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आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को करें सुदृढ़, नजदीकी केंद्रों पर मिलें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं

गोरखपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक विकास भवन सभागार में बुधवार की शाम सम्पन्न हुई। जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जिले भर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की सेवाओं को सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया। इसी क्रम में सीएमओ भी ने गुरूवार को गोला सीएचसी और ऊरवा पीएचसी का भी निरीक्षण किया और समुदाय हित में कई विशेष निर्देश दिये।

समिति की बैठक के दौरान जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा द्वारा दिशा निर्देश दिया गया कि समुदाय को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं। इसके लिए पर्याप्त प्रचार प्रसार हो। साथ ही नवाचारों पर विशेष जोर दिया जाए। सभी अस्पतालों पर समर्पित भाव से सेवाएं दी जाएं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में इस माह किये गये विशेष कार्यों की जानकारी दी गई और भावी कार्ययोजना की भी प्रस्तुति हुई। बताया गया कि समुदाय के बीच इस संदेश को पहुंचाएं कि सामान्य बीमारियों की स्क्रिनिंग और इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। सिर्फ विशेषज्ञ सेवाओं के लिए ही जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज या एम्स गोरखपुर जैसे उच्च संस्थान में पहुंचने की आवश्यकता है।

सीएमओ ने समिति की बैठक के दौरान बताया कि प्राथमिक सेवाओं के लिए सबसे पहले नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीज पहुंच सकें, इसके लिए उच्च चिकित्सा संस्थानों में प्रचार सामग्री लगवाई जा रही है। साथ ही नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रचार सामग्री लगा कर बताया जा रहा है कि किस उच्च चिकित्सा केंद्र में कौन सी विशेषज्ञ सेवा मौजूद है।

सीएमओ डॉ झा ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, टेलीकंसल्टेशन, राष्ट्रीय कार्यक्रमों और अन्य प्रमुख सेवाओं के बारे में बैठक के दौरान चर्चा की गई। जिन ब्लॉक या कार्यक्रमों का प्रदर्शन खराब मिला उन्हें चेतावनी भी दी गई।

सीएचसी और पीएचसी का किया निरीक्षण

सीएमओ ने गुरूवार को गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ऊरवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों अस्पतालों में संस्थागत प्रसव की गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मरीजों को सभी उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करानी है और सेवाओं के बारे में उनका फीडबैक भी अवश्य जाने। गोला सीएचसी में निरीक्षण के दौरान कई उपकरणों की कमी पाए जाने पर सीएमओ ने अधीक्षक से डिमांड अतिशीघ्र भेजने को कहा। सीएमओ ने कहा कि अस्पताल में किसी भी प्रकार के उपकरण की कमी नहीं रहनी चाहिए।

ऊरवा पीएचसी के निरीक्षण के दौरान मरीजों की काफी भीड़ मिली। वहां भवन की खराब स्थिति को देखते हुए सीएमओ ने अतिशीघ्र मरम्मत करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर से सभी प्रकार के संसाधन और सहयोग मुहैया कराए जाएंगे। इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी भी मौजूद रहे।

एसआईसी का किया स्वागत, प्रमुख कार्यों की दी जानकारी

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिला अस्पताल के नवागत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय का स्वागत भी किया गया। साथ ही सीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग के भावी कार्ययोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले के सभी सीएचसी पीएचसी पर आटोएनलाइजर व सीबीसी जांच की मशीन लगाई जा रही है। इससे मरीजों को नजदीक में सभी प्रमुख जांचों की सुविधा मिल जाएगी और जिला स्तरीय अस्पतालों तक आवागमन का उनका खर्च भी बचेगा। जिला चिकित्सालय में डेंटल लैब बनाया जा रहा है और पूरे जनपद में डेंटल सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास चल रहा है। जिले में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों, उपकरणों और औषधियों का मांग पत्र लेकर सी सेक्शन प्रसव की सुविधा को सुदृढ़ किया जा रहा है। जर्जर भवनों को चिन्हित कर ध्वस्त करने और सभी स्वास्थ्य इकाइयों के भवन मरम्मत, बिजली, पानी व अन्य मूलभूत सुविधाओं को ठीक कराया जा रहा है।

सेवानिवृत्ति पर सहायक विकास अधिकारी कृषि की भावभीनी विदाई

खजनी गोरखपुर।कृषि विभाग के सहायक विकास अधिकारी कमलेश सिंह के बुद्धवार 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त होने पर कृषि विभाग के उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय और ब्लॉक मुख्यालय में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। मौके पर उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने एडीओ कृषि की कार्यशैली एवं कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित में संचालित सभी योजनाओं में उनके समर्पित योगदान की सराहना की, संयुक्त कृषि निदेशक अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि समय पूरा होने पर सभी का कार्यकाल समाप्त होता है और सेवानिवृत्ति मिल जाती है, लेकिन विभाग में निष्ठा पूर्वक सफल क्रियान्वयन और योगदान के लिए सेवानिवृत्ति के बाद भी याद किया जाता है।

जिला कृषि अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि विभाग में कमलेश सिंह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। बीडीओ रमेश शुक्ला ने एडीओ कृषि की सेवानिवृत्त होने पर उनके सुख शांति स्वास्थ्य आरोग्य एवं सुखमय भविष्य की कामना की। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने एडीओ कृषि को अंगवस्त्र, धार्मिक पुस्तकें और उपहार भेंट देकर सम्मानित किया गया। एडीओ कृषि ने अपने विभागीय सेवाकाल से जुड़े प्रसंगों की चर्चा करते हुए सभी के प्रति आभार जताया।

आयोजन को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया, मौके पर उप कृषि निदेशक धनंजय सिंह उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी शत्रुघ्न सिंह अपर जिला कृषि अधिकारी गिरजेश यादव एसएमएस श्वेता श्रीवास्तव, एटीएम राजेश त्रिपाठी, सुदामा मौर्या, लालमन यादव सहित ब्लॉक के सभी गांवों के सचिव एवं अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

वनटांगिया गांव में बनेगा स्वास्थ्य उपकेंद्र

गोरखपुर।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर और चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तरफ से जंगल तिकोनिया नंबर तीन (वनटांगिया गांव) में बुधवार को स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का निरीक्षण करने पहुंचे जनपद के सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि गांव में शीघ्र ही एक स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला जाएगा। आगे चल कर इस उपकेंद्र को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में भी अपग्रेड किया जाएगा। सीएमओ ने कहा कि किराये का भवन मिलते ही गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र शुरू करा दिया जाएगा। गांव के प्रधान ने केंद्र के लिए किराये का भवन दिलवाने में मदद का आश्वासन दिया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र खुलने से वनटांगिया समुदाय को अपने नजदीक ही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मिलने लगेंगी। केंद्र के जरिये बीमारियों की स्क्रिनिंग, दवाएं, नियमित टीकाकरण और अन्य कई सेवाएं वनटांगिया समुदाय को मिलेंगी। गांव में उपकेंद्र खुल जाने से एम्स गोरखपुर और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर लगाए जाने वाले स्वास्थ्य शिविर को भी मजबूती मिलेगी।

सीएमओ ने बताया कि एम्स गोरखपुर के साथ मिल कर स्वास्थ्य सेवाओं को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में वनटांगिया गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। शिविर के जरिये जहां एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श मिला वहीं जांच व दवाओं में चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने सहयोग दिया। शिविर में स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के दौरान वनटांगिया गांव के मुखिया रामगनेश द्वारा मिनी स्वास्थ्य केंद्र की मांग की गई थी।

इस अवसर पर एम्स के चिकित्सक डॉ आनंद मोहन दीक्षित, डॉ प्रदीप खारया, डॉ यू वैंकेटश, डॉ लालमणि सिंह, डॉ दिव्यांशु कुमार, डॉ फैसल अंसारी, डॉ सुरभि नेगी और डॉ घोष ने सेवाएं दीं। शिविर में डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय कुशवाहा, एचईओ मनोज कुमार, बीसीपीएम चंद्रशेखर यादव, अजीत रमन और सीएचओ यशवंत सिंह मौजूद रहे।

लोगों को किया गया जागरूक

शिविर के माध्यम से वनटांगियां गांव में संदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार का बुखार होने पर चिकित्सक से ही इलाज कराएं। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर हर प्रकार के बुखार के जांच और इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। बुखार के रोगी सरकारी अस्पताल जाने के लिए 108 नंबर एम्बुलेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए भी सभी अस्पतालों पर निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं। वह अस्पताल जाने और वापस घर लौटने के लिए 102 नंबर एम्बुलेंस की सुविधा का इस्तेमाल कर सकती हैं।

स्कूल जा रही नाबालिग लड़की को लेकर कर फरार रिश्तेदारी में आया युवक

खजनी गोरखपुर।थाने की महुआडाबर चौकी क्षेत्र के एक गांव की निवासी महिला ने अपने गांव में रिश्तेदारी में आए संतकबीरनगर जिले के महुली थाना क्षेत्र के काली कोदवट गांव के निवासी युवक पर अपनी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी को बहला-फुसला कर भगा ले जाने की शिकायत दर्ज कराई है।

खजनी थाने में दी गई नामजद तहरीर में महिला ने बताया कि आज सबेरे 8 बजे बेटी स्कूल जा रही थी उसी समय बहला-फुसला कर युवक उसे अपने साथ हैदराबाद ले कर चला गया। महिला ने बताया कि युवक ने व्हाट्स एप पर फोन काॅल करके बताया कि मैं लड़की को अपने साथ लेकर हैदराबाद जा रहा हूं।

महिला ने बताया कि गांव में अपनी रिश्तेदारी में आने जाने वाला युवक पहले भी मेरी लड़की से फोन पर बातचीत किया करता था।

नाबालिग लड़की से जुड़े महिला अपराध के मामले को पूरी तरह से गंभीरता से लेते हुए थाने की प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर जांच और कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।

एम्स गोरखपुर और जिला प्रशासन के सहयोग से वन्तांगिया गाँव में स्वास्थ्य शिविर का सफल आयोजन

गोरखपुर। 30 अप्रैल 2025 — एम्स गोरखपुर द्वारा आज वन्तांगिया गाँव में एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर समुदाय एवं परिवार चिकित्सा विभाग द्वारा नेत्र विज्ञान एवं दंत चिकित्सा विभाग के सहयोग से और जिला स्वास्थ्य प्रशासन के समर्थन से आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य दूरदराज और वंचित समुदायों को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना था।

शिविर में कुल 125 ग्रामीणों की जाँच की गई, जिनमें उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एनीमिया (खून की कमी) जैसे रोगों की पहचान और स्क्रिनिंग की गई। नेत्र विभाग द्वारा मोतियाबिंद समेत आँखों की समस्याओं की जाँच की गई और ज़रूरतमंदों को आगे के इलाज के लिए रेफ़र किया गया। वहीं, दंत विभाग ने मुँह के कैंसर की स्क्रिनिंग, सही मौखिक स्वच्छता के तरीके, और दंत स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा प्रदान की।

शिविर में निःशुल्क दवाओं का वितरण भी किया गया, जो मरीजों की व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार दिया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि जिन मरीजों को आगे इलाज की आवश्यकता हो, उन्हें उचित रेफरल सेवाएं मिलें।

एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने कहा, “एम्स गोरखपुर का उद्देश्य वंचित समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुँचाना है। जिला प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे प्रयास करना हमारी सामाजिक ज़िम्मेदारी है।”

जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश शाह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “हमें इस तरह के और शिविरों की योजना बनानी चाहिए। गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए एम्स के साथ दो रेफरल मार्ग विकसित किए जाने चाहिए।”

डॉ. आनंद मोहन दीक्षित, विभागाध्यक्ष, समुदाय एवं परिवार चिकित्सा विभाग, ने कहा, “इस तरह की और पहलों की आवश्यकता है ताकि इन क्षेत्रों में स्थायी स्वास्थ्य प्रभाव डाला जा सके।”डॉ. प्रदीप खरया ने एनीमिया की व्यापकता पर प्रकाश डालते हुए समुचित पोषण और नियमित जांचों की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. यू. वेंकटेश ने संचारी रोगों की रोकथाम हेतु स्वच्छता के महत्व को रेखांकित किया।

डॉ. दीपांशु कुमार ने शिविर में दंत परीक्षण किए और ग्रामीणों को मुँह की बीमारियों से बचाव के उपाय बताए।इस शिविर में गाँव के प्रतिनिधि श्री राम गणेश भी उपस्थित रहे, जिन्होंने ग्रामीणों और चिकित्सा टीम के बीच संवाद स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।

यह शिविर एम्स गोरखपुर और जिला स्वास्थ्य प्रशासन के बीच समन्वित प्रयास का उदाहरण है, जो दूरस्थ और जरूरतमंद क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

*मोहम्मद वाजिक शिबू को अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच का प्रदेश मंत्री किया गया नियुक्त किया*

गोरखपुर शहर के सुप्रसिद्ध समाजसेवी एवं साहित्यप्रेमी मोहम्मद वाजिक शिबू को राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद मलिक एवं प्रदेश अध्यक्ष इमरान अहमद की स्वीकृति के बाद भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच का प्रदेश मंत्री नियुक्त किया गया है मोहम्मद वाजिद शिबू ने बताया कि उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा ईमेल के माध्यम से प्राप्त हुआ है उन्होंने कहा कि संगठन का मकसद सदैव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सब का प्रयास को चरितार्थ करते हुए मुस्लिम समाज को भारतीय जनता पार्टी से मुख्य रूप से जोड़ना है | जिसके बाद अनेक लोगों ने फोन करके मोहम्मद वाजिक शिबू को बधाई दी |

*एम्स गोरखपुर के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर काम करेगा स्वास्थ्य विभाग*

गोरखपुर। स्वास्थ्य विभाग, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर काम करेगा। इसी क्रम में एम्स गोरखपुर के हेल्थ डेमोग्राफिक सर्विलांस सिस्टम स्थापित करने को लेकर मंगलवार को एम्स गोरखपुर के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ राजेश झा से मुलाकात की। विभाग की तरफ से एम्स गोरखपुर को इस कार्य में हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया गया है। इससे पहले, सीएमओ गोरखपुर ने सोमवार को एम्स गोरखपुर का दौरा कर वहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों में संभावित सहयोग पर चर्चा की थी। उन्होंने एम्स में संचालित मॉडल टीकाकरण केंद्र को भी देखा था।

एम्स गोरखपुर के डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के हेड डॉ मधुसुदन और येल यूनिवर्सिटी के मिस्टर ब्रान ने मंगलवार को सीएमओ डॉ झा से मुलाकात की। उनके द्वारा अपेक्षा की गई कि स्वास्थ्य विभाग येल यूनिवर्सिटी के सहयोग से एम्स गोरखपुर द्वारा हेल्थ डेमोग्राफिक सर्विलांस सिस्टम के जरिये प्रस्तावित शोध में सहयोग करे। इसके तहत सरदारनगर ब्लॉक के डुमरी खास अतिरिक्त पीएचसी के तहत आने वाले ग्यारह राजस्व गांवों में अध्ययन किया जाएगा। इस अध्ययन में संचारी रोगों की रोकथाम, जलवायु परिवर्तन, मातृ शिशु स्वास्थ्य और जन्म मृत्यु समेत सामुदायिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयाम शामिल हैं।

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एम्स गोरखपुर के सभी शोध कार्यों में आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा। इसी सिलसिले में उन्होंने सोमवार को एम्स गोरखपुर पहुंच कर वहां के अधिकारियों से मुलाकात की थी। एम्स के साथ कार्य करने से स्वास्थ्य कार्यक्रम सुदृढ़ होंगे और इसका सीधा लाभ समुदाय को प्राप्त होगा। एम्स गोरखपुर के साथ पहले से ही कई क्षेत्रों में काम किया जा रहा है। मसलन, झरना टोला नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पर एम्स के विशेषज्ञ ओपीडी करते हैं जिसका सीधा लाभ वहां के लोगों को मिल रहा है। इसी प्रकार एम्स द्वारा गांव को गोद लेकर वहां विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लेकर कार्य किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि इस सहयोग को और बढ़ाया जाए ताकि समुदाय को अधिकाधिक लाभ मिल सके।

*खजनी तक नहीं पहुंची विकास की उजली किरणें*

खजनी गोरखपुर।।वैसे तो देश और प्रदेश में चारों तरफ विकास की आंधी चल रही है, लेकिन जिले की खजनी तहसील का खजनी कस्बा विकास की इन उजली किरणों से महरूम है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र के निवासी रहे पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के असामायिक निधन के बाद यहां की सभी विकास योजनाऐं ठप पड गईं। सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र होने के कारण यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आलम यह है कि जिले की सीमा से महज 12 किमी दूर स्थित खजनी कस्बे तक विकास के उजाले की एक किरण भी नहीं पहुंची है।

स्थानीय लोगों ने यहां की जन समस्याओं को अमर भारती के संग साझा किया पेश है लोगों की शिकायतें उन्हीं की जुबानी-

कस्बे के प्रतिष्ठित वस्त्र व्यापारी विजय कुमार भरतिया ने बताया कि वर्षों पहले खजनी कस्बे और तहसील से रेलवे स्टेशन तक सस्ते किराए वाली सिटी बसें चलती थीं, आज प्राइवेट डग्गामार सवारी वाहनों आॅटो और जीप के अलावां कोई नियमित सरकारी वाहन जिले तक जाने के लिए नहीं मिलता है। बड़ी मुश्किल से इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू हुई है लेकिन वह भी नियमित नहीं है 90 फीसदी लोग निजी या प्राइवेट वाहनों से धक्के खाते हुए जिले तक की यात्राएं पूरी करते हैं। जिनमें विद्यार्थी, व्यापारी, शिक्षक तहसील, ब्लाक,बैंक कर्मचारी आदि प्रमुख हैं। जबकि पहले यहां पर रोडवेज का बस स्टैंड और टिकट घर भी था अब कुछ भी नहीं है।

खजनी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रहे नवीन श्रीवास्तव ने बताया कि कस्बे की सड़क ऊंची हो गई है जलनिकासी के लिए सड़क के किनारे बनी नाली पट चुकी है घरों से निकलने वाले गंदे पानी के निस्तारण के लिए लोग वर्षों से नारकीय यातनाऐं सह रहे हैं। कोई जनप्रतिनिधि स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुनता ही नहीं।

संतोष तिवारी मनरेगा एकाउंटेंट ने बताया कि तहसील क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की पढाई के लिए कोई महाविद्यालय नहीं है, विज्ञान की पढाई के लिए विद्यार्थियों और अभिभावकों को मजबूर होकर परिवार के साथ किराए पर कमरा लेकर शहर में निवास करना पड़ता है।

अमित त्रिपाठी ने बताया कि जिले में सिर्फ खजनी तहसील और कस्बा ही है जो कि नगर पंचायत नहीं है और सभी तहसीलें नगर पंचायत क्षेत्र हैं। खजनी की उपेक्षा की इससे बडी मिसाल और क्या होगी?

दीपक मिश्रा एडवोकेट खजनी तहसील बार के कोषाध्यक्ष ने बताया कि खजनी तहसील में दीवानी न्यायालय की मांग वर्षों पुरानी है पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की योजना थी वो खजनी में दीवानी न्यायालय की स्थापना चाहते थे पर उनके जाने के बाद यह मामला ठंडा पड़ गया और आज तक खजनी में दीवानी न्यायालय तथा ग्राम न्यायालय की स्थापना नहीं हो पाई है। वादकारियों को बांसगांव और गोरखपुर जाना पड़ता है जिसमें अतिरिक्त समय और धन खर्च होता है। उन्होंने बताया कि खजनी तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक 739 राजस्व गांव हैं तथा ऐ 5.5 लाख से अधिक आबादी वाली जिले की सबसे बड़ी तहसील है यहां पर दीवानी न्यायालय की स्थापना की मांग बहुत पुरानी है।

राजेश पांण्डेय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि खजनी का एकमात्र उद्यम कंबल कारखाना पूरी तरह से बंद हो गया है, पूर्व केंद्रीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री महावीर प्रसाद ने उसे रायबरेली में स्थापित करा दिया था, साथ ही वीर बहादुर सिंह के द्वारा हरिहरपुर में प्रस्तावित जैव अनुसंधान केंद्र और फर्टर्लिटी सेंटर का निर्माण भी नहीं हुआ खजनी क्षेत्र के सांसदों विधायकों ने भी यहां के लिए कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं किया है। गोरखपुर शहर का विकास मेडिकल काॅलेज रोड, सोनौली रोड,पिपराइच रोड, तारामंडल सिक्टौर रोड, सहजनवां गीडा, डोमिनगढ नौसढ़ और उनवल हर दिशा में हुआ मगर खजनी कस्बा शहर के करीब हो कर भी उपेक्षा का शिकार है।

खुटभार के ग्राम प्रधान अर्जुन जायसवाल ने कहा- कि किसी की भी निगाह नहीं गई खजनी की बदहाली की ओर!

नहीं तो खजनी कस्बा भी गोरखपुर महानगर क्षेत्र का हिस्सा होता।

बता दें कि खजनी को नगर पंचायत क्षेत्र बनाने के लिए 3 वर्ष पहले पहली अधिसूचना जारी हुई थी। तत्कालीन एसडीएम के द्वारा 3 बार सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुका है किंतु अभी तक खजनी को नगर पंचायत क्षेत्र या टाउन एरिया का दर्जा नहीं मिला है।

जर्जर संपर्क मार्ग के पुनर्निर्माण से लोगों में हर्ष

खजनी गोरखपुर।उनवल नगर पंचायत के वार्ड संख्या 3 की वर्षो से बदहाल और टूट फूट कर क्षतिग्रस्त व जर्जर हो चुकी सड़क के पुनर्निर्माण के लिए आज नगर अध्यक्ष एड.महेश कुमार दुबे और वार्ड के सभासद प्रतिनिधि अरविंद प्रसाद के द्वारा कपूर-अगरबत्ती जलाकर नए आर.सी.सी. रोड का निर्माण कार्य शुरू किया गया।संपर्क मार्ग के नव निर्माण कार्य को लेकर वार्ड के निवासी अमरीष त्रिपाठी, हनुमान त्रिपाठी, बाले पांडेय, सहित दर्जनों लोगों ने हर्ष जताते हुए बताया कि यह सड़क वर्षों पहले बनी थी। अब यह टूट-फूट कर पूरी तरह जर्जर हो चुकी थी, इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था, आज हमारे नगर अध्यक्ष एड. महेश कुमार दुबे और वार्ड सभासद प्रतिनिधि अरविंद प्रसाद ने नव निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। बारिश से पहले सड़क बन जाने से वार्ड नंबर 3 के लोगों को बहुत सहूलियत होगी।

निर्माण कार्य शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने हर्ष जताया। वहीं चेयरमैन एड. महेश दूबे ने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि बारिश से पहले सभी सड़कों की ठीक प्रकार से मरम्मत हो जाए।

संसार से प्रेम झूठा, भक्त व भगवान का प्रेम सच्चा-प्रदीप मिश्र

खजनी गोरखपुर।भगवान हर जगह हैं इसे सभी लोग मानते हैं, किन्तु जब उनसे पूछा जाए कि भगवान को देखा है, तो कहते हैं नहीं देखा है! यह भ्रम कथा सुनने से ही दूर होता है।

भगवान की कथाएं अनंत हैं, किन्तु सभी कथाएं लोक कल्याण के लिए ही होती हैं।उक्त विचार रूद्रपुर खजनी में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण में व्यास पीठ से अयोध्या से पधारे कथा व्यास पंडित प्रदीप मिश्र ने उपस्थित श्रोताओं से व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि भगवान राम ने सिर्फ गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का ही उद्धार किया था, लेकिन भगवान के नाम और कथाओं ने करोड़ों भक्तों का उद्धार किया है, कहा गया है कि "राम से बड़ा राम का नाम।"

महाभारत के प्रसंगों की विस्तार सहित चर्चा करते हुए बताया कि द्रोणाचार्य के पुजारी अश्वत्थामा ने किस प्रकार द्रौपदी के पांच पुत्रों की हत्या कर दी और भगवान कृष्ण ने किस प्रकार ब्रह्मास्त्र से उत्तरा के गर्भ की रक्षा की। पांडवों माता कुंती ने यह कहते हुए भगवान श्रीकृष्ण से अपने जीवन में दुख मांगा था और कहा था कि जब तक जीवन में दुख था भगवान श्रीकृष्ण उनके साथ थे।

उन्होंने कहा कि संसार में किसी से भी निश्छल, नि:स्वार्थ प्रेम की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, सिर्फ भक्त और भगवान का प्रेम ही सच्चा होता है। अपने लोगों से की गई आशाएं ही मनुष्य को निराश करती हैं।

कथा में मुख्य यजमान उर्मिला त्रिपाठी, चंद्रभूषण उर्फ रामधनी त्रिपाठी, अरूण, वेदांश, दूधनाथ दूबे, बैजनाथ, गोपाल तिवारी समेत दर्जनों की संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।