सहकारिता विभाग में बंपर घोटाला: PCF मुख्यालय तक पहुंची जांच
बस्ती मंडल में धान खरीद के नाम पर करोड़ों की बंदरबांट, EOW की रिपोर्ट से खुली परतें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सहकारिता विभाग के तहत धान खरीद घोटाले ने बड़ा रूप ले लिया है। बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर ज़िलों में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (PCF) के अंतर्गत हुए करोड़ों के गबन का दायरा अब जिला स्तर से बढ़कर मुख्यालय तक पहुंच चुका है।
क्या है घोटाले का मॉडल ?
जांच में सामने आया है कि धान खरीदा ही नहीं गया, लेकिन कागजों में पूरी प्रक्रिया दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान दर्शा दिया गया। किसानों के नाम पर बिना किसी भौतिक सत्यापन के भुगतान किया गया। ढुलाई, मजदूरी और अन्य खर्चों के नाम पर फर्जी भुगतान दिखाए गए।
4200 किसानों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर फर्जी भुगतान दर्शाया गया। 37 क्रय केंद्रों पर एक ही मोबाइल नंबर और बैंक खाता दर्ज पाया गया। जांच में कई लेखपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर, और SDM, ADM स्तर के अधिकारी लापरवाही के घेरे में आए हैं।
कई अफसरों पर गिरी गाज, मुख्यालय भी चपेट में
सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अब तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 10 अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
SIT और EOW की रिपोर्ट से खुली परतें
एसआईटी और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) की जांच में यह घोटाला महज एक वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध और सिस्टम फेलियर के रूप में सामने आया है। इसमें सीएमओ, लेखपाल, डेटा एंट्री ऑपरेटर तक की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। अब जांच की आंच PCF मुख्यालय के अफसरों तक पहुंच चुकी है। अपर मुख्य सचिव (सहकारिता) ने स्पष्ट किया है कि-
"कार्रवाई किसी भी स्तर पर रोकी नहीं जाएगी।" PCF मुख्यालय के कई अधिकारियों पर शासन स्तर से कठोर कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।
May 13 2025, 13:04