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*जनपद में कहीं भी नहीं है पार्किंग की व्यवस्था बड़े बाजारों में स्थित शोरुम और लाॅन के सामने वाहन खड़ा करने से लगता है जाम*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में कहीं भी पार्किंग के इंतजाम नहीं है। नगरों में शोरुम का और लाॅन में पार्किंग का इंतजाम न होने से बड़ी संख्या में वाहन पटरी और सड़कों के किनारे खड़े होते हैं। जिससे जाम लगता है लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कुछेक होटलों को छोड़ दिया जाए तो वहां भी पार्किंग के इंतजाम नहीं है। जिससे अवैध तरीके से होने वाली पार्किंग से भी जाम लगता है। जिले में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका के साथ ज्ञानपुर, सुरियावां,न‌ईबाजार , खमरिया और घोसिया नगर पंचायतें हैं। यहां बड़ी संख्या में आबादी निवासी करती है। गई इसके अलावा सहालग और त्योहारी सीजन में भी इन बाजारों में भीड़ होती है। करीब 20 लाख की आबादी वाले जिले के नगरों में क‌ई बड़े शोरुम और वैवाहिक लाॅन है, लेकिन इनके यहां दो पहिया, चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे लोग पटरियों के किनारे ही वाहन पार्क कर देते हैं। इन दिनों सहालग सीजन चल रहा है तो लाॅन और शोरुम में भी भीड़ हो रही है और वाहन सड़क पर खड़े हो रहे हैं। भदोही और गोपीगंज पालिका में तो ओवरब्रिज और फ्लाईओवर ही पार्किंग स्थल बन ग‌‌ए है। इससे जाम लग रहा है। जिला प्रशासन की ओर से भी जाम को लेकर ठोस इंतजाम नहीं हो सका। जिससे दोहरी समस्या खड़ी होती है। जिले में मैरेज लाॅन और शोरुम संचालकों के यहां हर हाल में पार्किंग का इंतजाम होना चाहिए व यह मानकों में शामिल होता है। अगर यह नहीं है तो‌ इस संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा और उन्हें पार्किंग के इंतजाम किए जाने को निर्देशित किया जाएगा। अनिल सिंह यातायात प्रभारी भदोही
*अस्पताल से दवाओं की कमी से मरीजों की बढ़ी परेशानी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कालीन नगरी में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे है, हालांकि कागजों पर सब कुछ ओके है। सरकारी अस्पतालों में अच्छी दवाओं की कमी बनी है। विवशता में चिकित्सक मरीजों एवं तीमारदारों को पर्जी थामने का काम करते हैं। उधर विभाग का दावा है कि सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता अस्पताल में हैं। बता दें कि जिला अस्पताल ज्ञानपुर में प्रतिदिन ओपीडी करीब पांच सौ से अधिक है। जबकि शहर स्थित महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल की करीब एक हजार। मरीजों के भारी दबाव के कारण चिकित्सक वैसे भी ठंड में पसीना - पसीना है। रोगियों को जल्द आराम मिले इसे लेकर अच्छी दवाएं लिखी जाती है। लेकिन अस्पतालों में बुखार, सर्दी, खांसी, गैस, मल्टीविटामिन आदि की ही दवाएं हैं। अच्छी एंटीबायोटिक,खांसी का शिरप आदि दवाएं नहीं है। ऐसे में मरीजों एवं परिजनों को बाध्य होकर बाहर से अधिक दाम देकर दवाओं को खरीदना पड़ता है। सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाएं आम आदमी को नहीं मिल पा रही है।
*भदोही डीएम ने कृषि बीज भंडार का किया निरीक्षण,गोदाम बंद होने पर केंद्र प्रभारियों रोका वेतन, दिया कारण बताओं नोटिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह ने आज राजकीय कृषि निवेश बिक्री एवं तकनीकी परामर्श केंद्र महाराजगंज तथा राजकीय कृषि बीज भंडार घुरीपुर का किया निरीक्षण। डीएम के निरीक्षण से बीज भंडार केंद्र पर हड़कंप मचा रहा। निरीक्षण के दौरान दोनों केंद्र प्रभारी अनुपस्थित रहे । डीएम ने अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के साथ कारण बताओं नोटिस जारी किया।खाद बीज के किल्लत के शिकायत पर जिलाधिकारी विशाल सिंह आज राजकीय कृषि बीज भंडार का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तकनीकी परामर्श केंद्र महाराजगंज एवं राजकीय कृषि बीज भंडार घुरीपुर में केंद्र प्रभारी अनुपस्थित पाए गए, गोदाम बंद था। जिसे देख जिला अधिकारी नाराज हो गए। जिला अधिकारी ने दोनों केंद्र प्रभारी का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीएम ने कृषि उपनिदेशक को यथा स्थिति स्पष्टीकरण मांगा। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन के मंशानुरूप कार्य न करने वाले अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने कार्य में सुधार लाएं और समय पर उपस्थित रहकर अपने कर्तव्य का पालन करें अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहे। जिलाधिकारी के निरीक्षण से जिले के बीज भंडार केंद्रो पर हड़कंप मचा रहा।
*हाईवे किनारे खड़े वाहनों पर पेट्रोलिंग टीम करेगी कार्रवाई*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले से होकर गुजरने वाले वाराणसी - प्रयागराज हाईवे के 45 किमी दायरे में दुर्घटनाओं को रोकने और आगामी जनवरी माह में होने वाले महाकुंभ को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी गई है। हाईवे किनारे खड़े होने वाले वाहनों से आए दिन दुघर्टनाएं होती रहती है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी विशाल सिंह ने परिवहन एन‌एच और एआरटीओ की टीमों को पेट्रोलिंग के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई वाहन सड़क किनारे खड़े होते हैं तो उन पर प्रभावी कार्रवाई करें। वाराणसी - प्रयागराज हाईवे का 45 किमी दायरा जिले से होकर गुजरता है। जिले में होने वाले दुघर्टनाओं में करीब 60 फीसदी हादसे हाईवे पर होते हैं। हाईवे पर होने वाले हादसों का सबसे अधिक कारण जगह-जगह अवैध कट और बेहतरजीब तरीके से बने ढाबे और पेट्रोल टंकियों के पास खड़े वाहन होते हैं। क‌ई बाहर तेज रफ्तार चालक हाईवे किनारे खड़े वाहनों को नहीं भांप पाता और दुर्घटना हो जाती है। हाईवे पर जो भी हादसे होते हैं। उसमें करीब 25 से 30 फीसदी हादसे किनारे खड़े वाहनों की टक्कर से होते हैं। इसे लेकर प्राधिकरण की सख्ती के बाद अब तक कोई ठोस हल नहीं निकल सका है। दूसरी तरफ आगामी 15 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ भी शुरू हो रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज की तरफ जाएंगे।
*बिना पंजीयन के 50 से अधिक अस्पताल, क्लीनिक और लैब संचालित, ठंडे बस्ते में जांच*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में स्वास्थ्यकर्मियों के करीबियों के मानकविहीन अस्पताल, अस्पताल और लैब धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। विभागीय कर्मी का मामला होने के कारण जांच के नाम पर फोटो सेंशन कर कोरमपूर्ति की जाती है। जिले में 137 निजी अस्पताल, 150 क्लीनिक और 50 के करीब लैब पंजीकृत हैं। इसके उलट तमाम ऐसे लैब, क्लीनिक और अस्पताल संचालित हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग के पास कोई आंकड़ा नहीं हैं। जिले के गोपीगंज, औराई, भदोही, सुरियावां, ज्ञानपुर, दुर्गागंज, अभोली सहित विभिन्न स्थानों पर बिना पंजीयन के 50 से अधिक अस्पताल, क्लीनिक और लैब संचालित हैं। इनमें अधिकाशं केंद्र स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के करीबियों का हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों की शिकायत तो होती रहती है, लेकिन जांच के नाम पर केवल फोटो सेशन तक कार्रवाई सीमित रहती है। खामियों की शिकायत होने के बाद भी जांच अधिकारी उच्चाधिकारियों को सही व सटीक जानकारी नहीं देते हैं।


केस 1- करीब एक साल पहले भदोही सीएचसी के पास भदोही एमबीएस के एक चिकित्सक का निजी अस्पताल संचातिल होने की शिकायत तत्कालीन डीएम को मिली थी। जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी। जांच में पता चला कि डॉक्टर के करीब के नाम पर अस्पताल चलता है। हालांकि कार्रवाई ठंडे बस्ते में है।


केस 2- सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल और अर्बन पीएचसी के संविदाकर्मी का अस्पताल, लैब संचालित है। लेकिन विभाग की ओर से पंजीकरण के दौरान यहां पर फायर एनओसी की भी जांच नहीं की गई है। इन अस्पतालों में शुल्क बोर्ड लगाए गए हैं।लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।

यहां पंजीकृत अस्पताल, क्लीनिक और लैब की जांच गंभीरता पूर्वक की जाती है। इसमें किसी तरह की अनभिज्ञता नहीं बरती जाती है। -- डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही
*कूड़ा डंप करने को लेकर लोगों में आक्रोश, चेताया नगर पंचायत प्रशासन की मनमानी से सुंदरता पर ग्रहण*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। सरकार की ओर से लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कूड़ा निस्तारण सही तरीके से ज्ञानपुर नगर पंचायत में नहीं हो पा रहा है। इसके कारण न सिर्फ बाजार की सुंदरता पर ग्रहण लगा हुआ है बल्कि बीमारियों का भी खतरा बना है। ऐसे में लोगों में रोष देखा जा रहा है। बता दें कि जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले ज्ञानपुर नगर पंचायत में करीब 25 एमटी कचरा प्रतिदिन निकलता है। उसके निस्तारण को लेकर व्यवस्था भी करने का दावा ईओ की ओर से किया गया है, लेकिन कर्मियों की मनमानी के कारण नगर की सुंदरता पर ग्रहण लगा हुआ है। हास्टल चौराहे के पास सड़क किनारे कचरे को डंप कर दिया जा रहा है। इसके कारण राहगीरों, विद्यार्थियों और गुरुजनों को आवागमन का भी खतरा बना हुआ है। आए दिन उधर से आला अधिकारियों का भी कारंवा गुजरता है, लेकिन उनकी भी नजर नहीं पड़ी रही है। नगरवासियों ने पंचायत प्रशासन से कचरा चयनित स्थान पर डंप कराने की मांग किया। चेताया कि ऐसा न होने पर लोग विरोध करने को बाध्य होंगे। कहा कि कूड़ा डंप करने से स्थिति यह हो गई है कि यहां से आने में लोग कतराने लगे हैं। अगर यही स्थिति रही है तो संक्रामक बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं।
/अतिक्रमण से जूझ रहे हाईवे के बाजार सर्विसलेन की पटरियों पर कब्जा हाइवे पर स्थित जिले के पांच प्रमुख बाजारों का एक जैसा हाल*

जिले में हाईवे के बाजार अतिक्रमण से कराह रहे हैं। हाइवे पर स्थित सभी बाजारों के सर्विसलेन की पटरियां अतिक्रमण का शिकार तो है ही सड़कों पर भी आड़े - तिरछे खड़े वाहन जमा और दुर्घटना के कारण बनते हैं। शाम के समय तो हाईवे के बाजारों की सर्विसलेन से गुजरना एक बड़ी मुसीबत बन जाती है। जिले में यातायात माह चलाया जा रहा है। यातायात माह के तहत जगह - जगह जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी जा रही है। लेकिन बाजारों में हुए अतिक्रमण और उससे होने वाली परेशानी को लेकर जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं। वाराणसी - प्रयागराज हाईवे के जिले के 45 किमी दायरे में कुल पांच प्रमुख बाजार आते हैं। इसमें बाबूसराय, महाराजगंज,घोसिया, गोपीगंज और जंगीगंज बाजार है। इस सभी बाजारों में सर्विसलेन पटरी तो ठेले - खुमचे से लेकर आटो वालों ने कब्जा कर लिया है। अवैध तरीके से खड़े वाहन और लगने वाली दुकानें जाम का मुख्य कारण है। इसकी वजह से क‌ई बार दुघर्टना भी हो सकती है। Street buzz News ने सोमवार को इन बाजारों की पड़ताल की । अवैध तरीके से लगी दुकानें मिलीं। गौर करने वाली बात यह है कि जिम्मेदार सब कुछ जानकर भी अंजान बने हैं।


सीन एक - हाईवे का सबसे बड़ा बाजार भी अतिक्रमण से नहीं बच सका है। प्राधिकरण ने जाम से बचने के लिए बाजार में करीब ढाई किमी का फ्लाईओवर बनाया है, लेकिन नीचे दुकानें आधी से अधिक पटरियों पर कब्जा जमाए हुए हैं। बाजार में दिनभर जाम की स्थिति दिखती है।

सीन - दो शाम करीब चार बजे के आसपास महाराजगंज बाजार में सर्विसलेन पर आटो चालक खड़े दिखे। बेतरतीब तरीके से खड़े वाहन के कारण क‌ई बार फ्लाईओवर से नीचे गुजरने वाले वाहनों को काफी परेशानी होती है और जाम की समस्या झेलनी पड़ती है।


सीन तीन - बाबूसराय बाजार में शाम होते ही अचानक चहल-पहल बढ़ जाती है। सर्विसलेन के किनारे खड़ी दुकानों के कारण क‌ई बार लोग सर्विसलेन पर ही वाहन खड़ा कर चले जाते हैं। जिससे बाजार में जाम को झेलना पड़ता है।

सीन चार - घोसिया बाजार में शाम चार बजते ही सर्विसलेन पर हाईवे के नीचे और किनारे सब्जी की दुकानें सज जाती है। शाम होते ही जैसे ही बाजार में लोग निकलते हैं। स्थिति ऐसी हो जाती है कि लोगों का बाजार से गुजरना दुश्वार हो जाता है।

सीन पांच - जंगीगंज बाजार में सर्विसलेन के दोनों छोर पर बड़ी संख्या में वाहनों के खड़े होने और ठेले खुमचे के कारण लोगों को समस्या होती है। खासकर शाम होते ही बाजार में जैसे ही भीड़ बढ़ती है। सर्विसलेन की पटरियां वाहनों से भर आते हैं।

सर्विसलेन को अतिक्रमण से मुक्त कराने को लेकर समय-समय पर अभियान चलाया जाता है लेकिन उसके बाद भी कुछ लोग दोबारा कर लेते हैं। इसको लेकर अब सख्त रुख अख्तियार किया जाएगा। अनिल सिंह यातायात प्रभारी भदोही
*कोशिशों के बाद भी अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सके नगर* *क‌ई अभियानों के बाद भी अतिक्रमण जस का तस,जनता के साथ व्यापारी भी परेशानी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। तमाम कोशिशों के बाद भी जिले के निकायों को अतिक्रमण से मुक्त नहीं मिल पा रहा है। नगर के हर प्रमुख बाजारों की पटरियां अतिक्रमण की चपेट में हैं। स्थिति यह है कि अतिक्रमण के कारण सड़कें तो सिकुड़ ही जा रही है। वहीं दूसरी तरफ बाजार निकलने वाले लोगों के अलावा दुकानदार भी परेशान होते हैं। जिले में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका के अलावा ज्ञानपुर, सुरियावां, घोसिया, खमरिया और न‌ई बाजार जैसे प्रमुख नगर निकाय है। निकायों में साफ-सफाई इत्यादि की व्यवस्था रखना तो नगर पंचायत की जिम्मेदारी होती है, लेकिन अतिक्रमण हो रही पटरियों को कब्जा मुक्त करना और पटरियों को खाली कराना निकाय प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन व यातायात की भी जिम्मेदारी है।


गोपीगंज - गोपीगंज नगर में मिर्जापुर तिराहा, बड़ा चौराहा, ज्ञानपुर - गोपीगंज मार्ग के अलावा छोटी चौमुहानी, अंजही मोहाल, सदर मोहाल, खड़हट्टी मोहाल, मिर्जापुर रोड पर ठेले - खुमचे वालों के साथ कुछ व्यपारी अपने दुकाने के सामने पटरियों पर सामान सजा देते हैं। जिससे सड़क सिकुड़ गई है।


ज्ञानपुर - ज्ञानपुर नगर पंचायत में मुखर्जी पार्क, शीतल पाल तिराहा, दुर्गागंज त्रिमुहानी, न‌थ‌ईपुर मार्ग, जिला अस्पताल रोड आदि पर अतिक्रमण देखने को मिलता है। मुख्यालय का नगर होने के कारण अक्सर अधिकारियों का भी आना-जाना होता है। वे भी क‌ई बार फंसते हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी है।



घोसिया - नगर पंचायत घोसिया में मुख्य मार्ग व नाली के ऊपर तेजी से अतिक्रमण हो रहा है। जिसमें सिंहा रोड से मिश्रानी नहर तक, पक्का चौक, वार्ड नंबर 12 , ताजिया रोड, घोसिया मेन मार्केट सदर रोड से स्टेट बैंक और राजपुर वार्ड नंबर पांच पर अतिक्रमण दिखता है। शाम होते ही इन मार्गों पर जाम लग जाते हैं।


भदोही - भदोही रेलवे स्टेशन के बाहर स्टेशन रोड पर सुबह से लेकर शाम तक ई- रिक्शा,पटरी दुकानदारों का कब्जा होता है। जिससे अक्सर जाम लग जाता है। वहीं नगर पालिका तिराहा हाल ही में विकसित किया गया है। इसके अलावा गाजिया रेलवे ओवर ब्रिज तिराहे पर फलों के दुकानदारों के कारण समस्या होती है। नगर के ठकुरा रोड,अजिमुल्लाह चौराहा भी जाम के मुख्य केंद्र बनते जा रहे हैं।

सुरियावां - नगर में थाने के पश्चिम रोड पर ही अतिक्रमण देखा जा रहा है। शेखर आजाद नगर फाटक गली व इंदिरा नगर में लोगों ने 14 फीट की सड़क को अतिक्रमण कर सात फीट कर दिया है।


निकायों में अगर अतिक्रमण है तो एसडीएम और ईओ की जिम्मेदारी है कि सड़क की पटरियों को अतिक्रमण मुक्त कराएं। जिससे सुगम आवागमन के साथ ही बाजारों में आने वाले लोगों को भी परेशानी न हो। कुंवर वीरेंद्र मौर्य एडीएम वित्त व राजस्व
*भदोही में जुड़वा दुधमुंही बच्चियों को जहर देकर पिता ने की खुदकुशी, पत्नी के लव अफेयर से था परेशान*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही के औराई कोतवाली क्षेत्र के बेजवां पाही उगापुर में सोमवार की सुबह एक पिता ने अपनी दो जुड़वा अबोध बच्चियों को दूध में जहर देने के बाद खुद आम के पेड़ पर फंदा लगाकर जान दे दी। एक साथ तीन मौत से पूरे इलाके में सनसनी मच गई। बताया जा रहा है कि युवक की पत्नी बीते 19 को किसी के साथ भाग हो गई थी, जिससे वह अवसाद में था। औराई कोतवाली के बेजवां पाहीपुर उगापुर निवासी ओमप्रकाश यादव (27) की पत्नी बीते 19 नवंबर को गायब हो गई, जिसके संबंध में उसने औराई कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।इस बीच, उसे पता चला कि उसकी पत्नी अपने प्रेमी के साथ भागी है, जिससे वह अवसाद में चला गया। रविवार की देर रात उसने अपनी 14 माह की दो जुड़वा बच्चियों आसी व प्रियांशी को दूध में जहर देकर पिला दिया। जिससे दोनों अबोध की जान चली गई। इसके बाद वह घर के करीब 500 मीटर दूर जाकर नीम के एक पेड़ में साड़ी के सहारे फंदा लगाकर अपनी जान भी दे दी।सुबह उसका शव देखते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। इधर घर में उसकी दोनो बेटियां भी बिस्तर पर मरणासन्न पड़ी थीं। घटना की जानकारी होते ही सीओ अजय चौहान समेत अन्य लोग मौके पर पहुंचे और उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
*भदोही में जुड़वा दुधमुंही बच्चियों को जहर देकर पिता ने की खुदकुशी, पत्नी के लव अफेयर से था परेशान*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही के औराई कोतवाली क्षेत्र के बेजवां पाही उगापुर में सोमवार की सुबह एक पिता ने अपनी दो जुड़वा अबोध बच्चियों को दूध में जहर देने के बाद खुद आम के पेड़ पर फंदा लगाकर जान दे दी। एक साथ तीन मौत से पूरे इलाके में सनसनी मच गई। बताया जा रहा है कि युवक की पत्नी बीते 19 को किसी के साथ भाग हो गई थी, जिससे वह अवसाद में था। औराई कोतवाली के बेजवां पाहीपुर उगापुर निवासी ओमप्रकाश यादव (27) की पत्नी बीते 19 नवंबर को गायब हो गई, जिसके संबंध में उसने औराई कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।इस बीच, उसे पता चला कि उसकी पत्नी अपने प्रेमी के साथ भागी है, जिससे वह अवसाद में चला गया। रविवार की देर रात उसने अपनी 14 माह की दो जुड़वा बच्चियों आसी व प्रियांशी को दूध में जहर देकर पिला दिया। जिससे दोनों अबोध की जान चली गई। इसके बाद वह घर के करीब 500 मीटर दूर जाकर नीम के एक पेड़ में साड़ी के सहारे फंदा लगाकर अपनी जान भी दे दी।सुबह उसका शव देखते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। इधर घर में उसकी दोनो बेटियां भी बिस्तर पर मरणासन्न पड़ी थीं। घटना की जानकारी होते ही सीओ अजय चौहान समेत अन्य लोग मौके पर पहुंचे और उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।