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शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन के समर्थन में फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रबर्ती ने किया सम्बोधित*

*अपने फ़िल्मी अंदाज और डायलॉग से लोगो को किया रोमांचित* शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन के समर्थन में फिल्म अभिनेता व भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने आसनबनी हाइस्कूल के फुटबॉल मैदान में एक विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित किया. निर्धारित समय से करीब ढाई घंटे देरी से पहुंचने के बावजूद मैदान में जनता का उत्साह चरम पर था. लोग मिथुन चक्रवर्ती की एक झलक पाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. अपने प्रभावशाली संबोधन में मिथुन चक्रवर्ती ने लोगों से अपील की कि वे भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन को जिताकर क्षेत्र में परिवर्तन लायें. उन्होंने कहा कि परिवर्तन जरूरी है और इसके लिए परितोष सोरेन को आपका समर्थन चाहिए. मिथुन ने बांग्ला और हिंदी दोनों भाषाओं में अपनी बात रखी, जिससे जनसभा में मौजूद हर व्यक्ति उनसे जुड़ सका. उन्होंने फिल्मी अंदाज में मोह लिया जनता का दिल: जनता के अनुरोध पर मिथुन चक्रवर्ती ने अपना मशहूर काला चश्मा उतारा और फिल्मी डायलॉग भी बोले. उन्होंने बांग्ला में अपनी एक चर्चित फिल्म का डायलॉग सुनाया, “नाम तुफान, बछोरे एकाद बार आसी, जखन आसी तखन प्रलय घटे, आर जखन जाय तखन भगवानो अस्तित्व खुजे पाय ना. उनके इस अंदाज ने जनता का दिल जीत लिया और माहौल को और भी रोमांचक बना दिया. सेल्फी लेने की मची होड़ :
चुनाव के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठिये को लेकर झारखंड सरकार के विशेष शाखा की तरफ से 2 जून 2023 को भेजे गए चिट्ठी चर्चा में,

बाबूलाल मरांडी ने उठाया सवाल, सरकार चुनाव के समय दी जा रही सुबिधा क्या इस घुसपैठियों के लिए है

झारखंड डेस्क 

चुनावी मौसम में एक बाऱ फिर बंगालदेशी घुसपैठियेबका मामला चर्चा में है, 20 नवंबर को झारखंड में आखिरी दौर का चुनाव होना है। चुनाव से पहले झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों और डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस बीच झारखंड सरकार के विशेष शाखा की तरफ से 2 जून 2023 को सभी उपायुक्तों को भेजी गयी एक चिट्ठी वायरल हो रही है।

बाबूलाल मरांडी ने इस चिट्ठी के हवाले से कहा है कि 2 जून, 2023 को राज्य सरकार के खुफिया विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर स्वीकार किया था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को संथाल परगना के कई मदरसों में पनाह दी जाती है।

इन ठिकानों में उनके पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। खुफिया विभाग द्वारा संवेदनशील सूचना साझा किए जाने के बावजूद प्रशासन द्वारा घुसपैठियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। माननीय उच्च न्यायालय ने घुसपैठ को झारखंड के लिए बड़ा खतरा बताकर राज्य सरकार से रिपोर्ट भी तलब की।

तब खुफिया विभाग द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों की पुख्ता सूचना दिए जाने के बावजूद संथाल परगना के सभी 6 जिलों के उपायुक्तों ने उच्च न्यायालय में झूठा शपथ पत्र दायर कर बताया कि उनके सम्बन्धित जिलों में एक भी घुसपैठिया नहीं है।

उच्च न्यायालय ने घुसपैठ की पड़ताल के लिए स्वतंत्र जांच समिति गठित करने का आदेश दिया तो उसके विरुद्ध भी राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई… संथाल परगना के मतदान बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि, अवैध रूप से बस चुके जमाई टोले, आदिवासियों की जमीनों पर चल रहा कब्जे का खेल चीख-चीखकर घुसपैठ की गवाही दे रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि उपायुक्तों ने किसके दबाव में झूठ बोला? किसके दबाव में माननीय उच्च न्यायलय को गुमराह किया गया?

वास्तविकता यह है कि झामुमो-कांग्रेस के द्वारा आदिवासियों को मिटाने का प्रयास हर स्तर पर किया जा रहा है। हेमंत सरकार का पूरा सरकारी तंत्र आदिवासी समाज के विरुद्ध साजिश रचने और घुसपैठियों को पनाह देने की गतिविधियों में संलिप्त है।

घुसपैठ से आदिवासी समाज के अस्तित्व पर गहरा संकट मँडरा रहा है। साथियों, हमें एकजुट होकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखंड से बाहर खदेड़ने और उनके सरपरस्ततों को बेनकाब करने की जरूरत है।

कांग्रेस द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों को सस्ते गैस सिलेंडर और अन्य सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की घोषणा कोई अतिशयोक्ति नहीं, बल्कि समुदाय विशेष का वोटबैंक बढ़ाकर आदिवासियों का अस्तित्व मिटाने की सोची समझी साजिश है।

2 जून, 2023 को खुफिया विभाग द्वारा संथाल परगना के कई मदरसों में इन घुसपैठियों को न केवल पनाह दी जाती है, बल्कि उनकी पहचान के लिए फर्जी दस्तावेज किए तैयार किए जाने की सूचना देने के बाद भी हेमंत सोरेन की सरकार इस भयानक साजिश को छुपाने का हरसंभव प्रयास किया।

संथाल परगना के सभी छह जिलों के उपायुक्तों ने उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर कर दावा किया कि उनके जिलों में एक भी घुसपैठिया मौजूद नहीं है। इन सबके बीच संथाल परगना में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि, अवैध बसावट वाले जमाई टोले और आदिवासी भूमि पर कब्जे बढ़ते चले गए।

चुनाव आते ही कांग्रेस झामुमो के खतरनाक मंसूबे का भंडाफोड़ हो चुका है। मंचों से खुलेआम घुसपैठियों के लिए घोषणाएं की जा रही है।घुसपैठियों को समर्थन देकर और स्थानीय आबादी को कमजोर करके आदिवासी समाज के अस्तित्व पर संकट खड़ा किया जा रहा है।

अब समय आ गया है कि हमारा आदिवासी समाज एकजुट होकर इस गंभीर समस्या का सामना करें। घुसपैठियों को बाहर निकालने और उनके संरक्षकों को उजागर करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यह केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक अस्तित्व की लड़ाई है। भाजपा चुन चुनकर हरेक घुसपैठिए लो झारखंड के बाहर खदेड़ने का काम करेगी और रोटी, बेटी, माटी के अस्मिता की रक्षा करेगी।

निशिकांत दुबे और हिमंत विस्व सरमा ने राज धनबाऱ से भाजपा के बागी प्रत्याशी निरंजन राय मनाने में सफल,बाबूलाल मरांडी की मुश्किल होगी कम

राजधनवार में बाबूलाल मरांडी की मुश्किलें थोड़ी आसान हो सकती है। जिस निरंजन राय के निर्दलीय बनकर चुनाव मैदान में उतरने पर भाजपा का वोट बंटता दिख रहा था, वो अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय से उनके गांव पपीलों में मुलाकात की है। खबर है कि दोनों नेताओं ने निरंजन राय को मना लिया है।

इससे पहले दोनों बीजेपी नेता जमामो मंदिर में पूजा-अर्चना की। जब निरंजन राय सांसद निशिकांत दुबे और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा को छोड़ने हेलीपैड पर गए तो निरंजन राय को दोनों ने अपने साथ हेलीकॉप्टर में बैठा लिया और लेकर चले गए। दोनों नेता निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय को बीजेपी में शामिल कर बाबूलाल मरांडी के पक्ष में लाने के प्रयास में है।

इससे पहले भी निशिकांत दुबे ने निरंजन राय से मुलाकात की थी, लेकिन तब निरंजन राय नहीं माने थे। हालांकि इस बार बात बनती दिख रही है। दोनों नेता निरंजन राय से मिलकर निकल चुके हैं। मुलाकात के बाद सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि निरंजन राय बीजेपी के थे और बीजेपी में ही रहेंगे, वहीं मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि सकारात्मक बातचीत हुई है. शीघ्र ही शुभ सूचना मिलेगी।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के यहां से लड़ने के कारण धनवार हॉट सीट बन गई है और यह बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई में तब्दील हो गई है। आपको बता दें निरंजन राय के धनवार सीट से निर्दलीय पर्चा दाखिल करने के कारण बीजेपी नेता और धनवार प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी के लिए परेशनी बढ़ गई थी। निरंजन राय बाबूलाल मरांडी के करीबी माने जाते हैं। निरंजन राय के निर्दलीय पर्चा दाखिल करने की वजह से माना जा रहा था कि वह बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते थे।

झारखंड में शिवराज सिंह चौहान का देवघर में दिखा निराला अंदाज, सड़कों पर घूम घूमकर खाया चाट और उठाया चाय का लुत्फ


झारखण्ड डेस्क 

 शिवराज सिंह चौहान की राजनीति का अंदाज अलग है,वैसे मुख्यमंत्री की तो मध्यप्रदेश में उनकी सरलता और सहजता की चर्चा खूब होती थी। अब भी केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उन्होंने वही सादगी बनाये रखी है।

इस बीच झारखंड में भी उनके सरल क्यक्तितत्व की झलक दिखी। देवघर में वो आम लोगों की तरह सड़क पर लोगों से मिलते दिखे और खान पान का लेते रहे।

विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दो घंटे तक देवघर की सड़कों में सामान्य आदमी बनकर घूमे। भाजपा कार्यकर्ताओं को भी इस बात की खबर बाद में लगी।

इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने आम जन के साथ चाय की चुस्की ली, ठेले से चाट का स्वाद लिया, पान खाया और पटियो में बैठकर सामाजिक मुद्दों पर गप्पे भी की। वहीं, बाबा के दर्शन करने आए तीर्थयात्री और आमजनो ने शिवराज सिंह को अपने बीच पाकर फोटो और सेल्फी ली।

खुद ही अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शिवराज सिंह चौहान ने तस्वीरें पोस्ट की है। उन्होने लिखा है कि देवघर में चाय और चाट के साथ गुजरी। चौपाल भी जमी और खूब चर्चा भी हुई। सबके मन से बस यही बात निकली कि भाजपा है तो भरोसा है ।

शिवराज सिंह चौहान ने हेमंत सरकार को घेरा

झारखंड के लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के हिरणपुर में भाजपा प्रत्याशी बाबूधन मुर्मू जी के समर्थन में आयोजित जनसभा को शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया।हेमंत सोरेन ने पिछले 5 सालों में झारखंड को भ्रष्टाचार, कुशासन और घोटालों का गढ़ बना दिया है।

झारखंड की जनता JMM-कांग्रेस की भ्रष्टाचारी और निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है। हेमंत सोरन सरकार ने झारखंड में विदेशी घुसपैठियों को संरक्षण देकर आदिवासी समाज के अधिकार छीनने और उनकी संस्कृति पर कुठाराघात करने का काम किया है। JMM-कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार, अत्याचार और तुष्टीकरण से त्रस्त झारखंड की जनता परिवर्तन के लिए तैयार है।

रांची के बीआईटी मेसरा में छात्रों के दो गुटों में झड़प, एक छात्र की मौत


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : देश के जाने माने शिक्षण संस्थान बीआईटी मेसरा में छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प। आपसी झड़प में एक छात्र की मौत हो गई। मृतक छात्र की पहचान राजा पासवान के रूप में हुई है। मामले की जानकारी मिलने के बाद रांची पुलिस बीआईटी कैंपस में पहुंचकर जांच कर रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीआईटी मेसरा में छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प जिसमें पॉलिटेक्निक डिपार्टमेंट के एक स्टूडेंट राजा पासवान की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मारपीट की वारदात 14 नवंबर की रात में ही हुई थी, जिसमें छात्र राजा पासवान बुरी तरह से जख्मी हो गया था। जिसके बाद देहतर इलाज के लिए उसे रिम्स में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान राजा की मौत हो गई। उसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई।

बिरसा मुंडा जयंती पर टाटा कंपनी द्वारा संवाद-ए-ट्राइबल कॉन्क्लेव का किया गया आयोजन


इस संवाद कार्यक्रम में भारत की 168 जनजातियों के लगभग 2500 प्रतिनिधि ने लिया भाग 

झारखंड डेस्क 

टाटा कम्पनी द्वारा संवाद-ए-ट्राइबल कॉन्क्लेव का शुक्रवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में शुभारंभ किया गया . कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्र, टाटा स्टील के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी, धाड़ दिशोम देश परगना बैजू मुर्मू, हो समाज के पीढ़ मानकी गणेश पाठ पिंगुवा ने किया. इस अवसर पर टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि संवाद कार्यक्रम हर साल करने का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है. ट्राइबल एरिया के लोगों को इससे जोड़ा जाता है.

यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, इसके माध्यम से दस साल से आदिवासी कला, संस्कृति और उनके स्वरोजगार को उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है, जिसमें सफलता भी मिली है. ट्राइबल आर्ट से लेकर उनके खानपान का संवर्धन किया जा रहा है.

 सरकार की जो गाइडलाइन है, उसके मुताबिक, हमलोग काम कर रहे हैं. टाटा स्टील कलिंगानगर हो या फिर जमशेदपुर प्लांट, हर जगह कंपनी रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराती है. इसको और गति देने के लिए भी योजना पर काम चल रहा है. टाटा स्टील नौकरियों और रोजगार में आदिवासी समुदाय को प्राथमिकता देगी. कंपनी हमेशा से नौकरियों में आदिवासी समुदाय को प्राथमिकता देती रही है. हाल ही में कई पदों के लिए अलग से सिर्फ आदिवासी समुदाय के लिए बहाली निकाली गयी है.

इस संवाद कार्यक्रम में भारत की 168 जनजातियों के लगभग 2500 प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिन्होंने अपनी अनमोल परंपराओं, कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया. धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित इस अनूठे जनजातीय सम्मेलन ने न केवल इतिहास के पन्नों से जुड़ी महाकविता की याद दिलायी, बल्कि जनजातीय समुदाय की मौलिकता, संघर्ष और आत्मनिर्भरता की आवाज को भी उच्चारित किया. यह आयोजन उस अदृश्य धारा को प्रकट करता है, जो सशक्त होकर जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करती है. कलर्स ऑफ झारखंड कार्यक्रम में विविधता और संस्कृति की अनुपम छंटा दिखी. इस आयोजन में राज्य के विभिन्न जनजातीय समुदायों ने अपने दिलचस्प गीत-संगीत और नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से रही अधिक, चुनाव आयोग ने किया पुष्टि


झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही क्योंकि राज्य की 43 में से 37 सीट पर महिलाओं ने अधिक मतदान किया. 

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. निर्वाचन आयोग ने बताया कि 13 नवंबर को हुए पहले चरण के मतदान में 66.65 प्रतिशत मतदान हुआ, जो इन 43 सीट पर 2019 के विधानसभा चुनावों में दर्ज मतदान से 2.75 प्रतिशत अधिक है. आयोग ने एक बयान में कहा, ‘महिला मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया,

उन्होंने पुरुषों से 4.8 प्रतिशत अधिक मतदान किया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आकार देने में उनकी बढ़ती भागीदारी को बल मिला है.’ झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पुष्टि की है कि सभी मतदान दल सुरक्षित लौट आए हैं और उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में जांच पूरी हो गई है. अंतिम आंकड़े डाक मतपत्रों की गिनती के बाद उपलब्ध होंगे.

डाक मतपत्रों में सेवारत मतदाता, अनुपस्थित मतदाता – 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता, दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाओं में तैनात मतदाता तथा चुनावी ड्यूटी पर तैनात मतदाता भी शामिल हैं. चुनाव अधिकारी ने बताया कि स्थापित दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्राप्त होने वाले ऐसे डाक मतपत्रों का दैनिक विवरण सभी उम्मीदवारों को दिया जाता है.

इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर महिला प्रत्याशी दे रहा एक दूसरे को चुनौती


झा. डेस्क 

इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में 4 सीटों पर इंडी गठबंधन की महिला उम्मीदवारों से सीधा मुकाबला है.इन सीटों पर कड़ा मुकाबला में जो भी उम्मीदवार जीतेगी बहुत कम वोटों से जीतेगी.

अगर हम बात करें रामगढ़ में इंडी गठबंधन की ममता देवी का मुकाबला सुनीता चौधरी से है. यहां पूर्व में ममता देवी विधायक रह चुकी है. एक मामले में जेल जाने के बाद कांग्रेस से विधायक रही ममता देवी की विधायकी चली गयी उसके बाद यहां उपचुनाव होने पर आजसू की सुनीता चौधरी विधायक बनी. इस बाऱ वर्तमान विधायक सुनीता चौधरी का ममता देवी के साथ कड़ा मुकाबला है.

इसी तरह गांडेय सीट पर वर्तमान विधायक कल्पना सोरेन को मुनिया देवी चुनौती दे रहीं है.एनडीए उम्मीदवार मुनिया देवी और कल्पना सोरेन के बीच सीधा मुकाबला है, यहां JKLM प्रत्याशी नॉमिनेशन के बाद झामुमो में शामिल हो गए जिससे कल्पना की राह आसान हो गयी. अब सीधा मुकाबला मुनिया देवी और कल्पना सोरेन के बीच रह गया है.

 अब डुमरी की बात करें तो झामुमो प्रत्यशी और राज्य की मंत्री बेबी देवी के विरुद्ध इस बाऱ यशोदा देवी चुनाव लड़ रहीं है 

इसी तरह झरिया में सिंह मैनसन की 2 बहुएं आमने-सामने हैं, वर्तमान विधायक पूर्णिमा देवी का सीधा मुकाबला रागनी देवी के साथ है.रागनी देवी भाजपा की उम्मीदवार है जबकि पूर्णिमा देवी कांग्रेस से वर्तमान विधायक है.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां प्रमुख पार्टियों ने महिलाओं को टिकट दिया है. इन सीटों पर महिलाओं के बीच ही मुख्य मुकाबला है. एक सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवार का आजसू से मुकाबला है. एक सीट पर झामुमो प्रत्याशी का भाजपा से है, तो एक सीट पर झामुमो प्रत्याशी की भिड़ंत आजसू की प्रत्याशी से है. एक सीट पर कांग्रेस और बीजेपी की उम्मीदवार आमने-सामने हैं.

झारखंड में दूसरे चरण के होने वाले मतदान में 38 सीटों पर 528 उम्मीदवारों के किस्मत पर जनता लेगी फैसला

,* *कुछ सीटों पर एनडीए-इंडी का सीधा मुकाबला तो कुछ पर जयराम महतो बिगाड़ेंगे खेल* झारखंड डेस्क झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान हुआ. अब दूसरे चरण में 38 विधानसभा सीटों पर मतदान 20 नवंबर को होगा. 38 सीटों पर इस बक्त 528 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनकी चुनाव के बाद किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी. दूसरे चरण में संथाल परगना की सीटों पर कई नेताओं को अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा. हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना के सामने अपने गढ़ को बचाए रखने की चुनौती होगी. 20 नवंबर को होने वाले मतदान में संथाल परगना की सीटों पर अग्निपरीक्षा है. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के सामने अपने मजबूत गढ़ को बचाए रखने की चुनौती है तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का भी असल इम्तिहान है. झारखंड के फाइनल और अंतिम चरण की चुनाव में 38 सीटों पर 528 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें 472 पुरुष और 55 महिलाओं के अलावा एक थर्ड जेंडर भी है. 257 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं. 2019 में इन सीटों पर 583 प्रत्याशी उतरे थे, इस तरह 2024 चुनाव की तुलना में उम्मीदवार जरूर कम है लेकिन मुकाबला पहले से ज्यादा टफ है. खिजरी और टुंडी सीट पर सबसे ज्यादा 20-20 उम्मीदवार मैदान में हैं. किस सीट पर कितने प्रत्याशी सीट प्रत्याशी राजमहल 14 बोरियो 15 बरहेट 09 लिट्टीपाड़ा 09 पाकुड़ 16 महेशपुर 15 शिकारीपाड़ा 11 नाला 13 जामताड़ा 18 दुमका 17 जामा 17 जरमुंडी 13 मधुपुर 13 सारठ 15 देवघर 17 पोड़ैयाहाट 7 गोड्डा 13 महगामा 10 रामगढ़ 18 मांडू 17 धनवार 24 बगोदर 13 जमुआ 08. गांडेय 15 गिरिडीह 14 डुमरी 12 बेरमो 12 बोकारो 14 चंदनक्यारी 08 सिंदरी 09 निरसा 09 धनबाद 18 झरिया 11 टुंडी 20 बाघमारा 13 सिल्ली 15 खिजरी 20 किस दल के कितने उम्मीदवार? दूसरे चरण की जिन 38 सीटों पर चुनाव है, उसमें से 33 सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जबकि 5 सीट पर उसकी सहयोगी आजसू ने अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं. वहीं, दूसरे चरण में जेएमएम के 20 उम्मीदवार मैदान में हैं और उसके सहयोगी कांग्रेस 13 सीट पर चुनाव लड़ रही. इसके अलावा आरजेडी ने दो सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं तो सीपीआई माले ने 3 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. अगर हम मौजुदा हालात का विश्लेषण करें तो जनता के के मूड से जाहिर होता है कि झारखंड चुनाव के दूसरे चरण में 17 सीट पर बीजेपी और जेएमएम के बीच सीधा मुकाबला है तो 11 सीट पर कांग्रेस बनाम बीजेपी की लड़ाई है. तीन सीट पर आजसू बनाम जेएमएम की लड़ाई है तो तीन सीट पर माले की लड़ाई बीजेपी से है. आरजेडी को दोनों ही सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी से मुकाबला करना पड़ रहा है. ऐसे में कई सीट पर त्रिकाणीय लड़ाई भी है किस दल का क्या दांव पर लगा? विधानसभा चुनाव के जिन 38 सीट पर दूसरे चरण में चुनाव है, उनको 2019 के चुनावी नतीजे के लिहाज से देखें तो जेएमएम 13 सीटें जीतने में सफल रही थी. कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थीं. बीजेपी का 12 सीटों पर कब्जा है तो दो सीटों पर आजसू ने जीत दर्ज की थी. पांच सीटें अन्य और निर्दलीय ने जीती थी, जिसमें बाबूलाल मरांडी भी शामिल थे, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. जेएमएम और कांग्रेस ने 21 सीटों पर कब्जा जमाया था जबकि बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा था. इस लिहाज से हेमंत सोरेन को अपने सियासी गढ़ बचाए रखने की चिंता है तो बीजेपी में आए बाबूलाल मरांडी की भी असल परीक्षा इसी चरण में होनी है. संथाल परगना सोरेन का गढ़ झारखंड में संथाल परगना जेएमएम का गढ़ माना जाता है. राज्य की 81 में से संथाल परगना में 18 विधानसभा सीटें आती हैं. 18 सीटों वाला यह परगना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दुर्ग कहा जाता है. सीएम हेमंत सोरेन जिस बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वह भी संथाल परगना में ही है. झारखंड की सत्ता निर्धारित करने में यह परगना अहम भूमिका निभाता है और यह भी एक वजह है कि हर दल का फोकस संथाल जीतने पर रहता है. शिबू सोरेन का गृह क्षेत्र होने के कारण संथाल की सीटें नाक का सवाल बन गई हैं. संथाल जनजाति का बड़ा हिस्सा संथाल परगना में रहता है और यहां के सियासी मिजाज का संदेश धनबाद-गिरीडीह के इलाके में रहने वाले लोग प्रभावित करता है. हेमंत सोरेन खुद भी संथाल जनजाति से ही हैं. बीजेपी की रणनीति संथाल में आदिवासी अस्मिता के दांव को सोरेन परिवार की ही सीता सोरेन और सिद्धो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के जरिये काउंटर करने की है. संथाल परगना में बदलती डेमोग्राफी और बांग्लादेश के नागरिकों के घुसपैठ को भी बीजेपी मुखरता से उठा रही है और इसे अपने संकल्प पत्र में भी जगह दी है. दूसरे चरण में तीन विधानसभा सीटों डुमरी, बेरमो और सिल्ली विधानसभा सीट में जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) प्रत्याशियों का जोर दिखेगा. डुमरी और बेरमो में जेएलकेएम प्रमुख जयराम महतो खुद चुनाव मैदान में हैं जबकि सिल्ली में देवेंद्रनाथ महतो चुनाव मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भी इन सीटों पर जयराम महतो और देवेंद्रनाथ महतो की पार्टी ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी.
महगामा की रैली में बोले राहुल, पीएम मोदी अरबपतियों की कठपुतली हैं


झारखंड डेस्क 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर भारत के गरीबों की कीमत पर अरबपतियों के हितों की पूर्ति करने का आरोप लगाया. 

झारखंड के गोड्डा जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया कि विपक्ष संविधान की रक्षा के लिए लड़ रहा है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उसे कूड़ेदान में डालने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि राहुल गांधी ‘लाल किताब’ दिखा रहा है. मोदी जी, इस किताब का रंग जरूरी नहीं है. इसमें जो लिखा है, वह जरूरी है. अगर आपने इसे पढ़ा होता तो आप लोगों में नफरत नहीं फैलाते, सबको एक दूसरे से नहीं लड़ाते.

उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने विचारधारा की लड़ाई है. कांग्रेस पार्टी के लोग और गठबंधन संविधान को बचाने का काम कर रहे हैं. वहीं भाजपा-आरएसएस, आंबेडकर जी के संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे कूड़ेदान में डालने की कोशिश कर रहे हैं। वे हिंसा फैला रहे हैं और जाति, पंथ और धर्म के आधार पर समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.

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राहुल ने कहा कि वह मोदी या उनके ‘56 इंच के सीने’ से नहीं डरते. उन्होंने कहा, ‘‘वह (मोदी) अरबपतियों की कठपुतली हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वह लोगों को ‘मन की बात’ सुनाएंगे और ‘पाठ सिखाएंगे’ और रात में उद्योगपतियों की शादियों का आनंद लेंगे.

गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत सरकार को जमीन हड़पने के लिए गिराया गया था.उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी मुंबई के धारावी में एक लाख करोड़ रुपये कीमत की जमीन एक उद्योगपति को सौंपने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की आवश्यकता की वकालत करते हुए, कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह भारत का चेहरा बदल देगी.

उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से विभिन्न संस्थानों में आदिवासियों, दलितों और ओबीसी की स्थिति का पता चलेगा. उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना तो होनी ही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को खत्म कर देंगे, प्रधानमंत्री मोदी जो चाहें वह कर सकते हैं.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री मोदी गरीबों के सम्मान की बात करते हैं, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करते.उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा, ‘‘आपके द्वारा चुने गए एक आदिवासी मुख्यमंत्री को झारखंड में सलाखों के पीछे डाल दिया गया.