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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का मुख्यमंत्री निवास में आत्मीय स्वागत

रायपुर-      राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज नवा रायपुर सेक्टर 24 स्थित नवीन मुख्यमंत्री निवास पहुंची। उनके यहां पहुंचने पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित परिजनों ने परंपरागत रूप से उनका आत्मीय स्वागत किया।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने मुख्यमंत्री के परिवारजनों से आत्मीय मुलाकात की। राष्ट्रपति ने सबके साथ सामूहिक फोटो खिंचवाई। श्रीमती मुर्मु ने बच्चों को आशीष दिया और राष्ट्रपति भवन की पुस्तक और चॉकलेट उपहार स्वरूप दिए। गौरतलब है कि राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के सम्मान में मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने निवास में भोज का आयोजन किया था।

मुख्यमंत्री ने भेंट किया छायाचित्र का एल्बम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनके दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान की विभिन्न अवसरों पर ली गई छायाचित्र का एल्बम नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में भेंट किया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय डिजिटल का है और फोटो डिजिटल रूप में तुरंत मिल जाती हैं। लेकिन आपने इतने सीमित समय में इसका एल्बम तैयार कर मुझे दिया है। आपने इस फोटो एल्बम के माध्यम से मेरे छत्तीसगढ़ प्रवास को चिरस्मरणीय बना दिया है।

हर्षोल्लास के साथ साई कॉलेज में मना दीपोत्सव

अम्बिकापुर-     श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में आवाज, गर्जना और प्रकाश की चमक के साथ विद्यार्थियों ने शनिवार को जोश और उत्साह से ज्योति पर्व प्राध्यापकों के साथ मनाया। ज्योति पर्व दीपावली का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने मां सरस्वती, प्रभु श्रीराम दरबार के समक्ष माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अश्मि वर्मा ने मां लक्ष्मी की आरती प्रस्तुत कर सभी को भक्तिभाव से सराबोर कर दिया। डॉ. जगमीत कौर के नेतृत्व मेंं विद्यार्थियोंं ने प्रभु श्रीराम का अवतरण, वनगमन और अयोध्या आगमन को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया। अयोध्या आगमन दृश्य के साथ ही विद्यार्थी, प्राध्यापकों ने आतिशबाजी शुरू कर दी। रंगीन आतिशबाजी के साथ तरह-तरह फुलझड़ी, अनार की कलाबाजियां मोहित करती नजर आयीं।

राम आयेंगे तो अंगना सजाऊंगी... की मधुर धुन पर विद्याथियोंं ने मनोहारी प्रस्तुति दी। इस दौरान महाविद्यालय परिसर में आतिबाजी होती रही और सभी आनंदित होते रहे। प्राचार्य डॉ. श्रीवास्तव ने सभी को दीपावली की बधाई और शुभकामनायें दी।

कार्यक्रम के दौरान आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. आरएन शर्मा, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार सेन, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष देवांगन, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईआईटी भिलाई के तृतीय एवं चतुर्थ दीक्षांत समारोह में की शिरकत

रायपुर-      राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई के लिए आज 26 अक्टूबर का दिन स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस संस्थान की तृतीय एवं चतुर्थ दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर संस्थान के विभिन्न इंजिनियरिंग शाखाओं के प्रतिभावान विद्यार्थियों को अपने हाथों से स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों उनके अभिभावकों, प्राध्यापकों, साथियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन आपके लिए खुद को यह याद दिलाने का दिन है कि आप एक जिम्मेदार नागरिक और सक्षम व्यक्ति के रूप में बाहर की दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आईआईटी भिलाई द्वारा आदिवासी समाज की प्रगति के लिए तकनीकी क्षेत्र में किए गए विशेष प्रयास सराहनीय हैं। आईआईटी भिलाई ने ऐग्रीटेक, हेल्थटेक और थिंकटैंक पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया है। आईआईटी भिलाई नेे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एम्स रायपुर के साथ सहयोग करके मोबाइल फ़ोन ऐप्स बनाए है, जिससे गांव के लोगों को घर बैठे चिकित्सा संबंधी मदद मिल जाती है। इस संस्थान ने इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के साथ भी सहयोग करके किसानों के लिए समाधान बनाएं हैं। जिससे उन्हें अपने संसाधनों का सही उपयोग करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता मिलती है। यह सराहनीय है कि 6 लाख किसान क्रॉप डॉक्टर नाम के मोबाइल ऐप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हैं। यह संस्थान सामाजिक तौर पर प्रासंगिक अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा संबंधी प्रोजेक्ट भी चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही महुआ जैसे लघुवनोपज पर भी शोध किया जा रहा है। आईआईटी भिलाई एक समावेशी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है और यहां वंचित तथा पिछड़े वर्गों के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस संस्थान ने छात्राओं की संख्या और भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं।

आईआईटी के छात्रों ने विश्व स्तर पर विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र मेें अपनी विशेष पहचान बनाई है। ग्लोबल कंपनी का नेतृत्व करते हुए हमारे आईआईटियन्स ने अपने तकनीक एवं कौशल से 21वीं सदी की दुनिया में उच्च स्थान प्राप्त किया है। आईआईटी के विद्यार्थियों ने स्वरोजगार एवं उद्यमिता का रास्ता चुना है और रोजगार का सृजन किया है। आईआईटियन्स ने अपनी अग्रणी खोज, अपनी वैज्ञानिक सोच, नवोन्मेषी एवं दूरगामी दृष्टिकोण से देश एवं दुनिया की प्रगति में अपना योगदान दिया है। उन्होंने भारत में डिजिटल ट्रान्सफार्मेशन एवं स्टार्टअप कल्चर को भी बढ़ावा दिया है। तकनीकी विकास के माध्यम से देश को विश्व में उंचा स्थान दिलाने में आईआईटी इको सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका को हम सब जानते हैं। आप सभी विद्यार्थियों पर इस परम्परा को आगे बढ़ाने का बड़ा दायित्व है। यहां के छात्र अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे। उपयोग के क्षेत्र में कहा जाता है नो रिस्क नो गेन। दूसरे शब्दों में रिस्क नहीं लेेने की मानसिकता से स्वरोजगार में सफलता नहीं मिल सकती। रिस्क एपेटाइट के साथ आगे बढ़ते रहेंगे। एआई, ब्लॉकचेन, आग्युमेन्टेड रियालिटी, क्वांटम कम्प्यूटिंग, साईबर सिक्योरिटी और अन्य तकनीक को आप सभी जानते है। उन्होंने युवाओं से कहा नई तकनीक का विकास करें और दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करें। भारत सरकार ने देश के सभी क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी उच्च शिक्षा देने के लिए देश भर में 23 आईआईटी स्थापित किए हैं। सर्वाेच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान की जा रही है। देश में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आईआईटीएक मजबूत इको सिस्टम तैयार करेंगे। यह इको सिस्टम विकसित भारत की पहचान बनेगा। आईआईटी भिलाई नये सपनों, नई सोच, नवीनतम तकनीक के साथ यह संस्थान और विद्यार्थी देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि देश को विकसित बनाने और विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को और आगे बढ़ाने की आपकी यात्रा के लिए मेरी अनंत शुभकामनाएं। मेरी मंगलकामना है कि आप सबका भविष्य उज्ज्वल हो और आप विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहें।

राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि आईआईटी भिलाई के तीसरे और चौथे संयुक्त दीक्षांत समारोह के इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई दी। छत्तीसगढ़ में हम सभी के लिए यह सम्मान की बात है कि हमारे माननीय राष्ट्रपति ने आज इस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया है।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ में आईआईटी भिलाई की स्थापना ने राज्य के तकनीकी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही कमी को पूरा किया। इस संस्थान का स्थायी परिसर हमारे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि वैश्विक सोच और दृष्टि वाला राष्ट्रीय महत्व का यह संस्थान अब हमारे राज्य में फल-फूल रहा है। बहुत कम समय में, इस संस्थान ने छत्तीसगढ़ के लोगों के दिलों और दिमाग में अपनी जगह बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ भारत के धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध है। हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधनों और खनिज के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत में भी समृद्ध है। यह संस्थान हमारे राज्य के लोगों के लिए प्रत्यक्ष सामाजिक और आर्थिक प्रासंगिकता के मुद्दों पर हमारी सरकार की विभिन्न शाखाओं के साथ कार्य कर रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के विभागों, एजेंसियों और आईआईटी भिलाई के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कुछ परियोजनाएं नदियों के पुनरुद्धार, जिला प्रशासन की क्षमता निर्माण और राज्य की अमूर्त विरासत को संरक्षित करने से संबंधित हैं। उन्होंने संस्थान के सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में यह संस्थान हमारे राज्य तथा राष्ट्र के लिए उपलब्धियाँ हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हम सभी के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के गौरवशाली शिक्षण संस्थान आईआईटी भिलाई के तीसरे और चौथे संयुक्त दीक्षांत समारोह में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उपस्थित हैं। इस मंच पर उनकी उपस्थिति से मैं स्वयं को भी गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं। उन्होंने सभी विद्यार्थी को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने अवगत कराया कि इस संस्थान का शिलान्यास हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 जून 2018 को किया था। संस्थान के इस अत्याधुनिक स्थायी परिसर को उन्होंने 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया था। छत्तीसगढ़ में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आईआईटी भिलाई जैसे गौरवशाली संस्थान की नींव रखी, तो उन्होंने इस राज्य के स्वर्णिम भविष्य की भी नींव रख दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय तकनीक का समय है। जिस देश और प्रदेश के पास तकनीक की ताकत होगी वह उतनी ही तेजी से विकास करेगा। आज भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। हम विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यह लक्ष्य तकनीक को हासिल किए बिना हासिल नहीं किए जा सकते। यह हमारे सौभाग्य है कि राज्य में आईआईटी भिलाई के साथ-साथ ट्रिपल आईटी, एनआईटी जैसे उत्कृष्ट संस्थान मौजूद है। ये संस्थान तकनीक से लैस एक ऊर्जावान युवा पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जो देश और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। आईआईटी भिलाई हमारे राज्य में एक अत्याधुनिक आईटी पार्क की स्थापना के लिए हमारी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह इस राज्य का पहला आईटी पार्क होगा। इससे सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, परिवहन, एग्रीटेक और हेल्थटेक के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए अवसर खुलेंगे। इसी तरह आईआईटी भिलाई हमारी सरकार के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में एक विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने का काम कर रहा है। यह केन्द्र छत्तीसगढ़ के स्कूलों के लिए एक एआई आधारित सेंट्रलाइज्ड कमांड और नियंत्रण केन्द्र तैयार करेगा। यह हमें स्कूलों के प्रदर्शन, बुनियादी ढांचे और छात्रों की संख्या आदि के संबंध में जानकारियां प्रदान करेगा। इससे नीतियों के निर्माण और संसाधनों के वितरण के संबंध में सटीक निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।

समारोह में आईआईटी भिलाई के बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष के. वेंकटरमन, डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश, संभागायुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जितेन्द्र शुक्ला, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं संस्थान के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुख्यमंत्री निवास में रोपा बेल का पौधा

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आमंत्रण पर उनके नवा रायपुर स्थित निवास पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने निवास परिसर में बेल का पौधा रोपा। उनके साथ राज्यपाल रमेन डेका ने आंवला का पौधा रोपा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय, उप मुख्यमंत्री अरूण साव भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

करमा नर्तक दलों के बीच पहुंचकर उनका उत्साहवर्धन किया

इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के स्वागत में जशपुर जिले से आए करमा नर्तक दल ने मनमोहक शैली में नृत्य प्रस्तुत किया। इन मंजे हुए कलाकारों की मांदर की थाप पर लयबद्ध प्रस्तुति देखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने करमा नर्तक दलों के बीच पहुंचकर उनका उत्साहवर्धन किया और उनके साथ फोटो खिंचवाई।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने 20.13 करोड़ के विकास और निर्माण कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन

रायपुर-     उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज रायपुर जिले के खरोरा में 20 करोड़ 13 लाख रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें 30 लाख 53 हजार रुपए लागत के दो निर्माण कार्यों का लोकार्पण और 19 करोड़ 83 लाख रुपए के 11 कार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं। श्री साव ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को आवास पूर्णता प्रमाण पत्र सौंपे। उन्होंने महिला स्वसहायता समूहों और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के हितग्राहियों को कुल सात लाख रुपए के बैंक ऋण का चेक भी प्रदान किया। धरसीवा के विधायक अनुज शर्मा और खरोरा नगर पंचायत के अध्यक्ष अनिल सोनी भी लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण व नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने खरोरा के दीनदयाल उपाध्याय चौक में आयोजित कार्यक्रम में 25 लाख 53 हजार रुपए की लागत से निर्मित पौनी-पसारी हाट-बाजार और पांच लाख रुपए की लागत से बने सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने नायकताड़ से खरोरा शहर तक 19 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत से बनने वाले साढ़े तीन किलोमीटर गौरव पथ का भूमिपूजन भी किया। यह सड़क खंड राज्य मार्ग क्रमांक-20 (State Highway-20) का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सिमगा, तिल्दा, खरोरा, आरंग, नयापारा और कुरूद को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ता है। इसके निर्माण से राष्ट्रीय राजमार्ग-130 से सिमगा-तिल्दा-खरोरा होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-130B से जुड़ेगी जिससे बिलासपुर, सिमगा, तिल्दा की तरफ से आने वाले लोगों तथा व्यवसायिक उपयोग के लिए सुगम एवं सुव्यवस्थित मार्ग उपलब्ध होगा।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने खरोरा नगर पंचायत में 36 लाख रुपए से अधिक की लागत के 11 कार्यों का भूमिपूजन किया। इनमें शहर के विभिन्न वार्डों में नाली निर्माण और पाइपलाइन विस्तार के कार्य शामिल हैं। श्री साव ने लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों और लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शहरों के विकास के लिए राज्य शासन के पास राशि की कमी नहीं है। सभी नगरीय निकायों में विकास कार्यों और जन सुविधाएं विकसित करने के लिए पर्याप्त राशि दी जा रही है। पिछले दस महीनों में राज्य के नगरीय निकायों को करीब 2800 करोड़ रुपए दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गांव, गरीब और किसानों के साथ ही प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता के.के. पीपरी, मुख्य अभियंता ज्ञानेश्वर कश्यप और खरोरा नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारी होरी सिंह ठाकुर सहित विभागीय अधिकारी, पार्षद और गणमान्य नागरिक भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

गाया ब्रांड की फैक्ट्री पर खाद्य विभाग का छापा, पनीर और पेड़ा के सैंपल जब्त

महासमुंद-   दीपावली के अवसर पर दूध और दूध उत्पादों में मिलावट की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सख्त कार्रवाई की है. “गाया” ब्रांड नाम से दूध और उसके उत्पाद बेचने वाली वामा डेयरी की तुमगांव स्थित फैक्ट्री में राज्य स्तरीय उड़नदस्ता टीम ने छापा मारा और जांच की. 

छापेमारी के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन की राज्य स्तरीय टीम और महासमुंद जिला अधिकारियों की कुल 6 सदस्यीय टीम ने फैक्ट्री में पनीर और पेड़ा मिठाई के सैंपल लिए. जांच के लिए ये सैंपल अब प्रयोगशाला भेजे गए हैं. खाद्य विभाग का यह कदम त्योहारी सीजन में मिलावट की रोकथाम के लिए उठाया गया है, क्योंकि दीपावली पर मिठाई और दूध उत्पादों की खपत में तेजी से वृद्धि होती है और मिलावट की शिकायतें सामने आ रही हैं.

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त नीतेश मिश्रा ने कहा कि छोटे विक्रेताओं की मांग थी कि मिलावट के मामलों को रोकने के लिए सीधे फैक्ट्रियों के उत्पादन स्थलों से सैंपल लेकर जांच की जाए. इसी क्रम में वामा डेयरी जैसे बड़े उद्योगों पर छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय उड़नदस्ता टीम की इस कार्रवाई का उद्देश्य त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची जगन्नाथ मंदिर, देशवासियों के सुख-समृद्धि और निरंतर प्रगति के लिए आशीर्वाद मांगा

रायपुर-   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छत्तीसगढ़ प्रवास के दूसरे दिन आज राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित महाप्रभु भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर देशवासियों के सुख-समृद्धि और निरंतर प्रगति के लिए आशीर्वाद मांगा। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु इस दौरान जगन्नाथ सेवा समिति के सदस्यों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने इस मौके पर मंदिर पहुंचे प्रदेश के जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्टजनों से भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि ओड़िसा के जगन्नाथ पुरी स्थित महाप्रभु भगवान श्री जगन्नाथ के पांव छत्तीसगढ़ के सोंढूर, पैरी और महानदी के त्रिवेणी संगम के तट पर स्थित प्रयाग नगरी राजिम में पड़े थे, जिसे वर्तमान में भगवान कुलेश्वर मंदिर के रूप में आज लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं। इसी की याद में गायत्री नगर में भी महाप्रभु भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कराया गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ के आदिवासियों के साथ लिया सामुहिक छायाचित्र

रायपुर-     राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के लोग अपनी जीवन-पद्धति, खान-पान, लोक-नृत्य, लोक-संगीत, लोकवाद्यों, कलाओं रीति-रिवाजों, तीज-त्यौहारों, अस्थाओं और अन्य आदिम परंपराओं से काफी प्रभावित हुईं। छत्तीसगढ के पारंपरिक वेषभूषा में सजे आदिवासियों के साथ सामुहिक छायाचित्र लिया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक खुशवंत साहेब एवं रोहित साहू उपस्थित थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के लोग अपने बीच पाकर अभिभूत हो गए। छत्तीसगढ़ के गौरवशाली “पुरखौती मुक्तांगन“ में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ के जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को बढाने और उन्हे सम्मान देते हुए छत्तीसगढ के सरगुजा, बस्तर और दंतेवाडा जिले के नर्तक दलों के साथ छायाचित्र कराया गया। सरगुजा, बस्तर और दंतेवाडा जिले के नर्तक दलों में शमिल महिला और पुरूषों में पांरपरिक वेषभूषा में संज-संवरकर तैयार थे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को राज्यपाल श्री डेका ने स्मृति चिन्ह किये भेंट
रायपुर-    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के छत्तीसगढ़ के प्रवास के अंतिम दिन राजभवन में उन्हें ससम्मान बिदाई दी गई। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को राज्यपाल रमेन डेका द्वारा छत्तीसगढ़ की पहचान, बेल मेटल से निर्मित स्मृति चिन्ह और विश्व प्रसिद्ध कोसा की साड़ी भेंट की गई। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने भी राष्ट्रपति भवन की काष्ठ से निर्मित प्रतिकृति उन्हें भेंट की। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी भी उपस्थित थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के समक्ष आदिवासियों ने पारंपरिक वेशभूषा में प्रसिद्ध लोकनृत्य का किया प्रदर्शन

रायपुर-     भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मृर्मु को अपने बीच पाकर छत्तीसगढ़ के लोग हमेशा गौरवान्वित होते हैं, विशेष रूप से यहां के जनजातीय समाज स्वयं को बहुत प्रतिष्ठित महसूस कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के गौरवशाली ‘पुरखौती मुक्तांगन‘ में आयोजित सरगुजा प्रखण्ड के लोकार्पण और महतारी वंदन की 9 वीं किस्त की राशि के अंतरण के अवसर पर छत्तीसगढ के आदिवासी समुदाय के लोगों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के लोग अपनी जीवन-पद्धति, खान-पान, लोक-नृत्य, लोक-संगीत, लोकवाद्यों, कलाओं रीति-रिवाजों, तीज-त्यौहारों, अस्थाओं और अन्य आदिम परंपराओं को सहेज कर रखा है। नर्तक दलों ने अपने नृत्य के माध्यम से बताया कि जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। जनजातीय समाज का कल्याण करने सरकार प्रतिबद्ध है।

छत्तीसगढ़ के गौरवशाली ‘पुरखौती मुक्तांगन‘ में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपने बीच पाकर हमारे छत्तीसगढ के आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपनी पहचान नृत्य के माध्यम में प्रस्तुत की। जिला सरगुजा, विकासखण्ड मैनपाट के ग्रमा डांगबुड़ा के नर्तक दल ने सरगुजा संभाग के आदिवासियों के प्रसिद्ध लोकनृत्य करमा का पुरूष पारंपरिक वेशभूषा में धोती, कुर्ता, पगड़ी, मयूरपंख सहित और महिलाएं साड़ी- ब्लाउज के साथ पैर में घुंघरू पहनकर मांदर और झांझ बजाते हुए नृत्य का प्रदर्शन किए। करमा नृत्य लगभग हर खुशी के अवसर पर किया जाता है।

इसी प्रकार दंतेवाडा जिला के विपकासखण्ड गीदम के ग्राम जोड़तराई के नर्तकदल ने गौर नृत्य कर पारंपरिक बस्तर के विभिन्न त्यौहारों के जैसे- अमुस तिहार, नवाखाई आमा पण्डुम, शादी-विवाह आदि में महिलाओं और पुरूषों के द्वारा मिलकर सामुहिक रूप से पांरपरिक तरीके से नृत्य का प्रदर्शन किए।

जिला जशपुर के विकासखण्ड कांसाबेल के ग्राम टाटीडांड के नर्तकों ने करमा अपने नृत्य के माध्यम से बताया कि करमा दशहरा के चार दिन बाद गाड़ते हैं, शाम को करम डगाल काटकर गाड़तें हैं और रातभर करमा नृत्य करते हैं । यही राजी करमा के नाम से भी जाना जाता है। इस करमा को बड़े घुमघाम से मनाया जाता है। इसी प्राकर दीपावली करमा दीपावली के दिन शाम को करम पेड से डगाल काटकर गाडते हैं और और रातभर करमा नृत्य करते हुए सुबह विसर्जन करते हैं। इस करमा में गोवर्धन पूजा, लक्ष्मी पूजा भी करते हैं।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।