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*भदोही में 3 दिन 6 घंटे ठप रहेगी विद्युत आपूर्ति: सुबह 11 से 5 बजे तक एस्सेल फ्री केबल लगाने का होगा काम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। विद्युत विभाग के भदोही सब स्टेशन के अंतर्गत कई फीडरों में आरडीएसएस, नगर निकाय व बिजनेस प्लान योजना के तहत कार्य होना है। इस कार्य से 21 23 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। इस दौरान विद्युत वितरण खंड प्रथम भदोही के अधिशासी अभियंता आरबी शर्मा ने बताया कि रजपुरा चौराहा पर एक्सेल फि केबल लगाया जाएगा। एक्सेल फि केबल लगने से भदोही सब स्टेशन के कुशियरा, नेशनल, इंडस्ट्रियल व ममहर फीडर प्रभावित रहेगा। उन्होंने बताया कि कुशियरा फीडर, नेशनल फीडर, इंडस्ट्रियल फीडर व ममहर फीडर की विद्युत सप्लाई शनिवार से सोमवार तक प्रतिदिन सुबह ग्यारह से शाम पांच बजे तक बाधित रहेगी। एक्सईएन ने उक्त सभी फीडरों के विद्युत उपभोक्ताओं से कहा कि वह सुबह ग्यारह से पहले तक अपने सभी विद्युत संबंधित कार्य को पूरा कर ले। ताकि विद्युत आपूर्ति बाधित करने की स्थिति में उनको परेशानियों का सामना न करना पड़े।
*20 लाख आबादी पर 10 ऑर्थो सर्जन, ऑपरेशन का नहीं है इंतजाम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कालीन नगरी के सरकारी अस्पतालों में 10 ऑर्थो सर्जन की तैनाती तो हैं, लेकिन हड्डी के ऑपरेशन करने का कोई इंतजाम नहीं है। अस्पतालों में ओपीडी, प्लास्टर से जुड़े कार्य किये जाते हैं। यहां से हड्डी के मरीज को परिवर्तन करके स्वास्थ्यकर्मी निजी सेंटर पर भेजते हैं। जनपद के 6 स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 ऑर्थो सर्जन तैनात है। इसमें से अकेले जिला चिकित्सालय में चार और एमबीएस भदोही में दो सर्जन हैं।जनपद की आबादी 18 से 20 लाख के करीब है। 10 ऑर्थो सर्जन की तैनाती है, लेकिन सी आर्म मशीन न होने के कारण हड्डी से जुडे ऑपरेशन नहीं हो पाते हैं। ऐसे मरीजों को दर-दर भटकने की जरूरत पड़ती है। ऑर्थो सर्जन की उपयोगिता स्वास्थ्य महकमा करने से कोसों दूर है। इसका मुख्य कारण है कि अस्पताल संसाधन विहीन है। बिना सी आर्म मशीन के हड्डी का ऑपरेशन करना संभव नहीं है। इसी मशीन से ही चिकित्सक देखते हैं कि हड्डी कितनी जुड़ी और क्या दिक्कत है। जिला अस्पताल में चार ऑर्थाे सर्जन तैनात है। भदोही एमबीएस दो, सरपतहां सौ शय्या अस्पताल एक, औराई सीएचसी और ट्रामा सेंटर व गिर्दबड़ा पीएचसी पर एक एक हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती है, लेकिन इनकी उपयोगिता सिर्फ ओपीडी तक सीमित हो कर रह गई है। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर रोजाना हड्डी से जुडे़ 400 से 500 की ओपीडी होती है। जिला अस्पताल में रोजाना 100 की ओपीडी होती है। इसमें से 15-20 की ओपीडी होती है। विज्ञापन ऑपरेशन के नाम पर कैसे होता है खेल : ज्ञानपुर। अगर किसी व्यक्ति दो चार महीने पहले चोटें आई थी। और दवा लेने के बाद वह ठीक हो गया है। अगर दोबारा दर्द उठता है, तब वह सरकारी अस्पताल के ओपीडी में हड्डी के डॉक्टर को दिखाने पहुंचता है। तो उसे डिजिटल एक्सरे कराने की सलाह दी जाती है। एक्स-रे को डॉक्टर से पहले उनके पास तैनात संविदाकर्मी देखते हैं। इसके बाद डॉक्टर मरीज को कहते हैं कि यह जुड़ नहीं पाएगा, ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। हमारे परिचित का एक अस्पताल है वहां चले जाइये सस्ते में हो जाएगा। ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टर करते हैं उगाही : ज्ञानपुर। सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन न होने के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। स्वास्थ्यकर्मी, संविदा के डॉक्टर ही मरीज को परिवर्तित करके निजी अस्पताल का रास्ता बताते हैं। वहां ऑपरेशन के नाम पर मरीज से मन मुताबिक धन वसूला जाता है। निजी अस्पताल में 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक ऑपरेशन का खर्च आता है। इसके अलावा वार्ड और दवा का चार्ज अलग से है। स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्थाएं बेहतर है,

जल्द ही हड्डी से जुडे ऑपरेशन भी होगा। इसके लिए सी आर्म मशीन की मांग शासन से किया गया है। - डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही।
*सस्ते टेंडर के खेल में बनते ही बिगड़ रही सड़कों की दशा* *गुणवत्ता न होने से समय से पहले खराब हो जाती है सड़कें*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।सड़क बनते ही उसकी दशा बिगड़ने की मामला दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। मानक और गुणवत्ता को लेकर विभागीय रस्सा-कस्सी के बीच सड़कों के खराब निर्माण की बड़ी वजह है बिलो-टेंडर को भी माना जा रहा है। निर्माण कार्यों में निर्धारित मूल्य से 30 से 32 प्रतिशत तक लिए जा रहे कामों में गुणवत्ता की बात बेमानी साबित हो रही है। क्षतिग्रस्त सड़कों पर बेहाल होकर यात्रा करने के लिए राहगीर विवश हैं।जिले की 546 ग्राम पंचायतों और सात नगर निकायों में करीब ढाई हजार किमी सड़कों का जाल फैला है। लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, जिला पंचायत संग नगर पंचायत, मंडी समिति मार्गाें की निगरानी करती है। इसमें सभी निर्माण कार्य का नोडल लोक निर्माण विभाग रहता है। कार्यदायी संस्थाओं की ओर से हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर सड़कें बनाई जाती हैं, लेकिन जलभराव, मानक में कमी के कारण कई सड़कें समय से पहले ही टूट जाती हैं। जिसमें मानकों की अनदेखी और कार्यों में मनमानी के अलावा बिलो टेंडर को भी एक वजह माना जा रहा है। ग्रामीण अभियंत्रण और लोक निर्माण विभाग में इन दिनों में तमाम सड़कों के निर्माण कार्य शुरू कराया गया। जिसमें कई कार्यदायी संस्थाओं ने 20 से 32 फीसदी कम में काम को प्राप्त किया। किसी सड़क के निर्माण के लिए मानक व गुणवत्ता का चयन प्रस्ताव बनाते समय ही किया जाता है। दूरी, लंबाई, चौड़ाई और गहराई की अलग-अलग परतों के मूल्य का आंकलन कर ही प्रस्ताव बनाया जाता है। प्रस्ताव स्वीकृत होने के उपरांत उसका टेंडर उसी के आधार पर किया जाता है। निविदा निकालने के बाद प्रस्ताव से संबंधित फार्म की बिक्री की जाती है। निविदा खुलने के बाद संबंधित कार्य के लिए जिसका मूल्य सबसे कम होता है, उसी को ठेका दिया जाता है। यह है बिलो-टेंडर का खेल ज्ञानपुर। टेंडर डालते समय प्रस्तावित कार्य को हथियाने के लिए निर्धारित मूल्य से कम पर कार्य कराने का दावा करते हुए ठेकेदारों के बीच कम से कम खर्च पर काम कराने के लिए टेंडर डाला जाता है। विभागीय दान-दक्षिणा के बाद गुणवत्ता और मानक को उसी खर्च में पूरा करना होता है। लगभग सभी कार्यों में पांच से दस प्रतिशत बिलो-टेंडर तो कभी-कभी चालीस प्रतिशत गिरा दिया जाता है। समय से पहले खराब हुई सड़कें बिलो टेंडर से सड़कों की गुणवत्ता सही नहीं होती। इससे एक साल से पहले ही वह खराब हो जाती हैं। बारिश होते ही सड़कें उखड़ने लगती हैं। अभोली ब्लॉक के गुआली से फत्तूपुर, अभोली से फत्तूपुर, दुर्गागंज के शेरपुर से भानीपुर मार्ग, अर्जुनपुर से बिंद बस्ती मार्ग, भदोही के नयनपुर-अमिलोरी मार्ग, सुरियावां-अभियां मार्ग, बहुता चकडाही मार्ग, अबरना, हरिहरपुर मार्ग, भदोही-वाराणसी मार्ग से विद्युत उपकेंद्र केंद्र व आहोपुर जाने मार्ग लगभग दो किलोमीटर है। 8 माह पहले मरम्मत हुआ था, लेकिन अब हालात यह है कि जर्जर हो चुका है। इसी तरह महराजगंज मार्ग से लठिया जाने वाले मार्ग की मरम्मत 6 माह पहले हुई थी और गिट्टियां उखड़ने लगी है। विभागीय रूप से टेंडर की प्रक्रिया होती है। सबसे कम मूल्य लगाने वाले फर्म को कार्य स्वीकृत होता है।


बिलो-टेंडर डालने वाली फर्म से उतनी राशि की गारंटी ली जाती है। निर्माण में मानकों का पूरा ध्यान रखा जाता है। कमी मिलने पर कार्रवाई होगी। - एसपी मिश्रा, एक्सईएन, ग्रामीण अभियंत्रण।
*भदोही में राहगीरों से लूट करने वाले दो लुटेरे गिरफ्तार : महिलाओं को बनाते थे निशाना, अवैध हथियार व लूटा गया सामान बरामद*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही जिले के भभनौटी बाॅर्डर पर 17 दिसंबर को हुई महिला से पर्स लूट की घटना में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों पास से महिला का छीना गया बैग, लूट में इस्तेमाल बाइक, दो 315 बोर के कट्टे और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। अफसर अली अपनी बहन को 17 दिसंबर को बाइक से लेकर जा रहे थे। भभनौटी बाॅर्डर के पास बाइक सवार लुटेरों ने उनकी बहन पर झपट्टा मारकर पर्स छीन लिया और फरार हो गए। घटना की जानकारी अफसर अली ने थाने में दी, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर दो विशेष टीमों का गठन किया गया। अमिलोरी तिहारा पर चेकिंग के दौरान पुलिस को दो संदिग्ध युवक नजर आए। पूछताछ में उन्होंने लूट की घटना में शामिल होने की बात कबूल की। पकड़े गए आरोपियों के पास‌ से महिला का छीना गया पर्स, जिसमें सभी सामान सुरक्षित था, बरामद किया गया। साथ ही लूट में इस्तेमाल की गई बाइक और दो अवैध 315 बोर के कट्टे तथा जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। पकड़े गए अभियुक्त हिमांशु सिंह कानपुर व उदल सिंह निवासी भीमसेनपुर के निवासी बताए गए। हिमांशु सिंह के खिलाफ पहले भी क‌ई गंभीर मामले दर्ज हैं और उसके खिलाफ गुंडा नियंत्रण अधिनियम की कार्रवाई की गई है।
सिर्फ़ 12 दिन बचे, सौ करोड़ के प्रोजेक्ट का अभी तक 60 फीसदी ही हुआ काम* *जिन गांवों में हुए थे हादसे, वहां अब भी नहीं बदले जा सके तार और उपकरण*



भदोही।जिले में 100 करोड़ की परियोजना पौने दो सालों बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। आरडीएसएस योजना के तहत जिले के जर्जर तारों को बदलने के साथ-साथ विद्युत आपूर्ति दुरुस्त करने का कार्य चल रहा है। करीब 100 करोड़ के इस परियोजना में 55 से 60 फीसदी तक काम हो चुके हैं, लेकिन अब तक योजना के तहत कई गांवों में स्थिति जस की तस बनी है। जिन गांवों में हादसे हुए हैं। वहां भी अब तक तार नहीं बदले जा सके हैं। जिले में विद्युत दुर्व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आरडीएसएस योजना की शुरूआत की गई। लगभग 100 करोड़ की इस परियोजना से जर्जर तारों और पोल के साथ उपकरणों को बदला जाना है। करीब पौने दो सालों से योजना का काम हो रहा है, लेकिन अब तक योजना में अपेक्षाकृत प्रगति देखने को नहीं मिल सकी है। जिले में नगरीय इलाकों में तेजी से केबिलीकरण किया गया है, लेकिन ग्रामीण अंचलों तक न तो पूरी तरह से तारों को बदला जा सका है और न ही जर्जर पोल हटाए गए हैं। बारिश के दिनों में काफी हद तक काम प्रभावित रहा, लेकिन गर्मी के ठंड के दिनों में भी परियोजना में अपेक्षाकृत प्रगति देखने को नहीं मिल रही। जिले में दुर्गागंज, अभोली, सुरियावां, वहिदानगर, सीतामढ़ी, औराई, घोसिया, खमरिया समेत कई इलाकों में यह समस्या है। विभाग के अनुसार आरडीएसएस योजना को पूरा करने की अवधि दिसंबर 2024 निर्धारित की गयी है, लेकिन अब तक 55 से 60 फीसदी तक काम हुए हैं। योजना में अब तक केबिलीकरण को लेकर अधिक कार्य किये गये हैं। वह कार्य भी नगरीय इलाकों में ही हैं। अब भी तमाम जगहों पर जर्जर पोल, तार के साथ बिना घेरा में मौजूद ट्रांसफार्मर हादसों को दावत देते नजर आ रहे हैं। जर्जर तारों और पोल के कारण 18 जुलाई 2023 को औराई कोतवाली क्षेत्र के सारीपुर गांव में 53 वर्षीय कुसुम देवी पर लकड़ी के सहारे लगा तार टूट कर गिर गया था। इससे उनकी मौत हो गई थी। इसी तरह 28 अगस्त 2023 को गोपीगंज गणेश मंदिर मार्ग पर पोल में करंट उतरने से सोहगी गांव निवासी प्रकाश (25) की मौत हो गई। शिवचंद्र (18) किशन (16) झुलस गए थे। गोपीगंज के घनश्यामपुर गांव में ही लटक रहे हाईटेंशन तार से करंट लगने के कारण एक युवक का दाहिना हाथ बुरी तरह झुलस गया। उसका हाथ काटकर जान बचानी पड़ी। इन तीनों जगहों में सारीपुर जर्जर तार तो बदल दिए गए हैं, लेकिन गोपीगंज में अभी भी अधूरा काम हुआ है। घनश्यामपुर में अब भी तार काफी नीचे उसी तरह से लटक रहे हैं। काम करने के दौरान ही टूट गया जर्जर पोल गोपीगंज। नगर के पश्चिम मोहाल में एक विद्युत कर्मी एक पोल पर सीढ़ी खड़ी कर कार्य कर रहा था। इसी बीच जर्जर पोल टूट गया। बताया जा रहा है कि जर्जर पोल टूट और विद्युत कर्मी सीढ़ी समेत पोल से सटे एक भवन के बारजे से टकरा गया। संयोग अच्छा रहा कर्मी जमीन पर नही गिरा। विभागीय कर्मी उसे उसी दशा में छोड़ चले गए। स्थानीय लोगो ने रोष व्यक्त करते हुए खतरे की आशंका जताई। राकेश मौर्य, प्रदीप कुमार मौर्य, अशोक कुमार मौर्य, रामधनी कुमार गुप्ता, मणि राम बरनवाल, राजेश, कुरील शर्मा,लाल शर्मा, पप्पू जायसवाल आदि पोल बदलने की मांग की। आरडीएसएस योजना में पहले से तेजी आई है। अब तक 55-60 फीसदी तक काम हो चुका है। दिसंबर 2024 इसकी आखिरी डेडलाइन तय की गई है। आगे जो भी डेडलाइन मिलेगी। उसके अंदर काम पूरा कराया जाएगा। - राधेश्याम, अधीक्षण अभियंता, विद्युत।
*जिलाधिकारी ने बैराखास में वीएचएनडी सत्र का किया औचक निरीक्षण किया*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह ने वंशीपुर बैराखास में वीएचएनडी सत्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संतोष कुमार चक के साथ जच्चा बच्चा टीकाकरण की जानकारी उपस्थित एएनएम, सीएचओ, आगनबाड़ी, आशा से प्राप्त की। निरीक्षण में ड्यू लिस्ट, टीकाकरण विरोधी परिवार आदि बिन्दुओं का कमी पाये जाने पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित को सुधार लाते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जनपद में आयोजित होने वाले वीएचएनडी सत्र के संचालकों को निर्देशित किया कि समय से खोलते हुए जच्चा-बच्चा को सभी टीकाकरण से आच्छादित करना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान सोनी राजभर ए०एन०एम० व सी०एच०ओ० दुर्गा प्रसाद तथा आशा व आंगनबाडी कार्यकत्री उपस्थित पाये गये, डी०एम०सी० युनीसेफ द्वारा बताया गया कि डयूलिस्ट एवं हेड काउन्ट सर्वे अपडेट नही था, जिसे तत्काल अपडेट करने के निर्देश दिये गये। प्रिन्स कुमार, पर्यवेक्षक द्वारा अपरान्ह 01.30 बजे तक वी०एच०एन०डी० सत्र स्थल का निरीक्षण नही किया गया था जिससे जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी।
*नए साल से पहले रसोइयों को सौगात, मिले 14.89 लाख*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। परिषदीय विद्यालयों में तैनात रसोइयों को नए साल से पहले ड्रेस की सौगात मिली है। विद्यालयों में मध्याह्न भोजन पकाने वाली 2995 रसोइयों को साड़ी खरीदने के लिए 14 लाख 89 हजार की धनराशि जिले को उपलब्ध करा दी गई है। 500-500 रुपये की दर से रसोइयों को उनके खाते में पैसा भेज दिया गया है। जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसके अलावा वित्तपोषित एवं राजकीय मिलाकर कुल 920 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाया जाता है। कक्षा एक से लेकर आठ तक पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का भोजन बनाने के लिए 2995 महिला और पुरुष रसोइयां कार्यरत हैं। प्रति रसोइयां 500-500 की दर से जिले को 14 लाख 89 हजार रुपये की धनराशि भेजी गई है। परिषदीय स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण योजना के अंतर्गत मिड-डे-मील वितरण के लिए तैनात रसोइयों को सरकार की ओर से नए साल से पहले यह तोहफा दिया गया है। रसोइयों को नई ड्रेस खरीदने की धनराशि उनके खातों में भेज दी गई है। डीसी एमडीएम सौरभ सिंह ने बताया कि महिला रसोइयों को भूरे रंग की साड़ी और पुरुष रसोइयों को भूरे रंग की पैंट और बादामी रंग की शर्ट खरीदनी होगी। दो ड्रेस खरीदने के लिए उनके खाते में 500-500 की दर से पैसा भेज दिया गया है।
*केएनपीजी कॉलेज में संपन्न हुआ संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता: विजेता छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌भदोही में संस्कृत परिषद काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।यह प्रतियोगिता स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों के लिए संयुक्त रूप से आयोजित की गई। प्रतियोगिता में बहुविकल्पी प्रश्न दिए गये थे। इसमें कुल 80 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। मूल्यांकन के पश्चात् आज ही परिणाम की घोषणा की गयी। इसमें अच्छे लाल मिश्र, एम. ए. प्रथम सेमेस्टर ने सर्वाधिक अंक पाते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किया जबकि समान अंक प्राप्त करते हुए तृप्ति अग्रहरि, एम.ए. तृतीय सेमेस्टर और कावेरी पाल, एम.ए. तृतीय सेमेस्टर द्वितीय स्थान पर रहीं। सत्यमेव दूबे एम. ए. प्रथम सेमेस्टर ने इसमें तृतीय स्थान अर्जित किया। विजयी छात्र-छात्राओं को विभाग प्रभारी डाॅ. ऋचा ने बधाइयांँ दी। संस्कृत परिषद् के संयोजक डॉ. विष्णु कान्त त्रिपाठी ने बताया कि यह प्रतियोगिता संस्कृत विषय की प्रतियोगी परीक्षाओं के तर्ज पर आयोजित की गयी जिसका उद्देश्य प्रतिस्पर्धी परिवेश का निर्माण करते प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराना तथा छात्र -छात्राओं के ज्ञान को परखना था । संस्कृत परिषद् की आयोजन सचिव डॉ. उष्मा ने कहा कि ऐसी प्रतियोगितायें संस्कृत के प्रति छात्र-छात्राओं की रुचि को बढ़ातीं हैं।
*अर्धवार्षिक परीक्षा में शामिल होंगे 1.67 लाख विद्यार्थी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। परिषदीय विद्यालयों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं 23 से 28 दिसंबर के बीच होंगी। इसमें जिले के एक लाख 67 हजार छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इसको लेकर प्रश्न पत्रों को डायट पर तैयार किया जा रहा है। वहीं परीक्षा को लेकर विभाग ने भी अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दी है। अर्धवार्षिक परीक्षा 23 दिसंबर से शुरू होकर 28 दिसंबर तक खत्म होनी है। इसमें पहली से आठवीं तक की मौखिक और लिखित परीक्षा कराई जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया निदेशालय का पत्र आने के बाद सभी बीईओ को निर्देश कर दिया है।
*जिले में खुलेंगे 54 उप स्वास्थ्य केंद्र, बेहतर होगी सुविधा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं और भी बेहतर होंगी। 54 नए उप स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने की शासन से मंजूरी मिल गई है। स्वास्थ्य विभाग ग्राम पंचायतों के चयन में जुट गया है। 206 उपकेंद्र पहले से संचालित हैं। अब 54 नए खुलने से इनकी संख्या 260 पहुंच जाएगी। इन उप केंद्रों को पहले किराये के मकान में शुरू किया जाएगा। भविष्य में जरूरत पड़ने पर उनके लिए भवन बनाए जाएंगे। जिले की कुल आबादी करीब 20 लाख है। दो राजकीय जिला चिकित्सालय, छह सीएचसी, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेत 206 उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार गंभीर है, हालांकि अब भी कई गांव ऐसे हैं जहां स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। लोगों को उपचार के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। अब शासन ने 54 नए उपकेंद्र खोलने की मंजूरी दे दी है। जिन गांवों में उपकेंद्र नहीं है, वहां की आबादी उसके पास के गांव की आबादी का सर्वे करके केंद्र खोला जाएगा। इससे हर मरीज को समय से उपचार मिल सकेगा। उपकेंद्रों पर एएनएम की तैनाती होगी। जो समय से प्रसव पीड़िता की जांच कर दवा उपलब्ध कराएंगी। वर्तमान में जिले में 195 एएनएम है, इसमें से 85 संविदा पर और 110 सरकारी है। ये 24 घंटे केंद्र पर तैनात रहती है। एसीएमओ डॉ. बीएन सिंह ने बताया कि दो कमरे का एक भवन होगा, जो शौचालय से अटैच होगा। एक भवन का किराया 3000 से 4000 रुपये होगा। बीमार पड़ने पर 15 किमी का चक्कर ऊंज। क्षेत्र के डीघ और ज्ञानपुर ब्लाॅक के करीब 25 गांवों में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। यहां सीएचसी पीएचसी तो दूर की बात है, एक भी उप स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं है। बीमार पड़ने पर ग्रामीण झोलाछाप के पास जाते हैं या फिर वहां से लगभग 10 किमी दूर डीघ सीएचसी और 15 किलो दूर गोपीगंज सीएचसी पहुंचते हैं। ऊंज के कुरमैचा गांव की आबादी 7000 से 8000 है। चौरी कला की आबादी 6000 से अधिक है। इन गांवों में उपकेंद्र नहीं है। ग्रामीणों को उपकेंद्र का इंतजार : ज्ञानपुर। ऊंज के कुरमैचा, बनकट खास, सीकी, चौरा कला, भैरवपुर, खरगपुर, कुबी हरद्दोपट्टी, सुबरी, मुंगरी, पुरेभान, विश्वनाथपुर, मोहनपुर, बरईपुर, बेलहुआ, कुरेनगरी आदि गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। ग्रामीण बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है। किराये के भवन में 54 नए उप स्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा। भवन चिह्वित किए जा रहे हैं, मानक के अनुसार जिन गांवों में उपकेंद्र नहीं है, वहां भी खोलने का प्रयास होगा। इससे लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया होगी। डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही