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स्कूल शिक्षा विभाग ने बीईओ को किया निलंबित, 16 लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितता का आरोप

पिथौरा-  छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी केके ठाकुर को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कर्तव्यहीनता के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. राज्य शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, बीईओ ठाकुर पर अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और नियमों की अवहेलना करते हुए शासन की वित्तीय संहिताओं का उल्लंघन करने का आरोप है.

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीईओ ठाकुर ने बिना सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के शासन से प्राप्त ₹16,61,163 (सोलह लाख इकसठ हजार एक सौ तिरेसठ रुपए) की मुआवजा राशि जो शासकीय मिडिल स्कूल भगतदेवरी के फोरलेन सड़क परियोजना में अधिग्रहण के एवज में मिली थी इसे दो वर्षों तक अपने पास रखा. इतना ही नहीं, उन्होंने अवकाश स्वीकृत किए बिना ही अनुपस्थिति अवधि का वेतन भी आहरित किया. यह पूरा कृत्य छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता, कोषालय संहिता, और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में पाया गया.

केके ठाकुर के इस आचरण को शासन ने गंभीर कदाचार मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय महासमुंद नियत किया गया है. नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा. इस कार्रवाई की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री कार्यालय, लोक शिक्षण संचालनालय, कलेक्टर महासमुंद, संभागीय संयुक्त संचालक रायपुर सहित संबंधित अधिकारियों को भी भेज दी गई है.

शिक्षा विभाग में लंबे समय से शिकायतें आ रही थी कि कुछ अधिकारी वित्तीय प्रबंधन में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. केके ठाकुर के विरुद्ध भी कई शिकायती पत्र शासन को प्राप्त हुए थे, जिनकी गंभीरता से जांच कराई गई. साक्ष्यों के आधार पर यह कठोर कदम उठाया गया है. माना जा रहा है कि शासन की ओर से इस मामले में आगे और भी कठोर प्रशासनिक एवं विधिक कार्रवाई की जा सकती है.

खर्चीली शादी से बचने का दिया संदेश : आदिवासी समाज ने किया सामूहिक विवाह का आयोजन, रीति-रिवाज से विवाह के बंधन में बंधे 31 जोड़े

मुंगेली- छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में आदिवासी समाज ने एक अनोखा मिसाल पेश करते हुए आदर्श गोंडवाना सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम में 31 जोड़े वर-वधुओं का विवाह हुआ। समाज के पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि विवाह को एक आदर्श प्रथा के रूप में स्थापित करने के साथ ही शादियों में होने वाले खर्च से समाज और समाज के व्यक्तियों को खर्च मुक्त विवाह का वातावरण बनाना है।

कार्यक्रम में पहुंचे डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि समाज सुधार की दिशा में आदिवासी समाज का यह कदम निश्चित तौर पर अन्य समाजों के लिए भी प्रेरणादायक है। विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि समाज की ओर आयोजित इस कार्यक्रम के वर वधुओं को मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के तहत लाभ दिया गया। साथ ही जनप्रतिनिधियों ने दूल्हे-दुल्हन को उपहार भेंट कर आशीर्वाद भी दिया।

सामाजिक पदाधिकारियों ने कही ये बात…

केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली के जिला मीडिया प्रभारी कृष्णा ध्रुव ने कहा कि दिखावे के लिए हमारे समाज के लोग डीजे, टेंट से लेकर धूमधाम से शादी करने के चक्कर में अत्यंत ही खर्चीली शादी करते हैं। यही वजह है कि शादी के बाद फिर कमाने खाने के लिए पलायन करने की नौबत आ जाती है, जिससे छुटकारा पाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

वीरेंद्र मरावी, जिला अध्यक्ष केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी के लोग धूमधाम से शादी तो करते हैं, लेकिन उसके बाद इसकी कीमत माता -पिता को बहुत ही नुकसान दायक के रूप में चुकानी पड़ती है। एक वर्ग समाज में ऐसा भी होता है कि रोजमर्रा कमाई करके गुजर बसर करते हैं, लेकिन विवाह के कार्यक्रम में रिश्तेदारों को समाज के लोगों को बड़ी संख्या में भोजन कराना पड़ता है, जिससे बड़े पैमाने पर खर्च होते हैं।

सुभाष परते, प्रदेश अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज युवा प्रकोष्ठ ने कहा, आधुनिकता के इस दौर में हमारे समाज में आज भी गोंडीय रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न होता है। समाज के युवा से लेकर हर वर्ग के लोगों ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभगिता निभाई है, तब कहीं जाकर भव्य आयोजन हो पाया है। इसमें जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने हम सबका हौसला बढ़ाया है। आने वाले समय मे बड़ी संख्या में जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया जाएगा, ताकि हमारा यह सामाजिक कार्य खर्च मुक्त विवाह के उद्देश्य को पूर्ण कर सके।

कलेक्टर के सामने ग्रामीणों ने फिर दोहराई सड़क, बिजली, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधा की वर्षों पुरानी मांगें, ज्ञापन सौंपकर कहा –

गरियाबंद- जय अंबेडकर वादी युवा संगठन के बैनर तले आज राजापड़ाव से लेकर शोभा गोना क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम के नेतृत्व में कलेक्टोरेट पहुंचे. ग्रामीणों ने नए कलेक्टर भगवान सिंह उइके को ज्ञापन सौंपकर विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए जल्द वर्षों पुरानी मांगों को पूरा करने की बात कही. ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य 7 पंचायत में रहने वाले 30 हजार से भी ज्यादा लोग आज भी जरूरी मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रहे हैं. कलेक्टर ने मांगों से शासन के समक्ष अवगत कराने के अलावा जो काम संभव हो सके उसे अपने स्तर पर जल्द पूरा कराने का भरोसा दिलाया.

ये हैं ग्रामीणों की मांगें

  1. राजापड़ाव क्षेत्र के पांच ग्राम पंचायतों (कोकड़ी, गरहाडीह, गौरगांव, भूतबेड़ा, कूचेंगा) सहित शेष छूटे हुए पारा टोला में विद्युतीकरण किया जाए.
  2. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शोभा में सेटअप के आधार पर समुचित व्यवस्था करते हुए नवीन भवन बनाई जाए एवं निर्माणाधीन उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण तत्काल पूर्ण कराया जाए.
  3. स्वीकृति के बाद भी अड़गडी, जरहीडीह, शोभा, कोकड़ी, गरहाडीह, घोटियाभर्री नाला पर पुल-पुलिया का निर्माण आज भी अधूरा है. अविलंब इसे पूर्ण कराई जाए.
  4. क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूलों एवं क्षेत्र के दोनों आदिवासी कन्या आश्रमों में शिक्षकों की व्यापक कमी है. तत्काल सभी स्कूलों में आगामी सत्र 2025–26 में शिक्षकों की अविलंब व्यवस्था कराते हुए निर्माणाधीन स्कूल भवनों को तत्काल पूर्ण कराई जाए.
  5. क्षेत्र पात्रधारी किसानों को विधि सम्मत वन अधिकार पत्र दिया जाए.
  6. क्षेत्र के किसानों को समुचित सुविधा मिले इसलिए पूर्व में गरहाडीह में प्रस्तावित धान खरीदी केंद्र को इसी सत्र 2025–26 में खोली जाए.
  7. शोभा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस (108) और महतारी एक्सप्रेस (102) की सुविधा प्रदान की जाए.
  8. गोना से गरीबा पक्की सड़क मार्ग अत्यंत जर्जर और ऊबड खाबड़ होने से आए दिन दुर्घटनाएं घट रही है, तत्काल सड़क की चौड़ीकरण करते हुए मरम्मत कराई जाए.
  9. क्षेत्र में एक भी बालक छात्रावास नहीं है, ग्राम मोंगराडीह में बालक छात्रावास की स्वीकृति प्रदान करते हुए सुदूर वनांचल के बच्चे जंगल रास्तों से आवाजाही करते हुए शोभा में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी में पढा़ई करने पहुंचते हैं. परिस्थिति को देखते हुए प्री मैट्रिक छात्रावास शोभा में खोला जाए.
  10. गरहाडीह और शोभा कन्या आश्रमों में बिजली, पानी भवनों की जर्जर हालत से पूर्व में अवगत कराया गया था, अविलंब आश्रमों की समस्याओं को दूर की जाए. साथ ही दोनों आश्रमों का भवन जर्जर है इसलिए नवीन भवन का निर्माण कराया जाए.
  11. ग्राम शोभा हायर सेकंडरी स्कूल और ग्राम भूतबेड़ा हाइस्कूल में भवन नहीं है वैकल्पिक व्यवस्थाओं में शैक्षणिक कार्य चल रहा है, तत्काल भवन निर्माण कराया जाए.
  12. ग्राम शोभा में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महिला बाल विकास के सेक्टर भवन में संचालित हो रही है, तत्काल भवन निर्माण कराया जाए.
  13. क्षेत्र के किसानों को तहसील कार्यालय मैनपुर बहुत दूरी तय करना होता है, परिस्थितियों को देखते हुए शोभा में उप तहसील खोला जाए.

ज्ञापन सौंपने वाले में ये थे शामिल

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने वालों में पतंग मरकाम(अध्यक्ष अंबेडकरवादी युवा संगठन), पूरन मेश्राम, शंकर नेताम(सरपंच गरहाडीह), पुरुषोत्तम परदे, नकुल नागेश,रोहन नेताम, तिलक मरकाम (जनपद सदस्य प्रतिनिधि), अजय नेताम (पूर्व सरपंच भूतबेड़ा), कमलचंद नेताम, बिकाऊ नेताम, महेश सूर्यवंशी, पतिराम मरकाम, रामसिंह नेताम, दुल्लुराम मरकाम समेत अन्य शामिल थे.

वन विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, कई जिलों के बदले गए DFO, देखें लिस्ट…

रायपुर- राज्य सरकार इन दिनों पूरी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटी है. इस कड़ी में IAS-IPS के बाद अब वन विभाग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का तबादला किया गया है. कई जिलों के डीएफओ को इधर से उधर किया गया है.

देखें लिस्ट –

बड़े नक्सल ऑपरेशन के बीच पुलिस को बड़ी सफलता : 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर- छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लगभग अंतिम चरण पर है. पिछले सात दिनों से बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन जारी है. इसी बीच पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. सरकार की “नियद नेल्लानार” योजना और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 24 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. इन नक्सलियों में से 14 पर कुल 28.50 लाख रुपये का इनाम घोषित था. आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली फायरिंग, आईडी ब्लास्ट, आगजनी जैसी हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं.

आत्मसमर्पण करने वाले 24 माओवादियों को पुलिस अधिकारियों ने 50-50 हजार रुपये की नगद राशि प्रदान की. यह आत्मसमर्पण पुलिस के समक्ष सीआरपीएफ डीआईजी देवेन्द्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल और उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू की मौजूदगी में हुआ.

बता दें कि वर्ष 2025 में अब तक कुल 203 माओवादी पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं. इसके अलावा 213 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया और 90 माओवादियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबल के जवानों ने मार गिराया है.

नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में छत्तीसगढ में नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा की। बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम, विशेष डीजी नक्सल ऑपरेशंस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक का मुख्य फोकस प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति और नक्सल उन्मूलन अभियानों की प्रगति रहा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में प्रदेश को नक्सलमुक्त बनाने के संकल्प के साथ दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल उन्मूलन करना हमारा लक्ष्य है और इस दिशा में हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के अधिकारियों और जवानों के अदम्य साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी के कारण आज प्रदेश के कई क्षेत्र नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों के मनोबल को और ऊंचा बनाए रखने के लिए उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अंतिम सफलता अब बहुत निकट है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को मजबूत किया करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में सुरक्षा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय समुदायों का विश्वास जीतने के लिए संवाद बढ़ाया जाए और क्षेत्र में विकास कार्यों को तेज गति से पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके लिए समर्पित है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है।

बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे पूरी निष्ठा, सजगता और प्रतिबद्धता के साथ इस ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त और विकासोन्मुख प्रदेश के रूप में पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी सुरक्षा बल, प्रशासनिक अमला और प्रदेशवासी एकजुट होकर इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगे और 'विकसित छत्तीसगढ़' के सपने को साकार करेंगे।

पहलगाम आतंकी हमला : टी एस सिंहदेव ने कहा- कारोबारी दिनेश मिरानिया की बेटी की पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगा राजकुमार कॉलेज प्रबंधन

रायपुर- पहलगाम आतंकी हमले ने सभी भारतवासियों को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में रायपुर के व्यापारी दिनेश मिरानिया भी मारे गए। दुःख की घड़ी में पीड़ित परिवार की मदद के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने संवेदनशील पहल की है। उन्होंने मृतक दिनेश मिरानिया की बेटी की शिक्षा 12वीं कक्षा तक मुफ्त करने के लिए राजकुमार कॉलेज प्रबंधन से सिफारिश की थी। जिसके बाद प्रबंधन ने बेटी लक्षिता मिरानिया की 12वीं कक्षा तक के लिए मुफ्त कर दिया है।

बता दें कि पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने मिरानिया परिवार से मुलाकात के बाद यह सिफारिश की थी, ताकि शहीद के परिवार को दुःख की घड़ी में सहारा मिल सके। व्यापारी दिनेश मिरानिया की बेटी लक्षिता मिरानिया राजकुमार कॉलेज की 9वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही प्रबंधन उठाएगा बेटी लक्षिता की पढ़ाई का सारा खर्च : पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेवइसे लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने कहा कि लगातार बाहर रहने के कारण मैं उनसे (मिरनिया परिवार) से मिलने नहीं जा पाया था। पिछली शाम मैने परिजनों से मुलाकात की थी। जहां जानकारी में आया कि उनका बेटा पुणे में रहकर कॉलेज की पढ़ाई कर रहा है, अभी उसका पहला साल है और बेटी 9वीं कक्षा में है, जो राजकुमार कॉलेज में ही पढ़ती है। राजकुमार कॉलेज प्रबंधन ने ये फैसला लिया है कि उनके आगे की पढ़ाई का सारा खर्चा प्रबंधन करेगा। यानी कि अब 9वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में होगी।

बता दें कि समता कॉलोनी रायपुर के स्टील कारोबारी दिनेश मिरानिया (45 वर्ष) सपरिवार अपनी सालगिराह मनाने जम्मू-कश्मीर गए थे। वे 22 अप्रैल को मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले बैसरन घाटी में घूम रहे थे। उनके साथ पत्नी नेहा, बेटा शौर्य और बेटी लक्षिता मौजूद थे। इस दौरान अचानक आतंकियों ने कायराना हमला कर दिया। आतंकियों ने धर्म और नाम पूछकर दिनेश मिरानिया की गोली मारकर हत्या कर दी

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सीवरेज गड्ढे में गिरकर बच्चे की मौत : परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रामनगर में पिछले दिनों सीवरेज गड्ढे में गिरकर एक मासूम की मौत हो गई थी। परिजनों में शोक का माहौल है और प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी भी दिखाई दे रही है। घटना के बाद लगभग दो सप्ताह के बाद मासूम के परिजन सोमवार को रायपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अब तक इस मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि, नगर निगम ने इससे पहले तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबन और विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं।

7 वर्षीय मासूम के परिजन आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, यहां उन्होंने लगभग दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोश जताया। परिजनों ने जिम्मेदार ठेकेदार और अधिकारियों पर अब तक FIR नहीं होने का विरोध किया। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर न्याय दिलाने के लिए कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन गया। जिसमें बताया गया कि 14/04/2025 को नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सेप्टिक टैंक के बाजू में खोदे गये कच्चा सोख्ता गड्ढे (Soak Pit) के पानी में मेरे 7 वर्ष के पुत्र की गिरकर मौत हो गई थी, जिसमें पुलिस ने मर्ग कायम किया है लेकिन पुलिस द्वारा इन अधिकारियों के खिलाफ आज दिनांक तक कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।

अधिकारियों को सस्पेंड, ठेकेदार को नोटिस : निगम आयुक्त विश्वदीप  

मामले के संबंध में निगम आयुक्त विश्वदीप ने जानकारी देते हुए बताया कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा ठेकेदार को नोटिस भेजा गया है। वहीं जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे ही कार्रवाई की जाएगी। 

गौरतलब है कि रायपुर के रामनगर स्थित गुलमोहर पार्क कॉलोनी में पिछले दिनों सीवरेज गड्ढे में गिरकर बच्चे की मौत हुई थी। इस मामले में प्रधानमंत्री आवास मुख्यालय की उप अभियंता अंकिता अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं अलावा आयुक्त ने प्रधानमंत्री आवास योजना शाखा के प्रभारी अधीक्षण अभियंता राजेश राठौर और सहायक अभियंता योगेश यदु के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए। उप अभियंता अंकिता अग्रवाल की लापरवाही यह थी कि उन्हें गड्ढे की जानकारी ही नहीं थी और सुरक्षा संबंधी बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। साथ ही सुरक्षा को लेकर पत्राचार नहीं किया गया था। जो उच्चाधिकारी के आदेशों का उल्लंघन माना गया।

पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ फूटा व्यापारियों का आक्रोश: रविभवन में सांकेतिक बंद का किया गया आह्वान

रायपुर- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में रायपुर के कारोबारी दिनेश मिरानिया सहित 28 निर्दोष सैलानियों की जान चली गई। इस हमले के विरोध में सोमवार को रविभवन व्यापारी संघ ने सभी दुकानों को सांकेतिक रूप से सुबह से दोपहर 1 बजे तक बंद रखा और आतंकवाद के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।

रविभवन क्षेत्र की सभी दुकानें बंद रहीं। बड़ी संख्या में व्यापारी एकत्र हुए और दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। व्यापारी संघ के अध्यक्ष जय नानवानी ने बताया कि दिनेश मिरानिया परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनके निधन से पूरा व्यापारी समाज शोकाकुल है। सभी व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि दिनेश मिरानिया के परिवार को 2 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाए ताकि उनके परिवार का भरण-पोषण सुचारु रूप से हो सके।

आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की मांग

जय नानवानी ने कहा कि यह हमला सिर्फ व्यक्तियों पर नहीं, बल्कि पूरे देश पर हमला है। उन्होंने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम युद्ध के लिए भी तैयार हैं। हम सरकार के हर निर्णय में उसके साथ हैं।”

सड़क या चौराहे का नाम दिनेश मिरानिया के नाम पर रखने की मांग

व्यापारी नेता योगेश अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि रायपुर शहर में किसी एक सड़क या चौराहे का नाम दिनेश मिरानिया के नाम पर रखा जाएगा। 13वीं पूजा के बाद परिवार और समाज के लोग बैठकर इस पर चर्चा करेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे। साथ ही, 2 करोड़ रुपए की सहायता राशि के लिए भी जोर दिया जाएगा।

योगेश अग्रवाल ने कहा, “आज रविभवन क्षेत्र ने एकजुटता दिखाते हुए दोपहर 1 बजे तक पूरा व्यवसाय बंद रखा। हम सब ने दिनेश मिरानिया सहित सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। यह सभी के लिए दुख की घड़ी है। हम चाहते हैं कि सरकार आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा दे।”

व्यापारियों ने एकजुट होकर जताया आक्रोश

रविभवन व्यापारी संघ द्वारा आयोजित इस सांकेतिक बंद में व्यापारियों ने न केवल अपनी दुकानों को बंद रखा, बल्कि दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। सभी व्यापारियों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि इस तरह के कायराना हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।

पंचायतों को सशक्त बनाकर अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पंचायतों को सशक्त बनाकर राज्य के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंचायतें हमारी विकास यात्रा की पहली कड़ी हैं, और ग्रामीण विकास के लिए संचालित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रत्येक गरीब परिवार को पक्का आवास देने का जो संकल्प लिया गया है, उससे जुड़े सभी कार्य समय-सीमा में पूरे किए जाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत "मोर दुआर-साय सरकार" अभियान के अंतर्गत चल रहे सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा करते हुए 20 लाख से अधिक परिवारों के सर्वेक्षण पूर्ण होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

श्री साय ने पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों के समय पर निर्माण और सतत समीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, पीएम आवास से संबंधित कार्यों की रियल टाइम ट्रैकिंग पर विशेष जोर देते हुए किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मनरेगा के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिक से अधिक रोजगार सृजन और कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने पंचायती राज दिवस पर आरंभ "मोर गांव मोर पानी" महाअभियान के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने और उसमें भू-जल पुनर्भरण एवं जलग्रहण विकास के लिए GIS तकनीक के समावेश के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने 15वें वित्त आयोग, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना, महतारी सदन, जिला एवं जनपद पंचायत विकास निधि, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना तथा स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।

उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों को पंचायती राज दिवस पर सम्मानित करने की योजना पर भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विभाग की आगामी कार्ययोजना में प्रौद्योगिकी निगरानी प्रणाली, संसाधन प्रबंधन, योजना समन्वय, तेज निर्माण और त्वरित लक्ष्य पूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया

नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों को मिला नया संबल

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक ने जानकारी दी कि नियद नेल्लानार योजना के तहत ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत 6,324 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं। बस्तर संभाग की 4 ग्राम पंचायतों के 8 गांवों में पहली बार योजना के अंतर्गत कार्य प्रारंभ हुए हैं। साथ ही 913 जॉब कार्डधारी परिवारों के 3,134 सदस्यों को पहली बार मनरेगा में रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के माध्यम से नियद नेल्लानार योजना में शामिल गांवों के युवाओं के लिए प्राथमिकता से भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करने पर अपनी खुशी जाहिर की और इसे निरंतर जारी रखने के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत राज्य में बन रही और प्रस्तावित सड़कों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों को मुख्य सड़कों से जोड़ने में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने इन सड़कों के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत सड़कों के कार्यों को भी तय समय में पूर्ण करने पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 42 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत आती हैं।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही 'लखपति दीदी' की पहल

पंचायत विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के संकल्प के अनुरूप 'लखपति दीदी' पहल के तहत ग्रामीण परिवारों की महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। मिशन के अंतर्गत प्रत्येक परिवार की एक महिला सदस्य को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर लाभकारी आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है।

कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी एवं विभिन्न नवाचारों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को राज्य स्तरीय मेलों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर विपणन हेतु उपलब्धता प्रदान कर उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित की जा रही है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत संचालित गतिविधियों की समीक्षा की।उन्होंने ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन, कचरे के निपटान, और स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता पर चल रहे अभियानों की जानकारी ली।

उन्होंने ओडीएफ प्लस के तहत खुले में शौच से मुक्त हुए गांवों की प्रगति की समीक्षा की और इज ऑफ लिविंग एंड रिफॉर्म्स के मुद्दों पर भी अधिकारियों से विमर्श किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्वच्छता से जुड़ी नवाचार गतिविधियों की जानकारी ली और अन्य राज्यों में लागू बेस्ट प्रैक्टिसेस का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ में भी उसे लागू करने की बात कही।

बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सचिव पंचायत भीम सिंह, विशेष सचिव पंचायत धर्मेश साहू, आयुक्त मनरेगा तारन प्रकाश सिन्हा तथा जयश्री जैन सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।