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नया भारत विश्व में अपना उचित स्थान पाने के लिए आगे बढ़ रहा है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

रायपुर-   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दूसरे दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में विकसित छत्तीसगढ़ का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होगा। समग्र विकास के लिए नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य महत्वपूर्ण होता है। अच्छा स्वास्थ्य लोगों की उत्पादकता और रचनात्मकता को बढ़ाने में सहायक होता है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह शामिल होकर संस्थान के 25 विद्यार्थियों को 33 स्वर्ण पदक एवं 6 विद्यार्थियों को सुपर स्पेशलिस्ट की उपाधि प्रदान की।

राज्यपाल ने कहा कि यह विद्यार्थियों की अथक प्रयासों, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। यह विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक उपलब्धि ही नहीं है बल्कि मानव सेवा के मार्ग पर एक उत्कृष्ट शुरुआत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तेजी से किया जा रहा है, जहां नव-प्रशिक्षित चिकित्सकों की आवश्यकता को पूरा किया जा रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल रामेन डेका, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप कुमार पात्रा, रजिस्ट्रार सहित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं उनके परिजन उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समरोह के अवसर पर 6337 चिकित्सकों को उपाधि प्रदान की जाएगी। इनमें 6 सुपरस्पेशलिस्ट चिकित्सक, 606 स्नातकोत्तर चिकित्सक और 5725 स्नातक चिकित्सक शामिल हैं। इसके अलावा 25 चिकित्सकों को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया।

राष्ट्रपति ने कहा कि जनजाति समाज में सिकल सेल एनीमिया की अभी भी समस्या है। भारत सरकार सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी ही अग्रिम पंक्ति में होते हैं। आप सामान्य लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूक बना सकते हैं, आम नागरिकों को सरकार द्वारा किए जा रहे हैं प्रयासों से अवगत करा सकते हैं। आप नीति निर्माता और सम्माननीय जनता के बीच सेतु का कार्य कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप लोगोें के ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से देश की बहुत बड़ी जनसंख्या की वास्तविक समस्याओं से अवगत हो पाएंगे। मैं चाहती हूं कि सभी विद्यार्थियों को समय-समय पर गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ करना चाहिए।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश जनता गांव में रहती हैं, उन लोगों तक उचित स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना चुनौती पूर्ण कार्य है। इस संदर्भ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य में चिकित्सा शिक्षण, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान इस विश्वविद्यालय के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। यह प्रसन्नता की बात है कि विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कॉलेजों में आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुष की शिक्षा भी दी जाती है। बहुत सारे कालेजो में नर्सिंग के कोर्स कराए जा रहे हैं। इस प्रकार यह विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अभी भी मलेरिया, फाइलेरिया और टीबी जैसे संक्रमक बीमारियों का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हुआ है। भारत सरकार इन रोगों के उन्मूलन के लिए आगे बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सफलता आपकी प्रतिभा, लगन और परिश्रम के साथ-साथ आपके माता-पिता, परिवारजनों, शिक्षक के सहयोग और मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि आपको अपने भविष्य की रूपरेखा बनाते समय यह ध्यान रखना है कि आपकी इस शिक्षा में समाज का भी योगदान है। समाज ने आपकी शिक्षा में जो निवेश किया है वह समाज को लौटाना आपका कर्तव्य है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आपमें स्थानीय समस्याओं की बेहतर समझ है। आप राज्य के स्वास्थ्य समस्याओं पर रिसर्च करें उनका समाधान खोजने का प्रयास करें।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि महान राष्ट्रवादी विचारों एवं भारतीय राजनीति की सम्मानित विभूतियां में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय में आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत हर्ष हो रही है कि उपाधि प्राप्त करने वाले अधिकांश हमारी बेटियां हैं, यह प्रदर्शन बेटियों के वर्चस्व को रेखाँकित करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि दो दिनों के अपने इस छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान मुझे दो इंजीनियरिंग और दो मेडिकल संस्थानों के विद्यार्थियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इस दौरान मैं विद्यार्थियों और शोधार्थियों में ललक को महसूस की। ऐसे युवाओं में मेरी भारत की झलक दिखती है और नया भारत जो पूरे मजबूती के साथ विश्व में अपना उचित स्थान पाने के लिए आगे बढ़ रहा है।

राज्यपाल रामेन डेका ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन उनके अथक प्रयासों, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह न केवल विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक उपलब्धि है बल्कि मानव सेवा के मार्ग पर एक उत्कृष्ट शुरुआत है। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि चिकित्सक बनने की यात्रा कठिन है, जिसमें छात्र देर रात तक पढ़ाई, क्लिनिकल प्रशिक्षण और लैब के अनगिनत घंटे बिताते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए चिकित्सा का क्षेत्र केवल ज्ञान और कौशल नहीं, बल्कि ईमानदारी, सहानुभूति और दूसरों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता से परिभाषित होता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र लगातार विकासशील है, जिसमें नए-नए रोग, स्वास्थ्य असमानताएँ और तकनीकी परिवर्तन जैसे कई चुनौतियाँ शामिल हैं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि यह चुनौतियाँ चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार और सुधार का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक के रूप में उन्हें ऐसे क्षणों का सामना करना पड़ेगा जब मरीज उनके अथक प्रयासों के बावजूद ठीक नहीं हो पाएंगे, परंतु इस दौरान भी उनका करुणामय दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के इस पेशे में सफलता के साथ विनम्रता बनाए रखना आवश्यक है और मानवता की सेवा के प्रति सच्ची निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के 33 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक और 6 छात्रों को सुपर स्पेशलिटी की उपाधि मिलने पर बधाई दी और कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र मानवता की सेवा का प्रतीक है। उन्होंने सभी स्नातक छात्रों को समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ दायित्व निर्वहन और सेवा भाव से कार्य करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी जैसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की बढ़ती लोकप्रियता का भी जिक्र किया और प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय इन पद्धतियों में भी शिक्षा प्रदान कर रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर होना हमें उनके सिद्धांतों और समाज के हर तबके तक सेवा पहुंचाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने महामारी, विज्ञान रोग नियंत्रण एवं अनुसंधान संस्थान और शिक्षकों के प्रशिक्षण संस्थान को देश के चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप कुमार पात्रा ने संस्थान का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलपति ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और शाल भेंट किया।

छत्तीसगढ़ में गोल्फ खेलों का अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, इससे देश-विदेश में खेलों के क्षेत्र में बनेगी प्रदेश की पहचान : ओपी चौधरी

रायपुर-     छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में खेलों की शानदार अधोसंरचना तैयार हो रही है और राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन लगातार कर रहे हैं। परंपरागत खेलों के साथ ही गोल्फ जैसे खेलों के आयोजन से छत्तीसगढ़ को खेल के क्षेत्र में एक नई पहचान मिली है। यह बात नेशनल गोल्फ फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित गोल्फ खेल प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में वित्त और आवास मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कही। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के लोग अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। इनकी प्रतिभा को निखारने के लिए सरकार द्वारा इन्हें लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।

श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की अपार संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ खनिज, वन, उद्योग आदि क्षेत्रों में विकसित राज्य है। नवा रायपुर को प्रदूषण मुक्त शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। नवा रायपुर में पानी की उपलब्धता भरपूर है। यहां पर पीपल फॉर प्यूपिल का कैंपेन चलाकर पर्यावरण को स्वस्थ्य बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में गोल्फ के खेल के संभावनाओं को बढ़ाने के लिये यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। नवा रायपुर में गोल्फ खेल के लिए 200 एकड़ का क्षेत्र सुरक्षित है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, एन.आर.डी.ए. के सीईओ सौरभ कुमार सहित सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी उपस्थित थे।

गोल्फ फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जक्सय साह ने कहा कि गोल्फ में धैर्य और एकाग्रता की जरूरत होती है। इस खेल को छत्तीसगढ़ के गांव-गांव तक ले जाएं, इस खेल को बढ़ावा देने की जरूरत है।

नेशनल गोल्फ फेडरेशन के संस्थापक एवं महासचिव आर्यवीर आर्य ने कहा कि गोल्फ के प्रति उत्साह ने सिद्ध कर दिया कि गोल्फ को छत्तीसगढ़ में बढ़ावा दिया जा सकता है। खेल के इस आयोजन में सरकार ने मदद दी। इस प्रतियोगिता में देश के 20 राज्यों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लेकर छत्तीसगढ़ का नाम गोल्फ खेल में नाम रोशन कर दिया। गोल्फ फेडरेशन ऑफ इंडिया (जीएफआई) खेल, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और विजन भारत 2047 के लिए काम करने प्रतिबद्ध है। नवा रायपुर में चौंपियनशिप का आयोजन होने से नवा रायपुर के गोल्फकोर्स को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने का प्लेटफार्म तैयार होगा।

विजेताओं को मिला पुरस्कार

चैंपियनशिप के लिए पहला पुरस्कार पंजाब को 10 लाख रुपए, वाउचर एवं ट्रॉफी तथा महाराष्ट्र को रनरअप पुरस्कार के रूप में 6 लाख रुपए, वाउचर एवं ट्रॉफी दिया गया। अन्य पुरस्कारों में विजेता श्री संजू की आईफोन 16 प्रो मैक्स तथा एम.के. मोहंती को विजेता नेट को आईफोन 16 प्रो दिया गया।

विधायक रायमुनि के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से भड़का इसाई समाज, सीएम कैंप जा रही भीड़ को पुलिस ने रोका, वाटर कैनन का भी किया इस्तेमाल

जशपुर-  इसाई समाज ने BJP विधायक रायमुनि भगत पर भगवान यीशु पर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाया है. उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर समाज ने न्याय पदयात्रा निकाली. हजारों लोग 130 किलाेमीटर तय कर आस्ता से बगीया पहुंचे, जहां सीएम कैंप में ज्ञापन सौंपने वाले थे. सीएम कैंप पहुंचने से पहले पुलिस ने बैरिकेड लगाकर पदयात्रियों को रोका. इस दौरान इसाई समाज के लोगों ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई.

पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने NH- 43 लोरो घाट के समीप सड़क पर बैठकर चक्काजाम किया और शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे.

इससे पहले इसाई समाज ने नेशनल हाइवे 43 पर 130 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर विधायक रायमुनि के बयान का विरोध किया था और कार्रवाई की मांग की थी. आक्रोशित लोगों ने बताया, विधायक रायमुनी भगत ने आस्ता थाना क्षेत्र के ग्राम ढेंगनी में आयोजित एक कार्यक्रम में ईसाई धर्म और धर्मांतरण को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी. जिले के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की शिकायतें दी गईं. इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इससे समाज के लोगों में आक्रोश है.

बीजेपी विधायक के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समाज ने दिया धरना, पूर्व मंत्री नेताम बोले-

बेमेतरा-  साजा विधानसभा में आदिवासी युवक के साथ विधायक ईश्वर साहू के बेटे द्वारा की गई मारपीट का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. विधायक पुत्र की गिरफ्तारी को लेकर आज बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग साजा में एकत्रित हुए और एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया. समाज प्रमुखों का कहना है यह अपमान आदिवासी नहीं सहेगा. विधायक के बेटे पर कार्रवाई करनी होगी नहीं तो आगे यह आंदोलन और भी तेज होगा. 

धरने में पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद नेताम भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि साजा में मनीष मंडावी के साथ जो घटना हुई वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. शासन ऐसे मामले में गंभीर नहीं दिखती है. ऐसे मामलों में अगर न्याय न मिले तो समाज के लिए यह चिंता का विषय है. उम्मीद थी की प्रशासन इसको लेकर उचित कार्रवाई करेगी, लेकिन ये लोग दलाली करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें मनाने की कोशिश कर रहे हैं. प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है.

उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि कोंटा से लेकर बलरामपुर तक समाज को इकठ्ठा किया जा रहा है. अंबिकापुर में भी हमने न्याय की लडाई लड़ी और जीते भी. यहां भी समाज के साथ हैं और आगे ये लड़ाई जारी रहेगी. बता दें कि घटना वाले दिन के बाद से ही आदिवासी लगातार विधायक ईश्वर साहू के बेटे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. 

क्या है मामला?

बता दें कि यह मामला 13 अक्टूबर की रात ग्राम चेचानमेटा में दशहरा कार्यक्रम के दौरान हुए विवाद से जुड़ा है. आदिवासी समाज के अनुसार, दशहरा कार्यक्रम के दौरान रात 11 बजे मनीष के दोस्त राहुल और विधायक पुत्र कृष्णा साहू के बीच विवाद हुआ. जब मनीष ने बीच-बचाव किया, तो विधायक पुत्र ने जातिगत गाली-गलौज करते हुए हाथ के कड़े से मारा. मारपीट में विधायक पुत्र के साथ करीब दस लोग और थे, जिन्होंने मनीष और उसके दोस्त राहुल पर हमला किया. इसके बाद जब समाज के लोग कृष्णा साहू के खिलाफ मारपीट की शिकायत करने साजा थाने पहुंचे तो थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया और समझौता करने के लिए कहा. 

समाज का आरोप है कि थानेदार पर विधायक का दबाव था, जिसके चलते रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई और उन्हें समझौते का सुझाव दिया गया. न्याय न मिलने पर आदिवासी समाज ने कलेक्टर और एसडीएम से शिकायत की और केस दर्ज न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी. कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा. मामले के बढ़ते विवाद को देखते हुए अंततः कृष्णा साहू के खिलाफ साजा थाने में विभिन्न धाराओं और SC/ST अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

बलरामपुर घटना पर गरमाई सियासत : PCC चीफ बैज ने मृतक के परिवार से की मुलाकात, कहा –

लरामपुर-   जिला मुख्यालय के कोतवाली थाने में युवक की कस्टोडियल डेथ मामले में अब राजनीति गरमा गई है. आज पीसीसी चीफ दीपक बैज समेत कांग्रेसी नेता बलरामपुर पहुंचे और ग्राम संतोषी नगर जाकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की. बैज ने परिजनों से पूरी घटना की जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. मीडिया से बातचीत करते हुए बैज ने छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है कि गुरु चंद ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या की गई है. उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

दीपक बैज के साथ पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक डॉ प्रीतम राम समेत अन्य कांग्रेसी नेता मृतक के घर पहुंचे थे. बैज ने मृतक के परिजनों से काफी देर तक चर्चा की. इस दौरान मृतक के पिता और उसके परिजनों ने थाने में हुए पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया. मृतक के पिता ने पुलिस द्वारा मारे गए शरीर के चोट के निशान को भी दिखाया.

विष्णु का सुशासन नहीं, अंग्रेजी की चल रही सरकार : बैज

पूरे मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अराजकता की सरकार हो गई है. बलौदाबाजार, लोहारीडीह कवर्धा, सूरजपुर समेत पूरा प्रदेश इस समय जल रहा है. उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है. बैज ने कहा कि छग में विष्णु का सुसाशन नहीं बल्कि अंग्रेजों की सरकार चल रही है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को दी गई भावभीनी विदाई

रायपुर-   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के बाद आज शाम विशेष विमान से नई दिल्ली के लिए रवाना हुईं। राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, सांसद रायपुर बृजमोहन अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अशोक जुनेजा ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 25 एवं 26 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर आई थीं। इस दौरान वे रायपुर एवं दुर्ग जिले में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुईं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के मुख्य आतिथ्य में 04 उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों के दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुए, जिसमें एम्स रायपुर एनआईटी रायपुर, आईआईटी भिलाई तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ममोरियल हेल्थ साइंस एवं आयुष यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ नवा रायपुर का दीक्षांत समारोह शामिल है।

नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के करकमलों से महतारी वंदन योजना की 70 लाख लाभार्थी महिलाओं को दीपावली से पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से एक-एक हजार रूपए की आथिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित हुई। महिलाओं की सशक्तिकरण एवं आर्थिक स्वावलंबन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा यह अभिनव योजना मार्च 2024 से संचालित की जा रही है। इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च 2024 को वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से किया था। इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को अब तक 9 किस्तों में 5878 करोड़ 37 लाख रूपए आर्थिक मदद दी जा चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस दौरान महतारी वंदन योजना की हितग्राही महिलाओं से आत्मीय चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने पुरखौती मुक्तांगन में सरगुजा प्र्रखंड का लोकार्पण भी किया।

आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर राशि का बंदरबांट : शिक्षा विभाग के अफसरों की उदासीनता के चलते जमकर चली मनमानी

मुंगेली- जिले के पथरिया विकासखंड में स्कूली बालिकाओं को दी जाने वाले रानी लक्ष्मीबाई आत्म प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट करने का मामला सामने आया है. शिक्षा विभाग के अफसरों पर आरोप लगाते हुए कर्राटे प्रशिक्षण कार्य से जुड़े प्रशिक्षक चैतराम साहू ने मामले की शिकायत कलेक्टर राहुल देव से की है. कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच हुई तो कई चौंकाने वाले कारनामे सामने आए.

जानिए कैसे उठा इस खेल से पर्दा

शिकायतकर्ता चैतराम साहू ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा था कि पथरिया विकासखण्ड के जिन स्कूलों में बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाना था, उन स्कूलों में प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है। शिकायत में यह भी कहा गया था कि प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति करते हुए स्कूल शिक्षकों द्वारा ही प्रशिक्षण दे दिया गया है, जबकि इसके लिए जुडो, कर्राटे, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग, मार्शल आर्ट जैसे अन्य विधाओं में पारंगत खिलाड़ी या प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना था।

कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच हुई तो पता चला कि पथरिया विकासखण्ड के कई स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिए जाने के नाम पर भुगतान किया गया है। कायदे से जारी गाइडलाइन के मुताबिक प्रति स्कूल 15 हजार रुपये की राशि का भुगतान प्रशिक्षकों को PFMS पोर्टल के माध्यम से प्रधानपाठक या प्राचार्य द्वारा किया जाना था, लेकिन नियम विपरीत स्कूल के प्राचार्य और प्रधानपाठकों ने सीधे प्रशिक्षक को नगद भुगतान कर दिया.

मॉनिटरिंग नहीं होने से चली मनमर्जी

इधर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी और उदासीन रवैय्ये के चलते इसको लेकर मॉनिटरिंग भी नहीं किए जाने की ख़बर है। यही वजह है कि कई स्कूलों में आज तक प्रशिक्षण भी नहीं हुआ है और जहां हुआ भी है उनमें से कई स्कूलों में गाइडलाइन से परे प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण देकर नियम विरुद्ध तरीके से राशि आहरण किया गया है। और तो और कई स्कूलों में तो प्रशिक्षण हुआ भी हैं तो प्रशिक्षकों को स्वीकृत राशि से कम भुगतान किया गया है।

शिकायतकर्ता ने उठाया सवाल

शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया है कि नियम विरुद्ध स्कूल शिक्षकों ने शाला अवकाश के बाद प्रशिक्षण लेने की बात कहते हुए जिस तरह से स्कूलों में प्रशिक्षण दिया है और फिर नियम विरुद्ध तरीके से प्रधान पाठक एवं प्राचार्यों ने भुगतान किया है। यह मनमर्जी जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और मॉनिटरिंग नहीं करने की वजह से निर्मित हुई है.

गाइडलाईन को किया गया दरकिनार

प्रशिक्षकों के चयन को लेकर आत्मरक्षा प्रशिक्षण की जिम्मा संभाल रहे शिक्षा विभाग के अफसर को जिला स्तर पर चयन टीम बनाना था, जिस पर कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात ही प्रशिक्षकों का चयन होता और फिर उन्हें स्कूलों का प्रशिक्षण के लिए आबंटित किया जाता, लेकिन नियम कायदों को दरकिनार कर बालिकाओं को आत्म निर्भर बनाने जैसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण का कार्य शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते मजाक बनता नजर आ रहा है, क्योंकि जिम्मेदारों ने प्रशिक्षण को लेकर न मॉनिटरिंग किया और न ही मॉनिटरिंग दल का गठन किया.

दोषियों पर होगी कार्रवाई -कलेक्टर

आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट और मनमानी का खुलासा होते ही शिक्षा विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। डीईओ सीके धृतलहरे का कहना है कि जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है। PFMS पोर्टल के माध्यम से भुगतान करने की बजाय नगद भुगतान किया गया है. इसके अलावा कुछ शिक्षकों द्वारा भी प्रशिक्षण देने की बात सामने आई है तो संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है। इस मामले में कलेक्टर राहुल देव का कहना है कि इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसको लेकर जांच कराई गई. जांच में कुछ खामियां पाई गई है, जिसे दुरुस्त करने कहा गया है. दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का मुख्यमंत्री निवास में आत्मीय स्वागत

रायपुर-      राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज नवा रायपुर सेक्टर 24 स्थित नवीन मुख्यमंत्री निवास पहुंची। उनके यहां पहुंचने पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित परिजनों ने परंपरागत रूप से उनका आत्मीय स्वागत किया।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने मुख्यमंत्री के परिवारजनों से आत्मीय मुलाकात की। राष्ट्रपति ने सबके साथ सामूहिक फोटो खिंचवाई। श्रीमती मुर्मु ने बच्चों को आशीष दिया और राष्ट्रपति भवन की पुस्तक और चॉकलेट उपहार स्वरूप दिए। गौरतलब है कि राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के सम्मान में मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने निवास में भोज का आयोजन किया था।

मुख्यमंत्री ने भेंट किया छायाचित्र का एल्बम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनके दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान की विभिन्न अवसरों पर ली गई छायाचित्र का एल्बम नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में भेंट किया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय डिजिटल का है और फोटो डिजिटल रूप में तुरंत मिल जाती हैं। लेकिन आपने इतने सीमित समय में इसका एल्बम तैयार कर मुझे दिया है। आपने इस फोटो एल्बम के माध्यम से मेरे छत्तीसगढ़ प्रवास को चिरस्मरणीय बना दिया है।

हर्षोल्लास के साथ साई कॉलेज में मना दीपोत्सव

अम्बिकापुर-     श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में आवाज, गर्जना और प्रकाश की चमक के साथ विद्यार्थियों ने शनिवार को जोश और उत्साह से ज्योति पर्व प्राध्यापकों के साथ मनाया। ज्योति पर्व दीपावली का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने मां सरस्वती, प्रभु श्रीराम दरबार के समक्ष माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अश्मि वर्मा ने मां लक्ष्मी की आरती प्रस्तुत कर सभी को भक्तिभाव से सराबोर कर दिया। डॉ. जगमीत कौर के नेतृत्व मेंं विद्यार्थियोंं ने प्रभु श्रीराम का अवतरण, वनगमन और अयोध्या आगमन को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया। अयोध्या आगमन दृश्य के साथ ही विद्यार्थी, प्राध्यापकों ने आतिशबाजी शुरू कर दी। रंगीन आतिशबाजी के साथ तरह-तरह फुलझड़ी, अनार की कलाबाजियां मोहित करती नजर आयीं।

राम आयेंगे तो अंगना सजाऊंगी... की मधुर धुन पर विद्याथियोंं ने मनोहारी प्रस्तुति दी। इस दौरान महाविद्यालय परिसर में आतिबाजी होती रही और सभी आनंदित होते रहे। प्राचार्य डॉ. श्रीवास्तव ने सभी को दीपावली की बधाई और शुभकामनायें दी।

कार्यक्रम के दौरान आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. आरएन शर्मा, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष देवांगन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईआईटी भिलाई के तृतीय एवं चतुर्थ दीक्षांत समारोह में की शिरकत

रायपुर-      राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई के लिए आज 26 अक्टूबर का दिन स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस संस्थान की तृतीय एवं चतुर्थ दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर संस्थान के विभिन्न इंजिनियरिंग शाखाओं के प्रतिभावान विद्यार्थियों को अपने हाथों से स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों उनके अभिभावकों, प्राध्यापकों, साथियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन आपके लिए खुद को यह याद दिलाने का दिन है कि आप एक जिम्मेदार नागरिक और सक्षम व्यक्ति के रूप में बाहर की दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आईआईटी भिलाई द्वारा आदिवासी समाज की प्रगति के लिए तकनीकी क्षेत्र में किए गए विशेष प्रयास सराहनीय हैं। आईआईटी भिलाई ने ऐग्रीटेक, हेल्थटेक और थिंकटैंक पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया है। आईआईटी भिलाई नेे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एम्स रायपुर के साथ सहयोग करके मोबाइल फ़ोन ऐप्स बनाए है, जिससे गांव के लोगों को घर बैठे चिकित्सा संबंधी मदद मिल जाती है। इस संस्थान ने इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के साथ भी सहयोग करके किसानों के लिए समाधान बनाएं हैं। जिससे उन्हें अपने संसाधनों का सही उपयोग करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता मिलती है। यह सराहनीय है कि 6 लाख किसान क्रॉप डॉक्टर नाम के मोबाइल ऐप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हैं। यह संस्थान सामाजिक तौर पर प्रासंगिक अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा संबंधी प्रोजेक्ट भी चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही महुआ जैसे लघुवनोपज पर भी शोध किया जा रहा है। आईआईटी भिलाई एक समावेशी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है और यहां वंचित तथा पिछड़े वर्गों के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस संस्थान ने छात्राओं की संख्या और भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं।

आईआईटी के छात्रों ने विश्व स्तर पर विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र मेें अपनी विशेष पहचान बनाई है। ग्लोबल कंपनी का नेतृत्व करते हुए हमारे आईआईटियन्स ने अपने तकनीक एवं कौशल से 21वीं सदी की दुनिया में उच्च स्थान प्राप्त किया है। आईआईटी के विद्यार्थियों ने स्वरोजगार एवं उद्यमिता का रास्ता चुना है और रोजगार का सृजन किया है। आईआईटियन्स ने अपनी अग्रणी खोज, अपनी वैज्ञानिक सोच, नवोन्मेषी एवं दूरगामी दृष्टिकोण से देश एवं दुनिया की प्रगति में अपना योगदान दिया है। उन्होंने भारत में डिजिटल ट्रान्सफार्मेशन एवं स्टार्टअप कल्चर को भी बढ़ावा दिया है। तकनीकी विकास के माध्यम से देश को विश्व में उंचा स्थान दिलाने में आईआईटी इको सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका को हम सब जानते हैं। आप सभी विद्यार्थियों पर इस परम्परा को आगे बढ़ाने का बड़ा दायित्व है। यहां के छात्र अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे। उपयोग के क्षेत्र में कहा जाता है नो रिस्क नो गेन। दूसरे शब्दों में रिस्क नहीं लेेने की मानसिकता से स्वरोजगार में सफलता नहीं मिल सकती। रिस्क एपेटाइट के साथ आगे बढ़ते रहेंगे। एआई, ब्लॉकचेन, आग्युमेन्टेड रियालिटी, क्वांटम कम्प्यूटिंग, साईबर सिक्योरिटी और अन्य तकनीक को आप सभी जानते है। उन्होंने युवाओं से कहा नई तकनीक का विकास करें और दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करें। भारत सरकार ने देश के सभी क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी उच्च शिक्षा देने के लिए देश भर में 23 आईआईटी स्थापित किए हैं। सर्वाेच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान की जा रही है। देश में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आईआईटीएक मजबूत इको सिस्टम तैयार करेंगे। यह इको सिस्टम विकसित भारत की पहचान बनेगा। आईआईटी भिलाई नये सपनों, नई सोच, नवीनतम तकनीक के साथ यह संस्थान और विद्यार्थी देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि देश को विकसित बनाने और विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को और आगे बढ़ाने की आपकी यात्रा के लिए मेरी अनंत शुभकामनाएं। मेरी मंगलकामना है कि आप सबका भविष्य उज्ज्वल हो और आप विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहें।

राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि आईआईटी भिलाई के तीसरे और चौथे संयुक्त दीक्षांत समारोह के इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई दी। छत्तीसगढ़ में हम सभी के लिए यह सम्मान की बात है कि हमारे माननीय राष्ट्रपति ने आज इस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया है।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ में आईआईटी भिलाई की स्थापना ने राज्य के तकनीकी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही कमी को पूरा किया। इस संस्थान का स्थायी परिसर हमारे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि वैश्विक सोच और दृष्टि वाला राष्ट्रीय महत्व का यह संस्थान अब हमारे राज्य में फल-फूल रहा है। बहुत कम समय में, इस संस्थान ने छत्तीसगढ़ के लोगों के दिलों और दिमाग में अपनी जगह बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ भारत के धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध है। हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधनों और खनिज के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत में भी समृद्ध है। यह संस्थान हमारे राज्य के लोगों के लिए प्रत्यक्ष सामाजिक और आर्थिक प्रासंगिकता के मुद्दों पर हमारी सरकार की विभिन्न शाखाओं के साथ कार्य कर रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के विभागों, एजेंसियों और आईआईटी भिलाई के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कुछ परियोजनाएं नदियों के पुनरुद्धार, जिला प्रशासन की क्षमता निर्माण और राज्य की अमूर्त विरासत को संरक्षित करने से संबंधित हैं। उन्होंने संस्थान के सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में यह संस्थान हमारे राज्य तथा राष्ट्र के लिए उपलब्धियाँ हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हम सभी के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के गौरवशाली शिक्षण संस्थान आईआईटी भिलाई के तीसरे और चौथे संयुक्त दीक्षांत समारोह में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उपस्थित हैं। इस मंच पर उनकी उपस्थिति से मैं स्वयं को भी गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं। उन्होंने सभी विद्यार्थी को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने अवगत कराया कि इस संस्थान का शिलान्यास हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 जून 2018 को किया था। संस्थान के इस अत्याधुनिक स्थायी परिसर को उन्होंने 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया था। छत्तीसगढ़ में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आईआईटी भिलाई जैसे गौरवशाली संस्थान की नींव रखी, तो उन्होंने इस राज्य के स्वर्णिम भविष्य की भी नींव रख दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय तकनीक का समय है। जिस देश और प्रदेश के पास तकनीक की ताकत होगी वह उतनी ही तेजी से विकास करेगा। आज भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। हम विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यह लक्ष्य तकनीक को हासिल किए बिना हासिल नहीं किए जा सकते। यह हमारे सौभाग्य है कि राज्य में आईआईटी भिलाई के साथ-साथ ट्रिपल आईटी, एनआईटी जैसे उत्कृष्ट संस्थान मौजूद है। ये संस्थान तकनीक से लैस एक ऊर्जावान युवा पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जो देश और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। आईआईटी भिलाई हमारे राज्य में एक अत्याधुनिक आईटी पार्क की स्थापना के लिए हमारी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह इस राज्य का पहला आईटी पार्क होगा। इससे सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, परिवहन, एग्रीटेक और हेल्थटेक के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए अवसर खुलेंगे। इसी तरह आईआईटी भिलाई हमारी सरकार के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में एक विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने का काम कर रहा है। यह केन्द्र छत्तीसगढ़ के स्कूलों के लिए एक एआई आधारित सेंट्रलाइज्ड कमांड और नियंत्रण केन्द्र तैयार करेगा। यह हमें स्कूलों के प्रदर्शन, बुनियादी ढांचे और छात्रों की संख्या आदि के संबंध में जानकारियां प्रदान करेगा। इससे नीतियों के निर्माण और संसाधनों के वितरण के संबंध में सटीक निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।

समारोह में आईआईटी भिलाई के बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष के. वेंकटरमन, डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश, संभागायुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जितेन्द्र शुक्ला, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं संस्थान के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।