3500 किमी यात्रा कर कछुए ने वैज्ञानिकों को किया हैरान, जानें कहां से कहां तक पहुंचा
कहा जाता है कि कछुए की चाल सबसे धीमी होती है. कछुए एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहते हैं, लेकिन एक कछुए ने वैज्ञानिकों को हैरत में डाल दिया है. इस कछुए ने 3500 किमी की यात्रा कर ली. इस कछुए ने ओडिशा से महाराष्ट्र तक का सफर किया. हम बात कर रहे हैं एक मादा ओलिव रिडले कछुए की.
बताया जा रहा है कि इसने ओडिशा से महाराष्ट्र के गुहागर बीच तक 3,500 किलोमीटर का सफर किया है. कछुओं के प्रवास बदलने को लेकर अब तक वैज्ञानिकों को जो समझ थी, उसे इस घटना ने गलत साबित कर दिया है. साथ ही वैज्ञानिकों को मजबूर किया है कि वो कछुओं के प्रवास के बारे में अपनी समझ बदलें.
डॉ. बसुदेव त्रिपाठी ने कछुए का नाम टैग किया था
पहले ये कहा जाता था कि पूर्वी और पश्चिमी तटों पर कछुओं द्वारा अलग-अलग स्थानों पर अपना घोंसला बनाया जाता है, लेकिन मादा ओलिव रिडले के सफर ने इस बात को गलत साबित कर दिया है. साल 2018 में ओडिशा के गहिरमाथा बीच पर एक सामूहिक घोंसला बनाते समय इस कछुए को टैग किया था. जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बसुदेव त्रिपाठी नेकछुए का नाम 03233 टैग किया था.
महाराष्ट्र की टीम ने पाया टैग
टैग लगाने का अर्थ कछुए के पंखों पर एक निशान लगाना होता है, जिससे उनकी पहचान करने में मदद मिलती है. इस साल 27 जनवरी को जब वैज्ञानिकों ने इसी कछुए को गुहागर बीच पर घोंसला बनाते देखा तो हैरान रह गए. महाराष्ट्र के मैंग्रोव फाउंडेशन की एक टीम रात में कछुओं को टैग लगा रही थी. तभी उन्हें ये मादा कुछआ अंडा देते नजर आई. वो इसके पास गए. तब उन्होंने इस पर पहले ही लगा टैग देखा.
श्रीलंका से पहुंची महाराष्ट्र
टैग पर पता लिखा था उससे मालूम चला कि ये मादा कछुआ ओडिशा से आई है. अब कुछुए के पूर्व से पश्चिम तट की ओर 3500 किमोलटर के सफर तय करने का अनुमान लगाया जा रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये मादा कछुआ ओडिशा से श्रीलंका तक गई होगी. फिर वहां से महाराष्ट्र के रत्नागिरी आई होगी.
Apr 18 2025, 10:05