70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने की मांग करनेवाले अभ्यर्थियों को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को किया खारिज
डेस्क : 70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने की मांग करनेवाले अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी मांग खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने मामले में अपना निर्णय सुनाया। पटना हाईकोर्ट की तरह सुप्रीम कोर्ट ने भी पेपरलीक को लेकर अभ्यर्थियों और कोचिंग टीचरों के पेश किए गए सबूत को अपर्याप्त माना है। इसके साथ ही अब बीपीएससी मेंस को लेकर सारी अड़चनें खत्म हो गई है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने कहा कि हर कोई एक दूसरे की सुरक्षा के साथ खेल रहा है। परीक्षकों का स्तर इतना ऊंचा नहीं है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी परीक्षा अपने निष्कर्ष तक नहीं पहुंच रही है। हमें हर किसी पर गड़बड़ी का संदेह है।
वहीं सुनवाई के दौरान परीक्षार्थियों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने दलील दी कि व्हाट्सएप मैसेज और वीडियो क्लिप समेत डिजिटल सबूत दर्शाते हैं कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गए थे। उन्होंने बताया कि ऐसे ही एक वीडियो में कथित तौर पर एक परीक्षा केंद्र पर लाउडस्पीकर के जरिए उत्तर घोषित किए जाते हुए दिखाया गया है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या मोबाइल लेकर जाने की छूट थी, जिस पर अंजना प्रकाश ने अनुमति नहीं होने की बात कही। कोर्ट ने कहा कि तब तो हमें ये मानना पड़ेगा कि मोबाइल की अनुमति नहीं थी। 20 लोग अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से याचिका दाखिल कर रहे हैं। एक परीक्षार्थी को कैसे पता चलेगा कि दूसरे सेंटर पर क्या हुआ? आप गंभीर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन ठोस आधार नहीं दे रहे हैं। आप सारे डॉक्यूमेंट दाखिल करें। कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसा लगता है कि कथित पेपर लीक परीक्षा केंद्र में छात्रों के प्रवेश करने के बाद हुआ।
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमेशा चार सेट प्रश्नपत्र तैयार किए जाते हैं। किसी भी केंद्र पर कोई भी सेट हो सकता है। ऐसे में लाउडस्पीकर के जरिए प्रश्नपत्र बताना संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आया, जिसने याचिकाओं को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि विभिन्न परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी का कोई ठोस सबूत नहीं है।
Apr 23 2025, 20:09