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पुराने आलू को अमोनिया घोल से नया बनाकर दोगुने दाम पर बेचने का खेल, 180 क्विंटल आलू नष्ट

क्या पुराने आलू को नए आलू में बदला जा सकता है? यह सवाल थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन मुनाफाखोर पुराने आलू को अमोनिया घोल की मदद से नये जैसा बना दे रहे हैं और दोगुने मूल्य पर बेच रहे हैं. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारियों ने जांच में इस मिलावट को पकड़कर करीब 180 क्विंटल आलू को नष्ट करा दिया है.

सहायक आयुक्त खाद्य डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि सहजनवा रेलवे स्टेशन के पास लगने वाले बाजार में अमोनिया केमिकल से तैयार किए गए आलू को नया बताकर बेचा जा रहा है. इसी क्रम में गोरखपुर मंडी में भी मिलावटी आलू बेचने की शिकायत मिली थी. ऐसे में टीम ने दोनों जगह छापेमारी की तो सच्चाई सामने आई.

व्यापारी ने बताया…

सहजनवा में 60 किलो आलू और गोरखपुर में एक क्विंटल 20 किलो मिलावटी आलू जब्त किया गया. आलू को नष्ट करा दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि यह आलू संत कबीर नगर से खरीद कर लाया था. व्यापारी ने बताया कि एक क्विंटल आलू में 10 किलो नया और 90 किलो पुराना आलू का अनुपात होता है. पुराने आलू को केमिकल से तैयार किया जाता है.

किसान गोपीनाथ ने बताया कि आलू की फसल तैयार होने में कम से कम तीन महीने लगते हैं और जो सबसे आगे की वैरायटी है, इसकी खुदाई भी अपने यहां फरवरी से शुरू होगी. गोरखपुर के आलू कारोबारी शाहिद का कहना है कि अभी आलू की कुछ फसल पंजाब और हिमाचल में तैयार हुई है. अपने यहां बहुत कम नए आलू की आवक है. ठेलों पर जो धड़ल्ले से नया आलू बेचा जा रहा है, वह केमिकल से पुराने को नया करके बेचा जा रहा है.

जानकार बताते हैं कि 50 किलो रुपए प्रति किलो की रेट से अमोनिया बाजार में मिलता है. उसका घोल तैयार कर उसमें पुराना आलू 14 घंटे के लिए डुबो दिया जाता है. उसके बाद उसको निकाल कर मिट्टी में रगड़ा जाता है. केमिकल के चलते उसका छिलका काफी मुलायम हो जाता है, थोड़ा रगड़ने पर ही उसका छिलका छूट जाता है.

मिलावटी आलू कितना नुकसान?

इस संबंध में डॉक्टर सोहन गुप्ता का कहना है कि हमारा शरीर भी अमोनिया का निर्माण करता है. हमारे शरीर में अमोनियम 15 से 45 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर के हिसाब से होता है. हम जब केमिकल युक्त आलू खाते हैं तो इसका स्तर बढ़ जाता है जो बेहद खतरनाक होता है. ऐसे आलू के सेवन से दिमाग का संतुलन खराब हो सकता है. लिवर डैमेज हो सकता है. थकान अधिक आ सकती है. इससे पेट में सूजन भूख न लगना, कब्ज की बीमारी भी हो सकती है. अमोनिया का स्तर शरीर में बढ़ने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

ऐसे करें पहचान

आपके घर में जो नया आलू पहुंचा है वह वास्तव में नई पैदावार है या पुराने को नया बनाकर दुकानदार ने आपको दिया है. इसकी पहचान भी आप कर सकते हैं. वास्तविक नए आलू को पानी में धुलने पर उसकी मिट्टी जल्दी साफ नहीं होती है. वह चिपकी रहती है, जबकि जो मिट्टी में लपेटकर केमिकल से तैयार किया गया नया आलू होता है, वह तुरंत साफ हो जाता है.

यही नहीं केमिकल से तैयार आलू काटने पर पानी छोड़ता है और वह कुछ स्पंजी टाइप का भी होता है. ऐसे में यदि यह सब लक्षण दिखे तो आप समझ जाइए कि आपका नया आलू केमिकल से तैयार करके बनाया गया है और आप सतर्क हो जाइए.

महाविकास अघाड़ी से सपा के अलग होने पर आदित्य ठाकरे का बड़ा बयान: सपा महाराष्ट्र में बीजेपी की B टीम है

महाविकास अघाड़ी और समाजवादी पार्टी में तकरार नजर आई है और सपा ने महाविकास अघाड़ी से बाहर होने का ऐलान कर दिया है. इसी बीच शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र सपा प्रमुख अबू आजमी को लेकर बड़ा बयान दिया है. आदित्य ठाकरे ने कहा, सपा महाराष्ट्र में बीजेपी की बी टीम है.

शिवसेना (यूबीटी) के नेता मिलिंद नार्वेकर ने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने को लेकर सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट किया और विज्ञापन जारी करके बाबरी मस्जिद ढहाये जाने पर बधाई दी. इसी के बाद से सपा ने महाविकास अघाड़ी से बाहर निकलने का ऐलान कर दिया.

आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?

आदित्य ठाकरे ने कहा, सपा के बारे में बात नहीं करना चाहता हू्ं, प्रदेश में सपा नेता बीजेपी की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा, अखिलेश यादव अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यहां के उनके कुछ नेता बीजेपी की मदद करते हैं, उनकी बी टीम के रूप में काम करते हैं और इन चुनावों में हम इसे देखते हैं, मैं इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता हूं.

शिवसेना के नेता के जिस बाबरी मस्जिद के ट्वीट को लेकर दोनों दलों में विवाद पैदा हुआ उस ट्वीट के बारे में आदित्य ठाकरे ने कहा, कल का जो ट्वीट था वो हम पहले भी करते आए हैं. हमारा जो हिंदुत्व है स्पष्ट है हम ने कभी हिंदुत्व नहीं छोड़ा, हम हिंदुत्व के साथ हैं. हमारा हिंदुत्व हृदय में राम और हाथ को काम देने वाला हिंदुत्व है. उन्होंने आगे कहा, बीजेपी ने कहा था सबका साथ सब का विकास लेकिन हम असल में सबका साथ सबका विकास करते हैं.

अबू आजमी ने शिवसेना पर साधा निशाना

शिवसेना यूबीटी के नेता के ट्वीट के बाद महाराष्ट्र सपा प्रमुख अबू आजमी ने कहा था, शिवसेना की तरफ से बाबरी मस्जिद को ढहाये जाने के लिए लोगों को बधाई देते हुए एक अखबार में विज्ञापन दिया गया था. उद्धव ठाकरे के सहयोगी ने मस्जिद को ढहाये जाने की सराहना करते हुए एक्स पर पोस्ट भी किया था. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी एमवीए छोड़ रही है. सपा प्रमुख अबू आजमी ने कहा कि इस तरह की भाषा बोलने वालों में और बीजेपी में कोई फर्क नहीं है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव: आम आदमी पार्टी ने शुरू किया मतदाता सूची जांच अभियान, अरविंद केजरीवाल ने किया ऐलान- हर साजिश का करेंगे पर्दाफाश

दिल्ली में विधानसभा चुनाव की लड़ाई तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है. इसी बीच आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके दिल्ली में मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि बीजेपी ने इसी तरह से हरियाणा और महाराष्ट्र में भी गड़बड़ी करके चुनाव जीता था.

आप नेता अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में इस साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी गहराई से इसकी जांच-पड़ताल में जुट गई है. हर साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा.

वोटर लिस्ट की पड़ताल में जुटी आप

आम आदमी पार्टी का कहना है हमारे नेता मतदाता सूची की जांच पड़ताल को लेकर बेहद गंभीर हैं. पार्टी ने पूरी दिल्ली के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है. हर विधानसभा के हिसाब से 5 टीमें बनाई गई हैं. केंद्रीय टीम के साथ सदस्य 24 घंटे काम पर लग गए हैं. टीम एक-एक व्यक्ति से संपर्क कर रही है. नाम कटने की प्रक्रिया का पालन हुआ है कि नहीं, इसकी जानकारी भी इकट्ठा कर रही है.

आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो एक-एक घर जाएं और वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम का मिलान करें. पार्टी का कहना है अगर किसी मतदाता का नाम हाल फिलहाल में काटा गया है तो उनके नाम लिस्ट में जुड़वाने का भी प्रयास किया जा रहा है. पार्टी पूरे मसले पर लीगल सेल भी मदद ले रही है.

कानूनी कार्रवाई का भी किया जिक्र

पार्टी के पदाधिकारी अपने कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं और रोजाना अपडेट ले रहे हैं. पार्टी ने कहा कि जो भी गलत तरीके से मतदाता का नाम काटने का जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पार्टी ने इस सिलसिले में बकायदा धारा 174, धारा 318, धारा 217, धारा 196 और धारा 61 का भी जिक्र किया है.

वोटर लिस्ट से नाम काटने का नियम

वोटर लिस्ट से नाम कटवाने के लिए चुनाव आयोग की एक तयशुदा प्रक्रिया है. इसके लिए इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) की ओर से मतदाताओं के नाम का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. संबंधित क्षेत्र का कोई भी मतदाता किसी भी नाम पर आपत्ति जता सकता है. यह सूची सभी राजनीतिक दलों को भेजी जाती है और मुख्य चुनाव अधिकारी की वेबसाइट, इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के नोटिस बोर्ड और मतदान केंद्रों पर प्रदर्शित की जाती है.

नाम कटने की वजह मृत्यु या पते में परिवर्तन हो सकता है. फॉर्म 7 ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है या इसे इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर से भी प्राप्त किया जा सकता है. वोटर का नाम वोटर लिस्ट से हटाना है या नहीं, इसे लेकर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का निर्णय ही अंतिम होता है

महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर ही क्यों किया जाता है शाही स्नान?

गंगा समेत तमाम नदियां कहीं न कहीं जाकर मिल जाती है. यानी सभी नदियों का कहीं न कहीं संगम होता है. सभी नदियों के अपने संगम होते हैं, लेकिन इन सब में त्रिवेणी संगम का बहुत अधिक महत्व है. त्रिवेणी संगम में तीन नदियां गंगा, यमुना और सरस्वती आपस में मिलती हैं. इन तीनों नदियों का मिलन प्रयागराज के संगम में होता है. प्रयागराज एक तीर्थस्थल है.

प्रयागराज में होने वाला गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम विश्व प्रसिद्ध है. हिंदू संस्कृति में गंगा और यमुना के बाद सबसे अधिक महत्व सरस्वती को दिया गया है. हिंदू धर्म में माना गया है कि जितने भी तीर्थस्थल हैं, वो नदियों के तट पर हैं. इसमें भी जहां तीन नदियां आपस में मिलती हैं, उस जगह का खास महत्व है. प्रयागराज में तीनों नदियों के मिलने का नजारा देखा जा सकता है.

प्रयाग है तीर्थों का राजा

प्रयागराज के संगम में गंगा और यमुना अलग दिखती हैं, लेकिन सरस्वती भी उसमें मिली हुई हैं. सरस्वती अलग नजर नहीं आती हैं. सरस्वती नदी को अदृश्य माना गया है. प्रयाग को तीर्थों का राजा माना गया है. ऐसा कहा गया है कि जो भी महाकुंभ, कुंभ और अर्धकुंभ जैसै आयोजनों पर त्रिवेणी संगम में स्नान करता है, उसे मोक्ष मिल जाता है. महाकुंभ, कुंभ और अर्धकुंभ में एक स्नान का विशेष महत्व होता है, वो है शाही स्नान. महाकुंभ, कुंभ और अर्धकुंभ के आयोजन के दौरान शाही स्नान के लिए अलग-अलग अखाड़ों के संत प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान करने पहुंचते हैं.

क्यों स्नान को कहा जाता है शाही

महाकुंभ, कुंभ और अर्धकुंभ जैसै आयोजनों में साधु संत को सम्मान के साथ स्नान कराया जाता है. इसलिए ही इसे शाही स्नान कहा जाता है. महाकुंभ या कुंभ के दौरान ग्रह और नक्षत्रों की विशेष स्थिति के कारण जल चमत्कारी हो जाता है. शाही स्नान तभी किया जाता है, जब ग्रह नक्षत्र बेहद शुभ स्थिति में होते हैं. ये स्नान करने से सभी पापों का नाश होता और आत्मा शुद्ध होकर मोक्ष प्राप्ति की ओर चली जाती है. बता दें कि, इस बार प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान अलग-अलग अखाड़ों के साधु संत जुटने वाले हैं.

गुरुग्राम में अवैध कैसीनो का भंड़ाफोड़, 40 लोग गिरफ्तार

गुरुग्राम से अवैध कैसीनो के भंड़ाफोड़ का मामला सामने आया है, जहां पर पुलिस ने छापेमारी कर भंडाफोड़ किया है. शुक्रवार रात गुरुग्राम पुलिस खादरपुर गांव में मैपल फार्म हाउस पर पहुंची और छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने कैसीनो संचालकों और वहां जुआ खेल रहे लोगों के साथ 40 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी.

पुलिस ने बताया कि मौके से कैसीनों में इस्तेमाल की जाने वाली दो टेबल को बरामद किया गया है. इसके साथ ही जुआ खेलने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 3,180 से ज्यादा टोकन और ताश के छह पैकेट बरामद किए हैं. पुलिस ये भी जानकारी दी कि इस मामले में अभी 40 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इससे जुड़े बाकी लोगों की तलाश भी पुलिस कर रही है.

मामले में FIR दर्ज की गई

इस मामले में सेक्टर 65 पुलिस थाने में FIR दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई में पुलिस जुट गई है. पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो सामने आया कि इस अवैध कैसीनो को किराए पर फार्म हाउस लेकर चलाया जा रहा था. इस फार्म हाउस पर बड़ी-बड़ी गाड़ियों में महिला और पुरुष आते थे और पैसा लगाते थे. इसके लिए पहले काउंटर पर पैसा जमा कर टोकन खरीदना पड़ता था और फिर जुआ खेला जाता था. संचालक इन ग्राहकों से अच्छी मोटी रकम वसूलते थे.

पुलिस ने तीन पर की छापेमारी

कैसीनो ऑपरेटर ने इसके संचालन के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ था, जिसके जरिए इससे जुड़े सभी मेंबर को टाइमिंग और लोकेशन की जानकारी दी जाती थी. कैसीनो में ताश बांटने के लिए कुछ महिलाओं को रखा गया था, जो ताश बांटने के साथ-साथ एंटरटेनमेंट के लिए डांस भी करती थीं. हाल ही में पुलिस ने तीन बार अलग अलग जगहों पर कैसीनो पर छापेमारी की है और लगभग हर बार गिरफ्तार होने वाले लोगों की संख्या 40 ही होती है.

महाराष्ट्र: लातूर के किसानों ने वक्फ बोर्ड पर लगाया जमीन हड़पने का आरोप, 300 एकड़ जमीन पर विवाद

महाराष्ट्र के लातूर के किसानों ने राज्य के वक्फ बोर्ड पर उनकी जमीनों को हड़पने का आरोप लगाया गया है. किसानों का आरोप है कि उनकी करीब 300 एकड़ जमीन को वक्फ बोर्ड की तरफ से हड़प लिया गया. किसानों का कहना है कि वो जिस जमीन पर वो कई पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं. उस जमीन को वक्फ बोर्ड हड़पना चाहता है. इसलिए उनके खिलाफ नोटिस भेजी गई है.

इस मामले में दावा छत्रपति संभाजीनगर के महाराष्ट्र राज्य वक्फ अधिकरण में दायर किया गया है. जिसपर कुल 300 एकड़ भूमि रखने वाले 103 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं. किसानों का कहना है ये सारी जमीनें हैं, वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है. उन्होंने इस मामले में सरकार और प्रशासन से न्याय करने के लिए गुहार लगाई है.

जल्द खाली करें जमीनें

वक्फ बोर्ड की नोटिस में कहा गया है कि लातूर के किसान इन जमीनों को तुरंत खाली कर दें, जिनमें उनका कब्जा है. इस नोटिस के आने के बाद किसानों के बीच सनसनी फैल गई. किसानों ने सरकार और प्रशासन से उनकी जमीनों को बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि ये उनकी अपनी जमीन है, वक्फ बोर्ड का इसमें कोई हिस्सा नहीं है.

पीढ़ी दर पीढ़ी हमें मिली हैं जमीनें

किसानों का 300 एकड़ जमीनों के इस मामले में कोर्ट में पहले दो सुनवाई की जा चुकी है. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की है. किसान तुकाराम कानवटे ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि उनकी ये जमीन उन्हें अपने पूर्वजों से पीढ़ी दर पीढ़ी मिली है.

ये वक्फ बोर्ड की संपत्ति में नहीं आती हैं. हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार हमें न्याय दे. केंद्र सरकार ने इस साल 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल को पेश किया था. केंद्र सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित और इसकी संपत्तियों को सही तरीके से मैनेज किया जा सके.

फोन इंटरसेप्शन के लिए सरकार ने जारी किए नए नियम, राज्य स्तर पर IG रैंक के अधिकारी दे सकेंगे आदेश

सरकार ने फोन इंटरसेप्शन को लिए नए नियम जारी किए हैं. नए नियम के तहत देश के सभी राज्य स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) और उनसे बड़ी रैंक के अधिकारी आपातकालीन मामलों में फोन इंटरसेप्शन को लेकर आदेश जारी कर सकते हैं. नए नियम के तहत इन अधिकारियों को सरकार की तरफ अधिकार दिए गए हैं. दूरसंचार विभाग की तरफ से इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई.

अधिसूचना में यह भी कहा गया कि अधिकारी जिन आपातकालीन मामलों में आदेश जारी करेगा उसे उनमें काम करने वाले सात दिनों के अंदर इस तरह के आदेश की पुष्टि की जानी जरूरी है. अधिकारी अगर ऐसे आदेश की पुष्टि नहीं करता है, तो इंटरसेप्ट किए गए मैसेजेस का इस्तेमाल किसी भी उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकेगा.

बिना उसकी पुष्टि के उन मैसेजेस के उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. नए नियम में यह भी कहा गया है कि इंटरसेप्शन के दौरान जो भी मैसेजेस की कॉपी को दो दिनों में ही डिलीट या खत्म करना होगा.

राज्य में अधिकारी के न होने पर कौन देगा आदेश?

जारी किए गए अधिसूचना के मुताबिक, जहां सक्षम अधिकारी दूरदराज के क्षेत्रों में आदेश जारी करने की स्थिति में नहीं हैं, तो इंटरसेप्शन आदेश केंद्रीय स्तर की एजेंसियों के अधिकारियों की ओर से जारी किया जाएगा.

उनकी की उपस्थिति नहीं होने पर एजेंसी के प्रमुख या दूसरे स्तर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी इंटरसेप्शन का आदेश जारी करने का अधिकार रखेंगे. नए आदेश के मुताबिक, राज्य की एजेंसी के प्रमुख या दूसरे सबसे सीनियरअधिकारी, जो IG रेंज के अधिकारियों नीचे नहीं हो, वह भी ऐसे इसका आदेश जारी कर सकते हैं. केंद्र सरकार के मामले में गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव या राज्य सरकार के मामले में गृह विभाग के प्रभारी सचिव को इस तरह के फैसले का अधिकार होगा.

फोन इंटरसेप्शन मामले में केंद्रीय स्तर पर समीक्षा समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव की ओर से की जाएगी. जबकि, इसके सदस्य कानून और दूरसंचार सचिव होंगे. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव समीक्षा समिति की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें गृह सचिव के साथ राज्य कानून और राज्य सरकार के सचिव अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे.

राहुल गांधी जयपुर पहुंचे, खेड़ापति बालाजी मंदिर में दर्शन और कांग्रेस नेतृत्व संगम सम्मेलन में हिस्सा लेंगे

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जयपुर पहुंच चुके हैं. 17 दिन में राहुल गांधी का यह दूसरा राजस्थान दौरा है. राहुल गांधी यहां करीब 6 घंटे रुकेंगे. इस दौरान कांग्रेस सांसद जयपुर के पास चौमू के सामोद स्थित खेड़ापति बालाजी के दर्शन करेंगे. दर्शन का कार्यक्रम सुबह 9 बजे है. इसके अलावा वे कांग्रेस ‘नेतृत्व संगम’ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

नेतृत्व संगम में राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे.सुबह 9 बजे राहुल गांधी ट्रेनिंग में पहुंचेंगे और दोपहर 3 बजे वापस एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे. राहुल गांधी 17 दिन पहले भी जयपुर आए थे. इस दौरान वे अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ हरियाणा के एक प्रमुख चाय व्यापारी अमित गोयल के बेटे की शादी में शामिल हुए थे. शादी में भाग लेने के बाद वे तुरंत वापस लौट गए थे.

कांग्रेस ट्रेनिंग कैंप का मकसद

कांग्रेस का यह ट्रेनिंग कैंप हर साल आयोजित किया जाता है. ट्रेनिंग सेशन में स्थानीय नेताओं को भाग लेने की मनाही है. नेतृत्व संगम कैंप में केवल देशभर के चुनिंदा डेलिगेट्स को बुलाया गया है, जो कांग्रेस के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा हैं. इस ट्रेनिंग सेशन में राहुल देशभर के चुनिंदा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ संवाद करेंगे. दो साल पहले भी एक ऐसा ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था

अगर आपके पास भी आ रही हैं फेक कॉल्स? तुरंत फॉलो करें सरकार की ये गाइडलाइन

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने जनता को धोखाधड़ी कॉल्स और संदेशों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है. हाल के दिनों में ट्राई के नाम पर फर्जी कॉल्स और संदेश भेजने की घटनाएं सामने आई हैं. इन कॉल्स और संदेशों में ग्राहकों को बताया जा रहा है कि उनके मोबाइल नंबर बंद किए जा सकते हैं, क्योंकि उनका उपयोग अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है.

क्या है मामला?

इन फर्जी कॉल्स में यह दावा किया जा रहा है कि जनता के आधार नंबरों का उपयोग सिम कार्ड प्राप्त करने और गैर-कानूनी गतिविधियों में किया गया है. धोखेबाजों द्वारा लोगों को डराने के लिए वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म, जैसे स्काइप, पर कॉल करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. ट्राई ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई भी गतिविधि धोखाधड़ी है और इनका नियामक प्राधिकरण से कोई संबंध नहीं है.

ट्राई ने जनता को सूचित किया है कि वह किसी भी व्यक्तिगत ग्राहक के मोबाइल नंबर को बंद करने या ब्लॉक करने का कार्य नहीं करता है. साथ ही, वह न तो ऐसे किसी संदेश को भेजता है और न ही किसी तीसरी एजेंसी को ग्राहकों से संपर्क करने का अधिकार देता है.

ट्राई ने क्या कहा?

ट्राई ने स्पष्ट किया है कि ऐसे कॉल्स और संदेश अवैध हैं और इनसे सतर्क रहना चाहिए. जनता को सलाह दी गई है कि ट्राई से संबंधित होने का दावा करने वाले किसी भी कॉल या संदेश को धोखाधड़ी माना जाए और उसकी जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दी जाए.

ऐसी घटनाओं का शिकार हुए लोग सीधे सेवा प्रदाताओं से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, वे राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल [cybercrime.gov.in](https://cybercrime.gov.in) पर या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराना एक विकल्प है.

ट्राई ने शुरू किया ये पहल

जनता को जागरूक करने और साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए ट्राई ने एक व्हाट्सएप चैनल भी शुरू किया है. इस चैनल के माध्यम से ट्राई जनता तक महत्वपूर्ण सूचनाएं और निर्देश पहुंचाएगा. ट्राई ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनाधिकृत कॉल्स या संदेशों से सतर्क रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें. ट्राई का यह कदम साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और उन्हें सुरक्षित रखना है.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले जारी, इस्कॉन मंदिर पर आगजनी, रफीकुल इस्लाम मदनी ने की इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले जारी हैं. शनिवार की सुबह ढाका में इस्कॉन मंदिर में कुछ लोगों ने आग लगा दी. आग लगाये जाने से एक मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई और पर्दे जल गए. इस्कॉन बांग्लादेश का कहना है कि यह एक इस्कॉन भक्त का “पारिवारिक मंदिर” था, जबकि कोलकाता इस्कॉन की ओर से दावा किया गया है कि इस्कॉन नमहट्टा सेंटर” को निशाना बनाया गया. बांग्लादेश में इस्कॉन नमहट्टा सेंटर को जला दिया गया. दूसरी ओर, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा को लेकर पूरे देश में रोष है. कोलकाता सहित देश के विभिन्न शहरों में हिंसा और अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं.

दूसरी ओर, बांग्लादेशी मुस्लिम नेता रफीकुल इस्लाम मदनी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने कहा कि इस्कॉन को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. यह धार्मिक अभ्यास का समय नहीं है. यह इस्कॉन से लड़ने का समय है.

इस्कॉन के उपाध्यक्ष कोलकाता राधारमण दास ने टीवी9 भारतवर्ष से बात की. उन्होंने कहा कि हमने सोचा था कि अल्पसंख्यक नेता के साथ उनकी बैठक के बाद यूनुस सरकार हमें सुरक्षा प्रदान करेगी, लेकिन इस्कॉन पर ताजा हमला हमारी मुख्य चिंता है

बांग्लादेश में हिंसा पर इस्कॉन ने जताई चिंता

उन्होंने कहा कि जिस तरह से युवा मौलवी नफरत फैलाने वाले भाषणों का प्रचार कर रहे हैं, उससे बांग्लादेश में हमारा भविष्य दांव पर है और हम चिंतित हैं. बांग्लादेश में इस्कॉन को बंद करना कोई समाधान नहीं है क्योंकि इस्कॉन एक चेतना है. इस्कॉन एक समुदाय है, जो लोग बांग्लादेश में इस्कॉन के उपासक हैं, उनका क्या होगा? इस्कॉन सिर्फ मंदिर नहीं है.

टीएमसी के महासचिव कुणाल घोष ने इस्कॉन पर हमले को लेकर कहा कि हमने पहले भी कहा है कि बांग्लादेश में इस्कॉन और हिंदुओं पर हमला स्वीकार्य नहीं है, लेकिन हम इसके आगे कुछ नहीं बोल सकते हैं. उनलोगों ने बांग्लादेश में शांति सेना बहाल करने की मांग की है. ममता बनर्जी ने इसकी मांग की है, लेकिन इसके अलावा हम कुछ नहीं बोल सकते क्योंकि यह विदेश का मामला है. हमें भारत सरकार के बयान के अनुसार चलना होगा. किसी भी धर्म पर हमला स्वीकार्य नहीं है.

मोहम्मद यूनुस से नोबेल पुरस्कार वापस लेने की मांग

भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू खतरे में हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की बेरहमी से हत्या की जा रही है. भारत सरकार का इस मामले पर पूरी नजर है. इस्कॉन जो एक शांति और धार्मिक संगठन है, उसे ढाका में निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक खतरे में हैं. मोहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. उनका पुरस्कार तुरंत वापस किया जाना चाहिए.