प्रभावित गांव पंचगंवा हैदरगंज में लाठी के साथ साथ मौजूद बनकर्मी
अयोध्या ।बीकापुर तहसील अंतर्गत हैदरगंज थाना क्षेत्र में रविवार की देर शाम कई गांव में हिंसक जानवर के हमले में करीब एक दर्जन लोगों के जख्मी होने के चलते क्षेत्र के कई गांव में हिंसक जानवर होने का खौफ फैल गया है।
वन विभाग द्वारा कई जगह पर अलग-अलग पिंजरा लगाया गया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। हैदरगंज क्षेत्र के 4 ग्राम पंचायतों के 6 किलोमीटर की परिधि में रविवार देर शाम को हिंसक जानवर ने तांडव मचाया।
क्षेत्र के बेला रामबाग, दामोदरपुर, रामपुर प्रताप, पचगांव, डडवा गांव में शोभावती, अनीता, गुड़िया, मेवा लाल यादव, राजकुमारी, शिव सिंह, सचिन, मंसाराम यादव, श्रीपाल, बलदेव की पत्नी आदि कई लोगों पर हिंसक जानवर द्वारा एक ही दिन में हमला करके घायल किया जा चुका है। इसके अलावा एक बकरी को भी हिंसक जानवर में जख्मी किया है।
हिंसक जानवर भेड़िया की आहट की आशंका से ग्रामीण खौफजदा हो रहे हैं। वन विभाग द्वारा पिंजरा लगाने के साथ कैंबिग शुरू की गई है। लेकिन अभी वन विभाग द्वारा हिंसक जानवर होने की पुष्टि नहीं की जा रही है। जंगली सियार होने की संभावना जताई जा रही है। थाना क्षेत्र के करीब 4 ग्राम पंचायतों में लगभग 6 किलोमीटर की लंबी दूरी का सफर करते हुए हिंसक जानवर ने रविवार को देर शाम से रात तक करीब एक दर्जन महिलाओं एवं पुरुषों पर हमला करके जख्मी कर दिया है।
सूचना के बाद वन विभाग की टीम द्वारा आसपास जंगल खेतों और क्षेत्र में हिंसक जानवर के पद चिन्ह और प्रमाण की खोज शुरू की गई है।बीकापुर तहसील के बन रेंजर एसपी सिंह द्वारा बताया गया कि वन विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल और खोजबीन की जा रही है। लेकिन अभी हिंसक जानवर का पद चिन्ह नहीं मिल सका और ना ही भेड़िया होने का कोई प्रमाण मिल सका। बताया कि ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है तथा कोई भी नहीं जानकारी और इनपुट मिलने पर वन विभाग को सूचित करने के लिए बताया गया है। वन विभाग की टीम लगाकर तलाश कराई जा रही है पिंजरा भी लगाया गया है। कई ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि हमला करने वाला हिंसक जानवर जंगली सियार से थोड़ा बड़ा था तथा उसका मुंह भी फैला हुआ था। वन विभाग के कर्मी सिर्फ लाठी लेकर भाग दौड़ कर रहे हैं। बताया गया कि हैदरगंज क्षेत्र के कई गांव में हिंसक जानवर की दस्तक और कई लोगों के हमले में घायल हो जाने के चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। घटना के 2 दिन बाद भी किसान रात में अपने नलकूप और खेतों में जाने से भय महसूस कर रहे हैं तथा जरूरी होने पर लाठी लेकर जा रहे हैं। बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए अभिभावक साथ जा रहे हैं। तथा हिंसक जानवर की की आशंका में ग्रामीण रतजगा भी कर रहे हैं। पचगवा परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने पर परिषदीय स्कूल के अध्यापकों द्वारा भी मंगलवार को अभिभावकों के साथ बैठक करके अपने बच्चों को साथ लेकर स्कूल छोड़ने और छुट्टी होने पर घर ले जाने के लिए कहा गया है।
Oct 17 2024, 18:41