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धनबाद में भू-जल संकट: 2 साल में 20 फीट गिरा जलस्तर, कुएं सूखे

  

धनबाद :- धनबाद जिले में भू-गर्भीय जलस्तर में गिरावट की समस्या लगातार गंभीर बनती जा रही है. शहरी क्षेत्र में स्थिति क्रिटिकल स्तर तक पहुंच चुकी है. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने अपनी 2024 की रिपोर्ट में इस पर चिंता व्यक्त की है. सीजीडब्ल्यूसी की इस रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद शहरी क्षेत्र में कुल जल आवश्यकताओं का 73.34 प्रतिशत भू-गर्भ जल-स्रोत से ही पूरा किया जा रहा है. 

परिणामस्वरूप भू-गर्भ जल भंडार अत्यधिक दोहन के कारण भारी दबाव में हैं. इस वजह से शहर के अधिकांश कुएं साल में सात से आठ महीने सूखे रहते हैं. गर्मियों में हैंडपंप (चापाकल) भी सूख जाते हैं, जिससे नागरिकों को भारी जलसंकट का सामना करना पड़ता है. धनबाद शहर में तेजी से बढ़ते अपार्टमेंट कल्चर के कारण डीप बोरिंग की गहराई एक हजार फीट से अधिक तक पहुंचने लगी है।

पहले जहां भू-गर्भ जल 10 से 20 फीट की गहराई पर उपलब्ध था, अब मार्च तक यह 50 फीट से नीचे चला जाता है और जून तक 70 फीट से भी अधिक गहराई में पहुंच जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद प्रखंड में 2022 से 2023 के बीच भू-गर्भ जलस्तर 50.2 फीट से गिरकर 63.632 फीट हो गया था. 2024 तक यह गिरावट 70 फीट के करीब पहुंच गयी.

बाघमारा प्रखंड के जलस्तर में 14.104 फीट की गिरावट :

धनबाद जिले में केवल धनबाद सदर प्रखंड ही अकेले इस समस्या से नहीं जूझ रहा है. अन्य प्रखंडों में भी भू-गर्भ जल स्तर में भारी गिरावट देखी गयी है. बाघमारा प्रखंड में जलस्तर 32.308 फीट से गिरकर 46.412 फीट हो गया है. 

यानी जलस्तर में 14.104 फीट की गिरावट आयी है. बलियापुर प्रखंड में भू-जल स्तर 48 फीट तक पहुंच गया है. अन्य प्रखंडों में भी भू-गर्भ जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है. हालांकि इन्हें अभी सामान्य श्रेणी में रखा गया है।

अनियंत्रित शहरीकरण और खनन गतिविधियां प्रमुख रूप से जिम्मेदार :

धनबाद में भू-जल स्तर में गिरावट के पीछे अत्यधिक दोहन और कोयला खनन गतिविधियां प्रमुख कारण हैं. अत्यधिक दोहन के लिए अनियंत्रित शहरीकरण को इस समस्या के लिए जिम्मेदार माना गया है, जबकि धनबाद शहरी क्षेत्र के बाहर खनन गतिविधि को इसके लिए जिम्मेदार माना गया है. इसके साथ ही धनबाद में जल संरक्षण के उपायों में कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है।

औद्योगिक शहर होने के बावजूद धनबाद में जल संरक्षण के प्रयास सीमित हैं, जिससे भू-गर्भीय जल-स्रोत में तेजी से गिरावट देखी जा रही है.

धनबाद में जल संरक्षण के प्रयास सीमित :

आइआइटी आइएसएम धनबाद में पिछले दिनों आयोजित अर्बन वाटर्स फोरम 2025 में धनबाद नगर निगम द्वारा जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि धनबाद में बड़े पैमाने पर वर्षा जल संग्रहण योजनाएं लागू की जा रही हैं. प्रत्येक हाउसिंग सोसाइटी और अपार्टमेंट में वर्षा जल संचयन का प्रोजेक्ट होना अनिवार्य कर दिया गया है. नागरिकों को जलसंकट की गंभीरता और जल संरक्षण के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. पानी की बर्बादी रोकनी जरूरी है।

महाकुंभ से लौट रही महिला श्रद्धालुओं से भरी एक कार हजारीबाग में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इसमें 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी. 7 अन्य घायल हो गयीं


 हजारीबाग : प्रयागराज में लगे महाकुंभ में स्नान करने के बाद रांची लौट रही श्रद्धालुओं से भरी एक कार हजारीबाग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. कार में सवार 3 महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गयी और 7 अन्य घायल हो गये. 

दुर्घटना हजारीबाग के चरही थाना क्षेत्र में बिरसा फुटबॉल मैदान के पास हुई. पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सभी 7 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. मृत 3 महिलाओं में 2 रांची और एक गुमला जिले की रहने वाली हैं. 7 घायल महिलाओं में 6 रांची की और एक लोहरदगा जिले की हैं.

2 खड़े ट्रक में श्रद्धालुओं से भरी कार ने मारी टक्कर

भीषण दुर्घटना सोमवार (10 फरवरी 2025) को सुबह 6:30 बजे चरही में हुई. प्रयागराज से रांची लौट रही कार ने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) पर बिरसा फुटबॉल मैदान के पास खड़े 2 ट्रकों में टक्कर मार दी. एक ट्रक का नंबर JH 01BZ 9170 और दूसरे का JH 05 BC 7191 है. कार में सवार सभी श्रद्धालु आईटीआई हेहल के रहने वाले हैं.

इन लोगों की हो गयी मौत

संजू देवी

सोनिया देवी

आशा देव

कार में 10 महिला श्रद्धालु समेत सवार थे 11 लोग

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टाटा सुमो गोल्ड कार में ड्राइवर के अलावा 10 महिला श्रद्धालु सवार थीं. महाकुंभ स्नान करके सभी रांची लौट रहीं थीं. इसी दौरान रास्ते में कार दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. कार में सवार 3 महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गयी. 7 अन्य महिलाएं घायल हो गयीं. दुर्घटना की जानकारी मिलते ही चरही थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची.

हजारीबाग सदर अस्पताल में घायल महिला श्रद्धालुओं का चल रहा इलाज. 

ये 7 महिला श्रद्धालु हुईं हैं घायल

कांति देवी

असिता देवी

पुनीता देवी

गुड़िया देवी

उमा देवी

रंजू देवी

ज्योति कांत

मरने वाली 3 महिलाओं में 2 रांची की, 1 गुमला की

पुलिस ने सभी मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घायलों को बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल भेज दिया गया. मृतकों की पहचान संजू देवी पति जितेंद्र गोप. कांके के सोसो की रहने वाली सोनिया देवी और गुमला की रहने वाली आशा देवी के रूप में हुई है.

घायल 7 महिलाओं में एक लोहरदगा जिले के पंडरिया की

घायलों के नाम कांति देवी पति कामेश्वर गोप (रांची), असिता देवी पति रामेश्वर गोप (सेवाड़ी, मांडर, रांची), पुनीता देवी पति आशुतोष गोप (बुंडू, रांची), गुड़िया देवी पति राजेंद्र गोप (पंडरिया, भंडरा थाना, लोहरदगा), उमा देवी पति स्वर्गीय रामेश्वर मिश्रा (बजरा, रांची), रंजू देवी पति शैलेंद्र कुमार पाठक (रांची, बजरा) और ज्योति कांत पति उमाकांत (केरली पब्लिक स्कूल, बजरा, रांची) हैं।

भूली बस्ती में वाहन जांच के दौरान चोरी के बाइक के साथ दो धराए


धनबाद : भूली ओपी परिसर में भूली थाना प्रभारी अभिनव कुमार ने कोयलांचल क्राईम न्यूज़ को बताया कि वरीय पदाधिकारी द्वारा वाहन चेकिंग का आदेश प्राप्त हुआ। उक्त आदेश के आलोक में संध्या गस्ती पदाधिकारी विजय कुमार राय को वाहन चेकिंग करने का निर्देश

मोबाईल के माध्यम से दिया गया।

गस्ती दल पदाधिकारी द्वारा आदेश के आलोक में बैरिकेडिंग का इस्तेमाल करते हुए। भूली बस्ती मोड़ के पास वाहन जाँच किया जा रहा था तभी समय करीब रात्रि 7:00 बजे झारखण्ड मोड़ के पास पुलिस वाहन चेकिंग के दौरान दो बाइक सवार

भागने का प्रयास करने लगे तभी गस्ती दल के मदद से पीछा कर मोटरसाईकल सवार को झारखण्ड 

मोड़ के तरफ से एक मोटरसाईकल जिसपर दो लोग सवार थे। 

जो पुलिस बल को देखकर गाड़ी घुमा कर भागने लगा तभी भूली पुलिस की टीम ने उसे दोडाकर पकड़ लिया।

 जिसके उपरान्त उक्त दोनो से बिना नम्बर का ब्लू रंग का हिरो होण्डा स्पलेंडर प्लस के संबंध में पूछताछ किया गया। तो इनलोगो के द्वारा बताया गया कि यह गाड़ी हमलोग के दोस्त का है।

जिसके उपरान्त संदेह होने पर मेरे द्वारा गस्ती दल के मदद से दोनो व्यक्ति एवं बिना नम्बर का ब्लू रंग का हिरो होण्डा स्पलेंडर प्लस को भूली ओ0पी0 लाया तथा मोटरसाईकल को ओ०पी० परिसर में सुरक्षार्थ

रखा गया। तथा ओ०पी० परिसर में उक्त दोनो से कड़ाई से पूछताछ करने पर फरीद खान के द्वारा बताया

गया कि हम दोनो यह मोटरसाईकल करीब डेढ महिना पहले मेमको मोड़ के पास से चोरी किये थे और

इसका नम्बर प्लेट हटाकर अपना निजि काम में इस्तेमाल करते थे। 

उक्त दोनो अभियुक्तो द्वारा बताया गया कि ये दोनो और दो और मोटरसाईकल करीब एक महीना पहले सरायढेला से एक ग्लैमर मोटरसाईकल तथा करीब एक महीना पहले पाण्डरपाला काली मंदीर के पास से एक स्कूटी का भी चोरी किये थे। जिसे इन दोनो अभियुक्तो के द्वारा बरामद कराया गया। वहीं मंगलवार को दोनों आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया गया।

आयुष्मान भारत योजना: झारखंड में 66 लाख लोगों को मिलेगा लाभ

झारखंड में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत नई बीमा अवधि शुरू हो गई है। 10 फरवरी को राज्य में सूचीबद्ध सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में पुरानी बीमा की अवधि के समाप्त होते ही इस योजना की नई बीमा अवधि को लागू कर दिया गया है।

अब इस बीमा अवधि के दौरान राज्य के सभी पात्र लाभुक लाभ ले सकेंगे और पूर्व की तरह सभी सूचीबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों में अपना निश्शुल्क इलाज करवा सकेंगे।

66 लाख से अधिक लाभुकों को मिलेगा लाभ

स्वास्थ्य विभाग एवं झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के अनुसार राज्य के 66 लाख से अधिक लाल, पीला एवं हरा राशन कार्डधारी परिवार इस योजना का लाभ ले सकेंगे। साथ ही विभाग द्वारा नई बीमा अवधि से एचबीपी 2022 (हेल्थ बेनिफिट पैकेज) लागू किया गया है।

इसके अंतर्गत 534 नये पैकेज भी शामिल किए गये हैं एवं पुराने पैकजों की दर को संशोधित किया गया है। हेल्थ बेनिफिट पैकेज-2022 में प्रशासक देखभाल पैकेज (पैलिएटिव केयर पैकेज), उच्च अंत प्रक्रियाएं (हाई एंड प्रोसेस) जैसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट और कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी आदि प्रक्रियाएं भी सम्मिलित की गई हैं। 

ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम-2 लागू करनेवाला पहला राज्य बना झारखंड

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा टीएमएस (ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम) के नया वर्जन को भी झारखंड में लागू किया गया है।

झारखंड में आयुष्मान भारत योजनाहाइब्रिड मोड में संचालित है एवं देश भर में हाइब्रिड मोड में संचालित प्रदेश में झारखंड पहला राज्य है, जहां टीएमएस 2.0 को लागू किया गया है।

झारखंड आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक अबु इमरान के अनुसार अब अस्पतालों को भी इस योजना के तहत काम करने में काफी सुविधा होगी । टीएमएस 2.0 में डाक्यूमेंट का साइज अब 500 केबी से बढ़ाकर एक एमबी कर दिया गया है। इससे अस्पताल अब अधिक डाक्यूमेंट्स अपलोड कर सकेंगे। साथ ही इस योजना का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा।

सुअर की किडनी इंसान में प्रत्यारोपित, मरीज ठीक नई तकनीक से किडनी फेल्योर के मरीजों को मिली उम्मीद


दुनिया में इस वक्त 'विज्ञान' की दिन दूनी रात चौगुनी गति से प्रगति हो रही है. कुछ वक्त पहले तक असंभव सी लगने वाली चीजें आज बढ़ती आधुनिकता की सहायता से आसानी से अच्छे परिणाम तक पहुंच रही हैं. खास तौर पर चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिक हर रोज असंभव चीजों को संभव करने में लगे हुए हुए हैं. वहीं, हाल ही में वैज्ञानिकों ने सुअर के जीन में बदलाव कर उसकी किडनी इंसान में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित की है.

 मरीज पूरी तरह से सेहतमंद है और हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने वाले हैं. इस कामयाबी से न सिर्फ मेडिकल के क्षेत्र में, बल्कि दुनिया भर में किडनी फेल्योर का सामना कर रहे लाखों मरीजों के लिए उम्मीद की एक किरण जगी

दरअसल, न्यू हैम्पशायर के 66 साल के टिम एंड्रयूज़ ने सुअर की किडनी प्रत्यारोपण करवाने के लिए महीनों तक कड़ी मेहनत की और आखिरकार उन्हें इसमें सफलता भी मिली मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल ने शुक्रवार को घोषणा की कि एंड्रयूज़ अब डायलिसिस से मुक्त हैं और उनकी सर्जरी 25 जनवरी को हुई . सर्जरी के बाद, वह तेजी से ठीक हुए कि एक हफ्ते के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल गई.

एंड्रयूज़ ने कहा, 'जब मैं ऑपरेशन के बाद होश में आया, तो मैं खुद को एक नया इंसान महसूस कर रहा था.'

सुअर के अंगों से जीवनदान की नई उम्मीद

जानवरों से इंसानों में अंग प्रत्यारोपण (ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन) को लेकर वैज्ञानिक सालों से रिसर्च कर रहे हैं, ताकि मानव अंगों की कमी को दूर किया जा सके. अमेरिका में 1 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यारोपण लिस्ट में हैं, जिनमें से ज्यादातर को किडनी की 9जरूरत है, लेकिन अंग न मिलने की वजह से हजारों लोग हर साल मर जाते हैं.

हालांकि, अब तक चार लोगों में सूअर के अंग प्रत्यारोपित किए गए थे, जिनेमें दो दिल और दो किडनी, लेकिन ये प्रत्यारोपण ज्यादा वक्त तक नहीं टिक सके. हालांकि, न्यूयॉर्क की 54 साल टोवाना लूनी को नवंबर में सूअर की किडनी लगाई गई थी, और वह 2.5 महीने से सेहतमंद हैं. यह संकेत देता है कि यह तकनीक सफल हो सकती है.

अब, एंड्रयूज़ पर प्रयोग के बाद, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मैस जनरल हॉस्पिटल को दो और मरीजों पर यह प्रयोग करने की इजाजत दी है. इसके अलावा, यूनाइटेड थेरेप्यूटिक्स नामक कंपनी को भी इसी साल 6 मरीजों पर सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने की अनुमति दी गई है. अगर इसके बाद वे छह महीने तक स्वस्थ रहते हैं, तो 50 और मरीजों को यह प्रत्यारोपण करने के लिए मिलेगा.

एंड्रयूज़ की संघर्ष भरी कहानी

एंड्रयूज़ की किडनी दो साल पहले अचानक खराब हो गई थी और डायलिसिस पर निर्भर थे. डॉक्टरों ने बताया कि उनके खून के समूह (ब्लड ग्रुप) के कारण इंसानी किडनी मिलने में 7 साल तक का वक्त लग सकता है, जबकि डायलिसिस पर इंसानों के जीवीत रहने की संभावना सिर्फ 50 फीसदी है. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और सुअर की किडनी अपने शरीर में प्रत्यारोपण करवाने के लिए जद्दोजहद करने लगे.

आखिरकार डॉक्टरों ने इसके लिए उनकी फिटनेस की जांच की और पाया कि वह बहुत कमजोर थे, साथ ही उन्हें डायबिटीज़ और दिल की भी बीमारी थी. लेकिन एंड्रयूज़ ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने छह महीने तक कड़ी मेहनत की, 30 पाउंड (लगभग 13 किलो) वजन कम किया, और अपनी फिटनेस में सुधार किया. डॉक्टरों ने जब फिर से टेस्ट किया तो पाया कि वे अब प्रत्यारोपण करवा सकते हैं.

सफल प्रत्यारोपण और नई उम्मीद

डॉक्टरों के सर्जरी के दौरान जैसे ही सुअर की किडनी को उनके शरीर में प्रत्यारोपण किया, तुरंत वह गुलाबी हो गई और यूरिन बनाने लगी. सफलर सर्जरी के बाद अब तक उनकी किडनी सही तरीके से काम कर रही है. एंड्रयूज़ अब जल्द ही अपने घर लौटने वाले हैं. 

भविष्य की संभावनाएं

मैस जनरल के डॉक्टरों का कहना है कि अभी देखना होगा कि एंड्रयूज़ की किडनी कितने वक्त तक काम करती है. अगर किसी कारण से यह किडनी फेल होती है, तो एंड्रयूज़ के शरीर में इंसानी किडनी प्रत्यारोपित की जाएगी.

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के डॉक्टर रॉबर्ट मोंटगोमरी का मानना है कि इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा उन मरीजों को मिलेगा जो बहुत ज्यादा बीमार नहीं हैं, लेकिन इंसानी किडनी के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते. अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो यह लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा, जिससे अंग प्रत्यारोपण की समस्या हल हो सकती है.

एक्स पर अर्जुन मुंडा ने पोस्ट कर महाकुंभ में बेहतर इंतजाम-भव्य आयोजन के लिये दी बधाई

रांची :-झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे. विशेषता यह रही कि बिलकुल सामान्य यात्री की तरह. उनके साथ उनकी पत्नी मीरा मुंडा भी थी. दोनों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इसके बाद पति-पत्नी प्रयागराज स्टेशन पहुंचे. अर्जुन मुंडा ने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में अकेले वह साल लिए रेलवे स्टेशन पर बैठे है. कुछ देर बाद उनकी पत्नी मीरा मुंडा भी दिखाई दे रही है. वीडियो देखने से ऐसा लगता है कि अर्जुन मुंडा स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रहे है. 

 उन्होंने लिखा है कि महाकुंभ में स्नान कर आज प्रयागराज से झारखंड लौटा हूं, महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार को बहुत-बहुत बधाई. 

 इस आयोजन का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है. जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आस्था के इस महापर्व में भाग लेने के लिए पूरे देश और विदेश से आ रहे है. श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए सरकार के द्वारा सभी जगह पर बेहतर इंतजाम किए गए है. इस भव्य आयोजन की व्यवस्था में लगे सभी लोग बधाई के पात्र है. सभी का बहुत-बहुत आभार.

नियम के वाबजूद कोल इंडिया में 2017 से नहीं मिल रही अनुकम्पा पर नौकरी, राज्यसभा में सांसद संजय सिंह ने उठाया मामला


धनबाद: देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट पर नौकरी का नियम है, लेकिन नौकरी दी नहीं जा रही है. यह मुद्दा सोमवार को राज्यसभा में उठा. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मामला उठाते हुए कहा कि नियम होने के बाद भी कोल इंडिया में मेडिकल बोर्ड की क्रियाशीलता नहीं है. उन्होंने आंकड़ा दिया कि 18 नवंबर 2017 से ही मेडिकल अनफिट की सुविधा कोयलाकर्मियों को नहीं मिल रही है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच करा कर कोयलाकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी दी जाए.

 बता दें कि कोल इंडिया के नियम के अनुसार यदि कोई कर्मचारी मेडिकल रूप से अनफिट हो जाता है, तो उसे सेवा से हटा दिया जाता है.  

नियम तो है लेकिन 2017 से नहीं हुई है नियुक्ति 

साथ ही उसकी जगह पर उसके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का प्रावधान है. मेडिकल अनफिट के पहले मेडिकल बोर्ड के गठन का नियम है. जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल होते है. पिछले 7 वर्षों से कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों में यह नियम अघोषित रूप से बंद है. इस वजह से कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों में हजारों मामले लंबित है. यह भी सूत्र बताते हैं कि एनसीडब्ल्यू ए-11 समझौता के समय कोल इंडिया प्रबंधन ने यह साफ किया था कि यह व्यवस्था यथावत चालू रहेगी. लेकिन व्यवहार और कागज में यह चालू नहीं है.

 कोयलाकर्मी और उनके आश्रित कोल इंडिया से लगातार गुहार लगा चुके हैं, फिर भी प्रबंधन टस से मस नहीं हुआ है.

कोल इंडिया ने कुछ दिन पहले अधिकारियों के आश्रितों के नियोजन नीति में किया था संशोधन 

 

बता दें कि कुछ दिनों पहले कोल इंडिया के कर्मचारियों के आश्रितों को नियोजन की नई नीति के बाद अधिकारियों के आश्रितों के नियोजन के नियम में भी संशोधन किया था. संशोधित नियम में कोयला अधिकारियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नियोजन में बड़ी राहत मिली थी. प्रबंधन ने अधिकारियों के आश्रितों के अनुकंपा पर नियोजन संबंधी नीति में संशोधन करते हुए गैर अधिकारियों की तरह कम उम्र के बच्चे को लाइव रोस्टर में शामिल करने तथा परिवार में किसी आश्रित के नौकरी में रहने के बाद भी अनुकंपा पर दूसरे आश्रित को नौकरी देने पर सहमति दे दी थी . 

नियम कुछ इस तरह का किया गया था बदलाव 

 

पूर्व में अधिकारियों की मौत पर कम उम्र के बच्चे का नाम लाइव रोस्टर में शामिल करने का प्रावधान नहीं था. परिवार का कोई सदस्य यदि कहीं भी नौकरी में है, तो दूसरे आश्रित को नौकरी नहीं मिलती थी. संशोधित नीति में बताया गया था कि यदि किसी अधिकारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके पति या पत्नी के पास अनुकंपा पर नौकरी का विकल्प होगा. शर्त यही होगी कि आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिए. 18 वर्ष से अधिक और 35 वर्ष से कम आयु वाले अधिकारियों के आश्रितों को भी अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी.

14 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आ रही है रांची,सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने की पूरी तैयारी


झा. डेस्क 

रांची : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 14 फरवरी को रांची आ रही हैं. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर रांची में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा तीन लेयर में की जा रही है. बता दें राष्ट्रपति बीआईटी मेसरा के हीरक जयंती समारोह में 15 फरवरी को शामिल होंगी. उनकी सुरक्षा में 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जायेगा. सुरक्षा में 10 आइपीएस अधिकारी की भी तैनाती होगी.

ट्रैफिक व्यवस्था में होगा बदलाव

बता दें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर रांची में ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है. रिपोर्ट्स की मानें तो 14 व 15 फरवरी को ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया जायेगा. 14 फरवरी को राष्ट्रपति एयरपोर्ट से हरमू बाइपास होकर राजभवन पहुंचेंगी. इस दौरान आधा से एक घंटा पहले ट्रैफिक रोक दिया जायेगा.ट्रैफिक रोकने के लिए कई जगह बैरिकेडिंग भी की जायेगी. कई जगह ड्रॉप गेट बनाये जायेंगे.

1000 पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती

ट्रैफिक संभालने के लिए ट्रैफिक डीएसपी, इंस्पेक्टर व पुलिसकर्मियों को हर रोड में तैनात किया जायेगा. उनकी सुरक्षा को लेकर डीआइजी सह एसएसपी, सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी, ट्रैफिक एसपी, एएसपी सीसीआर सहित 10 आइपीएस, 20 से अधिक डीएसपी और काफी संख्या में जिला बल, स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर भी लगाये जायेंगे.

सुरक्षा में रांची पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बल, सेना के जवान की भी तैनाती रहेंगे. रांची पुलिस, रैपिड एक्शन पुलिस, जैप, इको, जिला बल की लाठी पार्टी तैनात रहेगी. ऊंची इमारतों से भी सुरक्षाकर्मी निगहबानी में लगे रहेंगे. साथ ही स्पेशल ब्रांच के पुलिसकर्मी सादे लिबास में विभिन्न इलाकों में तैनात रहेंगे. सेना के जवान भी अपने स्तर से जगह-जगह तैनात रहेंगे.

बेटी भागी प्रेमी के साथ तो उसकी मां ने अपने आशिक के साथ मिलकर कर दी बेटी की सहेली की हत्या, पुलिस ने किया मामला का उदभेदन

गिरिडीह : बेटी भाग गयी थी प्रेमी के साथ, इसलिए गुस्साई मां ने अपने आशिक के साथ मिलकर बेटी की सहेली की जान ले ली। मामला झारखंड के गिरिडीह का है, जहां देवरी थाना क्षेत्र की एक छात्रा का शव मिला था।

पुलिस ने आरोपियों के पास से एक बाइक और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरफ्तार अभियुक्त राजकुमार हाजरा के विरूद्ध पूर्व से भी देवरी थाना में 6 कांड दर्ज है।

जानकारी के मुताबिक देवरी थाना क्षेत्र के चतरो के तुरियाटोला गांव की नाबालिग छात्रा की हत्या मामले में पुलिस ने अब बड़ा खुलासा किया है। नाबालिग छात्रा से जुड़े इस केस में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।

पुलिस ने कहा है कि घर के पास रहने वाली एक महिला ने अपने प्रेमी के संग मिलकर घटना को अंजाम दिया था । वारदात के पीछे की वजह आपसी रंजिश है।उक्त महिला ने पुलिस को बताया कि कुछ साल पहले उसकी बेटी प्रेमी के साथ भाग गई थी।

इसमें इस नाबालिग छात्रा की संलिप्तता थी। इसी बदले की भावना से उसकी हत्या की गई। दरअसल गिरिडीह 27 जनवरी को देवरी थाना क्षेत्र के चतरो के तुरियाटोला गांव से नाबालिग छात्रा लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

3 फरवरी को देवघर के चितोलोढिया के नैयाडीह जंगल से पीड़िता का शव बरामद हुआ।जांच में पता चला कि आरोपी महिला ने अपने प्रेमी राज कुमार हाजरा के साथ मिलकर बदले की भावना से इस वारदात को अंजाम दिया।

खलारी में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कैंप के सामने टीपीसी उग्रवादियों ने की फायरिंग,सीसीएल कर्मी को लगी गोली

झारखंड डेस्क 

झारखंड की राजधानी रांची के खलारी में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कैंप के सामने टीपीसी उग्रवादियों ने फायरिंग की.घटना में सीसीएल कर्मी को गोली लगी है.

बताया जाता है कि है कि खलारी अंतर्गत चुरी माइंस के सामने सीआईएसएफ कैंप के सामने दहशत फैलाने के इरादे से गोलीबारी की गई जिसमें सीसीएल कर्मी प्रदीप साव घायल हो गए. उनके पैर में गोली लगी है.

घायल प्रदीप साव को इलाज किया जा रहा है. घटना सोमवार को तकरीबन 11 बजे की है. खलारी थाना प्रभारी को जैसे ही मामले की जानकारी मिली उन्होंने छानबीन शुरू कर दी है.

बाइक से आए थे अपराधी

बताया जाता है कि पल्सर बाइक से आए उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया.प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि बाइक से पहुंचे 2 अपराधियों में से एक टीपीसी का ऋषिकेश था. उसने ही दहशत फैलाने के उद्देश्य से फायरिंग की.

बताया जाता है कि फायरिंग की आवाज सुनकर वहां अफरा-तफरी मच गयी.प्रदीप साव वहीं खड़े थे. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उग्रवादियों ने प्रदीप साव से पहले कुछ पूछा और फिर पैर में गोली मार दी. उनको आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है.