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समीक्षा बैठक : स्कूलों और शिक्षकों की बिगड़ती छवि पर मुख्यमंत्री नाराज, सख्ती के निर्देश, कहा- ट्रांसफर के लिए भी बनाई जाए नीति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने विभाग के कार्यों में सुधार के लिए कई कड़े निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने ट्रांसफर नीति बनाकर ट्रांसफर के निर्देश दिए. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव मुकेश बंसल, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, डीपीआई दिव्या मिश्रा समेत शिक्षा विभाग के सीनियर अफसर मौजूद थे.

मुख्यमंत्री साय ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि शराब सेवन कर स्कूलों में पहुंचने वाले और अनुशासनहीनता बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट किया जाए. साथ ही स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए.

बैठक में दिये गए महत्वपूर्ण निर्देश :

1. आदिवासी जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के द्वारा संचालित 85 एकलव्य स्कूलों को भी अन्य स्कूलों की तरह स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन करने की कार्रवाई किये जाने के लिए निर्देशित किया गया. इसके लिए भारत सरकार से पत्राचार किया जाए.

2. लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्मित एच.आर.एम.आई.एस. पोर्टल में शिक्षकों की समस्त प्रकार की जानकारियों को अद्यतन किया जाए. इसी पोर्टल में शिक्षकों के स्थानांतरण का प्रावधान करने के लिए निर्देशित किया गया.

3. सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं तथा जिला एवं विकासखण्ड स्तर के लिए कार्ययोजना बनाई जाए. यदि शासकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम आता है, तो संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों / विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों / संस्था प्रमुखों / शिक्षकों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए. विशिष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले संस्था प्रमुखों / शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाए.

4. स्कूलों में मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए. इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी / विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जाए. मद्यपान करके आने वाले शिक्षकों, लंबी अनुपस्थिति वाले शिक्षकों और जिन शासकीय सेवकों का कार्य संतोषप्रद नहीं है, उन्हें शासन के नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही की जाए.

5. शिक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों में कुछ अच्छा काम हो रहा है, तो उसका अध्ययन कर राज्य में भी परिस्थिति के अनुरूप लागू करने की कार्रवाई की जाए.

6. शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए.

7. डीएवी स्कूलों के संबंध में राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की जाए.

8. अपार आईडी में पालकों का मोबाइल नंबर अपडेट कराया जाए.

9. बोर्ड परीक्षा के पश्चात् युक्तिकरण के संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए. उक्त युक्तिकरण में परिसर में संचालित ऐतिहासिक पुराने स्कूल को रखते हुए नए स्कूल को मर्ज करने के निर्देश दिए गए. सभी विद्यालयों को बालक एवं बालिका के लिए समान रूप से संचालित किया जाए. पृथक से बालिका विद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति न दी जाए.

10. स्कूल शिक्षा विभाग के लिए स्थानांतरण नीति बनाई जाए, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात् ही शहरी क्षेत्र में स्थानांतरण किए जाने का समावेश हो.

11. स्कूलों में दिए जाने रहे गणवेश के कलर चेंज करने एवं गुणवत्ता सुधारने की ओर ध्यान दिया जाए. स्कूल खुलने के पहले गणवेश वितरित कराया जाना सुनिश्चित करें. जिनका कार्य अच्छा है, उन्हें गणवेश का कार्य दिया जाए.

12. अनुसूचित क्षेत्रों में 20 बोलियों की किताबें बना रहे हैं, उन्हें पढ़ाने के लिए कोई रास्ता निकालते हुए, स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में रखने के निर्देश दिए गए.

13. यदि कोई दानदाता अतिरिक्त कक्ष निर्माण आदि के लिए दान देना चाहता है, तो उस कक्ष में उनकी नाम पट्टिका लगाकर उनका नाम अंकित किया जाए. सभी शासकीय विद्यालयों में एलुमिनी आयोजित कर पूर्व छात्रों की सहायता से विद्यालय के शैक्षिक एवं भौतिक प्रयास किए जाएं.

14. अच्छे विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसलिंग और कोचिंग के प्रयास किए जाएं.

15. कन्या छात्रावास एवं अन्य छात्रावासों की अधिकारियों द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग की जाए, साथ ही छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए.

16. स्कूलों का समय-समय पर राज्य, जिला और विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कराया जाना सुनिश्चित करें. निरीक्षण में शैक्षिक गुणवत्ता तथा विद्यालय की भौतिक संसाधनों को चिन्हांकित किया जाए.

17. शिक्षकों को आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण दिया जाए.

18. प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शाला में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना की जाए. 2023 में किए गए संशोधन को विलोपित किया जाए.

19. आगामी चार वर्ष में विभाग की अकादमिक उन्नति के लिए रोडमैप तैयार किया जाए एवं इसका अनुमोदन लिया जाए.

20. सीएसआर के तहत शिक्षा विभाग में क्या-क्या हो सकते हैं, उन क्षेत्रों की पहचान की जाए.

21. शिक्षकों के प्रशिक्षण की नीति बनाई जाए. विद्यार्थियों के लिए अच्छे शैक्षिक वीडियो तैयार किए जाएं.

शिवनाथ नदी में शराब फैक्ट्री के वेस्ट पर हाईकोर्ट सख्त, पर्यवारण संरक्षण मंडल से मांगा नया हलफनामा

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट शराब फैक्ट्री के अपशिष्ट से शिवनाथ नदी के प्रदूषित होने को लेकर स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर लगातार सुनवाई कर रही है. इस मामले में आज चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान नदी के पानी की स्वच्छता रिपोर्ट के साथ छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से एक नया हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 2 अप्रैल को होगी.

पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने क्षेत्रीय कार्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने इसके साथ-साथ अन्य उद्योगों पर कड़ी और नियमित निगरानी रखने, ताकि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होने का जवाब पेश करने कहा था. जिसका जवाब पेश किया गया है. वहीं कोर्ट में रिपोर्ट के माध्यम से जानकारी दी गई कि नदी का पानी साफ है और प्रदूषित नहीं है. इस मामले में शासन का पक्ष उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने रखा है. 

दरअसल, 20 जुलाई 2024 में खबरें सामने आई कि मुंगेली जिले के ग्राम मोहभट्टा-धूमा में स्थित मेसर्स भाटिया वाइन मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ पर्यावरण और आस-पास के क्षेत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. वाइन फैक्ट्री औद्योगिक गतिविधियों से लगभग 20 हजार लोगों की पूरी आबादी प्रभावित हो रही है. जिसके बाद मामले पर न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस जनहित याचिका को पंजीकृत करने का निर्देश दिया था.  

बता दें, मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि विभिन्न पर्यावरण अधिनियमों के तहत घटिया गुणवत्ता वाले उत्पादों को निस्तारित करने का प्रावधान है, लेकिन केवल उसके (अपशिष्ट पदार्थ के) उपचार के बाद ही. वाइन फैक्ट्री इस नियम का उल्लंघन कर रही है. इतना ही नहीं, जहरीले अपशिष्टों के कारण 350 एकड़ से अधिक धान की फसल प्रभावित हुई है. इन अपशिष्टों की दुर्गंध ने आसपास के लोगों का जीवन दूभर कर दिया है, जिससे सांस लेने में दिक्कत, खुजली, आंखों में जलन, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो रही है. इस खबर से स्थानीय प्रशासन हरकत में आई और पुलिस ने मौके से पानी का सैंपल भी लिया था.

इस जनहित याचिका की 23/10/2024 को सुनवाई के बाद पक्षों को न्यायालय ने निर्देशित किया और लम्बी जांच प्रक्रिया की गई. जिसमें महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत के साथ-साथ राज्य/प्रतिवादियों के लिए उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के वकील अमृतो दास, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के वकील अभिषेक ने अपना पक्ष रखा.

16 दिसंबर की सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा:

न्यायालय की निगरानी में लगातार इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें 16 दिसंबर 2024 को कोर्ट में दिए हलफनामा में कहा गया था कि “इसके अवलोकन से यह स्पष्ट है कि फैक्ट्री से दूषित पानी कहां से बह रहा है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन सुधारात्मक उपाय किए जाने और फैक्ट्रियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.

क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर के अधिकारियों द्वारा जांच में खजरी नाला, शिवनाथ नदी में नाला संगम बिंदु, शिवनाथ नदी और आर.ओ. दिनांक 21/11/2024 और 04/12/2024 को मेसर्स भाटिया वाइन मर्चेंट के आउटलेट पानी में क्रमशः 1.5 मिलीग्राम/लीटर पानी पाया गया. दोनों ही सैंपलिंग तिथियों के दौरान, खजीरी नाले में पानी बह नहीं रहा था, बल्कि स्थिर था. 

मामले की सुनवाई में क्षेत्रीय कार्यालय और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने हाइकोर्ट के समक्ष ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए नियमित निगरानी रखे जाने का जवाब प्रस्तुत किया था.

कोर्ट को सौंप गए रिपोर्ट में बताया गया है कि नदी का पानी साफ है और प्रदूषित नहीं है. इसे देखते हुए मामले को 3 फरवरी, 2025 को आगे की निगरानी के आदेश और नदी के संबंध में पानी की रिपोर्ट के साथ छत्तीसगढ़, पर्यावरण संरक्षण मंडल के सचिव को एक नया हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. जिसे 3 फरवरी 2025 को सोमवार को पेश किया गया है. वहीं अगली सुनवाई 2 अप्रैल 2025 को तय की गई है.

राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेस (एआई) पर एक दिवसीय कार्यशाला हुआ सम्पन्न

रायपुर-  इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के द्वारा राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आज आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, बसवा राजु, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमल प्रीत सिंह, तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव एस.भारतीदासन, उर्जा विभाग के विशेष सचिव अंकित आनंद, एन.आर. डी.ए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार, आई. जी. राम गोपाल गर्ग सहित 100 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका सिंह बारिक ने कहा कि तीव्र गति से परिवर्तित टेक्नालॉजी के इस दौर में राज्य के अंतिम व्यक्ति तक सुशासन की पहुँच बनाने के लिए इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की जानकारी इस कार्यशाला में दी जायेगी ।

निहारिका सिंह बारिक ने कहा कि ए.आई. तकनीक हमारी सोच से अधिक गति से परिवर्तन ला रहा है। ए.आई. से हमारी अनेक समस्याओं का त्वरित समाधान प्राप्त किया जा सकता है और शासकीय सेवा वितरण एवं नीति निर्माण में भी इसका प्रभावी उपयोग किया जा सकता है। इन्हीं कारणों से आज की इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

कार्यशाला के प्रथम सत्र के समापन पर उपस्थित समस्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को धन्यवाद प्रेषित करते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मालिक ने कहा कि एआई तकनीक का उपयोग शासन और प्रशासन में दक्षता बढाने एवं त्वरित निर्णय लेने में किया जा सकता है। इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य शासकीय कार्यों में प्रौद्योगिकी के समुचित उपयोग को प्रोत्साहित करना है ।

नई दिल्ली से आये एआई के विशेषज्ञ डॉ. शिवा कक्कर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व में सर्वप्रथम टेक्नॉलाजी का उपयोग टेक्सटाईल उद्योग में किया गया। वर्ष 2022 के पश्चात सम्पूर्ण विश्व में एआई तकनीक का तीव्र गति से विस्तार हुआ । डॉ. शिवा ने बताया कि पहले यह माना जाता रहा है कि तकनीक के प्रयोग से रोजगार के अवसर कम होते हैं , परंतु वास्तविकता यह है कि नवीन तकनीक के माध्यम से नवीन कौशल को ज्यादा रोजगार प्राप्त होता है । कार्यशाला में एआई तकनीक के श्रेष्ठ उपयोग की जानकारी देते हुए डॉ. शिवा कक्कर ने चैट जीपीटी, मैटा, गूगल नोट बुक एल.एम्. जैसे अन्य प्रासंगिक एवं उपयोगी टूल्स की विस्तृत जानकारी प्रदान की ।

कार्यशाला के समापन पर धन्यवाद प्रस्तावित करते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने बताया कि चिप्स द्वारा इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के विभिन्न विषयों पर प्रतिमाह कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। राज्य के विभाग अपने कार्यक्षेत्र से सम्बंधित विशेष विषयों का चयन कर चिप्स को सूचित करें तो उस विषय पर भी चिप्स द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा । इस अवसर पर चिप्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार बिश्वरंजन, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय और संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुपम आशीष टोप्पो भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

केंद्र से छत्तीसगढ़ को रेलवे विकास के लिए 6925 करोड़ की सौगात, मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय रेलमंत्री का जताया आभार

रायपुर- छत्तीसगढ़ में 41 हजार करोड़ रूपए की लागत से रेलवे सुविधाओं के विस्तार का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें रेल्वे ट्रैक का विस्तार, रेलवे लाईन का दोहरीकरण, रेलवे फ्लाई ओवर और ब्रिज आदि का निर्माण शामिल है. केंद्र सरकार ने बजट 2025 में छत्तीसगढ़ राज्य में रेल्वे सुविधा के विकास के लिए 6925 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है. इससे राज्य में रेल परियोजनाओं के कामों को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी.

केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में रेलवे के उन्नयन और विकास के लिए 41,000 करोड़ रुपए के निवेश से नई रेल लाइनों, रेलवे फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य में रेलवे का शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को अभूतपूर्व रेल परियोजनाओं की सौगात मिली है. ये परियोजनाएं राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी और जनता को बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय के कारण छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क विस्तार की ऐतिहासिक पहल हो रही है. इससे यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ औद्योगिक, खनिज और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क विस्तार से न केवल यात्री परिवहन बल्कि खनिज संपदा और औद्योगिक उत्पादों के निर्यात में तेजी आएगी. इससे राज्य में व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

छत्तीसगढ़ में रेलवे के दीर्घकालिक विकास के लिए रावघाट-जगदलपुर, धरमजयगढ़-लोहरदगा और खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा जैसी कई नई रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को ऐतिहासिक रेलवे बजट प्राप्त हुआ है. यह राज्य की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास और यात्री सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा. उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार इस विकास यात्रा को और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

गौरतलब है कि रावघाट रेलवे लाइन के अन्तर्गत दल्लीराजहरा-अंतागढ़ (77 किमी) सेक्शन चालू, यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है. रावघाट तक विस्तार कार्य प्रगति पर, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की आपूर्ति होगी और ग्रामीणों को किफायती यातायात सुविधा मिलेगी. इसी तरह के.के. रेल लाइन दोहरीकरण के अन्तर्गत 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है. इससे बस्तर और दंतेवाड़ा जिले की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. आवागमन आसान और माल परिवहन सुविधाजनक हो सकेगा. 4021 करोड़ रूपए की लागत वाली डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना की लंबाई 295 किमी है. इसके निर्माण से खनिज परिवहन, यात्री सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन से सरगुजा क्षेत्र को नए विकास की दिशा मिलेगी. गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली 490 किमी लंबी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं. सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी.

कल जारी होगा कांग्रेस का घोषणा पत्र : पीसीसी संचार प्रमुख ने भाजपा के मेनिफेस्टो पर कसा तंज, कहा-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में जैसे-जैसे नगरीय निकाय चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ रही है. सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच छींटा कसी का खेल जारी है. जहां छग भाजपा ने आज घोषणा पत्र जारी किया तो कांग्रेस कल यानी 4 फरवरी को अपना मेनिफेस्टो जारी करेगी. इससे पहले कांग्रेस ने भाजपा के “जन घोषणा पत्र” पर सियासी प्रहार किया.

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने आज मीडिया से चर्चा में कहा कि बीजेपी ने घोषणा पत्र पेश किया, जिसे अटल विश्वास पत्र नाम दिया है. 2023 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र का नाम भाजपा ने मोदी की गारंटी रखा था. एक साल में गारंटी फेल हो गई, जिसकी वजह से दोबारा उसी नाम से घोषणा पत्र जारी करने का भाजपा में साहस नहीं है. क्योंकि बीजेपी सरकार 20 में से एक भी वादे पूरी नहीं कर पाई. बात ऐसी है कि पीएम मोदी के प्रति विश्वास खत्म हो चुका है, सीएम विष्णुदेव के वादे से भरोसा उठ चुका है. इसलिए अब छत्तीसगढ़ भाजपा ने विष्णु और नरेंद्र मोदी दोनों से परहेज कर लिया है और अब पूर्व पीएम अटल वाजपाई के शरण में आ गए हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि दो महीने पहले साय कैबिनेट की बैठक में भू स्वामित्व देने का निर्णय लिया गया था. उस नियम को रद्द कर दिया और अब पट्टा देने का चुनावी वादा कर रहे हैं. गौशाला बंद कर गोकुल नगर के विस्तार की बात कर रहे हैं. सिकल सेल अनीमिया से मुक्ति की बात कर रहे हैं. इन्होंने तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले से जो अभियान चलाया जा रहा है, उसके बजट में 50% कटौती की है. 

भाजपा झूठ बोलकर फैला रही भ्रम : सुशील आनंद शुक्ला 

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि संपत्ति कर की भुगतान में मासिक छूट की बात कर रहे है, इन्हें ये ही नहीं पता कि ये सालना कर होता है. ये उदाहरण है कि बीजेपी कैसे झूठ बोलकर भ्रम फैलाने का काम करती है. बीजेपी ने वादा किया था कि हर पंचायत में भुगतान केंद्र बनाकर धान की राशि का भुगतान किया जाएगा, लेकिन इन्होने ये भी नहीं किया. ऐसे ही 18 लाख पीएम आवास बनाने का वादा का वादा भी पूरा नहीं हो पाया. इसके अलावा दीनदयाल कृषि कल्याण योजना के तहत लाखों हितग्राहियों को लाभ मिलना था, लेकिन अब सिर्फ 12 सौ लोगों को ही लाभ मिल रहा है. भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग गठन की बात की कही गई थी. 500 रुपए में सिलेंडर भी महिलाओं को नहीं मिला. अब जनता समझ चुकी है और इनके झूठे खांचे में नहीं आने वाले हैं. 

कल जारी होगा कांग्रेस का घोषणा पत्र 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस कल यानी 4 जनवरी को अपना घोषणा पत्र जारी करेगी. निकायों के लिए पीसीसी चीफ दीपक बैज कल “जन घोषणा पत्र” जारी करेंगे. इस दौरान घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष  सत्यनारायण शर्मा सहित वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे.

कोयला घोटाले मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, सूर्यकांत तिवारी की 50 करोड़ की संपत्तियां अटैच

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई करते हुए व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी की लगभग 50 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर लिया है. ईडी ने सूर्यकांत तिवारी की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है. इसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नगदी, आभूषण और जमीन शामिल हैं. यह कार्रवाई कोयला लेवी वसूली मामले में की गई है, जिसमें सूर्यकांत तिवारी पहले से ही जेल में बंद हैं. ईडी ने इस संबंध में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए जानकारी दी है.

ईडी ने अपने ट्वीट में कहा, ईडी रायपुर ने अवैध कोयला लेवी घोटाले से संबंधित मामले में सूर्यकांत तिवारी और अन्य से संबंधित पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 30/01/2025 को कुल मिलाकर 49.73 करोड़ रुपये मूल्य की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है, जिसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नकदी, आभूषण और जमीन शामिल हैं.

क्या है कोयला घोटाला मामला ?

छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था. आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था. इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था.

गहिरा गुरु महाराज के उपदेशों से आदिवासी समाज को मिला सत्य सनातन धर्म का बोध - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-   यह हम सभी के लिए अत्यधिक गौरव का विषय है कि हम इस पवित्र स्थल पर एकत्रित होकर परम पूज्य संत गहिरा गुरु जी और माता पूर्णिमा जी के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माता पूर्णिमा जी का जीवन पूरी तरह से त्याग, तपस्या और समाज सेवा की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत करता है। उनका विग्रह समाज के कल्याण के प्रति उनके अडिग समर्पण का प्रतीक है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज श्रीकोट आश्रम बलरामपुर में परम पूज्य संत गहिरा गुरु की धर्मपत्नी पूर्णिमा जी के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के विशेष अवसर पर यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि संत गहिरा गुरु जी ने गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी समाज की सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने दीन-हीन और असहायों की सेवा को अपना परम धर्म माना और सत्य, शांति, दया और क्षमा के सिद्धांतों को धर्म के अमूल्य स्तंभ के रूप में स्थापित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने संत गहिरा गुरु जी द्वारा आदिवासी समुदायों के उत्थान में दिए गए अतुलनीय योगदान की सराहना की। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों को इस पावन अवसर पर शुभकामनाएं दी और उन्हें आह्वान किया कि वे माता पूर्णिमा जी और संत गहिरा गुरु जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारते हुए समाज को एक नई दिशा देने हेतु मनोयोग से जुट जाएं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यहां आने पर मुझे माता के विग्रह के दर्शन सौभाग्य मिला, उनका सजीव और मनोरम विग्रह देखकर ऐसा लगा मानो किस क्षण वह बोल उठे। श्री साय ने गहिरा गुरु जी का स्मरण करते हुए कहा कि गहिरा गुरु जी आदिवासी समाज के बड़े संत हुए, जिनके उपदेशों और कथनों के जरिए पूरे समाज ने सत्य सनातन धर्म का महत्त्व जाना। उन्होंने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास से पिछड़े हुए आदिवासी समुदाय के जीवन में गहिरा गुरु महाराज के उपदेशों से आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सुधार आया। श्री साय ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि गहिरा गुरु समाज का आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। रायगढ़ के सांसद रहते गहिरा गुरु महाराज के जन्म ग्राम को गोद लेकर उसका विकास करने का सौभाग्य मिला। आज उनके आदर्शों को आत्मसात कर समाज आगे बढ़ रहा है। जगह-जगह संस्कृत महाविद्यालय खुल रहे हैं और आदिवासी समाज लगातार आगे बढ़ रहा है। समारोह में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में बना धान खरीदी में नया कीर्तिमान: 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में राज्य शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत इस खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। इसमें मोटा धान 81.98 लाख मीट्रिक टन, पतला धान 10.75 लाख मीट्रिक टन और सरना धान 56.52 लाख मीट्रिक टन शामिल है। धान की यह खरीदी राज्य बनने के बाद का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। धान खरीदी का सिलसिला 14 नवंबर 2024 से शुरू होकर 31 जनवरी 2025 तक निरंतर जारी रहा जिसके अंतर्गत राज्य के पंजीकृत 25 लाख 49 हजार 592 किसानों ने धान विक्रय किया। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 31 हजार 89 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। महासमुंद जिला सर्वाधिक 11.04 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर राज्य में पहले नंबर पर है। वहीं बेमेतरा जिला 9.38 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर दूसरा और बलौदाबाजार-भाटापारा जिला 8.56 लाख मीट्रिक टन धान खरीदकर तीसरा स्थान हासिल की है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धान खरीदी के साथ ही कस्टम मीलिंग के लिए तेजी के साथ धान का उठाव किया जा रहा है। अभी तक 123 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी कर दिया गया है। जिसके विरूद्ध 103 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव हो चुका है। धान उठाव पंजीकृत 4102 राइस मिलरों के जरिए धान का उठाव निरंतर किया जा रहा है। विगत वर्ष 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।

खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर जिले में 27 लाख 60 हजार 712 क्विंटल, बीजापुर में 11 लाख 97 हजार 888 क्विंटल, दंतेवाड़ा जिले में 03 लाख 34 हजार 315 क्विंटल, कांकेर जिले में 53 लाख 14 हजार 290 क्विंटल, कोण्डागांव जिले में 31 लाख 24 हजार 810 क्विंटल, नारायणपुर जिले में 03 लाख 80 हजार 758 क्विंटल, सुकमा जिले में 9 लाख 29 हजार 389 क्विंटल, बिलासपुर जिले में 69 लाख 19 हजार 834 क्विंटल, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 14 लाख 05 हजार 797 क्विंटल, जांजगीर-चांपा जिले में 63 लाख 27 हजार 930 क्विंटल, कोरबा जिले में 29 लाख 15 हजार 548 क्विंटल, मुंगेली जिले में 55 लाख 60 हजार 324 क्विंटल, रायगढ़ जिले में 50 लाख 87 हजार 976 क्विंटल, सक्ती जिले में 51 लाख 37 हजार 411 क्विंटल और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 46 लाख 56 हजार 713 क्विंटल धान की खरीदी गई हैं।

इसी प्रकार बालोद जिले में 75 लाख 65 हजार 598 क्विंटल, दुर्ग जिले में 57 लाख 61 हजार 71 क्विंटल, कवर्धा जिले में 64 लाख 93 हजार 622 क्विंटल, राजनांदगांव जिले में 70 लाख 14 हजार 883 क्विंटल, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिले में 40 लाख 37 हजार 641 क्विंटल, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 2 लाख 22 हजार 426 क्विंटल, धमतरी जिले में 61 लाख 98 हजार 136 क्विंटल, गरियाबंद जिले में 53 लाख 53 हजार 499 क्विंटल, रायपुर जिले में 69 लाख 97 हजार 417 क्विंटल, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 29 लाख 70 हजार 361 क्विंटल, जशपुर जिले में 37 लाख 39 हजार 371 क्विंटल, कोरिया जिले में 12 लाख 84 हजार 751 क्विंटल, सरगुजा जिले में 36 लाख 46 हजार 903 क्विंटल, सूरजपुर जिले में 39 लाख 72 हजार 44 क्विंटल और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में 9 लाख 69 हजार 895 क्विंटल धान की खरीदी की गई है।

बीच सड़क पर बर्थडे पार्टी मनाने वालों पर हाई कोर्ट सख्त, पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई के साथ मुख्य सचिव से किया जवाब तलब…

बिलासपुर-  हाई कोर्ट ने रायपुर में आधी रात सड़क के बीचों-बीच कार रोककर बर्थडे मनाने के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए आज मामले की सुनवाई की. पूरे वाकये में नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ निलंबन सहित विभागीय कार्रवाई का आदेश देते हुए मुख्य सचिव से शपथपत्र तलब किया है.

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक आम आदमी के मामले में आप उसे कड़ी सजा देंगे और उसे जेल भेज पाएंगे, और अब तक क्या कार्रवाई की गई है. अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 122 के तहत कार्रवाई की गई है, और 300 रुपए का चलान काटा गया है.

दरअसल, राजधानी रायपुर में 30 जनवरी 2025 को इस घटनाक्रम को लेकर एक खबर प्रकाशित हुई थी. खबर में रायपुरा चौक के पास बीच सड़क पर कार रोककर बर्थडे पार्टी मानने को लेकर वीडियो वायरल की जानकारी भी दी गई थी. खबर में बीच सड़क में दो कार को बीच सड़क पर खड़ा कर कार की बोनट में केक रखकर काटा गया, जिससे सड़क पर जाम भी लग गया था.

बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद शर्मा ने थामा भाजपा का दामन, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कराया पार्टी प्रवेश

जांजगीर-चांपा-   छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर के सरगर्मी बढ़ चुकी है. नेताओं के दल बदल का भी सिलसिला जारी है. इस बीच छत्त्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल बसपा प्रदेश उपाध्यक्ष और अकलतरा विधानसभा से प्रत्याशी रहे विनोद शर्मा भाजपा में शामिल हो गए. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विनोद शर्मा को गमछा पहनकर भाजपा में प्रवेश कराया.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में अकलतरा विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने विनोद शर्मा को टिकट दिया था. इस चुनाव में पंच कोणीय मुकाबला देखने को मिला था. उपमुख़्यमंत्री विजय शर्मा ने आज विनोद शर्मा को गमछा पहनकर पार्टी में प्रवेश कराया. उन्होंने कहा कि चांपा में राजा और रंक के बीच संघर्ष है. जब-जब धन बल के माध्यम से चुनाव लड़ता जाता है तो उसमें जीत जन बल की होती है.

भाजपा प्रत्याशियों के लिए उपमुख्यमंत्री शर्मा ने मांगा वोट 

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज जांजगीर चांपा में बीजेपी अध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रदीप नामदेव और बीजेपी पार्षद प्रत्याशियों के पक्ष में किया रोड शो. उन्होंने जनता से दोनों प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करने की अपील की. यह रोड शो स्टेशन रोड से होकर थाना चौंक तक प्रमुख मार्गो में निकली. वहीं रोड शो में कार्यकर्ताओं के साथ आम लोग भी शामिल हुए.