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बिहार में बीपीएससी की परीक्षा के दौरान हंगामा, डीएम ने छात्र को मारा थप्पड़,DM के खिलाफ NHRC में शिकायत

पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह द्वारा शुक्रवार को बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान एक छात्र को थप्पड़ मारने की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है. हालांकि इस मामले पर डीएम ने अपना बयान भी दे दिया है लेकिन मामले ने तूल पकड़ लिया है. बीपीएससी की इस परीक्षा के आयोजन से पहले ही बवाल हो चुका था. राजधानी में बडी संख्या में अभ्यर्थियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया था. जिसे लेकर पुलिस प्रशासन की तरफ से लाठीचार्ज किया गया था. इसके बाद बीपीएससी ने नियत वक्त पर परीक्षा के आयोजन की सूचना दी थी.

राजधानी के बापू टावर स्थित परीक्षा केंद्र पर पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वह एक छात्र को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे थे. इस वीडियो के वायरल होते ही राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया. हालांकि इस संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से पूरी जानकारी भी दी गई. जानकारी के अनुसार बापू परीक्षा परिसर, कुम्हरार में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के दौरान कुछ परीक्षार्थियों द्वारा अनियमितता का आरोप लगाते हुए बहिष्कार किया गया और परीक्षा कक्ष से बाहर परिसर में आकर हल्ला हंगामा किया गया.

तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए हल्का बल प्रयोग

जिला प्रशासन ने कहा कि सूचना मिलते ही जिलाधिकारी पटना और वरीय पुलिस अधीक्षक पटना भी केंद्र पर पहुंचे. केंद्र के बाहर कुछ लोगों द्वारा ट्रॉली लगाकर सड़क जाम कर दिया गया था जिसके कारण भारी अव्यवस्था हो गई थी. एक अतिरिक्त केंद्राधीक्षक राम इकबाल सिंह को हार्ट अटैक हो गया था, जिन्हें अविलंब अस्पताल भेजने का प्रयास किया जा रहा था. अस्पताल पहुंचने पर उनकी मौत हो गई. एक महिला परीक्षार्थी भी बेहोश हो गई थी. जिसे एम्बुलेंस से अस्पताल भेजने का प्रयास किया जा रहा था, अस्पताल पहुंचने पर उसकी स्थिति में सुधार हुआ.

तनावपूर्ण परिस्थिति में हल्का बल प्रयोग कर जाम हटाया गया और लोगों को सड़क से किनारे कर यातायात बहाल किया गया. किसी परीक्षार्थी को थप्पड़ मारकर आहत करने की मंशा नहीं थी. जिला प्रशासन परीक्षार्थियों की सुविधा एवं हित के लिए सदैव तत्पर है. परंतु सुनियोजित ढंग से अफवाह फैलाकर पूरी व्यवस्था को भंग करने वालों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सेंटर हेड की मौत

दरअसल बीपीएससी की इस 70वीं प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन पटना समेत राज्य के 912 सेंटर पर किया गया था. 911 सेंटर पर परीक्षा शांतिपूर्ण रही लेकिन राजधानी के बापू परीक्षा केंद्र पर बवाल हो गया. यहां करीब 12,000 परीक्षार्थी परीक्षा देने आए थे. एक ब्लॉक के तीन परीक्षा हॉल में छात्रों ने हंगामा किया. उन्होंने कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कई आरोप भी लगाए. इसी हंगामे के बीच सेंटर अधीक्षक राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई.

तेजस्वी ने भी साधा निशाना

बीपीएससी की परीक्षा में हुए हंगामे को लेकर के राजनीतिक दलों ने भी बखूबी निशाना साधा. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे अपने निशाने पर सरकार को लिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पेपर लीक नहीं बल्कि सरकार ही लिक हो गई है. सरकार में बैठे हुए माफिया पेपर लीक करवा रहे हैं. सरकार बिना पेपर लीक कराए परीक्षा नहीं करा पा रही है.

तेजस्वी यादव ने तो यहां तक का दिया कि मुख्यमंत्री करोडों रुपए खर्च करके यात्रा पर निकल रहे हैं जबकि छात्र लाठी, डंडे और डीएम से थप्पड़ खा रहे हैं. उनका यह भी कहना था कि जब हमारी सरकार बनेगी तो बीपीएससी की परीक्षा में छात्रों को रहने और आने जाने का खर्च सरकार देगी. परीक्षा पूरी तरीके से गड़बड़ी मुक्त रहेगी.

एनएचआरसी तक पहुंचा मामला

डीएम के द्वारा छात्र को थप्पड़ मारने का मामला कुछ इस कदर तूल पकडा, कि अब यह नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (NHRC) के दरवाजे तक पहुंच गया. पटना डीएम पर NHRC में शिकायत दर्ज कराई गई है. बिहार के ही रहने वाले ब्रजेश सिंह नाम के व्यक्ति ने NHRC में शिकायत दर्ज कराई है. ब्रजेश सिंह पेशे से वकील हैं और नई दिल्ली में रहते हैं.

बीपीएससी की परीक्षा में जुडती चली गई कहानी

दरअसल बीपीएससी की इस परीक्षा में शुरू में ही कहानी और विवाद का जो दौर शुरू हुआ, वह इसके खत्म होने तक जारी रहा. हालांकि बीपीएससी के अध्यक्ष ने सारे पहलुओं को सुनने के बाद शुक्रवार की शाम हो ही पूर्ण विराम भी लगा दिया था.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संस्थागत चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया, कहा- सार्थक संवाद और प्रामाणिक अभिव्यक्ति के स्तर में गिरावट से बढ़ी चुनौत

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संस्थागत चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि आज के समय में संस्थागत चुनौतियां पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है. उपराष्ट्रपति के मुताबिक सार्थक संवाद और प्रामाणिक अभिव्यक्ति के स्तर में गिरावट की वजह से चुनौतियां बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति और सार्थक संवाद दोनों लोकतंत्र के अनमोल रत्न हैं. दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. इनमें सामंजस्य जरूरी है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र केवल व्यवस्थाओं पर नहीं, बल्कि मूल्यों के पालन से आगे बढ़ता है. अभिव्यक्ति और संवाद ऐसी ताकतें हैं जो लोकतांत्रिक जीवन शक्ति को आकार देती हैं. भारत की लोकतांत्रिक यात्रा से विविधता और विशाल जनसांख्यिकीय क्षमता राष्ट्रीय प्रगति को बढ़ावा दे सकती है.

मुख्य अतिथि के तौर पर किया संबोधित

नई दिल्ली में आईसीडब्ल्यूए में आईपी एंड टीएएफएस के 50वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारे अंदर अहंकार गहरा गया है. हमें अपने अहंकार को नियंत्रित करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी. अहंकार केवल नुकसान देता है.उपराष्ट्रपति ने इस दौरान लेखा परीक्षा, स्व-लेखा परीक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि अगर आप जांच से परे हैं तो आपका पतन निश्चित है. इसलिए स्व-लेखा परीक्षा स्वयं से परे लेखा परीक्षा जरूरी है.

सेवा हमारी आधारशिला – धनखड़

सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेवा हमारी आधारशिला बनी हुई है. प्रशासक, वित्तीय सलाहकार, विनियामक और लेखा परीक्षक के रूप में आपकी भूमिकाएं कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए विकसित होनी चाहिए. उन्होंने कहा- हम एक और औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर खड़े हैं. डिजिटल तकनीक ने हम पर आक्रमण कर दिया है. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और इसी तरह की दूसरी तकनीकें चुनौतियां और अवसर दोनों पेश करती हैं.

डिजिटल डिवाइड को पाटने पर ध्यान दें

अब हमें चुनौतियों का सामना करना होगा, चुनौतियों को अवसरों में बदलना होगा. राष्ट्र निर्माण का हमारा विशेषाधिकार अब और अधिक ज़िम्मेदारी वहन करता है क्योंकि हमें 2047 में एक विकसित राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए पटकथा और शिल्प भी बनाना है. सिविल सेवकों से धनखड़ ने ये भी कहा कि ग्रामीण प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए डिजिटल डिवाइड को पाटने पर ध्यान केंद्रित करें. भारत में आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है. दुनिया में किसी भी देश के लिए यह ईर्ष्या का विषय है.

इस अवसर पर संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, डिजिटल संचार आयोग के वित्त सदस्य मनीष सिन्हा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.

बिहार में बीजेपी ने तैयार किया चुनावी पिच, नीतीश कुमार के साथ मिलकर जाति जनगणना और महिला मतदाताओं को साधने पर फोकस

हरियाणा और महाराष्ट्र का किला बचाने के बाद अब बीजेपी बिहार की मोर्चेबंदी में जुट गई है. नीतीश कुमार के साथ मिलकर बीजेपी धीरे-धीरे बिहार चुनाव का सियासी पिच तैयार कर रही है. मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने के बाद अब बीजेपी साइलेंट तरीके से बिहार का मुद्दा तय करने में जुट गई है.

यही वजह है कि जाति जनगणना जैसे बड़े मुद्दे पर एनडीए अब फ्रंटफुट पर खेल रही है. शुक्रवार को लोकसभा में पहले राजनाथ सिंह और फिर ललन सिंह ने जातियों की गिनती के मुद्दे पर विपक्ष की घेराबंदी की.

नीतीश होंगे बिहार का चेहरा

जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार ही इस बार भी मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. बिहार पहला राज्य है, जहां मजबूत स्थिति में होने के बावजूद बीजेपी ने अपने सहयोगी पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव से पहले घोषित कर दिया है.

नीतीश के नाम की घोषणा बीजेपी ने अपने उन नेताओं से ही करवाया है, जो सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जाते रहे हैं.

नीतीश कुमार करीब 18 साल से बिहार के मुख्यंमत्री पद पर काबिज हैं. 2020 के चुनाव में उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई. इसके बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी नीतीश कुमार को ही मिली.

अब मुद्दा सेट करने की कोशिश

चेहरा तय करने के बाद अब नीतीश कुमार की पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी मुद्दा तय करने में जुट गई. बिहार में जाति की काट के लिए बीजेपी जाति जनगणना की मांग पर ही चोट कर रही है. संसद में संविधान पर बहस के दौरान राजनाथ सिंह ने इस पर कांग्रेस को खाका देने के लिए कहा.

यह पहली बार है, जब जाति जनगणना की मांग पर सरकार की तरफ सकारात्मक रूख दिखाया गया है. राजनाथ सिंह ने बहस के दौरान यहां तक कह दिया कि सरकार इस पर बहस भी करा सकती है.

इतना ही नहीं, जेडीयू की तरफ से सरकार में मंत्री ललन सिंह ने जाति जनगणना की मांग को लेकर अखिलेश यादव और राहुल गांधी पर ही निशाना साधा. सिंह का कहना था कि इंडिया गठबंधन में जब जाति जनगणना को लेकर प्रस्ताव पास करने की बात कही गई, तो दोनों नेता चुप हो गए.

बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने जाति आधारित सर्वे का डेटा जारी किया है. अब बिहार में इन्हीं आंकड़ों के आधार पर आरक्षण और अन्य हिस्सेदारी संबंधित मांगे की जा रही है.

कहा जा रहा है कि बिहार के चुनाव में जाति सर्वे और उसके आंकड़े आधारित मुद्दे हावी रह सकते हैं.

महिलाओं को भी साधने की रणनीति

जाति के साथ-साथ बिहार में एनडीए की कोशिश महिला मतदाताओं को साधने की है. महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में महिलाएं गेमचेंजर बनकर उभरी हैं. महिला मतदाताओं की वजह से कहा जा रहा है कि दोनों ही राज्यों की सरकार रिपीट हो गई.

बिहार में भी इसी वजह से महिलाओं को साधने की कवायद की जा रही है. नीतीश कुमार खुद महिलाओं को साधने के लिए महिला संवाद यात्रा निकाल रहे हैं.

कहा जा रहा है कि महिला संवाद यात्रा से फीडबैक लेने के बाद नीतीश कुमार कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं. इनमें महिला सम्मान राशि बढ़ाने और स्वयं सेवी महिलाओं का ब्याज माफ करना शामिल हैं.

बिहार में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं, जहां सरकार बचाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है. एनडीए इस बार 5 दलों के साथ मैदान में है. बीजेपी के अलावा जेडीयू, रालोमा, लोजपा (आर) और हम एनडीए गठबंधन में शामिल है.

दूसरी तरफ 6 दलों के साथ इंडिया गठबंधन भी मैदान में उतरेगी. इंडिया में कांग्रेस, आरजेडी, माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी पार्टी शामिल हैं.

इसके अलावा प्रशांत किशोर की पार्टी पूरे चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में जुटी हुई है. पीके की पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर अकेले ही मैदान में उतरेगी

संभल में 30 साल बाद खुला हनुमान-शिव मंदिर,गूंजे जय श्री राम-हनुमान के जयकारे

उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन ने 30 सालों से बंद पड़े हनुमान और शिव मंदिर को फिर से खोल दिया है. यह मंदिर दीपा सराय में स्थित है, जहां पर 24 नवंबर को हिंसा हुई थी. यह मंदिर बीते तीन दशक से सांप्रदायिक तनाव के कारण बंद था. मंदिर के दरवाजे खुलते ही परिसर जय श्री राम और जय हनुमान के नारे से गुंजायमान हो गया.

वहीं, संभल के सीओ अनुज कुमार चौधरी का कहना है कि हमें सूचना मिली थी कि इलाके में एक मंदिर पर अतिक्रमण किया जा रहा है. इसके बाद पुलिस की एक टीम पहुंची और मौके का जायजा लिया. यहां एक मंदिर मिला, जिसे पुलिस प्रशासन ने खोला है. मंदिर की साफ-सफाई पुलिस की टीम ने की है.

यहां के स्थानीय निवासी ने बताया कि यह मंदिर बीते 30 साल से बंद था. इसकी वजह था कि यहां कोई आता नहीं था. पुजारी भी मंदिर में नहीं टिक पाता था. एक बुजुर्ग ने बताया कि मंदिर हमारे पूर्वजों का था. लेकिन सालों पहले यहां से हिंदू परिवार पलायन कर गए. इसी वजह से मंदिर में ताला लगाना पड़ा.

राजस्थान के कोटा में पति ने तलवार से काटकर पत्नी की हत्या की, नौकरी करने को लेकर था विवाद

राजस्थान के कोटा में एक पति ने अपनी पत्नी की तलवार से काटकर हत्या कर दी. वारदात के बाद आरोपी पति लाश के पास बैठा रहा. जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. मृतक पत्नी नौकरी करना चाहती थी. लेकिन पति उसके इस फैसले से नाराज था. इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. आरोपी पति से पूछताछ की जा रही है.

घटना कोटा के कैथून इलाके की है. यहां रहने वाले जमील का अपनी पत्नी अफसीना से विवाद हुआ था. जमील अपनी पत्नी और बच्चों को खर्चा नही देता था, जिससे आए दिन परिवार में कलह होती थी. पत्नी ने जब नौकरी करनी चाही तो जमील नाराज हो गया और झगड़ा करने लगा. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल की गई तलवार को बरामद किया है. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई.

नौकरी करना चाहती थी अफसीना

पड़ोसियों के मुताबिक, जमील की शादी अफसीना से हुई थी. शादी के बाद से दोनों के बीच घर के खर्चे को लेकर विवाद होता रहता था. जमील जो भी कुछ कमाता उसमें से न तो पत्नी और न ही अपने बच्चों को खर्चा देता था. इस बात को लेकर घर में टेंशन होती रहती थी. घर का गुजारा चलाने के लिए अफसीना ने कोटा डोरिया का काम करने की सोची. उसने अपने पति जमील से इसकी इजाजत लेना चाही, लेकिन उसने मना कर दिया. अफसीना यह काम करके घर का खर्चा चलाना चाह रही थी. लेकिन जमील को यह सब मंजूर नहीं था.

झगड़ा हुआ और तलवार से काट डाला

शुक्रवार की दोपहर दोनों पति-पत्नी के बीच इस बात को लेकर झगड़ा हुआ. घर में मां-बाप को लड़ता देख उनके बच्चे पास में रहने वाली अपनी नानी को बुला लाए. उन्होंने घर पर आकर अपनी बेटी और दामाद को समझाया. उसके बाद वह वहां से चली गईं. उनके जाने के बाद दोनों में फिर झगड़ा हुआ. इसी बीच गुस्से में आकर जमील ने तलवार निकाल ली और पत्नी अफसीना पर वारकर उसकी हत्या कर दी. यह नजारा देख वहां मौजूद बच्चों में चीख-पुकार मच गई. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और जमील को गिरफ्तार कर लिया.

दिल्ली में महिला सम्मान योजना की शुरुआत अगले 7 से 10 दिन में, मुख्यमंत्री आतिशी ने की घोषणा

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली में महिला सम्मान योजना की शुरुआत अगले 7 से 10 दिन में हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पर काम कर रही है. आतिशी ने कहा कि 31 मार्च 2025 तक महिलाओं को इस योजना के तहत एक या दो किस्तें मिलेंगी. केजरीवाल ने गुरुवार को महिला सम्मान योजना को शुरू करने का ऐलान किया था.

केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में लौटती है तो राशि बढ़ाकर 2100 रुपये कर दी जाएगी. दिल्ली की सीएम आतिशी ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने के सरकार के वादे को पूरा करती है. हमने महिलाओं को 1000 रुपये देने का अपना वादा पूरा किया है. विपक्ष के बाधित के प्रयासों के बावजूद हमने इसे लागू किया है.

CM आतिशी ने क्या कहा?

आतिशी ने कहा कि फरवरी के बजट में केजरीवाल जी की कैबिनेट ने वादा किया था कि महिलाओं को 1 हजार रुपए की सम्मान राशि मिलेगी. स्कीम को लागू करने से विरोधियों ने रोकने की साजिश की लेकिन दिल्ली सरकार जो वादा करती है उसे पूरा करती है. 12 दिसंबर से सभी 18 साल की महिलाएं इसके लिए पात्र होगी. सरकारी नौकरी कर चुकी, पेंशन भोगी या आयकर भरने वाली महिलाएं इसकी हकदार नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि महिलाओं को पैसों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है लेकिन दिल्ली सरकार उनके बारे में सोचती है और उन्हें लिए कई काम किए. स्कीम को लाने में देरी के सवाल पर आतिशी ने कहा कि इन्होंने (बीजेपी) पहले स्कीम को रोका. अरविंद केजरीवाल जी को गिरफ्तार किया इस वजह से देरी हुई. हो सकता है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले महिलाओं के खाते में पैसा आ जाए.

महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की नई मूर्ति बनाने का काम शुरू, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने वाले मूर्तिकार करेंगे काम

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में राजकोट किले पर लगाई गई, छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति अनावरण के कुछ समय बाद ही गिर गई थी. जिसके बाद काफी बवाल देखने को मिला. उस समय सरकार पर कई आरोप लगाए गए थे, तब सरकार ने ऐलान किया था कि अब इससे बड़ी मूर्ति लगाई जाएगी.

अब राजकोट के उसी किले के लिए नई मूर्ति बनाने का काम प्रसिद्ध मूर्तिकार अनिल राम सुतार की फर्म को दिया गया है. जिसकी पुष्टी खुद अनिल सुतार ने की है. इसी फर्म ने ही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया था. सरकार ने इस परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.

इस साल अगस्त में, राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट की मूर्ति जिसका अनावरण पीएम मोदी ने दिसंबर 2023 में किया था. उद्घाटन किए जाने के लगभग सात महीने बाद यह मूर्ति ढह गई थी. जिसके एक महीने बाद, राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 20 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 60 फीट ऊंची नई प्रतिमा बनाने लिए टेंडर जारी किया था.

जिसमें कई आवेदन मिले थे, बाद में कोटेशन के आधार पर राम सुतार की फर्म को ठेका दे दिया गया. सुतार फर्म को ये काम 20.95 करोड़ में दिया गया है. सुतार फर्म को मूर्ति का काम 6 महीने में पूरा करना होगा.

सबसे महंगा कोटेशन लगाने के बाद भी सुतार को मिला आर्डर

इस मूर्ति के काम को लेकर कई कंपनियों ने अप्लाई किया था. जिसमें सबसे महंगा कोटेशन सुतार फर्म का ही था. जिसमें उन्होंने मूर्ति की अनुमानित लागत करीब 36 करोड़ रूपये बताई थी. हालांकि बाद में अधिकारियों ने सुतार फर्म से बातचीत की जिसके बाद उनको इस काम दिया गया.

सुतार फर्म को मूर्ति निर्माण का काम देने के पीछे उनके एक्सपीरियंस को देखा गया, यही कारण है कि सबसे महंगी बोली लगाने के बाद भी उन्हें काम दिया गया.

पहले से बड़ा होगा मूर्ति का आकार

पहले जो मूर्ति लगाई गई थी उसकी ऊंचाई 35 फिट थी. अब जिस मूर्ति का काम चल रहा है वह करीब 60 फिट होगी. मजबूत करने के लिए कंक्रीट से बना 3 मीटर ऊंचा मजबूत बेस होगा. इसका पूरा कामकाज आईआईटी बॉम्बे की देखरेख में किया जाएगा. अभी सुतार फर्म ने 3 फीट का फाइबर मॉडल बनाया है. इसको देखने के बाद मंजूरी दी जाएगी, तब जाकर मूर्ति का काम शुरू किया जाएगा.

नए टेंडर की शर्त के मुताबकि इस मूर्ति को लगाने के बाद 10 साल तक सुतार फर्म को ही देखरेख करनी होगी. इसके साथ ही मूर्ति की मजबूती की 100 साल की गारंटी होगी.

वॉट्सऐप में जल्द आएंगे 4 नए फीचर्स, जानें क्या होंगे ये फीचर्स और कैसे करेंगे काम

वॉट्सऐप हर दिन अपने यूजर्स के लिए नए फीचर्स लेकर आता रहता है. नए फीचर्स की टेस्टिंग करता है और उन्हें यूजर्स के लिए शुरू करता है. ऐसे में वॉट्सऐप अब अपने यूजर्स के कॉलिंग और वीडियो कॉल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने की राह पर चल पड़ा है. यह प्लेटफॉर्म आपको कॉलिंग और वीडियो कॉल में 4 नए फीचर्स देने वाला है. इन चार फीचर्स में आपको चैट मैसेज ट्रांसलेट, ग्रुप कॉल में पार्टिसिपेंट्स का सेलेक्शन, वीडियो कॉल में नए इफेक्ट और फिल्टर, इसके अलावा बेहतर वीडियो क्वालिटी भी ऑफर कर रहा है.

ग्रुप कॉल पर मिलेगा नया ऑप्शन

पहले जब भी आप ग्रुप में कॉल करते थे तो ग्रुप में मौजूद सभी मेंबर्स को एक साथ नोटिफिकेशन जाता था. ऐसे में जो चाहे उसे जॉइन कर लेता था. लेकिन अब वॉट्सऐप ने अपने नए फीचर में अच्छा ऑप्शन दे दिया है. अब आप सेलेक्ट कर सकते हैं कि किन लोगों को ग्रुप कॉल में ऐड करना है.

चैट मैसेज ट्रांसलेट फीचर होगा मजेदार

कंपनी ने बताया है कि यूजर के कम्युनिकेशन को बेहतर बनाने के लिए चैट मैसेज ट्रांसलेट फीचर आ रहा है. इससे यूजर्स ग्रुप कॉल्स में पार्टिसिपेंट्स को चुनने से लेकर, वीडियो कॉल के समय स्नैप और इंस्टा के जैसे पप्पी ईयर जैसे मजेदार इफेक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.

वीडियो कॉल की क्वालिटी

वॉट्सऐप जल्द ही वीडियो कॉल की क्वालिटी को और भी ज्यादा बेहतर बना सकता है. इसके वीडियो कॉल के दौरान वीडियो बफरिंग या ब्लर जैसी समस्या नहीं आएगी.

वीडियो कॉल में नए इफेक्ट्स

वीडियो कॉल में आपको बहुत जल्द नए इफेक्ट मिलने वाले है. इसका मतलब आप वीडियो कॉल पर भी फिल्टर्स और इफेक्ट्स का मजा ले सकेंगे. इससे आप बढ़िया-बढ़िया इफेक्ट वीडियो कॉल पर ऐड कर सकेंगे.

फिलहाल ये सभी फीचर्स अपने टेस्टिंग फेज में हैं, और वॉट्सऐप इन्हें जल्द ही बाकी यूजर्स के लिए भी जारी कर सकता है.

बिहार में बड़ा फेरबदल: 3 महीने में ही हटा दिए गए बिहार के DGP आलोक राज, IPS विनय कुमार को मिली कमान

राज्य सरकार ने शुक्रवार की देर शाम एक और अप्रत्याशित फैसला लिया और केवल तीन महीने पहले ही बिहार के डीजीपी बने आलोक राज को उनके पद से हटा दिया. अब आलोक राज की जगह बिहार पुलिस की कमान सीनियर आईपीएस अफसर विनय कुमार को सौंप दी गई है. राज्य सरकार के द्वारा किए गए इस अचानक और अहम बदलाव को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आलोक राज को बिहार के डीजीपी के पद से हटाने के बाद उनको महानिदेशक सह अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम बनाया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने एक और अहम बदलाव करते हुए सीनियर आईपीएस जितेंद्र सिंह गंगवार को भी जिम्मेदारी सौंपी है. जितेंद्र सिंह गंगवार अब तक महानिदेशक सह आयुक्त नागरिक सुरक्षा थे. अब आईपीएस जितेंद्र सिंह गंगवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का महानिदेशक भी बनाया गया है. इनके पास महानिदेशक सह आयुक्त, नागरिक सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार भी रहेगा.

केवल तीन् महीने में ही डीजीपी के पद से हटाए जाने वाले आलोक राज बिहार के संभवत पहले ऐसे पुलिस महानिदेशक बने हैं. जिनका कार्यकाल इतना छोटा रहा. बता दें कि राज्य सरकार ने केवल तीन माह पहले ही 1989 बैच के सीनियर आईपीएस आलोक राज को बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया था.

बिहार के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नामित विनय कुमार 1991 बैच के आईपीएस हैं. विनय कुमार अब तक बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी के पद पर तैनात थे. विनय कुमार की सेवा अवधि के अनुसार विनय कुमार अगले दो साल तक बिहार के डीजीपी बने रहेंगे. विनय कुमार की छवि एक ईमानदार और सशक्त आईपीएस की भी है

सावधान! प्रेग्नेंट महिलाएं न खाएं पैक्ड फूड, हो रहीं डायबिटीज का शिकार; रिसर्च में बड़ा खुलासा

अक्सर लोगों को रेस्टोरेंट या होटल का पैकेट बंद खाना बहुत लजीज लगता है और लोग उसे घर पर मंगवाकर भी बड़े चाव से खाते हैं, गरमा-गर्म भोजन प्लास्टिक के डिब्बे में बंद होकर आसानी से घर पहुंच जाता है, लेकिन सेहत के लिहाज से देखा जाए तो यह किसी जहर से कम नहीं है. यदि आप रेस्टोरेंट से प्लास्टिक के डिब्बे में खाना मंगवाकर गर्भवती महिलाओं को खिला रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि इससे उनका शुगर लेवल बहुत बढ़ सकता है. गर्भवती महिलाओं पर डॉक्टर्स की टीम ने अध्ययन कर इस बात का खुलासा किया है.

दरअसल एक रिसर्च में ये खुलासा हुआ है कि महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान शुगर लेवल बढ़ रहा है. ज्यादातर महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हो रही हैं. यह रिसर्च भागलपुर में पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया की गई. जहां 463 गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च किया गया. साथ ही डॉक्टरों के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि 463 में से 279 महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हैं. इसका सबसे बड़ा कारण पैकेट में बंद खाना बताया गया.

महिलाएं डायबिटीज की हो रहीं शिकार

आम तौर पर महिलाएं हो या बच्चे अब पैकेट फूड का ज्यादा सेवन करते हैं, लेकिन यह खाना गर्भवती महिलाओं के लिए खतरे से कम नहीं है. लोकल पैकेट होते हैं उसमें बिस्फेनॉल-ए केमिकल होता है, जो पैकेट के जरिए खाने के सम्पर्क में आ जाता है. जिससे गर्भधारण के दौरान प्लास्टिक बंद भोजन के सेवन से ज्यादातर महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हो जाती हैं. गर्भधारण से पहले से भी महिलाएं या युवतियां अगर बोतल बन्द पानी और पैक्ड फूड का सेवन करती हैं तो आने वाले समय में गर्भावस्था के दौरान उन्हें डायबिटीज हो सकता है

गर्भ में पल रहा बच्चा भी हो सकता है शिकार

ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे जन्म के बाद असमय डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं. जेएलएनएमसीएच के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर राजकमल चौधरी ने बताया कि प्लास्टिक में पैक्ड फ़ूड भोजन बीटा सेल्स को इफेक्ट करता है. इससे इन्सुलिन रुकता है और इसके कारण ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जिसके कारण प्रेग्नेंट महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज बढ़ता है. इसलिए पैकेट बंद भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.