विजयादशमी रैली: आरएसएस के 100वें वर्ष में प्रवेश पर मोहन भागवत का बड़ा बयान, पीएम मोदी ने दी बधाई और शुभकामनाएं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को नागपुर में वार्षिक विजयादशमी रैली को संबोधित किया. उन्होंने देश, दुनिया और समाज के विभिन्न मुद्दों पर अपने वक्तव्य रखें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल साइट्स एक्स पर आरएसएस के वार्षिक विजयादशमी रैली का लाइव वीडियो शेयर किया है और समस्त स्वयंसेवकों को हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं दी हैं.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. अविरल यात्रा के इस ऐतिहासिक पड़ाव पर समस्त स्वयंसेवकों को मेरी हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं.”
पीएम मोदी ने आगे लिखा, “मां भारती के लिए यह संकल्प और समर्पण देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ ही विकसित भारत को साकार करने में भी नई ऊर्जा भरने वाला है. आज विजयादशमी के शुभ अवसर पर माननीय सरसंघचालक मोहन भागवत जी का उद्बोधन जरूर सुनना चाहिए”
बता दें कि विजयादशमी रैली के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपने 100 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. साल 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी.
1925 में आरएसएस की हुई थी स्थापना
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी शनिवार को वार्षिक विजयादशमी की रैली के संबोधन में भी आरएसएस के शताब्दी वर्ष के शुभारंभ का जिक्र किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 27 सितंबर 1925 को स्थापित आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष में समाज और पर्यावरण में सद्भावना और सद्भावना, मूल्यों की जागृति, विचार, कर्म में संयम और विवेक, नागरिक अनुशासन, आत्मसम्मान, वाणी और संगठित शक्ति और शांति और प्रगति के आधार के रूप में बेदाग चरित्र जैसे मुद्दों को उठाएगा.
दुनिया में बढ़ी है भारत की साख: मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत काफी मजबूत हुआ है और दुनिया में भारत की साख बढ़ी है, लेकिन भयावह साजिशें देश के संकल्प की परीक्षा ले रही हैं. उन्होंने कहा कि हर कोई यह महसूस कर रहा है कि पिछले कुछ सालों में भारत और भी मजबूत होकर उभरा है और दुनिया भर में देश साख बढ़ी है. कोई भी देश अपने लोगों और नागरिकों के राष्ट्रीय चरित्र की वजह से ही महान बनता है. यह साल बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है. आकांक्षाओं और उम्मीदों के अलावा भारत में समस्याएं और चुनौतियां भी हैं.
उन्होंने कहा कि हमें दयानंद सरस्वती, अहिल्याबाई होल्कर, बिरसा मुंडा और कई अन्य लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने अपने जीवन को देश के कल्याण,संस्कृति धर्म, और समाज के लिए समर्पित कर दिया
Oct 13 2024, 10:15