थ्रीडी ऐनिमेटेड वीडियो के जरिए हज अदा करने का तरीका सिखाया गया
गोरखपुर। गाजी रौजा (उंचवा) स्थित आइडियल मैरेज हाउस में दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मंडल स्तरीय अंतिम हज प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। मैरेज हाउस ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ की सदाओं से गूंज उठा। मक्का व मदीना शरीफ में इबादत, जियारत व ठहरने का तरीका बताया गया। शिविर में गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर के दो सौ से अधिक हज यात्रियों ने हज के अरकान की बारीकियां सीखीं।
हज प्रशिक्षण पर आधारित थ्रीडी ऐनिमेटेड वीडियो, एलईडी टीवी स्क्रीन व इलेक्ट्रानिक डिवाइस के द्वारा हज का व्यवहारिक तरीका और हज के मुकद्दस स्थानों को दिखाकर हज यात्रियों को प्रशिक्षित किया गया। महिलाओं के मसाइल पर विस्तार से चर्चा की गई।
हज प्रशिक्षक हाजी मुहम्मद आजम अत्तारी ने कहा कि हज पर जाना एक आम मुसलमान के लिए मानो दुनिया में सब कुछ पा लेने जैसा है। हज कर लिया मतलब ज़िंदगी मुकम्मल हो गई। हज इंसान को सब्र और शुक्र की सीख देता है। अल्लाह की राह में अपना सब कुछ कुर्बान कर देने का नाम हज है। जिस तरह से हज करने से पहले हज के मसाइल सीखें हैं उसी तरह पाबंदी के साथ नमाज़ अदा करते हुए नमाज के अहम मसाइल जरूर सीखें।
उन्होंने प्रैक्टिकल के जरिए हज अदा करने के एक-एक अरकान को बारीकी से बताया। हज यात्रियों को घर से रवाना होने से लेकर लौटकर आने तक के सारे मसाइल और आने वाली समस्याओं और उनके हल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी। एहराम बांधना, काबा शरीफ का तवाफ, सफा व मरवा पहाड़ियों की दौड़, शैतान को कंकड़ मारना, मुकद्दस मकामात पर पढ़ी जाने वाली दुआओं पर रोशनी डाली।
मुहम्मद फरहान अत्तारी ने बताया कि हज इस्लाम का अहम फरीजा है। इसे खुलूसो दिल से अदा करना चाहिए। पैग़बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि हज-ए-मबरूर करने वाला ऐसा होता है मानो आज ही मां के पेट से पैदा हुआ हो। उसके सभी गुनाह माफ़ हो जाते हैं। उन्होंने रौजा-ए-रसूल पर दरूदो-सलाम पेश करने का तरीका व अदब बताया। हज़रत अबू बक्र व हज़रत उमर की आरामगाह पर सलाम पेश करने का तरीका भी बताया साथ ही मस्जिद-ए- नबवी की अहमियत बताई।
प्रशिक्षण की शुरुआत कुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई। काबा शरीफ़ की हाजिरी व मदीना शरीफ़ की जियारत पर आदिल अत्तारी ने अपनी प्यारी आवाज में हम्द व नात-ए-पाक पेश की। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर हज के सफर की कामयाबी, अमन व सलामती की दुआ मांगी गई। हज व उमराह पर लिखित किताब बांटी गई। शिविर में वसीउल्लाह अत्तारी, नेहाल अहमद, अहमद अत्तारी, शहजाद अहमद, मो. अख्लाक, जीशान अहमद, मो. बेलाल, शहजाद अत्तारी, इब्राहीम अत्तारी, मो. असलम, अब्दुर्रहमान, महताब अत्तारी, रमज़ान अत्तारी आदि मौजूद रहे।
Apr 24 2025, 19:34