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कर्नल सोफिया कुरैशी पर बयान देकर घिरे मंत्री विजय शाह, हाईकोर्ट ने चार घंटे के अंदर FIR दर्ज करने का दिया आदेश

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मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान पर अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।कोर्ट ने कहा है कि चार घंटे में एफआईआर दर्ज हो।कोर्ट ने एमपी के डीजीपी को विजय शाह पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट की जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बेंच ने आदेश दिया है कि मंत्री पर चार घंटे में एफआईआर दर्ज हो। गुरुवार सुबह सबसे पहले इसी मामले पर अगली सुनवाई करेंगे।

कोर्ट ने खुद ही संज्ञान लिया

हाईकोर्ट ने सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी के मामले में खुद ही संज्ञान लिया। कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की बेंच के सामने राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह पेश हुए। युगलपीठ ने पुलिस विभाग को शाम 6 बजे तक एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं। युगलपीठ ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करते हुए उक्त आदेश जारी किये। युगलपीठ ने मंत्री के खिलाफ बीएनएस की धारा 196 तथा 197 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। याचिका में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को अनावेदक बनाया गया है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि एफआईआर दर्ज किए जाने के संबंध में न्यायालय को अवगत कराया जाए। याचिका पर अगली सुनवाई गुरुवार की सुबह 10.30 बजे निर्धारित की गई है।

क्या है विजय शाह का बयान

दरअसल, मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने मानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दे डाला था। मानपुर में आयोजित हलमा कार्यक्रम में मंत्री शाह ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा, जिन आंतकियों ने पहलगाम में लोगों को मारा, उनके कपड़े उतरवाए, उन आंतकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा। मंत्री शाह ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। बयान को लेकर जब राजनीति गरमा गई।

कभी अमेरिका के आतंकियों के लिस्ट में था नाम, अब उससे रियाद में मिले राष्ट्रपति ट्रंप

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डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला है, तब से उन्होंने अपने फैसलों से दुनिया को टौंका कर रख दिया है। इस बार अपनी मध्य पूर्व यात्रा के दौरान ट्रंप ने सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का ऐलान किया। यही नहीं, ट्रंप ने सीरिया के लीडर अहमद अल-शरा से भी मुलाकात की है। सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा वही शख्स हैं, जो पिछले साल तक अमेरिकी आतंकी सूची में था।

13 साल पुराने प्रतिबंध हटाने का एलान

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से रियाद में मुलाकात की। उनके साथ सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी थे। डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा से अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर करने और इजरायल को मान्यता देने को कहा है। इसके अलावा ट्रंप ने सीरिया पर लगे 13 साल पुराने प्रतिबंध हटाने का एलान किया। साथ ही कहा कि हमें उम्मीद है कि सीरिया की नई सरकार देश में स्थिरता और शांति लाएगी।

क्राउन प्रिंस और एर्दोआन भी बैठक में हुए शामिल

डोनाल्ड ट्रंप और सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के बीच बैठक लगभग 33 मिनट तक चली, जिसमें सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी मौजूद रहे और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने वीडियो कॉल के जरिए हिस्सा लिया। बैठक के बाद ट्रंप ने बताया कि उन्हें अल-शरा से मिलने के लिए सऊदी और तुर्की नेताओं ने प्रेरित किया। साथ ही इस बैठक के बाद ट्रंप ने ऐलान किया कि सीरिया पर 2011 से लगे आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सीरिया में अब एक नई सरकार है जो देश में शांति और स्थिरता ला सकती है। यही हम देखना चाहते हैं।

ट्रंप की इस मुलाकात पर उठ रहे सवाल

अल-शरा सीरिया के चरमपंथी संगठन हयात तहरीर अल-शाम के प्रमुख है। इसी संगठन ने सीरिया से बशर अल-असद के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाई है और अल-कायदा से जुड़े रहे हैं। ये संगठन भी अमेरिका की प्रतिबंधित सूची में शामिल है। ट्रंप की इस मुलाकात के बाद उनके ऊपर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, जिस अमेरिका ने आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर मध्य पूर्व के कई देशों में बम गिराए उसका नेता आज एक ‘आतंकवादी’ से मिल रहा है।

अल-शरा ने उखाड़ फेंका असद की सरकार

सीरिया में बशर अल-असद ने लगभग 25 सालों तक सख़्ती के साथ शासन किया था और अक्सर पश्चिमी देशों सहित कई अन्य देश इसकी निंदा भी करते रहे हैं। लेकिन पिछले साल नवंबर में हयात तहरीर अल-शाम या एचटीएस के नेतृत्व वाले विद्रोहियों ने असद सरकार को उखाड़ फेंका और देश पर कब्जा कर लिया। बशर अल-असद के सत्ता से बेदख़ल होने के बाद एचटीएस के प्रमुख अहमद अल-शरा उर्फ अबू मोहम्मद अल जुलानी देश की कमान संभाल रहे हैं।

क्या शरद और अजीत पवार फिर आ रहे साथ, जानें अटकलों को क्यों पकड़ा जोर?

#will_ajit_pawar_and_sharad_pawar

महाराष्ट्र की राजनीति में इन दोनों फिर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या एनसीपी और एनसीपी-एसपी का विलय होने वाला है। इन अटकलों को बल तक मिला जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे और राकांपा अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार चार दिनों में दूसरी बार एक मंच पर नजर आए। शरद पवार और अजित पवार ने सोमवार को मुंबई में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मंच साझा किया। इससे पहले शुक्रवार को सतारा में रयत शिक्षण संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों नेताओं के एक साथ दिखे थे।

इसी बीच एनसीपी-एसपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने आज बुधवार को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कुछ नेता और सांसद चाहते हैं कि अजीत पवार को साथ लेकर चला जाए, क्योंकि वे सरकार में हैं ही और अब तक उन्होंने एनसीपी-एसपी के नेताओं को मदद भी पहुंचाई है, जो सकारात्मक है।

मिली जानकारी के मुताबिक एनसीपी (एसपी) के 10 विधायकों में से आधे से ज्यादा अजित पवार के साथ पार्टी का मर्जर चाहते हैं। दरअसल महाराष्ट्र में अक्टूबर में होने वाले शहरी निकाय चुनाव से पहले एनसीपी (SP) में बड़ी टूट का खतरा पैदा हो गया है। एनसीपी (SP) के बहुत सारे नेता अजित पवार की एनसीपी में जाने की तैयारी में थे। इस टूट की भनक शरद पवार और सुप्रिया सुले को हो गया था। अब कहा जा रहा है कि पार्टी में टूट फूट को रोकने के लिए साथ ही अजित पवार और सुप्रिया सुले में सुलह को ध्यान में रखते हुए शरद पवार भी दोनों धड़ों को एक करने के पक्ष में आ गए।

अपनी पार्टी में दो गुट होने की खुद शरद पवार भी स्वीकार कर चुके हैं। पवार ने 7 मई को इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अजित के साथ हाथ मिलाने के सवाल पर अपनी पार्टी में आंतरिक मतभेदों को स्वीकार करके चर्चा को हवा दी थी। उन्होंने कहा, पार्टी में दो तरह के विचार हैं। एक यह है कि हम अजित के साथ फिर से जुड़ जाएं, जबकि दूसरा कहता है कि हमें सीधे या परोक्ष रूप से भाजपा के साथ नहीं जाना चाहिए।

बीआर गवई बने भारत के 52वें चीफ जस्टिस, शपथ लेने के बाद लिया मां का आशीर्वाद

#justicebrgavainext52th_cji

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन में बुधवार को आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस गवई को शपथ दिलाई। उन्होंने जस्टिस संजीव खन्ना की जगह ली है जो कल मंगलवार को रिटायर हो गए। उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्पीकर ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा पूर्व सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी शामिल हुए। पद की शपथ लेने के बाद जस्टिस गवई ने अपनी मां के पैर छुए।

2019 में बने थे सुप्रीम कोर्ट के जज

जस्टिस गवई को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। इससे पहले वो बांबे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में जज के रूप में काम कर रहे थे। वह 6 महीने तक पद पर रहेंगे। उनका कार्यकाल इस साल 23 नवंबर तक होगा।

जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के कई संविधान पीठ का हिस्सा रहे हैं। इस दौरान वह कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा बने। जानते है कुछ ऐसे ही फैसलों के बारः-

नोटबंदी पर फैसले

नरेंद्र मोदी सरकार ने आठ नवंबर 2016 में नोटबंदी करने का फैसला लिया था। सरकार ने पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला लिया था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सरकार के फैसले के खिलाफ देश के हाई कोर्टों में 50 से अधिक याचिकाएं दायर की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई का फैसला किया। 16 दिसंबर 2016 को यह मामला संविधान पीठ को सौंपा गया। इस पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थे। सुनवाई के बाद इस पीठ ने चार-एक के बहुमत से फैसला सुनाते हुए नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया था। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अल्पमत का फैसला दिया था। उन्होंने नोटबंदी के फैसले को गैरकानूनी बताया था।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने पर फैसला

केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। सरकार ने पूर्ण राज्य जम्मू कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम के दो केंद्र शासित राज्यों में बांट दिया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 याचिकाएं दायर की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के संवैधानिक पीठ ने इन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की थी। इस पीठ में तत्काली सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे। इस संविधान पीठ ने 11 दिसंबर 2023 को सर्वसम्मति से सुनाए अपने फैसले में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने को कानून सम्मत बताया था।

इलेक्टोरल बॉन्ड पर फैसला

जस्टिस गवई पांच जजों की उस पीठ का भी हिस्सा रहे, जिसने राजनीतिक फंडिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। इस पीठ ने 15 फरवरी 2024 को सुनाए अपने फैसले में इलेक्टोरल बॉन्ड को अज्ञात रखना सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन बताया था।

इलेक्टोरल बॉन्ड पर फैसला सुनाने वाले पीठ में तत्कालीन सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पादरवीला और जस्टिस मनोज मिश्र शामिल थे। इस पीठ ने बॉन्ड जारी करने वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को आदेश दिया था कि वो अब तक जारी किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए। अदालत ने चुनाव आयोग को इन जानकारियों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।

आरक्षण में आरक्षण पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की पीठ ने दो अगस्त 2024 को सुनाए अपने फैसले में कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में सब-कैटेगरी को भी आरक्षण दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस संवैधानिक पीठ ने छह बनाम एक के मत से यह फैसला सुनाया था। इस पीठ में जस्टिस बीआर गवई भी शामिल थे। इसके अलावा इस बेंच में तत्कालीन सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्र, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा, जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी का फैसला बाकी के जजों से अलग था।

पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान वापस भारत भेजा, ऑपरेशन सिंदूर में ‘पिटने’ के बाद बैकफुट पर आया

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ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब पाने के बाद पाकिस्‍तान बैकफुट पर आ गया है। इसी का नतीजा है कि पड़ोसी देश ने गलती से बॉर्डर क्रॉस करने वाले बीएसएफ जवान पीके साहू का वापस लौटा दिया है। पीके साहू गलती से 23 अप्रैल को गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर दिया था। पीके साहू को 21 दिनों के बाद रिहा किया गया है।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने पीके साहू की वापसी को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है। बीएसएफ ने बताया, आज बीएसएफ ने कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू को अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत आ गए हैं।जवान को संयुक्त चेक पोस्ट अटारी, के जरिए लगभग 10:30 बजे भारत को सौंप दिया गया। बीएसएफ ने साथ ही बताया, हैंडओवर शांतिपूर्वक और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित किया गया था। भारत ने भी जवान के बदले रेंजर्स को लौटाया है।

पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं पूर्णम

पूर्णम मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले सैनिक की पत्नी रजनी ने पति की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। रजनी ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।

गलती से सीमा पार कर गए थे जवान

दरअसल, पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) को गलती से पार करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को पकड़ लिया था। मामला 23 अप्रैल का है। जवान की पहचान 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ के रूप में हुई थी। वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर थे। नियमित गतिविधि के दौरान वे अनजाने में भारतीय सीमा की बाड़ को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।

टेस्ट संन्यास के बाद रोहित शर्मा ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से की मुलाकात, क्या नए सफर की होने वाली है शुरूआत

#maharashtracmdevendrafadnavismeetrohitsharma

टी-20 फॉर्मेट के बाद हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले चुके क्रिकेटर रोहित शर्मा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। रोहित शर्मा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके सरकारी आवास 'वर्षा' में मुलाकात की है। बता दें कि रोहित शर्मा ने बीते 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर खेल जगत को चौंका दिया। फडणवीस ने रोहित के साथ अपनी मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा कीं।

देवेंद्र फडणवीस ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा का मेरे सरकारी निवास 'वर्षा' में स्वागत कर, उनसे मिलकर और बातचीत करके खुशी हुई। मैंने उन्हें टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर शुभकामनाएं दीं और उनके करियर के अगले अध्याय के लिए भी सफलता की कामना की!

क्या है मुलाकात की वजह?

हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस मुलाकात के पीछे कोई विशेष कारण था या यह केवल एक औपचारिक भेंट थी। लेकिन, जिस तरह से यह मुलाकात हुई है, उससे खेल प्रेमियों और राजनीतिक गलियारों में हलचल जरूर तेज हो गई है। दरअसल, संन्यास लेने के बाद क्रिकेटर्स का पॉलिटिक्स जॉइन करना कोई नई बात नहीं है। पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन से लेकर विनोद कांबली और नवजोत सिंह सिद्धू तक ऐशे तमाम खिलाड़ी हैं, जिन्होंने राजनीति को अपनी दूसरी पारी बनाई है।

हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से लिया था संन्यास

रोहित ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान किया था। रोहित ने पिछले साल टी20 विश्व कप में खिताबी जीत के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय से भी संन्यास ले लिया था और वह अब बस वनडे क्रिकेट में ही भारत के लिए खेलते नजर आएंगे। रोहित ने सात मई को इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने की जानकारी दी थी। रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले यह फैसला लिया था।

अब बुलेटप्रूफ कार में चलेंगे विदेश मंत्री, भारत-पाक तनाव के बीच एस जयशंकर की बढ़ी सुरक्षा,

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भारत-पाकिस्तान के बीच टेंशन बरकरार है। इस बीच भारत सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में बढ़ोतरी कर दी है। गृह मंत्रालय ने अब उनकी सुरक्षा में स्पेशल बुलेट प्रुफ वाहन को शामिल किया है। दिल्ली में उनके घर के आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में कई जगह हमले की कोशिश की थी। मौजूदा हालात को देखते हुए एस जयशंकर की सुरक्षा बढ़ाई गई है।

जयशंकर को पहले से ही सीआरपीएफ कमांडो की जेड-श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा में पहले से ही 33 कमांडो हमेशा तैनात रहते हैं। देश भर में उनके आवागमन और प्रवास के दौरान एक दर्जन से अधिक सशस्त्र कमांडो उनकी सुरक्षा में लगे रहते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी ने विदेश मंत्री पर खतरे का आकलन करने के बाद सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश की थी। उस समय, सुरक्षा के तौर पर 12 सशस्त्र गार्ड केंद्रीय मंत्री जयशंकर के घर पर तैनात थे। छह पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) भी थे। 12 सशस्त्र एस्कॉर्ट कमांडो तीन शिफ्टों में तैनात थे। तीन वॉचर शिफ्टों में काम करते थे। तीन प्रशिक्षित ड्राइवर हर समय मौजूद रहते थे। अब एस जयशंकर की सुरक्षा को बढ़ाते हुए एक बुलेटप्रूफ कार भी दी गई है।

क्या है बुलेटप्रूफ कार की खासियत

विदेश मंत्री जयशंकर को मिलने वाली बुलेटप्रूफ कार सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम होगी। इस तरह की गाड़ी के कांच काफी ज्यादा मोटे होते हैं, जो कि लैमिनेटेड भी होते हैं। ये गोली को अंदर आने से रोकते हैं। अगर गाड़ी का टायर पंक्चर हो जाए तो यह 50 से ज्यादा किलोमीटर तक चलने में सक्षम होती है। यह हर तरह के हमले को ध्यान में रखकर डिजाइन की जाती है।

भारत-पाक तनाव के बीच बढ़ी सुरक्षा

ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। पहलगाम हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिसमें कई कुख्यात आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े और दो दशक बाद चरम पर पहुंच गए। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भारत के शहरों को निशाना बनाए जाने के बाद, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को नाकाम करते हुए उसका माकूल जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए। इससे घबराए पाकिस्तान ने 10 मई को भारत के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखा।

बीजेपी नेता दिलीप घोष के सौतेले बेटे की रहस्यमयी हालत में मिली लाश, मौत पर उठे कई सवाल

#son_of_bjp_leader_dilip_ghosh_found_dead 

पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष की पत्नी रिंकू मजूमदार के बेटे प्रीतम दासगुप्ता उर्फ श्रींजॉय की रहस्यमय हालात में मौत हो गई है। उनका शव उनके घर में पाया गया।श्रींजय दासगुप्ता बीजेपी नेता दिलीप घोष की पत्नी रिंकू मजूमदार की पहली शादी से हुए बेटे थे। मृतक का पूरा नाम श्रींजय दासगुप्ता उर्फ प्रीतम मजूमदार है, उसकी उम्र 27 वर्ष थी। बता दें कि दिलीप घोष ने इसी साल 18 अप्रैल को एक निजी समारोह में रिंकू से शादी की थी।

श्रींजय का न्यू टाउन इलाके में एक फ्लैट से मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला। कमिश्नरेट के अंतर्गत टेक्नो पीसी इलाके में रहते थे। वह एक निजी आईटी कंपनी में काम करते थे। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है।प्रीतम की मौत का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।

परिवार ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया है। पुलिस ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है कि क्या वह अवसाद से पीड़ित था। उसकी मौत के सुराग खोजने के लिए उसके फोन की भी जांच की जा रही है। प्रीतम के चाचा परितोष शील ने मीडिया को बताया कि उन्होंने साथ में बाहर जाने की योजना बनाई थी। उन्होंने सोमवार को रात करीब 9.30 बजे तक इंतजार किया, लेकिन प्रीतम नहीं आए। बाद में, प्रीतम ने उन्हें रात 10 से 10:30 बजे के बीच फोन किया और कहा कि वह काम से घर लौटे हैं और थके हुए महसूस कर रहे हैं और सो गए हैं। उसने अपने चाचा से कहा कि वह अगली सुबह साइंस सिटी में उनका इंतजार करेगा। मंगलवार की सुबह परितोष ने फिर से फोन करने की कोशिश की, लेकिन कॉल बार-बार वॉयसमेल पर चली गईं। उन्हें लगा कि प्रीतम अभी भी सो रहा है, लेकिन इसके तुरंत बाद उन्हें दुखद खबर मिली।

पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने पिछले महीने रिंकू मजूमदार से शादी की थी। यह शादी कोलकाता के न्यू टाउन स्थित उनके आवास पर एक निजी समारोह में हुई, जिसमें केवल करीबी रिश्तेदार और कुछ चुनिंदा मेहमान शामिल थे। रिंकू मजूमदार भी बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता हैं और पार्टी के महिला मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, और हथकरघा प्रकोष्ठ में कई जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं।

कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं,’ भारत का ट्रंप को सीधा जवाब

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच बड़े चौधरी बनना चाह रहे थे। लेकिन भारत ने कंधे पर हाथ तक रखने नहीं दिया। संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर पर हमें मध्यस्थता मंजूर नहीं है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा। 

किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर के बाद अब भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने औपचारिक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि लंबे अरसे से हमारा यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लंबित मामला केवल पाकिस्तान के अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराने का है।

समझौते के लिए पाकिस्तान गिड़गिड़ाया

रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बार फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की तरफ से ही समझौते के लिए फोन आया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने के लिए समझौता करने का प्रस्ताव रखा। पाकिस्तान के प्रस्ताव के बाद दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि जैसा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही बताया है कि 10 मई को 15:35 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ को फोन पर संघर्ष विराम को लेकर वार्ता हुई। इस वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय को 12.37 बजे पाकिस्तान उच्चायोग के जरिये सूचित किया गया। पाकिस्तान की आंतरिक तकनीकी दिक्कतों के चलते हॉटलाइन कनेक्ट होने में देरी हुई। भारत के डीजीएमओ की मौजूदगी के बाद दोपहर 3.35 बजे वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान के सुर बदल गए।

विदेश मंत्रालय ने न्यूक्लियर वॉर की संभावनाओं को खारिज किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से परमाणु युद्ध की अटकलों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पहलू से इनकार किया है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा या इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवाद को संचालित करने की अनुमति नहीं देगा।

ये भारत दुश्मन को मिट्टी में मिलाना जानता है’, आदमपुर एयरबेस से पीएम मोदी की ललकार


#pmmodiaddressedthesoldiers

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की सुबह पंजाब के आदमपुर एयर बेस का दौरा किया। यहां वायुसेना के जवानों से मुकालात की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कि भारत माता की जय की ताकत पूरी दुनिया ने देखी है। भारत माता की जय बोलने पर दुश्मन कांपने लगते हैं। भारत माता की जय मैदान में भी गूंजती है और मिशन में भी। हमारी फौज न्यूक्लियर धमकी की हवा निकाल देती है, तो आकाश से पाताल तक एक ही बात गूंजती है भारत माता की जय।

मैं आपके दर्शन करने आया हूं-पीएम मोदी

जवानों का हौसला बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी ने कोटि-कोटि भारतीयों का सीना चौड़ा कर दिया। हर भारतीय का माथा ऊंचा कर दिया। आपने इतिहास रच दिया। मैं आपके दर्शन करने आया हूं। उन्होंने कहा कि जब वीरों के पैर जमीन पर पड़ते हैं तो धरती धन्य हो जाती है। आज से अनेक दशक बाद भी जब भारत के पराक्रम की चर्चा होगी तो उसके सबसे प्रमुख अध्याय आप और आपके साथी होंगे। आप सभी वर्तमान के साथ ही देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए भी नई प्रेरणा बन गए हैं। मैं वीरों की इस धरती से वायुसेना, थलसेना, नौसेना के सभी जांबाजों और देश के शूरवीरों को सैल्यूट करता हूं।

भारत की ओर नजर उठाने का एक ही अंजाम-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि वो कायरों की तरह छिपते रहे, वो भूल गए कि उन्होंने जिसे ललकारा है, वह हिंद की सेना है। आपने उन्हें सामने से हमला करके मारा। आपने आतंक के तमाम बड़े अड्डों को मिट्टी में मिला दिया। नौ आतंकी ठिकाने बर्बाद कर दिए। सौ से ज्यादा आतंकियों की मौत हुई। आतंक के आकाओं को अब समझ आ गया है कि भारत की ओर नजर उठाने का एक ही अंजाम होगा- तबाही।

हम घर में घुसकर मारेंगे और बचने का एक मौका तक नहीं देंगे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जिस पाकिस्तानी सेना के भरोसे ये आतंकी बैठे थे, भारत की थलेसना, वायुसेना और नौसेना ने उस पाकिस्तानी सेना को भी धूल चटा दी है। आपने पाकिस्तानी फौज को भी बता दिया कि पाकिस्तान में ऐसा कोई ठिकाना नहीं, जहां बैठकर आतंकवादी चैन की सांस ले सकें। हम घर में घुसकर मारेंगे और बचने का एक मौका तक नहीं देंगे। हमारे ड्रोन्स, हमारी मिसाइलों के बारे में सोचकर तो पाकिस्तान को कई दिन तक नींद नहीं आएगी। कौशल दिखलाया चालों में¸ उड़ गया भयानक भालों में निर्भीक गया वह ढालों में¸ सरपट दौड़ा करवालों में... यह पंक्तियां महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक पर लिखी गई हैं। ये आज के आधुनिक भारत के हथियारों पर भी फिट बैठती हैं।

आप दुन‍िया में बेहतरीन हैं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, बीते दशक में हमारे पास दुन‍िया की सबसे लेटेस्‍ट टेक्‍नोलॉजी आई है। कॉम्‍पल‍िकेटेड सिस्‍टम को इफीश‍िएंसी के साथ चलाना बड़ी स्‍क‍िल है। आपने टेक को टैक्‍ट‍िस से जोड़कर द‍िखा द‍िया है। आपने साबित कर द‍िया है आप इस गेम में दुन‍िया में बेहतरीन हैं; भारत की सेना सिर्फ हथ‍ियार से ही नहीं डेटा और ड्रोन से भी दुश्मन को छकाने में माह‍िर है।

ऑपरेशन सिंदूर भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि आपके पराक्रम की वजह से आज ऑपरेशन सिंदूर की गूंज हर कोने में सुनाई दे रही है, इस पूरे ऑपरेशन के दौरान हर भारतीय आपके साथ खड़ा था। हर भारतीय आपके साथ खड़ा रहा, आज हर भारतीय उन सैनिकों और परिवारों के प्रतिक कृतज्ञ है ऑपरेशन सिंदूर कोई सामान्य सैन्य अभियान नहीं है ये भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी है।