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स्टालिन ने परिसीमन को लेकर की सर्वदलीय बैठक, बोले- दक्षिण के राज्य जॉइंट एक्शन कमेटी बनाएं, भाजपा का किनारा

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को लोकसभा सीटों के परिसीमन पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। स्टालिन ने परिसीमन के मुद्दे पर दक्षिण भारतीय राज्यों के राजनीतिक पार्टियों को मिलाकर एक जॉइंट एक्शन कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा। सर्वदलीय बैठक में मुख्य विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम, कांग्रेस और वामपंथी दल, अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेट्री कषगम (टीवीके) समेत अन्य ने बैठक में हिस्सा लिया। वहीं, भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य कुछ पार्टी इस बैठक से खुद को किनारा करते हुए नजर आई।

स्टालिन ने परिसीमन के मुद्दे पर दक्षिण भारतीय राज्यों के राजनीतिक पार्टियों को मिलाकर एक जॉइंट एक्शन कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा। स्टालिन ने कहा कि अगर संसद में सीटें बढ़ती है तो 1971 की जनगणना को आधार बनाया जाए। उन्होंने यह भी मांग करते हुए कहा कि 2026 के बाद अगले 30 साल तक लोकसभा सीटों के बाउंड्री करते समय 1971 की जनगणना को ही मानक माना जाए।

स्टालिन ने कहा कि अगर संसदीय सीटों की संख्या बढ़ाई जाती है, तो हमें 22 अतिरिक्त सीटें मिलनी चाहिए। हालांकि, मौजूदा आबादी के हिसाब से हमें सिर्फ 10 अतिरिक्त सीटें मिलेंगी, जिसका मतलब है कि हम 12 सीटें खो देंगे। यह भारतीय लोकतंत्र में तमिलनाडु के राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि परिसीमन के जरिए तमिलनाडु की आवाज को दबाया जा रहा है। अपने लोगों के हितों की रक्षा करने में हमारे राज्य की ताकत को कम किया जा रहा है। हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह पिछले 50 वर्षों में सामाजिक और आर्थिक कल्याण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की सजा नहीं होनी चाहिए। इस सर्वदलीय बैठक में मांग की गई है कि 2026 की जनगणना के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया नहीं की जानी चाहिए।

इसके अलावा स्टालिन ने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी को तमिलों का दुश्मन करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार वोट की खातिर तमिल भाषा के प्रति केवल दिखावटी प्रेम रखती है। स्टालिन ने आरोप लगाया कि भाजपा दावा करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिल को बहुत सम्मान देते है और त्रिभाषा फार्मूला राज्यों की भाषाओं के विकास के लिए है, लेकिन तमिल और संस्कृत के लिए धन के आवंटन में अंतर से यह स्पष्ट है कि वे तमिल के दुश्मन हैं। उन्होंने आरोप लगाया, 'केंद्र सरकार पूरी तरह से भाषाई आधिपत्य की भावना के साथ काम कर रही है और वोट की खातिर तमिल को केवल दिखावटी समर्थन दे रही है। ट्राई लैंग्वेज को लेकर केंद्र पर हमला करते हुए स्टालिन ने कहा कि अगर भाजपा का यह दावा सच है कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री को तमिल से बहुत प्यार है, तो यह कभी भी काम में क्यों नहीं दिखता?

सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे को मंजूरी, 9 घंटे का सफर सिर्फ 36 मिनट में

#modi_cabinet_approved_kedarnath_ropeway

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड को बड़ा तोहफा मिला है। केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के लिए रोप वे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर का रोपवे बनेगा, जिसमें 4081 करोड़ रुपया खर्च होगा। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इसे बनाएगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा, "इस परियोजना का बड़ा फायदा यह होगा कि जिस यात्रा में वर्तमान में 8-9 घंटे लगते हैं, इसके बनने के बाद घटकर 36 मिनट की हो जाएगी...इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।"

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी। इस रोपवे परियोजना पर करीब 4,081 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस रोपवे को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा।

केंद्र सरकार के इस कदम से चारधाम यात्रा को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय व्यवसायों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा। इससे पूरे छह महीने तीर्थयात्रियों की आवाजाही बनी रहेगी, जिससे शुरुआती दो महीनों में संसाधनों पर अत्यधिक दबाव कम होगा। इतना ही नहीं यात्रा सीजन में रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी।

राहुल गांधी ने बयां किया कुलियों का दर्द, वीडियो शेयर कर कहा-उनके हक के लिए लड़ूंगा

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कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुलियों से बातचीत की। कुलियों से हुई मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने कहा कि पिछले महीने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के दौरान कुलियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद की, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। वे आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने वादा किया है कि वे कुलियों की मांगों को सरकार के सामने मजबूती से रखेंगे और उनके अधिकारों के लिए पूरी ताकत से लड़ेंगे।

राहुल गांधी ने 1 मार्च को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुलियों से बातचीत की थी। उसका वीडियो बुधवार को उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया। अपने यूट्यूब चैनल पर कुलियों से बातचीत का वीडियो साझा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले मैं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहां कुली भाइयों से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि कैसे सभी ने मिलकर भगदड़ वाले दिन लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया।

राहुल गांधी ने कहा कि चाहे लोगों को भीड़ से निकालने की बात हो या घायलों को एंबुलेंस और प्रशासन तक पहुंचाना हो। मृतकों के शवों को बाहर निकालने के लिए शारीरिक क्षमता, ठेले का उपयोग करना हो या अपनी जेब से पैसा खर्च करना हो, उन्होंने हर तरह से यात्रियों की मदद की। कांग्रेस नेता ने कहा, इन भाइयों की संवेदना देखकर बहुत प्रभावित हूं। अभी भी वो आर्थिक रूप से तंगी की हालात में जी रहे हैं- मगर जज्बे और सद्भावना से भरपूर हैं। उन्हें सहायता की दरकार है, जिसके विषय में उन्होंने अपनी मांगें बताई हैं। उनकी सहायता करने का हरसंभव प्रयास जरूर करूंगा।

राहुल ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कुलियों से बात की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘किसी-किसी दिन खाने के भी पैसे नहीं होते। हम घर पर पैसे भेजें या खाना खाएं। हमारे कुली भाई ऐसी मुश्किलों में जीने को मजबूर हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के दौरान इन लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद की, लेकिन इनकी आवाज नहीं सुनी जा रही। मैं इनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखूंगा और इनके अधिकारों के लिए पूरी ताकत से लडूंगा।

फिर स्वच्छ होगी यमुना, 10 दिन में निकाला गया 1300 मिट्रिक टन कचरा

#yamuna_cleanup_drive_1300_metric_tons_of_waste

दिल्ली में नई सरकार ने तेजी से कामकाज में लग गई है। खासकर रेका गुप्ता की अगुवाई मे बनी बीजेपी सरकार ने यमुना नदी की सफाई का काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को यमुना घाट का निरीक्षण किया। परवेश वर्मा ने सफाई अभियान का निरीक्षण किया और दावा किया कि जल्द ही यह नदी चमचम चमकने लगेगी।

प्रवेश वर्मा ने कहा कि बीते 10 दिनों से यमुना की सफाई का काम चल रहा है। इस दौरान 1300 मिट्रिक टन कचरा निकाला जा चुका है। नदी में फेरी चलाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एमओयू साइन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई के काम पर सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी और पीएमओ की नजर है। उन्होंने बुधवार को यमुना सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ छठ घाट और ओखला बैराज तक यमुना की सफाई का निरीक्षण किया।

इस दौरान प्रवेश वर्मा ने पिछली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हमला। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कभी यमुना की सफाई को लेकर चिंता नहीं की। पिछली सरकार में कोई काम नहीं हुआ है। उनकी कभी सोच नहीं कि यमुना जी को साफ करना है। उस सरकार के कागजों में भी काम नहीं दिख रहा था। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार का यमुना की सफाई को लेकर संकल्प है।

प्रवेश वर्मा ने आगे कहा कि उनकी सरकार के पास यमुना की सफाई के लिए पैसा और पैशन दोनों है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिन रात काम कर रही है। देर रात तक मीटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि यमुना में जल्द ही केमिकल और इंडस्ट्रियल कचरा बहाने पर रोक लगाया जाएगा। इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। ये सब काम दो साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।

गोधरा कांड को लेकर केन्द्र का अहम फैसला, गवाहों की सुरक्षा हटी, 14 लोगों की हिफाजत कर रहे थे 150 जवान

#godhra_incident_central_govt_withdraws_security_of_14_witnesses

गोधरा कांड को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अहम फैसला लिया है। गोधरा कांड के 14 गवाहों की सुरक्षा हटा दी गई है। जिन्हें सीआईएसएफ के 150 जवानों द्वारा सुरक्षा प्रदान की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने एसआईटी की रिकमेंडेशन रिपोर्ट के आधार पर 14 गवाहों की सुरक्षा को हटाने का फैसला लिया है। गोधरा कांड पर बनी एसआईटी ने 10 नवंबर 2023 को इन गवाहों की सुरक्षा हटाने की अपनी रिपोर्ट दी थी। वर्ष 2002 में गुजरात के गोधरा में सारबमती एक्सप्रेस आगजनी में अयोध्या से लौट रहे 59 हिंदू तीर्थयात्रियों की जलकर मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुजरात में व्यापक स्तर पर दंगे भड़के थे, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे।

गोधरा कांड के गवाहों को 2009 से तत्कालीन यूपीए सरकार के रिकमेंडेशन पर सुरक्षा मिल रही थी, दो दिनों पहले ये सुरक्षा हटाई गई। पूर्व पीएम दिवंगत मनमोहन सिंह सरकार ने इन गवाहों को सुरक्षा मुहैया करवाई थी। गवाहों की सुरक्षा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 150 से ज्यादा जवान तैनात थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गोधरा कांड की जांच करने वाली एसआईटी के सुझाव पर यह फैसला लिया है।

क्या है गोधरा कांड

27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों को ले जा रही साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगा दी गई थी। इस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे राज्य में दंगे भड़के थे, जिसके बाद केंद्र सरकार को भारी सेना भेजनी पड़ी थी। मामला यहां थमा नहीं था, इसके बाद बलात्कार, लूटपाट और संपत्ति के नुकसान, घरों और दुकानों को जलाने की भी कई खबरें सामने आईं थीं।

ये भारत में सबसे भीषण सांप्रदायिक हिंसा में से एक था। इस हादसे में जिसमें 790 मुस्लिम और 254 हिंदुओं सहित 1044 लोग मारे गए थे। इस हादसे के बाद लगभग 2 लाख लोग विस्थापित हुए, जिसमें से कई लोग अपने घरों में वापस नहीं जा सके और नए इलाकों में बस गए।

औरंगजेब की तारीफ कर बुरे फंसे सपा विधायक अबू आजमी, महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित

#abu_azmi_suspended_from_maharashtra_assembly

मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ कर सपा नेता अबू आजमी विवादों में घिर गए। उनके बयान को लेकर लगातार विरोध के बीच उन्हें विधानसभा के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।महाराष्ट्र विधानसभा से अबू आजमी का निलंबन पूरे सत्र के लिए किया गया है। तीन मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 26 मार्च तक चलेगी। निलंबन की कार्यवाही के बाद अब अबू आजमीन विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे। अबू आजमी के ऊपर विधानसभा के स्पीकर ने परिसर में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

सपा विधायक को विधानसभा से निलंबित रखने का प्रस्ताव विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने रखा था। इससे पहले मंगलवार को अबु आसिम आजमी के मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में छाया रहा। सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ के सदस्यों ने आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई थी.।इस मुद्दे पर हंगामा इतना बढ़ गया था कि दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था।

अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की थी। सपा विधायक अबू आजमी ने रविवार को कहा था कि औरंगजेब क्रूर शासक नहीं था। उसके शासनकाल में भारत "सोने की चिड़िया" था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए थे और उसका छत्रपति संभाजी महाराज से युद्ध धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता का संघर्ष था।

सपा विधायक ने कहा था कि उस समय के राजा सत्ता और संपत्ति के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन ये कुछ भी धार्मिक नहीं था। औरंगजेब ने 52 साल तक शासन किया, और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान बनाना चाहते, तो सोचिए कि कितने हिंदू कनवर्ट हो जाते। अगर औरंगजेब ने मंदिरों को नष्ट किया, तो उन्होंने मस्जिदों को भी नष्ट किया अगर वह हिंदुओं के खिलाफ थे, तो 34% हिंदू उनके साथ नहीं होते, और उनके सलाहकार हिंदू नहीं होते। हमें इसे हिंदू-मुस्लिम कोण देने की जरूरत नहीं है। यह देश संविधान से चलेगा, और मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। सपा नेता ने कहा कि मैंने जो कहा, वह तथ्यों पर आधारित है। इतिहास को राजनीतिक एजेंडे से नहीं, बल्कि सच के आधार पर देखना चाहिए। मैं संविधान और समानता में विश्वास रखता हूं।

नई दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ मामले में रेलवे का एक्शन, डीआरएम सहित पांच अधिकारियों पर गिरी गाज

#new_delhi_station_stampede_case_major_action

महाकुंभ के दौरान नई दिल्‍ली स्‍टेशन पर प्‍लेटफार्म पर हुई भगदड़ में रेलवे बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में एक्शन लेते हुए दिल्ली के डीआरएम सुखविंदर सिंह और अतिरिक्त डीआरएम विक्रम सिंह राणा समेत रेलवे के चार वरिष्ठ अधिकारियों का ताबदला कर दिया है। इन तमाम दबादलों को लेकर रेलवे की तरफ से एक आधारिक आदेश भी जारी किया गया है। बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई थी जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

रेल मंत्रालय की ओर से जारी तबादला आदेश में कहा गया है कि उत्तर मध्य रेलवे से पुष्पेश आर त्रिपाठी को दिल्ली का डीआरएम बनाया गया है। आदेश में कहा गया, रेल मंत्रालय ने राष्ट्रपति की मंजूरी से निर्णय लिया है कि उत्तर मध्य रेलवे से पुष्पेश आर त्रिपाठी को स्थानांतरित कर सुखविंदर सिंह की जगह डीआरएम/दिल्ली/उत्तर रेलवे के पद पर नियुक्त किया जाता है। सिंह के लिए आदेश बाद में जारी किए जाएंगे।

इसमें तीन ट्रांसफर बोर्ड के आदेश पर किए गए हैं. जिसमें डीआरएम सुखविंदर सिंह, एडीआरएम विक्रम सिंह राणा और आरपीएफ एएससी महेश चंद सैनी का ट्रांसफर बोर्ड द्वारा जारी तीन अलग-अलग आदेशों के जरिए किया गया है। वहीं महेश यादव और आनंद मोहन का तबादला आदेश उत्तर रेलवे द्वारा किया गया है। दिल्‍ली डिवीजन के सीनियर डीसीएम आनंद मोहन की जगह निशांत नारायण को जिम्मेदारी सौंपी गई है। नई दिल्ली स्टेशन डायरेक्टर महेश यादव की जगह लक्ष्मीकांत बंसल को नियुक्त किया गया है।

हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि सिंह का तबादला 15 फरवरी को नई दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ के मामले से जुड़ा है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि इस घटना के कारण उनकी नई तैनाती को आगे बढ़ा दिया गया है।

नई दिल्‍ली स्‍टेशन पर 15 फरवरी की रात भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गयी थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले में रेलवे बोर्ड ने दो वरिष्‍ठ अधिकारियों की हाईलेवल कमेटी का गठन किया था। जांच कर रही टीम ने मामले में करीब 300 लोगों से पूछताछ की और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। कमेटी ने रजिस्‍टर तक की भी जांच की है।

अमेरिका में भारतीय मूल की नर्स पर हमला, मरीज ने की क्रूरता, कॉलरबोन टूटी, चेहरे पर फ्रैक्चर

#indian_origin_nurse_attacked_by_patient_in_us

अमेरिका के फ्लोरिडा में भारतीय मूल की एक नर्स पर बेरहमी से हमला किया गया। ये हमला मरीज ने किया है। जिसमें नर्स को गंभीर चोटें आई हैं और मुंह पर फ्रैक्चर भी हो गया। घटना फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित पाम्स वेस्ट अस्पताल की है। नर्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

अस्पताल में जिस भारतीय मूल की नर्स पर हमला किया गया, उसका नाम लीलाम्मा लाल है। लीलाम्मा लाल पर 33 साल के एक व्यक्ति ने हमला किया, जिसका नाम स्टीफन है। जो फ्लोरिडा पाम्स वेस्ट साइड अस्पताल के साइकियाट्रिक वार्ड में भर्ती था। शख्स ने नर्स पर इस कदर हमला किया कि उसके चेहरे पर कई फ्रैक्चर हो गए, कॉलरबोन टूट गई और सिर से खून बहने लगा।

उनकी पत्नी मेगन स्कैंटलबेरी ने अदालत में बयान दिया कि हमले से पहले उनके पति का व्यवहार असामान्य था। लीलम्मा लाल उसी अस्पताल में नर्स हैं। हमले के कुछ देर बाद ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला लगभग एक से दो मिनट तक चला और अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।

जख्मी नर्स लीलाम्मा लाल की बेटी सिंडी जोसेफ ने अपनी मां की चोटों की गंभीरता बाताई और कहा, उनके सिर से सबड्यूरल और थोड़ा रक्तस्राव हो रहा है, उनके चेहरे का दाहिना हिस्सा पूरी तरह से फ्रैक्चर हो गया था। उन्हें ट्यूब लगाई गई थी और वे बेहोश थीं, उनके चेहरे पर बहुत ज्यादा चोट के निशान हैं और उनकी आंखों में सूजन भी है।मैं उन्हें पहचान नहीं पाई।

नर्स की स्थिति को लेकर कहा जा रहा है कि अब उनकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। नर्स के मस्तिष्क में ब्लीडिंग हुई थी। ब्लीडिंग के कारण उन्हें वेस्ट पाम बीच के सेंट मैरी मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मिले एस जयशंकर, जानें क्या हुई बात

#foreign_minister_jaishankar_talks_with_british_pm_starmer

विदेश मंत्री जयशंकर इन दिनों ब्रिटेन के आधिकारिक दौर पर हैं। यहां उन्होंने मंगलवार शाम को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से उनके आवास पर मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात में द्विपक्षीय सहयोग तथा रूस-यूक्रेन संघर्ष पर ब्रिटेन के दृष्टिकोण संबंधी मुद्दे रहे।

एस जयशंकर ने अपनी इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। तस्वीरों में दिख रहा था कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री खुद आगे बढ़कर जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि हमारे द्विपक्षीय, आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने और एक दूसरे के यहां लोगों की आवाजाही बढ़ाने पर चर्चा हुई। पीएम स्टार्मर ने यूक्रेन संघर्ष पर ब्रिटेन के नजरिए को भी साझा किया।

इस मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत हुई। जयशंकर ने भारत की स्थिति को स्पष्ट किया कि भारत किसी गुट में शामिल नहीं होगा और हमेशा शांति का पक्षधर रहेगा। सूत्रों के अनुसार भारत ने ये साफ कर दिया है कि वह अपने फैसले खुद लेता है और अपनी नीति पर चलता है।

इससे पहले, उन्होंने ब्रिटेन और आयरलैंड को कवर करते हुए अपनी छह दिवसीय यात्रा के पहले दिन मंत्रिस्तरीय वार्ता की। इस क्रम में ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ बैठक के दौरान उन्होंने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता की प्रगति पर चर्चा की। जयशंकर ने रेनॉल्ड्स के साथ अपनी बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हमने एफटीए वार्ता की प्रगति पर चर्चा की।

जयशंकर ने ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेटे कूपर से मुलाकात की और लोगों के बीच आदान-प्रदान, तस्करी और उग्रवाद से निपटने के संयुक्त प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने व्यापार विभाग के सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स से भी मुलाकात की और एफटीए वार्ता में प्रगति पर चर्चा की।

चीन ने फिर बढ़ाया अपना रक्षा बजट, भारत से तीन गुना अधिक

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पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा हुआ है। एक तरफ इजराइल-हमास युद्ध के मैदान में डटे हुए हैं। वहीं, रूस-यूक्रेन जंग लड़ रहे है, दूसरी तरफ अमेरिका ने यूक्रेन के मुद्दे पर यूरोपीय देशों को नाराज कर अलग गुट में खड़ा कर दिया। इस बीच चीन खुद को ताकतवर बनाने की होड़ में लगा हुआ है। चीन लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ाता जा रहा है। इसी के तहत चीन ने एक बार फिर अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी करने का एलान किया है। चीन ने बुधवार को अपने रक्षा बजट का एलान किया, जिसमें चीन ने रक्षा खर्च के लिए 249 अरब डॉलर का बजट रखा है। यह पिछले साल के बजट की तुलना में 7.2 प्रतिशत ज्यादा है।

खर्च का बचाव करते हुए नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के प्रवक्ता लू किनजियान ने कहा कि शांति की रक्षा के लिए ताकत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मजबूत राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं के साथ, चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास से जुड़े हितों की बेहतर ढंग से रक्षा कर सकता है, एक प्रमुख देश के रूप में अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकता है और विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा कर सकता है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में चीन का रक्षा व्यय वैश्विक औसत से कम है। वर्ष 2016 से चीन के वार्षिक रक्षा खर्च में लगातार नौ वर्षों से एकल अंक में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि चीन का रक्षा खर्च जीडीपी के हिस्से के रूप में पिछले कई सालों से डेढ़ फीसदी से कम रहा है।

चीन अपने सभी सशस्त्र बलों का बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण करने का काम जारी रखे हुए है। चीन के रक्षा बजट के आंकड़ों को उसके द्वारा विमानवाहक पोतों के निर्माण, उन्नत नौसैनिक जहाजों और आधुनिक स्टील्थ विमानों के तेजी से निर्माण सहित बड़े पैमाने पर सैन्य आधुनिकीकरण के मद्देनजर संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। बीते साल भी चीन ने अपने रक्षा बजट में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि की थी। पिछले साल चीन का रक्षा बजट 1.67 खरब युआन या कहें 232 अरब डॉलर था।

अमेरिका को चुनौती देने की तैयारी में ड्रैगन

चीन, अमेरिका को हर मोर्चे पर चुनौती देने की तैयारी कर रहा है और इसी के तहत वह अपनी सेना को भी मजबूत करने में जुटा है। हालांकि अभी अमेरिका की तुलना में चीन का बजट काफी कम है, लेकिन जिस तेजी से चीन अपने सैन्य खर्च को बढ़ा रहा है, उसे देखते हुए जल्द ही चीन के भी अमेरिका के नजदीक पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका का सैन्य बजट 895 अरब डॉलर है। इस मामले में कोई भी देश अमेरिका के आसपास भी नहीं फटकता।

भारत के मुकाबले तीन गुना से भी ज्यादा बजट

एक तरफ चीन अमेरिका से मुकाबला कर रहा है, तो दूसरी तरफ उसकी नजर भारत पर भी है। भारत के साथ चीन का सीमा विवाद है। ऐसे में भारत के मुकाबले चीन का सैन्य बजट तीन गुना से भी ज्यादा होना भारत के लिए बड़ा तनाव देने वाला है। बीते दिनों पेश किए गए बजट में भारत ने अपने सैन्य खर्च के लिए 75 अरब डॉलर आवंटित किए थे। जबकि चीन का यह खर्च 249 अरब डॉलर है। इससे दोनों देशों के बीच के अंतर को साफ समझा जा सकता है। सैन्य बजट के मामले में भारत चौथे स्थान पर है।