गया में रेजांगला अहिर शौर्य दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, अहीर रेजिमेंट बनाने का उद्घोष
गया। गया शहर के गांधी मैदान स्थित गांधी मंडप में रेजांगला अहिर शौर्य दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसका संचालन रामचंद्र यादव मगहिया ने किया।
श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम का शुरूआत सर्वप्रथम भारत और चीन के बीच हुए युद्ध में शहीदों की याद में अहिर धाम के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर युद्ध में शहीद हुए 114 जवानों को श्रद्धांजलि दिया गया। इस दौरान वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान और मोक्ष की भूमि गया से अहीर रेजिमेंट बनाने को लेकर उद्घोष किया गया। अगले साल पटना के गांधी मैदान में भव्य तरीके से रेजांगला अहिर शौर्य दिवस मनाया जायेगा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में आये रामेश्वर प्रसाद यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि रेजांगला की लड़ाई दुनिया में अनूठी लड़ाई थी। भारत चीन युद्ध 1962 में दक्षिण लद्दाख के रेजांगला के कक्षा में तैनात 13वीं कुमाऊं रेजीमेंट के चार्ली कंपनी जिसे अहिर कंपनी भी कहा जाता था, क्योंकि इसमें अहिर जवान भर्ती किए जाते थे जिसने चीनियों के छक्के छुड़ा दिए थे।
गौरतलब है कि रेजांगला में तैनात चार्ली कंपनी के120 जवानों ने ना सिर्फ चीनी सेना के सैलाब को रोका। बल्कि आगे बढ़ने से रोक दिया और डटकर मुकाबला किया। इस लड़ाई में जहां भारतीय सैनिकों के पास पुराने हथियार थे जो अंग्रेजों द्वारा छोड़े गए थे। वहीं अत्याधुनिक हथियारों से लैस करीब करीब 3000 चीनी सैनिक सूखी नदी के तल से होते हुए भारतीय सरहद की ओर बढ़ते हुए जब खुले में आए तो भारतीय जवानों ने डटकर मुकाबला किया तथा चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Nov 18 2024, 22:06