आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग और धमकी के आरोप में 10 डॉक्टरों को किया गया निष्कासित
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्टल में लेडी डॉक्टर की रेप और मर्डर की घटना के बाद गठित जांच कमेटी ने 10 डॉक्टरों को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से निष्कासित कर दिया है.
उन 10 डॉक्टरों पर रैगिंग और धमकी देने समेत कई आरोप लगे हैं. कॉलेज काउंसिल की बैठक में सामूहिक रूप से लिए गए निर्णय में डॉक्टरों को 72 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया गया.
जिन डॉक्टरों को निष्कासित किया गया है, उनमें सौरभ पाल, आशीष पांडे, अभिषेक सेन, आयुश्री थापा, निरजन बागची, सारिफ हसन, नीलाग्नि देबनाथ, अमरेंद्र सिंह, सतपाल सिंह और तनवीर अहमद काजी आदि शामिल हैं. उन्हें अगले 72 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया गया है.
आरोपियों के पंजीकरण प्रमाणपत्रों की जांच के लिए उनके नाम राज्य चिकित्सा परिषद को भी भेजे जाएंगे.
बता दें कि सीबीआई पहले ही संदीप घोष के करीबी आशीष पांडे को गिरफ्तार कर चुकी है. इन सभी आरोपियों पर पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के लिए काम करने के आरोप लगे हैं.
बता दें कि काउंसिल की बैठक
शनिवार को दोपहर से आरजी कर के प्लेटिनम जुबली भवन में शुरू हुई. बैठक में अधिकारी, डॉक्टर और प्रशिक्षुओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. मेडिकल छात्रों ने बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की कि अस्पताल में ‘थ्रेट कल्चर’ के आरोपी 59 लोगों को तुरंत सजा दी जाए. इसके बाद काउंसिल ने बैठक के अंत में फैसले की घोषणा की.
रैगिंग और फेल करने की देते थे धमकी
आरजी कर अस्पताल के अधिकारियों ने सभी आरोपियों के नामों की एक सूची भी जारी की. उन पर धमकी देने और भय का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा आरोप है कि उनमें से कई डॉक्टर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी थे.
आरोप है कि उनकी बात न मानने पर छात्रों को परीक्षा में फेल कर देने की धमकी दी जाती थी. हॉस्टल से निकाल देने की धमकियां देते थे. रात तीन बजे हॉस्टल के कमरे में बुलाकर शारीरिक व मानसिक यातनाएं दी जाती थी. इसके अलावा, छात्रों को एक विशेष राजनीतिक दल में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता था. सभाओं और जुलूसों में नहीं आने पर उत्पीड़न किया जाता था
हॉस्टल में रैगिंग होती थी. कभी-कभी जूनियर्स को देर रात शराब लाने के लिए भेजा जाता था. कॉमन रूम में सीनियर्स को तरह-तरह के हाव-भाव दिखाने होते थे. न मानने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था. ऐसी शिकायतों के आधार पर अस्पताल अधिकारियों ने उन 59 लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. 43 आरोपियों को हॉस्टल से निकाल दिया गया.
थ्रेट कल्चर के खिलाफ हुआ आंदोलन
बता दें कि, 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद अस्पतालों में थ्रेड कल्चर के आरोप लगे हैं. इसके बाद आरजी कर अस्पताल के छात्रों ने कुछ डॉक्टरों के खिलाफ अधिकारियों को शिकायत की गई.
जूनियर डॉक्टरों की शिकायत के आधार पर 59 लोगों की पहचान की गयी. इनमें डॉक्टरों के अलावा हाउस स्टाफ, इंटर्न भी शामिल हैं। अस्पताल की जांच कमेटी ने उनमें से कई को बुलाकर पूछताछ की. आखिरकार शनिवार की बैठक के बाद काउंसिल ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की.
Oct 06 2024, 20:19