रहस्यमयी रोशनी: पश्चिम बंगाल के दलदली इलाकों में दिखाई देती है भूतों की रोशनी!, जानें वैज्ञानिक क्या कहते हैं
भारत में कई रोचक और रोमांचक देखने को मिलता है। उनमें से कई के पीछे तो वैज्ञानिक कारण रहते हैं और कुछ अभी भी रहस्य बने हुए हैं। इस बार हम आपको बता रहे हैं ऐसी रहस्यमी रोशनी के बारे में जिसे लेकर पश्चिम बंगाल के स्थानीय लोगों की मान्यता है कि यह मछुआरों की आत्माएं हैं, परंतु सच क्या है यह तो वैज्ञानिक ही जानते हैं।
पश्चिम बंगाल के दलदली इलाकों में कई बार रहस्यमयी रोशनी देखे जाने की स्थानीय लोगों में मान्यता प्रचतलित है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह उन मछुआरों की आत्माएं हैं, जो मछली पकड़ते वक्त किसी वजह से मर गए थे। लोग इन्हें भूतों की रोशनी भी कहते हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि जिन मछुआरों को यह रोशनी दिखती है, वे या तो रास्ता भटक जाते हैं या ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाते। बाद में उनकी आत्माएं भटकती रहती है।
लोग इसे भूतों की रोशनी भी कहते हैं। यह रोशनी इन इलाकों में केवल रात के समय में ही दिखाई देती है और खास तौर पर दुर्गम स्थानों पर दिखती देती है।
इन दलदली क्षेत्रों से कई मछुआरों की लाशें भी मिली हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन यह मानने को तैयार नहीं कि यह भूतों के चलते ऐसा हुआ। हालांकि अभी तक इस रहस्य से भरी गुत्थी सुलझ नहीं पाई है।
इन घटनाओं के पीछे यह भी कारण हो सकता है कि इन भयानक दलदली इलाकों में यदि कोई इंसान वहां पर चला भी जाए तो भी वह उस दलदल में मर सकता है। यहां जाना किसी इंसान के बस की बात नहीं है और यह रोशनी ऐसे ही दलदली स्थानों पर दिखाई देती है जहां पर भयानक दलदल होता है।
यह रहस्यमयी रोशनी वास्तव में सिर्फ बंगाल तक ही सीमित नहीं हैं ऐसी ही रोशनी यूके, एस्टोनिया, फिनलैंड, लाटविया, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में भी देखी जा सकती है। यहां के लोग इस रोशनी को छिपे हुए खजाने के रहस्य के साथ जोड़कर देखते हैं।
वैज्ञानिकों को अंदेशा है कि दलदली क्षेत्रों में अक्सर मीथेन गैस बनती है और वे किसी तत्व के संपर्क में आने से रोशनी पैदा करती है।
Nov 22 2024, 13:41