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भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले पर सबसे बड़ी खबर, दिए गए मुआवजे का प्रकाशन होगा

रायपुर- रायपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने आज अपने संभाग के सभी कलेक्टरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. रायपुर संभाग कलेक्टर कांफ्रेंस में भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजा को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत लोगों को मिले मुआवजे का प्रकाशन किया जाएगा. इसकी पूरी जानकारी कल जिला प्रशासन की वेबसाइट पर आ जाएगी. इससे पता चल जाएगा कि किस-किस को कितना मुआवजा मिला है.

मुआवजे का विवरण सार्वजनिक होने के बाद लोगों को दावा आपत्ति करने 15 दिन का समय दिया जाएगा. संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने बताया, भारतमाला के अलावा जितने प्रोजेक्ट्स के तहत मुआवजा दिया गया है सभी का प्रकाशन किया जाएगा. रायपुर और धमतरी जिले में 2019 से लेकर अब तक की जानकारी संकलित करने के आदेश दिए गए थे.

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 किमी सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की है. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया था.

क्या है भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा. इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

कृषि केंद्र संचालक की फंदे पर लटकी मिली लाश, मोबाइल कैमरा ऑन, कान में लगा था ईयरफोन, पुलिस हर एंगल से कर रही जांच…

गरियाबंद- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक 38 वर्षीय कृषि केंद्र ने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मृतक ने अपना मोबाइल कैमरा टेबल पर सेट कर कान में ईयरफोन लगाकर इस घटना को अंजाम दिया है. इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक के शव को पीएम के लिए भेज दिया है और मोबाइल जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पूरी घटना देवभोग मांझी पारा की है.

जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान जितेंद्र कुशवाहा (38 वर्ष) है. वह मैनपुर निवासी रिटायर्ड कृषि विस्तार अधिकारी R.D. कुशवाहा का इकलौता बेटा था. मृतक के परिवार में पत्नी और 2 बच्चे भी हैं. वह सप्ताह में 2 से 3 दिनों के लिए किराए के मकान में देवभोग आया करता था.

हर सप्ताह 2-3 दिन के लिए किराए के मकान में आता था युवक

रोजाना की तरह जितेंद्र का निजी स्टाफ आज सुबह मकान का दरवाजा खटखटाया, कॉल भी लगाया. डेढ़ घंटे बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला, तो उसने परिजनो और पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही मृतक के पिता और पुलिस मौके पर पहुंचे. देवभोग पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर अंदर प्रवेश किया तो जितेंद्र का शव फंदे पर लटकते मिला.

मोबाइल की छानबिन में जुटी पुलिस

थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि मामले में पंचनामा कर शव को पीएम के लिए भेजा जा रहा है. प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है. जिस तरह से मोबाइल टेबल में रखा हुआ है, कान में इयर फोन लगा हुआ है, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि घटना के वक्त किसी से वह ऑनलाइन या कॉल से जुड़ा हुआ था. फिलहाल मृतक के मोबाइल को जप्त कर जांच की जा रही है.

छत्तीसगढ़ में CGMSC घोटाला पार्ट-2! : बगैर मांग के स्वास्थ्य केंद्रों में लाखों की दवाएं डंप, कलेक्टर ने बनाई जांच टीम, हफ्तेभर में मांगी रिपोर्ट

गरियाबंद-  सीजीएमएससी ने बगैर मांग के गरियाबंद जिले के प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों में लाखों की दवा खपाई है. इसका खुलासा जनपद सदस्य माखन कश्यप ने पंचायत बॉडी के साथ उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया तब हुआ. कश्यप ने कहा, यह सीजीएमएससी के 550 करोड़ के चर्चित घोटाले की तरह पार्ट 2 घोटाला हो सकता है. इस मामले में कलेक्टर ने जांच टीम गठित कर हफ्तेभर के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

दो दिन पहले जिले के उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण जनपद सदस्य माखन कश्यप ने ग्राम सरपंच पंच के साथ किया था. केंद्र के पास में मौजूद आयुर्वेदिक अस्पताल के अंदर के बरामदे में 50 से ज्यादा बंद कार्टून और 20 से ज्यादा लूज कार्टून में दवाओं का ढेर पड़ा मिला. रखे गए दवाओं में आई की फ्लूट और पीलिया के मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की मात्रा ज्यादा थी. इसके अलावा अन्य सिरप, केनुला और ग्लब्स पड़े हुए मिले. जनपद सदस्य माखन कश्यप ने इसका वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेजा और सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया.

इस मामले में प्रथमिक स्वास्थ केंद्र प्रभारी सनत कुंभकार ने बताया कि नेशनल क्वालिटी एस्वेयर स्टेंडर्ड का मूल्यांकन होना है, जिसके चलते अस्पताल की साफ सफाई जिला अफसरों की अनुमति से करा रहे हैं. जरूरत से ज्यादा दवाएं हैं, जिसे सफाई तक रखने के लिए आयुर्वेद अस्पताल संस्थान से लिखित सहमति ली गई थी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बारिश के कारण कुछ दवाएं भीग गई है.


सालभर बाद भी खत्म नहीं होगी दवाएं

इस मामले में जनपद सदस्य माखन कश्यप ने जिले के ज्यादातर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बगैर मांग के इसी तरह करोड़ से ज्यादा कीमत के दवाएं मार्च के पहले सीजीएमएससी द्वारा खपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सीजीएमएससी के चर्चित घोटाले की तरह पार्ट 2 घोटाला हो सकता है. माखन कश्यप ने कहा कि दवाओं के भंडार में ज्यादातर ऐसी दवाएं इतनी मात्रा में भेजी गई है जो इस केंद्र में सालभर बाद भी खत्म नहीं होंगे. कश्यप का आरोप है कि इसमें ब्लॉक से लेकर जिलेभर का सारा तंत्र मिला हुआ है.

जांच टीम गठित, मौके पर पहुंचे एसडीएम

इस मामले में बड़े आरोप लगते ही कलेक्टर भगवान सिंह उईके ने जांच के निर्देश दिए हैं. जांच दल के प्रमुख देवभोग एसडीएम तुलसी दास को बनाया गया है. कलेक्टर के निर्देश के बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है.

साय कैबिनेट का बड़ा फैसला, बीएड सहायक शिक्षकों का होगा समायोजन, मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना होगी शुरू, जानिए अन्य फैसले…

रायपुर-  छत्तसीगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद की अहम बैठक संपन्न हुई। यह बैठक आज सुबह 11:30 बजे से अटल नगर नवा रायपुर स्थित मंत्रालय यानी महानदी भवन में आयोजित की गई। यह बैठक कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श के साथ संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

- मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का अहम निर्णय लिया गया है।

इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के विनिर्धारण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।

इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।

- प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।

- मंत्रिपरिषद ने रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ अब उक्त श्रेणी के किसानों को भी मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।

- बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनको अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।

अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार हटाये गए बी.एड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित किया जाएगा। समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा। कला/विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने हेतु 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन किया जाएगा।

समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों में उसके पश्चात सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तत्पश्चात अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा।

रायपुर में नल खुलने के समय आधे घंटे बिजली बंद करने की मांग, निगम कमिश्नर ने CSEB को लिखा पत्र

रायपुर- राजधानी रायपुर में पानी की किल्ल्त के कारण गुरूवार से सुबह और शाम के वक्त नुल खुलने के दौरान बिजली को आधे घंटे तक बंद करने की मांग कि गई है. इसके लिए निगम आयुक्त विश्वदीप ने बिजली विभाग के अफसरों को पत्र लिखा है। 

रायपुर निगम आयुक्त विश्वदीप का कहना है कि गर्मियों में पानी की जरूरत बढ़ने पर लोग टुल्लू पंप का इस्तेमाल करते हैं, इस कारण अंतिम छोर तक पर्याप्त मात्रा में जल आपूर्ति नहीं हो पाती है, जिससे लगातार अस्थायी जलसंकट के संबंध में शिकायते प्राप्त हो रही है. सभी नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जलप्रदाय की समयावधि सुबह 6:15 से 6:45 और शाम 6:15 से 6:45 बजे तक प्रतिदिन 1 मई से 15 जून 2025 तक प्रभावित स्थानों पर विद्युत सप्लाई बंद रखा जाना उचित होगा।

इन क्षेत्रों में बिजली बंद करने की मांग

मोचीपारा, सूर्यानगर, डबरापारा, बुनियाद नगर, विजय नगर, सतनामीपारा, बधवा तालाब पार का क्षेत्र, केबिनपारा, रामेश्वर नगर, दीनदयाल नगर, आकाश गैस गोडाउन क्षेत्र, संत कबीरदास वार्ड क्रमांक 03, यतियतन लाल गार्ड वार्ड क्रमांक 04, बंजारी माता यार्ड वार्ड क्रमांक 05, नेताजी कन्हैया लाल बंजारी वार्ड क्रमांक 15, नगर पट्टी शिवानंद नगर, वीर शिवाजी वार्ड क्रमांक 16, ठक्कर बापा वार्ड क्रमांक 17, बाल गंगाधर तिलक वार्ड क्रमांक 18, शंकर नगर वार्ड क्रमांक 30, मदर टेरेसा वार्ड क्रमांक 47, ब्राम्हणपारा वार्ड क्रमांक 44, डॉक्टर विपिन बिहारी सूर वार्ड क्रमांक 64, महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड क्रमांक 42, आदर्श नगर, महेश कॉलोनी, पुराना श्रीनगर क्षेत्र, दीक्षा नगर, तुलसी नगर, पार्वती नगर, प्रेम नगर, गुद्धियारी, शिवानंद नगर सेक्टर 03 और 04, अशोक नगर, उपरधारा, हनुमान पारा, दुर्गा नगर, गंगा नगर, न्यू शांति नगर, खम्हारडीह, श्याम नगर, सिविल लाइन, जय काली चौक, बलदाई गली, धोबीपारा सामुदायिक भवन, धोबीपारा, पंचपथ पारा चौक, सारथी चौक, मठपारा कुम्हारा पारा (आदर्श नगर के पास), मठपारा बजरंग चौक, दोमर पारा, गभरापारा (झूमुक लाल महोबिया स्कूल के पास), हनुमान नगर, चन्द्रशेखर नगर, करण नगर, पी एस सिटी नगर, भक्त माता कर्मा वार्ड क्रमांक 67, पण्डित वामन राव लाखे वार्ड क्रमांक 66, डॉ. खूबचंद बघेल वार्ड क्रमांक 68, मोरेश्वर राय गद्रे वार्ड क्रमांक 59, चन्द्रशेखर आजाद वार्ड क्रमांक 60, शहीद राजीव पाण्डेय वार्ड क्रमांक 62, शहीद ब्रिगेडियर उस्मान वार्ड क्रमांक 63, महामाया मंदिर वार्ड क्रमांक 65, शहीद मनमोहन सिंह वार्ड क्रमांक 23, सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड क्रमांक 24, शहीद नायक वार्ड क्रमांक 03, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वार्ड क्रमांक 19, रामकृष्ण परमहंस वार्ड क्रमांक 20, माधवराव सप्रे वार्ड क्रमांक 69, कुशाभाउ ठाकरे वार्ड क्रमांक 07, डॉ. भीमराव अंबेडकर वार्ड क्रमांक 11, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड क्रमांक 51, श्रीराम नगर, शिव नगर, संतोषी नगर क्षेत्र, मठपुरैना क्षेत्र, संजय नगर क्षेत्र, टिकरापारा क्षेत्र, मठपारा क्षेत्र, महंत तालाब क्षेत्र, ज्योति नगर, आम बगीचा क्षेत्र, गोपाल नगर गली नंबर 01 और 02, गोकुल नगर गली नंबर 05, खपरा भट्टी, भीम नगर, संकल्प वाटिका क्षेत्र, बगीचा क्षेत्र, प्रीतम नगर, छोटा अशोक नगर, बड़ा अशोक नगर, विकास नगर, साईनाथ कॉलोनी, छोटा भवानी नगर, बड़ा भवानी नगर क्षेत्र, सत्यम विहार कॉलोनी की गली नंबर 01 से 05 तक, यादव कॉलोनी, शिवाजी नगर, द्वारिका विहार, दया नगर, दुबे कॉलोनी, कापा बस्ती, ब्रम्हदेव नगर एवं सूरज नगर।

छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों को मिलेगी राहत, गृह मंत्री विजय शर्मा बोले- CAA के तहत पा सकेंगे भारतीय नागरिकता

रायपुर- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों (अलग-अलग वीजा रखने वालों) को देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था। इस बीच छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि राज्य में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारत की नागरिकता दी जा सकेगी।

गृहमंत्री ने बताया कि जो पाकिस्तानी अल्पसंख्यक छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं, उन्हें फिलहाल राज्य में रहने की अनुमति दी गई है और वे केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि सरकार इस मुद्दे को संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से देख रही है। हम इस प्रक्रिया में उनकी हर संभव मदद करेंगे।”

पाकिस्तानी हिंदुओं ने गृहमंत्री शर्मा से की थी मुलाक़ात.

गौरतलब है कि पाकिस्तानी हिंदुओं के एक समूह ने बीते शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी परेशानियां बताईं और मदद की गुहार लगाई थी। इन पीड़ितों में सिंध के घोटकी ज़िले के खानपुर निवासी सुखदेव लुंद भी शामिल थे। उन्होंने बताया, “हम लौटकर पाकिस्तान नहीं जाएंगे।”

सुखदेव, 45 दिन के विज़िटर वीज़ा पर रायपुर के शदाणी दरबार पहुँचे हैं। उनके साथ उनके परिवार सहित कुल 24 लोगों का समूह भी है। सुखदेव ने बताया कि वे आतंकी हमलों और अत्याचारों से परेशान होकर भारत पहुँचे हैं और रायपुर में शरण की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, आने के बाद बीते 48 घंटों में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले लगभग 100 अन्य पाकिस्तानी हिंदू भी रायपुर पहुँच चुके हैं, जिन्होंने भारत में स्थायी निवास की माँग की है, ताकि वे सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

पाकिस्तानी नागरिकों पर बढ़ी चिंता

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में रह रहे कुछ पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट करने की कार्रवाई शुरू हुई है। इस पृष्ठभूमि में छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं को लेकर स्थिति को स्पष्ट करना आवश्यक हो गया था। गृहमंत्री विजय शर्मा के इस बयान से राज्य के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को बड़ी राहत मिली है, जो वर्षों से भारत में स्थायी रूप से बसने की उम्मीद लगाए हुए हैं।

क्यों है यह फैसला अहम?

छत्तीसगढ़ में रह रहे ऐसे कई परिवार वर्षों से नागरिकता न मिलने की वजह से नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित रहे हैं। CAA के तहत उन्हें कानूनी मान्यता मिलने से उनके जीवन में स्थिरता और अधिकारों की प्राप्ति संभव हो सकेगी।

क्या है CAA?

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है, बशर्ते वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हों और उन्हें वहां धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो।

कैबिनेट का ऐतिहासिक निर्णय, सीधी भर्ती 2023 में सेवा समाप्त 2621 बीएड अर्हताधारी सहायक शिक्षकों का सहायक शिक्षक विज्ञान के पद पर समायोजन

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने 2023 की सीधी भर्ती में सेवा समाप्त किए गए 2621 बी.एड. डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। अब इन सभी शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित किया जाएगा। यह फैसला राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

सरकार के इस फैसले से न सिर्फ हजारों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षा मिली है, बल्कि स्कूलों में विज्ञान विषय की प्रयोगात्मक शिक्षा को भी मजबूती मिलेगी। लंबे समय से समायोजन की मांग कर रहे शिक्षकों और उनके परिवारों में इस निर्णय से खुशी की लहर है।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ऑनलाइन किराया लेने वाला भारत में पहला राज्य, अध्यक्ष सलीम राज बोले-

रायपुर- छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड देश का ऐसा पहला वक्फ बोर्ड बन गया है., जो अब वक्फ संपत्ति का किराया ऑनलाइन लेगा. छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए बताया कि वक्फ की संपत्ति और वक्फ बोर्ड के बीच बिचौलियों को खत्म करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के तहत प्रदेश के सभी जिलों की मस्जिदों का अकाउंट ऑनलाइन खुलवाया गया है.

उन्होंने बताया कि नए निर्देश के अनुसार, जितने भी किरायेदार हैं, उन्हे पेमेंट कैसे करना है, उनके दिए गए किराए के पैसों का क्या उपयोग होगा, यह भी बताया गया है. सलीम राज ने कहा कि छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पास अब तक 5 लाख रुपए भी किराया नहीं आता था. लेकिन अब ऑनलाइन व्यवस्था से सैकड़ों-करोड़ों में किराया आने की पूरी उम्मीद है. वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ेगी, तो गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों का उत्थान होगा.

भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला : दशमेश बिल्डर्स के दफ्तर पहुंची EOW की टीम, दस्तावेजों की जांच जारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में 220 करोड़ का मुआवजा घोटाला मामले को लेकर EOW ने एक और बिल्डर के ऑफिस में दबिश दी है. EOW आज तेलीबांधा स्थित दशमेश बिल्डर्स के ऑफिस पहुंचकर दस्तावेजों की छानबिन कर रही है. दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कई पार्टनर्स में भावना कुर्रे और हरमीत सिंह खनूजा (गिरफ्तार आरोपी) भी शामिल हैं. भावना कुर्रे अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी हैं. EOW ने 25 अप्रैल को छापेमारी के दौरान दशमेश बिल्डर्स के दफ्तर को सील कर दिया था, जहां आज दस्तावेजों की जांच जारी है.

बता दें, ACB/EOW ने 25 अप्रैल को प्रदेश के दुर्ग, रायपुर जिले में करीब 18 से 20 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इस दरौन रायपुर के दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दफ्तर में भी दबिश दी गई थी. लेकिन दफ्तर बंद होने की वजह से ACB/EOW ने दफ्तर को सील कर दिया था. इसके बाद आज EOW की टिम यहां फिर पहुंची है. फिलहाल जांच कर कागजात खंगाल रही है. 

मामले में 4 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण में हुई गड़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने 26 अप्रैल को बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन शामिल हैं. इन आरोपियों को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था, जहां कोर्ट ने EOW की मांग पर चारों को 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है. फिलहाल ACB/EOW इन चारों से हिरासत में पूछताछ कर रही है. 

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.

220 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला

बता दें, शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हासिल की थी. वहीं मामले की विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़कर 220 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. अब तक लगभग 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड जांच एजेंसी को मिल चुका है. 

दिल्ली से दबाव के बाद खुला मामला

बताया जाता है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ. मुआवजे के तौर पर 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम सामने आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा था. लेकिन जांच सालों तक अटकी रही. दिल्ली से पड़े दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि मूल मुआवजा 35 करोड़ के आसपास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया.

भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा.

इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

कर्रेगुट्टा में एंटी नक्सल ऑपरेशन के बीच गृहमंत्री शर्मा ने शांति वार्ता को लेकर जताई सख्त नाराजगी, कहा-

रायपुर- छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज राजधानी रायपुर में प्रेसवार्ता के दौरान तेलंगाना सीमा से लगे कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में बीते 8 दिनों से जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन और शांति वार्ता को लेकर बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री शर्मा ने कहा, “आज जब तेलंगाना वाले फंस रहे हैं तो पीड़ा जताई जा रही है, लेकिन जब छत्तीसगढ़ के आदिवासी मारे गए, तब किसी को पीड़ा नहीं हुई। राज्य में नक्सल मुठभेड़ों में अब तक 400 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं, तब कोई वार्ता की बात नहीं कर रहा था।”

गृहमंत्री शर्मा ने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने वाले संगठनों पर सवाल उठाते हुए कहा, “आखिर ये लोग होते कौन हैं? कौन है ये लोग जो वार्ता की बात कर रहे हैं? दाल में जरूर कुछ काला है।” शर्मा ने यह भी पूछा कि नक्सली यह स्पष्ट करें कि उनकी तरफ से बातचीत के लिए कौन प्रतिनिधित्व करेगा।

बता दें कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा से लगे कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में एंटी नक्सल ऑपरेशन बीते 9 दिनों से जारी है। यहां पांच राज्यों के सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के बड़े लीडरों को घेर रखा है। अब तक 5 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है। इनमें से 3 महिला नक्सलियों के शव बरामद किये जा चुके हैं।