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सरायकेला :गोवर्धन पूजा का भोग : गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाया जाता है और उसी का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट के साथ भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग
                              गोवर्धन पूजा आज

सनातन धर्म के लोगों के लिए पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का विशेष महत्व है। इस पांच दिनों के दौरान लोगों के घर में अलग दी धूम देखने को मिलती है। सुबह-शाम देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इसी के साथ घर को दीयों, झालरों और फूलों से सजाया जाता है। पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और अंत में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से साधक के समस्त दुख और संताप दूर हो जाते हैं। चलिए जानते हैं इस बार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि कब है, जिस दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा कब है? : वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 1 नवंबर 2024 को सायं 06 बजकर 16 मिनट से हो रहा है, और इसका समापन अगले दिन 2 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा का मुहूर्त : 2 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 6 बजे से लेकर 8 बजे तक है। इसके बाद दोपहर में 03:23 मिनट से लेकर 05:35 मिनट के बीच भी पूजा की जा सकती है।

गोवर्धन पूजा का महत्व ; गोवर्धन पूजा के दिन को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने उंगली पर उठाकर इंद्र देव की घमंड को चूर-चूर किया था। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा तो की ही जाती है, साथ ही यह त्योहार मानव और प्रकृति के बीच के संबंध को भी दर्शाता है। इस दिन दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और आपके जीवन में सकारात्मकता आती है। गोवर्धन महाराज की पूजा के साथ ही इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा आराधना करने से भी आपको लाभ मिलता है।

गोवर्धन पूजा की विधि : गोवर्धन पूजा के दिन प्रातःकाल गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाई जाती है। मूर्ति को फूलों और रंग से सजाएं। गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें। भगवान को फल, जल, दीपक, धूप और उपहार अर्पित करें। कढ़ी और अन्नकूट चावल का भोग लगाएं। इसके बाद इस दिन गाय, बैल और भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें। पूजा करने के बाद गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें और इस दौरान जल हाथ में लेकर मंत्र का जाप करें।
गोवर्धन पूजा का भोग : गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाया जाता है और उसी का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट के साथ भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग का प्रसाद भी बनाया जाता है।

गोवर्धन पूजा की कथा : पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को ब्रज में पहले देवराज इंद्र की पूजा हुआ करती थी लेकिन भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों से इंद्र के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा। भगवान कृष्ण की बात मानकर सभी ब्रजवासी गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना करने लगे, जब यह जानकारी देवराज इंद्र को मिली तो उन्होंने अपने घमंड में आकर पूरे ब्रज में तूफान और बारिश से कहर बरपा दिया। धीरे धीरे हर चीज जलमग्न हो रही थी, तब भगवान कृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी और इसी के साथ इंद्र के घमंड को भी तोड़ा था। चारों तरह घर अस्त व्यस्त होने की वजह से सभी सब्जियों को मिलाकर अन्नकूट तैयार किया गया था, तब से हर वर्ष इस तिथि को गोवर्धन महाराज पूजा की जाती है और अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
सरायकेला :तीनों विधानसभा क्षेत्र के लिए काशीसाहू कॉलेज, सरायकेला में बनाए जा रहें स्ट्रांग रूम, 50 ईचागढ विधानसभा क्षेत्र तैयारीयों का निरिक्षण
सरायकेला-: झारखंड विधानसभा आम निर्वाचन-2024 के तहत तैयारियो के निमित्त जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला ने विभिन्न कोषांग के वरीय पदाधिकारी तथा कार्यकारी एजेंसी के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ मतदान हेतू तीनों विधानसभा क्षेत्र के लिए काशीसाहू कॉलेज, सरायकेला में बनाए जा रहें स्ट्रांग रूम, 50 ईचागढ विधानसभा क्षेत्र एवं 51 सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए काशी साहू कॉलेज, सरायकेला में बनाए जा रहें डिस्पैच सेंटर तथा काशी साहू कॉलेज, सरायकेला में तीनो विधानसभा क्षेत्र के लिए मतगणना सम्बन्धित की जा रही तैयारीयों का निरिक्षण कर समीक्षा किया। इस दौरान डिस्पैच एवं रिसीविंग संबंधित की जा रही कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। निरीक्षण क्रम में सभी विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग पार्टी के (निर्धारित मतदान केंद्रवार) लिए अलग-अलग काउंटर बनाने, विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग वाहन पार्किंग का मैपिंग तैयार करने, सभी कमरों में CCTV, निर्बाध विधुत आपूर्ति, स्थल पर सहायता केंद्र, पोस्टल बैलेट मतदान केंद्र, मेडिकल टीम समेत अन्य आवश्यक स्टॉल स्थापित करने, चलन्त शौचालय एवं पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने, मतदान कर्मियों के सुगमता हेतु सभी आवश्यक जगहों पर साइनेज बोर्ड, बैनर-फ्लेक्स स्थापित करने समेत कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। निरिक्षण क्रम में जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा क्रमवार सभी कमरों, काउंटिंग हॉल, शौचालय, नियंत्रण कक्ष आदि का अवलोकन कर सम्बन्धित पदाधिकारी को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में सभी तैयारियां ससमय पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। निरीक्षन क्रम में उप विकास आयुक्त श्री प्रभात कुमार बरदियार,परियोजना निदेशक आई.टी.डी.ए श्री आशीष अग्रवाल (भा.प्र.से.) निदेशक डी.आर.डी.ए श्री अजय कुमार तिर्की, अपर उपायुक्त श्री जयवर्धन कुमार, सहायक समाहर्ता श्री कुमार रजत (भा.प्र.से.), जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में 4 नवंबर से 10 नवंबर 2024 तक साप्ताहिक रोलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन किया जाएगा।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में 4 नवंबर से 10 नवंबर 2024 तक साप्ताहिक रोलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन किया जाएगा।
इसके तहत कुछ ट्रेनें रद्द, मार्ग परिवर्तित या अल्पकालिक रूप से समाप्त/प्रारंभ होंगी।


रद्द होने वाली ट्रेनें: - 08680/08679 आद्रा-मिदनापुर-आद्रा मेमू (8 और 10 नवंबर को) - 08671/08672 आद्रा-भागा-आद्रा मेमू (10 नवंबर को)

मार्ग परिवर्तन: - 18601 टाटा-हटिया एक्सप्रेस (4, 6 और 9 नवंबर को) अल्पकालिक समाप्ति/प्रारंभ: - 03594/03593 आसनसोल-पुरुलिया-आसनसोल मेमू (4, 5, 6, 8 और 10 नवंबर को आद्रा पर) यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन पर जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।
सरायकेला : शुभ दीपावली , पूरे परिवार को पाँच दिवसीय दीपोत्सव (भगवान धनवंतरी,रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज) की हार्दिक शुभकामनाओॅ..
                              ।। शुभ दीपावली ।।
स्ट्रीट बज्ज परिवार एवं सरायकेला खरसावां जिला के रिपोर्टर विजय कुमार गोप की ओर से आपको और आपके पूरे परिवार को पाँच दिवसीय दीपोत्सव (भगवान धनवंतरी,रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज) की हार्दिक शुभकामनाओॅ के साथ "प्रकाश व प्रसन्नता के इस पर्व दीपावली की बहुत बहुत मंगल शुभकामनाएं।। इस दीपोत्सव के पर्व पर आपको आठों सिद्धियां, नौवों निधियां और चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति हो । साथ ही सुख, समृद्धि, आरोग्य, यश, कीर्ति और खुशी की भी अनवरत प्राप्ति हो। धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ श्री महालक्ष्मी,श्री हरि के साथ आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ।"


सरायकेला : दीपावली में लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे अधिक शुभ समय प्रदोषव्यापिनी अर्थात सूर्यास्त के बाद त्रिमुहूर्त में, कार्तिक अमावस्या को महालक्.
दीपावली कब है, आज या कल ?
इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को पड़ रही है। जिस कारण दीपावली के पूजन को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है। लक्ष्मी पूजन के लिए कौन सा मुहूर्त शुभ ?

दीपावली में लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे अधिक शुभ समय प्रदोषव्यापिनी अर्थात सूर्यास्त के बाद त्रिमुहूर्त में, कार्तिक अमावस्या को महालक्ष्मी पूजन किया जाता है। दिनांक 31 अक्टूबर 2024 को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शाम 03:53 बजे तक है और इस समय अमावस्या तिथि की शुरुआत हो जाएगी। जोकि 1 नवंबर को शाम 06:17 बजे तक रहेगी।
ऐसे में 1 नवंबर 2024 को महालक्ष्मी पूजन के लिए बहुत कम समय बच रहा है क्योंकि शाम को जल्दी ही अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी। लेकिन 31 अक्टूबर 2024 को अमावस्या की तिथि होते हुए भी लक्ष्मी पूजन नहीं किया जाएगा। इसके लिए शास्त्रों में कुछ प्रमाण दिए गए हैं जोकि इस प्रकार से हैं- अथाश्विनामावस्यायां प्रातरभ्यंगः प्रदोषे दीपदानलक्ष्मी-परजनादि विहितम्। तत्र सूर्योंदयं व्याप्ति-अस्तोत्तरं घटिकाधिकरात्रिव्यापिनी दर्शे सति न संदेहः। ( धर्मसिन्धु) अर्थ :- कार्तिक अमावस्या को प्रदोष के समय लक्ष्मी पूजन के लिए कहा गया है। उसमें यदि सूर्योंदय से लेकर सूर्यास्त के अनन्तर 1 घड़ी अर्थात 24 मिनट से अधिक रात्रि तक (प्रदोषकाल) अमावस्या हो, तो कुछ संदेह की बात नहीं है।

परदिने एव दिनद्वयेपि वा प्रदोषव्याप्तौ परा। पूर्वत्रैव प्रदोषव्याप्तौ लक्ष्षीपूजनादौ पूर्वां।(धर्मसिन्धुः) अर्थ :-  अगले दिन ही या दोनों दिन प्रदोषव्यापिनी अर्थात अमावस्या हो तो अगली अमावस्या लेनी होगी। इयं प्रदोषव्यापिनी ग्राह्या। दिनद्धये सत्त्वासत्त्वे परा। (तिथिनिर्णयः) तिथिनिर्णय (भट्टोजिदीक्षितकृत) पुरुषार्थ चिन्तामणि में लिखा है कि यदि दोनों दिन अमावस प्रदोष का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन ही लक्ष्मी पूजन करना चाहिए। व्याप्तिरिति पक्षे परत्र यामत्रयाधिकव्यापिदर्शे दर्श्पेक्षया प्रतिपद्वृदधिसत्वे लक्ष्मीपूजादिकमपि परत्रैवेत्युक्तम्। एतन्मते उभयत्र प्रदोषाव्याप्ति-पक्षेपि परत्र 'दर्शस्य सार्धयामत्रयाधिक-व्याप्ति-त्वात्परैव युक्तति भाति। (पुरुषार्थ-चिन्तामणि) अर्थ- --- यदि अमावस्या केवल पहले दिन ही प्रदोषव्याप्त हो और यदि अगले दिन अमावस्या तीन प्रहर से अधिक व्याप्त हो तथा दूसरे दिन भी प्रतिपदा वृद्धगामिनी होकर तीन प्रहर के उपरांत समाप्त हो रही हो, तो लक्ष्मी पूजन अगले दिन ही करें।

इसी प्रकार यदि दोनों दिन अमावस्या प्रदोषव्यापत होने से कल ही लक्ष्मी पूजन युक्तियुक्त : महालक्ष्मी पूजन 1 नवंबर 2024, शुक्रवार को शाम में सूर्यास्त से आधा घंटा पहले और सूर्यास्त के 2 घंटा 24 मिनट के बीच में अर्थात शाम 05:03 बजे लेकर 7:57 बजे के बीच महालक्ष्मी पूजन कर सकते हैं।

यदि बिल्कुल ही शुद्ध समय लेना हो तो शाम 5:33 बजे से 6:17 के बीच का उचित रहेगा। दिवाली पर क्या करें ?

कार्तिक अमावस्या यानि दीपावली के दिन प्रात:काल शरीर पर तेल की मालिश के बाद स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की हानि नहीं होती है। दिवाली के दिन वृद्धजन और बच्चों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को भोजन नहीं करना चाहिए। शाम को महालक्ष्मी पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें। दीपावली पर पूर्वजों का पूजन करें और धूप व भोग अर्पित करें। प्रदोष काल के समय हाथ में उल्का धारण कर पितरों को मार्ग दिखाएं। यहां उल्का से तात्पर्य है कि दीपक जलाकर या अन्य माध्यम से अग्नि की रोशनी में पितरों को मार्ग दिखायें। ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। दिवाली से पहले मध्य रात्रि को स्त्री-पुरुषों को गीत, भजन और घर में उत्सव मनाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में व्याप्त दरिद्रता दूर होती है। दीपावली में पांच दिन स्त्री प्रंसग न करें ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होता है |
सरायकेला: नरक रूप चतुर्दशी व छोटी दीपावली आज ।

नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। साल 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में हर साल यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। और इसे हम रूप चौदस और काली चतुर्थी भी कहते है।

मान्यता है की नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध करके उसकी कैद से 16 हजार महिलाओं को मुक्त कराया था। नरक रूप चतुर्दशी की तिथि :

पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 से होगी और समाप्त अगले दिन 31 अक्टूबर दोपहर 3:52 मिनट पर होगी ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक नरक चतुर्दशी का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन देवता यमराज की पूजा भी की जाती है। और घर में दीप भी जलाये जाते है। इस दिन विशेष बातों का ख्याल रखना जरुरी होता है।

नरक चतुर्दशी पूजा मुहूर्त :  नरक चतुर्दशी के दिन सूर्यास्त के बाद यम दीपक जलाया जाता है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।

नरक चतुर्दशी का महत्व :  मान्यता है कि नरक चतुर्दशी की रात को यम का दीपक जालने और मां महाकाली की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। इस दिन प्रातः काल ब्रह्म बेला में गंगाजल और अपामार्ग युक्त पानी से स्नान करने पर साधक को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है.। इसके अलावा नरक चतुर्दशी को यमदेव का दीपक जलाने से नरक के द्वार बंद कर देते हैं और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

नरक चतुर्दशी पर जरूर करें ये काम:  इस दिन आप सूर्योदय से पहले स्नान जरूर करें और माथे पर तिलक जरूर लगाए। नरक चतुर्दशी पर यम के नाम का दीप जलाये इस दिन यम की पूजा करना अच्छा माना जाता है। और ऐसा करने से अकाल मृत्यु का डर खत्म होता है। इस दिन पूरे शरीर में तेल की मालिश करें और फिर स्नान कर लें। कहा जाता है की चतुर्थी को तेल में लक्ष्मी जी निवास करती है जिसे देवियों का अशीर्वाद मिलता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है और ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस दिन 14 दिये जलाये जाते है और घर का अलग अलग स्थान पर रखें जाते है।

नरक चतुर्दशी पर ना करें ये काम :  नरक चतुर्थी वाले दिन देवता यमराज की पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन किसी भी जीव को नहीं मरना चाहिए। इस दिन घर की दक्षिणी दिशा को गंदा ना रखें। इस दिन तेल का दान भी नहीं करना चाहिए ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती है। इस दिन मांसाहार भोजन का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है। और देर तक सोने से घर में दरिद्रता का वास होता है।
सरायकेला : 57 खरसावां विधानसभा क्षेत्र से कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में, स्क्रूटनी के बाद सूची जारी, देखिए पूरी लिस्ट...
सरायकेला : 57  खरसावां विधानसभा क्षेत्र से कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में, स्क्रूटनी के बाद सूची जारी, देखिए पूरी लिस्ट...

सरायकेला। : 51 सरायकेल विधानसभा क्षेत्र से कुल 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में, स्क्रूटनी के बाद सूची जारी, देखिए पूरी लिस्ट...
सरायकेला : 51 सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से कुल  13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में, स्क्रूटनी के बाद सूची जारी, देखिए पूरी लिस्ट...

सरायकेला :50 ईचागढ़ विधान सभा के प्रत्याशियों का क्रमांक निर्धारित कर उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया।....

सरायकेला : विधानसभा चुनाव के नाम वापसी के दिन बुधवार को ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से किसी भी उम्मीदवार ने अपना नाम वापस नहीं लिया । कुल 23 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इसके साथ ही बुधवार को प्रत्याशियों का क्रमांक निर्धारित कर उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया।
ईवीएम में पहले मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के अभ्यर्थी रहेंगे। इसके बाद मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों से भिन्न पंजीकृत राजनीतिक दलों के अभ्यर्थी होंगे, इसके बाद अन्य अभ्यर्थी का नाम रहेगा।

ईवीएम के पहले नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार कल्याण चंद्र सिंह रहेंगे उनका चुनाव चिन्ह हाथी होगा । दूसरे नंबर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदवार सविता महतो रहेंगी, जिनका चुनाव चिन्ह तीर कमान होगा । तीसरे नंबर पर आजसू पार्टी के प्रत्याशी हरेलाल महतो रहेंगे, जिनके चुनाव चिन्ह केला छाप होगा. ईवीएम के चौथे नंबर पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के प्रत्याशी तरुण महतो रहेंगे, जिनके चुनाव चिन्ह कैंची होगा।

वहीं पांचवें नंबर पर राइट टू रिकॉल पार्टी के उम्मीदवार पृथ्वीनाथ महतो रहेंगे, जिनके चुनाव चिन्ह प्रेशर कुकर रहेगा. छठे नंबर पर संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के उम्मीदवार प्रवेश कुमार होंगे, जिनका चुनाव चिन्ह माचिस की डिब्बी होगा. ईवीएम के सातवें नंबर पर अबुआ झारखंड पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र नाथ माझी होंगे, जिनका चुनाव चिन्ह हीरा होगा. वहीं आठवें नंबर पर अंबेडकरराइट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार राम हरि गोप होंगे, जिनका चुनाव चिन्ह कोर्ट होगा।

ईवीएम के 9वें नंबर पर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रिजवान रहेंगे, जिनके चुनाव चिन्ह घड़ी होगा. वही दसवें नंबर पर भागीदारी पार्टी पी के प्रत्याशी श्याम बिहारी प्रजापति रहेंगे, जिनका चुनाव चिन्ह हांडी रहेगा. ईवीएम के 11वें स्थान पर भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह होंगे, जिनका चुनाव चिन्ह हॉकी और बाॅल होगा।

अन्य निर्दलीय अभ्यर्थियों में अजमल बल्की को ऑटो रिक्शा, अनूप कुमार महतो को पानी का जहाज, अरविंद कुमार सिंह को सिलाई की मशीन, आशुतोष महतो को आदमी व पाल युक्त नौका, आशुदेव महतो को बैटरी टॉर्च, मो कयूम खान को बाल्ला, खगेन महतो को हेलमेट, तुलसीदास महतो को गुब्बारा, बृहस्पति सिंह सरदार को कढ़ाई, मनु दत्त को गैस का चूल्हा, शंभू गोराई को बाल्टी और सुखराम हेंब्रम को फुटबॉल खिलाड़ी चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित किया गया है।

सरायकेला : ईचागढ़ 50 विधान सभा चुनाव को देखते हुए ,बुधवार को चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चांडिल बाजार में आज रात्रि को फ्लैग मार्च चलाया गया ।






सरायकेल : विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, भयमुक्त व निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए क्षेत्र में प्रर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की जा रही है. बाहर से आने वाले सशस्त्र सुरक्षा बलों को क्षेत्र के भौगोलिक स्थिति के अलावा अन्य आवश्यक जानकारियों से अवगत कराया जा रहा है।
बुधवार को आगामी विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से निष्पादित करने के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरबिंद कुमार बिन्हा के नेतृत्व में मिलनचोक, चांडिल बाजार में फ्लैग मार्च निकाला गया । शाम को एसडीपीओ अरबिंद कुमार बिन्हा, थाना प्रभारी वरुण कुमार यादव, चांडिल बाजार, डैम रोड, चिलगु, चौका थाना क्षेत्र के बानसा में थाना प्रभारी बजरंग महतो ने यूपी सैप ई 28 कंपनी के साथ फ्लैग मार्च निकाला।इस दौरान लोगों से शांतिपूर्ण ढंग से मतदान करने के लिए अपील किया।
फ्लैग मार्च में शामिल अधिकारी और जवान.

50  ईचागढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव निष्पादित कराने के लिए बुधवार को चांडिल थाना क्षेत्र में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला । आईटीबीपी के जवानों ने फ्लैग मार्च किया. फ्लैग मार्च चांडिल थाना क्षेत्र के भीड़-भाड़ वाले विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए निकाला गया।