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चिरकुंडा चेकपोस्ट पर बाइक से 1.90 लाख रुपए जब्त


 

धनबाद : पश्चिम बंगाल से लगी सीमा के समीप चिरकुंडा अंतरराज्यीय चेकपोस्ट पर सोमवार की दोपहर पुलिस ने वाहन जांच के दौरान एक बाइक से 190500 रुपये जब्त किए हैं.पकड़ा गया बाइक सवार सन्नी वर्णवाल बराकर का रहने वाला है. वह अपनी बाइक ( संख्या JH 10 BA-7408) से चिरकुंडा आ रहा था.

 तभी चेकपोस्ट पर वाहन जांच के दौरान पकड़ा गया. पुलिस की पूछताछ में सन्नी वर्णवाल ने बरामद राशि के संबंध में न तो संतोषजनक जवाब दिया, न ही कोई सबूत प्रस्तुत किया.

 इसके बाद चिरकुंडा पुलिस व एसएसटी टीम ने रुपये जब्त कर चुनाव आयोग की कमेटी को सौंप दिया. ज्ञात हो कि चिरकुंडा चेकपोस्ट पर अब तक विभिन्न वाहनों से करीब 17 लाख रुपये जब्त किए जा चुके हैं.

झारखंड के पहले चरण से ही तय हो जाएगी सत्ता की दशा और दिशा, समझें 43 सीटों का लेखा-जोखा

रांची : झारखंड के पहले चरण में जिन 43 सीटों पर चुनाव होने हैं. इनमें सबसे ज्यादा 14 सीटें कोल्हान क्षेत्र की हैं. पहले चरण में विभिन्न दलों और निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. जेएमएम ने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं.

पीएम मोदी, बाबूलाल मरांडी, सुदेश महतो, हेमंत सोरेन, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव

झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनावी शोर सोमवार शाम थम गया. पहले फेज में 15 जिलों की 43 सीटों के लिए बुधवार को मतदान है. इस चरण की 43 विधानसभा सीटों पर 683 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 1.37 करोड़ वोटर्स तय करेंगे.

 इस तरह राज्य की आधी से ज्यादा सीटों पर वोटिंग खत्म हो जाएगी और उसके साथ ही सत्ता की दशा-दिशा भी साफ हो जाएगी. यही वजह है कि इंडिया गठबंधन और एनडीए ने पूरा दमखम लगाया है.

झारखंड के पहले चरण में 43 सीटों में से सबसे ज्यादा 14 सीटें कोल्हान क्षेत्र की हैं. इसके अलावा 13 सीटें दक्षिणी छोटानागपुर, 9 सीटें पलामू और 7 सीटें उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्र की हैं. सूबे की जिन 43 सीटों पर पहले चरण में चुनाव हैं, उसमें से 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं और छह सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं. इसके अलावा बाकी 17 सामान्य सीटें हैं.

पहले चरण में किसके-कितने कैंडिडेट?

पहले चरण में विभिन्न दलों और निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच होना है. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए में आजसू, जेडीयू और एलजेपी (आर) शामिल हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही है.

पहले चरण में जेएमएम ने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं, तो कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. आरजेडी ने 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं, जिनमें से दो महागठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ भी हैं. इन दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी के बीच फ्रेंडली फाइट हो रही है. वहीं, एनडीए के तहत 43 में से 36 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इसके बाद सुदेश महतो की आजसू के चार, नीतीश कुमार की जदयू के दो और चिराग पासवान की लोजपा (आर) का एक सीट पर उम्मीदवार मैदान में है.

पहले चरण में किसका-क्या दांव पर लगा?

झारखंड के पहले चरण में जिन 43 सीटों पर चुनाव होने हैं, उसे 2019 के चुनावी लिहाज से देखें तो जेएमएम सबसे ज्यादा सीटें जीतने में सफल रही थी और उसके बाद बीजेपी को सीटें मिली हैं. हेमंत सोरेन की अगुवाई में जेएमएम 17 सीटें और कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थीं. एनसीपी और आरजेडी एक-एक सीट जीती थी. वहीं, बीजेपी ने 13 विधानसभा सीटें जीती थीं और एक सीट जेवीएम ने जीती थी. इसके अलावा दो सीटों पर निर्दलीय विधायक चुने गए थे.

महागठबंधन ने 27 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया था, लेकिन इस बार सियासी हालत बदल गए हैं. बीजेपी ने आजसू से लेकर जेडीयू और चिराग पासवान की एलजेपी से गठबंधन कर रखा है. 

इस तरह पहले चरण में असल अग्निपरीक्षा हेमंत सोरेन और कांग्रेस के गठबंधन की होनी है. बीजेपी इस चरण की 43 सीटों में से ज्यादातर सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करना चाहती है, जिसके लिए आदिवासी वोटों पर खास फोकस कर रखा है.

पहले चरण के खास चेहरे कौन से हैं?

झारखंड चुनाव के पहले चरण में चर्चित सीटों में सरायकेला, रांची, जमशेदपुर पश्चिम, जगन्नाथपुर और जमशेदपुर पूर्व शामिल हैं. खास चेहरों की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सरायकेला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इस बार जेएमएम के बजाय बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. जमशेदपुर पूर्व में कांग्रेस के अजय कुमार का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की बहू और भाजपा उम्मीदवार पूर्णिमा दास से है.

जगन्नाथपुर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी और बीजेपी उम्मीदवार गीता कोड़ा का कांग्रेस नेता सोना राम सिंकू का मुकाबला है. रांची सीट पर 1996 से विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह (सीपी सिंह) के सामने जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने ताल ठोक रखी है. जमशेदपुर पश्चिम में कांग्रेस के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का सामना जदयू नेता सरयू रॉय से है. सरयू रॉय ने 2019 के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास को जमशेदपुर पूर्वी सीट से शिकस्त दी थी. इस बार वह अपनी सीट बदलकर चुनाव में उतरे हैं.

पहले चरण की वोटिंग की तैयारी

पहले चरण के लिए बुधवार को सुबह सात बजे से 43 विधानसभा सीटों के 15 हजार 344 बूथों पर चुनाव मैदान में खड़े कुल 683 प्रत्याशी की किस्मत का फैसला कुल 1 करोड़ 37 लाख 10 हजार 717 वोटर करेंगे. पहले चरण में कुल वोटरों में 68 लाख 73 हजार 455 पुरुष, 68 लाख 36 हजार 959 महिला और 303 थर्ड जेंडर शामिल हैं.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने चुनाव तैयारी पूरी कर लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्र पर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. मॉडल बूथ के अलावा सभी मतदान केंद्र से वेब कास्टिंग की सुविधा होगी, जिसके जरिए आयोग और जिला मुख्यालय कंट्रोल रूम से नजर रखी जाएगी. ऐसे में बीजेपी और जेएमएम के बीच सीधा मुकाबला है, तो कांग्रेस की भी अग्निपरीक्षा है. ऐसे में सत्ता का दारोमदार पहले चरण की सीटों से तय होनी है.

झारखंड विस चुनाव की 43 सीटों पर कल वोटिंग,पूर्व CM समेत कई मंत्रियों के फैसला


रांची :पहले चरण में झारखंड की 43 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जायेंगे. 13 नवंबर को झारखंड में सत्ता का रण शुरू हो जायेगा. इसको लेकर राजनीति की बिसात बिछ गयी है राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के सामने चुनौती है.

 झामुमो, भाजपा, कांग्रेस व आजसू सहित कई दल आमने-सामने हैं. पहले चरण में कई दिग्गजों की भी परीक्षा होनी है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और सरकार में शामिल कई मंत्रियों के भाग्य का फैसला होना है. ऐसी लगभग एक दर्जन सीटें हैं, जिस पर सबकी नजर है. यही 43 सीट झारखंड में सत्ता की तस्वीर और दलों की तकदीर तय करेगी.

सातवीं बार सीपी सिंह मैदान में महुआ माजी दे रहीं चुनौती

रांची विधानसभा सीट पर भाजपा का पिछले 28 वर्षों से कब्जा है. यहां से भाजपा प्रत्याशी वर्ष 1996 से लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं. सीपी सिंह को भाजपा ने सातवीं बार प्रत्याशी बनाया है. पिछले चुनाव में इस सीट पर झामुमो की महुआ माजी ने उन्हें कड़ी चुनौती दी थी. सीपी सिंह सिर्फ 5904 वोट से जीते थे. एक बार फिर महुआ माजी झामुमो के टिकट से मैदान में उतरी हैं.

 ऐसे में जनता की निगाहें इस सीट पर बनी हुई हैं. महुआ माजी फिलहाल राज्यसभा की सदस्य हैं.

नवीन जायसवाल को चुनौती देंगे अजयनाथ शाहदेव

हटिया से नवीन जायसवाल पिछले 12 वर्षों से विधायक हैं. वह अलग-अलग दल से चुनाव लड़ कर इस सीट से जीत दर्ज करते रहे हैं. वर्ष 2012 में हुए उप चुनाव में नवीन जायसवाल पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद वे 2014 में जेवीएम के टिकट से चुनाव जीते. वर्ष 2019 के चुनाव में वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते. इस बार भी भी उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है. इनके खिलाफ कांग्रेस के अजयनाथ शाहदेव चुनाव मैदान में हैं.

कांके में पिछले चार चुनावों से लगातार भाजपा को मिल रही है जीत

कांके सीट से अभी भाजपा के समरी लाल विधायक हैं. पिछले चार चुनावों में यह सीट भाजपा के खाते में गयी है. चार चुनावों में भाजपा ने दो बार रामचंद्र बैठा को यहां से टिकट दिया और वे विधायक बने. फिर 2014 में जीतू चरण राम को टिकट दिया, तो वे भी विधायक बने. वर्ष 2019 में समरी लाल को टिकट दिया, तो वे भी चुनाव जीते. इस बार फिर से जीतू चरण राम को यहां से टिकट दिया गया है. वहीं, कांग्रेस ने यहां से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में सुरेश कुमार बैठा को उतारा है.

मांडर में कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की और भाजपा के सन्नी टोप्पो में टक्कर

इस सीट पर 2005 से लेकर अब तक हुए चार चुनावों में तीन बार बंधु तिर्की विजयी हुए हैं. वर्ष 2005 में वह यूजीडीपी से विधायक बने. फिर 2009 में जेएचजेएएम से विधायक चुने गये. वहीं, वर्ष 2014 में इस सीट से भाजपा की गंगोत्री कुजूर जीतीं. वहीं, 2019 में बंधु तिर्की जेवीएम से चुनाव जीत गये. फिलहाल इस सीट से कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की विधायक हैं. इस बार कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया है. वहीं, भाजपा ने सन्नी टोप्पो को टिकट दिया है. दोनों के बीच सीधी टक्कर है.

विकास के सामने होंगे गोपाल कृष्ण पातर, होगी सीधी टक्कर

इस सीट से अभी झामुमो के विधायक विकास सिंह मुंडा हैं. श्री मुंडा वर्ष 2014 में यहां से विधायक रहे हैं. तब वह आजसू से जीते थे. यहां चार चुनावों में दो बार सीट जदयू के खाते में गयी, लेकिन प्रत्याशी अलग-अलग रहे. एक बार रमेश सिंह मुंडा व एक बार गोपाल कृष्ण पातर जीते. रमेश सिंह मुंडा की मृत्यु के बाद उनके पुत्र दो बार विधायक बने हैं. इस बार भी झामुमो ने विकास सिंह मुंडा को टिकट दिया है. वहीं, जदयू से फिर गोपाल कृष्ण पातर मैदान में हैं. जेएलकेएम ने दमयंती मुंडा को उतारा है.

वर्ष 2000 से लगातार विधायक हैं भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा

खूंटी विधानसभा सीट भाजपा की सेफ सीटों में एक रही है. वर्ष 2000 से लगातार इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा जीत दर्ज कर रहे हैं. रघुवर सरकार में नीलकंठ सिंह मुंडा मंत्री भी बने थे. एक बार फिर भाजपा ने नीलकंठ सिंह मुंडा पर भरोसा जताया है. वहीं, इस सीट पर झामुमो ने राम सूर्य मुंडा को प्रत्याशी बनाया है. वह महागठबंधन के प्रत्याशी हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान खूंटी विस क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को 47 हजार से अधिक की बढ़त मिली थी.

चार चुनावों में दो बार भाजपा और दो बार झामुमो जीता

तोरपा सीट से अभी भाजपा के कोचे मुंडा विधायक हैं. इस बार भी भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है. वहीं, झामुमो ने सुदीप गुड़िया को उतारा है. जेएलकेएम व झारखंड पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार दिया है. कोचे मुंडा वर्ष 2005 में भी यहां से विधायक बने हैं. इसके बाद वर्ष 2009 व 2014 में यह सीट झामुमो के खाते में चली गयी थी, लेकिन फिर वर्ष 2019 में यह सीट भाजपा के पास आ गयी. इस तरह चार चुनावों में दो बार झामुमो व दो बार भाजपा के खाते में यह सीट गयी है.

झामुमो-भाजपा के बीच सपा बना कोण, रोचक होगा मुकाबला

वर्तमान मंत्री मिथिलेश ठाकुर गढ़वा से महागठबंधन के उम्मीदवार हैं. वहीं, भाजपा ने पूर्व विधायक सत्येंद्र तिवारी को मैदान में उतारा है. पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह ने सपा से चुनावी मैदान में उतर कर मुकाबले को रोचक बना दिया है. तीनों एक-दूसरे का खेल बिगाड़ने में लगे हैं. इस सीट पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर की प्रतिष्ठा दांव पर है. तिवारी इस सीट से 2009 व 2014 में विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. गिरिनाथ सिंह 2000 व 2005 में चुनाव जीत चुके हैं.

भाजपा ने भानु और झामुमो ने अनंत प्रताप पर जताया भरोसा

भवनाथपुर से तीन बार विधायक रह चुके भानु प्रताप शाही एक बार फिर मैदान में हैं. इन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है. शाही वर्ष 2005 में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट से चुनाव लड़ कर विधायक बने थे. 2009 में शाही कांग्रेस प्रत्याशी अनंत प्रताप देव से हार गये थे. वर्ष 2014 में शाही एक बार फिर नवजवान संघर्ष मोर्चा के टिकट से चुनाव लड़ कर विजयी हुए थे. 2019 में शाही भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर विधायक बने थे. वहीं, झामुमो ने अनंत प्रताप देव को उतारा है.

मतदान से ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय ने घुसपैठ को लेकर 17 स्थानों पर की छापेमारी

झारखंड डेस्क 

झारखंड के विधानसभा चुनाव के साथ पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में उपचुनाव होने वाले हैं। दोनों राज्यों में 13 नवम्बर को मतदान है। दोनों राज्यों में मतदान से ठीक पहले पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) घुसपैठ को लेकर 17 स्थानों पर छापेमारी की है।

 बता दें कि जहां झारखंड की 43 सीटों पर बुधवार को मतदान होना है, वहीं पश्चिम बंगाल की 6 विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव इसी दिन है।

ईडी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की गयी 17 ठिकानों पर छापेमारी के बारे में ईडी सूत्रों ने बताया कि झारखंड में रांची और पाकुड़ और पश्चिम बंगाल के 24 परगना एवं कोलकाता में छापेमारी की जा रही है। 

ईडी की टीम मंगलवार सुबह से रांची के बरियातू स्थित होटल स्काई लाइन, आश्वी डायग्नोसिस सहित छह ठिकानों पर तलाशी ले रही है।

मामले में जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार यह एक महिला की शिकायत के बाद यह कार्रवाई हुई है। सूत्रों के अनुसार, महिला काम की तलाश में दलालों की मदद से भारत-बांग्लादेश सीमा पार से देश में घुस आयी थी। शिकायत दर्ज कराने वाली महिला एक संस्थान से भागकर पुलिस स्टेशन पहुंची थी। महिला के पास नकली आधार कार्ड भी पाया गया था।

 इसके बाद सितंबर में, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया, ताकि झारखंड में बांग्लादेशी महिलाओं की घुसपैठ और तस्करी की जांच की जा सके।

बता दें कि झारखंड में पहले चरण का चुनाव प्रचार भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन दूसरे चरण का चुनाव प्रचार चल रहा है। इन चुनाव प्रचारों में एनडीए के लिए जनसभाएं कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के सभी नेता बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे हैं।

इससे पहले सोमवार को बांग्लादेशी घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों को लेकर एनआईए की टीम ने भी 6 राज्यों में दबिश दी थी। एजेंसी की यह कार्रवाई बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा अल-कायदा आतंकवादी संगठन के समर्थन में की गई गतिविधियों से जुड़ी हैं, जो भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिश रच रहे थे। एनआईए ने यह छापेमारी जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम जैसे राज्यों में 9 स्थानों पर की। इन व्यक्तियों पर अल-कायदा के आतंकवादियों की गतिविधियों को समर्थन देने और फंडिंग करने का आरोप है।

चुनाव आयोग की कोशिश,कोई भी मतदाता वोट देने से ना रहे वंचित, जानिये इसके लिए चुनाव आयोग ने क्या क्या दिया है सुविधा....!


झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा के लिए कल वोट डाले जायेंगे। 13 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है। चुनाव आयोग की कोशिश की है कि कोई भी मतदाता वोट देने से वंचित नहीं रहे।

लिहाजा वोटरों के लिए कई तरह की सहुलियत भी दी गयी है। चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक अगर किसी वोटर के पास मतदाता फोटो पहचान पत्र नहीं है, तो भी वो मतदान का हकदार है।

चुनाव आयोग ने इसके लिए फोटो मतदाता फोटो पहचान पत्र के अतिरिक्त 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज दिखाकर भी मतदान कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी मतदाताओं को निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए गए हैं।

आयोग सभी मतदाताओं से अपेक्षा करता है कि वे मतदान स्थल पर अपना मत देने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए आयोग की ओर से जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाएंगे।

ये फोटो पहचान पत्र भी होंगे मान्य

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र नहीं दिखा पाता है तो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उनके लिए 12 वैकल्पिक दस्तावेज भी अनुमत किए गए हैं। ऐसे निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों यथा आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य बीमा स्कीम के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड,

रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) द्वारा नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (NPR) के अंतर्गत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किया गया फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किया गया सरकारी पहचान पत्र तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड दिखाकर मतदान कर सकते हैं।

पलामू में योगी का हुंकार,चुनावी सभा में कहा- "बंटे थे तो अयोध्या-काशी में अपमान झेलना पड़ा, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे';

पलामू।यूपी सीएम योगी सोमवार को पलामू के हुसैनाबाद, पांकी एवं मेदिनीनगर व गढ़वा के श्री बंशीधर नगर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया।

 उन्होंने कहा कि जब हम बंटे थे तो अयोध्या, काशी व मथुरा में अपमान झेलना पड़ा। बहन-बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ का अपमान झेलना पड़ा। बंटे थे तो कटे थे, इसलिए अब कहने आया हूं कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।

उन्होंने कहा कि जब ये राम मंदिर का निर्माण नहीं कर सकते, भगवान बिरसा मुंडा को सम्मान नहीं दे सकते, बाबा साहेब को सम्मान नहीं दे सकते, बेटियों की रक्षा नहीं कर सकते, बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर नहीं कर सकते, देश को सुरक्षा नहीं दे सकते, गरीबों का कल्याण नहीं कर सकते तो फिर इन्हें चुने क्यों?

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इनको एक सिरे से खारिज करने की आवश्यकता है। यह सरकार घुसपैठिये, रोहिंग्या व पत्थरबाजों की हितैषी है। लव जिहाद के नाम पर बांग्लादेशी घुसपैठिये इस प्रकार कोहराम मचा रहे हैं कि उच्च न्यायालय को भी चिंता करनी पड़ी। झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है। यहां देवघर है, जहां लोग कांवड़ यात्रा लेकर आते हैं। अगर कांग्रेस, झामुमो व राजद की चले तो यह कांवड़ यात्रा पर भी रोक लगा दें। पहले यूपी में कांवड़ यात्रा नहीं होने देते थे। अब यूपी में कांवड़ यात्रा होती है। शंख, घंटा और डीजे भी बजते हैं। माफिया से निपटने के लिए जज्बा चाहिए।

राजद, झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार विकास नहीं विनाश के दूत

हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राजद, झामुमो व कांग्रेस की गठबंधन सरकार विकास नहीं विनाश के दूत हैं। इसने पांच साल तक राज्य का विकास नहीं होने दिया। उन्होंने झारखंड के बालू, खनिज, जंगल सहित स्वाभिमान को भी बेचा है। इनके शासनकाल में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। बालू, कोयला, भूमि घोटाला आदि इसके उदाहरण हैं, इसलिए झारखंड में एनडीए की सरकार बनेगी तो विकास की गाड़ी तेजी से चलेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर हुसैनाबाद का नाम बदलकर रामनगर करेंगे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कमलेश कुमार सिंह, कुशवाहा शशिभूषण मेहता, आलोक कुमार चौरसिया व भानू प्रताप शाही को विजयी बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो सुरक्षा, विकास, सम्मान के लिए काम करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा कई जनोपयोगी योजनाओं को चला रही है।

योगी ने कहा कि झारखंड में तीन परिवार के लोगों का शासन है। इनको गरीबों की चिंता नहीं है। एक परिवार रांची, एक पटना और एक दिल्ली में बैठता है। इन तीनों को जनता की नहीं, सिर्फ अपने परिवार की चिंता है। तीनों झारखंड को लूटने में मस्त हैं। चुनावी सभा के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के स्वागत में दर्जनभर से अधिक बुलडोजर लगाए गए थे। बुलडोजर पर सवार होकर लोग योगी का अभिनंदन कर रहे थे।

योगी ने दी पांच गारंटी

योगी आदित्यनाथ ने झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनने पर जनता को पांच योजनाओं की गारंटी दी। इसमें लक्ष्मी जोहार योजना के तहत सभी को 500 रुपये में गैस सिलेंडर और प्रतिवर्ष दो निश्शुल्क सिलेंडर देने, गोगो दीदी योजना के तहत हर महिला के बैंक खाते में प्रतिमाह 2100 रुपये की सम्मान राशि, 21 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास, सभी परिवारों को घर निर्माण के लिए निश्शुल्क बालू और स्नातक व स्नाकोत्तर युवाओं को दो साल तक 2000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही। 2.87 लाख सरकारी रिक्त पदों पर निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से बहाली की जाएगी।

पत्नी की हत्या के आरोप में पति गिरफ्तार, डीएसपी विधि व्यवस्था ने हत्याकांड का किया खुलासा

धनबाद : पुटकी श्रीनगर में मीरा देवी की नृशंस हत्या करनेवाले आरोपी पति ललन पासवान को आज जेल भेज दिया गया. डीएसपी विधि व्यवस्था नौशाद आलम ने प्रेस कॉन्फ्रेस में बताया कि हत्यारे पति ललन पासवान की गिरफ्तारी नवादा से हुई.

 घटना की रात वह भागकर नवादा चला गया था. उन्होंने बताया कि आरोपी पति ललन की पत्नी पथरी की बीमारी से ग्रसित थी. जिसके इलाज के लिए ललन ने कर्ज लिया था और कर्ज चुकता करने को लेकर तनाव में था और इसी बात को लेकर पति – पत्नी के बीच लड़ाई झगड़े भी होते थे.

 घटना की रात ललन देर से घर पहुंचा.

उस रात भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ जिसके बाद ललन पासवान ने साईकिल की पेंडिल से अपनी पत्नी मीरा के ऊपर हमला कर दिया जिससे मीरा देवी की मौत हो गई. घटना को अंजाम देने के बाद वह नवादा भाग गया था.आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई. 48 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर कांड का उद्भेदन कर लिया गया. डीएसपी ने बताया कि इस मामले में अन्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

 बाकी लोगों के कांड में संलिप्त होने के मामले की जाँच की जा रही है.

पोटका में कल्पना सोरेन ने कहा झारखंड आकर जो आदिवासियों के नम पर राजनीति कर रहे हैं उनसे पूछिये मणिपुर की बेटियां आदिवासी नही थी

 पोटका में संजीब सरदार के पक्ष में जन सभा को संबोधित करते हुए कल्पना सोरेन ने भाजपा पर हमला बोला..

कल्पना सोरेन ने कहा भाजपा के लोग आदिवासियों को लेकर रोना गाना कर रहें हैं। झारखण्ड में घूम रहे भाजपा नेताओं से पूछिए क्या मणिपुर में जिन बेटियों की इज्जत उछाली गई क्या वे आदिवासी नहीं थीं।

 भाजपा को आदिवासियों की चिंता नहीं है उनकी नजर यहां जमीन के नीचे पड़ी खनिज संपदा पर है। क्या मध्य प्रदेश में दलित के साथ दुर्व्यवहार हुआ, क्या वह झारखंड का बेटा नहीं था। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को। हंसदेव जंगल से बेदखल कर रहें हैं क्या आप झारखंड में ये स्थिति लाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा जब हम अपनी मुद्दों को लेकर बात उठाते हैं अपना बकाया पैसा मांगते हैं तो जेल भेज दिया जाता है। क्या भाजपा में झारखंड के आदिवासी नेता नहीं हैं वे क्यों नहीं झारखंड का बकाया पैसा केंद्र सरकार मांगते हैं..

यह राशि केंद्र सरकार नहीं दे रही है, जिससे झारखंड का विकास को और तेज किया जा सके। कल्पना सोरेन कहा झारखंड के हक अधिकार की लड़ाई झारखंड का बेटा लड़ रहा है। आज 40 लाख लोगों को पेंशन योजना से जोड़ा है, 55 लाख से अधिक महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना से जोड़ा है। इससे पहले महिलाओं के लिए ऐसी क्रांतिकारी योजना नहीं लाई गई थी। 25 लाख से अधिक अबुआ आवास का निर्माण झारखंडियों के लिए कराया जा रहा है। झारखंडी सरकार हर झारखंडी के लिए कार्य कर रही है..

आज शाम से बंद हो जायेगा चुनाव प्रचार का भोंपू : के रवि कुमार

झारखंड डेस्क 

रांची: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि आगामी चुनावों के पहले चरण के प्रचार कार्य की समाप्ति सोमवार शाम तक हो जाएगी. जहां मतदान शाम पांच बजे तक होगा, वहां चुनाव प्रचार शाम पांच बजे और जहां शाम चार बजे तक मतदान है, वहां प्रचार 48 घंटे पहले यानी सोमवार को चार बजे समाप्त हो जाएगा.

इसके साथ ही, प्रचार समाप्त होने के बाद उन स्थानों पर उपस्थित बाहरी राजनीतिक व्यक्तियों को वहां से हटने के निर्देश दिए गए हैं. कुमार ने बताया कि सोमवार को पांच जिलों पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और गढ़वा में हेलीड्रापिंग के जरिए 225 मतदान बूथों पर चुनाव कर्मियों को भेजा जाएगा.

 इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों पर प्रत्याशियों द्वारा लगाए जाने वाले कैंप के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक होगी और यह कैंप 200 मीटर के दायरे में नहीं होना चाहिए.

क्या वजह है कि 24 साल बाद भी हायर एजुकेशन के लिए झारखंड के बच्चों को बाहर जाना पड़ रहा है:-विधायक भावना बोहरा


झारखंड डेस्क 

ज़मशेदपुर में एक छत्तीसगढ़ के पंडरिया की विधायक भावना बोहरा ने संवाददाता सम्मेलन कर बन्ना गुप्ता और हेमंत सरकार से पूछा कि 24 साल हो गए झारखंड के बने. क्या वजह है कि 24 साल बाद भी हायर एजुकेशन के लिए झारखंड के बच्चों को बाहर जाना पड़ रहा है?

 कोई बीमार हो जाए तो उसे भी इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. आखिर क्यों? उन्होंने कहा कि अभी झारखंड को जहां होना चाहिए था, वहां नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस विधानसभा चुनाव में एनडीए की सरकार बनेगी और मोदी जी के नेतृत्व में राज्य आगे बढ़ेगा.

भावना बोहरा ने आरोप लगाया कि केंद्र की योजनाओं पर झारखंड सरकार काम नहीं करती. यह सरकार वोट बैंक देखती है. उन्होंने महिलाओं की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि महिला सुरक्षा यहां बड़ा मुद्दा है. महिलाओं में असुरक्षा की भावना है जमशेदपुर में अपराधियों को शह मिलता है. पांच साल में झारखंड में घुसपैठियों की संख्या बहुत बढ़ी है. मिनी भारत का स्वरूप बदल रहा है. घुसपैठिये बढ़ रहे हैं. 

उन्होंने पूछाः क्या हम झारखंड को बांग्लादेश या मणिपुर बनाना चाहते हैं? इस संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष बिनोद सिंह, जदयू के वरिष्ठ नेता मधुकर सिंह, राणा प्रताप सिंह, आकाश शाह, भाजपा की नीलू मछुआ समेत अन्य लोग मौजूद थे.