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पाकिस्तानी मां-बेटी को मिली भारत की नागरिकता… PM मोदी को दिया धन्यवाद

पाकिस्तान की एक मां-बेटी को भारत की नागरिकता मिली है. नागरिकता मिलने के बाद बाद बेटी महक ने कहा कि हिंदुस्तान सबसे अच्छा है. आतंकियों को गोली मार देनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उन्होंने धन्यवाद दिया और कहा कि मोदी का बहुत-बहुत धन्यवाद हमें नागरिकता मिली. उन्हें उनका वीजा खत्म होने पर पाकिस्तान जाना पड़ा था, जिससे उनकी पढ़ाई छूट गई थी.

महक के पिता ने कहा पाकिस्तान से जंग जरूरी नहीं आतंकियों को खत्म करना चाहिए. मेरी ससुराल जरूर पाकिस्तान में है, लेकिन मैं पाकिस्तान नहीं जाता हूं. मुझे पाकिस्तान पसंद नहीं है. उनके परिवार ने आतंकवादी घटना पर दुख जाहिर किया. उनके परिवार का कहना सरकार ने जो सख्त आदेश दिए हैं कि हिंदुस्तान में रह रहे पाकिस्तानियों को हिंदुस्तान छोड़ना पड़ेगा.

महक के परिवार ने क्या कहा?

उन्होंने कहा कि आदेशों में बदलाव जरूरी हैं. क्योंकि जिन लोगों की पाकिस्तान में रिश्तेदारी है. वह लोग अपनों से मिलने के लिए बहुत परेशान हैं. अब वह लोग शादी में भी हिंदुस्तान नहीं आ सकेंगे और हिंदुस्तान से पाकिस्तान नहीं जा सकेंगे. ऐसे बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. आतंकवादी हमले में ऐसे लोगों का कोई दोष नहीं है, जिन्होंने गुनाह किया है. उन्हें सजा मिले. वीजा बंद होने से बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एक समय था जब पाकिस्तान में जन्मी महक और उनकी मां शबाना को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया था. दोनों मां-बेटी फूट-फूटकर रोई थीं, लेकिन अब उन्हें भारत की नागरिकता मिल गई है और वह खुद को गर्व से हिंदुस्तानी कहती हैं. महक कहती हैं, “हिंदुस्तान से बढ़कर कोई देश नहीं है, पाकिस्तान अच्छा देश नहीं है,

महक और शबाना की कहानी

दअरसल, शबाना की शादी 24 अगस्त 1986 को बरेली के रहने वाले यूसुफ अली खान से हुई थी. शादी कराची में हुई थी, जब भारत-पाकिस्तान के संबंध थोड़े सामान्य थे. शादी के बाद जब शबाना कराची अपने मायके गईं, तो वहां महक का जन्म हुआ. पाकिस्तान में जन्म लेने की वजह से महक को वहीं की नागरिकता मिल गई. कुछ महीने बाद जब वह बरेली लौट आईं, तो उन्हें भारत में रहने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा.

देश निकाला और फिर से वापसी

2001 में जब उनका वीजा खत्म हुआ, तो पुलिस ने मां-बेटी को हिरासत में लेकर पाकिस्तान भेज दिया. महक उस समय हाईस्कूल की छात्रा थीं. उन्हें अपने पिता से मिलने का भी समय नहीं मिला. सिर्फ एक जोड़ी कपड़े लेकर उन्हें वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान भेजा गया. वहां कोई संपर्क नहीं था, लेकिन सौभाग्य से एक मामा ने टीवी पर उन्हें पहचान लिया और घर ले गए. इसके बाद उनकी पढ़ाई भी छूट गई.

2017 में मिला हक़

कई सालों की भागदौड़ के बाद 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के प्रयासों से शबाना और महक को भारतीय नागरिकता मिल गई. यूसुफ अली खान बताते हैं कि उन्हें 31 साल तक अधिकारियों के चक्कर काटने पड़े. उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का आभार जताया. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर महक और शबाना ने गहरा दुख जताया. शबाना ने कहा, “जिस तरह हमारे भाइयों की हत्या हुई, वह बेहद दर्दनाक है. ऐसे आतंकियों को प्रधानमंत्री मोदी घर-घर से निकालकर गोली मार दें.” महक ने कहा, “ये आतंकवादी इंसान नहीं हैं, इन्हें एक-एक करके खत्म कर देना चाहिए.”

बंटवारे से टूटा परिवार

यूसुफ ने बताया कि 1947 के बंटवारे में उनका परिवार बिखर गया था. उनके मामा, मौसी और चाचा पाकिस्तान चले गए थे. शबाना, उनकी मौसी की बेटी हैं. परिवार को जोड़ने के लिए ही यूसुफ की शादी शबाना से कर दी गई. अब उनके चार बच्चे हैं, जिनमें से सिर्फ महक का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. अब महक की शादी हो चुकी है और उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें 15 वर्षीय सुहाना, 12 वर्षीय फिरजा और 5 वर्षीय बानिया है. महक ने कहा, “मुझे पाकिस्तान कभी अच्छा नहीं लगा. मुझे हिंदुस्तान से मोहब्बत है. यहीं मेरी परवरिश हुई, यहीं मेरा घर है.”

नागरिकता मिलने के बाद सुकून

अब यह परिवार बरेली के किला थाना क्षेत्र के मलूकपुर में सुकून की जिंदगी बिता रहा है. यूसुफ ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, “भारत हमारा देश है, यहां सब मिलजुलकर रहते हैं. हमें किसी बात की कोई परेशानी नहीं है. मोदी सरकार ने जो किया, उसके लिए दिल से शुक्रिया.”

लालू यादव के परिवार की अजब लीला…ताड़ी पर जीतन राम मांझी ने तेजस्वी पर साधा निशाना

बिहार में ताड़ी पर प्रतिबंध हटाने को लेकर राज्य में सियासत तेज हो गई है. ताड़ी पर बयानबाजी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के परिवार की अजब लीला है, पहले तेजस्वी यादव ताड़ी पर प्रतिबंध लगाते हैं और अब उसको हटवाने का ढोंग रच रहे हैं.

दरअसल जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि तेजस्वी यादव जब सरकार में उपमुख्यमंत्री थे तो ताड़ी पर प्रतिबंध लगाकर लाखों ताड़ के पेड़ को कटवा दिया. बेगुनाह पासी समाज के लोगों पर ज़ुल्म करवाया गया. वहीं अब जब चुनाव का समय आ गया तो कंधे पर लबनी बांधकर कह रहे हैं कि ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाएंगे. जब प्रतिबंध हटाना ही था तो लगवाया क्यों? बताईए ना जी.

ताड़ी प्राकृतिक उत्पाद: चिराग पासवान

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि ताड़ी एक ‘प्राकृतिक उत्पाद’ है और इसे शराब की श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए. बिहार में शराब प्रतिबंधित है. चिराग पासवान विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के उस वादे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) आगामी विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में आती है तो ताड़ी पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा.

ताड़ी को शराब नहीं माना जाना चाहिए

चिराग पासवान ने कहा कि मैंने कई बार कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी के तौर पर मेरी पार्टी राज्य में सरकार का समर्थन कर रही है, लेकिन वह यहां शासन का हिस्सा नहीं है. मैं निश्चित रूप से मानता हूं कि ताड़ी एक प्राकृतिक उत्पाद है और इसे शराब नहीं माना जाना चाहिए. ताड़ी का व्यवसाय राज्य में परंपरागत रूप से पासवान समुदाय से जुड़ा रहा है.

ताड़ी पर क्या बोले तेजस्वी यादव?

तेजस्वी यादव ने पटना में रविवार को पासी समुदाय के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि शराबबंदी कानून ने उस समुदाय को प्रभावित किया है, जिसकी आजीविका का एकमात्र साधन ताड़ी निकालना था.ताड़ी पर प्रतिबंध हटाने का वादा करते हुए यादव ने कहा कि पासी समुदाय पीढ़ियों से यह काम करता आ रहा है और उनके पास आजीविका कमाने के लिए कोई अन्य कौशल या कृषि भूमि नहीं है.

अयोध्या में हनुमानगढ़ी से राम जन्मभूमि तक बन रहा ‘बजरंग पथ’, जानिए पूरा प्लान

अयोध्या में राम भक्तों के लिए एक नई सौगात तैयार हो रही है. श्रद्धालुओं के लिए अब हनुमानगढ़ी से राम जन्मभूमि मंदिर तक पहुंचने का रास्ता और भी आसान होने जा रहा है. जी हां, अयोध्या में बन रहा है 290 मीटर लंबा ‘बजरंग पथ’, जो कि हनुमानगढ़ी के निकास द्वार को सीधे श्रीराम जन्मभूमि पथ से जोड़ेगा. अब तक भक्तों को रामलला के दर्शन करने के लिए हनुमानगढ़ी की संकरी गलियों और भारी भीड़ भाड़ वाले रास्तों से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन अब इस नए मार्ग के बनने से श्रद्धालुओं को सीधा, सुगम और व्यवस्थित रास्ता मिलेगा.

बजरंग पथ’ की खास बात यह है कि इसका लगभग 45 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और प्रशासन इसे जल्द से जल्द श्रद्धालुओं के लिए खोलने की तैयारी में जुटा है. हनुमानगढ़ी, अयोध्या का प्रमुख धार्मिक स्थल है. यहां दर्शन करने के बाद अधिकतर श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आगे बढ़ते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए बजरंग पथ के निर्माण का निर्णय लिया गया. लगभग 70 से 80 श्रमिक प्रतिदिन इस कार्य में लगे हुए हैं ताकि समय पर काम पूरा हो सके.

150 मीटर के हिस्से पर रुका काम

निर्माण कार्य के दौरान भी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, जिससे लोग आसानी से आवागमन कर सकें. हालांकि, इस कार्य में कुछ बाधाएं भी सामने आई हैं. खासकर जमीन के विवाद के चलते लगभग 150 मीटर के हिस्से पर निर्माण कार्य रुका पड़ा है. कई भवन स्वामियों और अस्थायी दुकानदारों के अतिक्रमण की वजह से प्रशासन को रास्ता बनाने में परेशानी हो रही है.

जल्द हो जाएगा ‘बजरंग पथ’ का निर्माण

बावजूद इसके, प्रशासन ने विवादित 55 मीटर भूमि को छोड़कर शेष हिस्से पर तेजी से निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. बजरंग पथ से जुड़ने के बाद श्रद्धालु केवल 290 मीटर की दूरी तय करके हनुमानगढ़ी से राम जन्मभूमि पहुंच सकेंगे. पहले जो दूरी लंबी और भीड़भाड़ वाली थी. वह अब एक सुंदर और सुव्यवस्थित मार्ग के जरिये मिनटों में तय की जा सकेगी. जल्द ही इस पथ का निर्माण पूर्ण होते ही अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को एक नई सुविधा मिलेगी. यह न केवल आस्था का मार्ग बनेगा, बल्कि अयोध्या की धार्मिक पर्यटन को भी एक नई उड़ान देगा.

जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान में बैठे आतंकियों पर एक्शन, कई जिलों में पुलिस की छापेमारी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक के बाद भारत अलर्ट मोड में है और आतंकवाद का सफाया करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है. इसी के चलते जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. पुलिस ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के घरों पर डोडा और किश्तवाड़ में छापेमारी की.

पुलिस ने डोडा के 13 ठिकानों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी डोडा जिले के भद्रवाह, भल्ला, गंदोह और साजान इलाके में अंजाम दी गई है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंक पर व्यापक कार्रवाई की जा रही है. डोडा के साथ ही किश्तवाड़ के जिलों में भी विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है.

कई आतंकवादियों के घरों पर एक्शन

जहां एक तरफ पुलिस ने डोडा और किश्तवाड़ में आतंकवादियों के घरों पर छापेमारी की है. वहीं, कई आतंकवादियों के घरों पर ढेर भी कर दिया गया है. हाल ही में बांदीपोरा, पुलवामा और शोपियां जिलों में तीन कथित सक्रिय आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है. इसके साथ ही अब तक आतंकवादियों के 9 घरों पर एक्शन लिया गया है और इनके घरों को ध्वस्त कर दिया गया है.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद विरोधी अभियान को तेजी से चलाया जा रहा है. इसी के तहत सुरक्षा बलों ने सिर्फ 5 दिन में घाटी में 500 से अधिक स्थानों पर छापे मारे हैं और सैकड़ों संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है.

26 लोगों की गई जान

पहलगाम में 22 अप्रैल को हमला हुआ था. इस हमले में 26 टूरिस्ट की जान गई थी, जिनमें 2 विदेशी टूरिस्ट भी शामिल थे. इसी के बाद से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. भारत ने जहां एक तरफ पाकिस्तानियों के लिए वीजा रद्द कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ सिंधु जल संधि को भी स्थगित कर दिया है. पानी रोकने के बाद से ही दोनों देशों के बीच सियासी तनाव बढ़ गया है.

NIA को सौंपी गई जांच

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई है, इसी के चलते NIA ने FIR दर्ज कर जांच तेज कर दी है. क्राइम स्पॉट से मिले सैंपल को NIA ने फॉरेंसिक लैब भेज दिया है. इसके साथ ही जांच एजेंसी ने सभी चश्मदीद के बयान दर्ज करना भी शुरू कर दिए हैं. NIA के IG, DIG , SP स्तर के अधिकारी लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. साथ ही हमले में मारे गए लोगों के परिवार के बयान भी दर्ज किए जाएंगे.

कब शादी करेंगी महाकुंभ की वायरल गर्ल मोनालिसा… खुद दिया जवाब

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ से चर्चा में आई मोनालिसा काफी फेमस हो गई हैं. तब से वह सुर्खियों में बनी रहती हैं. अक्सर उनके वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया पर सामने आते रहते हैं. महाकुंभ के बाद उन्हें फिल्म से लेकर म्यूजिक वीडियो तक का ऑफर मिल चुका है. उन्होंने डायरेक्टर सनोज मिश्रा के साथ फिल्म साइन की थी. साथ ही सिंगर उत्कर्ष के साथ नई म्यूजिक वीडियो भी अनाउंस की थी.

महाकुंभ के बाद से मोनालिसा इतनी मशहूर हो गई हैं कि कई लोग उनके फैन भी हो गए हैं. लोग उनके बारे में जानने चाहते हैं. ऐसे में लोग ये भी जानना चाहते है कि मोनालिसा कब शादी करेंगी. अब मोनालिसा ने अपनी शादी को लेकर जवाब दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने बताया कि शादी को लेकर उन्होंने क्या फैसला लिया है.

शादी के सवाल पर दिया ये जवाब

मोनालिसा ने हाल ही में खुद ही अपने नया म्यूजिक वीडियो की अनाउंसमेंट की थी. अब उन्होंने शादी के सवाल पर बात करते हुए कहा कि मम्मी पापा मना करते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी शादी को लेकर मेरे मम्मी पापा अभी मना करते हैं. मैं भी मना करती हूं. क्योंकि मुझे शादी नहीं करनी हैं. मेरे वायरल होने से पहले ही मेरे मम्मी पापा ने कह दिया था, जब तुम कहोगी तब ही शादी होगी और मैं भी उनको कहती थी कि मैं तो कभी हां नहीं कहूंगी. मैं कभी शादी नहीं करूंगी. मम्मी पापा को छोड़कर कौन जाएगा.”

इंस्टाग्राम पर रहती हैं एक्टिव

उनकी इस बात से ये जाहिर होता है कि अभी उनका शादी का कोई इरादा नहीं है. मोनालिसा अभी अपने करियर की शुरुआत करने जा रही हैं. जल्द ही वह सिंगर उत्कर्ष के साथ म्यूजिक वीडियो में मोनालिसा नजर आने वाली हैं. मोनालिसा इंस्टाग्राम पर भी काफी मशहूर हैं. उनके हजारों फॉलोअर्स हैं. वह खुद भी इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी वीडियो, फोटो भी शेयर करती रहती हैं.

पाकिस्तानियों का वापस लौटने का आज आखिरी दिन, अटारी बॉर्डर पर लंबी लाइन, कई लोग हो रहे परेशान

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे. सरकार के आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश भेजने का काम तेजी से किया जा रहा है. देश के कई राज्यों में मौजूद पाकिस्तानियों में कुछ लौट चुके हैं तो कुछ लौटने के लिए अभी भी बॉर्डर पर मौजूद हैं.

भारत के कड़े रुख के बाद से अब भारतीय भी पाकिस्तान से वापस स्वदेश लौट रहे हैं. पिछले तीन दिनों में अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते 450 से अधिक भारतीय वापस अपने देश लौटे हैं.

अब तक कितने नागरिक वापस लौटे

सरकार के आदेश के बाद अटारी-वाघा इंटरनेशनल बॉर्डर से अब तक पाकिस्तान वापिस लौटे और भारत वापस आए लोगों में 24 अप्रैल को 28 नागरिक अपने देश वापस लौटे थे तो वहीं 105 भारतीय नागरिक भारत वापस आए थे.

25 अप्रैल को 191 पाकिस्तानी नागरिक और 287 भारतीय नागरिक, 26 अप्रैल को 75 पाकिस्तानी नागरिक 335 भारतीय नागरिक वापस आए थे. इस समय भी अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान लौटने वालों की भारी भीड़ है. सरकार के अल्टीमेटम खत्म होने से पहले हर पाकिस्तानी नागरिक अपने देश वापस लौटना चाहता है. यही कारण है कि लोग ऑटो में सवार होकर बॉर्डर की तरफ जा रहे हैं.

सरकरी की डेडलाइन का अंतिम दिन

भारत सरकार के आदेश वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी बॉर्डर के जरिए आज 27 अप्रैल तक पाकिस्तान लौटना ही होगा. इन समय सीमा का ध्यान रखते हुए राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में मौजूद पाकिस्तानियों को खोज-खोज कर वापस भेज रही हैं. दिल्ली, मुंबई, बिहार, यूपी, उत्तराखंड में मौजूद पाकिस्तानियों को वापस भेजने के लिए पुलिस भी लगी हुई है.

डेडलाइन खत्म होने के बाद होगी कार्रवाई

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश तेज हो गई है. केंद्र सरकार चाहती है कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय समय से ज्यादा भारत में न रहे, इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है. भारत सरकार की डेडलाइन खत्म होने के बाद भारत रह रहे पाकिस्तानियों का रहना गैरकानूनी माना जाएगा. इसलिए ये भी साफ है कि अगर कोई पाकिस्तानी डेडलाइन के बाद भी भारत में पाया जाता है तो उस कार्रवाई की जाएगी.

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी. उन्होंने साफ कहा था कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय समय से ज्यादा देश में नहीं रहना चाहिए. यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है.

पहलगाम हमले के बाद हिमाचल में मिला पाकिस्तान एयरलाइंस का गुब्बारा, मचा हड़कंप; पुलिस ने शुरू की जांच

जम्मु कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं. इसी बीच शनिवार को पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक मॉडल गुब्बारा मिला.

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का मॉडल गुब्बारा हमीरपुर और बिलासपुर की सीमा पर स्थित बड़सर थाना क्षेत्र के रैली जजरी पंचायत अंतर्गत करनेहड़ा गांव में मिला. गांव में मॉडल गुब्बारा मिलने से हड़कंप मच गया. स्थानीय पंचायत के प्रधान ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. जानकारी मिलने के बाद बड़कर पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई प्रकाश ठाकुर टीम के साथ मौके पर पहुंचे.

पुलिस ने शुरू की जांच

इसके बाद पुलिस ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के मॉडल गुब्बारे को कब्जे में लिया और जांच शुरू कर दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये मॉडल गुब्बारा कहां से आया. इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है. गुब्बारे में पाकिस्तान का लोगो और अन्य चिन्ह साफ-साफ नजर आ रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है.

हमीरपुर के एसपी ने क्या बताया

इस मामले में हमीरपुर जिले के एसपी भगत सिंह ने बताया कि बड़सर थाना क्षेत्र के रैली जजरी पंचायत अंतर्गत करनेहड़ा गांव में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक मॉडल गुब्बारा मिलने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और गुब्बारे को कब्जे में लिया. गुब्बारे में उपयोग की गई सामग्री की भी जांच की जा रही है. जल्द ही पता लगा लिया जाएगा कि ये कहां से आया और इसके पीछे का मकसद क्या है.

बम से उड़ाने की भी मिली थी धमकी

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को हमीरपुर के उपायुक्त ऑफिस को बम से उड़ा देने की धमकी मिली थी. फिर इसके अगले ही दिन शनिवार को गुब्बारा मिलने का मामला सामने आया. ऐसे में अब सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है.

42 डिग्री तापमान, तपती छत… बुजुर्ग मां को बेसहारा छोड़ गए बेटा-बहू, रुला देगी ये कहानी

मध्य प्रदेश के जबलपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां भीषण गर्मी पड़ रही है, तापमान 42 डिग्री पार कर चुका है. वहीं एक 95 वर्षीया बुजुर्ग मां को उसके अपने बेटे और पोते ने ठंड बरसात हो या भीषण गर्मी सभी मौसम में खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया. एक पुरानी खाट, एक फटी हुई तिरपाल और कुछ टूटे-फूटे बर्तन के सहारे उसके जीवन की संध्या वेला गुजर रही है. इतना ही नहीं वो बासी रोटियों और गंदे पानी के सहारे अपने जीवन के अंतिम पड़ाव के दिन और रात गुजार रही है.

कभी जिस मां ने अपने बेटे को धूप से बचाने के लिए अपनी चुनरी फैलाई थी. उन्हीं बेटों ने उसे झुलसा देने वाली धूप में मरने के लिए छोड़ दिया. पहले प्यार से रहने वाली इस मां को अब अपने ही घर में जगह नहीं मिली. जमीन-जायदाद बेटे के नाम होते ही मां का मूल्य समाप्त हो गया. एक समय था जब बेटा उसकी गोद में सिर रखकर मीठी नींद सोता था. आज वही बेटा उसकी आखिरी सांसे गिनने के लिए खुले आसमान के नीचे तिल-तिल मरने को मजबूर कर दिया.

जब कॉलोनी वासियों ने वृद्धा को देखा और उसका दर्द महसूस किया तो उनका दिल कांप उठा. किंतु डर और असहायता के कारण खुलकर सामने नहीं आ सके. आखिरकार, एक गुमनाम पत्र के जरिये कलेक्टर दीपक सक्सेना को इस अमानवीय कृत्य की सूचना दी गई. पत्र में लिखा था “माँ को आग की भट्टी में झोंक दिया गया है. वे छत पर जलती हुई जमीन पर बैठी हैं, नन्हीं सी छांव भी नसीब नहीं.”

तपती धूप में छत पर बैठी बुजुर्ग मां

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने तुरंत एक्शन लिया. तहसीलदार और पुलिस टीम को भेजा गया. जब टीम वहां पहुंची तो जो हृदय विदारक दृश्य सामने आया, उसने हर किसी का दिल दहला दिया. एक कांपती, डरी-सहमी बूढ़ी मां फटी हुई तिरपाल के नीचे सिकुड़ी बैठी थी. पैरों के नीचे तपती हुई छत, सिर पर आग बरसाता सूरज. लेकिन उसके चेहरे पर कोई शिकवा नहीं. बस एक अजीब सी खामोशी थी. जैसे मां अपने ही बच्चों के हाथों मिले इस दर्द को चुपचाप सह रही थी.

पड़ोसियों ने डीएम को लिखा पत्र

कलेक्टर के आदेश पर जब तहसीलदार पुलिस के साथ रेस्क्यू करने पहुंची तो पोते और बहु ने मना कर दिया कि कुछ भी ऐसा नहीं है. लेकिन जब अधिकारियों ने ऊपर जाकर देखा तो होस पाख्ता हो गए. पुलिस ने तुरंत वृद्धा को रेस्क्यू किया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. पड़ोसियों की मांग पर उसे वृद्धाश्रम में रखने की प्रक्रिया शुरू की गई, जहां उसे कम से कम एक सम्मानजनक जीवन मिल सकेगा.

क्या मां को नहीं समझ पाए नादान?

“मां” शब्द का मतलब केवल जन्म देना नहीं है वह त्याग है, समर्पण है और ममता की छांव है. मां के बिना जीवन अधूरा है, और मां की उपेक्षा करके कोई भी सुखी नहीं रह सकता. जिस मां ने अपने बेटे को सींचा, उसे दुनिया से लड़ना सिखाया. वही मां जब वृद्धावस्था में सहारा मांगती है तो उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार होना, समाज के पतन का संकेत है. क्या हम मां शब्द की गहराई को सच में समझते हैं? मां को केवल शब्दों में नहीं, अपने आचरण में सम्मान देना ही उसकी सच्ची पूजा है.

भागलपुर: छात्रों ने चिढ़ाया तो भड़क गया BPSC टीचर, जमकर की पिटाई; मच गया बवाल

बिहार के भागलपुर जिले के नाथनगर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय दोगच्छी से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षक ने स्कूल परिसर में जमकर उत्पात मचाया. शिक्षक ने बच्चों से लेकर अभिभावकों तक पर हमला कर दिया. ये घटना शुक्रवार की है.

दरअसल, स्कूल के टीआरई-1 के तहत नियुक्त शिक्षक सवेंद्र कुमार ने अचानक अपना आपा खो दिया और छात्रों को पीटना शुरू कर दिया. जानकारी के अनुसार, छात्र शिक्षक को चिढ़ाते थे. इसी से गुस्सा होकर उसने छात्रों को पीटना शुरू कर दिया. घटना में एक छात्र की आंख के पास गंभीर चोट आई, जिसकी शिकायत लेकर उसके अभिभावक और जिला परिषद सदस्य धनंजय मंडल स्कूल पहुंचे, लेकिन बात संभलने के बजाय और बिगड़ गई.

पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में लिया

सवेंद्र कुमार ने उन पर ईंट-पत्थर चलाना शुरू कर दिया. यही नहीं शिक्षक ने स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य पर भी लाठी से हमला करने की कोशिश की हालात बिगड़ते देख ग्रामीणों ने किसी तरह सवेंद्र को काबू में किया. उसके हाथ-पैर बांधे और स्कूल गेट के बाहर छोड़ दिया. घटना की सूचना के बाद मौके पर डायल 112 की टीम पहुंची और सवेंद्र को हिरासत में लेकर स्कूल से ले गई.

प्रिंसिपल बोले- उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी

इस मामले में प्रधानाचार्य सतीश कुमार ने बताया कि सवेंद्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसकी जानकारी पहले ही शिक्षा विभाग को दी जा चुकी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं घटना के बाद स्कूल में डर और तनाव का माहौल है. स्थानीय लोग शिक्षक को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं.

साल 2023 में किया गया था चयन

बता दें कि शिक्षक मूलरूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. शिक्षक सवेंद्र कुमार को साल 2023 के नवंबर में कक्षा पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए चुना गया था, लेकिन सवेंद्र को क्लास तीन तक के बच्चों को ही पढ़ाने के लिए बोला जाता था. शिक्षक पर आरोप लगाया गया है कि वो बच्चों के साथ मारपीट करने लगा था. प्रधानाचार्य ने कई बार उसके ट्रांसफर की शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

पिता की अर्थी को तीन बेटियों ने दिया कंधा, मुखाग्नि देकर नम आंखों से दी विदाई… गांव वालों ने कही ये बात

छत्तीसगढ़ के धमतरी में वक्त के साथ बेटियां भी हर वो सभी काम कर रही हैं, जो सिर्फ बेटे ही करते थे. वक्त के साथ समाज की सोच भी बदल रही है. बेटियां पिता की अर्थी को कंधा देने के साथ मुखाग्नि दे रही हैं. ऐसा ही वाक्या धमतरी के सिर्री गांव मे देखने को मिला. परंपराओं से हटकर तीन बेटियों ने अपने पिता को कंधे देकर मुक्तिधाम तक ले कर गए और मुखाग्नि दी. मृतक का कोई बेटा नहीं था. इसलिए बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया.

धमतरी जिले के कुरुद विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले भारत साहू का शुक्रवार निधन हो गया. वह 48 साल के थे. पिछले कुछ दिनों से वो बीमार थे, जिनका इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. यहां उन्होंने अंतिम सांस ली. भारत साहू की तीन बेटियां हैं. डाकेश्वरी साहू, होमिता साहू और भूमिता साहू है. जिनमें से बड़ी बेटी की शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी. वहीं, दो बेटियां अपनी पढ़ाई कर रही है.

भारत का कोई बेटे नहीं होने के चलते अंतिम संस्कार के लिए गांव के लोग असमंजस में पढ़ गए थे. लेकिन तीनों बेटियों ने रूढ़िवादी परम्परा से हटकर अपने पिता के अर्थी को कंधा देने का फैसला किया. फिर तीनों बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया. इसके बाग विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार किया. इस दौरान शमशान घाट में जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें नम हो गईं.

हर कोई दे रहा बेटियों की मिसाल

गांव के लोगों ने कहा- तीनों बेटियों ने न सिर्फ पिता की अर्थी को कंधा किया, बल्कि उनका अंतिम संस्कार करते हुए चिता को मुखाग्नि भी दी. उन्होंने वो सारे कार्य किए जो एक बेटा करता है. पूरा गांव इन बेटियों की मिसाल दे रहा है.