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साहिबगंज तीनपहाड़ थाना क्षेत्र में दो नकाबपोश अपराधियों ने गंगोत्री फिलिंग स्टेशन के मालिक को गोली मार कर कर दी हत्या


झारखण्ड डेस्क 

बड़ी खबर झारखंड के साहिबगंज से आई है, जहां तीनपहाड़ थाना क्षेत्र में दो नकाबपोश अपराधियों ने गंगोत्री फिलिंग स्टेशन के मालिक शालिग्राम मंडल को गोली मार दी। घायल शालिग्राम को आनन-फानन में राजमहल अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक राजमहल मेन रोड के लालवन बाइपास के पास सोमवार को नकाबपोश अपराधियों ने लगभग 10:45 बजे मंडल कोच बस और गंगोत्री फिलिंग स्टेशन बभनगामा के मालिक शालिग्राम मंडल की गोली मारकर हत्या कर दी।

राजमहल थाना क्षेत्र दलाही गांव निवासी शालिग्राम मंडल रोज की तरह तीनपहाड़ अस्थायी बस स्टैंड गए। उसके बाद अपने गंगोत्री फिलिग स्टेशन बभनगामा से लाखों रुपए नगद लेकर भारतीय स्टेट बैंक पररिया के लिये निकल गए। जैसे ही वह लालवन बाईपास पार किये, दो नकाबपोश अपराधियों ने उनको साइड से सटा कर गोली मार दी, जिससे वह वहीं गिर गए।

गोली लगने के बाद शालिग्राम मंडल के आसपास लोग जमा हो गए। कुछ देर बाद तीनपहाड़ थाना का गश्ती दल भी पहुंच गया। घायल शालिग्राम मंडल को उठा कर इलाज के लिये अनुमंडल अस्पताल राजमहल ले जाया गया। जहां इलाज कर रहे चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद बरहरवा एसडीपीओ नितिन खण्डेलवाल, तीनपहाड़ थाना प्रभारी मो. शाहरुख, राधानगर थाना प्रभारी नितेश पांडे, तालझारी थाना प्रभारी अमर कुमार मिंज, राजमहल थाना प्रभारी गुलाम सरवर पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और मामले की जांच की आसपास के लोगों से पूछताछ की।

भोपाल गैस त्रासदी: 40 साल बाद भी दर्द ताज़ा,पीड़ितों को न्याय की आस अभी भी जारी।


भोपाल :- आज ही के दिन भापोल की हवा में मिथाइल आइसोसाइनेट नाम का जहर बहा था। यूनियन कार्बाइड के कारखाने के टैंक नंबर 610 से लीक हुई इस गैस ने पूरे शहर को श्मशान में बदल दिया।

पांच लाख से अधिक की आबादी इसकी चपेट में आई। जो लोग दम घुटने से घबराकर जागे वे गलियों में भागते हुए गिरे और फिर कभी नहीं उठे। भोपाल में आज ही के दिन हुई थी गैस लीक। 

दो-तीन दिसंबर की आधी रात भोपाल के लोगों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। भापोल की हवा में मिथाइल आइसोसाइनेट नाम का जहर बहा था। यूनियन कार्बाइड के कारखाने के टैंक नंबर 610 से लीक हुई इस गैस ने पूरे शहर को श्मशान में बदल दिया। पांच लाख से अधिक की आबादी इसकी चपेट में आई आसपास की बस्तियों में सो रहे लोग नींद में ही रह गए।

गलियों में भागते हुए गिरे और फिर कभी नहीं उठे

जो लोग दम घुटने से घबराकर जागे, वे गलियों में भागते हुए गिरे और फिर कभी नहीं उठे। जो कारखाने से कुछ दूरी पर थे, वे मौत की इस हवा से बचकर मीलों तक भागते रहे। आठ घंटे के बाद भोपाल की हवा से यह जहर खत्म हुआ। उसके बाद मरने वालों और गंभीर रूप से घायल लोगों की तलाश शुरू हुई।

अस्पताल की मर्चुरी में शवों को रखने की जगह नहीं थी

हालात ऐसे थे कि अस्पताल की मर्चुरी में शवों को रखने की जगह नहीं थी। मौतों का सरकारी आंकड़ा 3787 का है, लेकिन गैर सरकारी संगठन 25000 से अधिक लोगों की मौत का दावा करते हैं। तब सरकार ने गैस प्रभावितों के अलावा भोपाल से भी कई वादे किए थे।

हादसे के 40 साल बाद भी उनमें से कई वादे बस रस्मी वादे बनकर रह गए हैं। विशेषज्ञों ने जहरीली गैस का दुष्प्रभाव अगली पीढि़यों में जाने का खतरा बताया था। यूनियन कार्बाइड ने ऐसे किसी दुष्प्रभाव से अदालत में भी इन्कार किया था। बाद की पीढि़यों में बच्चे विकलांग पैदा होने लगे तो सरकार ने इनके पुनर्वास का वादा किया था, जो पूरा नहीं हो पाया। 

ऐसे बच्चों के लिए काम कर रहे संगठन चिंगारी ट्रस्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में ही गैस प्रभावितों के परिवार में 197 ऐसे बच्चों का जन्म हुआ है, जो निश्शक्तता से पीडि़त हैं।

विधवाओं को देनी थी पेंशन

सरकार ने गैस हादसे में मारे गए लोगों की पांच हजार विधवाओं को पेंशन देने का वादा किया था। बहुत लंबी और थकाऊ दावा प्रक्रिया के बाद पेंशन शुरू हुई, लेकिन यह पांच हजार महिलाओं को नहीं मिली। दावा है कि इसके लाभार्थियों की संख्या बेहद कम है।

सभी गैस पीड़ितों को बेहतर इलाज

इस वादे के तहत सरकार ने भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के अधीन संचालित छह अस्पताल और नौ औषधालय बनाए। समय बीतने के साथ ये अस्पताल भी औपचारिकता बनकर रह गए। अब सरकार ने आयुष्मान भारत 'निरामयम' मध्य प्रदेश योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी अनुबंधित अस्पतालों में भी गैस पीडि़तों को उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।

हालांकि गैस प्रभावितों का एक हिस्सा अब भी इस सुविधा से वंचित है।

मुआवजा बढ़ाना था, अब सुनते ही नहीं

गैस के असर से कैंसर और किडनी के रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए सरकार ने मुआवजे की बात की थी। बाद में इसे आंशिक नुकसान की श्रेणी में डालकर ऐसी जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए 25 हजार रुपये का मुआवजा तय कर दिया गया। 

गैस प्रभावितों के लिए काम कर रहे संगठन इसे पांच लाख रुपये करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका भी दायर है।

कचरा निपटाना था, वह कैंसर फैला रहा है

सरकार को यूनियन कार्बाइड परिसर में फैले जहरीले कचरे को वैज्ञानिक तरीके से निपटाना था। 40 साल बाद भी कचरा परिसर के एक तालाब में पड़ा है। इसकी वजह से आसपास की मिट्टी और पानी में कैंसरकारी तत्व बढ़ रहे हैं। पिछले साल केंद्र सरकार ने कचरा निपटान के लिए 123 करोड़ रुपये भी दिए, लेकिन कचरा नहीं उठा।

अन्तर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस आज, विकसित देशों के मुकाबले क्या है भारत में विकलांगों की स्थिति?


नयी दिल्ली : दुनियाभर में करीब एक अरब लोग विकलांगता की समस्या से जूझ रहे हैं। निशक्तों की परेशानियों को समझने और उन्हें जरूरी सहयोग देने के लिए आज 03 दिसंबर पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस मना रहे है।

भारत समेत कई देशों में दिव्यांगों के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के तमाम देशों में विकलांगों के लिए सार्वजनिक जगहों पर खास एलिवेटर, लिफ्ट, बस से लेकर स्विमिंग पूल और टॉयलेट की व्यवस्थाएं दी जाती हैं।

वहीं, भारत में अब भी तस्वीर इसके उलट है। भारत में विकलांगों को पढ़ाई से लेकर सफर करने तक कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

भारत में विकलांगता का प्रतिशत अलग-अलग अनुमानों के मुताबिक, 4 से 8 प्रतिशत है यानी 40 से 90 मिलियन हैं। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 2.21 प्रतिशत लोग विकलांग हैं।

इनमें लगभग 1.5 करोड़ पुरुष और 1.18 करोड़ महिलाएं हैं। हालांकि, देश में सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।

भारत में ये हैं विकलांगों के लिए सुविधाएं

घरौंदा योजना

निरामया योजना

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांगता पेंशन योजना

विकास डे केयर

समर्थ रेस्पिट केयर योजना

सहयोग (केयर एसोसिएट प्रशिक्षण योजना)

घरौंदा योजना : केन्द्र सरकार की तरफ से दिव्यांगजनों को रहने के लिए व्यवस्था दी जाती हैं। केन्द्र सरकार की इस योजना का नाम घरौंदा योजना। केन्द्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय न्यास के जरिए घरौंदा योजना देश की 40 जगह पर लागू की गई है। इस योजना के तहत दिव्यांगजनों को पढ़ाई में भी योगदान दिया जाता है।

निरामया योजना : निरामय योजना, भारत सरकार की एक योजना है जिसके तहत विकलांग लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है। ये योजना 1 लाख रुपए तक का बीमा कवरेज प्रदान करती है, जिसे वित्तीय वर्ष के बाद हर साल नवीनीकृत किया जाना चाहिए।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना : IGNDPS के तहत, दिव्यांगजनों को पेंशन दी जाती है। इस योजना के तहत, 18 से 79 साल के दिव्यांगजनों को हर महीने 300 रुपए पेंशन मिलती है। वहीं, 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के दिव्यांगजनों को हर महीने 500 रुपए पेंशन मिलती है।

विकास डे केयर: भारत सरकार एक डे केयर योजना है, जो 10 साल की उम्र के दिव्यांग लोगों बनाई गई है। इस योजना के तहत, पंजीकृत संगठन (आरओ) केंद्र दिव्यांग लोगों को देखभाल की सुविधा देते हैं। इसके साथ ही, दिव्यांग लोगों के परिवार के सदस्यों को भी दिन के दौरान कुछ समय मिलता है, ताकि वे दूसरी जिम्मेदारियां निभा सकें।

समर्थ रेस्पिट केयर योजना : इस योजना के तहत बीपीएल और एलआईजी परिवारों के विकलांग (पीडब्ल्यूडी) के लिए राहत घर मुहैया कराए जाते हैं।

विदेशों में दिव्यांगजनों को दी जाती हैं ये सुविधाएं

दिव्यांगजनों को दी जाने वाली ज्यादातर सुविधाओं में कई देश शामिल हैं, जिनमें जर्मनी, स्वेडन, जापान, फ्रांस, कनाडा, ब्राजील जैसे देश शामिल हैं।

रैम्प और लिफ्ट : व्हीलचेयर पर चलने वाले या चलने-फिरने में अक्षम लोगों के लिए रैम्प और लिफ्ट की सुविधा दी जाती है।

मेट्रो सिस्टम में लो-फ्लोर बसें होती हैं।

स्पर्शनीय मार्गदर्शक पथ, ब्रेल लिपि संकेत और श्रव्य घोषणाएं।

विजुअल अलार्म, हीयरिंग लूप सेवाएं।

नेविगेशन, भाषा अनुवाद और सुलभ सेवाओं के लिए ऐप्स और डिवाइस।

गाजीपुर में लुटेरी दुल्हन गैंग का पर्दाफाश हुआ,पुलिस ने 8 आरोपियों को किया गिरफ्तार।


गाजीपुर:- पुलिस ने लुटेरी दुल्हन के साथ गिरोह के सात अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक लुटेरी दुल्हन चौथी बार शादी करके रेलवे स्टेशन से दूल्हे को छोड़कर फरार हुई थी. ये लोग फर्जी आधार कार्ड तैयार करवाकर जरूरतमंद को अपने जाल में फंसाते थे. उनसे रुपये, जेवर लेकर शादी कराते थे. फिर प्लान के मुताबिक रेलवे स्टेशन तक दूल्हा-दुल्हन को पहुंचाते थे. वहां से बहाना बनाकर दुल्हन फरार हो जाती थी।

मोहम्मदाबाद सीओ शेखर सेंगर ने बताया कि करीमुद्दीनपुर थाने की पुलिस ने शादी का झांसा देकर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले लुटेरी दुल्हन गैंग के 8 सदस्यों को बथोर गांव के पास से गिरफ्तार किया है।

रूपेश शाक्य की शादी कराने के लिए गैंग के सदस्यों ने एक दूसरे का रिश्तेदार बताया. फर्जी आधार कार्ड बनवाकर शादी की. इसके बाद एक लाख रुपये कैश, जेवरात लेकर दूल्हन और उसके फर्जी रिश्तेदार फरार हो गये.

इसके पहले इन्होंने हरियाणा, राजस्थान के जयपुर, उत्तर प्रदेश में लोगों को शादी का झांसा देकर धोखाधड़ी की है. इस गैंग का मास्टरमाइंड हरिश्चंद्र यादव है. करीमुद्दीनपुर थाने की पुलिस थाना क्षेत्र के शेरमठ अंडरपास के नजदी पर मौजूद थी. ग्राम बथोर के पास से अभियुक्त भीमराम पुत्र सूरज राम ग्राम बथोर थाना करीमुद्दीनपुर गाजीपुर को गिरफ्तार किया गया.

मोहम्मदाबाद सीओ शेखर सेंगर ने कहा कि अभियुक्त भीमराम की निशानदेही पर ग्राम परसा थाना करीमुद्दीनपुर जनपद गाजीपुर से आरोपियों में कुसुम पुत्री कृष्णकान्त (दुल्हन), कृष्णकान्त राम पुत्र विमल (पिता), करन कुमार पुत्र चन्द्रमा मल्लाह (भाई), रंजना पुत्री श्यामबिहारी (बहन),सोनी उर्फ नजमुनिशा पत्नी मुहम्मद मुमताज (बहन), गीतादेवी पत्नी श्याम, इंदू देवी पत्नी श्रीपति चौहान (चाची) को गिरफ्तार कर लिया गया. अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

बांग्लादेश में भारतीय बस पर हमला, इस्कॉन सदस्यों को प्रवेश से रोका।


ढाका:- वैध यात्रा दस्तावेज के साथ भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे इस्कॉन के दर्जनों सदस्यों को रविवार को बांग्लादेश के अधिकारियों ने बेनापोल सीमा से वापस भेज दिया। बेनापोल आव्रजन पुलिस के प्रभारी अधिकारी इम्तियाज अहसानुल कादिर भुइयां ने कहा कि हमने पुलिस की विशेष शाखा से परामर्श किया और उच्च अधिकारियों से निर्देश मिले कि उन्हें सीमा पार करने की अनुमति न दी जाए।

भुइयां ने बताया कि इस्कॉन के सदस्यों के पास वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन उनके पास यात्रा के लिए आवश्यक सरकारी अनुमति नहीं थी। विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं समेत 54 सदस्य शनिवार रात और रविवार सुबह जांच चौकी पर पहुंचे। हालांकि, अनुमति के लिए घंटों इंतजार करने के बाद उन्हें बताया गया कि उनकी यात्रा अधिकृत नहीं है।

बस पर बांग्लादेश में हमला

इस्कॉन के एक सदस्य सौरभ तपंदर चेली ने कहा कि हम भारत में हो रहे एक धार्मिक समारोह में भाग लेने निकले थे, लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने सरकारी अनुमति नहीं होने का हवाला देते हुए हमें रोक दिया। इस बीच, त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया कि अगरतला से कोलकाता जा रही एक बस पर बांग्लादेश में हमला किया गया।

जानबूझकर उसे टक्कर मार दी

यह घटना बांग्लादेश के ब्राह्मणबारिया जिले के विश्व रोड पर हुई। चौधरी ने शनिवार को फेसबुक पर बस की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा-त्रिपुरा से कोलकाता जा रही बस पर बांग्लादेश में हमला किया गया। बस अपनी लेन में चल रही थी, तभी एक ट्रक ने जानबूझकर उसे टक्कर मार दी। इस दौरान एक आटोरिक्शा बस के सामने आ गया।

भारतीय यात्रियों के साथ दु‌र्व्यवहार

बस और आटोरिक्शा की टक्कर हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बस में सवार भारतीय यात्रियों को धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने भारत विरोधी नारे भी लगाए और भारतीय यात्रियों के साथ दु‌र्व्यवहार किया तथा उन्हें जान से मारने की धमकी दी।

ज्यादा जानकारी जुटाने का प्रयास

बताते चलें, कोलकाता और अगरतला के बीच बसों का संचालन ढाका के रास्ते किया जाता है क्योंकि इससे सफर की दूरी आधी से भी कम हो जाती है। यह विमान यात्रा से सस्ती पड़ती है तथा असम के रास्ते ट्रेन से यात्रा करने की तुलना में इसमें कम समय लगता है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि उन्हें बस पर हमले की सूचना मिली तथा वह इस बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।

चिन्मय की जमानत पर सुनवाई कल

बांग्लादेश की एक अदालत ने पिछले सप्ताह राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर सुनवाई के लिए तीन दिसंबर (मंगलवार) की तारीख तय की है।

चटगांव की अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि सुनवाई की तारीख पहले ही तय कर दी गई थी, लेकिन बुधवार और गुरुवार को वकीलों की हड़ताल के कारण घोषणा में देरी हुई। पिछले मंगलवार को अदालत ने उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया था।

तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल की तबाही: 36 घंटे में साल भर की बारिश।

चेन्नई : चक्रवाती तूफान फेंगल रविवार को कमजोर होकर एक दबाव में बदल गया। इसके और कमजोर होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर तटीय तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में पिछले 12 घंटों के दौरान यह लगभग स्थिर रहा है।

चक्रवात फेंगल ने तमिलनाडु में काफी तबाही मचाई। राज्य के कुछ हिस्सों में तो 36 घंटों के भीतर साल भर के बराबर बारिश हो गई। कुछ इलाकों में इस दौरान लगभग 56 सेंटीमीटर बारिश हुई। तमिलनाडु के राजस्व और आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश लखानी ने यह जानकारी दी। 

उन्होंने एएनआई को बताया, 'भारी से बारिश बीते कुछ समय तक जारी रही। कुछ इलाकों में कल सुबह 8:30 बजे से 56 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। दरअसल, चक्रवात कुछ समय के लिए स्थिर हो गया था जिसके कारण इतनी भारी बारिश हुई। कई पेड़ गिर गए, भारी जलभराव हुआ और सड़क यातायात व बिजली आपूर्ति बाधित हुई।'

बीमार ऊंट को जिंदा कोबरा खिलाने की परंपरा जानिए रहस्य और वैज्ञानिक दृष्टिकोण


ऊंटों को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है क्योंकि वे कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने और काम करने में सक्षम होते हैं। हालांकि, कई बार ऊंट गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं। कुछ क्षेत्रों में ऊंटों का इलाज करने के लिए एक अनोखी और पारंपरिक पद्धति अपनाई जाती है—उन्हें जिंदा कोबरा सांप खिलाया जाता है। यह परंपरा रोचक और रहस्यमयी है, जिसे समझने के लिए हमें इसके सांस्कृतिक और वैज्ञानिक पहलुओं पर विचार करना होगा।

1. पारंपरिक मान्यता

स्थानीय परंपराओं के अनुसार, अगर ऊंट बीमार हो जाए और उसकी स्थिति बिगड़ने लगे, तो उसे जिंदा कोबरा खिलाना बीमारी का समाधान माना जाता है। इस मान्यता के पीछे विश्वास है कि कोबरा का विष और उसका मांस ऊंट के शरीर को साफ कर देता है और उसे बीमारी से उबरने में मदद करता है।

2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण

इस परंपरा को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि सांप के विष और मांस का ऊंट पर क्या प्रभाव पड़ सकता है:

विष का असर: वैज्ञानिक रूप से यह सिद्ध हुआ है कि सांप का विष केवल खून में सीधे प्रविष्ट होने पर खतरनाक होता है। अगर विष पेट में जाता है, तो पेट का अम्ल उसे निष्क्रिय कर सकता है। इसीलिए ऊंट जिंदा कोबरा खाने के बाद विष के नकारात्मक प्रभाव से बच सकता है।

पाचन तंत्र का लाभ: कोबरा के मांस में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शायद ऊंट को ताकत देते हैं।

3. ऊंट पर कोबरा खाने का असर बीमारी से उबरना:

 कई पशुपालक दावा करते हैं कि जिंदा कोबरा खाने के बाद ऊंट की ऊर्जा और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

पारंपरिक इलाज की सीमाएं: हालांकि यह पद्धति कई बार सफल हो सकती है, लेकिन इसकी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है।

4. नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण पशु क्रूरता: 

आधुनिक समय में यह परंपरा पशु अधिकारों और नैतिकता के विरुद्ध मानी जा सकती है।

कानूनी अड़चनें: कोबरा संरक्षित प्रजातियों में आते हैं, और उन्हें मारना या किसी अन्य जानवर को खिलाना कानूनन अपराध हो सकता है।

5. क्या यह सही समाधान है?

पारंपरिक इलाज का सम्मान करना जरूरी है, लेकिन वैज्ञानिक उपचार अधिक प्रभावी और मानवीय हो सकते हैं। पशु चिकित्सकों का मानना है कि ऊंटों के लिए आधुनिक दवाइयां और देखभाल बेहतर विकल्प हैं।

निष्कर्ष

ऊंट को जिंदा कोबरा खिलाने की परंपरा रोचक तो है, लेकिन इसे वैज्ञानिक प्रमाण और नैतिकता के संदर्भ में देखना जरूरी है। पारंपरिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए हमें आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को अपनाना चाहिए, ताकि जानवरों को बेहतर और मानवीय इलाज मिल सके।

बेंगलुरु में असम की महिला की प्रेमी ने की हत्या,शव के साथ दिन भर रहा था होटल में आरोपी

बेंगलुरु:- बेंगलुरु में असम की एक महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को 21 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि यहां इंदिरानगर के एक सर्विस अपार्टमेंट में तीन दिन पहले असम की रहने वाली एक महिला की हत्या की गई थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया कि माया गोगोई (19) की उसके पुरुष मित्र आरव हनोय ने कथित तौर पर चाकू घोंपकर हत्या कर दी। आरोपी केरल के कन्नूर का रहने वाला है।

आरोपी से की जा रही है पूछताछ

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) डी देवराज ने पीटीआई से कहा, 'हमने आरोपी को पकड़ लिया है और उसे बेंगलुरु लाया गया है। हम फिलहाल उससे पूछताछ कर रहे हैं।' हालांकि, अधिकारी ने उस स्थान का खुलासा नहीं किया, जहां से आरोपी को पकड़ा गया।

पुलिस के अनुसार, गोगोई की हत्या मंगलवार को सर्विस अपार्टमेंट में की गई थी, उसका शव आंशिक रूप से सड़ चुका था। अपार्टमेंट के सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि महिला और संदिग्ध 23 नवंबर को वहां पहुंचे थे। कथित तौर पर आरोपी उसकी हत्या करने के बाद वहां से भाग गया।

दुर्गंध आने पर हुआ खुलासा

कमरे से दुर्गंध आने पर सर्विस अपार्टमेंट के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस की एक टीम फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि गोगोई के शरीर पर कई चोट के निशान थे, जिसमें उनकी छाती पर चाकू से वार और सिर पर चोट शामिल है।

प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एजेंसी को बताया, 'दोनों 23 नवंबर को दोपहर 12.28 बजे लॉज (सर्विस अपार्टमेंट) में दाखिल हुए। संदिग्ध व्यक्ति मंगलवार, 26 नवंबर को सुबह 8.19 बजे लॉज से निकला।' अधिकारी ने बताया कि अपार्टमेंट से निकलने के बाद हनोय पास के इलाके में चला गया और अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। पुलिस ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (हत्या) और 238 (साक्ष्य मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

शव के साथ बिताया पूरा दिन

इससे पहले पुलिस ने बताया था कि पिछले शनिवार को माया गोगोई नाम की युवती को मुस्कुराते हुए होटल में प्रवेश करते देखा गया था। उस दौरान उसका बॉयफ्रेंड भी उसके साथ में था। होटल में घुसने की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। माया ने 23 नवंबर को बॉयफ्रेंड आरव हरनी के साथ सर्विस अपार्टमेंट किराए पर लिया था। वह बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में काम करता है। पूरा दिन उस शव के साथ बिताने के बाद वह मंगलवार सुबह होटल के कमरे से निकल गया तभी से फरार है। करीब तीन दिन तक शव होटल के कमरे में पड़ा रहा।

आज का इतिहास: 2000 में आज ही के दिन मिस वर्ल्ड बनी थीं प्रियंका चोपड़ा

नयी दिल्ली : 30 नवंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 2000 में आज ही के दिन प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं थीं।

1872 में आज ही के दिन पहला ऑफिशियल अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैच खेला गया था। 

2004 में 30 नवंबर के दिन ही बांग्लादेश की संसद में महिलाओं के लिए 45 प्रतिशत सीटों वाला विधेयक पारित हुआ था।

2008 में आज ही के दिन मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने संघीय जांच एजेंसी के गठन की घोषणा की थी। 

2004 में 30 नवंबर के दिन ही बांग्लादेश की संसद में महिलाओं के लिए 45 प्रतिशत सीटों वाला विधेयक पारित हुआ था।

2002 में आज ही के दिन आईसीसी ने जिम्बाव्वे में न खेलने वाले देशों के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

2000 में 30 नवंबर के दिन ही प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं थीं।

2000 में आज ही के दिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव मामले में अल गोर ने पुनर्मतगणना की अपील की थी।

1965 में 30 नवंबर के दिन ही गुड़ियों का संग्रहालय दिल्ली की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्‍ट ‘के. शंकर पिल्‍लई’ ने की थी।

1939 में आज ही के दिन तत्कालीन सोवियत रूस ने सीमा विवाद को लेकर फिनलैंड पर आक्रमण किया था।

1872 में 30 नवंबर को ही पहला ऑफिशियल अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैच खेला गया था।

1759 में आज ही के दिन दिल्ली के सम्राट आलमगिर द्वितीय की उनके मंत्री ने हत्या की थी।

30 नवंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1858 में आज ही के दिन प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस का जन्म हुआ।

1874 में 30 नवंबर के दिन ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्‍टन चर्चिल का जन्‍म हुआ था।

1931 में आज ही के दिन भारतीय इतिहासकार रोमिला थापर का जन्‍म हुआ था।

1936 में 30 नवंबर के दिन ही हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध पार्श्व गायिका सुधा मल्होत्रा का जन्‍म हुआ था।

1944 में आज ही के दिन हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा का जन्‍म हुआ था।

30 नवंबर को हुए निधन

2012 में आज ही के दिन भारत के 12वें प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ था।

2001 में 30 नवंबर को ही विश्व प्रसिद्ध पॉप गायक जार्ज हैरीसन का निधन हुआ था।

1915 में आज ही के दिन प्रसिद्ध तेलुगु साहित्यकार गुरुजाडा अप्पाराव का निधन हुआ था।

1909 में 30 नवंबर के दिन ही अंग्रेज़ी और बंगला भाषा के प्रसिद्ध लेखक रमेश चन्द्र दत्त का निधन हुआ था।

सिद्धू की कैंसर 'दवा' पर बड़ा विवाद! 850 करोड़ का नोटिस जारी, जानें क्या है सच।


नयी दिल्ली : पूर्व क्रिकेटर और पंजाब कांग्रेस लीडर नवजोत सिंह सिद्धू व उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू एक नए विवाद में फंस गए है। दरअसल, नीम-हल्दी से पत्नी के कैंसर का इलाज करने के बयान को लेकर सुर्खियों में आए नवजोत सिंह सिद्धू को छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने लीगल नोटिस जारी किया है।

नोटिस में सिद्धू को 7 दिनों के अंदर पत्नी नवजोत कौर के कैंसर के इलाज के डॉक्यूमेंट पेश करने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने पर 850 करोड़ रुपए की मांग की गई है।

बता दें कि कुछ दिन पहले नवजोत सिद्धू ने कैंसर रोग संबंधी अमृतसर स्थित आपके आवास पर प्रेस कांफ्रेंस की थी जिसमें उन्होंने कैंसर को लेकर डाइट प्लान की बात कही थी।

सिविल सोसायटी ने भ्रमित जानकारी संबंधी किए दावों का स्पष्टीकरण भी मांगा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पत्नी को कैंसर की स्टेज 4 में लाइफ स्टाइल व डाइट बदलने से बीमारी को मात दी है।

सिद्धू ने कहा कि 40 दिनों में डाइट में बदलाव करके इस कैंसर रोग को मात दी है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लोग भ्रमित हो गए और एलोपेथी मेडिसन ने भी इसका विरोध जताया। वहीं सिविल सोसायटी ने नवजोत कौर सिद्धू से पत्र में स्पष्टीकरण मांगते हुए लिखा है कि आपके पति ने कैंसर को लेकर जो दावा किया है क्या आप भी उनका समर्थन करते हैं, आपने जो भी एलोपेथी मेडिसिन का इलाज करवाया है उससे आपको कोई लाभ नहीं हुआ। आपके कैंसर फ्री होने में आपकी डाइट, नीम पत्ता, नींबू पानी, तुलसी पत्ता, हल्दी का उपयोग किया है एलोपेथी मेडिसन का इस्तेमाल नहीं किया।

वहीं छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंगी ने कहा कि अगर आप पति के दावों का समर्थन करते हैं तो 7 दिनों के अंदर प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध करवाए जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके कि स्टेज 4 में आप कैंसर फ्री हुए हैं।

सिद्धू ने जारी किया था ये डाइट प्लानः-

डाइट प्लान

रोजाना कम से कम शुद्ध 7-8 गिलास पानी पीन का आदत डालें ताकि रिकवरी में मदद मिले।

सामान्य चाय के बजाय इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक, दालचीनी और काढ़े का सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12-17 घंटे का अंतर रखें।

रात खाना सूर्यस्त से पहले, अगले दिन नाश्ता सुबह 10 बजे के से शुरूआत करें।

सुबह गर्मा पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब का सिरका के सवेन से शुरूआत करें।

इसके अलावा कच्ची लहसून के 2 टुकड़ों को भी साथ में खाए। इसके बाद कच्ची हल्दी और 9 से 10 से 10 नीम के पत्ते का सेवन करें। हो सके तो इनका काढ़ा भी बना सकते हैं।

शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच सभी बीज (कद्दू के बीच, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीच व अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।

3 टुकड़े अखरोट, 2 टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी को रात में भिगोना चाहिए का सेवन करें।

स्नैकिंग में मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ्य फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।

दोपहर में सफेद पेठा का रसम या संतरे, हलदी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानस का जूस या घिया का जूस का सेवन करें।

दिन में एक बार हनुमान फल का हरसिंगार का काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के 1 प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें (उदाहरण के लिए 70 किलो के लिए 700 ग्राम) जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी 4-5, चुकंदर/शकरकंद को पकाया जाना चाहिए)।

पक्के हुए भोजन का सीमित सेवन-2 पक्की हुई सब्जियां या 1 पक्की हुई सब्जी और दालें या चन्ना या राजमा 1 से अधिकसर्विंग (कटोरी) नहीं, यदि सेवन किया जाता तो उन्हें रातभर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ 2 चम्मच इसपगोल का सेवन जरूरी है।

कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण

निष्कासन-रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड भोजन का सेवन न करें।

उपयोग किए जाने वाले तेल कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल/कोल्ड प्रेस्ड सरसो का तेल (कच्ची घानी)/कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल-कभी भी रिफाइंड तेल का सेवन नहीं।

चपाती/रोटी केवल क्विनोआ आटे/बादाम के आटे/सिंघारा आटा से तैयार की जानी चाहिए, उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है।

दूध उत्पादों को घर के बने बादाम के दूध/नारियल के दूध/नारियल दही से बदलें।

कभी-कभी करेले के रस का सेवन संतरे/चकोत्रा के साथ जूस बनाकर करें।

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। पालक/नीम/कड़ी पत्ते/लेट्यूस/धनिया/पुदीने के पत्ते/मूली के पत्ते/चुकंदर के पत्ते/किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक को सेंधा नमक में बदलें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, चलना/योग या कुछ भी करें क्योंकि यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन होगी।

सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें (यह कीटनाशकों को हटाने में मदद करेगा)।

मीठे के लिए खजूर कभी-कभी खाया जा सका है, लेकिन बिना किसी चीनी की कोटिंग के क्योंकि खजूर का ग्लाइसेमिकइंडेक्स कम होता है।