सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथामृत के प्रथम दिन कथा वाचक आचार्य राम जी दास महराज के द्दारा सम्पन्न
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। क्षेत्र के भाऊपुर गांव में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथामृत के प्रथम दिन कथा वाचक आचार्य राम जी दास महराज ने गौकर्ण प्रसंग तथा भगवान श्री कृष्ण की महिमा का बखान करते हुए दुख से भरे संसार में साधु संतों के मार्गदर्शन की महत्ता बताते हुए कहा कि जो सत्य है
वही सत्संग है । सत्संग ही ईश्वर का दूसरा रूप है। उन्होंने संत जीवन का बखान करते हुए कहा कि गुरुदेव केवल रास्ता दिखाते हैं, मंजिल तक पहुंचाते हैं। जब कोई घर का बेटा विधायक, सांसद या मंत्री बने या फिर सचिव बने तो वो घर में समय नहीं दे पाता। उसका जीवन उन कामों में लग जाता है।
ठीक वैसे ही साधु, संत, तपस्वी जब अपना जीवन शिव भक्ति में, कृष्ण भक्ति में, ईश्वर की भक्ति में लगा दे तो वह लोगों से दूर रहता है।क्योंकि अगर वह लोगों के बीच गया तो उसका ध्यान भक्ति में कैसे रहेगा,न इसलिए उन्हें अकेला छोड़ देना चाहिए। दिनेश तिवारी , ओमप्रकाश तिवारी , प्रधान देवेंद्र यादव , अंजनी , व्यास तिवारी आदि मौजूद रहे ।
Oct 28 2024, 22:56
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