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50 हजार का इनामी कुख्यात नवाब गिरफ्तार, 12 सालों से पुलिस कर रही थी तलाश

डेस्क : बिहार में इनदिनों पुलिस पूरे एक्शन में है। आए दिन पुलिस द्वारा प्रदेश के किसी न किसी जिले में कुख्यात को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे धकेला जा रहा है। इसी कड़ी पुलिस को एकबार फिर सफलता हाथ लगी है। गया पुलिस ने एक 50 हजार के इनामी कुख्यात नवाब उर्फ पिंटू को गिरफ्तार किया है।

गया जिले के टॉप टेन अपराधियों में शामिल कई कांडों में वांछित 50 हजार के इनामी अपराधी नवाब उर्फ पिंटू को पुलिस पिछले 12 साल तलाश कर रही थी। नवाब मियां 12 साल से लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। उसे पकड़ने की कोशिश पुलिस करती थी लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी। आखिरकार इस 50 हजार का इनामी अपराधी को पुलिस ने रामपुर थाना क्षेत्र से दबोच लिया।

सिटी एसपी रामानंद कौशिक ने बताया कि गिरफ्तार नवाब उर्फ पिंटू सिविल लाइन थाना क्षेत्र के समीर तकिया का रहने वाला है। इसके खिलाफ सिविल लाइंस थाना एवं चंदोती थाने में लूट,रंगदारी और आर्म्स एक्ट के कई मामले उसके खिलाफ दर्ज है। वह 12 वर्षों से लुक छिपकर इधर-उधर रह रहा था। पूर्व में इसके अन्य साथी को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब नवाब मियां को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
रूस का यूक्रेन पर बड़ा मिसाइल हमला, जानें क्यों रोकी गई कई शहरों में बिजली आपूर्ति
#russia_ukraine_war_massive_missile_attack_on_kyiv रूस और यूक्रेन के बीच करीब तीन साल से युद्ध जारी है। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर एक और बड़ा हमला किया है। रूस ने यूक्रेन के 100 ठिकानों पर एकसाथ अटैक किया है। यूक्रेन पर ब्लैक सी से टीयू-95 बमवर्षक से क्रूज मिसाइलें दागी गई हैं। हालांकि, इस बीच यूक्रेन ने अपने कई शहरों में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी है। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री ने बुधवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।

यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हरमन हलुश्चेंको ने लोगों से सुरक्षित पनाहगाहों में जाने की अपील की और सरकार की तरफ से दिए जाने पर वाले अपडेट पर नजर रखने को कहा। यूक्रेन की सरकारी बिजली कंपनी यूक्रेनगो ने बताया कि कई शहरों में बिजली आपूर्ति रोक दी गई है। जिन इलाकों में बिजली आपूर्ति रोकी गई है, उनमें खारकीव, सूमी, पाल्टोवा, जापोराजिया आदि क्षेत्र शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बिजली कटौती का मुख्य उद्देश्य हमलों के प्रभाव को सीमित करना और ऊर्जा प्रणाली को गंभीर नुकसान से बचाना था।

रूस ने बुधवार सुबह को मिसाइलों से हमला किया। इन हमलों में यूक्रेन के पश्चिमी लीव क्षेत्र में ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाया गया। लीव शहर के मेयर ने यह जानकारी दी। हालांकि इस हमले में किसी तरह से बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

लगभग तीन साल पुराने युद्ध के दौरान यूक्रेन की ऊर्जा अवसंरचना लगातार निशाने पर रही है। बुधवार के हमलों ने इस दबाव को और बढ़ा दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली कटौती जैसे उपायों से ऊर्जा प्रणाली पर नियंत्रण बनाए रखना संभव हो पाता है, जिससे हमलों के बावजूद बड़ी तबाही से बचा जा सकता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध को अगले महीने तीन साल का समय पूरा हो जाएगा। इस युद्ध का असर न सिर्फ रूस और यूक्रेन, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ा है। इस युद्ध ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। युद्ध के चलते भारत समेत दुनिया के कई देशों को रूस से होने वाली एलएनजी की आपूर्ति प्रभावित हुई, जिससे ऊर्जा का संकट पैदा हुआ।
'इंडियन स्टेट' वाले बयान पर घिरे राहुल गांधी, बीजेपी बोली- कांग्रेस का सच उजागर किया
#congress_leader_rahul_gandhi_statement_indian_states
राहुल गांधी ने बुधवार को बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी के नए दफ्तर के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भी सीधा हमला बोला। इस दौरान बीजेपी और आरएसएस पर बोलेते बोलते लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ऐसा बयान दे दिया की उसपर हल्ला मच गया है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई बीजेपी-आरएसएस के साथ इंडियन स्टेट के साथ भी है। कांग्रेस नेता के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने कांग्रेस सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने ही पार्टी का घिनौना सच उजाकर कर दिया है। ये बयान सीधे तौर पर "जॉर्ज सोरोस की प्लेबुक" से निकला था।

राहुल गांधी का शहरी नक्सलियों और डीप स्टेट से घनिष्ठ संबंध-नड्डा
जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस का घिनौनी सच किसी से छिपा नहीं है। अब उनके अपने नेता ने ही इसका पर्दाफाश कर दिया है। मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूं कि उन्होंने वह बात साफ-साफ कही जो देश जानता है कि वह भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं। यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल गांधी और उनके तंत्र का शहरी नक्सलियों और डीप स्टेट के साथ घनिष्ठ संबंध है। जो भारत को बदनाम करना चाहते हैं। उनके बार-बार के कार्यों ने भी इस विश्वास को मजबूत किया है। उन्होंने जो कुछ भी किया या कहा है वह भारत को तोड़ने और हमारे समाज को विभाजित करने वाला है।

जॉर्ज सोरोस द्वारा पूर्व नियोजित और प्रायोजित- शहजाद पूनावाला
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान महज संयोग नहीं है बल्कि जॉर्ज सोरोस द्वारा पूर्व नियोजित और प्रायोजित है। आज कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि भाजपा और पीएम मोदी का विरोध करते-करते वे देश का विरोध करने लगे हैं। वे भारत और भारतीय राज्यों के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह संयोग नहीं बल्कि एक सोचा-समझा प्रयोग है। यह एक उद्योग बन गया है, जिसे सोरोस (जॉर्ज सोरोस) प्रायोजित करते हैं। राहुल गांधी 'भारत तोड़ो' के एजेंडे पर चलते हैं।

क्या कहा राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी कांग्रेस के नए ऑफिस के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे। पार्टी का ऑफिस 24 अकबर रोड से अब 9 कोटला मार्ग पर शिफ्ट हो गया है। इस दौरान राहुल गांधी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोहन भागवत का बयान राजद्रोह के समान है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर बनने के बाद मिली। उन्होंने कहा कि भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते।

राहुल मोहन भागवत के इसी बयान पर बोल रहे थे, इसी दौरान उन्होंने इंडियन स्टेट का भी जिक्र कर दिया। राहुल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। यदि आप मानते हैं कि हम बीजेपी या आरएसएस नामक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पाएंगे कि क्या हो रहा है। बीजेपी और आरएसएस ने हमारे देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम बीजेपी, आरएसएस और स्वयं इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।
2024 के चुनाव को लेकर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा ने मांगी माफी; जानें क्या कहा

2024 के चुनाव को लेकर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा बैकफुट पर आ गई है। कंपनी ने मामले में माफी मांग ली है। कंपनी ने कहा कि अनजाने में हुई गलती के लिए हम माफी मांगते हैं। दरअसल, जुकरबर्ग ने दावा किया था कि कोविड-19 महामारी के बाद भारत समेत ज्यादातर देशों की मौजूदा सरकारों को 2024 में चुनावी हार का सामना करना पड़ा।

मेटा इंडिया में सार्वजनिक नीति के निदेशक के तौर पर काम करने वाले शिवनाथ ठाकुरल ने एक्स पर एक पोस्ट में सीईओ की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने कहा, मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से चुनकर नहीं आईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके शानदार भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।

वहीं, निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, भारतीय संसद व सरकार को 140 करोड़ लोगों का आशीर्वाद व जन विश्वास प्राप्त है मेटा भारत के अधिकारी ने आखिर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी है। उन्होंने लिखा, यह जीत भारत के आम नागरिकों की है, प्रधानमंत्री मोदी को जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाकर दुनिया का देश के सबसे मजबूत नेतृत्व से परिचय करवाया है। अब इस मुद्दे पर हमारी कमिटि का दायित्व खत्म होता है, अन्य विषयों पर हम इन सोशल प्लेटफॉर्म को भविष्य में बुलाएंगे, क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो।

इससे पहले, भाजपा सांसद और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर सदन पैनल के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा था कि गलत सूचना फैलाने के आधार पर मेटा को समन भेजा जाएगा। निशिकांत दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, एक लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत सूचना उसकी छवि को खराब करती है। संगठन को इस गलती के लिए संसद और यहां के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।  मेरी समिति इस गलत सूचना के लिए मेटा को बुलाएगी।

*क्या है जुकरबर्ग का बयान*
मार्क जुकरबर्ग जो रोगन के साथ एक पॉडकास्ट में कोविड-19 महामारी के बाद सरकारों में विश्वास की कमी पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 एक बड़ा चुनावी साल था। भारत समेत इन सभी देशों में चुनाव थे। लगभग सभी सत्ताधारी चुनाव हार गए। पूरे साल में किसी न किसी तरह की वैश्विक घटना हुई। चाहे वो मुद्रास्फीति के कारण हो। कोविड से निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण या सरकारों द्वारा कोविड से निपटने के तरीके के कारण। ऐसा लगता है कि इसका प्रभाव वैश्विक था। लोगों की नाराजगी और गुस्से ने दुनिया भर में चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। सभी सत्तासीन लोग हार गए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी हार गई।

*तीसरी बार सत्ता में लौटी बीजेपी*
बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने वाली बीजेपी को 2024 के आम चुनाव में कुछ झटके लगे और वह बहुमत के निशान से नीचे रही। हालांकि, गठबंधन दल के साथियों के साथ बीजेपी ने सत्ता कायम रखी। मोदी 3.0 के साथ, प्रधानमंत्री मोदी जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार शीर्ष पद पाने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री बन गए।
मोहन भागवत पर क्यों भड़के राहुल गांधी? बोले- किसी और देश में बयान दिया होता तो गिरफ्तार हो गए होते
#rahul_gandhi_slams_mohan_bhagwat_over_1947_independence_claims
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के आजादी वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। राहुल ने कहा कि अगर भागवत ने ये बयान किसी और देश में दिया होता तो ये राजद्रोह के समान होता और भागवत को गिरफ्तार कर लिया गया होता।

कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन पर पार्टी से जुड़े नेताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा, मोहन भागवत हर 2-3 दिन में देश को यह बताने की हिम्मत रखते हैं कि देश की आजादी के आंदोलन और संविधान के बारे में वह क्या सोचते हैं। उन्होंने कल जो कहा वह देशद्रोह की तरह है क्योंकि इसमें कहा गया कि संविधान अमान्य है। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, उन्हें (भागवत को) सार्वजनिक रूप से यह कहने की हिम्मत है, किसी अन्य देश में ऐसा होता तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर केस चलाया जाता। यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, हर एक भारतीय व्यक्ति का अपमान है। अब समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद करें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे।

*खरगे ने साधा निशाना*
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भागवत के असली आजादी वाले बयान की निंदा की और कहा कि यदि वह ऐसे बयान देते रहे तो फिर देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा। मल्लिकार्जुन खरगे ने आज कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि आरएसएस और बीजेपी के लोगों को (1947 में मिली) देश की आजादी याद नहीं है क्योंकि उनके वैचारिक पूर्वजों की ओर से आजादी की जंग में कोई योगदान नहीं दिया गया है।

*भागवत ने क्या कहा था?*
13 जनवरी को भागवत ने कहा था, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि कई सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को असली आजादी इसी दिन हासिल हुई थी।
समंदर में और शक्तिशाली हुआ भारत, पीएम मोदी ने देश को समर्पित किए आईएनएस सूरत, नीलगिरी और वाघशीर
#pm_modi_dedicates_made_in_india_three_warships
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को मुंबई स्थित इंडियन नेवी डॉकयार्ड पहुंचे। यहां उन्होंने नौसेना के तीन युद्धपोतों- आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर देश को समर्पित किया। नौसेना ने तीनों बड़े युद्धपोतों के शामिल होने को एक ऐतिहासिक अवसर करार दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक प्रमुख समुद्री शक्ति बन रहा है। भारत को विश्व में, विशेषकर ग्लोबल साउथ में एक विश्वसनीय और जिम्मेदार साझेदार के रूप में मान्यता मिल रही है। भारत विस्तारवाद के लिए नहीं, विकास के लिए काम कर रहा है।

*छत्रपति शिवाजी ने नौसेना को नया सामर्थ्य दियी-पीएम मोदी*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्मी दिवस के मौके पर आज भारतीय नौसेना डॉकयार्ड में तीन युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को देश को समर्पित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत की समुद्री विरासत नेवी के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है। ये अभियान आगे भी जारी रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि देश में पहली बार एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक सबमरीन को एक साथ कमीशन किया जा रहा है। सबसे गर्व की बात कि ये है तीनों युद्धपोत मेड इन इंडिया हैं। देश की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नेवी को सशक्त करने की तरफ हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।

*भारत विस्तारवाद नहीं- पीएम मोदी*
पीएम मोदी ने कहा,  आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। भारत विस्तारवाद नहीं, भारत विकासवाद की भावना से काम करता है। पीएम मोदी ने कहा, भारत ने हमेशा खुले, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है, इसलिए जब तटीय देशों के विकास की बात आई तो भारत ने SAGAR का मंत्र दिया। SAGAR का मतलब क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास है।

*देश की जरूरतों को देखते हुए नए कार्य शुरू किए-पीएम मोदी*
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल कई बड़े निर्णयों के साथ शुरू हुआ है। तेज गति से हमने नई नीतियां बनाई हैं, देश की जरूरतों को देखते हुए हमने नए कार्य शुरू किए हैं, देश के हर कोने, हर सेक्टर का विकास हो, इस लक्ष्य के साथ हम चल रहे हैं।
2024 के चुनाव पर मार्क जकरबर्ग ने ऐसा क्या कहा नाराज हो गया भारत? संसदीय समिति भेजेगी समन
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* फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग के बयानों ने उनकी कंपनी मेटा को मुश्किल में डाल दिया है। मामला 2024 के लोकसभा चुनाव पर जकरबर्ग की टिप्पणी से जुड़ा है। मार्क जकरबर्ग ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के नतीजों से जुड़ी गलत जानकारी शेयर की। एक 'द जो रोगन एक्सपीरियंस' नामक पॉडकास्ट के दौरान मार्क जुकरबर्ग ने गलत दावा किया कि साल 2024 दुनिया के लिए उथल-पुथल का समय रहा। वहीं, भारत सहित कई देशों में सत्ता पलट गई। मार्क जुकरबर्ग की चुनावों पर की गई टिप्पणी के चलते भारत की संसदीय पैनल ने कंपनी के खिलाफ समन जारी करने का मन बना लिया है। भाजपा सांसद और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर सदन पैनल के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि गलत सूचना फैलाने के आधार पर मेटा को समन भेजा जाएगा। निशिकांत दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एक लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत सूचना उसकी छवि को खराब करती है। संगठन को इस गलती के लिए संसद और यहां के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।मेरी समिति इस गलत सूचना के लिए मेटा को बुलाएगी। जवाब के लिए मेटा को कितना समय दिया जाएगा, इस पर दुबे ने कहा, हमारी समिति कल से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दौरे पर जाएगी। हमारी समिति 20 जनवरी को यात्रा समाप्त करेगी। हम वहां समिति के सदस्यों से बात करेंगे। हम उन्हें 20 से 24 जनवरी के बीच उपस्थित रहने के लिए कहेंगे। *अश्विनी वैष्णव ने जकबर्ग को दिखाया आईना* इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जकरबर्ग की टिप्पणी का फैक्ट चेक किया और कहा कि भारत के लोगों ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना विश्वास फिर से जताया है। मोदी 3.0 सरकार में रेलवे, सूचना और प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों को संभालने वाले वैष्णव ने अपनी एक एक्स पोस्ट में कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ 2024 के चुनाव संपन्न कराए। भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना विश्वास फिर से जताया। जकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश सत्ताधारी सरकारें कोविड के बाद हार गईं, तथ्यात्मक रूप से गलत है।' *जुकरबर्ग ने जो रोगन के इंटरव्यू में ये बयान दिया* मार्क जुकरबर्ग जो रोगन के साथ एक पॉडकास्ट में कोविड-19 महामारी के बाद सरकारों में विश्वास की कमी पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 एक बड़ा चुनावी साल था। भारत समेत इन सभी देशों में चुनाव थे। लगभग सभी सत्ताधारी चुनाव हार गए। पूरे साल में किसी न किसी तरह की वैश्विक घटना हुई। चाहे वो मुद्रास्फीति के कारण हो। कोविड से निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण या सरकारों द्वारा कोविड से निपटने के तरीके के कारण। ऐसा लगता है कि इसका प्रभाव वैश्विक था। लोगों की नाराजगी और गुस्से ने दुनिया भर में चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। सभी सत्तासीन लोग हार गए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी हार गई। *तीसरी बार सत्ता में लौटी बीजेपी* बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने वाली बीजेपी को 2024 के आम चुनाव में कुछ झटके लगे और वह बहुमत के निशान से नीचे रही। हालांकि, गठबंधन दल के साथियों के साथ बीजेपी ने सत्ता कायम रखी। मोदी 3.0 के साथ, प्रधानमंत्री मोदी जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार शीर्ष पद पाने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री बन गए।
कौन हैं भारत के “त्रिकाल”, जिनके आगे पानी मांगेंगे चीन-पाक, आज पीएम मोदी देश को समर्पित*
#indian_navy_will_get_two_modern_warships_and_one_submarine_today

भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ने वाली है। भारत के जिसका नाम सुनकर ही कांपने लगेंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई के नेवी डॉकयार्ड में नौसेना के 3 अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करने जा रहे हैं। ये भारत की समुद्री सीमा को अभेद्य बनाएंगे। ये तीन समंदर के सिकंदर जैसे ही सेना के बेड़े में शामिल होंगे, वैसे ही चीन से लेकर पाकिस्तान तक की टेंशन बढ़ जाएगी। पीएम मोदी ने सोमवार को कहा था कि 15 जनवरी 2025 को तीन फ्रंटलाइन नौसैनिक युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने से रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की हमारी कोशिशों को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारा प्रयास बढ़ेगा। जहां आईएनएस सूरत मिसाइलों के लिए काल है तो वहीं आईएनएस वाघशीर दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर है। जबकि आईएनएस नीलगिरि समंदर में भारत को बढ़त दिला सकता है। *चीन-पाकिस्तान के लिए काल है आएनएस सूरत* अगर आईएनएस सूरत की बात करें तो ये भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी के तहत बनाया गया चौथा और आखिरी स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। ये कई तकनीकों से लैस होने के कारण अपने दुश्मन पर सटीक प्रहार करने की क्षमता रखता है। ये एक तरह के स्टेल्थ फीचर्स और उन्नत रडार सिस्टम से लैस हैं। पाकिस्तान तो दूर चीन भी अपनी रडार पर इसे आसानी से ट्रैक नहीं कर पाएगा। ये सतह-से-सतह और सतह-से-हवा की मिसाइलों से दुश्मन देश की मिसाइलें भी ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। टॉरपीडो और बाकी के हथियारों से लैसे ये युद्धपोत चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए काल है। माना जा रहा है कि इसे देश के पूर्वी तट पर यानि विशाखापट्टनम में तैनात किया जा सकता है। वहीं, दुश्मन देशों की राडार से बचने के लिए इसे ब्रिज लेआउट और मास्ट डिजाइन में बदला गया है। इसमें रैल लैस वाले हेलिकॉप्टर ट्रेवर्सिंग जैसे आधुनिक सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे खराब मौसम में भी हेलिकॉप्टरों को किसी भी तरह का नुकसान न हो और कोई भी दुश्मन देश भारत की ओर आंख न उठा सकें। *दुश्मनों को मात देने के लिए तैयार है नीलगिरि* आईएनएस नीलगिरि आज भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाया गया स्टेल्थ फ्रिगेट है, जिसे अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। साल 1996 में रिटायर किए गए पुराने नीलगिरि का ये नया वर्जन अब समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए तैयार किया गया है। यह युद्धपोत न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि समुद्री क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के लिए बड़ी चुनौती भी साबित होगा। ये स्टेल्थ फ्रिगेट दुश्मनों की रडार पकड़ से बचने में सक्षम है। इसकी डिजाइन भी खास है और डिजाइन से ही रडार सिग्नेचर कम हो जाती है, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। समंदर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच यह युद्धपोत हिंद महासागर में भारत की उपस्थिति को और मजबूत करेगा। आईएनएस नीलगिरी जैसी तकनीक चीन की सेना के लिए चुनौतीपूर्ण है। पाकिस्तान के मुकाबले भारतीय नौसेना कहीं अधिक सक्षम है और नई पनडुब्बियों और युद्धपोतों के साथ भारत समुद्री सुरक्षा में वैश्विक स्तर पर मजबूती से खड़ा है। आईएनएस नीलगिरी जैसे प्लेटफॉर्म दुश्मनों के हर मंसूबे को नाकाम करने में सक्षम हैं। *वाघशीर दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर* पी 75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट की छठी और आखिरी पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बढ़ती ताकत को दिखाती है। इसका निर्माण फ्रांस के नेवी ग्रुप के सहयोग से किया गया है। यह पनडुब्बी दुश्मन के रडार से बचने, इलाके की निगरानी करने, खुफिया जानकारी जुटाने, हाई टेक्नोलॉजी वाली ध्वनि नियंत्रण, कम शोर छोड़ने और जलवायु के अनुसार अपने ढांचे को अनुकूलित करने की क्षमता रखती है। इसमें 18 टारपीडो और ट्यूब-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइलों का उपयोग करके एक साथ पानी के नीचे या सतह पर दुश्मन पर सटीक हमला करने की क्षमता है। आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन-क्लास प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित छठी और आखिरी डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। वाघशीर का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली सैंड फिश के नाम पर है। यह डीप सी प्रीडेटर के नाम से भी जानी जाती है। आईएनएस वाघशीर की ऊंचाई 40 फीट है। पानी के अंदर इसकी रफ्तार 35kmph है और पानी की सतह पर 20kmph है। यह एंटी टॉरपीडो काउंटरमेजर सिस्टम से भी लैस है। यह सबमरीन एक साथ 18 टॉरपिडो या एंटी शिप मिसाइल लोड कर सकती है और 30 से ज्यादा माइन से लैस है। यह सबमरीन एंटी सर्फेस और एंटी सबमरीन ऑपरेशन को अंजाम देने में माहिर है।
मकर संक्रांति के मौके पर राजधानी पटना करोड़ो रुपये का हुआ कारोबार, लोगों ने दही, तिलकुट आदि की जमकर की खरीददारी*

डेस्क : राजधानी में मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को आस्था और विश्वास के साथ मनाया गया। संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा, गुड़, तिलकुट, तिलवा, भुर्रा आदि का कारोबार गर्म रहा। शहर के मिठाई दुकानों से लेकर सुधा डेयरी बूथों तक पर खरीदारों की भीड़ देखने को मिली। शहर के तिलकुट और सब्जियों की दुकानों पर सुबह से लेकर देर शाम तक खरीदारों की भीड़ देखने को मिली। इस वर्ष सुगर फ्री तिलकुट(500 से 700 रुपये/किग्रा), गुड़ की तिलकुट और खोवा की तिलकुट लोगों के पसंद बनी। मटर छेमी की कीमत 50 रुपये किलो, गोबी 20 रुपये किलो, टमाटर बीस से 30 रुपये किलो, 20 रुपये किलो बैगन की कीमत रही। कारोबारी बताते हैं कि रविवार से ही दूध व दही की खरीदारी में तेजी देखी जा रही थी। पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस वर्ष लक्ष्य के अनुरूप दूध, दही, पनीर और तिलकुट की बिक्री का अनुमान रहा। पटना में दही की बिक्री 9 लाख किलो का लक्ष्य था। मंगलवार दोपहर बाद तक लगभग 8.40 लाख किलो दही की बिक्री हो चुकी थी। बिक्री का अंतिम आंकड़ा आज बुधवार दोपहर तक प्राप्त हो सकेगा। इसी तरह दूध की बिक्री 34 लाख लीटर, तिलकुट 18 हजार किलोग्राम और पनीर की बिक्री 30 हजार किलो होने की उम्मीद है।
दिल्ली चुनाव के बीच “आप” की बढ़ी टेंशन, केजरीवाल-सिसोदिया पर केस चलाने की परमिशन*
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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को लेकर गृह मंत्रालय ने पर केस चलाने की परमिशन दे दी है। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी को परमिशन दी गई है।इससे पहले बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि लोकसेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होगी। ईडी ने शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को मास्टरमाइंड और किंगपिन बताया था। सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए अधिकृत किया है।अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। दिल्ली शराब केस में सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई को पिछले साल अगस्त में इस मामले में जरूरी मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, इडी को अब तक मंजूरी नहीं मिली थी। मगर अब खुद गृह मंत्रालय ने एक्शन लेने की इजाजत दे दी है। दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) पर ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत लेने का आरोप है। यह ग्रुप राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री और वितरण को कंट्रोल करता था। आरोप है कि इस ग्रुप को दिल्ली की आप सरकार की ओर से 2021-22 के लिए बनाई गई आबकारी नीति से फायदा हुआ था। ये खबर ऐसे समय हुआ है, जब पांच फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।दिल्ली का शराब घोटाला इस चुनाव में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस इसी मामले पर आप को घेरने की कोशिश करती है। ऐसे में केस के आदेश मिलने से आप और केजरीवाल दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही इसका सीधे तौर पर असर चुनाव में भी देखते को मिल सकता है।