राहुल गांधी का झारखण्ड से वादा, झारखंडियों को मिलेगा 15 लाख का स्वास्थ बीमा, राज्य में बढ़ेगा आरक्षण
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राहुल गांधी ने बताया क्यों कराना चाहते हैं जाति जनगणना
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड में दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रांची में झारखण्ड के लोगों के साथ किया वादा है। इस दौरान राहुल गांधी ने भाजपा पर कई आरोप लगाया है।
जहां उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी संविधान को बचाने का काम कर रही है। बीजेपी और आरएसएस संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ और सिर्फ अडानी और अंबानी पर मेहरबान है। हर योजना का लाभ अदानी और अंबानी को ही मिल रहा है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने झारखंडियों को गारंटी दिया है कि राज्य में इंडी गठबंधन की सरकार बनी तो जातिगत जनगणना के साथ आरक्षण को बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड में ST को 26-28%, SC को 10 -12%, OBC को 14 -27% आरक्षण करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी मंच से झूठ बोलते है कि कांग्रेस आरक्षण को खत्म करने में लगी है। राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में जब मैने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा की आप आरक्षण बढ़ा दीजिये। इसपर प्रधानमंत्री चुप्पी साध लेते है। झारखण्ड में इंडी गठबंधन की सरकार बनती है तो मईया सम्मान की राशि बढाकर 2500 रूपये हर महीने राज्य सरकार देगी। इसके अलावा राज्य में गरीब आदिवासी के लिए 15 लाख का स्वास्थ बीमा दिया जाएगा। जिससे वो अपना इलाज करा सकेंगे।
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना का विश्लेषण करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई विचारधारा की है और इस लड़ाई में एक तरफ पूंजी पति है और दूसरे तरफ गरीब है। हमारी सरकार गरीबों के लिए सोचती है और मोदी सरकार अडानी-अंबानी को आगे बढ़ाती है, लेकिन मरते दम तक यह लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि देश में जातीय जनगणना होने से यह क्लियर हो जाएगा कि पिछड़े दलित ओबीसी आज किस स्थान में है और देश के विभिन्न सेक्टरों में किस स्थान पर किस जाति धर्म को प्राथमिकता मिली है। आज देश में दलित और पिछड़ों के पास जरूरी हुनर है, प्रतिभा है लेकिन वे सिस्टम से जुड़े नहीं हैं। इसलिए हम जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं। हम अलग-अलग समुदायों की सूची चाहते हैं। हमारे लिए जाति जनगणना सिर्फ जनगणना नहीं है, यह नीति निर्माण का आधार है। जाति जनगणना के आधार पर यह समझना भी जरूरी है कि संपत्ति का वितरण कैसे हो रहा है।
यह पता लगाना भी जरूरी है कि ओबीसी, दलित, नौकरशाही, न्यायपालिका, मीडिया में काम करने वाले कर्मचारियों की भागीदारी कितनी है?













Nov 18 2024, 21:19
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