ज्यादा बच्चे पैदा करने की पैरवी नायडू-स्टालिन, जानें क्या डर सता रहा दोनों नेताओं को
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भारत की आबादी को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। इसकी शुरूआत दक्षिण के राज्यों से ही है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अपने-अपने राज्यों के लोगों से कहा है कि अधिक बच्चे पैदा करें। आंध्र प्रदेश के सीएम ने राज्य की 'वृद्ध होती आबादी' का मुद्दा उठाया, जबकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 2026 तक होने वाले परिसीमन के लिए 'समाधान' के रूप में '16 बच्चे' पालने वाले दंपतियों की बात की। मामले को लेकर राजनीति भी अपने चरम पर है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को जनसांख्यिकीय परिवर्तन के मुद्दे को परिसीमन प्रक्रिया से जोड़ते हुए सुझाव दिया कि राज्य में लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए। तमिनलाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को कहा कि लोकसभा परिसीमन प्रक्रिया से कई दंपतियों के 16 (तरह की संपत्ति) बच्चों की तमिल कहावत की ओर वापस लौटने की उम्मीदें बढ़ सकती हैं। स्टालिन ने कहा कि अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां लोगों को लगता है कि अब उन्हें सचमुच 16 बच्चे पैदा करने चाहिए, न कि एक छोटा और खुशहाल परिवार रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने जनगणना और लोसकभा परिसीमन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि नवविवाहित जोड़े अब कम बच्चे पैदा करने का विचार त्याग सकते हैं।
स्टालिन की यह टिप्पणी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की तरफ से अधिक बच्चे पैदा करने की इसी तरह के बयान के एक दिन बाद आई है। इससे पहले नायडू ने रविवार को घोषणा की कि उनका प्रशासन एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहा है जिसके तहत केवल दो या उससे अधिक बच्चे वाले व्यक्ति ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे। उन्होंने राज्य की बढ़ती उम्र की आबादी और जनसांख्यिकीय संतुलन पर इसके प्रभाव के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए परिवारों से अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह किया था।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि दक्षिण भारत में आबादी बूढ़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला को अपने जीवनकाल में दो से अधिक बच्चों को जन्म देना चाहिए। आंध्र प्रदेश की जन्म दर प्रति महिला 2.1 जीवित जन्मों के प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है। नायडू का कहना था कि हमें अपनी जनसंख्या को मैनेज करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 2047 तक, हमारे पास जनसांख्यिकीय लाभांश होगा, अधिक युवा होंगे। 2047 के बाद, अधिक बूढ़े लोग होंगे। ऐसे में यदि दो से कम बच्चे (प्रति महिला) जन्म लेते हैं, तो जनसंख्या कम हो जाएगी। यदि आप (प्रत्येक महिला) दो से अधिक बच्चों को जन्म देती हैं, तो जनसंख्या बढ़ेगी।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु सहित अन्य दक्षिणी राज्यों को 2026 में होने वाले परिसीमन के कारण संसदीय प्रतिनिधित्व में संभावित बदलावों का सामना करना पड़ रहा है। अगर भारत में 2026 में निर्धारित परिसीमन किया जाता है, तो 2029 में होने वाले लोकसभा चुनावों में उत्तरी राज्यों को 32 सीटों का फायदा होगा, जबकि दक्षिणी राज्यों को 24 सीटों का नुकसान होगा। थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस द्वारा 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले प्रकाशित ‘भारत के प्रतिनिधित्व का उभरता संकट’ शीर्षक वाले अध्ययन में कहा गया था कि इस प्रक्रिया में तमिलनाडु और केरल राज्य मिलकर 16 सीटें खो देंगे।
Oct 22 2024, 19:58