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पटवारी का रिश्वत लेते वीडियो लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण, कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग

महासमुंद-  जिले के पिथौरा ब्लाक के ग्राम पेंड्रावन के ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर पंड्रीपानी पटवारी विजय प्रभाकर का रिश्वत लेते वीडियो दिखाकर कार्रवाई की मांग की. वहीं पेंड्रावन के पटवारी विनय पटेल द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की शिकायत भी की.

ग्रामीणों ने कलेक्टर से मुलाकात कर पंड्रीपानी के पटवारी विजय प्रभाकर द्वारा एक वर्ष पूर्व खसरा, बी वन देने के एवज में पांच सौ रुपये का रिश्वत लेने का कथित वीडियो कलेक्टर को देकर कार्रवाई की मांग की. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पंड्रीपानी हल्का नंबर 50 के पटवारी विजय प्रभाकर खसरा, बी वन निकालने के नाम पर 500 सौ रुपये की मांग कर रहे हैं और उनके हाथ में 500 सौ का नोट दिख रहा है. ग्रामीण ने निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की.

वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पेंड्रावन के पटवारी विनय पटेल पटवारी संघ के अध्यक्ष हैं. और रिश्वत लेने के वीडियो को डिलीट करने का दबाव बना रहे हैं.

करोड़ों की लागत से निर्मित बिल्डिंग बनी बदबू और बीमारी का अड्डा, बेसमेंट में भरा पानी, चमगादड़ों ने बनाया घर…

जगदलपुर- शहर के प्राइम लोकेशन पर करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई दो बड़ी बिल्डिंगें अब खंडहर और बीमारी फैलाने का अड्डा बन चुकी हैं. खासकर कोतवाली चौक में नगर निगम द्वारा बनाई गई दीनदयाल उपाध्याय कॉम्प्लेक्स (DDU कॉम्प्लेक्स) का हाल बेहद खराब है. करोड़ों की लागत से बनी इस बिल्डिंग का उद्घाटन अब तक नहीं हुआ और अब यह शहर के लिए बदबू और संक्रमण का नया केंद्र बन चुकी है.

बता दें, कांग्रेस के शासनकाल में यहां डेढ़ करोड़ की लागत से सी मार्ट तैयार किया गया था उस वक्त जरूर लाईट और सजावट कर बिल्डिंग को चमकाया गया, भाजपा सरकार आई सी मार्ट तो बंद हो गया और दुबारा यह बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गया, पिछले कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी जमा हो गया है. यह पानी वहां कई सालों से जमा हो रहा है और अब सड़ चुका है. साथ ही वहां चमगादड़ों ने डेरा डाल रखा है, जिनके मल-मूत्र से फैली बदबू आसपास के इलाकों को भी अपनी चपेट में ले चुकी है.

स्थानीय लोगों का जीना हुआ मुश्किल

बिल्डिंग के आसपास रहने वाले लोग और दुकानदार इस बदबू से बेहद परेशान हैं. चाय की दुकानों पर अब ग्राहक नहीं पहुंच रहे. दुकानदारों का कहना है कि लोग पास आकर बदबू के कारण वापस लौट जाते हैं. एक चाय दुकानदार ने कहा इतनी बदबू है कि कपड़े से मुंह ढककर दिनभर गुजारना पड़ता है ग्राहक चाय पीने तक नहीं आते. वहीं दुकानदार अभिषेक जैन ने बताया कि उनके व्यवसाय पर भी इसका सीधा असर पड़ा है.

नगर निगम ने जताई सुधार की उम्मीद

नगर निगम के महापौर संजय पांडे ने माना है कि दीनदयाल परिसर की हालत चिंताजनक है और इसे सुधारने के लिए 2 तारीख को सामान्य सभा में प्रस्ताव लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा शासन काल में बनाए गए कई भवनों का रखरखाव कांग्रेस शासन में नहीं हो पाया जिससे आज यह हालत बनी है.

वहीं कांग्रेस पार्षद राजेश चौधरी ने कहा कि अगर इस बिल्डिंग के पार्किंग एरिया को समय पर शुरू किया गया होता, तो न सिर्फ यातायात का दबाव कम होता, बल्कि गंदगी और बदबू की यह स्थिति भी न आती. उन्होंने कहा कि बेसमेंट को पार्किंग के रूप में चालू किया जाए, जिससे वह उपयोग में आए और साफ-सुथरा बना रहे.

जनता को अब इंतजार है कार्रवाई का

अब जबकि नगर निगम और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही इस बदबू से निजात मिलेगी और इन बहुमूल्य परिसरों का उपयोग भी शुरू होगा.

सरकारी नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी, दो आरोपी रायपुर और बलौदाबाजार से गिरफ्तार

खैरागढ़- सरकारी नौकरी का सपना संजोए पांच लोगों को दो ठगों ने ऐसा फांस लिया कि न केवल उनका सपना चकनाचूर हो गया, बल्कि उनकी सालों की कमाई भी ठगों की जेब में चली गई। यह मामला खैरागढ़ जिले के गंडई थाना क्षेत्र का है, जहां रायपुर और बलौदाबाजार से पकड़े गए दो आरोपियों ने शिक्षक, चपरासी और लेबर इंस्पेक्टर जैसे पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से कुल ₹37 लाख 67 हजार 900 की ठगी की है।

यह मामला तब शुरू हुआ जब पांडातराई निवासी संतोष देवांगन, जो वर्ष 2022 में स्वास्थ्य विभाग के जीवन दीप समिति में कार्यरत थे और जीवन दीप कर्मचारी कल्याण संघ के कोषाध्यक्ष भी थे, रायपुर संगठन के पंजीयन कार्य से गए थे। वहीं उनकी मुलाकात बिशेसर ध्रुव नाम के व्यक्ति से हुई। बिशेसर ने खुद को मंत्रालय से जुड़े प्रभावशाली लोगों से संपर्क वाला बताते हुए दावा किया कि वह लोगों को सरकारी नौकरी दिलवा चुका है और संतोष की भी नौकरी लगवा सकता है। उसने लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी के लिए ₹20 लाख, शिक्षक पद के लिए ₹15 लाख और चपरासी के लिए ₹8 लाख की मांग की।

संतोष देवांगन ने यह प्रस्ताव अपने परिवार और रिश्तेदारों से साझा किया। इस बातचीत के बाद उनकी बहन संजू देवांगन, रिश्तेदार विद्या, त्रिलोक और विवेक देवांगन भी इस योजना से प्रभावित हुए और नौकरी पाने की उम्मीद में बिशेसर ध्रुव के झांसे में आ गए। 25 दिसंबर 2022 को गंडई में संजू के घर सभी एकत्र हुए और बिशेसर ने सभी को छह महीने में नौकरी लगवा देने का पक्का भरोसा दिया। बात केवल वादों पर ही नहीं रुकी। इसके बाद अलग-अलग तारीखों में सभी ने मिलकर बिशेसर और उसके साथी रायपुर निवासी भुवनेश देवांगन को मिलाकर कुल ₹37 लाख 67 हजार 900 रुपये दे दिए। इस रकम में कुछ राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की गई और कुछ नकद रूप में गंडई, रायपुर और धमधा में दी गई। संतोष देवांगन ने अकेले ₹11.67 लाख, संजू ने ₹4 लाख, विद्या ने ₹11.5 लाख, त्रिलोक ने ₹8.5 लाख और विवेक ने ₹2 लाख आरोपियों को दिए।

जब समय बीतने के बाद भी किसी की नौकरी नहीं लगी और टालमटोल होने लगी तब संदेह गहराया। संतोष ने जब पैसा वापस मांगा तो आरोपी बिशेसर ने उसे दो चेक थमा दिए , एक ₹10 लाख का और दूसरा ₹3.5 लाख का। इसी तरह भुवनेश देवांगन ने भी ₹2 लाख का एक चेक दिया, लेकिन ये चेक भी केवल धोखे का हिस्सा निकले, क्योंकि रकम वापस नहीं मिली और न ही कोई नियुक्ति पत्र आया।

आखिरकार 27 अप्रैल 2025 को संतोष देवांगन ने गंडई थाने में पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल ने थाना गंडई पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की। कार्रवाई करते हुए टीम ने रायपुर और बलौदाबाजार से दोनों आरोपियों को धरदबोचा। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में दोनों ने अपने अपराध को स्वीकार किया।

पहले भी ठगी के मामले में जेल जा चुका है आरोपी भुवनेश

जांच में यह भी सामने आया कि भुवनेश देवांगन पहले भी बीजापुर जिले के भैरमगढ़ थाने में ₹38 लाख की ठगी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर था। उस मामले में भी सरकारी नौकरी का झांसा देकर बड़ी रकम ऐंठी गई थी और उस पर धोखाधड़ी के साथ-साथ जालसाजी की गंभीर धाराएं भी दर्ज हैं। फिलहाल दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। खैरागढ़ पुलिस अब इस पूरे रैकेट की गहराई से जांच कर रही है कि कहीं और कितने लोगों को इस तरह ठगा गया है।

एसीबी ने पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

सूरजपुर- भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की लगातार कार्रवाई जारी है. आज एसीबी की टीम ने सूरजपुर जिले के डुमरिया गांव में पटवारी को बीस हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है.

जानकारी के मुताबिक, डुमरिया गांव के पटवारी भानु सोनी नामांतरण के लिए किसान से रिश्वत ले रहा था. एसीबी की टीम ने मौके पर दबिश देकर पटवारी को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

मजदूर दिवस पर मजदूरों पर आई मुसीबत, निर्माण कार्य के बीच मधुमक्खियों ने किया हमला, 20 घायल…

बालोद- सेमरडीही ग्राम पंचायत में आज नाली निर्माण कर रहे मजदूरों पर मधुमख्खियों ने हमला कर दिया. इस हमले में महिला-पुरुष समेत 20 लोग घायल हो गए. घायलों को तत्काल 108 के माध्यम से डौंडीलोहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां घायलों का उपचार जारी है.

जानकारी के मुताबिक, बालोद के डौंडीलोहारा में रोजगार गारंटी योजना के तहत 130 लोग कच्ची नाली निर्माण का काम कर रहे थे. इसी दौरान अचानक मधुमक्खियों ने मजदूरों पर हमला कर दिया. फिलहाल सभी घायलों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार जारी है. सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी घायल मजदूरों का हाल-चाल जानने अस्पताल पहुंचे हैं.

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में नमाज प्रकरण मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, NSS प्रभारी दिलीप झा को किया गिरफ्तार, 8 अन्य पर भी FIR

बिलासपुर- गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU) में आयोजित एनएसएस कैंप के दौरान जबरन नमाज पढ़वाने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस विवाद में नामजद तत्कालीन एनएसएस प्रभारी प्रो. दिलीप झा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके साथ 8 अन्य कार्यक्रम अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी।

यह कार्रवाई बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर की गई। कोटा पुलिस ने दिलीप झा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में अन्य आरोपी कार्यक्रम अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज हो सकती है।

गौरतलब है कि यह मामला 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक कोटा क्षेत्र के ग्राम शिवतराई में आयोजित सात दिवसीय एनएसएस शिविर से जुड़ा है। शिविर में कुल 159 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से केवल 4 छात्र मुस्लिम समुदाय से थे। आरोप है कि 31 मार्च को ईद के दिन सुबह हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाई गई थी।

इस घटना के बाद एबीवीपी और अन्य हिंदू संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। दबाव बढ़ने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्कालीन समन्वयक दिलीप झा को पद से हटाकर प्रो. राजेंद्र कुमार मेहता को नया एनएसएस प्रभारी नियुक्त किया था। साथ ही 12 कार्यक्रम अधिकारियों को भी हटा दिया गया था।

अब पुलिस की कार्रवाई ने इस मामले को और गंभीर मोड़ दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, आगे और भी गिरफ्तारियां संभव हैं, क्योंकि धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन और जबरन धार्मिक क्रियाकलाप कराने जैसे गंभीर आरोप मामले में शामिल हैं।

युवती ने प्रेमी के साथ मिलकर की मंगेतर की हत्या, जंगल में दफनाया शव, पुलिस ने कब्र खोदकर निकाली लाश

सरगुजा- छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां होने वाले मंगेतर को युवती ने प्रेमी के साथ मिलकर मौत के घाट उतारा. इसके बाद प्रेमी जोड़े ने शव को जंगल में दफना दिया था. यह मामला बतौली थाना क्षेत्र के ग्राम घोघरा का है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी प्रेमी जोड़े को हिरासत में लिया है.

जानकारी के मुताबिक, 6 मई को सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम जजगा के रहने वाले अमृत लकड़ा का विवाह पुष्पा केरकेट्टा पिता बसंतलाल घोघरा निवासी के साथ होने वाला था. विवाह से पहले 26 अप्रैल को होने वाले पति को बुलाकर युवती ने अपने प्रेमी गगन टोप्पो उर्फ बबलू, पिता मैनाराम ग्राम घोघरा निवासी के साथ मिलकर टंगिया से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया. वारदात को अंजाम देने के बाद शव को जमीन में दफना दिया था.

इधर अमृत लकड़ा के परिजनों ने 28 अप्रैल को थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने संदेह के आधार पर अमृत की होने वाली पत्नी पुष्पा और उसके प्रेमी गगन को हिरासत में लिया. पूछताछ के बाद प्रेमी जोड़े की निशानदेही पर पुलिस ने बेन्दोकोना के जंगल से अमृत लकड़ा के शव को बरामद किया।


एक महीना पहले रची थी हत्या की साजिश

बताया जा रहा कि लकड़ी के यहां चाचा की शादी थी. एक महीना पहले प्रेमी जोड़े ने अमृत लकड़ा की हत्या की साजिश रची थी. वारदात के बाद पकड़े जाने के डर से कल प्रेमी जोड़े ने बतौली स्थित एक दुकान से रस्सी खरीदी थी और आत्महत्या करने की योजना बनाई थी. आत्महत्या करने जा रहे प्रेमी जोड़े को सचिव ने देखा, इसके बाद उन्होंने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रेमी जोड़े को हिरासत में लिया है।

गर्भवती महिला की मौत, डॉक्टर की लापरवाही या और वजह ?? पुलिस ने शुरू की जांच

रायपुर/गरियाबंद-  छुरा विकासखंड में बीते दिनों एक गर्भवती महिला की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजनों ने गर्भवती महिला की मौत के पीछे डॉक्टर की लापरवाही और व्यवस्था पर आरोप लगाए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने दावा किया है कि महिला की हीमोटिप के कारण हुई है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महिला बेहोशी की हालत में भर्ती कराई गई थी लेकिन प्रारंभिक जांच की गई तब तक उनकी मृत्यु हो गई थी. महिला के शार्ट पीएम में ब्लू स्क्वाड पाए गए हैं. यानी महिला के शरीर में अंदरूनी चोट के निशान मिले है.

गर्भवती महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के मेमो और परिजनों के हंगामे के बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस पीएम रिपोर्ट और मिश्रा परीक्षण का इंतजार कर रही है, पीएम रिपोर्ट के बाद ही पुलिस मामले में आगे कार्रवाई करेगी. सूत्रों ने बताया कि फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर स्वास्थ्य विभाग के तात्कालिक पदस्थअधिकारी कर्मचारियों से तथा महिला के परिजनों से पूछताछ शुरू कर दी है.

बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने राज्यपाल डेका और CM साय से की मुलाकात, कर्रेगुट्टा में जारी एंटी-नक्सल ऑपरेशन जारी रखने का किया आग्रह

रायपुर- बस्तर अंचल के नक्सल पीड़ितों ने सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात कर सुरक्षाबलों द्वारा छत्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य की सरहद पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर चलाए जा रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन को जारी रखने की मांग की। पीड़ितों ने आवेदन सौंपते हुए कहा कि नक्सलियों की हिंसा से उन्होंने अपनों को खोया है, कोई आंखों की रोशनी गंवा चुका है तो कोई विकलांग हो गया है, लेकिन वे चाहते हैं कि कर्रेगुट्टा जैसे दुर्गम इलाकों में भी मुठभेड़ अभियान रुकना नहीं चाहिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा, “आज सुकमा, बीजापुर और कांकेर क्षेत्र के नक्सल पीड़ितों ने मुझसे मुलाकात कर एंटी-नक्सल ऑपरेशन को जारी रखने का अनुरोध किया। ये वही लोग हैं जो नक्सली हिंसा में घायल हुए, अपंग हुए, जिन्होंने अपनों को खोया। लेकिन दुख की बात यह है कि जो लोग दिल्ली तक इस अभियान को बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं, वे कभी इन पीड़ितों से मिलने तक नहीं आए और न ही इनकी पीड़ा सुनी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों ने राज्यपाल से भी भेंट कर यही मांग दोहराई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इन नागरिकों की सुरक्षा और न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और नक्सल विरोधी अभियान को और सशक्त रूप से जारी रखा जाएगा।

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में बीजापुर के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों का अब तक का सबसे बड़ा एंटी-नक्सल ऑपरेशन जारी है, जिसमें कई नक्सलियों के मारे गए है। 280 किमी के दायरे में कर्रेगुट्टा, दुर्गमगुट्टा, पुजारी कांकेर की पहाड़ियां और यह पूरा इलाका फैला हुआ है। जो नक्सली लीडर हिड़मा, देवा, दामोदर, विकास, सुजाता, आजाद जैसे बड़े हार्डकोर नक्सलियों का ठिकाना माना जाता है।

यहां LMG, AK-47, इंसास, SLR जैसे आधुनिक हथियारों से लैस करीब 1500 से 2000 नक्सलियों की मौजूदगी है। जिन्हें ढूंढने, एनकाउंटर करने छत्तीसगढ़ से DRG, CRPF, STF, कोबरा, बस्तर फाइटर्स के 10 हजार से ज्यादा जवान ऑपरेशन पर निकले हैं। हालांकि, तेलंगाना बैकफुट पर है। यहां स्थित CRPF की बटालियन केंद्र के निर्देश पर ऑपरेशन में शामिल है।

हर युवा के चेहरे की चिंता हमने पढ़ी, हर परिवार की पीड़ा हमने समझी और उसका समाधान करने का किया प्रयास : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल से छत्तीसगढ़ के 26 सौ से अधिक बीएड अर्हताधारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों के जीवन में खुशियां लौट आई है। प्रदेश सरकार ने बर्खास्त शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले से राज्य के 2600 से अधिक युवाओं का भविष्य एक बार फिर संवर गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास में बर्खास्त सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ग़जमाला पहनाकर उनके प्रति कृतज्ञता जताई।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और उनसे अपने दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों का और देश का भविष्य गढ़ना शिक्षकों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। आप सभी अपने दायित्व के प्रति सचेत हों और इस भूमिका में सर्वोच्च योगदान दें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की चिंता पहले दिन से की थी। आप हमारे प्रदेश के बच्चें है और आपके भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प हमने पहले से ले लिया था। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कदम छत्तीसगढ़ के भविष्य निर्माताओं को नया संबल देगा और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ये युवा शिक्षक आने वाले वर्षों में प्रदेश की नई पीढ़ी को दिशा देंगे और छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर अग्रसर करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह निर्णय शिक्षकों के उज्जवल, सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य की एक नई शुरुआत है।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के साथ आपके नौकरी के संबंध में लगातार चर्चा होती थी। हमारे मुखिया इतने संवेदनशील है कि उन्होंने पहले ही दिन कहा था कि जितना भी आर्थिक बोझ पड़े राज्य सरकार अपने युवाओं के भविष्य को खतरे में नहीं डालेगी। उन्होंने कहा कि आपके परिजन भी लगातार हमसे संपर्क कर अपनी चिंता व्यक्त करते थे और आज मुख्यमंत्री ने उन सभी की चिंता को दूर करते हुए अपना वादा निभाया। मुख्यमंत्री जी ने न केवल अपना वादा निभाया है बल्कि अपनी इच्छा शक्ति से सुशासन को स्थापित करने का कार्य किया है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के इस ऐतिहासिक निर्णय ने पूरे देश में मिसाल कायम की है।

इस अवसर पर युवाओं ने कहा कि नौकरी जाने के बाद वे अपने भविष्य को लेकर गहरी आशंका में थे और लगातार मानसिक पीड़ा झेल रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता ने उन्हें संबल दिया। शिक्षकों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हर बार उनकी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने हमसे वादा किया था कि हमारे बेटे-बेटियों का भविष्य सुरक्षित किया जाएगा और आज उन्होंने अपना वादा निभाकर एक अभिभावक की जिम्मेदारी पूरी की है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल युवा शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में सरकार ने वास्तव में सुशासन और संवेदनशीलता का परिचय दिया है। हमें गर्व है कि आज हमारे प्रदेश में ऐसी सरकार है जो हमारी पीड़ा को समझती है और संवेदनशीलता के साथ हमारी समस्याओं का समाधान करती है।