवाला है. वह पिछले साल अलपुझा में देवीकुलंगरापंचायत में खशेरनेल आंगनबाड़ी में शामिल हुआ था. शंकु ने नए मेनू में बिरयानी को शामिल करने पर धन्यवाद कहा. शंकु की मां अश्वथी ने कहा कि परिवार इस फैसले से हैरान है. मंत्री ने मेनू के अपडेट करने का वादा किया था, लेकिन हमें इतने कम समय में इस तरह के फैसले की उम्मीद नहीं थी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शंकु चार साल का होने वाला है और अब उसका स्कूल में एडमिशन कराएंगे. उन्होंने कहा, ‘मैंने शंकु का वीडियो तब रिकॉर्ड किया था. जब वह बिरयानी खा रहा था.’

रोज-रोज उपमा खाने से खुश नहीं था

इस तरह एक बच्चे की वजह से अब आंगनबाड़ियों के सभी बच्चों को बिरयानी मिलेगी. बच्चे की मां ने कहा कि शंकु रोज-रोज उपमा खाने से खुश नहीं था, लेकिन जब उसे तरह-तरह का खाना मिलता है तो वह खुश होता है और बिरयानी उसकी फेवरेट है. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ियों के लिए नए मेनू के मुताबिक बच्चों को सोमवार को नाश्ते में दूध, पिडी (चावल के आटे से बनी गोलियां) और कोझुक्कट्टा (चावल के आटे, नारियल और गुड़ से बनी भाप से पकाई गई मिठाई) मिलेगी. दोपहर में उन्हें चावल, हरे चने की सब्जी, पालक मिलेगा. मंगलवार को मेनू में नाश्ते के लिए पौष्टिक लड्डू, अंडा बिरयानी/पुलाव, फल कप और रागी अडा (बाजरे से बना पैनकेक) शामिल हैं. बाकि के दिनों में मेनू में सोया ड्राई फ्राई, इडली, सांभर, पुट्टू, आमलेट और गुड़ और केले के साथ चावल बच्चों को दिए जाएंगे.

चारधाम यात्रा में मौत… परिवार तक कैसे पहुंचेगा शव, क्या है प्रोसेस? यहां जानिए सभी सवालों के जवाब

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने शबाब पर है. पिछले महीने एक महीने से शुरू हुई इस चारधाम यात्रा में अब तक लाखों श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री आदि तीर्थस्थलों पर जाकर दर्शन पूजन किए हैं. अक्सर कथा कहानियों में सुनने को मिलता है कि जो बड़े भाग्यशाली होते हैं, वहीं चारधाम यात्रा के बाद जिंदा अपने घर लौटते हैं. यही वजह है कि सनातन धर्म में आम तौर पर सभी जिम्मेदारियों के निर्वहन के बाद चारधाम यात्रा की परंपरा रही है. अब बड़ा सवाल यह है कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी की मौत हो जाए तो उसका शव परिवार तक पहुंचता है कि नहीं, यदि पहुंचता है तो कैसे और इसमें आने वाला खर्च कौन वहन करता है?

इसके साथ ही एक सवाल के साथ एक और सवाल कि ऐसा होने पर श्रद्धालु के परिजनों को कोई क्षतिपूर्ति भी मिलती है क्या? चूंकि इस साल चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद इसी एक महीने के अंदर 73 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. इसलिए ये सवाल लाजमी भी हैं. आइए, इस प्रसंग में हम इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने और जानने की कोशिश करते हैं. शुरूआत शुरू से ही करते हैं. उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा के लिए जाने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का रजिस्ट्रेशन करती है. इस दौरान सभी को दुर्घटना बीमा का विकल्प दिया जाता है. जो यात्री इस विकल्प को चुनते हैं, वह एक लाख के बीमे से कवर हो जाते हैं और यात्रा के दौरान मौत होने पर उनके परिवार को एक लाख रुपये का दुर्घटना क्लेम मिल जाता है.

उत्तराखंड सरकार भी देती है मुआवजा

चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने भी मुआवजा नीति बनाई है. इस नीति के तहत यात्रा के दौरान यदि किसी तीर्थयात्री की मृत्यु होती है तो सरकार उसके परिजनों के नाम कुछ मुआवजा राशि जारी करती है. हालांकि इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. इसमें तुरंत प्रशासन को सूचित करना होता है. इसके बाद प्रशासन शव का पोस्टमार्टम कराता है और सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है. इसके बाद मुआवजा राशि तय की जाती है. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों तक भिजवाने की व्यवस्था भी स्थानीय प्रशासन करता है. पड़ोसी राज्यों में तो सड़क मार्ग से शव को भेजा जाता है, लेकिन सुदूर के राज्यों में हवाई मार्ग से शव भेजने की व्यवस्था है. हालांकि कई बार सूचना मिलने पर परिजन खुद मौके पर पहुंच जाते हैं और वहीं पर अंतिम संस्कार करते हैं. इसके लिए भी जरूरी इंतजाम लोकल प्रशासन करता है.

शव की पहचान महत्वपूर्ण

वैसे तो तीर्थ यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का रजिस्ट्रेशन होता है. इसके उनके बैकग्राउंड और परिवार के बारे में पूरी जानकारी होती है. बावजूद इसके शव की पहचान लोकल प्रशासन और पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है. कई बार लोग अकेले ही यात्रा पर निकल पड़ते हैं. इस स्थिति में यह चुनौती और भी मुश्किल हो जाती है. जिन मामलों में मृतक बीमा कवर होता है, उसमें परिजनों को खुद ही मृत्यु प्रमाण पत्र एवं अन्य जरूरी दस्तावेज लगाते हुए बीमा कंपनी में क्लेम करना होता है. हालांकि इस प्रक्रिया को असान बनाने के लिए कुछ एनजीओ भी सक्रिय हैं. परिजन इन एनजीओ के पदाधिकारियों के साथ मिलकर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कर सकते हैं.

झारखंड: पेट मे बम प्लांट कर उड़ाया, 14 जवानों की हत्या, 40 केस…लातेहार में आतंक का दूसरा नाम था नक्सली मनीष

झारखंड के अलग-अलग जिलों में राज्य को नक्सली मुक्त बनाने के लिए सुरक्षा बल लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं. सोमवार को भी सुरक्षा बलों ने 5 लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया. पिछले 48 घंटे के दौरान झारखंड के लातेहार जिले में ही दो मुठभेड़ की घटना हुईं, जिसमें वांटेड 10 लाख के इनामी जेजेएमपी संगठन के सुप्रीमो पप्पू लोहरा, 5 लाख के इनामी प्रभात गंझू को सुरक्षा बलों ने निशाना बनाया.

जिस 5 लाख के इनामी कुख्यात मनीष यादव को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर किया है. उस पर 14 जवानों की हत्या के साथ-साथ कुल 40 नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं. साल 2013 में झारखंड के लातेहार जिले में ही बरवाडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत अमवाटीकर टोला कटिया के जंगल में पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटना हुई थी, जिसमें CRPF बटालियन 112 /बी के 10 जवान शहीद हुए थे, जबकि 15 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे. इतना ही नहीं नक्सलियों ने उस दौरान एक मृत जवान के शरीर में बम भी लगाया था.

जब झारखंड पुलिस के 4 जवान शहीद हुए

इसके साथ ही वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले लातेहार जिले के ही चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत लुकईया मोड़ के पास नक्सलियों ने पुलिस की पीसीआर वैन पर हमला करते हुए जमकर फायरिंग की गई थी. इस घटना में झारखंड पुलिस के 4 जवान शहीद हुए थे. नक्सलियों ने पुलिस की एक पिस्टल, तीन राइफल और लगभग 100 के करीब में कारतूस भी लूट ली गई थीं. इन दोनों ही घटनाओं में मृतक कुख्यात 5 लाख का इनामी नक्सली यादव शामिल था.

मुठभेड़ में मारे गए 5 लाख के इनामी नक्सली मनीष यादव पर 14 जवानों की हत्या करने का आरोप था, इसके साथ ही उसके विरुद्ध 40 नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं. लातेहार जिले के एसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों की छापेमारी दल की ओर से रात 1:30 बजे लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र ग्राम चोरहा टोला नीचे दौना की रेकी की जा रही थी.

5 लाख का इनामी नक्सली मनीष यादव ढेर

इसी दौरान छापामारी दल को एक स्थान पर एक घर में दो नक्सलियों के छिपे होने की सूचना के बाद उस घर की घेराबंदी की. फिर नक्सलियों ने पुलिस की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी गई. मोर्चा संभालते हुए सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 5 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मनीष यादव मारा गया. जबकि 10 लाख के इनामी भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के जोनल कमांडर, कुंदन जी उर्फ सुधीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.

मृतक भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के सब जोनल कमांडर मनीष यादव उर्फ मनीष बिहार के गया के डुमरिया थाने के चक्रबंधा गांव का रहने वाला था. मनीष और कुंदन ने कई बड़ी नक्सली हिंसाओं को अंजाम दिया है. इनमें साल जनवरी 2013 में ऑपरेशन सामना के दौरान बरवाडीह थानान्तर्गत अमवाटीकर टोला कटिया के जंगल में पुलिस और भा०क०पा० (माओ) उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें CRPF बटालियन-112/B कंपनी के 14 जवान और एक पुलिसकर्मी सुबोध साहू घायल हुए थे. इनमें से महेश कुमार की इलाज के दौरान हो मौत हो गई थी.

PCR वैन पर हमला कर फायरिंग की घटना

साल 2019 में चंदवा थानान्तर्गत लुकईया मोड़ के पास भा०क०पा० (माओ०) के नक्सलियों ने PCR वैन पर हमला कर फायरिंग की, जिसमें 4 गृहरक्षक शहीद हो गए थे. इसके बाद साल 2017 में नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम बदौनी के ग्राम साले के बीच स्थित स्वास्थ्य केंद्र के पास भा०क०पा० (माओ०) ने सुबिराम मुण्डा सा० बेदुआ टोली, थाना नेतरहाट, जिला लातेहार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

वहीं साल 2012 में भण्डरिया थानान्तर्गत ग्राम कुटकु स्थित प्राथमिक विद्यालय में रात्रि विश्राम के दौरान भा०क०पा० (माओ०) उग्रवादियों ने पुलिस कैम्प पर फायरिंग कर हमला कर दिया था. हालांकि इस दौरान पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की थी और कोई हताहत नहीं हुआ था. साल 2023 को नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम दौरान में भा०क०पा० (माओ०) नक्सलियों के ने ग्रामीण देव कुमार प्रजापति पे० खिजहर प्रजापति साकिन के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की, जिससे उनकी हो गई थी.

2018 से लेकर 2024 तक की नक्सली हिंसा

2018 में भंडरिया थाना से करीब 35 किलोमीटर पूरब में ग्राम खपरी महुआ में पुलिस बलों को लक्षित करते हुए IED विस्फोट किया गया, जिसमें 06 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. 2019 में बारेसाढ़ बस स्टैंड पर अशोक प्रसाद के साथ मारपीट कर उसके 2 ट्रैक्टर, 1 ट्रक (407) और एक मोटरसाइकिल को आग लगा दी गई थी. 2022 में माओवादी ने कन्सट्रक्शन के कार्य में लगे बॉस कचरा प्लांट में मौजूद 2 JCB, 4 पानी टैंकर, एक पोपलेन, एक टाटा-407 के कुल 09 वाहनों को तेल छिड़ककर आग लगा दी.

2023 को माओवादी उग्रवादी संगठन के 10-12 हथियारबंद दस्ता सदस्यों ने चटकपुर से सरनाडीह रोड़ में बुढ़ा नदी पर पुल निर्माण का कार्य कर रहे मजदूरों से मारपीट कर की और चार ट्रैक्टर, एक पोकलेन मशिन पर डीजल छिड़ककर आग लगा दी थी. 2023 में ही माओवादी उग्रवादी संगठन के 18-20 हथियारबंद दस्ता सदस्यों ने महुआडांड़ थाना अन्तर्गत ग्राम चुटिया स्थित चुटिया नदी पर पुल निर्माण का कार्य कर रहे मैनेजर, मजदूरों से मारपीट, गाली गलौज कर एक कंक्रीट पम्प मशीन को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी. वहीं पिछले साल 2024 को भा०क०पा० (माओ०) संगठन ने नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम-दौना और दुरूप मे BSN टॉवर में काम कर रहे मजदूरों से मारपीट की और सारा सोलर प्लेट, 08 बैटरी, SCDV, CPU को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया था.

इराज लालू यादव… तेजस्वी यादव के बेटे का रखा गया नाम, लालू ने खुद पोस्ट कर बताया मतलब

आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने सोशल मीडिया पर अपने पोते और परिवार के लोगों के साथ फोटो शेयर की है. उन्होंने शेयर किए गए पोस्ट में लिखा हमारी पोती कात्यायनी के छोटे भाई का नाम मैंने और राबड़ी देवी ने ‘इराज’ रखा है. तेजस्वी और राज श्री ने उसका पूरा नाम इराज लालू यादव रखा है.

कात्यायनी का जन्म शुभ नवरात्रि के 6वें दिन कात्यायनी अष्टमी को हुआ था और इस नन्हे बच्चे का जन्म बजरंग बली हनुमान जी के मंगल दिवस मंगलवार को हुआ है, इसलिए उसका नाम इराज रखा गया है. उन्होंने कहा कि आप सभी की शुभकामनाओं और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद! बच्चा और बच्चे की मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

पटना में क्रिकेट टूर्नामेंट में ताबड़तोड़ फायरिंग, मुखिया प्रतिनिधि पर बरसाई गोलियां… तीन लोग घायल

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही यहां अपराधियों के हौसले और ज्यादा बुलंद हो चुके हैं. अपराधी आए दिन हत्या, लूट, रंगदारी और गोलीबारी जैसे घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. ताजा मामला राजधानी पटना से सटे पालीगंज अनुमंडल की रानीतालाब थाना क्षेत्र का है. यहां सैदाबाद पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह और दो लोगों को सरेआम बाइक सवार अपराधियों ने गोलियों से भून डाला.

घायल अंजनी सिंह और दो लोगों को पहले बिक्रम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेजा गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए इन लोगों को डॉक्टर ने पटना रेफर कर दिया. पटना के पारस अस्पताल में अंजनी सिंह को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. जबकि, अन्य दो को पटना एम्स में भर्ती किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार की देर रात्रि रानीतलाब थाना से महज कुछ ही दूरी पर कुशवाहा कनपा गांव में नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट का समापन था. इसी क्रिकेट टूर्नामेंट में मुख्य अतिथि के रूप में मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह पहुंचे थे. टूर्नामेंट के समापन के दौरान पुरस्कार का वितरण किया जा रहा था.

तबी दो बाइक पर सवार होकर चार अज्ञात अपराधी वहां आ धमके. उन्होंने अंजनी सिंह के ऊपर कई राउंड गोलियां चला दीं, जिसमें अंजनी सिंह बुरी तरह से घायल होकर गिर गए. मौके पर अफरा-तफरी मच गई. बदमाश जैसे ही वारदात को अंजाम देने के बाद वहां से भागने लगे, लोगों ने उनका पीछा किया. तब बदमाशों ने उनका पीछा कर रहे दो लोगों को भी गोली से घायल कर दिया.

घायलों की पहचान राजा कुमार और धर्मेंद्र कुमार के रूप में हुई है. इन दोनों का इलाज पटना एम्स में चल रहा है. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक अपराधी मौके से फरार हो चुके थे. घटनास्थल से पुलिस ने 6 गोली का खोखा एक मैगजीन और अपराधी का एक बाइक को भी बरामद किया है.

दो बार मुखिया का चुनाव लड़ा

मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह दो बार से मुखिया का चुनाव लड़े थे. लेकिन पिछले बार उन्होंने पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी ममता देवी को सैदाबाद पंचायत से मुखिया के पद पर खड़ा किया था. वो भी चुनाव जीत गई थीं. हालांकि, पिछले एक माह से अंजनी सिंह को जान से मार डालने की धमकी मिल रही थी. इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से भी की थी. डीएसपी 2 तक को लिखित आवेदन में दिया था और सुरक्षा को लेकर गुहार लगा रहे थे. लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसके बाद थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर ही अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया.

इन तीनों पर लगाया इल्जाम

घटना में घायल मुखिया प्रतिनिधि अंजली सिंह ने अपना बयान देते हुए बताया- विक्रम विधानसभा के विधायक सिद्धार्थ सौरभ, गनौरी यादव और राजेश यादव ने ही मुझे मरवाने की साजिश रची है. अगर हमें कुछ होता है तो यही तीनों दोषी होंगे.

मामले में आगामी कार्रवाई जारी

इधर घटना को लेकर थानाप्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया- कुशवाहा कनपा गांव में नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान मुख्य अतिथि अंजनी सिंह और दो लोगों को बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारी है. सूचना मिलने के पुलिस की टीम मौके पहुंची, जहां तीनों को घायल अवस्था में विक्रम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. बेहतर इलाज के लिए तीनों को पटना रेफर किया गया है. घटनास्थल से पुलिस ने अपराधी के एक बाइक एक मैगजीन और 6 गोली का खोखा बरामद किया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी हैघायलों की पहचान राजा कुमार और धर्मेंद्र कुमार के रूप में हुई है. इन दोनों का इलाज पटना एम्स में चल रहा है. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक अपराधी मौके से फरार हो चुके थे. घटनास्थल से पुलिस ने 6 गोली का खोखा एक मैगजीन और अपराधी का एक बाइक को भी बरामद किया है.

और दो लोगों को बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारी है. सूचना मिलने के पुलिस की टीम मौके पहुंची, जहां तीनों को घायल अवस्था में विक्रम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. बेहतर इलाज के लिए तीनों को पटना रेफर किया गया है. घटनास्थल से पुलिस ने अपराधी के एक बाइक एक मैगजीन और 6 गोली का खोखा बरामद किया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है

दिल्ली से दो जासूस अरेस्ट, PAK को भेजते थे खुफिया जानकारी, ISI ने इन्हें कैसे बनाया अपना ‘हथियार’?

दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने राजधानी को दहलाने की बड़ी साजिश का खुलासा किया है. यह साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी. इस साजिश को अंजाम देने दिल्ली पहुंचे दो जासूसों को पुलिस ने अरेट कर लिया है. इनकी पहचान नेपाल मूल के अंसारुल मियां अंसारी और रांची में रहने वाले अखलाक आजम को अरेस्ट किया है. जांच एजेंसियों को इस साजिश में भी पाकिस्तान एंबेसी में तैनात रहे दानिश का रोल होने की आशंका जताई है. फिलहाल पुलिस और अन्य एजेंसियां इन दोनों जासूसों से पूछताछ कर रही हैं.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़ा धमाका करने का प्लान बनाया था. इसकी तैयारी जनवरी महीने में ही शुरू कर दी थी. उस समय ISI ने नेपाल के रास्ते दिल्ली में अंसारुल को भारत भेजा था. भारतीय एजेंसियों ने आईएसआई के इस प्लान को इंटरसेप्ट किया तो मामले की जानकारी हुई. इसके बाद हरकत में आई दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और अन्य एजेंसियों ने निगरानी शुरू की और पुख्ता इनपुट के आधार पर इन्हें अरेस्ट किया है. हालांकि इन जासूसों की गिरफ्तारी के लिए सुरक्षा एजेंसियां को 3 महीने तक गुप्त ऑपरेशन चलाना पड़ा है.

सेना की जासूसी का था जिम्मा

पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह ऑपरेशन जनवरी से मार्च तक चलाया गया. इस दौरान पता चला कि पकड़े गए जासूसों में से एक नेपाली मुल्क का है और हाल ही में पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेकर दिल्ली आया है. वहीं दूसरे जासूस को भारतीय नागरिक बताया गया था. इनमें अंसारुल मियां अंसारी को भारतीय सेना की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उसे 15 फरवरी को सेंट्रल दिल्ली से अरेस्ट किया गया था. उस समय वह नेपाल के रास्ते पाकिस्तान वापस जाने की फिराक में था.

दानिश से भी मिले कनेक्शन

पुलिस ने उसके कब्जे सेसेना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे. इसी क्रम में सुरक्षा एजेंसियों ने रांची के रहने वाले अखलाक आजम को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक साजिश में अखलाक ने अंसारुल की मदद की थी. इसकी गिरफ्तारी मार्च में हुई. यह दोनों जासूस पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के सीधे संपर्क में थे. फिलहाल जांच एजेंसियां इन दोनों से पूछताछ कर रही है. पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान एंबेसी में रहे दानिश से भी इनके संबंध पाए गए हैं. पुलिस इनके संबंधों का सत्यापन कर रही है.

टैक्सी चलाता था अंसारुल

पुलिस के मुताबिक अंसारुल नेपाल से साल 2008 में कतर जाकर वहां टैक्सी चलाता था. वहीं पर ISI के संपर्क में आया. इसके बाद वह आईएसआई के कहने पर जून 2024 में रावलपिंडी पहुंचा. जहां उसका ब्रेनवॉश हुआ और जरूरी ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद वह अपने हैंडलर के निर्देशन में काम करने के लिए भारत आया था. पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है.

देश में फिर कोरोना का कहर! 2 की मौत, 257 मरीज आए सामने… केरल में सबसे ज्यादा 69 केस

दुनिया में एक बार फिर से कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ रहे मामले चिंता बढ़ा रहे हैं. हांगकांग और सिंगापुर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जबकि भारत में भी इसके कुछ मामले सामने आए हैं. केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में फिलहाल देश में सबसे ज्यादा केस सामने आ चुके हैं जिससे राज्य सरकारों की चिंताएं बढ़ गई हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि फिलहाल मामला कंट्रोल में है. हालांकि बढ़ते मामलों के मद्देनजर समीक्षा बैठक की गई है.

बता दें कि दक्षिण भारत के केरल और तमिलनाडु में कोरोना के मामले पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़े हैं. केरल में अब तक 69 एक्टिव कोरोन के मरीज हैं जबकि तमिलनाडु में 34 एक्टिव केस हैं. वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर आंकड़ों के मुताबिक कुल 44 एक्टिव केस हैं. महाराष्ट्र में भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना के बढ़ते मामलों पर नजर बनाए हुए हैं. इनके अलावा कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली में भी कोरोना के केस सामने आए हैं.

दिल्ली में भी कोरोना की दस्तक

दिल्ली में फिलहाल कोरोना के तीन एक्टिव केस सामने आए हैं, वहीं कर्नाटक और गुजरात में क्रमशः 8 और 6 एक्टिव केस सामने आए हैं. इनके अलावा हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में भी 1-1 एक्टिव मरीज डिटेक्ट किए गए हैं. मुंबई में कोरोना से 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. एशियाई देशों में कोरोना के फिर से फैलने की वजह से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. इससे वैश्विस स्तर पर कोरोना को लेकर एक बार फिर से चिंताएं बढ गई हैं.

सिंगापुर में 14000 मामले

हांगकांग और सिंगापुर में कोरोना के बढ़ते मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सिर्फ मई के महीने में ही सिंगापुर में 14000 कोरोना के एक्टिव केस सामने आ चुके हैं. हालांकि भारत में फिलहाल यह आंकड़ा सिर्फ 257 एक्टिव केस तक सीमित है. जो कि जनसंख्या को देखते हुए काफी कम हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई स्वास्थ्य विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है. बैठक के बाद कहा गया है कि फिलहाल भारत में कोरोना महामारी कंट्रोल में हैं.

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया से चर्चा करते हुए यह भी कहा कि भारत में जो भी मामले सामने आए हैं वह फिलहाल बहुत हल्के हैं और इनमें हॉस्पिटल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं है. उन्होंने इस दौरान इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

1974 में आज ही के दिन हुआ था भारत का पहला परमाणु परीक्षण, कांग्रेस ने की इंदिरा गांधी की सराहना

आज भारत के पहले परमाणु परीक्षण की 51वीं वर्षगांठ हैं. 18 मई 1974 को आज ही के दिन देश ने पोखरण में पहली बार परमाणु परीक्षण किया था. यह परमाणु परीक्षण भारत की तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया गया था. रविवार को कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस नेतृत्व की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री ने विपरीत परिस्थितियों में भी साहस से काम लिया.

कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि 18 मई 1974 का दिन भारत के लिए स्वर्णिम था, क्योंकि देश ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पहला सफल परमाणु परीक्षण किया. जिसका नाम ‘स्माइलिंग बुद्धा’ रखा गया. इसके आगे पार्टी ने लिखा कि यह परीक्षण देश की वैज्ञानिक क्षमता और मजबूत राजनीतिक नेतृत्व का प्रतीक बन गया.

इंदिरा गांधी ने किया कुशल नेतृत्व’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 51 साल पहले भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था और इस तरह का परमाणु परीक्षण करके भारत दुनिया का छठा देश बन गया. इसके आगे खरगे ने लिखा ‘यह उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और समर्पण के बिना हासिल करना नामुमकिन था. हम सब उनके प्रति आभारी हैं’. इसके बाद उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के काम की सराहना करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने साहस का परिचय दिया और इस परीक्षण को सफल बनाया.

राहुल गांधी ने वैज्ञानिकों का आभार जताया’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने 51 साल पहले पोखरण में अपना सफल परीक्षण ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा किया था. इसके बाद उन्होंने लिखा, ‘मैं उन प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के प्रति बहुत आभार व्यक्त करता हूं जिसके समर्पण से यह संभव हो पाया है.’

सात साल की मेहनत हुई कामयाब

इस परमाणु परीक्षण को सफल बनाने में एक दशक से ज्यादा का समय लग गया था. इस परीक्षण को सफल होने का सारा श्रेय देश के वैज्ञानिकों को जाता है. वैज्ञानिकों की अथक मेहनत और राजनीति के बूते ही देश परमाणु परीक्षण करने में कामयाब रहा था. 75 वैज्ञानिक और इंजीनियरों की टीम ने 1967 से लेकर 1974 तक सात साल जमकर मेहनत की थी. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में शामिल अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूके, चीन के पास तक ही सिर्फ परमाणु ताकत थी.

YouTube वीडियो तो बहाना था, ज्योति मल्होत्रा ने कबूला जासूसी का सच

पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में पकड़ी गई हरियाणा में हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने ऐसे-ऐसे खुलासे किए हैं कि खुद पुलिस के भी होश उड़ गए. हरियाणा में हिसार पुलिस की क्राइम ब्रांच के गिरफ्त में ज्योति मल्होत्रा ने पहले बताया कि वह यूट्यूबर है और वह अपने यूट्यूब चैनल के लिए देश-विदेश घूमकर वीडियो बनाती है. हालांकि उसका ये झूठ ज्यादा देर नहीं चल पाया और उसने कबूल लिया कि वीडियो तो बस बहाना है, वह पाकिस्तानी हैंडलर के इशारे पर खुफिया सूचनाएं एकत्र करने का काम करती थी.

इस काम के लिए उसे ना केवल काफी पैसे मिलते थे, बल्कि पाकिस्तान और चीन यात्रा के दौरान उसे वीआईपी ट्रीटमेंट भी मिलता था. ज्योति मल्होत्रा ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह जब भी पाकिस्तान जाती, उसे पाकिस्तान पुलिस की सिक्योरिटी मिलती थी. यही नहीं, उसे स्वेच्छा से पाकिस्तान में जहां चाहें, घूमने की छूट थी. जबकि आम भारतीयों को पाकिस्तान में कदम रखते ही निगरानी शुरू हो जाती है. ज्योति ने बताया कि वह कई बार पाकिस्तान में हाईप्रोफाइल पार्टियों में भी शामिल हो चुकी है.

पाकिस्तान और चीन में VIP ट्रीटमेंट

उसने बताया कि चीन यात्रा पर भी गई थी तो उसे वीआईपी ट्रीटमेंट मिला था. कहा कि वह उसके पिता हरीश कुमार मल्होत्रा हरियाणा में बिजली निगम से रिटायर्ड हैं. वह हिसार में उनके साथ ही रहती है, लेकिन अपने खर्चों के लिए उनसे पैसे नहीं लेती. यहां तक कि यूट्यूब से होने वाली आय भी खर्च नहीं करती. उसके घूमने-फिरने का पूरा खर्च पाकिस्तान के अफसरों द्वारा वहन किया जाता था. वह हवाई जहाज या ट्रेन में हमेशा फ्रर्स्ट क्लास में ही यात्रा करती और महंगे होटलों में ही ठहरती थी. हिसार क्राइम ब्रांच की पूछताछ में उसने बताया कि अब तक वह तीन बार पाकिस्तान, एक बार चीन और कई बार कश्मीर जा चुकी है.

इन देशों की कर चुकी है यात्रा

यहां तक कि पाकिस्तानी अफसरों के साथ वह इंडोनेशिया, थाइलैंड, दुबई, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल की भी यात्रा कर चुकी है. उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसका पासपोर्ट 22 अक्टूबर 2018 को बना था और 21 अक्टूबर 2028 तक वैलिड है. बीते तीन साल से वह अपने यूट्यूब चैनल “ट्रैवल विद जो” के लिए वीडियो बनाने के नाम पर देश विदेश घूम रही है. उसने बताया कि दो बार वह दिल्ली से सिख जत्थे बंदी के साथ व एक बार अकेली करतारपुर साहिब गुरुद्वारा, पाकिस्तान गई थी.

लाखों में हैं फॉलोवर्स

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के यूट्यूब चैनल पर करीब 3.77 लाख फॉलोवर्स हैं. इसी प्रकार इंस्टाग्राम पर भी उसके फॉलोवर्स की संख्या 1.31 लाख से अधिक है. उसके सोशल मीडिया एकाउंट को देखने से पता चलता है कि वह जिस भी देश में जाती है, वहां की खास जगहों और खाने और संस्कृति से जुड़ी वीडियो जरूर बनाती है और उसे अपने यूट्यूब और इंस्टाग्राम एकाउंट पर अपलोड करती है. इसकी वजह से उसके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खूब व्यूज भी आते हैं.