बुद्धा और रामायण सर्किट के तर्ज पर अब बिहार में सभी शिव मंदिरों को जोड़ने के लिए बनेगा शिव सर्किट, बिहार सरकार ने दी मंजूरी
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डेस्क : महात्मा बुद्ध से जुड़े सभी जगहों को जोड़ने के लिए बुद्ध सर्किट और रामायण से जुड़े सभी प्रमुख स्थलों को जोड़ने के लिए रामायण सर्किट शुरू किया गया। इसी तर्ज पर अब बिहार में सभी शिव मंदिरों को जोड़ने के लिए शिव सर्किट शुरू किया जाएगा। जिसको लेकर बिहार सरकार से सहमति मिल गई है। इस बात की जानकारी बिहार के पूर्व मंत्री व बिहार भाजपा अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल ने दी है।
पूर्णिया में मीडीया से बातचीत के दौरान उन्होने बताया कि शिव सर्किट के शुरू होने से बिहार में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि बिहार में भगवान शिव से जुड़े कई धार्मिक स्थल हैं। इसके तहत ऐतिहासिक व पौराणिक धरोहरों तथा शिव मंदिरों के विकास की कार्ययोजना तैयार कर उसे मूर्त रूप दिये जाने की योजना बन रही है।
बिहार सरकार के प्रस्तावित शिव सर्किट में वैशाली जिले में हरिहरनाथ मंदिर, पूर्वी चम्पारण जिले में सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर, दरभंगा जिले में कुशेश्वरनाथ शिव मंदिर, मधुबनी के राजनगर प्रखंड में एकादश रुद्र मंदिर रहिका प्रखंड में कपिलेश्वर स्थान शिव मंदिर तथा बाबूबरही प्रखंड के मदनेश्वर स्थान शिव मंदिर, मधेपुरा जिले में सिंघेश्वर महादेव मंदिर, अररिया जिले के कुर्साकांटा स्थित सुन्दरनाथ महादेव मंदिर, कटिहार जिले में गोरखनाथ शिव मंदिर, भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ मंदिर तथा कहलगांव स्थित बाबा बटेश्वरनाथ मंदिर का विकास होगा।
इसके अलावा गया जिले के कोंच में कोचेश्वर शिव मंदिर, मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड स्थित भैरव स्थान शिव मंदिर, सीवान जिले के सिसवन स्थित महेन्द्रनाथ शिव मंदिर तथा पटना जिले के खुसरूपुर में बैकटपुर धाम बिहार के अलावा देश के अन्य प्रदेशों में भी विख्यात है। इन शिव मंदिरों को पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित कर इन्हें आपस में जोड़कर शिव सर्किट बनाने की योजना है।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के बाद बिहार को बड़ी सौगात मिली है । खासकर सीमांचल के पूर्णिया, अररिया, किशनगंज , कटिहार जैसे जिलों मे बाढ़ से निजात के लिए और सिंचाई के लिए कोसी मेची लिंक में 11 हजार करोड रुपए बजट में प्रावधान किए थे । इस परियोजना के लिए कैबिनेट से राशि निर्गत कर दी गई ।
Mar 31 2025, 20:01