दशहरा पर रावण का प्रतीक पुतला दहन के साथ रामलीला सम्पन्न
श्रीप्रकाश यादव
चंदौली ।चहनियां, रामलीला समित कैथी द्वारा रामलीला प्रांगण में शुक्रवार को सबसे प्रसिद्ध रामलीला का मंचन किया गया । अंगद रावण संवाद के बाद युद्ध शुरू हुआ । रावण के कई योद्धा मारे गये । लंका पति रावण के बड़े बेटे मेघनाथ ने यह प्रतिज्ञा किया हे पिता श्री,आज इस युद्ध को खत्म कर दुंगा । राम लक्ष्मण सुग्रीव हनुमान अंगद और कुल द्रोही विभिषण सभी का वध करुंगा । युद्ध मे मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम से आदेश लेकर लक्ष्मण जी मेघनाथ को ललकारते हुए कहते हैं "लंका पर रघुकुल की,कमान इस कारण आकर कड़की है,ऋषियों की यज्ञों की ज्वाला बदला लेने को भड़की है" । मेघनाथ ने शक्ति बाण मारा जिससे लक्ष्मण जी मूर्छित हो गये । प्रभु श्रीराम दल में शोक की लहर प्राप्त हो गई ।
हनुमान,अंगद आदि कवि सेना ने लक्ष्मण जी को उठाकर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की गोद में रख दिया राम जी के द्रवित विलाप करने लगें । प्रभु राम जी को रोता देखकर दर्शक दीर्घा में बैठी महिलाएं रोने लगी और पुरुषों के आंखों में आंसु आ गये । हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी की मुर्छा को खत्म किया । जब यह समाचार रावण ने दूतों के माध्यम से सुना तो अपने सबसे शक्तिशाली भाई कुंभकरण को निद्रा से जगाया और कुंभकरण को आदेश दिया कि जाओ राम व राम की सेना पर आक्रमण करो और सभी को खा जाओ । कुंभकरण और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम युद्ध हुआ । कुंभकरण मारा गया । इससे रावण क्रोधित होकर फिर मेघनाथ को युद्ध के लिए भेजा । मेघनाथ लक्ष्मण जी में युद्ध हुआ और मेघनाथ भी मर गया । दशहरा पर शनिवार को प्रभु श्रीराम और लंका पति रावण का युद्ध हुआ । इस युद्ध के बाद रावण का भगवान के हाथों मुक्ति हुई और इसी के साथ रावण के पुतले को जलाया गया । इसी के साथ प्रभु श्रीराम-हर हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा ।
Oct 13 2024, 18:10