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बेलगाम रेत माफिया पर खनिज विभाग ने कसी लगाम, रेत का अवैध परिवहन कर रहे पांच वाहनों पर की कार्रवाई…

अभनपुर-     बेलगाम रेत माफिया की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब रायपुर खनिज विभाग सक्रिय हुआ है. विभागीय टीम ने रेत का अवैध परिवहन कर रहे 5 वाहनों को नवापारा में पकड़कर कार्रवाई की है.

गरियाबंद और धमतरी जिले के रेत घाटों से अवैध तरीके से रेत लेकर प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहन नवापारा शहर से गुजरकर रायपुर जाते हैं. दुर्घटना की आशंका को देखते हुए इन वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर नवापारावासी विभिन्न स्तरों पर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन संबंधित खनिज विभाग इस दिशा में हमेशा की तरह कुंभकरणी नींद में सोया रहता है.

सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात रायपुर खनिज विभाग अचानक नींद से जागी, और रेत परिवहन कर जा रहे 5 भारी वाहनों को नवापारा में रोककर दस्तावेजों की जांच की, जिसमें रेत का अवैध परिवहन करना पाया गया. इसके बाद सभी वाहनों के विरुद्ध प्रकरण कायम कर उन्हें थाना गोबरा नवापारा परिसर में खड़ा कराया गया है. यह कार्रवाई रायपुर खनिज विभाग के सुपरवाइजर सुनील दत्त शर्मा के नेतृत्व में की गई है.

रेत ही नहीं मुरूम का भी अवैध कारोबार

यहां बताना जरूरी है कि केवल रेत ही नहीं बल्कि अभनपुर क्षेत्र में मुरूम का भी अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है. अभनपुर का एक मुरूम माफिया क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में, पंचायत प्रतिनिधियों और जिम्मेदार विभाग के साथ सांठगांठ कर ग्राम गिरोला और ग्राम बेल्डीह में चौबीसों घंटे मुरूम का धड़ल्ले से अवैध खनन कर रहा है. इन ग्रामों के मुरूम खनन स्थल पर जानलेवा गहराई वाले तालाब बन चुके हैं. रेत के अवैध परिवहन के बाद खनिज विभाग के अधिकारी शायद इस ओर ध्यान दें।

राजधानी में डबल मर्डर से फैली सनसनी, बदमाशों ने पुरानी रंजिश के चलते चाकू से गोदकर की हत्या, तलाश में जुटी पुलिस
रायपुर-     राजधानी रायपुर के विधानसभा इलाके में डबल मर्डर की वारदात से सनसनी फैल गई है, जहां शराब भट्टी के बाहर 3 बदमाशों ने हरीश साहू और हेमलाल देवांगन नामक दो युवकों की पुरानी रंजिश के चलते चाकू से गोदकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए। घटना के बाद आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री ने रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर उन्हें किया नमन
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की 19 नवम्बर को जयंती के अवसर पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का साहसपूर्वक विरोध किया और जीवन के अंतिम क्षण तक हार नहीं मानी। रानी लक्ष्मी बाई ने अपनी मातृभूमि की रक्षा और सम्मान के लिए प्राण तक न्यौछावर कर दिए। श्री साय ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई का साहस और शौर्य आज भी लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
गृह विभाग के सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, हाई कोर्ट जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास अध्यक्ष नियुक्त

रायपुर-   छत्‍तीसगढ़ सरकार ने गृह विभाग के सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया है. हाई कोर्ट के सीटिंग जज नरेंद्र कुमार व्‍यास की अध्‍यक्षता में गठित बोर्ड में दो सेवानिवृत्त जज नवल किशोर अग्रवाल और विमला सिंह कपूर को सदस्‍य बनाया गया है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है. 

बस्तर प्रवास के दौरान जवानों का उत्साह बढ़ाने मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे सीआरपीएफ कैंप, जवानों के आग्रह पर कैंप में  किया रात्रि विश्राम

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि पिछले 11 महीनों के दौरान आप लोगों ने जिस तरह नक्सली आतंक को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। आप लोग परिवार से दूर रहकर और सुख-सुविधाओं को त्याग कर बस्तर के विकास में जो योगदान दे रहे हैं, उससे आप लोगों ने यहां के जनजातीय समुदायों के हृदय में अपने लिए हमेशा हमेशा के लिए जगह बना ली है। श्री साय बस्तर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सेडवा कैंप में जवानों को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अचानक सीआरपीएफ कैंप पहुंचने पर आश्चर्यमिश्रित खुशी के साथ ही जवानों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सुरक्षा बलों के जवानों से आत्मीयतापूर्वक संवाद करते हुए कहा कि जब मैं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में चित्रकोट आया था, तो मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं आप सब जवानों से मिलूं। पिछले 11 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर जो सफलता मिली है, उसमें आप सभी का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है। मैं आप सभी के साहस को नमन करता हूं। नक्सल अभियान में आप सभी को जो सफलता मिल रही है, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जब भी मेरी मुलाकात होती है तो वे नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ को मिल रही सफलता का जिक्र जरूर करते हैं। गृह मंत्री अमित शाह का नक्सल ऑपरेशन में सतत मार्गदर्शन और सहयोग मिलते रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में हमने नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का भी यही संदेश है।

बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने अल्प अवधि में ही 200 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। 740 से ज्यादा माओवादी कैडर्स ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वे हिंसा त्याग कर लोकतंत्र की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं। शासन ने हिंसा का त्याग करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए ऐसी नीति बनाई है कि आने वाले दिनों में और भी बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे। सुरक्षा बल के जवानों द्वारा कैंप में रात्रि विश्राम करने के आग्रह पर उन्होंने कैंप में रात्रि विश्राम भी किया।

धान खरीदी केंद्र के कर्मचारी पर गिर सकती है गाज: खरीदी में गड़बड़ी का आरोप लगाकर किसानों ने किया था चक्काजाम

मुंगेली- धान खरीदी कार्य मे लापरवाही के चलते सेवा सहकारी समिति टेमरी के प्रभारी पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। दरअसल नवागढ़ मुख्यमार्ग पर किसानों ने आज धान खरीदी कार्य मे मनमानी और गड़बड़ी का आरोप लगते हुए चक्काजाम कर दिया। टेमरी धान उपार्जन केंद्र के किसानों का आरोप था कि 21 क्विंटल की जगह 16 क्विंटल धान समिति कर्मचारी के द्वारा खरीदा जा रहा है, वहीं किसानों ने यह भी शिकायत थी कि उपार्जन केंद्र में प्रति एकड़ 16 क्विंटल की दर से बारदाना भी दिया जा रहा है

बता दें कि किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाइश देकर चक्काजाम समाप्त कराया। मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि समिति कर्मचारी और किसानों के बीच गलतफहमी हो गई थी, जिसके चलते ऐसी स्थिति निर्मित हुईं थी। शासन की मंशाअनुरूप जिले में कलेक्टर के निर्देश पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी जा रही है। इधर इस मामले को कलेक्टर राहुल देव ने गंभीरता से लेते हुए सेवा सहकारी समिति के प्रभारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए, जिसके बाद सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त हितेश कुमार श्रीवास ने टेमरी सेवा सहकारी समिति के प्रभारी दाऊ सिंह परिहार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस का संतोषप्रद जवाब नही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।

धान खरीदी में कोताही बर्दाश्त नही-कलेक्टर

कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में धान खरीदी से संबंधित अधिकारियों एवं राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में कलेक्टर राहुल देव ने ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप जिले में धान खरीदी होनी चाहिए, इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने टेमरी में प्रति एकड़ कम धान खरीदने की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कहा कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की ही खरीदी की जाएगी। उन्होंने बताया कि धान खरीदी की पूरी व्यवस्था की सुचारू रूप से निगरानी की जा रही है। किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कमांड सेंटर से हो रही मॉनिटरिंग, हेल्पलाईन नंबर जारी

कलेक्टर ने कहा कि प्रशासनिक सक्रियता से जिले में धान खरीदी की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। धान खरीदी की व्यवस्था में पारदर्शिता एवं निगरानी के लिए जिला कलेक्टोरेट में कमांड सेंटर बनाया गया है। किसानों को धान बेचने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। इसके साथ ही किसानों के धान खरीदी संबंधी समस्या के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर 9406275534 एवं 8641002203 जारी किया गया है। किसान इन नम्बरों पर कॉल कर अपनी धान बेचने में आ रही समस्या को दर्ज करा सकते हैं।

जिले में अब तक धान खरीदी की स्थिति

गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में 640 किसानों से अब तक 29 हजार 56 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है, जिसमें 23 हजार 975.20 क्विंटल मोटा, 89.20 क्विंटल पतला और 04 हजार 991.60 क्विंटल सरना धान शामिल है। जिले के 66 सहकारी समितियों के 105 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर धान उपार्जन केन्द्रों में लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही अवैध धान खपाने वाले कोचियों-बिचौलियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

आदिवासी अंचलों के 78 हजार घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य, सीएम साय ने 426 करोड़ की योजनाओं का जल्द क्रियान्वयन करने का दिया निर्देश …

रायपुर-    आदिवासी अँचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश दिए है। वहीं छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष रोहित यादव ने तीनों योजनाओं की प्रगति की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जनमन) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की अति पिछड़ी 7 जनजातियों जिनमें अबुझमाड़िया, बैगा, भारिया, पहाड़ी कोरवा, कमार तथा बिरहोर शामिल हैं, इन 7 जनजातियों के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रिड से विद्युतीकृत गांवों के 7,077 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 37 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1,087 बसाहटों में 363.24 किलोमीटर 11 के.वी. लाइन, 267 नग 25 के.वी.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफॉर्मर तथा 650 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जा रही है। पीएम जनमन के तहत अभी तक 4,500 घरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।

प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा हाल ही में की गई है जिसके अंतर्गत 919 गांवों के 65,711 अविद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 323 करोड़ 63 लाख रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति मिली है। जिसके अंतर्गत 6,863 बसाहटों में 1889.56 किलोमीटर लाइनें, 25 के.वी.ए. क्षमता के 1950 वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए जाएंगे तथा 5,188 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जाएंगी।

आदिवासी बहुल गांवों में बिजली पहुंचाने में सबसे बड़ी समस्या वहां के सघन वन क्षेत्र होते हैं। घने जंगलों में बहुत से क्षेत्र पहुंच विहीन होती हैं। इसके अलावा बस्तर के सघन वन क्षेत्रों में विरासत में मिली नक्सलवाद की समस्या भी है जिसके समाधान की दिशा में राज्य सरकार द्वारा केंद्र की मदद से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मोर्चे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यकाल में बड़ी सफलताएं भी मिल रही हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती केंद्र तथा राज्य शासन द्वारा की गई है। जिसके लिए सुरक्षा कैम्प बनाए गए है। सुरक्षा कैम्पों के समीप 5 किलोमीटर के दायरे में बहु-आयामी विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा नियद नेल्लानार योजना प्रांरभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत 24 सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में 96 गांवों में घरों को रोशन करने की कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। इसमें ग्रिड से विद्युतीकृत 8 गांवों के 105 आवासों तथा ऑफग्रिड विद्युतीकृत 61 गांवों के 4,399 आवासों को ग्रिड से विद्युतीकृत करने की योजना प्रचलन में है। 61 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के अंतर्गत उपकेंद्रों, वितरण लाइनों की स्थापना की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बीजापुर जिले के यथागुण्डम तथा चिन्तावागु गांवों का विद्युतीकरण किया गया है तथा 60 आवासों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष रोहित यादव के निर्देशानुसार इन तीनों योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाना है। एम.डी. डिस्ट्रीब्यूशन भीमसिंह कंवर द्वारा नियमित तौर पर क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है।

सेंट्रल जेल से पैरोल पर बाहर गए 70 बंदी नहीं लौटे वापस: हाईकोर्ट में हुई मामले की सुनवाई, DGP जेल से मांगी लेटेस्ट रिपोर्ट

बिलासपुर-  हाईकोर्ट में पैरोल पर गए कैदियों की वापसी न होने के मामले में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डबल बेंच ने इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई। सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के 30 सितंबर 2024 के आदेश का पालन किया गया है। मुख्य न्यायाधीश ने डीजीपी जेल से ताजा रिपोर्ट शपथ पत्र के जरिए पेश करने को कहा है।

बता दें कि आज सुनवाई के दौरान डीजीपी जेल ने शपथ पत्र के माध्यम से बताया कि 83 कैदी पैरोल पर गए थे। इनमें से 10 को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 3 की मौत हो चुकी है। शेष 70 कैदी अब भी लापता हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर डीजीपी जेल ने 23 अक्टूबर 2024 को सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया था कि रोजाना रिपोर्ट दी जाए।

मुख्य न्यायाधीश ने डीजीपी जेल से ताजा शपथ पत्र के जरिए रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर 2024 को होगी।

प्रदेश में स्कूलों के पास तंबाकू उत्पाद बिकने पर हाईकोर्ट सख्त: मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र में मांगा जवाब

बिलासपुर-  प्रदेश में स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है, कोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि बच्चे ड्रग एडिक्ट हो जाएंगे तो क्या होगा ? उन्होंने पूछा, कि कोटपा कानून है तो उसका पालन होना चाहिए कि नहीं ?

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, मीडिया में आई खबरों को लेकर से पता चला है कि बिलासपुर में सरकारी और निजी स्कूलों के पास सड़क के स्टॉल पर तंबाकू उत्पाद खुलेआम बेचे जा रहे हैं। इन रिपोर्टों ने बताया कि कैसे इस तरह की गतिविधियाँ स्कूलों के आसपास के वातावरण को खराब कर रही हैं और छात्रों पर इसका नकारात्मक प्रभाव हो है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिकारियों से जवाब मांगा। महाधिवक्ता ने सोमवार की सुनवाई में शासन का पक्ष रखते हुए शपथ पत्र में जानकारी दी कि 15 नवंबर 2024 के आदेश का परिपालन करते हुए बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा कोटपा अधिनियम का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर पेनल्टी समेत अन्य कार्रवाई की गई है और गंभीरता से कोटपा कानून का पालन कराया जा रहा है।

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने इस पूरे मामले में मुख्य सचिव और बिलासपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की तरफ से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। इस मामले में अब 5 दिसंबर को सुनवाई होगी।

सीएम साय ने कहा – द साबरमती रिपोर्ट जैसी फिल्म इतिहास के भयावह सच को सामने लाएगा…

रायपुर-  सीएम विष्णुदेव साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म की सराहना की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, द साबरमती रिपोर्ट जैसी फिल्म इतिहास के उस भयावह सच को सामने लाने के सराहनीय प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए, जिस सच को देश की जनता से हमेशा छुपाने का कुत्सित प्रयास किया गया. इतिहास सबक देता है और उत्तम भविष्य निर्माण का प्रवर्तक बनता है.

धीरज सरना द्वारा निर्देशित और विक्रांत मैसी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म द साबरमती रिपोर्ट ने अपने शुरुआती सप्ताहांत में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया. 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने की दुखद घटना पर आधारित इस फिल्म में रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना भी हैं. यह फिल्म 27 फरवरी, 2002 को गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के एस6 कोच में आगजनी की घटना पर आधारित है, जिसमें अयोध्या से लौट रहे कम से कम 59 श्रद्धालु मारे गए थे. इस घटना के कारण गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे. उस समय पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.