जवानों के हत्या के बावजूद शराब तस्करों के हौसले बुलंद ,इतने बड़े पैमाने पर तस्करों को कैसे मिल जाता है शराब
श्रीप्रकाश यादव
चंदौली / डीडीयू नगर। गत दिनों आरपीएफ के दो जवानों की हत्या और उसके बाद की गई कड़ी कार्रवाई के बाद भी शराब तस्करों के हौसले पस्त नहीं हुए हैं। अधिकारियों के लाख दावों के बाद भी शराब तस्करी अनवरत जारी है। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर तैनात जीआरपी और आरपीएफ चार महीने में तीन लाख की शराब पकड़ चुकी है। संभवतः तस्करी इससे भी ज्यादा हुई होगी जिसका कोई आंकड़ा नहीं है।
भारतीय रेल से प्रतिदिन करोड़ों लोग यात्रा करते हैं। यात्रियों के साथ तस्कर भी ट्रेनों को नकदी और सोने चांदी, कछुआ, नशीले पाउडर आदि की तस्करी करते हैं।
बिहार में शराब बंदी के बाद से रेलवे ट्रेन शराब तस्करी का भी आसान साधन बन गया। ट्रेनों से शराब तस्करी में बड़े सिंडिकेट शामिल हैं और शराब तस्करी का धंधा लाखों का है। इसका विभत्स रूप तब सामने आया जब 19 अगस्त को आधी रात के बाद रात बाड़मेर एक्सप्रेस से मोकामा ट्रेनिंग सेंटर जाते समय आरपीएफ के मानसनगर पोस्ट में तैनात आरक्षी प्रमोद कुमार सिंह और यार्ड पोस्ट में तैनात आरक्षी मोहम्मद जावेद को शराब तस्करो ने हत्या कर ट्रेन से नीचे फेंक दिया।गाजीपुर जिले के गहमर थाना क्षेत्र के रेलवे ट्रैक के किनारे चार किमी की दूरी पर मिला था। इस मामले में 13 लाेगों पर मुकदमा दर्ज किया गया।जिसमें आठ नामजद आरोपी रहे। पहले गाजीपुर पुलिस, नोएडा एसटीएफ और जीआरपी ने चार, फिर दो और आराेपियों को गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में मुख्य आरोपी मुहम्मद जाहिद उर्फ सोनू पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया। 24 सितंबर को इनकाउंटर में उसे मार गिराया गया। इसमें जीआरपी में तैनात कांस्टेबल अनिल तिवारी भी घायल हो गए। शुरूआती जांच में हत्या करने वाले शराब तस्कर डीडीयू स्टेशन से ही ट्रेन में सवार होते मिले। इसके बाद शराब तस्करी पर दो चार दिन तो रोक लगी लेकिन शराब तस्करों ने फिर अपना खेल शुरू कर दिया। अगस्त से अब तक स्थानीय रेलवे स्टेशन से लगभग तीन लाख रुपये मूल्य की शराब बरामद हुई। वहीं तीन महिला सहित 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें आठ अक्तूबर को श्रमजीवी एक्सप्रेस से सवा लाख रुपये की शराब बरामदगी शामिल है।
किस महीने में कितने की शराब हुई बरामद
डीडीयू नगर।डीडीयू जीआरपी और आरपीएफ लगातार शराब तस्करों के खिलाफ अभियान चला रही है। बावजूद तस्कर माने को तैयार नहीं हैं। दो जवानों की हत्या के बाद की स्थिति देखें तो सितंबर माह में दो बार में 20 हजार रुपये की शराब बरामद हुई और तीन गिरफ्तार हुए। अक्तूबर माह में पचास हजार रुपये की देशी विदेशी शराब बराम हुई और तीन महिला सहित 11 लोग गिरफ्तार हुए। आठ अक्तूबर को श्रमजीवी एक्सप्रेस से सवा लाख रुपये की लावारिश शराब बरामद हुई। वहीं नवंबर माह में आठ बार में 85 हजार 780 रुपये की शराब बरामद हुई। शराब के साथ दस लोग गिरफ्तार हुए।
आखिर बड़े पैमाने पर शराब तस्करों को दुकान से मिलती है
डीडीयू नगर।पूरे जनपद में पुलिस शराब की दुकानों पर लगातार निगरानी कर रही है। यहां तक कि दुकानों पर अभियान चलाकर दुकान के आस पास शराब पीने वालों को लगातार पकड़ कर जेल भेजा जा रहा है। बावजूद इसके शराब तस्करों को बड़े पैमाने पर दुकानों से शराब तस्करी के लिए कैसे मिल जा रहा है। यह यक्ष प्रश्न है। इससे पता चलता है कि इस सिंडिकेट में कौन कौन शामिल है।
इस बाबत वरीय मंडल आरपीएफ सुरक्षा आयुक्त जेथिन बी राज ने कहा कि शराब तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ट्रेनों से तस्करी नहीं होने दी जाएगी। निगरानी का ही नतीजा है कि लगातार शराब के साथ तस्कर पकड़े जा रहे हैं।
Dec 09 2024, 12:53