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स्कूल के किचन के सभी सामान ले गया चोर, शिक्षिका ने दी नामजद तहरीर

खजनी गोरखपुर। बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी क्षेत्र में आने वाले पगार गांव के कंपोजिट स्कूल में बीती रात किचन के दरवाजे की कुण्डी तोड़कर चोर सभी सामान उठा ले गया।

स्कूल की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सरोज राय ने हरनहीं चौकी प्रभारी को लिखित तहरीर देकर बताया है कि स्कूल में पहले भी चोरी हो चुकी है जिसमें चोर सबमर्सिबल पंप और गैस सिलेंडर उठा ले गए थे। धुसवां गांव के निवासी पंकज कुमार पुत्र दिनेश पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की नामजद तहरीर देकर शिक्षिका ने बताया है कि इस बार किचन के दरवाजे की कुण्डी तोड़कर चोर वहां पर रखे सभी बर्तन, गैस सिलेंडर, चुल्हा, तेल, मसाले, दाल, चावल, गेहूं आदि सारे सामान चुरा ले गया है।

बता दें कि गुरुवार को छुट्टी के बाद स्कूल में ताला लगा कर सभी लोग चले गए थे। बीती रात किचन के दरवाजे की कुण्डी तोड़कर भीतर घुसे चोर ने इत्मीनान से घटना को अंजाम दिया। जिसकी जानकारी आज स्कूल पहुंचने के बाद हुई। हरनहीं चौकी इंचार्ज राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि स्कूल में चोरी की घटना की तहरीर मिली है कार्रवाई की जा रही है।

शारदीय नवरात्र में रामलीला मंचन की तैयारियां

खजनी। क्षेत्र के भरोहिया गाँव के जएश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर परिसर में बीते 100 वर्षों से भी पहले से शारदीय नवरात्र में रामलीला होती चली आ रही है। परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी रामलीला मंचन की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। बीती एक सदी से तमाम संकटों, अवरोधों और कठिनाईयों के बाद भी यहां पर होने वाली रामलीला कभी बंद नहीं हुई।

क्षेत्र के बुजुर्गवार बताते हैं कि गांव में रामलीला कब से हो रही है इसकी सटीक जानकारी किसी को भी नहीं है। गाजर जगदीश गांव के निवासी 78 वर्षीय दयाशंकर तिवारी और रूद्रपुर गांव के निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक शारदा प्रसाद शुक्ल (80 वर्ष) ने बताया कि हमारे दादा जी बताते थे कि उनके भी जन्म से पहले से भरोहियां गांव में रामलीला हो रही है।

ग्रामवासियों का कहना है कि कभी मामूली खर्च में ही रामलीला का कार्यक्रम हो जाता था, लेकिन अब यह खर्च बढ़ कर लाखों में पहुंच गया है। यहां के रामलीला की खास बात यह है कि गाँव के सभी पढ़े लिखे लोग इसमें शामिल होते हैं तथा गांव के लोग ही रामलीला के सभी पात्रों की भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार यहां की रामलीला मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के प्रति स्थानीय भक्त श्रद्धालुओं की अगाध भक्ति, श्रद्धा और आस्था की प्रतीक बनी हुई है।

मंदिर के महंत शिवनाथ दास ने बताया कि यहां की रामलीला बहुत ही मशहूर है, आसपास क्षेत्र के गांव कस्बों के लोग बड़ी संख्या में यहां प्रतिदिन रामलीला देखने के लिए पहुंचते हैं। वरिष्ठ लोकगायक बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी ने बताया कि जएश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर अति प्राचीन है, इसका उल्लेख अग्नि पुराण में भी मिलता है। प्रति वर्ष शारदीय नवरात्र में यहां पर होने वाली रामलीला आसपास के पूरे इलाके में मशहूर है।इस साल यह 4 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर दशहरे के दिन रावण वध, राम राज्याभिषेक की लीला के मंचन के साथ सम्पन्न होगी। यहाँ की रामलीला में रावण का पुतला दहन नहीं किया जाता।

रामलीला समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र त्रिपाठी, मंत्री इंजीनियर हरीश त्रिपाठी एवं एडवोकेट अरविंद राम त्रिपाठी ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आयोजन मण्डल में दीपनारायण त्रिपाठी, राजेश त्रिपाठी, संतोष त्रिपाठी, श्रवण कुमार त्रिपाठी, अभय त्रिपाठी, आशुतोष उर्फ गगन, विपिन कुमार त्रिपाठी, विनोद तिवारी, बंशु यादव, प्रसून, मनीष पाठक, सत्यम, संदीप उर्फ सानू, अखिलेश त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हैं।

टीबी मुक्त पंचायत : हर गांव में होगा टीबी उन्मूलन का प्रयास, बनेंगे निक्षय मित्र


गोरखपुर, टीबी मुक्त पंचायत को जनांदोलन बनाने के लिए हर गांव में टीबी उन्मूलन का प्रयास होगा। ग्राम पंचायत की खुली बैठकों में इसके बारे में चर्चा होगी और स्वास्थ्य समितियों के जरिये नये रोगियों को खोजने और उनके इलाज में मदद की जाएगी । इसी उद्देश्य से जिले के सैकड़ों ग्राम पंचायत और ग्राम विकास अधिकारियों का एनेक्सी भवन सभागार में शुक्रवार को संवेदीकरण किया गया । इस मौके पर जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा, सहायक जिला पंचायती राज अधिकारी (एडीपीआरओ) आशुतोष कुमार सिंह और जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी (डीटीओ) डॉ गणेश यादव ने पांच टीबी उपचाराधीन मरीजों को गोद लेकर उनकी देखरेख का संकल्प लिया ।

जिला विकास अधिकारी ने उपस्थित ग्राम पंचायत और ग्राम विकास अधिकारियों से अपील की कि वह अपने गांवों के वार्ड मेंबर और सामाजिक लोगों को निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित करें। टीबी उन्मूलन स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के साथ साथ सामाजिक और अन्य सहयोगी विभागों की मदद से ही संभव होगा। यह जनस्वास्थ्य का एक गंभीर मुद्दा है और इस पर सभी को समन्वित प्रयास करने चाहिए। प्रत्येक गांव की स्वास्थ्य और स्वच्छता समितियों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा अवश्य हो। टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों को आगे आकर जांच व इलाज करवाने के लिए प्रेरित करें।

सहायक जिला पंचायती राज अधिकारी आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के पर्यवेक्षकों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रत्येक खुली बैठक में उन्हें आमंत्रित करें। प्रत्येक बैठक में टीबी के लक्षणों, इलाज और इससे बचाव के बारे में चर्चा अवश्य हो। टीबी उन्मूलन एक सामुदायिक जनांदोलन बन सके, इसके लिए प्रत्येक सचिव खुद निक्षय मित्र बन कर टीबी मरीजों को गोद लें। साथ ही दूसरे लोगों को उपचाराधीन मरीजों को गोद लेकर पोषण और मानसिक संबल प्रदान करने के लिए प्रेरित करें।

जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव ने कहा कि दो हफ्ते या इससे ज्यादा समय की खांसी, बार बार बुखार आना, वजन में लगातार कमी, भूख न लगना, रात में पसीना आना और सीने में दर्द इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। इन लक्षणों वाले संभावित मरीजों की जांच के लिए जिले में 24 टीबी यूनिट, 49 डीएमसी और तीन सीबीनॉट जांच केंद्र क्रियाशील हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला क्षय रोग केंद्र और बडहलगंज में क्रियाशील सीबीनॉट मशीन हल्के संक्रमण को भी पकड़ने में सक्षम है और इससे यह भी पता लग जाता है कि टीबी ड्रग सेंस्टिव (डीएस टीबी) है या ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर टीबी) । इस तरह सही दिशा में इलाज करना संभव हो पाता है।

उप जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए प्रति एक हजार की आबादी पर एक वर्ष में 30 या उससे अधिक संभावित रोगियों की जांच जरूरी है। इस आबादी के बीच मरीजों की संख्या एक या उससे कम होनी चाहिए। उपचार दर 85 फीसदी हो और डीआर टीबी की जांच 60 फीसदी से अधिक होनी चाहिए। निक्षय पोर्टल पर मरीज पंजीकृत कर उनको 500 रुपये प्रति माह की दर से मिलनी वाली पोषण सहायता राशि भी दे दी गई हो। जरूरतमंद मरीजों को निक्षय मित्र के जरिये मदद भी दिलवानी होगी।

जिला विकास अधिकारी ने सभी प्रतिभागियों को टीबी उन्मूलन की शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर डीएलसी डॉ भोला गुप्ता, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र, मिर्जा आफताब बेग, शक्ति पांडेय, अभयनंदन सिंह और आशा मुनि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

कुष्ठ के बारे में भी दी जानकारी

संवेदीकरण कार्यक्रम के दौरान डॉ यादव ने कुष्ठ उन्मूलन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शरीर पर चमड़ी के रंग से हल्के सुन्न दाग धब्बे कुष्ठ भी हो सकते हैं। इस बीमारी की जांच और उपचार की सुविधा सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर उपलब्ध है।

टीबी मुक्त गांव के लिए बजी तालियां

इस मौके पर जिले में टीबी मुक्त हुई नौ ग्राम पंचायतों के लिए तालियां भी बजाई गईं। जिला विकास अधिकारी श्री वर्मा ने अपील की कि अगली बार सभी ब्लॉक के अधिकाधिक गांव टीबी मुक्त हो सकें, इसके लिए समन्वित प्रयास में जुट जाएं।

5110 मरीजों की मदद कर रहे निक्षय मित्र

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि जिले में इस समय डीआर टीबी के 378 और डीएस टीबी के 8482 सक्रिय उपचाराधीन मरीज हैं। इनमें से 5110 मरीजों को 1210 निक्षय मित्रों ने गोद लिया है। गोद लिये गये मरीज को चना, गुड़, फल, मूंगफली दाना समेत अन्य पौष्टिक आहार इलाज चलने तक प्रति माह देना होता है। साथ ही उनका नियमित टेलीफोनिक फॉलो अप और यथासंभव मिल कर सहयोग करना चाहिए ताकि मरीज का मनोबल बढ़े और वह जल्दी ठीक हो सके।

हॉस्पिटल में भर्ती कराकर इस्टीमेट मंगाइए, इलाज का खर्च सरकार देगी : मुख्यमंत्री

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आए लोगों को आश्वस्त किया कि जिन जरूरतमंद लोगों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उनके इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। इसके लिए अस्पताल से इलाज खर्च का इस्टीमेट बनाकर उनके कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। विवेकाधीन कोष से भरपूर मदद की जाएगी।

शारदीय नवरात्र के पहले दिन, गुरुवार दोपहर बाद गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में करीब 300 लोगों से मुलाकात की। एक-एक करके उनकी समस्याएं सुनीं और निस्तारण के लिए आश्वस्त करते हुए उनके प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारियों को हस्तगत किए। सभी लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। सभी लोगों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।

हर बार की भांति शुक्रवार सुबह के जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता संबंधी प्रार्थना पत्र लेकर आए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबको मदद का भरोसा दिया। इस दौरान एक महिला की समस्या जानते ही उन्होंने अफसरों से कहा कि उक्त महिला को हॉस्पिटल में भर्ती कराकर इलाज का इस्टीमेट मंगाइए। पैसा सरकार देगी। सीएम ने लोगों से आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा और अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर पात्र व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनाना सुनिश्चित करें ताकि इलाज के लिए किसी को परेशान न होना पड़े।

जनता दर्शन में सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हर पीड़ित के साथ संवेदनशील रवैया अपनाया जाए और उसकी समस्या का समाधान कर उसे संतुष्ट किया जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कहीं कोई जमीन कब्जा या दबंगई कर रहा हो तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। हर पीड़ित की समस्या का निस्तारण निष्पक्ष रूप से उसकी संतुष्टि के अनुरूप किया जाना सुनिश्चित होना चाहिए।

बच्चों से मिले सीएम, खूब पढ़ने को किया प्रेरित

शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर का भ्रमण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिजनों के साथ मंदिर आए बच्चों को प्यार, दुलार और आशीर्वाद दिया। बच्चों को अपने पास बुलाकर उनसे बातचीत की। उनसे नाम पूछने के साथ पढ़ाई के बारे में जानकारी ली और खूब पढ़ने के लिए प्रेरित किया। बच्चों को सीएम ने चॉकलेट गिफ्ट कर विदा किया।

गोसेवा में वक्त बिताया मुख्यमंत्री ने

गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान पारंपरिक दिनचर्या में शुक्रवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गोशाला में पहुंचे। यहां उन्होंने गोसेवा में कुछ व्यतीत किया। सीएम योगी ने गोवंश को अपने हाथों से गुड़ खिलाया।

गोरक्षपीठाधीश्वर के सानिध्य में शारदीय नवरात्र का विशेष अनुष्ठान प्रारंभ

गोरखपुर, शारदीय नवरात्र के पहले दिन (प्रतिपदा), गुरुवार को शिवावतार एवं नाथपंथ के प्रणेता गुरु गोरखनाथ की तपस्थली गोरक्षपीठ में लोक कल्याण की मंगलकामना के साथ मां आदिशक्ति की उपासना का विशेष अनुष्ठान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में पीठ की परंपरा के अनुसार वैदिक विधिविधान से प्रारंभ हो गया। गुरुवार सायंकाल गोरक्षपीठाधीश्वर ने मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्तिपीठ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर प्रथम दिन मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की। शारदीय नवरात्र प्रतिपदा का अनुष्ठान मां जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ।

कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में भव्य कलश शोभायात्रा पारंपरिक तरीके और श्रद्धाभाव से निकाली गई। सायंकाल गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में साधु-संतों की शोभायात्रा, परंपरागत वाद्य यंत्रों घंट-घड़ियाल, तुरही, शंख की ध्वनियों और मां दुर्गा के जयघोष के बीच पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची। जहां कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ आई। इसके बाद जल से भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वरुण देवता का आवाहन कर इसे स्थापित किया। गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की। इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमददेवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया। पाठ के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।

नवरात्र प्रतिपदा को बुढ़िया माई के दरबार पहुंचे मुख्यमंत्री

गोरखपुर, शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा, गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदिशक्ति मां भगवती की प्रतिनिधि स्वरूपा बुढ़िया माई के दरबार में हाजिरी लगाई। कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माई के मंदिर में उन्होंने विधिवत दर्शन-पूजन किया और माता से प्रदेशवासियों के कल्याण और मंगलमय जीवन की प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर और यहां स्थित कुंड/तालाब में हुए सुंदरीकरण कार्यों का भी निरीक्षण लिया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को जरूरी दिशानिर्देश दिए। 

हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार से लौटकर गोरखपुर एयरपोर्ट पर उतरते ही सीएम योगी का काफिला यहां से सबसे पहले कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माई मंदिर पहुंचा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर में बुढ़िया माई का दर्शन करने के बाद माई की प्रतिमा पर पुष्प आदि अर्पित कर विधिविधान से आराधना की। माई का पूजन करने और लोक कल्याण की मंगलकामना करने के बाद वह बाहर आए। उसके बाद मंदिर परिसर और यहां स्थित नैसर्गिक कुंड/तालाब का अवलोकन करते हुए परिसर में कराए गए सुंदरीकरण कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने तालाब के सुंदरीकरण में शेष कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक विपिन सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख आनंद शाही समेत कई लोग उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि घने जंगल में स्थित बुढ़िया माई का मंदिर पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोक आस्था का बड़ा केंद्र है। लंबे समय तक उपेक्षित रहे इस मंदिर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर न केवल रोड कनेक्टिविटी से आच्छादित किया गया बल्कि परिसर का सुंदरीकरण कराकर श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की गई।

गोरखपुर यूनिवर्सिटी वीमेन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला

गोरखपुर: गोरखपुर यूनिवर्सिटी वीमेन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा गोरखपुर तायक्वोंडो एसोसिएशन के तत्वाधान में आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के द्वारा ॠवहहअ ने छात्राओं को आत्मरक्षा के कुछ मूल सोपानों को समझने एवं तायक्वोंडो जैसे आर्ट के प्रति रुझान जगाने के लिए आयोजित किया गया.।

इस अवसर पर अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने शारदीय नवरात्री के प्रथम दिन पर को महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए इस आयोजन के लिए की बधाई दी। कुलपति ने कहा कि समसामयिक समाज में महिलायों की भागीदारी जहाँ बढती जा रही वहीँ उनकी चुनौतियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही. ऐसे में आवश्यकता है कि हम इन चुनौतियों से डरे नहीं अपितु इनसे लड़ने के नए रास्ते तलाश करें, जिसमें ताइक्वांडो प्रशिक्षण एक है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अध्यक्ष, प्रो. नंदिता सिंह ने सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए ॠवहहअ द्वारा विगत कई वर्षों में आयोजित कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया . तत्पश्चात रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित संतोष कुमार यादव ने आत्मरक्षा के महत्व को बताते हुए तायक्वोंडो के उपयोगिता को दशार्या . कार्यक्रम के मुख्य भाग में प्रो. विजय चहल एवं संतोष यादव के नेतृत्व में तीन तायक्वोंडो प्रशिक्षु एवं ब्लैक बेल्ट , तुलसी पुन, अंजलि एवं भाव्या द्वारा छात्रों हेतु तायक्वोंडो के कुछ प्रमुख शॉट्स के बारे में बताया जिसे विषम परिस्थितों में उपयोग कर आत्मरक्षा किया जा सकता है ।

तायक्वोंडो प्रदर्शन के बाद , कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने छात्रों को इस तरह के प्रशिक्षण कार्यशाला के लिए अभिप्रेरित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।

कार्यक्रम के अंत में डॉ कुसुम रावत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया. मंच संचालन डॉ गरिमा सिंह द्वारा किया गया. कार्यक्रम में अधिष्ठाता, कला संकाय, प्रो राजवंत राव, मुख्य नियंता, प्रो. गोपाल प्रसाद, ॠवहहअ की सचिव ,प्रो सुनीता मुर्मू, प्रो निधि चतुवेर्दी, प्रो शिखा सिंह, प्रो सुषमा पांडे,डॉ स्वर्णिमा सिंह, डॉ रश्मि रानी, डॉ आरती यादव, डॉ वंदना, डॉ विस्मिता पालीवाल एवं अन्य गणमान्य एवं विभिन्न विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल करेंगे उद्घाटन

गोरखपुर। हिन्दी भाषा और साहित्य : आलोचना का मूल्य और डॉ. रामचन्द्र तिवारी विषय पर हिन्दी विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय हिंदी निदेशालय, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित आचार्य रामचंद्र तिवारी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का कल दिनांक 4,5 एवं 6अक्टूबर, 2024 को संवाद भवन में आयोजन सुनिश्चित है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती वर्ष पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी हेतु कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया. उन्होंने बताया कि यह संगोष्ठी आचार्य रामचंद्र तिवारी की स्मृति में उनके जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित है. उन्होंने कहा कि हिन्दी विभाग की पूरे देश में प्रतिष्ठा रही है. आचार्य रामचंद्र तिवारी हिन्दी साहित्य जगत के बेहद प्रतिष्ठित लेखक-आलोचक रहे हैं. उनकी पुस्तकें पूरे देश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं.।

उन्होंने कहा कि वह हमारे हिन्दी विभाग के संस्थापक आचार्य रहे हैं. उनके महत्व को इस बात से भी समझा जा सकता है कि उनके पहले शोध छात्र आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी पद्मश्री से सम्मानित हुए और साहित्य अकादेमी के हिन्दी भाषा से पहले अध्यक्ष चुने गए.

उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का अभिष्ट है कि शोधर्थियों को अध्ययन व शोध की नई दिशा प्राप्त हो. इस संगोष्ठी के संयोजक प्रो. विमलेश कुमार मिश्र हैं।

संगोष्ठी का उद्?घाटन कल सुबह 10:30 बजे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल माननीय शिवप्रताप शुक्ल जी करेंगे। पद्मश्री प्रो.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी एवं केंद्रीय हिन्दी निदेशालय के निदेशक प्रो०सुनील बाबूराव कुलकर्णी भी उद्?घाटन सत्र को सम्बोधित करेंगे। इस सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन करेंगी।

कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. राजवंत राव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय केवल अपनी ऊंची इमारत से नहीं बल्कि महान परंपराओं से ऊंचा होता है। विगत 45 वर्षों में विश्वविद्यालय में काफी संख्या में नए शिक्षक आए हैं, जिन्हें आचार्य रामचंद्र तिवारी पर 3 दिन चलने वाली संगोष्ठी से विश्वविद्यालय की महान विरासत से अवगत होने का अवसर मिलेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय लोकतांत्रिक तार्किक और सामाजिक उत्तरदायित्व को लेकर चलने वाली संस्था है. यह संगोष्ठी भी कुलपति मैडम द्वारा टाउन और गाउन को एक करने की कोशिश में एक बड़ा सदप्रयास है. उनकी निरंतर कोशिश रहती है कि समाज की आकांक्षाओं के अनुरूप शोध व शिक्षा को दिशा दी जा सके।

संगोष्ठी के संयोजक प्रो. विमलेश कुमार मिश्र ने बताया कि इसमें देशभर के विद्वान साहित्यकार वक्ता के रूप में शामिल होंगे. विशेष बात यह है कि इसमें पांच विद्वान हिन्दी भाषी राज्यों से तो पांच हिंदीतर राज्यों से होंगे. हिंदीतर राज्यों से जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद के कुलपति प्रो. टी. वी. कट्टीमनी, प्रो.आर.एस. सरार्जू, त्रिपुरा से प्रो.मिलनरानी जमातिया, महाराष्ट्र से प्रो. जोगेंद्र सिंह विशेन, प्रो. विजय प्रसाद अवस्थी, कलकत्ता से प्रो.अमरनाथ शर्मा, खंडवा से प्रो. श्रीराम परिहार आदि सम्बोधित करेंगे।

संगोष्ठी के दौरान लगेगी पुस्तक प्रदर्शनी

हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने एक सवाल के जवाब में बताया कि की हिंदी के मूर्धन्य आलोचक प्रोफेसर नाम और सिंह सार्वजनिक रूप से आचार्य रामचंद्र तिवारी को अपना बड़ा भाई मानते थे. नामर जी यह स्वीकार करते थे कि आचार्य रामचंद्र तिवारी द्वारा लिखी गई प्रत्येक पंक्ति को वह ध्यान से पढ़ते हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री जी भी आचार्य रामचंद्र तिवारी की लेखनी की प्रशंसा करते थे. संगोष्ठी के दौरान संवाद भवन के समीप चार प्रकाशकों के द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी लगायी जाएगी. विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए यह प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र साबित होगी. पुस्तकें देखने व खरीदने का यह सुनहरा अवसर होगा. उन्होंने बताया कि अबतक 200 से अधिक प्रतिभागियों ने संगोष्ठी हेतु आॅनलाइन पंजीकरण करा लिया है. संगोष्ठी के दौरान भी आॅफलाइन पंजीकरण प्रक्रिया चलेगी।

नवरात्र के पहले दिन सीएम योगी ने दी नारी गरिमा और सम्मान से जुड़ी सौगात

गोरखपुर। महिलाओं की गरिमा और सम्मान से जुड़ी बड़ी सहूलियत देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र के पहले दिन सिविल लाइंस स्थित पार्क रोड पर पिंक बस टॉयलेट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के वाहनों, सीवेज सफाई की अत्याधुनिक मशीनों, बैंडीकोट रोबोट और विदेश से मंगाई गई डी-वॉटरिंग फीकल स्लज सेफ्टी मशीन को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। साथ ही उन्होंने नवरात्र दुर्गोत्सव के उपलक्ष्य में स्वच्छ पंडाल पोस्टर को विमोचन भी किया और लोगों को जीरो वेस्ट त्योहार मनाने के लिए प्रेरित किया।

पिंक बस टॉयलेट का फीता काटकर लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंदर जाकर इसका अवलोकन-निरीक्षण किया और इसमें बनाई गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने पिंक बस टॉयलेट के पिछले हिस्से में बने कैफे का भी उद्घाटन किया और इस कैफे का संचालन करने वाली महिलाओं से बातचीत कर उनका उत्साह बढ़ाया। नगर निगम की तरफ से सिविल लाइंस क्षेत्र में इस पिंक बस टॉयलेट की शुरूआत होने के साथ इसकी संख्या दो हो गई है।

इसके पहले एक पिंक टॉयलेट रामगढ़ताल रोड पर बुद्धा गेट के आगे पहले से ही क्रियाशील है। पिंक बस टॉयलेट को कबाड़ घोषित रोडवेज की बसों को मोडिफाइड करके बनाया गया है। इसमें इंडियन और वेस्टर्न टॉयलेट, वॉश बेसिन, आदि की सुविधा है। इसमें प्रसाधन संबंधी सुविधाओं के साथ कैफे की भी सुविधा दी गई है। पिंक बस टॉयलेट में बिजली संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर सिस्टम भी इंस्टाल किया गया है। वाहन के पिछले हिस्से में कैफे बनाया गया है। कैफे के संचालन से जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा गया है। कैफे में खानपान के कई तरह सामान मिलेंगे।

और सुदृढ़ होगी महानगर की सफाई व्यवस्था

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सफाई वाहनों हरी झंडी दिखाए जाने के साथ ही महानगर की सफाई व्यवस्था अब और भी सुदृढ़ हो जाएगी। सीएम योगी ने आज नगर निगम के सफाई बेड़े के शामिल डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की 12 छोटी गाड़ियों, दो बड़ी गाड़ियों को रवाना किया।

साथ ही उन्होंने करीब छह करोड़ रुपये की लागत वाली डी-वॉटरिंग फीकल स्लज सेफ्टी मशीन को भी हरी झंड़ी दिखाई। इसकी मदद से तंग गलियों में सेफ्टी टैंक की सफाई कर मशीन में ही डी-वॉटरिंग कर स्लज और सीवेज के जल को अलग कर देता है। उसके बाद जल को शोधित कर सीधे ही नदी या तालाब में डाला जा सकता है। मुख्यमंत्री ने करीब 50 लाख रुपये की लागत वाले बैंडीकोट रोबोट का भी लोकार्पण किया। मेनहोल दूर से संचालित रोबोट से सफाई मजदूरों को खतरनाक और तंग सीवर पाइपों में प्रवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इस अवसर पर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, नगर आयुक्त गौरव सोगरवाल, भाजपा महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, पार्षद अजय राय समेत कई पार्षद प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

जय कारों से गूंजा माता कोटही दरबार,शारदीय नवरात्र के पहले दिन उमड़ी भक्तों की भीड़

खजनी गोरखपुर।माना जाता है कि नित नई आशाऐं संजोए विपदाओं और संघर्षों से भरे मानव जीवन में हमें जहां कहीं भी कुछ पल के लिए ही सही राहत और सुख,शांति मिल जाती है वही स्थान आस्था का केंद्र बन जाता है।

कुछ ऐसा ही है खजनी रूद्रपुर की "कोटही माता मंदिर का दरबार" जो कि वर्षों से क्षेत्र के लाखों आस्थावान श्रद्धालुओं के विश्वास, भक्ति,आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। "माता कोटही का मंदिर" जहां भक्तों का विश्वास ही नित्य साकार और मूर्त रूप ले लेता है।

क्षेत्र के श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं यहां आकर पूरी होती रही हैं। मान्यता है कि "मां कोटही मंदिर" के दर्शन और पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाऐं पूरी होती हैं। यही कारण है कि यहां वर्ष भर मां के भक्तों का मजमा लगा रहता है। विशेष कर शारदीय और वासंतिक नवरात्र तथा सभी धार्मिक पर्वों पर यहां पर सबेरे दिन निकलने से पहले ही पूजापाठ करने वाले भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

फिर चाहे वह सत्यनारायण व्रत कथा हो, यज्ञ्योपवीत (जनेऊ),मुंडन संस्कार हो या वर-वधू के विवाह पूर्व छेका (मंगनी) दिखाई और फलदान की रश्म या अन्य कोई भी धार्मिक अनुष्ठान या आयोजन। श्रद्धालुओं का पूरा विश्वास है कि "कोटही माता मंदिर" में सभी प्रकार के शुभ आयोजन की शुरूआत करने से सभी प्रकार की विघ्न बाधाऐं दूर हो जाती हैं और आयोजन में सफलता मिलती है।

बेलघाट क्षेत्र के भिसियां निवासी राम नजर गुप्ता बताते हैं कि रेलवे में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं वे चार बेटियों और दो बेटों के पिता हैं उन्होंने अपनी सबसे बड़ी बेटी के विवाह से पहले दिखाई की रश्म यहीं मंदिर पर ही की थी आज उनकी बेटी दो बच्चों की मां है बेटे की भी एक संतान है और उनका सफल सुखमय वैवाहिक जीवन है। इसीलिए राम नजर ने अपनी बाकी तीनों बेटियों और बेटे के विवाह से पहले वर-वधू के दिखाई की रश्म कोटही माता मंदिर में ही कराई।

राम नजर की तरह ही सभी की अपनी एक अलग कहानी है। किंतु इतना तो तय है कि "मां कोटही" के प्रति आस्था और विश्वास सभी श्रद्धालुओं का एक जैसा ही है।

कोटही माता मंदिर का कोई प्रामाणिक इतिहास तो नहीं मिलता किंतु मान्यता है कि सदियों पहले जब यह पूरा क्षेत्र घना जंगल हुआ करता था और इस क्षेत्र का पूरा इलाका आदिवासी थारूओं की बस्ती हुआ करता था। तब उनवल राजघराने के राजपुरोहित ब्राह्मणों ने यहां के घने जंगलों में अकोल्ह नामक जंगली पेडों के झुरमुट में एक पेड़ के खोखले कोट में देवी की प्रतिकात्मक स्थापना की थी।कारण यह बताया जाता है कि "माता कोटही" एक वन देवी हैं और जंगलों में ही इनका निवास माना जाता है। पेड़ के कोटर में निवास होने के कारण ही इनका नाम "कोटही मां" के नाम से प्रसिद्ध हुआ है।

कालांतर में इस पूरे क्षेत्र में वनों का अस्तित्व समाप्त हो गया किंतु आज भी परिसर में दो अकोल्ह के पेड़ बचे हुए हैं।

"कोटही माता" का मूल स्वरूप आज भी माता महाकाली,महा सरस्वती,महालक्ष्मी की तीन पिंडियों के रूप में विद्यमान है। वर्ष भर यहां पर कथा कड़ाही हलवा पूरी,जेवनार चढाने के साथ ही नारियल,चुनरी,धूप,कपूर,धार चढा कर पूजा की जाती है। मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक एक बार दर्शन के बाद भक्तों की मनोकामनाऐं पूरी होती है। जिससे भक्तों का विश्वास बढता ही जाता है यही कारण है कि खजनी कस्बे और तहसील क्षेत्र ही नहीं बल्की अन्य जनपदों और महानगरों से भी लोग यहां पहुंचते हैं। अन्य देवी मंदिरों की तरह यहां पर पारंपरिक पंडे पुजारियों का कोई अतिक्रमण नहीं है।

यहां बलि प्रथा और जानवरों की बलि देने की परंपरा भी नहीं है। परिसर में कई छोटे-बड़े अन्य मंदिरों में हनुमान मंदिर,शीतला माता मंदिर,मां वैष्णवी मंदिर,दुर्गा मंदिर,शिवालय, धर्मशाला,यज्ञशाला आदि का निर्माण हो जाने से भीड़ बढते ही परिसर में स्थान की कमी से श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ता है।

परिसर में अभी तक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है।और नित्य सफाई का कोई स्थाई प्रबंध भी नहीं है। जिससे आसपास कूड़े कचरे और गंदगी का ढेर लगा रहता है। यहां पर भक्त श्रद्धालुओं द्वारा खुद ही सफाई की जाती है|

शारदीय नवरात्र के पहले दिन आज आस्थावान श्रद्धालुओं की भीड उमड़ पड़ी लोग सूर्योदय के पहले से ही पहुंचने लगे। मंदिर को मनमोहक ढंग से सजाया गया है और यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने नारियल चुनरी नेवेद्य धार चढाकर और कपूर धूपबत्ती आदि जलाकर पूजा अर्चना की।

साथ ही खुटभार काली मंदिर,भैंसा बाजार कस्बे के काली मंदिर समेत गांवों के काली मंदिरों और क्षेत्र के अन्य देवी मंदिरों पर भी पहुंच कर शारदीय नवरात्र पर श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक पूजा अर्चना की। बड़ी संख्या में नवरात्र व्रत रहने वाले श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी कलश स्थापना की और दुर्गा शप्तशती का पाठ किया गया। वहीं पांडालों में कलश स्थापना तथा मूर्तियों की स्थापना के आयोजन में लोग व्यस्त रहे।