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November में इस तारीख को होगी Royal Enfield Goan Classic 350 लॉन्‍च, दमदार इंजन के साथ मिलेंगे बेहतरीन फीचर्स

डेस्क:–भारतीय बाजार में 350 से 650 सीसी के सेगमेंट में कई बेहतरीन बाइक्‍स की बिक्री करने वाली Royal Enfield की ओर से जल्‍द ही एक और बाइक को लॉन्‍च करने की तैयारी की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी 350 सीसी सेगमेंट की नई बाइक को लॉन्‍च किया जा सकता है। इसे कब तक लाया जा सकता है। किस तरह के फीचर्स इसमें मिल सकते हैं। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रॉयल एनफील्‍ड की ओर से भारतीय बाजार में जल्‍द ही नई बाइक को लाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक इस बाइक को 350 सीसी सेगमेंट में लाया जा सकता है। जिसमें कुछ बेहतरीन फीचर्स को ऑफर किया जाएगा।

कंपनी की ओर से अभी आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है लेकिन उम्‍मीद की जा रही है कि Royal Enfield Goan Classic 350 Bobber नाम से नई बाइक को लॉन्‍च किया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रॉयल एनफील्‍ड की नई बाइक में कंपनी कुछ बेहतरीन फीचर्स को ऑफर कर सकती है। इसमें सिंगल और स्प्लिट सीट, डिटैचेबल पि‍लियन सीट, यू शेप के हैंडलबार, गोल हेडलाइट, एलईडी लाइट्स, एलईडी इंडीकेटर्स, ड्यूल चैनल एबीएस, दोनों पहियों में डिस्‍क ब्रेक, एनालॉग स्‍पीडोमीटर और सेमी डिजिटल स्‍पीडोमीटर का विकल्‍प, यूएसबी चार्जिंग पोर्ट जैसे कुछ फीचर्स को दिया जा सकता है। इसके अलावा इसका डिजाइन रेट्रो बॉबर बाइक्‍स की तरह ही रखा जा सकता है।

कंपनी की ओर से जिस इंजन को क्‍लासिक 350 में उपयोग किया जाता है। उसी इंजन के साथ इस बाइक को लाया जा सकता है। इसमें 349 सीसी का जे-सीरीज इंजन दिया जा सकता है। जिससे बाइक को 20.2 बीएचपी की पावर और 27 न्‍यूटन मीटर का टॉर्क मिल सकता है। इसके अलावा इसमें एडजस्‍टेबल क्‍लच और ब्रेक को भी दिया जा सकता है।

कंपनी की ओर से अभी इस बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बाइक को 23 नवंबर को गोवा में लॉन्‍च (Royal Enfield Goan Classic 350 Launch November 2024) किया जा सकता है। लॉन्‍च के समय कंपनी की ओर से इस बाइक की एक्‍स शोरूम कीमत दो लाख रुपये के आस-पास रखी जा सकती है।

रॉयल एनफील्‍ड की ओर से इस बाइक को लॉन्‍च किया जाता है तो बाजार में इसका सीधा मुकाबला Jawa की ओर से कुछ समय पहले लॉन्‍च की गई Jawa 42 Bobber बाइक के साथ होगा।

कार के शीशे पर जम जाती है भाप, मिनटों में दूर करने का ये है तरीका


डेस्क:–वैसे तो अभी तक ठंड ने पूरी तरह से एंट्री नहीं मारी है, लेकिन इसके आने से पहले से ही परेशानियां ने आना शुरू कर दिया है। सर्दियां आने से पहले से लोगों की कार के शीशे और एसी बंद करने बाद विंडशील्ड पर भाप बनने लगी है। इस दौरान शीशे खोले या एसी चलाए तो ठंड लगने लग जाती है। जिसकी वजह से कार ड्राइव करने में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे देखते हुए हम यहां पर आपको इस परेशानी का निदान लेकर आए हैं। जिसे अपनाने के बाद आपको विंडशील्ड पर भाप जमने की समस्या नहीं होगी।

ठंड के मौसम में कार के विंडशील्ड से लेकर साइड के शीशे तक पर भाप जम जाती है। इसके होने की वजह कार के अंदर और बाहर का टेंपरेचर अलग-अलग होना होता है। कार के अंदर का टेंपरेचर ज्यादातर गर्म होता है, लेकिन बाहर का टेंपरेचर कार की तुलना में ठंडा होता है। इस अंतर की वजह से कार के केबिन के अंदर ह्यूमिडिटी लेवल बढ़ जाता है। इस वजह से कार की विंडशील्ड पर भाप जमने लगती है। भाप की वजह से शीशा ठंडा हो जाता है और उसपर जमी हुई भाप, पानी की बूंदे बनने लग जाती है।

कार की विंडशील्ड पर भाप जमने की वजह से सड़क पर गाड़ी को चलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भाप जब पानी की बूंद में बदलता है तो यह ड्राइविंग के लिए बड़ा खतरा बन जाती है। साथ ही विजिबिलिटी पर असर भी असर पड़ता है। जिसकी वजह से लोग हादसे का शिकार भी हो सकते हैं।

कार की विंडशील्ड पर भाप जमने की वजह से विजिबिलिटी पर असर पड़ता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए कार में डिफॉगिंग बटन दिया जाता है। अगर यह आपको नहीं मिल रहा है तो आप कार के मैनुअल को चेक कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल करते ही कुछ सेकेंड में ही आपके शीशे से भाप गायब हो जाएगी और आपका शीशा चमक जाएगा।

इसके साथ ही आप मार्केट में मिलने वाले डिफॉगर स्प्रे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही आपकी कार के एसी को सबसे कम टेंपरेचर पर चला सकते हैं। इसके अलावा आप हमेशा कार के मिरर को थोड़ा खोल भी सकते हैं। जिसकी वजह से अंदर और बाहर का टेंपरेचर बैलेंस रहेगा।

आईए जानते हैं  ठंड में बाइक की अच्छी माइलेज बनाए रखने के लिए क्या करें , साथ ही आप अपनी बाइक को ठंड में किस तरह से मेंटेन रख सकते हैं

डेस्क:–सर्दियां आते ही बाइक राइडर्स के लिए परेशानियां बढ़ जाती है। ठंड की वजह से बाइक ड्राइवरों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसमें से बाइक का स्टार्ट नहीं से लेकर उसका सही से माइलेज नहीं देना शामिल होता है। हमने आप सर्दियों में बाइक स्टार्ट करने के तरीके बारे में बता चुके हैं। जिसके बारे में आप यहां पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। इस खबर में आपको हम ठंड आने से पहले बाइक में जरूरी काम करवाने के बारे में बता रहे हैं। जिससे बाइक की परफॉर्मेंस बेहतर होने के साथ ही माइलेज भी अच्छा मिलेगा। आइए जानते हैं इसके बारे में।

सर्दियों में इंजन ऑयल गाढ़ा हो सकता है, जिसकी वजह से इंजन पर पहले ज्यादा दबाव पड़ता है। इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ने की वजह से माइलेज कम हो सकता है। इसलिए सर्दियों की शुरुआत में पुराने इंजन ऑयल को बदलकर सही ग्रेड का नया इंजन ऑयल डालें, जो ठंड में भी आसानी से फ्लो हो सकें।

एयर फिल्टर को नियमित रूप से क्लीन करते रहना चाहिए। इसपर धूल और गंदगी जम जाती है, जिसकी वजह से इंजन को पर्याप्त हवा नहीं मिल पाती है और फिर बाइक के माइलेज पर असर पड़ता है। ठंड शुरू होने से पहले एयर फिल्टर को क्लीन कर लेना या उसे बदलवा लेना अच्छा होता है। इसकी वजह से इंजन सही से काम करता है और बाइक अच्छा माइलेज देती है।

अगर बाइक का स्पार्क प्लग सही से काम न करें तो इंजन की इग्निशन प्रॉसेस पर असर पड़ा है, यह धीमी हो सकती है। इसकी वजह से फ्यूल जमने में ज्यादा समय और फ्यूल लगेगा। इसलिए ठंड शुरू होने से पहले स्पार्क प्लग को चेक करवाएं और अगर जरूरत पड़े तो इसे बदल दें।

सर्दियों में टायर का प्रेशर कम हो सकता है, जिससे बाइक का बैलेंस और माइलेज दोनों पर ही असर पड़ता है। इसलिए हर सप्ताह अपनी बाइक के टायर प्रेशर की जांच करें और सही मात्रा में हवा भरवाएं।

ठंड के मौसम में चेन और ब्रेक पर जंग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए चेक को अच्छी तरह से साफ करके उस पर लुब्रिकेंट लगवाएं और ब्रेक की जांच करवाएं ताकि वह सही तरीके से काम कर सकें। इसका सही तरीके से काम करने पर बाइक अच्छा माइलेज देती है।
आईए जानते हैं सरकार ने रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए क्या नई सुविधा शुरू की?

डेस्क:–उत्तर प्रदेश में कार्यरत रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसके तहत महिला रेजीडेंट डॉक्टरों को अब प्रसूति अवकाश के दौरान मानदेय मिलेगा। इसके अलावा, यदि प्रसूति अवकाश के कारण उनकी सेवा अवधि बढ़ती है, तो उन्हें बढ़ी हुई अवधि के लिए अतिरिक्त स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।

यह फैसला उच्च न्यायालय के आदेश पर लिया गया है, जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए थे कि वे रेजीडेंट महिला डॉक्टरों के प्रसूति अवकाश की नीति को पुनः परिभाषित करें। अब रेजीडेंट डॉक्टरों को प्रसूति अवकाश के दौरान सेवा बांड को लेकर विकल्प प्रस्तुत करने होंगे, जो इस व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने यूजी और पीजी छात्रों के लिए दो साल का अनिवार्य सरकारी सेवा बांड लागू किया है। इसके तहत डॉक्टरों को जूनियर सीनियर रेजीडेंट के रूप में सरकारी अस्पतालों में काम करना होता है। डॉक्टरों को सेवा बांड की अवधि पूरी करने के बाद ही पूरी राशि मिलती है। हालांकि, प्रसूति अवकाश के कारण यदि सेवा बांड की अवधि बढ़ती है, तो बढ़े हुए महीनों के लिए डॉक्टरों को स्टाइपेंड दिया जाएगा, जो पहले की नीति में शामिल नहीं था।

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संयुक्त सचिव मनोज सिंह द्वारा जारी एक आदेश के तहत इस नीति को लागू किया है, जो प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों और संस्थानों में कार्यरत एसआर, जेआर, डिमांस्ट्रेटर, ट्यूटर, नॉन पीजी जूनियर रेजीडेंट, और उनके समकक्ष रेजीडेंट डॉक्टरों पर प्रभावी होगा।

अब महिला रेजीडेंट डॉक्टरों को प्रसूति अवकाश पर मानदेय के साथ-साथ सेवा बांड की अवधि बढ़ने पर अतिरिक्त स्टाइपेंड मिलेगा, जो उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। इस कदम से महिला डॉक्टरों को उनके काम और परिवार के बीच बेहतर संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।
करंट लगने से मेडिकल कॉलेज के तकनीकी सहायक की हुई मौत


डेस्क:–मेडिकल कॉलेज के डायलिसिस विभाग में कार्यरत एक तकनीकी सहायक की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना बुधवार की है, जब सक्षम पांडेय (30) डायलिसिस के दौरान एक मरीज की मेंबरेन की सफाई कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें करंट लग गया, जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़े। अस्पताल में तत्काल इलाज शुरू किया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

सक्षम पांडेय, जो गोंडा जिले के कोतवाली देहात स्थित विमोर मोहल्ले के निवासी थे, महर्षि बालार्क जिला चिकित्सालय के डायलिसिस विभाग में तकनीशियन के रूप में काम कर रहे थे। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घटना के समय सक्षम पीपीई मोड में थे और डायलिसिस के एक मरीज की मेम्ब्रेन की सफाई कर रहे थे। करंट लगने के बाद उन्हें अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया, जहां इलाज के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

घटना के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और सक्षम के परिजन गोंडा से बहराइच के लिए रवाना हो चुके हैं। अस्पताल प्रशासन और पुलिस मामले की जांच कर रहे हैं।

यह हादसा अस्पताल में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी चेतावनी के रूप में सामने आया है, जिससे सुरक्षा उपायों की आवश्यकता और बढ़ गई है।
भारत पहुंचे सऊदी अरब के विदेश मंत्री, जयशंकर संग करेंगे बैठक

डेस्क:–सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद अपने दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मंगलवार देर रात भारत पहुंचे।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पालम स्थित वायुसेना स्टेशन पर प्रिंस फैसल बिन फरहान का विमान उतरा।

अपने इस दौरे पर सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद बुधवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक करेंगे।

इस दौरान फैसल बिन फरहान भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।

उनकी यह यात्रा बहुआयामी भारत-सऊदी अरब द्विपक्षीय संबंधों को और गति प्रदान करेगा।
पुलिस मुठभेड़ में तीन बदमाशों को पैर में गोली मारकर दबोचा

डेस्क:–प्रॉपर्टी डीलर नेहाल सिंह हत्याकांड में शामिल बदमाशों से देर रात पुलिस का एनकाउंटर हो गया। तीन बदमाशों को पैर में गोली लगने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया । चिकित्सकों ने हालत नाजुक देख तीनों को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया ।

सुरौली थाना क्षेत्र में जद्दु परसिया के पास मुख्य मार्ग पर बीते 0 7 नवंबर को प्रॉपर्टी डीलर नेहाल सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दी थी ।

नेहाल सिंह के हत्या के बाद हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को ले कर बीते मंगलवार को दिन में करणी सेना ने प्रदर्शन किया था।

मंगलवार की देर रात मुखबिर की सूचना पर सुरौली थाना क्षेत्र के कोइलगढ़हा ठाकुर देवा पुल के पास तीन युवको से मुठभेड़ में पुलिस ने हत्याकांड में शामिल आलोक कुमार राजभर पुत्र राम किशुन राजभर निवासी नई खास थाना सुरौली जनपद देवरिया और बृजेश गोस्वामी पुत्र विरेन्द्र गोस्वामी निवासी बेलाड़ाड़, थाना गगहा, गोरखपुर व अमन गिरी पुत्र राजेश गिरी निवासी कहला, थाना गगहा, जनपद गोरखपुर को गिरफ्तार कर लिया। तीनों बदमाशों के पैर में गोली लगने पर महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया ।

बदमाशों के पास से एक पिस्टल, दो तमंचे और एक मोटर साइकिल बरामद किया ।अभियुक्तों ने बताया कि पुरानी रंजिश में उन्होंने हत्या की थी।

अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिण सुनील कुमार सिंह ने बताया कि बीते दिन हत्या के मामले में तीनों वाछित थे । पुलिस से मुठभेड़ में तीनों को गोली लगने से घायल हो गए ।

साक्षी मलिक की कहानी एक नहीं, बल्कि कई कहानियों की गूंज है उनकी किताब “Witness Sakshi Malik”
डेस्क:–साक्षी मलिक की कहानी एक नहीं, बल्कि कई कहानियों की गूंज है। उनकी किताब “Witness Sakshi Malik” में उन्होंने अपने दर्द, संघर्ष और उस जज्बे का विस्तार से वर्णन किया है जिसने उन्हें न केवल अपने लिए, बल्कि उन तमाम बेटियों के लिए खड़ा होने की हिम्मत दी जो कभी-कभी अपनी आवाज भी खो बैठती हैं। यह किताब एक गवाही है—साक्षी की गवाही, समाज के उस हिस्से की गवाही जो अपनी आँखें बंद किए हुए है और उस न्याय व्यवस्था की गवाही जो असहाय सी प्रतीत होती है।

*अध्याय 1: एक सपने की शुरुआत*

पहले अध्याय में साक्षी ने अपने खेल के सफर की शुरुआत का ज़िक्र किया है। वह कहती हैं, “बचपन से मेरा सपना था कि मैं अपने देश के लिए ओलंपिक में मैडल जीतूं। मेरे माता-पिता ने मुझे हर कदम पर प्रोत्साहित किया, लेकिन जब मैं बड़ा हो रही थी, तो समाज ने हमेशा मुझे इस सफर के लिए कमजोर बताया।”

साक्षी का कहना है कि खेल की दुनिया में कदम रखते ही उन्होंने अपने इरादों को मजबूत किया और उस वक्त को भी याद किया जब उन्होंने पहली बार अपने परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया। उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी के तौर पर उनके लिए मेहनत और संघर्ष के मायने क्या हैं और कैसे उनकी सफलता का सपना न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए था।

*अध्याय 2: एक कड़वा अनुभव*

साक्षी के सफर का सबसे कठिन और दिल को झकझोर देने वाला हिस्सा तब आया जब उन्हें अपने एक वरिष्ठ के द्वारा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इस अध्याय में उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह का नाम लिया, एक ऐसा नाम जो भारतीय कुश्ती में बड़ी जगह रखता है, परंतु साक्षी के लिए यह नाम एक दर्दनाक याद बन गया। वह कहती हैं, “जब मैंने सोचा कि मुझे इस खेल में आदर्श मिल चुका है, उसी वक्त मुझे एहसास हुआ कि मेरे साथ विश्वासघात हुआ है। उन्होंने मेरी मासूमियत का फायदा उठाया।”

साक्षी के शब्दों में एक मजबूती थी। उन्होंने बताया कि कैसे इस अनुभव ने उनके अंदर एक अलग ही तरह की शक्ति जगाई। वह कहती हैं, “मैंने खुद से वादा किया था कि मैं अब चुप नहीं रहूंगी। जो कुछ भी मेरे साथ हुआ, मैं उसकी सच्चाई दुनिया के सामने लाकर रहूंगी।”

*अध्याय 3: संघर्ष का सफर*

साक्षी ने अपनी किताब के तीसरे अध्याय में उस मानसिक और भावनात्मक दबाव का वर्णन किया जो उन्हें समाज से मिला। समाज की खामोशी और अपनी आवाज के समर्थन में खड़े होने वाले लोगों की कमी से वह बेहद अकेला महसूस कर रही थीं। “हर एक रात एक लड़ाई बन गई थी। मुझे सपने आते थे, जिनमें मैं अपने ही दर्द से घिरी होती थी। लेकिन हर बार एक ही विचार आता, कि अगर मैं आज हार गई, तो मेरे जैसी बहुत सारी लड़कियां भी हार जाएंगी।”

इस अध्याय में साक्षी ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का सामना किया, कैसे उन्हें कमजोर करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी।

*अध्याय 4: कानून का सहारा*

किताब के इस हिस्से में साक्षी ने अपने केस को लेकर कानून की सहायता लेने का अनुभव साझा किया है। वह कहती हैं, “मैंने सोचा था कि न्याय व्यवस्था मेरे साथ खड़ी होगी, परंतु यह एक अलग ही दुनिया थी। मैंने कई बार अपने केस को रद्द करवाने की धमकियाँ सुनीं, मुझे कमजोर करने के लिए मुझ पर आरोप लगाए गए, लेकिन मैंने ठान लिया था कि अब पीछे नहीं हटूंगी।”

उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने वकीलों की मदद से केस को आगे बढ़ाया और समाज से समर्थन की अपील की। साक्षी के अनुसार, यह उनकी ज़िंदगी का सबसे कठिन दौर था, लेकिन वह इसे जीतने का हौसला कभी नहीं खो पाईं।

अध्याय 5: समाज का जागना

इस अध्याय में साक्षी ने उस बदलाव का वर्णन किया जो उनके केस ने समाज में लाया। उनकी आवाज कई लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनी, जो अपने अधिकारों के लिए खड़ी होना चाहती थीं। वह कहती हैं, “जब मैं न्याय के लिए खड़ी हुई, तो मैंने महसूस किया कि यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उन तमाम लड़कियों की लड़ाई थी जो रोज अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करती हैं। मैंने इस किताब को उन सभी के लिए लिखा है जो अपनी आवाज उठाना चाहती हैं।”

साक्षी ने बताया कि उनका मकसद केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज में एक ऐसी जागरूकता लाना है कि कोई भी लड़की अपने अधिकारों के लिए संघर्ष से पीछे न हटे।

*अध्याय 6: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लड़ाई का आखिरी मोर्चा*

इस अध्याय में साक्षी ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने संघर्ष का अंतिम मोर्चा दिखाया। उन्होंने लिखा, “मैंने सोचा था कि उनके खिलाफ लड़ाई मुश्किल होगी, लेकिन मैंने कभी हार मानने का विचार भी नहीं किया। जब उन्होंने मुझसे मेरा आत्म-सम्मान छीनने की कोशिश की, तभी मैंने ठान लिया था कि अब इस अत्याचार का अंत करना होगा।”

साक्षी का कहना है कि इस लड़ाई के दौरान उन्हें कई तरह की धमकियाँ मिलीं, परंतु उन्होंने हर बार अपने मन में एक दृढ़ता महसूस की। यह उनका सम्मान और अस्तित्व की लड़ाई थी, और उन्होंने इसे अंजाम तक पहुँचाने की ठान ली थी।

*अध्याय 7: समाज के लिए एक नई शुरुआत*

साक्षी के अनुसार, यह संघर्ष केवल उनके लिए नहीं था, बल्कि उस समाज के लिए भी था जो महिलाओं को कमजोर मानता है। उन्होंने लिखा, “मेरी यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि उस मानसिकता के खिलाफ है जो महिलाओं को कमजोर समझती है। मैं चाहती हूँ कि मेरा उदाहरण हर लड़की के लिए प्रेरणा बने, ताकि वह अपने सम्मान और आत्म-सम्मान के लिए खड़ी हो सके।”

*समाज को संदेश*

किताब का अंतिम हिस्सा समाज के नाम एक संदेश है। साक्षी ने लिखा, “अगर हम समाज में बदलाव चाहते हैं, तो हमें खुद खड़े होना पड़ेगा। यह जरूरी नहीं कि हमें लड़ाई केवल अपने लिए लड़नी है, बल्कि हमें उन सभी के लिए लड़नी है जो अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठा पाते। मेरी यह कहानी हर उस लड़की के लिए है जो अपने अधिकारों के लिए खड़ी होना चाहती है।”

Witness Sakshi Malik एक ऐसी किताब है जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। साक्षी के संघर्ष की यह गवाही उस हर एक लड़की के लिए है जो अपने सम्मान और आत्म-सम्मान की रक्षा करना चाहती है। यह कहानी उन सबके लिए है, जो अपने हक के लिए लड़ना चाहते हैं और उन सबके लिए जो यह मानते हैं कि न्याय और समानता का अधिकार हर किसी का है।

अब समय आ गया है कि समाज अपनी आँखें खोले और हर बेटी के हक में खड़ा हो।
कटेहरी उपचुनाव में राजनीतिक सरगर्मी तेज,नेताओं का आवागमन जारी

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के कटेहरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। आगामी 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव और अखिलेश यादव समेत अन्य बड़े नेता अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाएं करने जा रहे हैं।

कटेहरी उपचुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर कटेहरी में अपनी ताकत दिखाने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, सीएम योगी आदित्यनाथ 16 या 17 नवंबर को कटेहरी आएंगे और एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। यह उनके दौरे का अंतिम कार्यक्रम होगा, जो चुनावी प्रचार के लिहाज से अहम साबित हो सकता है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने कटेहरी में विकास कार्यों की समीक्षा की थी और चुनावी तैयारियों के संदर्भ में स्थानीय नेताओं से मुलाकात भी की थी। वे पहले ही एक जनसभा में कटेहरी बाजार पहुंचे थे और हीड़ी पकड़िया में भी उन्होंने जनसभा की थी।

14 नवंबर को उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य भी कटेहरी पहुंचेगे। वे नाऊसांडा स्थित जयराम वर्मा इंटर कॉलेज में कार्यकर्ता बैठक करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरे से भाजपा को चुनावी प्रचार में और मजबूती मिल सकती है।

समाजवादी पार्टी भी कटेहरी उपचुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पार्टी के महासचिव और प्रमुख नेता शिवपाल यादव 14 नवंबर को कटेहरी पहुंचेंगे और जनसभा करेंगे। इसके बाद, 17 नवंबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कटेहरी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। सपा ने इस उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकी है और पार्टी के नेता चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। शिवपाल यादव, अखिलेश यादव के साथ-साथ सपा के अन्य नेता जैसे प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, विधायक सुधाकर सिंह और एमएलसी रामदुलार राजभर भी कटेहरी में सक्रिय हैं और पार्टी प्रचार में सहयोग कर रहे हैं।

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी कटेहरी उपचुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहे हैं। वे पार्टी के उम्मीदवार राजेश गौतम के समर्थन में 13 नवंबर को कटेहरी पहुंचेंगे। रामदेव जनता इंटर कॉलेज के खेल मैदान में आयोजित जनसभा में चंद्रशेखर आजाद सुबह 11 बजे पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से संवाद करेंगे। इस जनसभा के लिए पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है।

कटेहरी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गर्म है और सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने में जुटे हैं। आगामी कुछ दिनों में, सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद के प्रचार के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कटेहरी की जनता किस पार्टी को अपना समर्थन देती है।
एक बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बची वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन


डेस्क:–वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन एक बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बची। ट्रेन के सामने अचानक एक जानवर आ गया, जिससे ट्रेन के आगे के हिस्से में गंभीर क्षति हुई, लेकिन ट्रेन की कुशल चालक दल ने स्थिति को संभाल लिया और बड़ा हादसा टल गया। यह घटना आगरा जिले के छलेसर-एत्मादपुर रेलखंड के बीच घटी, जब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन वाराणसी से आगरा जा रही थी।

वंदे भारत एक्सप्रेस, जो कि उच्च गति वाली ट्रेन है, आगरा की ओर जा रही थी, जब अचानक ट्रेन के सामने एक जानवर आ गया। जानवर के टकराने से ट्रेन के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, ट्रेन की गति को नियंत्रित करने में चालक दल ने सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभाई, जिससे एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।

जानवर से टकराने के बाद ट्रेन की गति में अचानक बदलाव आया और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ यात्री घबराहट में चिल्लाए, लेकिन समय रहते ट्रेन को रोक लिया गया और दुर्घटना को नियंत्रित किया गया। यात्री थोड़ी देर के लिए घबराए हुए थे, लेकिन किसी प्रकार की गंभीर चोट की खबर नहीं आई है।

यह हादसा आगरा जिले के छलेसर और एत्मादपुर स्टेशन के बीच हुआ। इस इलाके में अक्सर जानवर रेलवे ट्रैक पर आते रहते हैं, जो हादसों का कारण बन सकते हैं। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए रेलवे अधिकारियों को सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।

जानवर के टकराने से ट्रेन के सामने वाले हिस्से में मामूली क्षति हुई। हालांकि ट्रेन में लगे अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों ने हादसे को और बड़ा होने से रोका। ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं, और राहत की बात यह है कि जानवर की भी मौके पर मृत्यु हो गई।

इस हादसे के बाद रेलवे अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और ट्रेन की स्थिति को सुधारा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि रेलवे ट्रैक के आसपास जानवरों की मौजूदगी को नियंत्रित करने के लिए अधिक सख्त उपाय किए जाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।