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2 करोड़ रुपए की लागत से बना डाय फ्राम वॉल पहली बारिश में टूटा, जिला पंचायत सभापति ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

गरियाबंद- तेल नदी के सेनमूड़ा घाट पर 2 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2022 में बना डाय फ्राम वॉल पहली ही बारिश में टूट गया. वॉल का करीब 20 मीटर से अधिक हिस्सा बीच से क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन इसके बाद अब तक कोई ठोस मरम्मत कार्य नहीं हुआ है. संबंधित अफसरों का दावा है कि “जितना निर्माण हुआ है, उसी में योजना का उद्देश्य पूरा हो जाएगा.”

बता दें, कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत जल प्रदाय योजना के तहत सेनमूड़ा घाट पर टैंक निर्माण कराया जाना था. लेकिन तकनीकी और अन्य कारणों से 2 साल बाद अब 2025 में निर्माण कार्य शुरू किया गया है. लेकिन योजना के स्वीकृत होते ही साल 2022 में इस टैंक में जल स्तर बनाए रखने के लिए टैंक लोकेशन से महज 30 मीटर दूरी पर डाय फार्म वाल खड़ा किया गया था, ताकि नदी का बहाव एक स्तर पर रुका रहे और टैंक भरने में आसानी हो. लेकिन करोड़ों की लागत से बने इस वॉल की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है. 

भ्रष्टाचार के आरोप

जिला पंचायत की निर्माण समिति के सभापति देशबंधु नायक, जो खुद सेनमूड़ा निवासी हैं, ने इस निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि योजना के अनुसार वॉल को जिस मजबूती के साथ तैयार किया जाना था, उसमें भारी लापरवाही की गई. यही वजह है कि यह वॉल पहली ही बारिश में बह गया.

उच्च स्तरीय जांच की मांग

देशबंधु नायक ने आगे कहा कि “यह जिले का पहला ऐसा निर्माण कार्य है जो पूरा होने से पहले ही टूट गया, और इसके बावजूद रिकॉर्ड में इसे पूर्ण बताया गया.” उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए झाखरपारा शिविर में संबंधित शिकायत भी दर्ज कराई है.

इंजीनियर पर कार्रवाई के बजाय दिया गया प्रमोशन

नायक ने बताया कि वॉल निर्माण में गड़बड़ी के लिए ज़िम्मेदार इंजीनियर पीआर सिरमौर्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उन्हें छुरा सबडिविजन का एसडीओ बना दिया गया. उन्होंने कहा कि इस काम का चार्ज लेने से अन्य इंजीनियर भी कतरा रहे थे, जो विभागीय लापरवाही का संकेत है.

उद्देश्य की पूर्ति हो जाएगी: सिंचाई विभाग अधिकारी

सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.के. बर्मन ने बताया कि वॉल टूटने के बाद उसकी मरम्मत करवाई गई थी. वॉल के अन्य हिस्सों पर भी सपोर्टिंग कार्य कराए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण में खामी के चलते ठेका कंपनी से 5 लाख रुपये की पेनाल्टी वसूली गई है. बर्मन के अनुसार, “वॉल से योजना के उद्देश्य की पूर्ति हो जाएगी.”

नाम बदलकर रह रहे बांग्लादेशी दंपती गिरफ्तार, निगरानीशुदा बदमाश के मकान में किराए पर रहते थे पति-पत्नी

दुर्ग- बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। दुर्ग पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स ने एक बार फिर प्रवासी बांग्लादेशी दपती को गिरफ्तार किया है। बांग्लादेशी दंपती पिछले 8 सालों से कॉन्ट्रेक्टर कालोनी सुपेला में नाम बदलकर और कुटरचित दस्तावेज बनाकर निगरानीशुदा बदमाश के मकान में किराए पर रह रहे थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। बता दें कि दो दिन पहले ही एसटीएफ की टीम ने सुपेला से एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया था, जो नाम बदलकर फर्जी आधार कार्ड बनवाकर दो साल से भिलाई में रह रही थी।

एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि दोनों पति पत्नी 2009 में बांग्लादेश से भारत आए थे और हावड़ा होते हुए मुंबई के ठाणे में पहुंचे थे। बांग्लादेश के रहने वाली शाहीदा खातून और उसके पति मोहम्मद रसेल ने पहले ठाणे में फर्जी दस्तावेज बनाया, फिर 2017 में भिलाई आ गए और यहां मजदूरी और कैटरिंग का काम करने लगे। दोनों बांग्लादेश के रघुनाथपुर के जिला जस्सोर के रहने वाले थे और 2009 में भारत- बांग्लादेश के बोंगा बॉर्डर से भारत पहुंचे थे।


2020 में भी सुपेला पुलिस ने किया था गिरफ्तार

एसएसपी ने बताया कि 2017 में ही दोनों बांग्लादेश गए थे और वहां शादी करने के बाद वीजा लेकर भारत आए थे, लेकिन इन दोनों का वीजा खत्म हो गया था। इसी बीच 2020 में उन्हें सुपेला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब भी उनके पास कोई दस्तावेज नहीं होने के कारण उन पर विदेशी विषयक अधिनियम भारतीय पासपोर्ट अधिनयिम के तहत मामला दर्ज किया गया। इधर इन कुछ सालों में इन दोनों ने सुपेला में रहते हुए फिर से कुटरचित कर भिलाई का आधारकार्ड बनाया।

पासपोर्ट की वैधता खत्म होने के बाद भी रह रहे थे

पूछताछ में पुलिस को पता चला कि दोनों के पास पासपोर्ट भी था, लेकिन पासपोर्ट की वैधता खत्म होने के बाद भी ये लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। शाहिदा खातून का वीसा 13 सितंबर 2018 और रासेल का वीसा 12 अप्रैल 2020 को समाप्त हो गया था। फिलहाल दुर्ग पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।

पुलिस के पास किरायानामा भी जमा नहीं

बताया जा रहा है कि ये दंपति सुपेला के एक निगरानीशुदा बदमाश हरेराम के कब्जे वाले मकान में किराए पर रहते थे। पुलिस अभी हरेराम से पूछताछ कर रही है। लंबे समय से उस निगरानीशुदा बदमाश ने उनके यहां होने की जानकारी पुलिस से छिपा कर रखी थी। इतना ही नहीं पुलिस के पास इनका कोई किरायानामा भी जमा नहीं किया है।

हाथ में पूरी उंगलियां नहीं, इसलिए नहीं बन रहा आधार कार्ड, न योजनाओं का लाभ मिल रहा न ही कॉलेज में भर्ती… दिव्यांग ने सरकार से लगाई मदद की गुहार…

गरियाबंद- देवभोग विकास खंड के डूमरपीटा में रहने वाले 23 वर्षीय दिव्यांग कल्याण सिंह का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है. क्योंकि जन्म के साथ ही उसके हाथ और पांव की उंगलियां नहीं है. आधार कार्ड के अभाव में उसे अब तक किसी शासकीय योजना का लाभ तक नहीं मिला. यहां तक कि स्कूलों में भी दाखिला भी नहीं मिला, जैसे-तैसे परिजनों ने उसे 10 वीं,12 वी की परीक्षा ओपन स्कूल से दिलवाई. लेकिन अब कॉलेज में भर्ती के लिए आधार कार्ड एक बार फिर रोड़ा बन गया है.

समाधान शिविर में भी नहीं हुआ सामाधान

दिव्यांग कल्याण सिंह की मां माता गंगा देवी बताती हैं कि उसके 3 बच्चे हैं जिसमें कल्याण मंझला है. उसने 10 बार से अधिक बार भर्ती के लिए प्रयास किया, लेकिन हर जगह केवल मायूसी हाथ लगी. उन्होंने आगे बताया कि सबसे अधिक मायूसी कल्याण को तब हुई, जब सुशासन तिहार में भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका. प्रशासन ने थंबनेल की अनिवार्यता का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखूंगा खत: पीड़ित दिव्यांग

सुशासन तिहार के शिविर में भी निराशा मिलने के बाद अब कल्याण ने विष्णु देव सरकार से मदद की अपील की है. इसके अलावा उसने कहा कि मैं अब CM के अलावा PM को भी पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताऊंगा. 

फिलहाल 60 प्रतिशत दिव्यांगता का सर्टिफिकेट लेकर घूम रहे कल्याण का कैसे कल्याण होगा, इसका जवाब किसी के पास जवाब नहीं. क्योंकि बगैर आधार कार्ड के कल्याण को किसी भी सरकारी योजना से मदद नहीं मिल रही है.

स्काई वॉक पर सियासी बयानबाजी के बीच विधायक राजेश मूणत की प्रेस वार्ता, कहा-

रायपुर- आठ साल से अधूरे पड़े स्काई वॉक के निर्माण को पूर्ण करने के लिए साय सरकार के कदम उठाते ही कांग्रेस नेताओं के बयान आने लगे हैं. इस पर रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को कुछ समझ नहीं आता. कुछ भी बोल रहे हैं. कांग्रेस को पहले टेक्निकल रिपोर्ट पढ़नी चाहिए.

पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने स्काई वॉक को लेकर उठ रहे सवालों का प्रेस वार्ता में जबाव दिया. उन्होंने कहा कि साय सरकार ने विकास के लक्ष्य को लेकर कार्ययोजना बनाई है. 2016 में बजट में प्रावधान के साथ शास्त्री चौक, जयस्तंभ चौक से जेल चौक तक स्काई वॉक बनाने का फैसला किया था. 2016-17 में एजेंसी से सर्वे कराकर स्काई वॉक को लेकर लोगों की इच्छा जानी गई. तत्कालीन महापौर, सभापति, ग्रामीण विधायक से उनकी राय जानी गई. इसके बाद 17 दिसंबर 2017 को कार्य की शुरुआत हुई.

इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ सभी लोग उपस्थित रहे. तब केवल रेणुका जोगी ने एक सवाल उठाया था, उनके अलावा किसी ने नहीं सवाल नहीं उठाया. सभी सर्वे आज भी पीडब्ल्यूडी विभाग के पास उपलब्ध हैं. काम चलते-चलते कुछ लोगों से सुझाव मिलते गए. 2018 में काम को कंप्लीट करना था, लेकिन नहीं हो पाया. सरकार बदली, तब कांग्रेस ने कहा कि स्काई वॉक नहीं बनना चाहिए. कई स्तरों पर जांच बैठा दी, सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की. इसके अलावा कलेक्टर के नेतृत्व में जांच समिति बनाई गई.

कलेक्टर ने रिपोर्ट में कहा कि स्काई वॉक बनना चाहिए. दूसरी रिपोर्ट में पैसे खर्च होने कारण इस काम को पूर्ण करने की बात कही गई. लेकिन उस समय के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेताओं ने इन रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया. कांग्रेस पार्टी में नैतिकता थी, तो उन्हें जांच करना चाहिए था. मैने कहा था कि हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच करा लेते. टेक्निकल इनपुट आपके पास थी, सरकार में कांग्रेस बैठी थी. सांच को आंच नहीं.

मूणत ने कहा कि EOW में FIR होने के बाद जांच की गई, जिसके बाद EOW ने क्लीनचिट देते हुए कहा कि इसमें किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ? कांग्रेस पार्टी को समझ नहीं आता. 104 करोड़ हो गया कहते हैं, कहां से हो गया? किसी ने कहा कि इसमें फ्लाई ओवर बन जाना चाहिए. पहले टेक्निकल रिपोर्ट को पढ़ना चाहिए था. सुझाव अच्छे हैं. कई लोग राजनीतिक दृष्टि से विरोध करते हैं.

राजेश मूणत ने कहा कि तात्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन-तीन जांच कमेटी बैठा दी. रायपुर के तात्कालिक कलेक्टर एस. भारतीदासन ने जांच के बाद कहा भी कि स्काई वॉक पूरा करना चाहिए. लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया था. 2024 तक एजेंसी का टेंडर कैंसिल नहीं किया गया.

पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के सामने उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने स्काई वॉक पर डिटेल्ड रिपोर्ट दिया है. बचे हुए 37 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई है. कांग्रेस नेताओं को कुछ समझ नहीं आता, कुछ भी बोल रहे हैं. कांग्रेस को पहले टेक्निकल रिपोर्ट पढ़नी चाहिए. कई लोगों ने उपयोग के सुझाव दिए हैं, लेकिन कई लोगों ने स्काई वॉक का पॉलिटिकल उपयोग किया है. भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस को जनता ने हराया है. बीजेपी की काम की पद्धति पर जनता को विश्वास है.

कांग्रेस में रायगढ़ शहर जिला प्रभारी नियुक्त, आदेश जारी…

रायगढ़- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रायगढ़ जिले के लिए संगठनात्मक नियुक्ति करते हुए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल को शहर जिला कांग्रेस कमेटी, रायगढ़ का प्रभारी नियुक्त किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर जारी इस आदेश में कहा गया है कि सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल आज से जिले में संगठनात्मक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी निभाएंगे. साथ ही, उन्हें जिला, नगर व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों, स्थानीय पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं से समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया गया है.

आदेश में यह भी कहा गया है कि जायसवाल समय-समय पर रायगढ़ जिले की संगठनात्मक गतिविधियों की रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते रहेंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री (संगठन एवं प्रशासन) मलकीत सिंह गैदू द्वारा हस्ताक्षरित इस नियुक्ति पत्र के साथ जायसवाल को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं भी दी गई हैं.

देखें आदेश की कॉपी:

कौशल्या विहार में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, RDA, निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई

रायपुर-  कौशल्या विहार क्षेत्र में शनिवार सुबह रायपुर विकास प्राधिकरण (RDA), नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. RDA की 26 एकड़ जमीन पर सालों से अवैध रूप से बने मकानों और नए निर्माणों को ध्वस्त किया गया.

अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई के दौरान मौके पर एसडीएम नंदकुमार चौबे, RDA और नगर निगम के अधिकारी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे. यह जमीन RDA की स्वामित्व वाली है, जिस पर लोगों ने बिना अनुमति के कब्जा कर लिया था.

इस बीच यह भी सामने आया है कि कुछ लोगों को फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए धोखाधड़ी कर जमीन बेची गई. कौशल्या विहार क्षेत्र में रहने वाले पप्पू खान और समा बेगम ऐसे ही फर्जी जमीन दलालों के शिकार हुए हैं. पप्पू ख़ान ने बताया कि उन्होंने दो वर्ष साल पहले कर्ज लेकर लगभग एक लाख रुपये में उक्त भूमि खरीदी थी और धीरे-धीरे मकान का निर्माण करवा रहे थे. जब प्रशासनिक टीम ने दस्तावेजों की जांच की, तो वे फर्जी पाए गए.

प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्जी ज़मीन विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की सलाह दी है. साथ ही उनके अभी समान के साथ शिफ्ट किया जा रहा है.

एसडीएम नंद कुमार चौबे ने बताया कि यहां के लोगों को लगातार प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया जा रहा है. लोग गंभीरता से नहीं ले रहे थे, जिसके बाद ये कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में निर्मित जिन अवैध मकानों में लोग निवास कर रहे थे, उन्हें वैकल्पिक रूप से बीएसयूपी (BSUP) में स्थानांतरित किया जाएगा. जिनके पास पहले से आवास उपलब्ध हैं, उन्हें वहीं पुनः बसाया जाएगा. उन्होंने कहा कि रायपुर शहर में जहां कहीं भी अवैध निर्माण पाए जाएंगे, वहां प्रशासन पूरी तत्परता के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा.

21 साल बाद मिला न्याय : मिस्त्री की मौत पर दोषी करार किसानों ने लड़ा लंबा मुकदमा, आखिरकार हाई कोर्ट ने किया दोषमुक्त

बिलासपुर- थ्रेशर के लिए लाइन जोड़ते समय मिस्त्री की मौत हो जाने पर सत्र न्यायालय से दोषसिद्ब किसानों ने 21 वर्ष तक मुकदमा लड़ा. हाई कोर्ट ने मौत के लिए मृतक की लापरवाही को ही कारण मानते हुए कहा कि मृतक व्यस्क व संवेदनशील व्यक्ति था. वह बिजली मिस्त्री नहीं था. यह जानते हुए कि करंट लगने से मौत हो जाएगी, वह बिजली के खंभे में खुद से चढ़ा था. कोर्ट ने परिस्थितियों को देखते हुए याचिकाकर्ता किसानों को दोषमुक्त करार दिया.

दरअसल, तेलईधार थाना सीतापुर निवासी याचिकाकर्ता शमीम खान एवं अन्य तीन ने गेहूं की फसल के लिए थ्रेशर मशीन लगवाया था. मई 2004 में उन्होंने गांव के शाहजहां को बिजली पोल से मशीन का लाइन जोड़ने बुलाया. लाइन जोड़ने के लिए वह बिजली पोल में चढ़ा था, उसी समय करंट लगने से झुलस कर नीचे गिर गया. इलाज के लिए युवक को पहले सीतापुर के अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर हालात को देखते हुए रायपुर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई थी.

सीतापुर पुलिस ने विवेचना उपरांत मृतक को इस कार्य के लिए बुलाने वाले किसानों के खिलाफ धारा 304 ए के तहत अपराध पंजीबद्ब कर चालान पेश किया. अंबिकापुर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ने किसानों को 6-6 माह कैद एवं 400 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. इसके खिलाफ किसानों ने सत्र न्यायालय में अपील पेश की. सत्र न्यायालय ने 2010 में अपील खारिज कर सजा की पुष्टि की.

इसके बाद किसानों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई. मामले की सुनवाई के दौरान गवाह ने स्वीकार किया कि मृतक इलेक्ट्रीशियन नहीं था, और मैकेनिकल काम करता था. आरोपी व्यक्तियों द्बारा तार को थ्रेशर मशीन से जोड़ने मृतक पर दबाव नहीं डाला गया था. वह यह जानते हुए बिजली के खंभे पर चढ़ा कि इसके घातक परिणाम हो सकते हैं. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ताओं को दोषमुक्त किया है.

कांस्टेबल को ट्रैक्टर से कुचलने का मामला : मुख्य आरोपी समेत 3 गिरफ्तार, जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

बलरामपुर-  सनावल थाना क्षेत्र के लिब्रा घाट पर आरक्षक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी हमिदुल हक को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही नसीमूल हक और निजामुल हक को भी दबोचे गए हैं. बता दें कि अबतक पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 7 एक ही परिवार के सदस्य हैं. आरोपियों के पास से 3 ट्रैक्टर भी जब्त किए गए हैं.

पुलिस की जांच में चौकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच के दौरान सामने आया है कि पिता नसीमूल हक के कहने पर बेटे हमिदुल और निजामुल ने इस वारदात को अंजाम दिया. पुलिस की विवेचना जारी है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.

इस कार्रवाई से पहले पुलिस ने आरीफूल हक, जमील अंसारी, उपेन्दर कोरवा, शकील अंसारी, अकबर अंसारी को गिरफ्तार किया था.

खनन माफियों ने आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचला था 

बता दें कि नदी किनारे अतिक्रमण की शिकायत पर वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची थी. इस दौरान नदी घाट पर झारखंड के खनन माफिया को अवैध रेत खनन करते देख रोकने का प्रयास किया गया. इस पर झारखंडी खनन माफिया ने टीम पर ही हमला कर दिया. रेत माफियाओं ने आरक्षक को ही ट्रैक्टर से कुचल दिया, जिससे आरक्षक शिव भजन सिंह की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते के बाद आईजी और एसपी वैभव बैंकर ने मौके पर पहुंचे थे.

टीआई को किया गया सस्पेंड

इस पूरे मामले में आईजी दीपक झा ने थाना प्रभारी दिव्यकांत पांडेय को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया है. आदेश में लिखा कि वरिष्ठ अधिकारियों को बिना सूचना दिए आधी रात को टीआई अपर्याप्त बल लेकर अवैध रेत खनन रोकने गए थे, जहां खनन माफिया ने घटना को अंजाम दिया.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब अवैध खनन पर रोक के लिए पहले से निर्देश जारी हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, यह बेहद गंभीर स्थिति है. स्टेट अफेयर्स की हालत चिंताजनक है. वहीं ये भी कहा कि इस तरह की घटना का दोहराव नहीं होना चाहिए. हाईकोर्ट ने खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी किया गया था. मामले में 9 जून को अगली सुनवाई होगी.

गुजरात से छत्तीसगढ़ लाए गए जेब्रा की सांप के काटने से मौत

रायपुर- नया रायपुर स्थित नंदनवन जंगल सफारी में आज एक वयस्क नर जेब्रा की सांप के काटने से मृत्यु हो गई। यह जेब्रा हाल ही में राधे कृष्णा टेम्पल एलिफेंट वेलफेयर ट्रस्ट, जामनगर (गुजरात) से लाया गया था।

संचालक जंगल सफारी थेजस शेखर ने बताया कि जेब्रा को तुरन्त चिकित्सकीय सहायता दी गई, लेकिन सांप का विष उसके पूरे शरीर में फैलने की वजह से उसकी मौत हो गई। संचालक शेखर ने घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी आवश्यक सुधारात्मक उपायों को अपनाने की बात कही है। सभी वन्यजीवों के निवास क्षेत्र में सर्प नियंत्रण और निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने पंजाब से शातिर चोर को किया गिरफ्तार, ड्राइवरी करते वक्त रात के साए में मकान से लाखों का जेवर किया था पार

बस्तर- छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक अंतरराज्यीय शातिर चोर को पंजाब से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने बस्तर जिले के पल्लीनाका क्षेत्र में एक सूने मकान से 5 लाख रुपए के सोने के जेवरात चोरी कर फरार हो गया था। पुलिस ने न सिर्फ आरोपी को पकड़ लिया, बल्कि उसके कब्जे से चोरी का पूरा माल भी बरामद कर लिया है। यह कार्रवाई परपा पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने की है।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान मंगल सिंह उर्फ मंगा (37 वर्ष) निवासी ग्राम टोंग, थाना ब्यास, जिला अमृतसर (पंजाब) के रूप में हुई है। आरोपी वर्तमान में कुम्हारपारा, लच्छीनधर यादव के किराए के मकान में, नगरनार, जिला बस्तर में निवास कर रहा था और पेशे से ट्रक चालक है।

जानकारी के अनुसार, 3-4 मई 2025 की दरम्यानी रात ग्राम पल्लीनाका निवासी सोनू कुमार सिंह के मकान से अज्ञात चोर द्वारा आलमारी में रखे सोने के जेवरात चोरी कर लिए गए थे। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना परपा में मामला दर्ज किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग और एसडीओपी केशलूर लक्ष्मण पोटाई के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई।

टीम ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच के आधार पर आरोपी की पहचान पूर्व में चोरी के मामले में पकड़े गए मंगल सिंह के रूप में की। आरोपी घटना के बाद अपने गांव अमृतसर फरार हो गया था।

पुलिस टीम ने पंजाब जाकर ग्राम टोंग में घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने चोरी की वारदात कबूल की। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से ₹5,00,000 मूल्य के सोने के जेवरात, चोरी में उपयोग की गई होंडा साइन बाइक (क्रमांक CG 17 6862), ताला तोड़ने के लिए उपयोग किया गया लोहे का टायर लिवर बरामद किया। पुलिस ने आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर जगदलपुर लाया गया और न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।