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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तिरुपति लड्डू विवाद पर SIT गठित

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के 2 सदस्यों, आंध्र प्रदेश पुलिस के 2 सदस्यों और एक FSSAI सदस्य के साथ एसआईटी गठन का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक द्वारा की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है।

लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी मिलाने का है आरोप

सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है। कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के पांच सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया जिसमें सीबीआई, पुलिस और FSSAI के अधिकारी शामिल होंगे।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यदि आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि एसआईटी जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाए। 30 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेहता से यह तय करने में सहायता करने को कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए।

तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के कथित इस्तेमाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के अनुरोध वाली याचिका समेत अन्य दूसरी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सामने आया। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अदालत को राजनीतिक युद्धक्षेत्र के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे। पिछले महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि राज्य में पिछली जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति में लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का उपयोग किया गया था, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के सार्वजनिक बयान पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लैब रिपोर्ट बिल्कुल स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि इस बात का क्या सबूत है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था।

हमने अपना धैर्य खो दिया है', प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड देने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज


नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के मामले में सुनवाई की, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से राशन कार्ड में देरी पर कोर्ट ने कहा, हमने अपना धैर्य खो दिया है। 

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को 19 नवंबर तक इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का अंतिम अवसर दिया।

जज ने कहा, हमने अपना धैर्य खो दिया है, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि अब और कोई अभद्रता नहीं होगी। पीठ ने ये भी कहा, ''हम आपको हमारे आदेश का पालन करने के लिए एक आखिरी मौका दे रहे हैं या आपके सचिव उपस्थित रहेंगे।''

जज ने कहा, हमने अपना धैर्य खो दिया है, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि अब और कोई अभद्रता नहीं होगी। पीठ ने ये भी कहा, ''हम आपको हमारे आदेश का पालन करने के लिए एक आखिरी मौका दे रहे हैं या आपके सचिव उपस्थित रहेंगे।''

सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने दिया ये तर्क

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि अंत्योदय अन्न योजना के तहत प्रति प्राथमिकता वाले परिवार के लिए केवल एक राशन कार्ड जारी किया जाता है।बता दें कि अदालत 2020 में कोविड के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और दुखों का संज्ञान लेने के बाद दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने पहले केंद्र से अपने 2021 के फैसले के अनुपालन और प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड और अन्य कल्याणकारी उपाय प्रदान करने के निर्देशों के बारे में जानकारी देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था।

अदालत ने पारित किए कई निर्देश

अदालत ने 29 जून, 2021 के फैसले और उसके बाद के आदेशों में अधिकारियों को कई निर्देश पारित किए थे, जिसमें उनसे कल्याणकारी उपाय करने के लिए कहा गया था, जिसमें उन सभी प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड देना शामिल था, जो ई-श्रम' पोर्टल के साथ रजिस्टर्ड कोविड ​​​​-19 महामारी के दौरान परेशान थे। '

ई-श्रम' केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीयूडब्ल्यू) है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य देश भर में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कल्याणकारी लाभ और सामाजिक सुरक्षा उपायों की डिलीवरी की सुविधा प्रदान करना है।

हरियाणा में भाजपा के शासन काल का 10 साल और10 बड़ी घटनाएं,पढ़िये उसके इफेक्ट और राजनीतिक प्रभाव


आज हरियाणा में विधानसभा चुनाव चल रहा है । 2014 में पहली बार हरियाणा में जीतकर बीजेपी ने पिछले दस साल से शासन कर रहा है । बीजेपी अब हरियाणा में तीसरी बार जीत 

 इसका पता 8 अक्टूबर को चलेगा। 2014 में बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश का मुखिया बनाया गया था। साढ़े 9 साल तक वे प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन मार्च 2024 में उनकी जगह नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बनायें गए। बीजेपी के 10 साल के इस शासनकाल में कई घटनाएं और विवाद भी हुए। इनमें सांप्रदायिक हिंसा, जाट आंदोलन, भ्रष्टाचार के मामले, और एक मंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं। आइए

 जानते हैं बीजेपी के 10 साल में

 हुई घटनाएं और विवाद...

रामपाल आश्रम विवाद , नवंबर 2014

बीजेपी सरकार का कानून-व्यवस्था से पहला सामना रामपाल आश्रम हिंसा के दौरान हुआ। जब पुलिस ने राजद्रोह और कई अन्य आरोपों में प्रचारक रामपाल को गिरफ्तार करने की कोशिश की। इस दौरान रामपाल के अनुयायियों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क गई। रामपाल ने हाईकोर्ट के अवमानना के मामले में पेश होने से इनकार कर दिया। उसे गिरफ्तार करने के लिए बरवाला स्थित उनके आश्रम में कुल 5,375 जवान तैनात किए गए थे। 19 नवंबर, 2014 को उन्हें पकड़ने में 10 दिन लग गए। इस ऑपरेशन पर सरकारी खजाने से 26 करोड़ रुपये खर्च हुए। बाद में रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

गोमांस पर खट्टर का बयान: 2015

अक्टूबर 2015 में एक अंग्रेजी दैनिक को दिए एक साक्षात्कार में खट्टर ने यह टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया कि मुसलमान देश में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें गोमांस खाना छोड़ना होगा। बाद में, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था।

आरक्षण के लिए जाट हिंसा, फरवरी 2016

ओबीसी कोटे के तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जाटों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी के बाद लगभग 30 लोगों की मौत हो गई। राज्य सरकार पर आंदोलन को संभालने में विफल रहने का आरोप लगा। 2,100 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गईं और सैकड़ों लोगों पर मामले दर्ज किए गए। बीएसएफ के पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक समिति ने कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को भी दोषी ठहराया। हिंसा के कारण राज्य में जाति आधारित विभाजन पैदा हो गया। बीजेपी नेताओं के ध्रुवीकरण वाले बयानों ने हरियाणवियों के बीच भाईचारे में दरार पैदा कर दी।

 राज्यसभा चुनाव में विवाद

जून 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में प्रख्यात वकील आर के आनंद की मीडिया दिग्गज सुभाष चंद्र से हार गए। इस चुनाव में चुनाव आयोग ने अनियमितताएं पाईं। चुनाव आयोग ने उन परिस्थितियों की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की। कांग्रेस विधायकों ने अपने उम्मीदवार को वोट देने के लिए अनधिकृत स्याही वाले पेन का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण 12 वोट रद्द कर दिए गए। कांग्रेस के दो अन्य वोट रद्द कर दिए गए क्योंकि एक विधायक ने अपना वोट दूसरी पार्टी के विधायक को दिखाया और एक वोट पर निशान नहीं लगा था।

मॉब लिंचिंग केस, जून 2017

जून 2017 में मथुरा जाने वाली ट्रेन में सीट को लेकर हुए विवाद के बाद जुनैद (16) की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद मृतक के भाई और दो चचेरे भाइयों पर ओखला और असोटी के बीच सड़क पर भीड़ ने हमला कर दिया। पुलिस ने नरेश को मुख्य आरोपी और पांच अन्य के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द कहकर चोट पहुंचाने और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

न्याय के लिए जुनैद के पिता ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

बाद में जुनैद के पिता, जलालुद्दीन ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें आरोप लगाया गया कि हरियाणा पुलिस ने गवाहों के बयानों को कमजोर करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने यह भी दावा किया कि अपराध की असली प्रकृति को छुपाया गया था और आरोपी और अन्य लोगों के आचरण को लिंचिंग भीड़ के रूप में छुपाया गया था। लेकिन अदालत ने सीबीआई जांच की उनकी याचिका खारिज कर दी।

भाजपा नेता के बेटे के हड़कत को लेकर कारबाई

5 अगस्त, 2017 को, तत्कालीन हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उनके दोस्त आशीष ने कथित तौर पर एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा किया और उनकी कार रोकने की कोशिश की। उसने चंडीगढ़ पुलिस को फोन किया, जिसने लड़कों को पकड़ लिया। गिरफ्तारी के वक्त वे नशे में पाए गए और आईपीसी की धारा 354डी (पीछा करने) और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने बाद में प्राथमिकी में अपहरण के प्रयास की धारा जोड़ी और उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। मामला अदालत में लंबित है और दोनों आरोपी जमानत पर हैं। बराला के बेटे ने झूठा फंसाने का दावा किया था। मामले में बीजेपी की छवि खराब होने के बावजूद मनोहर लाल ने बराला का इस्तीफा लेने की मांग ठुकरा दी।

डेरा हिंसा, अगस्त 2017

25 अगस्त, 2017 को सीबीआई अदालत द्वारा बलात्कार के मामलों में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा (डीएसएस) प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला में हुई हिंसा में चालीस लोग मारे गए थे। फैसले से पहले पंचकूला में जमा हुए डेरा के हजारों अनुयायियों द्वारा उत्पात मचाने के बाद पुलिस ने गोलियां चलाईं। राज्य सरकार की इस बात के लिए आलोचना हुई कि उसने सुनवाई से पहले इतने सारे अनुयायियों को पंचकूला में प्रवेश करने दिया, खासकर जब बीजेपी 2014 में डेरा के समर्थन के कारण ही राज्य में सत्ता में आई थी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणी की।

डीएलएफ भूमि सौदे में झटका, जनवरी 2019

बीजेपी वड्रा-डीएलएफ भूमि घोटाले को अंजाम तक नहीं पहुंचा सकी। गुड़गांव भूमि सौदे में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा शामिल थे और बीजेपी ने 2014 के चुनावों के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का दावा करने के लिए इस घोटाले का इस्तेमाल किया था। बीजेपी को सबसे बड़ा झटका जनवरी 2019 में उस समय लगा, जब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुड़गांव में भूमि सौदों की जांच करने वाले ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को अस्तित्वहीन" (मौजूद नहीं) घोषित कर दिया।

कश्मीरी लड़कियों पर विवादित बयान, अगस्त 2019

साल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद मनोहर लाल खट्टर के एक बयान पर बवाल हो गया था। उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अब कश्मीरी लड़कियों शादी कर लाया जा सकता है, क्योंकि कश्मीर का रास्ता साफ हो गया है।

लॉकडाउन में शराब घोटाला , 2020

कोविड-19 अवधि के दौरान आबकारी और कराधान अधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत से हरियाणा से दूसरे राज्यों में बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी का आरोप लगाया गया था। विपक्ष ने इसे कई हजार करोड़ रुपये का घोटाला करार दिया था। राज्य सरकार ने एक जांच दल का गठन किया जिसने आबकारी और कराधान आयुक्त सहित अधिकारियों के आचरण पर कई सवाल उठाए। टीम ने 30 जुलाई, 2020 को गृह विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी और कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान राज्य भर में शराब के स्टॉक की भारी मात्रा में अनधिकृत आवाजाही की ओर इशारा किया।

मंत्री पर छेड़छाड़ के आरोप, दिसंबर 2022

29 दिसंबर, 2022 को, रियो ओलंपिक टीम का हिस्सा रहीं एक राष्ट्रीय स्तर की महिला एथलीट ने आरोप लगाया कि पूर्व हॉकी खिलाड़ी और हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने अपने आवास पर उनके साथ छेड़छाड़ की। 31 दिसंबर, 2022 को, चंडीगढ़ पुलिस ने संदीप पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, यौन उत्पीड़न और संबंधित आरोपों में मामला दर्ज किया। 8 जनवरी, 2023 को, प्राथमिकी में महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से कहे गए शब्द, इशारा या कृत्य का आरोप जोड़ा गया। अगस्त 2023 में, संदीप के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया, जिसमें उनके खिलाफ मजबूत सबूत होने का दावा किया गया था। पुलिस द्वारा उनके मंत्री के खिलाफ आरोप पत्र पेश करने के बावजूद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बर्खास्त करने से इनकार कर दिया। 29 जुलाई, 2024 को, चंडीगढ़ की एक अदालत ने बीजेपी नेता के खिलाफ आरोप तय किए।

नूंह हिंसा और तोड़फोड़, जुलाई 2023

नूंह में हिंसा 31 जुलाई, 2023 को शुरू हुई, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और निजी और सार्वजनिक संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचा। हिंसा की शुरुआत एक धार्मिक जुलूस के दौरान हुई एक घटना से हुई। एक चौंकाने वाले कदम में, खट्टर सरकार ने हिंसा में कथित रूप से शामिल मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ अभियान चलाया। हाईकोर्ट ने इस अभियान पर रोक लगा दी।

पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या, फरवरी 2024

25 फरवरी, 2024 को इनेलो के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की 11 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड से राज्य में सनसनी फैल गई। विपक्षी दलों ने भी राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया था। बाद में हरियाणा में बीजेपी सरकार को मामला सीबीआई को सौंपना पड़ा।

बदला गया सीएम, मार्च 2024

बीजेपी 2014 से 2024 तक सत्ता में रही, 2019 में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में पार्टी को जेजेपी का समर्थन मिला। दो कार्यकालों में से अधिकांश समय तक सेवा देने के बावजूद, मनोहर लाल खट्टर ने 12 मार्च, 2024 को अपना पद छोड़ दिया। 13 मार्च से, नायब सिंह सैनी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।

हरियाणा में भाजपा के शासन काल का 10 साल और10 बड़ी घटनाएं,पढ़िये उसके इफेक्ट और राजनीतिक प्रभाव


आज हरियाणा में विधानसभा चुनाव चल रहा है । 2014 में पहली बार हरियाणा में जीतकर बीजेपी ने पिछले दस साल से शासन कर रहा है । बीजेपी अब हरियाणा में तीसरी बार जीत 

 इसका पता 8 अक्टूबर को चलेगा। 2014 में बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश का मुखिया बनाया गया था। साढ़े 9 साल तक वे प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन मार्च 2024 में उनकी जगह नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बनायें गए। बीजेपी के 10 साल के इस शासनकाल में कई घटनाएं और विवाद भी हुए। इनमें सांप्रदायिक हिंसा, जाट आंदोलन, भ्रष्टाचार के मामले, और एक मंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं। आइए

 जानते हैं बीजेपी के 10 साल में

 हुई घटनाएं और विवाद...

रामपाल आश्रम विवाद , नवंबर 2014

बीजेपी सरकार का कानून-व्यवस्था से पहला सामना रामपाल आश्रम हिंसा के दौरान हुआ। जब पुलिस ने राजद्रोह और कई अन्य आरोपों में प्रचारक रामपाल को गिरफ्तार करने की कोशिश की। इस दौरान रामपाल के अनुयायियों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क गई। रामपाल ने हाईकोर्ट के अवमानना के मामले में पेश होने से इनकार कर दिया। उसे गिरफ्तार करने के लिए बरवाला स्थित उनके आश्रम में कुल 5,375 जवान तैनात किए गए थे। 19 नवंबर, 2014 को उन्हें पकड़ने में 10 दिन लग गए। इस ऑपरेशन पर सरकारी खजाने से 26 करोड़ रुपये खर्च हुए। बाद में रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

गोमांस पर खट्टर का बयान: 2015

अक्टूबर 2015 में एक अंग्रेजी दैनिक को दिए एक साक्षात्कार में खट्टर ने यह टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया कि मुसलमान देश में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें गोमांस खाना छोड़ना होगा। बाद में, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था।

आरक्षण के लिए जाट हिंसा, फरवरी 2016

ओबीसी कोटे के तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जाटों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी के बाद लगभग 30 लोगों की मौत हो गई। राज्य सरकार पर आंदोलन को संभालने में विफल रहने का आरोप लगा। 2,100 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गईं और सैकड़ों लोगों पर मामले दर्ज किए गए। बीएसएफ के पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक समिति ने कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को भी दोषी ठहराया। हिंसा के कारण राज्य में जाति आधारित विभाजन पैदा हो गया। बीजेपी नेताओं के ध्रुवीकरण वाले बयानों ने हरियाणवियों के बीच भाईचारे में दरार पैदा कर दी।

 राज्यसभा चुनाव में विवाद

जून 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में प्रख्यात वकील आर के आनंद की मीडिया दिग्गज सुभाष चंद्र से हार गए। इस चुनाव में चुनाव आयोग ने अनियमितताएं पाईं। चुनाव आयोग ने उन परिस्थितियों की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की। कांग्रेस विधायकों ने अपने उम्मीदवार को वोट देने के लिए अनधिकृत स्याही वाले पेन का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण 12 वोट रद्द कर दिए गए। कांग्रेस के दो अन्य वोट रद्द कर दिए गए क्योंकि एक विधायक ने अपना वोट दूसरी पार्टी के विधायक को दिखाया और एक वोट पर निशान नहीं लगा था।

मॉब लिंचिंग केस, जून 2017

जून 2017 में मथुरा जाने वाली ट्रेन में सीट को लेकर हुए विवाद के बाद जुनैद (16) की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद मृतक के भाई और दो चचेरे भाइयों पर ओखला और असोटी के बीच सड़क पर भीड़ ने हमला कर दिया। पुलिस ने नरेश को मुख्य आरोपी और पांच अन्य के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द कहकर चोट पहुंचाने और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

न्याय के लिए जुनैद के पिता ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

बाद में जुनैद के पिता, जलालुद्दीन ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें आरोप लगाया गया कि हरियाणा पुलिस ने गवाहों के बयानों को कमजोर करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने यह भी दावा किया कि अपराध की असली प्रकृति को छुपाया गया था और आरोपी और अन्य लोगों के आचरण को लिंचिंग भीड़ के रूप में छुपाया गया था। लेकिन अदालत ने सीबीआई जांच की उनकी याचिका खारिज कर दी।

भाजपा नेता के बेटे के हड़कत को लेकर कारबाई

5 अगस्त, 2017 को, तत्कालीन हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उनके दोस्त आशीष ने कथित तौर पर एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा किया और उनकी कार रोकने की कोशिश की। उसने चंडीगढ़ पुलिस को फोन किया, जिसने लड़कों को पकड़ लिया। गिरफ्तारी के वक्त वे नशे में पाए गए और आईपीसी की धारा 354डी (पीछा करने) और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने बाद में प्राथमिकी में अपहरण के प्रयास की धारा जोड़ी और उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। मामला अदालत में लंबित है और दोनों आरोपी जमानत पर हैं। बराला के बेटे ने झूठा फंसाने का दावा किया था। मामले में बीजेपी की छवि खराब होने के बावजूद मनोहर लाल ने बराला का इस्तीफा लेने की मांग ठुकरा दी।

डेरा हिंसा, अगस्त 2017

25 अगस्त, 2017 को सीबीआई अदालत द्वारा बलात्कार के मामलों में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा (डीएसएस) प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला में हुई हिंसा में चालीस लोग मारे गए थे। फैसले से पहले पंचकूला में जमा हुए डेरा के हजारों अनुयायियों द्वारा उत्पात मचाने के बाद पुलिस ने गोलियां चलाईं। राज्य सरकार की इस बात के लिए आलोचना हुई कि उसने सुनवाई से पहले इतने सारे अनुयायियों को पंचकूला में प्रवेश करने दिया, खासकर जब बीजेपी 2014 में डेरा के समर्थन के कारण ही राज्य में सत्ता में आई थी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणी की।

डीएलएफ भूमि सौदे में झटका, जनवरी 2019

बीजेपी वड्रा-डीएलएफ भूमि घोटाले को अंजाम तक नहीं पहुंचा सकी। गुड़गांव भूमि सौदे में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा शामिल थे और बीजेपी ने 2014 के चुनावों के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का दावा करने के लिए इस घोटाले का इस्तेमाल किया था। बीजेपी को सबसे बड़ा झटका जनवरी 2019 में उस समय लगा, जब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुड़गांव में भूमि सौदों की जांच करने वाले ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को अस्तित्वहीन" (मौजूद नहीं) घोषित कर दिया।

कश्मीरी लड़कियों पर विवादित बयान, अगस्त 2019

साल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद मनोहर लाल खट्टर के एक बयान पर बवाल हो गया था। उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अब कश्मीरी लड़कियों शादी कर लाया जा सकता है, क्योंकि कश्मीर का रास्ता साफ हो गया है।

लॉकडाउन में शराब घोटाला , 2020

कोविड-19 अवधि के दौरान आबकारी और कराधान अधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत से हरियाणा से दूसरे राज्यों में बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी का आरोप लगाया गया था। विपक्ष ने इसे कई हजार करोड़ रुपये का घोटाला करार दिया था। राज्य सरकार ने एक जांच दल का गठन किया जिसने आबकारी और कराधान आयुक्त सहित अधिकारियों के आचरण पर कई सवाल उठाए। टीम ने 30 जुलाई, 2020 को गृह विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी और कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान राज्य भर में शराब के स्टॉक की भारी मात्रा में अनधिकृत आवाजाही की ओर इशारा किया।

मंत्री पर छेड़छाड़ के आरोप, दिसंबर 2022

29 दिसंबर, 2022 को, रियो ओलंपिक टीम का हिस्सा रहीं एक राष्ट्रीय स्तर की महिला एथलीट ने आरोप लगाया कि पूर्व हॉकी खिलाड़ी और हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने अपने आवास पर उनके साथ छेड़छाड़ की। 31 दिसंबर, 2022 को, चंडीगढ़ पुलिस ने संदीप पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, यौन उत्पीड़न और संबंधित आरोपों में मामला दर्ज किया। 8 जनवरी, 2023 को, प्राथमिकी में महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से कहे गए शब्द, इशारा या कृत्य का आरोप जोड़ा गया। अगस्त 2023 में, संदीप के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया, जिसमें उनके खिलाफ मजबूत सबूत होने का दावा किया गया था। पुलिस द्वारा उनके मंत्री के खिलाफ आरोप पत्र पेश करने के बावजूद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बर्खास्त करने से इनकार कर दिया। 29 जुलाई, 2024 को, चंडीगढ़ की एक अदालत ने बीजेपी नेता के खिलाफ आरोप तय किए।

नूंह हिंसा और तोड़फोड़, जुलाई 2023

नूंह में हिंसा 31 जुलाई, 2023 को शुरू हुई, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और निजी और सार्वजनिक संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचा। हिंसा की शुरुआत एक धार्मिक जुलूस के दौरान हुई एक घटना से हुई। एक चौंकाने वाले कदम में, खट्टर सरकार ने हिंसा में कथित रूप से शामिल मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ अभियान चलाया। हाईकोर्ट ने इस अभियान पर रोक लगा दी।

पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या, फरवरी 2024

25 फरवरी, 2024 को इनेलो के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की 11 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड से राज्य में सनसनी फैल गई। विपक्षी दलों ने भी राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया था। बाद में हरियाणा में बीजेपी सरकार को मामला सीबीआई को सौंपना पड़ा।

बदला गया सीएम, मार्च 2024

बीजेपी 2014 से 2024 तक सत्ता में रही, 2019 में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में पार्टी को जेजेपी का समर्थन मिला। दो कार्यकालों में से अधिकांश समय तक सेवा देने के बावजूद, मनोहर लाल खट्टर ने 12 मार्च, 2024 को अपना पद छोड़ दिया। 13 मार्च से, नायब सिंह सैनी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव: गुरमीत राम रहीम ने डेरा समर्थकों से भाजपा को वोट देने की अपील की।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है, और इस दौरान डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने अपने समर्थकों से भाजपा को वोट देने की अपील की है। राम रहीम, जो फिलहाल जेल से पैरोल पर बाहर हैं, ने अपने अनुयायियों से भाजपा का समर्थन करने का आग्रह किया है। यह अपील भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन मानी जा रही है, क्योंकि डेरा सच्चा सौदा का राज्य में एक बड़ा अनुयायी समूह है, जो चुनावों को प्रभावित कर सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, इस बार सत्संग मंच से कोई घोषणा नहीं की गई। डेरे के पदाधिकारी खुले प्रांगण में गए और सभा में शामिल लोगों से भाजपा को वोट देने के लिए कहा। एक पदाधिकारी ने ईटी को बताया, 'हमने फॉलोअर्स से बूथ के पास सक्रिय रहने के लिए भी कहा है। हर फॉलोअर को अपनी कॉलोनी में रहने वाले 5 और मतदाताओं को वोट के लिए साथ लेकर जाना चाहिए।' डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 20 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद से सिरसा मुख्यालय में सत्संग का माहौल बदल गया है। सक्रिय राजनीतिक मामलों की समिति को भंग किया जा चुका है। अब उनके पदाधिकारी और अनुयायी सत्संग आयोजित कराते हैं।

खुले तौर पर करता रहा भाजपा का समर्थन

रिपोर्ट के मुताबिक, रिहाई के बाद गुरमीत राम रहीम अपने बागपत आश्रम में ठहरा हुआ है। उसने भाजपा को समर्थन देने का संदेश सिरसा में पदाधिकारी के जरिए पहुंचाया। मालूम हो कि डेरा की ओर से बीजेपी को समर्थन कोई नई बात नहीं है। डेरा सच्चा सौदा के हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में दलितों के बीच बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं। वे खुले तौर पर भाजपा का समर्थन करते रहे हैं। बलात्कार मामले में दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह 20 दिन की पैरोल मिलने के बाद बुधवार को हरियाणा की रोहतक जेल से बाहर आया। वह अपनी अस्थायी रिहाई के दौरान उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा में डेरा आश्रम में रहेगा। इस अवधि के दौरान उसके चुनाव संबंधी गतिविधियों से हिस्सा लेने, भाषण देने और राज्य में रहने पर रोक है।

2 शिष्याओं से बलात्कार का दोषी

गुरमीत सिंह अपनी 2 शिष्याओं से बलात्कार के जुर्म में 2017 से 20 साल जेल की सजा काट रहा है। डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से भी अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी 2019 में दोषी ठहराया गया था। उसने 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 20 दिन की पैरोल का अनुरोध किया था। पैरोल की शर्तों के अनुसार, डेरा प्रमुख चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेगा और न ही सार्वजनिक भाषण देगा। इस अवधि के दौरान वह हरियाणा से बाहर रहेगा। डेरा प्रमुख ने कहा था कि अगर पैरोल मिलती है तो वह बागपत में रहना चाहेगा। जेल विभाग ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता को देखते हुए हाल में डेरा प्रमुख की पैरोल याचिका को हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को भेजा था।

हरियाणा में 90 सीटों पर वोटिंग जारी:11 बजे तक 22.70% वोटिंग,विनेश फोगाट की सीट पर बूथ कैप्चरिंग की शिकायत

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान का दिन है। हरियाणा में 90 सीटों पर वोटिंग जारी है। सुबह 11 बजे तक 22.70% मतदान हुआ। सबसे ज्यादा वोटिंग 27.94% पलवल जिला में तो सबसे कम वोटिंग पंचकूला जिला में हुई।

यहां 13.46% ही मतदान हुआ है। वोटिंग शाम 6 बजे तक होगी। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा।

कुरुक्षेत्र से BJP के सांसद नवीन जिंदल घोड़े पर सवार होकर मतदान करने पहुंचे। भिवानी में पोलिंग बूथ पर झड़प हो गई ।यहां कमल प्रधान नाम के व्यक्ति ने कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध के कार्यकर्ताओं पर हाथपाई के आरोप लगाए हैं। कमल ने खुद को BJP का एजेंट बताया है।

जानिए अब तक के 4 अपडेट्स...

1 रोहतक के महम से हरियाणा जनसेवक पार्टी (HJP) के उम्मीदवार एवं पूर्व विधायक बलराज कुंडू ने कांग्रेस कैंडिडेट बलराम दांगी के पिता पर हमले का आरोप लगाया। धक्कामुक्की में उनके कपड़े फट गए।

2 सोनीपत-पंचकूला में EVM मशीन खराब होने की शिकायत मिली। इससे वोटिंग आधे घंटे देर से शुरू हो पाई।

3 जींद के जुलाना में बूथ कैप्चरिंग की शिकायत मिली। सूचना मिलने के बाद भाजपा प्रत्याशी कैप्टन योगेश बैरागी भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान कुछ लोगों ने उनका विरोध किया। इस बीच धक्कामुक्की भी की।

4 कैथल जिला के पुंडरी के ढांड गांव के बूथ नंबर 22 पर व्यक्ति ने 2 बार वोट डालने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे बाहर निकाला। इसके बाद चुनाव आयोग की टीम मौके पर पहुंची।

आज का इतिहास:2012 में आज ही के दिन फॉर्मूला वन के ‘बादशाह’ माइकल शूमाकर ने लिया था संन्यास



 नयी दिल्ली : 4 अक्टूबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 2012 में आज ही के दिन फॉर्मूला वन के बादशाह माइकल शूमाकर ने संन्यास लिया। 

2008 में 4 अक्टूबर को ही अमेरिका की विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस एक दिन के लिए भारत यात्रा पर रहीं थीं।

2006 में आज ही के दिन जूलियन असांजे ने विकीलीक्स की स्थापना की थी।

2012 में आज ही के दिन फॉर्मूला वन के बादशाह माइकल शूमाकर ने संन्यास लिया था।

2011 में 4 अक्टूबर को ही अलग तेलंगाना राज्य के लिए आंध्र प्रदेश में 22वें दिन भी हड़ताल जारी रही थी।

2011 में 4 अक्टूबर को ही खोज पर साझेदारी संबंधी 3 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। 

2011 में आज ही के दिन अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के मुखिया अबू बकर अल बगदादी को वैश्विक आतंकवादी 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था।

2008 में 4 अक्टूबर के दिन ही अमेरिका की विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस 1 दिन के लिए भारत यात्रा पर रहीं थीं।

2006 में आज ही के दिन जूलियन असांजे ने विकीलीक्स की स्थापना की थी।

2002 में 4 अक्टूबर के दिन ही पाकिस्तान में शाहीन प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया गया था।

2000 में आज ही के दिन चांग चून शियुंग ताइवान के नए प्राइम मिनिस्टर बने थे।

1996 में 4 अक्टूबर को ही पाकिस्तान के बल्लेबाज शाहिद अफरीदी ने वनडे में 37 गेंदों में शतक बनाकर विश्व कीर्तिमान बनाया था।

1977 में आज ही के दिन भारत के विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को हिंदी में संबोधित किया था।

1974 में 4 अक्टूबर को ही भारत ने दक्षिण अफ्रिका की सरकार की रंगभेदी नीति का प्रतिरोध करने के लिए डेविस कप में भाग लेने से मना कर दिया था।

1957 में आज ही के दिन सोवियत संघ ने पहला उपग्रह स्पुतनिक सफलता पूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था।

1943 में 4 अक्टूबर को ही यूएस ने जापानियों से सॉलोमन पर कब्जा कर लिया था।

1830 में आज ही के दिन नीदरलैंड से अलग होकर बेल्जियम साम्राज्य बना था।

1824 में 4 अक्टूबर को ही मेक्सिको एक गणराज्य बना था।

1302 में आज ही के दिन बैजेंटाइन साम्राज्य और वेनिस गणराज्य में शांति समझौता हुआ था।

4 अक्टूबर को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1884 में आज ही के दिन 20वीं शताब्दी के हिंदी के प्रमुख साहित्यकार रामचन्द्र शुक्ल का जन्म हुआ था। 

1857 में 4 अक्टूबर को ही प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और लेखक श्यामजी कृष्ण वर्मा का जन्म हुआ था। 

1931 में आज ही के दिन हिंदी और बांग्ला पार्श्व गायिका संध्या मुखोपाध्याय का जन्म हुआ था।

4 अक्टूबर को हुए निधन

1968 में आज ही के दिन भारतीय सेना का एक सैनिक बाबा हरभजन सिंह का निधन हुआ था।

2015 में 4 अक्टूबर को ही भारतीय फिल्म निर्देशक एवं निर्माता इदिदा नागेश्वर राव का निधन हुआ था।

4 अक्टूबर पर उत्सव

विश्व पशु कल्याण दिवस

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,जेल में जाति के आधार पर काम बांटना असंवैधानिक,जेल मैनुअल में किया गया बदलाव


नई दिल्ली:- जाति के आधार पर भेदभाव और छूआछूत समाप्त हो चुके हैं लेकिन आश्चर्य की बात है जेल मैनुअल में अभी भी यह शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने जेल में जाति के आधार पर काम का बंटवारा करने और जाति आधारित भेदभाव बढ़ाने वाले नियमों पर चिंता जताते हुए गुरुवार को राज्यों के जेल मैनुअलों के भेदभाव वाले प्रविधान रद कर दिए। कोर्ट ने भेदभाव वाले नियमों को संविधान के अनुच्छेद 14, 15,17,21 और 23 का उल्लंघन बताया है।

तीन महीने का मिला समय

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने जेल मैनुअल के प्रविधानों और नियमों को कोर्ट के आदेश के मुताबिक, तीन महीने में पुनरीक्षित करने का आदेश दिया है।

केंद्र सरकार को आदेश

इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016 और मॉडल प्रिजन एंड करेक्शनल सर्विस एक्ट 2023 में तीन महीने के भीतर जरूरी सुधार करे जैसा कि फैसले में इंगित किया गया है।

जेल मैनुअल में जाति के आधार पर काम

आदेश में कहा गया है कि राज्यों के जेल मैनुअल में जहां भी आदतन अपराधी (हैबिचुअल अफेन्डर) का संदर्भ होगा वह संदर्भ राज्य के कानूनों में आदतन अपराधी की दी गई परिभाषा के अनुसार होगा और अगर राज्य के जेल मैनुअल में जाति के आधार पर आदतन अपराधी का संदर्भ है तो वह असंवैधानिक होगा।

मनमानी गिरफ्तारी का शिकार

कोर्ट ने आदेश दिया है कि जेल के भीतर रजिस्टर में कहीं भी अगर विचाराधीन कैदियों या सजा काट रहे कैदियों के रजिस्टर में जाति का कालम है तो उसे मिटा दिया जाए यानी समाप्त कर दिया जाए। यह भी कहा है कि पुलिस सुनिश्चित करेगी कि डीनोटीफाइड जनजातियां मनमानी गिरफ्तारी का शिकार न हों। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को तीन महीने बाद उचित पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। पहली सुनवाई पर सभी राज्य इस फैसले के अनुपालन की रिपोर्ट दाखिल करेंगे।

500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े ऐप-आधारित घोटाले में यूट्यूबर एल्विश यादव और कॉमेडियन भारती सिंह सहित 5 को समन


नई दिल्ली:- दिल्ली पुलिस ने 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े ऐप-आधारित घोटाले में यूट्यूबर एल्विश यादव और कॉमेडियन भारती सिंह और तीन अन्य को तलब किया है।

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को 500 से अधिक शिकायतें मिलीं, जिसमें आरोप लगाया गया कि कई सोशल मीडिया प्रभावितों और यूट्यूबर्स ने अपने पेजों पर HIBOX मोबाइल एप्लिकेशन को बढ़ावा दिया और लोगों को ऐप के जरिए निवेश करने का लालच दिया।

पुलिस ने इस मामले में सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत को नोटिस जारी किया है।

मास्टरमाइंड शिवराम गिरफ्तार: पुलिस ने बताया कि घोटाले के मुख्य आरोपी चेन्नई निवासी शिवराम (30) को गिरफ्तार कर लिया गया है. IFSO यूनिट ने आरोपी के चार बैंक खातों में मौजूद 18 करोड़ रुपये भी सीज किए गए हैं. इस एप्लीकेशन में आरोपी निवेशकों को गारंटेड रिटर्न देने का लालच देते थे।16 अगस्त को पुलिस को इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) में एचआईबीओएक्स एप्लीकेशन के खिलाफ 29 पीड़ितों की शिकायतें मिलीं।

30 हजार से ज्यादा लोगों से ठगी: डीसीपी ने बताया कि इस एप्लीकेशन के जरिए आरोपियों ने रोजाना एक से पांच फीसदी और महीने में 30 से 90 फीसदी रिटर्न की गारंटी देने का वादा किया था. एप को फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था. एप में 30 हजार से ज्यादा लोगों ने पैसा लगाया. शुरुआती पांच महीनों में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला.

हालांकि, जुलाई से एप ने तकनीकी गड़बड़ियों, कानूनी मुद्दों, जीएसटी मुद्दों आदि का हवाला देते हुए भुगतान रोक दिया. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा किया गया था. 20 अगस्त को स्पेशल सेल ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

महालया आज ,दुर्गा पूजा की शुरुआत का संकेत और पितृ पक्ष के अंत का प्रतीक


नयी दिल्ली : महालया, जिसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, इस साल आज 2 अक्टूबर को मनाया जा रहा है और यह पितृ पक्ष के अंत का प्रतीक है. यह सभी हिंदू भक्तों के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण दिन है. बहुत से लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा को परलोक में खुश करने के लिए तर्पण या श्राद्ध करते हैं. यह भक्तों को यह याद दिलाने का भी काम करता है कि कितना कुछ बदल गया है और कैसे, चाहे आप कहीं भी रहते हों या घर से कितनी भी दूर हों, महालया की ध्वनि हमेशा आपके कानों में गूंजती रहेगी.

महालया का अर्थ

महालया दो शब्दों का संयोजन है, जो संस्कृत से लिया गया है. इसमें ‘महा’ और ‘आलया’ शामिल हैं. ‘महा’ का अर्थ निवास है, जबकि ‘आलया’ का अर्थ देवी का स्थान है. इस प्रकार, महालया का अर्थ है देवी का महान निवास. महालया के दिन मां देवी शिवलोक से धरती पर आती हैं. यह मान्यता है कि इस दिन पितरों की विदाई होती है और मां दुर्गा का आगमन होता है. 

शास्त्रों के अनुसार, महालया के दिन मां अपने परिवार से विदा लेकर धरती पर आती हैं. इसी दिन मां की मूर्ति की आंखें तैयार की जाती हैं और मां दुर्गा की मूर्ति पूर्ण होती है. इस दिन बंगाल में महालया का आयोजन किया जाता है, जिसमें देवी के गीत और रवींद्रनाथ ठाकुर के संगीत का गायन होता है.

महालया पर क्या है मान्यता ?

महालया दुर्गा पूजा की शुरुआत का संकेत देती है. सामान्यतः, यह धारणा है कि इस दिन देवी दुर्गा कैलाश पर्वत से अपने मायके की ओर यात्रा आरंभ करती हैं, जहाँ वह भगवान शिव के साथ निवास करती हैं. किंवदंतियों के अनुसार, मां दुर्गा अपनी लंबी यात्रा अपने बच्चों – गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ पृथ्वी पर पहुँचने के लिए अपने पसंदीदा वाहन का उपयोग करती हैं. उनका वाहन पालकी, नाव, हाथी या घोड़ा हो सकता है. यह भी माना जाता है कि उनके वाहन का चयन यह निर्धारित करता है कि मां दुर्गा का आगमन मानवता के लिए संकट लाएगा या समृद्धि।