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होम्योपैथिक की दवा का इस्तेमाल कर माहवारी में आने वाली हर परेशानी से पाएं छुटकारा: डा. दीक्षित पांडे

लखनऊ । होम्योपैथिक जनरल फिजिशियन डॉ दीक्षित पांडे ने बताया कि होम्योपैथिक दवाइयां के जरिए आप महिलाएं माहवारी से अगर आप किसी भी प्रकार से स्वास्थ्य कष्ट में है तो आप होम्योपैथी चिकित्सा दवाइयां के जरिए आप उसका समाधान पा सकते हैं । इसमें सबसे पहले दवा आती है Pulsatilla-की पीरियड देर से होने के साथ-साथ कम पीरियड होना मासिक धर्म में खून के थक्के और दो मासिक धर्म चक्र में कभी-कभी सामान प्रकार का खून न आना पीरियड्स के पहले या दौरान दस्त होना प्यास ना लगा अगर ऐसे लक्षण आपके अंदर पाए जाते हैं तो आप होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं और दर्द में अपने आराम पा सकते हैं ।

दाएं अंडाशय की तरफ तेज दर्द होने पर यह करें उपाय

इसमें दूसरी हमारी होम्योपैथिक दवा आती है Thujaoccidentalia यह दवा उन महिलाओं पर ज्यादा अच्छे से काम करती है जिनके शरीर पर मस्से हो जननांग क्षेत्र में दाएं अंडाशय की तरफ तेज दर्द होना मासिक धर्म के दौरान दाएं ओवरी में सूजन आना नींद ना आना जोड़ों में अकड़न अगर ऐसे लक्षण आपके अंदर पाए जाते हैं तो आप यह दवा ले सकते हैं इसमें अगली दवा आती है आर्सेनिक एल्बम यह दावा उन महिलाओं के लिए है जिनका पेट के अंडाशय वाले क्षेत्र में जलन के साथ दर्द होता है जो दाएं ओवर में अधिक होता है ।

इस तरह का लक्षण दिखाई दें तो यह दवा करें इस्तेमाल

दर्द के दौरान बेचैनी होना थोड़ा सा काम करने पर भी ज्यादा थकान होना थोड़ी देर में पानी की प्यास लगना मासिक धर्म के दौरान ज्यादा खून बहने के साथ जल्दी पीरियड्स हो जाना बहुत ज्यादा चेहरे पर मुहासे होना अगर ऐसे लक्षण आप पर पाए जाते हैं तो आप आर्सेनिक एल्बम होम्योपैथी दवा इस्तेमाल कर सकते हैं साथियों अब इसमें हमारी होम्योपैथिक दवा आती है वह है बेलाडोना यह दवा उन महिलाओं के लिए है जिनमें कुछ इस प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं जैसे की माहवारी में बहुत ज्यादा खून निकलना जो चटख लाल रंग का होता है अंडाशय के क्षेत्र में दर्द के साथ ब्रेस्ट में तेज दर्द होना और निप्पल पर दर्दनाक लाल धारियां पड़ गई हो योनि से गर्म रिसाव आना अगर ऐसे लक्षण किसी महिला के अंदर है तो वह होम्योपैथिक दवा ले सकती है ।

पीरियड्स बहुत ज्यादा देर से होने पर यह करें उपाय

अब हमारी अगली दवा आती है होम्योपैथिक में वह है एपीस मल्लीफीका यह दावा उनके लिए है जिनमें अंडाशय में खून का जमा हो जाना खासकर दाएं अंडाशय में और पीरियड्स के दौरान पेट के अंडाशय वाले क्षेत्र में चुभन वाला दर्द होना प्यास ना लगा दाएं अंडाशय में सिस्ट होना ऐसी महिलाएं जिनको प्रकार के लक्षण पाए जाएं तो वह यहां होम्योपैथिक दवा ले सकती हैं । अब हमारी अगली दवा का नाम है graphitis यह दावा उन महिलाओं के लिए है जो थोड़ी मोटी है उनका रंग गोरा है दिखने में ऐसी लगती हो और पीरियड्स बहुत ज्यादा देर से होना पेट के ऊपरी हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द होना जैसे पेट फट रहा हो पीरियड्स में बहुत कम खून बहाना जो फीके रंग का होता है ब्रेस्ट भारी होना ।

लाइकोपोडियम दवा इस तरह की परेशानी में कारगर

अगर किसी महिला में इस प्रकार के लक्षण है तो वह यह होम्योपैथिक दवा ले सकती है दोस्तों इसमें अगली दवा है हमारी लाइकोपोडियम की यह दावा उन महिलाओं को अधिक सूट करती है जो अपनी उम्र से ज्यादा की लगती हैं और उन्हें दाएं ओवरी में समस्या होती है योनि में जलन और सूखापन पाया जाना दाएं ओवरी के क्षेत्र में दर्द होना योनि से सफेद पानी आना मल करते समय योनि से खून निकलना शाम को 4 से 8 के बीच में अगर यह समस्या ज्यादा पाई जाती है तो लाइकोपोडियम दवा आप इस्तेमाल कर अपने दर्द में आराम पा सकती हैं ।

पेट दर्द व रिसाव होने पर इस दवा का करें इस्तेमाल

ऐसी महिलाएं साथियों... अब इसमें हमारी अगली दवा का नाम है कैल्केरिया कार्ब यह दावा उन महिलाओं को दी जाती है जिनमें दर्द मासिक धर्म से पहले रिसाव और पेट में दर्द हो जाता और जो अचानक शुरू और बंद हो जाता है मासिक धर्म से पहले और बाद में पेट के निचले हिस्से के क्षेत्र में जलन होना पाव ठंडा और नीले पन महसूस होना अगर ऐसी किसी महिला में यह लक्षण पाए जाते हैं तो ऐसी महिलाएं यह होम्योपैथिक दवा ले सकती है।

होम्योपैथिक दवा लेते वक्त क्या करना चाहिए

इसी के साथ दोस्तों आपको यह भी जाना चाहिए की होम्योपैथिक दवा लेते वक्त क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए इसकी जानकारी आप किसी कुशल होम्योपैथिक चिकित्सक से अवश्य परामर्श ले क्योंकि दवाइयों का मात्रा का निर्धारण आपकी आयु और बीमारी की अवधि पर भी काफी निर्भर करता है इसलिए कोई भी होम्योपैथी दवा लेने से पहले या शुरू करने से पहले किसी कुशल होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह जरूर से जरूर ले लें आगे भी हम आपको ऐसे ही स्वास्थ्यवर्धक लाभकारी जानकारी देते रहेंगे ।

उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक ने बालूमाथ में नए आउटलेट के साथ झारखंड में उपस्थिति का विस्तार किया

लातेहार, झारखंड। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड गर्व से झारखंड के लातेहार के बालूमाथ में अपने नए बैंकिंग आउटलेट के उद्घाटन की घोषणा करता है। इस लॉन्च के साथ, बैंक झारखंड में 90 बैंकिंग आउटलेट और देश भर में 992 बैंकिंग आउटलेट तक पहुंच गया है।

बालूमाथ, लातेहार के निवासियों को बैंक के उत्पादों और सेवाओं तक पहुंच प्राप्त होगी, जिसमें बचत खाते, चालू खाते, सावधि जमा और आवर्ती जमा के साथ-साथ आवास ऋण, व्यवसाय ऋण, संपत्ति के खिलाफ ऋण, क्रेडिट, बीमा जैसे विभिन्न ऋण उत्पाद शामिल हैं। और निवेश उत्पाद। बैंक का बुनियादी ढांचा, डिजिटल बैंकिंग क्षमताएं और एटीएम नेटवर्क एक निर्बाध बैंकिंग अनुभव सुनिश्चित करते हैं।

लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के एमडी और सीईओ, श्री गोविंद सिंह ने कहा, बालूमाथ, लातेहार में हमारा विस्तार, झारखंड के कम बैंकिंग सुविधा वाले क्षेत्रों में आवश्यक बैंकिंग सेवाएं लाने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है। अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों और संपन्न समुदाय के लिए मशहूर लातेहार में आर्थिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह नया बैंकिंग आउटलेट समुदाय की आवश्यकताओं के अनुरूप बचत, ऋण और माइक्रो-बैंकिंग सेवाएं प्रदान करके महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इस आउटलेट के माध्यम से, हमारा लक्ष्य व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाना, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और लातेहार के निरंतर सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना है।

बैंक अपने ग्राहकों को बचत और चालू खाते, सावधि जमा और आवर्ती जमा सहित वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। अपने ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, बैंक विभिन्न ऋण उत्पाद जैसे आवास ऋण, व्यवसाय ऋण और संपत्ति के विरुद्ध ऋण प्रदान करता है।अपने बैंकिंग आउटलेट बुनियादी ढांचे, डिजिटल बैंकिंग क्षमताओं और एटीएम नेटवर्क के साथ, बैंक एकीकृत ग्राहक सेवा सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त, उत्कर्ष एसएफबीएल पहुंच में आसानी के लिए इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और कॉल सेंटर जैसे कई चैनल प्रदान करता है।

हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से व्यथित होकर भगवान ने भक्त प्रह्लाद को दर्शन दिए: आचार्य संतोष भाई

लखनऊ । प्रियदर्शनी कॉलोनी सेक्टर बी भागवत पार्क में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम में आचार्य संतोष भाई ने बुधवार को कथा के चौथे दिन बताया कि मनुष्य की बुद्धि परमात्मा में लग जाए यही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।आचार्य संतोष भाई ने बताया कि भक्ति जीव को विनम्र बनाती है, जीव के अन्दर के ताप को समाप्त करती है। जिस जीव पर ईश्वर की कृपा हो जाती है उसका प्रमाण यह मिलता है कि उस जीव पर सब कृपा करने लग जाते हैं। भगवान जब स्वयं भक्त के हो जाते हैं तो संसार भक्त के नाम को मन्त्र के रूप में जपने लगता है।  

हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से व्यथित होकर भगवान ने भक्त प्रह्लाद को दर्शन दिए पिता हिरण्य कश्यप उसे भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोकते हैं। उसकी भक्ति के मार्ग में कई तरह की बाधाएं डालते हैं, जबकि सत्य जान चुका प्रह्लाद अपने मार्ग पर यथावत चलता रहता है। किसी भी बाधा से विचलित न होने वाले प्रह्लाद अपने ही पिता भाव कि असत्यता के विरुद्ध एक क्रांति का बिगुल बजा देता है। गजेन्द्र मोक्ष की कथा का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि गजेन्द्र की कथा कोई हांथी की कथा नहीं है । 

यह हर मानव जीवन की कथा है। हांथी एक सरोवर में स्नान करता है। उसमें रहने वाला काल रूपी ग्राह उसके पैरों को पकड़ लेता है । हाथी अपनी तरफ खींचता है और ग्राह अपनी तरफ हांथी अपने परिवार के पत्नी, बच्चों को सहायता के लिये पुकारता है लेकिन कोई मदद नहीं करता।इसी तरह मनुष्य संसार रूपी सरोवर में स्नान करता रहता है । एक दिन काल पैरों को पकड़ता है । कोई परिवार नहीं बचा पाता । तभी ईश्वर की याद आती है । ईश्वर ही रक्षा कर सकता है । समुद्र मंथन की कथा का वर्णन किया। बावन अवतार की कथा का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि राजा बलि से नामक भगवान ने तीन पग पृथ्वी मांग कर उसके अभिमान को भी नाप लिया । राम के अवतार का वर्णन करते हुए बताया कि राम शब्द जो रा में जब बोलते हैं मुंह खुलते ही पाप बाहर निकलता है में ओंठ बंद होता है । पाप दुबारा अंदर नहीं जाते । रामावतार हमें जीवन जीना सिखाता है अर्थात रामायण और भागवत हमारे जीवन मृत्यु को सुधारती है ।

इसके पश्चात भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया भगवान श्रीकृष्ण चराचर जगत के स्वामी है भगवान श्री कृष्ण वसुदेव के सिर के ऊपर आए तो उनके हथकड़ी और बेडी के जो बंधन थे वो कट गए गोकुल भक्ति करने का स्थान है मथुरा भोगियों की राजधानी भगवान भक्ति करने के स्थान पर चले गए मार्ग में उन्हें भक्ति रूपी यमुना महारानी का दर्शन हुआ गोकुल में भगवान के भक्त उन के स्वागत में तैयार थे भगवान श्री कृष्णा आधी रात को मां यशोदा केपास पहुंच गए।नन्द बाबा ने सब गोकुलवासियों के साथ मिलकर नंदोत्सव मनाया।आज बड़े धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया नंद घरआनंद भयो जय कन्हैया लाल की यशोदा के लाला भयो जय हो गोपाल की इस कीर्तन पर सभी भक्त जमकर नाचे भगवान श्री कृष्ण की सुंदर झांकी बनाई गई मखाना टॉफी फूल गुब्बारे लुटाए गए। इस अवसर पर मुख्य रुप से रेखा श्रीवास्तव, सुशील मोहन शर्मा,गणेश अग्रवाल,धर्म देव सिंह,अजीत सिंह सोनी,निर्देश दीक्षित,नंद लालजी,जितेन्द्र सिंह ,इंद्र प्रकाशजी,उमा प्रसाद पांडे,मुदित मिथलेश श्रीवास्तव,सुधा पाठक,घनश्याम त्रिपाठी,संजीव श्रीवास्तव,तनय सोनी,अथर्वराज मिश्रा, अनुज सिंह,ममता सिंह,निर्मला वर्मा,ऋचा सचान,आदि अनेकानेक भक्तोंने भवन के जनम दिवस पर खूब निरित्य कर उत्साहित हुए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फॉरेंसिक साइंसेज के ऑडिटोरियम का किया उद्धाटन

लखनऊ उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ में 75 वें संविधान दिवस के अवसर पर मंगलवार को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया । इस अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में देश विदेश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस द्वारा आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे । उन्होंने इस अवसर पर संस्थान के उपयोगार्थ निर्मित सभागार, ई-लाइब्रेरी, संस्थान-ध्वज एवं अभ्युदय पत्रिका का लोकार्पण किया । इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।

सीएम ने नए आपराधिक कानूनों के लागू होने का पूरा श्रेय पीएम को दिया

मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि जब शुरू में कानून बनाए गए या अपनाए गए, तो कानूनों में कई खामियां थीं और बाद में कानून समाज में बदलाव के साथ तालमेल नहीं रखते थे। अब नए आपराधिक कानूनों के लागू होने और लागू होने के बाद पुराने कानूनों में जो खामियां और कमियां थीं, उन्हें नए आपराधिक कानूनों में दूर कर दिया गया है। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के लागू होने का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। योगी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का यह विजन है कि ‘हर पीड़ित को न्याय मिले और हर अपराधी को सजा मिले।

मुख्यमंत्री ने उत्तीर्ण छात्र एवं छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के इस विजन को साकार करने के लिए यह संस्थान न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत में मील का पत्थर साबित होगा और उत्कृष्टता का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। संस्थान के निदेशक डॉ. गोस्वामी की इस संस्थान की स्थापना में उनके समर्पण, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत और अगस्त, वर्ष 2021 को अमित शाह द्वारा शिलान्यास के बाद इतने कम समय में संस्थान के विकास के प्रति उनकी असाधारण दृष्टि की सराहना की। उन्होंने संविधान दिवस मनाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रथम सत्र में उत्तीर्ण पीजी डिप्लोमा के छात्र एवं छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये ।

टेक्नोलॉजी से दूर भागने की आवश्यकता नहीं

उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी से दूर भागने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उससे लगातार जुड़ने की आवश्यकता है । हमें एवेयरनेस के एक विराट कार्यक्रम का हिस्सा बनना पड़ेगा । साइबर क्राइम, साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए हम क्या कर रहे हैं? अगर सकारात्मक सोच के लोग इससे दूर भागेंगे तो नकारात्मक सोच के व्यक्ति दुरूपयोग करेंगे । मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के समापन में संविधान दिवस की शपथ भी दिलायी । मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह संस्थान अपने रिकार्ड टाइम में बनकर ही तैयार ही नहीं हुआ बल्कि वह अपने सफलतापूर्वक दूसरे शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश कर गया है ।

संस्थापक निदेशक और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ: सीएम

सीएम योगी ने कहा कि प्रथम शैक्षणिक सत्र के सफलतापूर्वक संचालन के लिये मैं यहां के संस्थापक निदेशक और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ । अपराधों की गुणवत्ता-परक विवेचना के द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन के माध्यम से ही न्यायिक व्यवस्था में बेहतर सुधार सम्भव है । इसको दृष्टिगत रखते हुए फॉरेन्सिक साक्ष्यों के संकलन पर यूपीएसआईएफएस, लखनऊ एक मील का पत्थर साबित होगा ।

नवनिर्मित संस्थान छात्र छात्राओं को नये आयाम प्रदान करेगा: डीजीपी

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार ने इस अवसर पर कहा कि वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन के माध्यम से ही न्यायिक व्यवस्था में बेहतर सुधार सम्भव है। उन्होंने कहा कि फॉरेन्सिक विज्ञान की विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यूपी राज्य फॉरेन्सिक विज्ञान संस्थान की स्थापना लखनऊ में की गयी है। इस संस्थान का उद्देश्य फॉरेन्सिक विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तरीय मानव संसाधन तैयार करना है तथा शोध- परक शिक्षा को बढ़ावा देना है । उन्होंने कहा कि इस संस्थान में कुल पांच पाठ्यक्रम प्रचलित हैं नवनिर्मित संस्थान में शोध और प्रशिक्षण में छात्र छात्राओं को नये आयाम प्रदान करेगा।

तीन नए अपराधिक कानून के भारतवर्ष में लागू

डीजीपी ने कहा कि तीन नए अपराधिक कानून के भारतवर्ष में लागू होने के फलस्वरूप फॉरेंसिक साईस की महत्ता में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, जिस अपराध में सात वर्ष से अधिक सजा का प्राविधान हैं उनमें फॉरेंसिक साक्ष्यों का संकलन अनिवार्य कर दिया गया है । संविधान दिवस पर इस दो दिवसीय क्रान्फ्रेंस का आयोजन कर इस संस्थान द्वारा एक श्रेष्ठ परम्परा स्थापित किया गया है। कानून एवं विज्ञान का गठजोड़ निश्चित रूप से बेहतर न्यायिक व्यवस्था बनाने में सार्थक है, जिसके लिए यह संस्थान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अग्रसर है। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूँ कि यह संस्थान भविष्य में विभिन्न आनलाइन कोर्स भी उपलब्ध करायेगा, जिससे व्यवसायिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, सुरक्षा आदि में कार्यरत कर्मियों की गुणवत्ता बेहतर हो सके ।

'ज़ीरो टॉलरेंस' की नीति के अनुक्रम किया जा रहा काम : डॉ. गोस्वामी

इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने सभागार में उपस्थित मुख्यमंत्री सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारीगणों एवं शिक्षाविदों का स्वागत अभिनन्दन करते हुए कहा कि । सीएम द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे सतत 'ज़ीरो टॉलरेंस' की नीति के अनुक्रम में, इस संस्थान द्वारा भी फॉरेन्सिक विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों को प्रशिक्षित कर इस नीति को अग्रसर किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि Software as a Service (SaaS) के क्षेत्र में भारत वर्ष ने दुनिया में नाम रोशन किया है, उसी तर्ज पर यह संस्थान शीघ्र ही भारत वर्ष को Forensic as a Service (FaaS) के रूप में स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभायेगा । आने वाला समय FaaS का है, जिसके लिए हमें मनोयोग से योगदान करना होगा

लॉ विद लैब्स” जैसा अनूठा नवाचार लागू किया गया

गोस्वामी ने यह भी कहा कि फॉरेन्सिक विज्ञान के बढ़ते हुए आयाम एवं उपयोग को दृष्टिगत रखते हुए विधि-विज्ञान के छात्रों को “लॉ विद लैब्स” जैसा अनूठा नवाचार, इस संस्थान में लागू किया गया है, जिसके अन्तर्गत कानून के छात्रों को कानून की शिक्षा के साथ-साथ फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में हैन्ड्स आन ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वह भविष्य में न्यायाधीश, सरकारी अभियोजन अधिकारी तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के रूप में साक्ष्यों का बेहतर परिशीलन कर सकेंगे, जिससे न्याय की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी ।

छात्रों को प्रमाण-पत्र वितरित किया गया

इस अवसर परविधायक, सरोजनीनगर, राजेश्वर सिंह; अपर मुख्य सचिव, गृह, दीपक कुमार; अपर पुलिस महानिदेशक,अमिताभ यश, बीके सिंह, नवीन अरोरा, अमरेन्द्र सिंह सेंगर, डा. एन. रविन्दर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित रहे । अपर मुख्य सचिव, गृह, दीपक कुमार एवं पुलिस महानिदेशक, प्रशान्त कुमार के साथ-साथ अन्य उपस्थित अधिकारीगणों ने छात्रों को प्रमाण-पत्र वितरित किया तथा संस्थान के एग्जिबिशन एवं परिसर का भ्रमण किया ।

विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान से छात्रों को लाभान्वित किया

इस दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेन्स के प्रथम दिवस पर देश विदेश से आये विषय-विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान से छात्रों को लाभान्वित किया । गणमान्य अतिथियो में प्रो. मोहम्मद ए. अराफा (लॉ के प्रोफेसर, कॉर्नेल लॉ स्कूल इथाका, एनवाई, यूएसए) द्वारा आनलाइन जुड़कर एवं श्री अमित शर्मा (सलाहकार साइबर, रक्षा मंत्रालय) ने "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उन्नत साइबर खतरे: मुद्दे और चुनौतियाँ" के बारे में बात की तथा डिजिटलीकरण बढ़ने के साथ-साथ बढ़ते साइबर खतरों का भी उल्लेख किया।

विभिन्न शीर्षकों एवं विषयों पर व्याख्यान दिये गये

प्रो. जी.एस. बाजपेयी, (कुलपति, एनएलयू, दिल्ली), प्रो. अमर पाल सिंह, (कुलपति, आरएमएलएनएलयू, लखनऊ), प्रो. जेपी पांडे ( कुलपति, एकेटीयू, लखनऊ), प्रो. मनोज कुमार सिन्हा (कुलपति, एनएलयू, जबलपुर, मध्य प्रदेश), रक्षित टंडन (साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ, भारत), डॉ. प्रशांत माली (साइबर कानून विशेषज्ञ, मुंबई), रोहित नेगी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, C3i hab, आईआईटी, कानपुर), प्रो. अरुणाभ मुखोपाध्याय (सूचना प्रौद्योगिकी और प्रणाली आईआईएम लखनऊ), हेरोल्ड डी'कोस्टा (अध्यक्ष, साइबर सुरक्षा निगम, पुणे), प्रोफेसर अरुण मोहन शेरी (निदेशक, आईआईआईटी, लखनऊ), रूपा एम. (आईपीएस, निदेशक, आई4सी, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली), अखिलेश वरियार (एनसीआईआईपीसी, नई दिल्ली), मिलिंद राज (भारत के ड्रोन मैन, लखनऊ) ने अपने विचार रखे।

निदेशक ने समस्त अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर किया सम्मानित

डॉ. मधुसूदन रेड्डी नंदिनी (डीएनए फिंगरप्रिंटिंग लैब के प्रभारी, सी.डी.एफ.डी., हैदराबाद), डॉ. रंजीत सिंह (सी.ई.ओ., एस.आई.एफ.एस., भारत), डॉ. अरुण खत्री, सहायक प्रोफेसर, यू्पीएसआईएफएस लखनऊ), डॉ. आशीष दुबे (सह-संस्थापक, रेडक्लिफ लैब्स प्रा. लि. भारत), समीर कुमार दत्त (सीईओ, फाउंडेशन फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, भारत),अरविंद त्रिपाठी (ब्लॉकचेन विशेषज्ञ और महासचिव, यूथ फॉर नेशन) एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) तथा रोहित नेगी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, C3i हब, आईआईटी कानपुर) द्वारा विभिन्न शीर्षकों एवं विषयों पर व्याख्यान दिये गये । इस अवसर पर निदेशक डॉ. गोस्वामी ने संस्थान में आये समस्त अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया ।

मृतक आश्रित पर नौकरी ,ट्यूबल आपरेटर पर तैनाती

लखनऊ,ब्यूरो। लगभग 30 वर्षों से तैनात निर्माण बाबू का नहीं हुआ स्थानांतरण, नाम है कपिल बाबू, शासन से लेकर प्रशासन तक इस बाबू की है पकड़ मजबूत, पालिका प्रशासन भी इस लिए रहता है मजबूर।

योगी सरकार में भी ऐसे बाबुओं पर है अधिकारी मेहरबान, क्यों कि सबके लिए करते हैं जो मनचाहा काम मामला सुल्तानपुर जनपद के नगर पालिका परिषद का ,जरा इस बाबू के बारे जानिए कौन है कपिल बाबू , यह वह नाम है , जिसके इशारे पर नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर में पत्ता तक नहीं हिलता।

शासन से लेकर प्रशासन तक की पहुंच रखने वाला यह मामूली सा ट्यूबल आपरेटर दशकों से पालिका के निर्माण विभाग का कार्य देखता है , पकड़ इतनी मजबूत है कि अपने पूरे नौकरी के कार्यकाल के दौरान इसका स्थानांतरण कही नहीं हुआ , सूत्रों की माने तो पद ट्यूबल आपरेटर का , सफाई विभाग से संबद्ध , कार्य निर्माण विभाग का , अधिकारियों की तरह , जीवन यापन करने वाले इस बाबू की अगर निष्पक्ष जांच हो जाए तो शायद यू पी का एक ऐसा बाबू यह निकलेगा जिसका लोग ईमानदारी के कशीदे पढ़ेंगे ।

27 दिसंबर से प्रारंभ होंगी मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाएं ,कुलपति ने की समय सारणी लॉन्च

प्रयागराज उ प्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज की सत्र दिसम्बर 2024 की परीक्षा की समय सारणी शनिवार को कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने जारी की। परीक्षाएं 27 दिसम्बर 2024 से 25 जनवरी 2025 तक आयोजित की जाएगी।कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि प्रयागराज में लगने वाले विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए प्रमुख स्नान पर्व के आसपास परीक्षा नहीं रखी गई है। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण परीक्षा इस बार 26 दिनों में आयोजित की जाएगी।

विश्वविद्यालय ने पहली बार परीक्षा संपन्न कराने के लिए समय सारणी को चार खण्डों में विभक्त किया है। जिसके अंतर्गत सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स की परीक्षाएं 27 दिसंबर 2024 से 2 जनवरी 2025 तक, स्नातक कार्यक्रमों की परीक्षा 27 दिसम्बर से 25 जनवरी 2025 तक, स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की परीक्षाएं 11 जनवरी 2025 से 25 जनवरी 2025 तक तथा पीएचडी कोर्स वर्क की परीक्षाएं एक एवं दो जनवरी 2025 को आयोजित की जाएंगी।परीक्षाएं दो पालियों में प्रातः10:00 से 1:00 तक एवं दोपहर 2:00 से 5:00 बजे तक आयोजित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि सभी विषयों के परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र परीक्षा प्रारम्भ होने के एक सप्ताह पूर्व ऑनलाइन कर दिए जायेंगे। जिन्हें डाउनलोड कर परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने शनिवार को 12 क्षेत्रीय केन्द्रों के समन्वयकों के साथ ऑनलाइन बैठक करके परीक्षा की तैयारियों के लिए दिशा निर्देश दिए। संपूर्ण उत्तर प्रदेश में परीक्षा को पारदर्शिता पूर्ण ढंग से सकुशल संपन्न कराने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने छात्रों की सहायता के लिए क्षेत्रीय केंद्र पर हेल्प डेस्क बनाने का निर्देश दिया।

जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि किसी भी केंद्र पर किसी भी परीक्षार्थी को कोई परेशानी न हो एवं परीक्षार्थियों की समस्या के त्वरित समाधान के लिए परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में परीक्षा नियंत्रक कर्नल विनय कुमार एवं मुख्य विशेष कार्याधिकारी डॉ देवेश रंजन त्रिपाठी के निर्देशन में सहायता पटल स्थापित किया गया है। जहां परीक्षार्थियों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान करने के लिए तकनीकी विशेषताओं से युक्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों की तैनाती की गई है। 

नोएडा के नियो हॉस्पिटल पर 7 लाख का जुर्माना ,संभल के पूर्व पूर्ति निरीक्षक से जुड़ा मामला

संभल-पूर्व आपूर्ति निरीक्षक संभल नोएडा में फुटपाथ पर अचानक गिर गए, बाईं एडी में दर्द रहने लगा ,सूजन व दर्द बढ़ गया ,एक्सरे कराया हड्डी टूटी निकली l नोएडा हॉस्पिटल के डॉक्टर के परामर्श पर सर्जरी कराई लेकिन डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान प्लेट्स लापरवाही पूर्वक ऊंची नीची डाल दी जिससे सेप्टिक हो गया दोबारा ऑपरेशन से पूर्व ही मरीज की मृत्यु हो गई मामले को गंभीर चिकित्सीय लापरवाही मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग, संभल ने नोएडा के हॉस्पिटल व चिकित्सक पर 7 लाख का जुर्माना लगा दिया

उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के अनुसार संभल के कोट पूर्वी निवासी प्रमोद कुमार शर्मा पुत्र बाबूलाल शर्मा संभल में ही आपूर्ति निरीक्षक रह चुके है अवकाश प्राप्त करने के बाद जनवरी 2019 में अपने बेटे से मिलने नोएडा गए थे लेकिन दिनांक 22 जनवरी 2019 को फुटपाथ पर अचानक गिर गए जिससे उनकी बाईं एडी में दर्द रहने लगा एक्सरे कराया तो पता चला कि एडी की हड्डी टूट गई है डॉक्टर्स को दिखाया लेकिन सर्जरी करना बताया गया दिनांक 31.01.20219 को नोएडा के सेक्टर 50 में स्थित नियो हॉस्पिटल के हड्डी के डॉक्टर संदीप भदवार को दिखाया तो उन्होने तत्काल सर्जरी की सलाह दी और दिनांक 02 फरबरी 2019 को सर्जरी कर दी लेकिन दर्द नहीं गया घाव खुलता गया परेशानियों बढ़ती गई ।

डॉक्टर द्वारा डेढ़ वर्ष तक बार बार पट्टी बांधकर वसूली की जाती रही घाव बढ़ने पर मेक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि एडी की हड्डी जोड़ते समय प्लेट्स ऊंची नीची लगने के कारण ऑपरेशन दोबारा करना होगा क्योंकि सेप्टिक हो चुका है नियो हॉस्पिटल के चिकित्सक संदीप भदवार की लापरवाही से परेशान होकर पीड़ित ने अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल में वाद योजित किया जिसमें हॉस्पिटल व डॉक्टर द्वारा लापरवाही से इनकार करते हुए कहा गया कि एडी में लगाए गए।

प्लैटिनम प्लेट्स का एलाइनमेंट सही लगाने की पूर्ण कोशिश की गई लेकिन उपलब्ध दस्तावेजों को देखकर जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कि ऑपरेशन करने वाले नियो हॉस्पिटल नोएडा के डॉक्टर ने प्लैटिनम प्लेट्स का एलाइनमेंट यथा स्थान सही ढंग से नहीं डाला उसके घाव में सेप्टिक हो गई था डॉक्टर की लापरवाही मानते हुए नियो हॉस्पिटल नोएडा व उसमें कार्यरत डॉक्टर संदीप भगवार को सेवाओ में कमी एवं लापवाही का दोषी मानते हुए आदेश दिया कि वे मृतक की पत्नी सरोज शर्मा को बतौर क्षतिपूर्ति 7 लाख व उस पर परिवाद संस्थन की तिथि से 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज 5 हजार वाद व्यय के दो माह के अंदर अदा करे समय पर धनराशि अदा न करने के स्थिति में ब्याज की दर 9 प्रतिशत होगी।

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन आर्मी मेडिकल कोर सेंटर एवं कॉलेज, लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर पहुंची

लखनऊ। पहली महिला महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन, एवीएसएम, वीएसएम, पीएचएस ने 21 नवंबर 2024 को आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और कॉलेज लखनऊ का दौरा किया।अपनी दो दिवसीय (21-22 नवंबर) दौरे के दौरान, सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने एएमसी सेंटर एवं कॉलेज के युद्ध स्मारक 'श्रद्धांजलि' पर युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ एएमसी सेंटर और कॉलेज के कमांडेंट और एएमसी रिकॉर्ड्स के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शिवेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने एक विशेष सैनिक सम्मेलन को भी संबोधित किया । अपने संबोधन में उन्होंने शांति और युद्धकाल दोनों के दौरान प्रतिबद्धता, उत्साह और समर्पण के साथ उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया। फ्लैग ऑफिसर की शैक्षणिक पृष्ठभूमि प्रभावशाली है ।

 उन्होंने पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) से रेडियोडायग्नोसिस में एमडी और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई से रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में नेशनल बोर्ड से डिप्लोमेट किया है। उन्होंने पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी यूएसए से गामा नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए एक पथप्रदर्शक के रूप में, फ्लैग ऑफिसर ने सरकार की "नारी शक्ति" पहल की भावना को मूर्त रूप देते हुए कई युवा महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है।

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।

महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाने का कार्य प्रगति पर

प्रयागराज। योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।