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सांसद प्रतिनिधि की पहल से 5 वर्षों बाद नसीब हुआ पीने का पानी

धनबाद : नवरात्रि की पहली पूजा में जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान दिया गया। पिछले 5 सालों से कतरास सब्जी पट्टी रोड के लोगों को माडा द्वारा सप्लाई पीने का पानी नहीं मिल पा रही थी इसकी सूचना पिछले सप्ताह धनबाद के सांसद प्रतिनिधि  शत्रुघ्न महतो को दी गई।

सूचना मिलते ही उन्होंने वहां पहुंचकर स्थानीयों लोगों से मिलकर  वादा किया था कि दुर्गा पूजा से पहले आप लोगों को पानी मिलेगा आज वह वादा एक सप्ताह भी नहीं बीता की पूरा हो गया.

उसके बाद वहां के स्थानीय लोगों ने शरद दा को बुलाकर फूलों की माला एवं मिठाई खिलाकर उनका बहुत-बहुत धन्यवाद‌ दिया.

वहां मौजूद महिलाओं ने कहा कि हम लोगों के लिए देवदूत के रूप में हैं इस दुर्गा पूजा में अपने हम लोगों को पानी उपलब्ध करा कर  खुशी दी है.इसके लिए आभार प्रकट किया हैं‌।
झारखंड विंधानसभा चुनाव 2024: क्या महागामा विंधानसभा चुनाव में इस बार भी कायम रहेगी दीपिका की बादशाहत,या किला भेदने में सफल रहेगी भाजपा...?*

विनोद आनंद झारखंड और बिहार की सीमा को विभाजित करने वाला गोड्डा जिला के महगामा विधानसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से ही कांग्रेस का दबदबा कायम रहा है। गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले महगामा विधानसभा 1952 से अस्तित्व में आया है । इस विधानसभा में गोड्डा जिला का तीन प्रखंड का क्षेत्र आता है.महगामा, मेहरमा और ठाकुरगंगटी. इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कांग्रेस कि दीपिका सिंह विधायक हैं.अगर 2024 के चुनाव में दीपिका सिंह भाजपा प्रत्याशी *यहां मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा के बीच* वर्ष 2000 के पहले तक इस क्षेत्र में कांग्रेस बनाम अन्य दलों के बीच चुनावी दंगल होते रहे। लेकिन 15 नवम्बर 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच हार-जीत का खेल चल रहा है। इसी साल जून में सम्पन्न गोड्डा लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त देकर इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा के बढ़ते प्रभाव को कम कर दिया। इस चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से पिछड़ गयी। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ गयी है। *महागामा विंधानसभा का जातीय समीकरण* अगर इस क्षेत्र की जातीय समक्करन की समीक्षा करें तो इस क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं की आबादी लगभग 10 प्रतिशत, मुस्लिम 30, यादव 5, ब्राह्मण 5 प्रतिशत है। वहीं इस क्षेत्र में कुर्मी-कुड़मी और वैश्य समुदाय की भी अच्छी आबादी है। इस क्षेत्र में एक ओर आदिवासी, मुस्लिम, कुड़मी-कुर्मी की गोलबंदी, वहीं दूसरी ओर ब्राह्मण, वैश्य, यादव और अन्य वर्गों की गोलबंदी विभिन्न चुनावों में प्रत्याशियों का भविष्य तय करते रहे हैं। इस बार एनडीए की ओर से आजसू पार्टी और भाजपा एक साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। जबकि महागठबंधन में शामिल दल कांग्रेस, झामुमो और राजद भी एक मंच से जोर लगाएंगे। हालांकि अब तक दोनों गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर फार्मूला तय नहीं हुआ पाया है। लेकिन टिकट की चाह में दोनों गठबंधन के नेता हाथ-पैर मार रहे हैं। *वर्तमान विधायक दीपिका पांडेय सिंह की राजनीतिक पृष्टभूमि* वर्तमान में इस क्षेत्र से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह विधायक हैं। जो पिछले दो महीने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री का दायित्व संभाल रहीं हैं। कांग्रेस की उच्च शिक्षा प्राप्त वर्तमान विधायक मंत्री दीपिका पांडे सिंह को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है। एकीकृत बिहार में दीपिका पांडे सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे पथ निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। इस कारण दीपिका पांडे सिंह का कांग्रेस के साथ महगामा क्षेत्र में गहरी पैठ है। *यहां से भाजपा के संभावित प्रत्याशी की क्या है स्थिति* उधर लोकसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद से ही भाजपा इस क्षेत्र से कांग्रेस को पछाड़ने के प्रयास में जुटी है। राजनीतिक गलियारे में हो रही चर्चा पर भरोसा करें तो भाजपा आर्थिक रूप से सम्पन्न नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है जो अपने दम पर चुनावी जंग लड़ने में सक्षम हों। बहरहाल भाजपा आगामी चुनाव में हर हाल में कांग्रेस की दीपिका को पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन का दौर जारी है। इसमें तीन बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक अशोक भगत का नाम सबसे आगे है। फिलहाल अशोक भगत पार्टी के प्रदेश महामंत्री का भी दायित्व संभाल रहे हैं। लेकिन पार्टी के कतिपय बड़े नेताओं सहित गोड्डा के सांसद से उनकी नाराजगी को देखते हुए पार्टी दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रही है। *भाजपा कीओर से और कौन कौन हैं दौर में...?* सूत्रों की माने तो भाजपा को ऐसे उम्मीदवार की तालाश है जो आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो और पिछले चुनावों में पार्टी की मजबूती में अपनी भूमिका निभाते रहे हो। इसमें इस सीट के लिए ठाकुरगंगटी निवासी जिला परिषद सदस्य और सामाजिक कार्यों से जुड़े सिल्क के बड़े कारोबारी निरंजन पोद्दार , पूर्व में इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार मधुरा गांव के रहने वाले अशोक कुमार सिंह के अलावा राजद से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले बद्रीनाथ भगत, देवघर और गुजरात में बड़ा व्यवसाय चलाने वाले निरंजन सिन्हा, एक जिला परिषद सदस्य के पति और बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले अरुण राम के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अति करीबी जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा समेत कई दावेदारों के नाम शामिल है। जो भाजपा का टिकट पाने के लिए दिल्ली और रांची की दौड़ लगा रहे हैं तथा राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के साथ गोड्डा के कद्दावर सांसद निशिकांत दुबे से नजदीकी बढ़ाने में जुटे हैं। 2024 के लोकसभा में गोड्डा के महगामा विधानसभा क्षेत्र की क्या रही स्थिति प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत प्रदीप यादव -कांग्रेस- 99,139 निशिकांत दूबे- भाजपा- 99,018 वर्ष 2019 के चुनाव में महगामा के मत की स्थिति प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस 89,224 अशोक कुमार बीजेपी 76,725 वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव प्रत्याशी। -पार्टी - प्राप्त मत अशोक कुमार -बीजेपी -70,635 सईद इक्बाल- जेवीएम-39,075 राजेश रंजन कांग्रेस 18,355 सुरेन्द्र .केशरी जेएमएम 13,770 वर्ष 2009 विधानसभा चुनाव परिणाम प्रत्याशी पार्टी प्राप्त मत राजेश रंजन कांग्रेस 43,834, अशोक कुमार बीजेपी 35,684 लाल बिहारी साह जेएमएम 12,237 वर्ष 2005 विधानसभा चुनाव प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत अशोक कुमार बीजेपी 46,253 अताउर सिद्धीकी राजद 39,825 वर्ष 2000 विधानसभा चुनाव प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत अशोक कुमार बीजेपी 32,025 अताउर सिद्धीकी राजद 21,519 अवध बिहारी सिंह कांग्रेस 12,622 *महगामा विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास* महगामा विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक गतिविधियों पर गहरी नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक आजादी के बाद 1952 से 2019 तक इस क्षेत्र में विधानसभा के 16 चुनाव सम्पन्न हुए। इसमें कांग्रेस ने 8 बार, भाजपा ने 3 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, सीपीआई, जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल के प्रत्याशियों ने एक- एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की। 1952 में विधानसभा के प्रथम चुनाव में इस क्षेत्र की जनता ने स्वतंत्रता आंदोलन का अलख जगाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के सागर मोहन पाठक को अपना पहला विधायक चुना। लेकिन 1957 में इस क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस को खारिज कर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के महेंद्र महतो को जीत का सेहरा पहना दिया। जबकि 1962 और 1967 में कांग्रेस के राजपति राम को लगातार दो बार अपना आशीर्वाद देकर अपना विधायक चुना। वहीं 1969 में विकास के लिए तड़प रही इस क्षेत्र की जनता ने सीपीआई के सईद अहमद को विधायक चुनकर साधनविहीन इस पिछड़े क्षेत्र के गरीब किसान-मजदूरों के उद्धार करने का अवसर दिया। इस चुनाव के महज दो साल के बाद ही इस क्षेत्र के लोगों का वामपंथी विचारधारा वाली पार्टी सीपीआई के विधायक सईद अहमद से मोहभंग हो गया। फलस्वरूप 1972 में दक्षिण पंथी विचार धारा वाले जनसंघ के टिकट पर मैदान में उतरे अवध बिहारी सिंह को पहली बार अपना विधायक चुन लिया। 1977 में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस विरोधी लहर में सईद अहमद जनता पार्टी के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे और दूसरी बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए। जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में इस क्षेत्र से निर्वाचित विधायक सईद अहमद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम सुन्दर दास के मंत्रिमंडल में पर्यटन, ईख और वक्फ विभाग के मंत्री बने। परन्तु महज तीन साल के भीतर 1980 में बिहार विधानसभा को भंग कर विधानसभा का चुनाव कराया गया। इस चुनाव में महगामा से कभी जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अवध बिहारी सिंह दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये। 1985 में भी वे इस क्षेत्र से तीसरी बार विधायक चुने गये। इन दस वर्षों में अवध बिहारी सिंह पथ निर्माण सहित कई विभागों के मंत्री बने। स्थानीय लोगों की मानें तो मृदुभाषी- सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि समझे जाने वाले विधायक अवध बिहारी सिंह अपने दस वर्षों के काल खंड में महगामा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के साथ दर्जनों पुल पुलियों का निर्माण कराने सफल हुए। इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र के आमलोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य कई जन कल्याणकारी योजनाओं के तोहफे दिये। 1952-2019 के बीच महगामा से निर्वाचित विधायकों की सूची वर्ष- प्रत्याशी के नाम- पार्टी 1952 सागर मोहन पाठक कांग्रेस 1957 महेन्द्र महतो प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 1962 राजपति राम कांग्रेस 1967 राजपति राम कांग्रेस 1969 सईद अहमद सीपीआई 1972 अवध बिहारी सिंह जनसंघ 1977 सईद अहमद जनता पार्टी 1980 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस 1985 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस 1990 फैयाज भागलपुरी जनता दल 1995 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस 2000 अशोक कुमार बीजेपी 2005 अशोक कुमार बीजेपी 2009 राजेश रंजन कांग्रेस 2014 अशोक कुमार भाजपा 2019 दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस
झारखंड विंधानसभा चुनाव 2024: क्या महागामा विंधानसभा चुनाव में इस बार भी कायम रहेगी दीपिका की बादशाहत,या किला भेदने में सफल रहेगी भाजपा...?

विनोद आनंद

झारखंड और बिहार की सीमा को विभाजित करने वाला गोड्डा जिला के महगामा विधानसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से ही कांग्रेस का दबदबा कायम रहा है। 

गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले महगामा विधानसभा 1952 से अस्तित्व में आया है । इस विधानसभा में गोड्डा जिला का 

तीन प्रखंड का क्षेत्र आता है.महगामा, मेहरमा और ठाकुरगंगटी. इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कांग्रेस कि दीपिका सिंह विधायक हैं.अगर 2024 के चुनाव में दीपिका सिंह भाजपा प्रत्याशी 

यहां मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा के बीच


वर्ष 2000 के पहले तक इस क्षेत्र में कांग्रेस बनाम अन्य दलों के बीच चुनावी दंगल होते रहे। लेकिन 15 नवम्बर 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच हार-जीत का खेल चल रहा है। इसी साल जून में सम्पन्न गोड्डा लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को बढ़त देकर इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा के बढ़ते प्रभाव को कम कर दिया। इस चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से पिछड़ गयी। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ गयी है।

महागामा विंधानसभा का जातीय समीकरण


अगर इस क्षेत्र की जातीय समक्करन की समीक्षा करें तो इस क्षेत्र में आदिवासी मतदाताओं की आबादी लगभग 10 प्रतिशत, मुस्लिम 30, यादव 5, ब्राह्मण 5 प्रतिशत है। वहीं इस क्षेत्र में कुर्मी-कुड़मी और वैश्य समुदाय की भी अच्छी आबादी है।

 इस क्षेत्र में एक ओर आदिवासी, मुस्लिम, कुड़मी-कुर्मी की गोलबंदी, वहीं दूसरी ओर ब्राह्मण, वैश्य, यादव और अन्य वर्गों की गोलबंदी विभिन्न चुनावों में प्रत्याशियों का भविष्य तय करते रहे हैं। इस बार एनडीए की ओर से आजसू पार्टी और भाजपा एक साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। जबकि महागठबंधन में शामिल दल कांग्रेस, झामुमो और राजद भी एक मंच से जोर लगाएंगे। हालांकि अब तक दोनों गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर फार्मूला तय नहीं हुआ पाया है। लेकिन टिकट की चाह में दोनों गठबंधन के नेता हाथ-पैर मार रहे हैं।

वर्तमान विधायक दीपिका पांडेय सिंह की राजनीतिक पृष्टभूमि


वर्तमान में इस क्षेत्र से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह विधायक हैं। जो पिछले दो महीने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री का दायित्व संभाल रहीं हैं। कांग्रेस की उच्च शिक्षा प्राप्त वर्तमान विधायक मंत्री दीपिका पांडे सिंह को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है।

 एकीकृत बिहार में दीपिका पांडे सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे पथ निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। इस कारण दीपिका पांडे सिंह का कांग्रेस के साथ महगामा क्षेत्र में गहरी पैठ है।

यहां से भाजपा के संभावित प्रत्याशी की क्या है स्थिति


उधर लोकसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद से ही भाजपा इस क्षेत्र से कांग्रेस को पछाड़ने के प्रयास में जुटी है। राजनीतिक गलियारे में हो रही चर्चा पर भरोसा करें तो भाजपा आर्थिक रूप से सम्पन्न नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है जो अपने दम पर चुनावी जंग लड़ने में सक्षम हों। 

बहरहाल भाजपा आगामी चुनाव में हर हाल में कांग्रेस की दीपिका को पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन का दौर जारी है।

 इसमें तीन बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक अशोक भगत का नाम सबसे आगे है। फिलहाल अशोक भगत पार्टी के प्रदेश महामंत्री का भी दायित्व संभाल रहे हैं। लेकिन पार्टी के कतिपय बड़े नेताओं सहित गोड्डा के सांसद से उनकी नाराजगी को देखते हुए पार्टी दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रही है।

भाजपा कीओर से और कौन कौन हैं दौर में...?


सूत्रों की माने तो भाजपा को ऐसे उम्मीदवार की तालाश है जो आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो और पिछले चुनावों में पार्टी की मजबूती में अपनी भूमिका निभाते रहे हो। इसमें इस सीट के लिए ठाकुरगंगटी निवासी जिला परिषद सदस्य और सामाजिक कार्यों से जुड़े सिल्क के बड़े कारोबारी निरंजन पोद्दार , पूर्व में इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार मधुरा गांव के रहने वाले अशोक कुमार सिंह के अलावा राजद से चुनाव लड़ चुके बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले बद्रीनाथ भगत, देवघर और गुजरात में बड़ा व्यवसाय चलाने वाले निरंजन सिन्हा, एक जिला परिषद सदस्य के पति और बड़े ठेकेदार के रूप में पहचान रखने वाले अरुण राम के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अति करीबी जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा समेत कई दावेदारों के नाम शामिल है। 

जो भाजपा का टिकट पाने के लिए दिल्ली और रांची की दौड़ लगा रहे हैं तथा राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं के साथ गोड्डा के कद्दावर सांसद निशिकांत दुबे से नजदीकी बढ़ाने में जुटे हैं।

2024 के लोकसभा में गोड्डा के महगामा विधानसभा क्षेत्र की क्या रही स्थिति


प्रत्याशी    पार्टी     प्राप्त मत

प्रदीप यादव -कांग्रेस- 99,139

निशिकांत दूबे- भाजपा- 99,018

वर्ष 2019 के चुनाव में महगामा के मत की स्थिति 


प्रत्याशी    पार्टी    प्राप्त मत

दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस 89,224

अशोक कुमार बीजेपी 76,725

वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव


प्रत्याशी।   -पार्टी   - प्राप्त मत

अशोक कुमार -बीजेपी -70,635

सईद इक्बाल- जेवीएम- 39,075

राजेश रंजन कांग्रेस 18,355

सुरेन्द्र .केशरी जेएमएम 13,770

वर्ष 2009 विधानसभा चुनाव परिणाम


प्रत्याशी पार्टी     प्राप्त मत

राजेश रंजन कांग्रेस 43,834,

अशोक कुमार। बीजेपी 35,684

लाल बिहारी साह जेएमएम 12,237

वर्ष 2005 विधानसभा चुनाव


प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

अशोक कुमार बीजेपी 46,253

अताउर सिद्धीकी राजद 39,825

वर्ष 2000 विधानसभा चुनाव


प्रत्याशी के नाम पार्टी प्राप्त मत

अशोक कुमार बीजेपी 32,025

अताउर सिद्धीकी राजद 21,519

अवध बिहारी सिंह कांग्रेस 12,622

महगामा विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास


महगामा विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक गतिविधियों पर गहरी नजर रखने वाले जानकारों के मुताबिक आजादी के बाद 1952 से 2019 तक इस क्षेत्र में विधानसभा के 16 चुनाव सम्पन्न हुए। इसमें कांग्रेस ने 8 बार, भाजपा ने 3 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, सीपीआई, जनसंघ, जनता पार्टी और जनता दल के प्रत्याशियों ने एक- एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की।

 1952 में विधानसभा के प्रथम चुनाव में इस क्षेत्र की जनता ने स्वतंत्रता आंदोलन का अलख जगाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कांग्रेस के सागर मोहन पाठक को अपना पहला विधायक चुना। लेकिन 1957 में इस क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस को खारिज कर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के महेंद्र महतो को जीत का सेहरा पहना दिया। 

जबकि 1962 और 1967 में कांग्रेस के राजपति राम को लगातार दो बार अपना आशीर्वाद देकर अपना विधायक चुना। 

वहीं 1969 में विकास के लिए तड़प रही इस क्षेत्र की जनता ने सीपीआई के सईद अहमद को विधायक चुनकर साधनविहीन इस पिछड़े क्षेत्र के गरीब किसान-मजदूरों के उद्धार करने का अवसर दिया। 

इस चुनाव के महज दो साल के बाद ही इस क्षेत्र के लोगों का वामपंथी विचारधारा वाली पार्टी सीपीआई के विधायक सईद अहमद से मोहभंग हो गया। फलस्वरूप 1972 में दक्षिण पंथी विचार धारा वाले जनसंघ के टिकट पर मैदान में उतरे अवध बिहारी सिंह को पहली बार अपना विधायक चुन लिया।

 1977 में इंदिरा गांधी की पार्टी कांग्रेस विरोधी लहर में सईद अहमद जनता पार्टी के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे और दूसरी बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए। जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में इस क्षेत्र से निर्वाचित विधायक सईद अहमद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम सुन्दर दास के मंत्रिमंडल में पर्यटन, ईख और वक्फ विभाग के मंत्री बने। 

परन्तु महज तीन साल के भीतर 1980 में बिहार विधानसभा को भंग कर विधानसभा का चुनाव कराया गया। इस चुनाव में महगामा से कभी जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीतने वाले अवध बिहारी सिंह दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये। 1985 में भी वे इस क्षेत्र से तीसरी बार विधायक चुने गये। इन दस वर्षों में अवध बिहारी सिंह पथ निर्माण सहित कई विभागों के मंत्री बने। स्थानीय लोगों की मानें तो मृदुभाषी- सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि समझे जाने वाले विधायक अवध बिहारी सिंह अपने दस वर्षों के काल खंड में महगामा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के साथ दर्जनों पुल पुलियों का निर्माण कराने सफल हुए। 

इसके साथ ही उन्होंने इस क्षेत्र के आमलोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य कई जन कल्याणकारी योजनाओं के तोहफे दिये।

1952-2019 के बीच महगामा से निर्वाचित विधायकों की सूची


वर्ष- प्रत्याशी के नाम- पार्टी

1952 सागर मोहन पाठक कांग्रेस

1957 महेन्द्र महतो प्रजा सोशलिस्ट पार्टी

1962 राजपति राम कांग्रेस

1967 राजपति राम कांग्रेस

1969 सईद अहमद सीपीआई

1972 अवध बिहारी सिंह जनसंघ

1977 सईद अहमद जनता पार्टी

1980 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस

1985 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस

1990 फैयाज भागलपुरी जनता दल

1995 अवध बिहारी सिंह- कांग्रेस

2000 अशोक कुमार बीजेपी

2005 अशोक कुमार बीजेपी

2009 राजेश रंजन कांग्रेस

2014 अशोक कुमार भाजपा

2019 दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस

विधानसभा नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच को लेकर हाईकोर्ट काफी गंभीर,सीबीआई से जाँच कराने का दिया निर्देश

झारखंड डेस्क 

रांची : विधानसभा नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच को लेकर हाईकोर्ट काफी गंभीर दिख रहा है। नियुक्ति घोटाले की जांच का हाईकोर्ट ने सीबीआई से जाँच कराने का निर्देश दिया है। इस मामले में कोर्ट का आर्डर आ गया है।

 कोर्ट ने कहा है कि विधानसभा की तरफ से अगर सीबीआई को जांच में सपोर्ट नहीं किया जाता है, तो वो हाईकोर्ट में शिकायत कर सकती है। 116 पन्ने के फैसले में होईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर किये जाने के बाद दूसरे आयोग के गठन और मामले में शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जतायी है।

 न्यायालय ने यह सवाल उठाया है कि अगर पहले आयोग में सिर्फ दो ही अनियमितताएं मिली थीं और उस पर कार्रवाई भी कर दी गयी, तो दूसरा आयोग बनाने की जरूरत क्या थी? 

ये बातें हाईकोर्ट ने इसलिए कही, क्योंकि पहली रिपोर्ट पर दो कर्मचारियों को बर्खास्त विधानसभा की तरफ से किया गया था। इसलिए हाईकोर्ट ने पूछा, कि अगर पहले आयोग की सिफारिश ही सही थी, तो फिर दूसरा आयोग क्यों बनाया गया। 

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पहले आयोग ने वर्ष 2018 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें अनियमितता का उल्लेख करते हुए कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी थी। पर कार्रवाई नहीं की गयी।

दूसरे आयोग ने रिपोर्ट सौंपी. पहले आयोग में कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी थी दूसरे आयोग में किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की अनुशंसा की गयी थी । याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कई बार दोनों आयोग की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया, लेकिन कोर्ट द्वारा दिये गये सामान्य आदेश के आलोक में आयोग की रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी।

कोर्ट द्वारा कार्रवाई की चेतावनी देने के बाद दोनों आयोग की रिपोर्ट न्यायालय में पेश की गयी। इससे सरकार और विधानसभा की।भूमिका संदेहास्पद हो जाती है m जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की बेंच ने नियुक्ति-प्रोन्नति में उच्चपदस्थ लोगों की भूमिका की भी जांच के आदेश दिये हैं। नियुक्तियों के दौरान पैसा लेने के आरोपों से जुड़े सीडी की भी जांच का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। अदालत ने कहा है कि नियुक्ति-प्रोन्नति मामले से संबंधित सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि JSSC-CGL परीक्षा में नहीं हुई है कोई गड़बड़ी

झारखंड डेस्क 

JSSC-CGL परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट कहा है कि वह नौजवानों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि इस परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.उन्होंने कहा कि आयोग ने खुद स्पष्ट किया है कि युवा अपनी शिकायत आयोग के समक्ष दर्ज कराएं, जांच की जाएगी।

जनता ही लिखती है नेताओं का सीआर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उन्होंने हमेशा ही आलोचनाओं का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही की बहाली के दौरान हुई मौतें अप्रत्याशित हैं।

उन्होंने कहा कि इस मौत को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार को लिखा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनकी वापसी जनता तय करेगी। जनता ही नेताओं का CR लिखती है।

चितपूर्णी स्टील स्पंज आयरन फैक्ट्री प्लांट के DRI साइड में दो मज़दूर झूलसे,सुरक्षा मानकों के पालन नहीं करने के कारण घटी घटना


झारखंड डेस्क 

हज़ारीबाग़ : चरही प्रखंड के 15 माइल स्थित चितपूर्णी स्टील स्पंज आयरन फैक्ट्री प्लांट के DRI साइड में फार्निस्ट ब्लास्ट से दो मजदूर आग से पूरी तरह झुलस गए.

 मजदूर जब अपने कार्य स्थल पर काम कर रहे थे, तभी फार्निस्ट ब्लास्ट से घटना में दोनो मजदूर आग से झुलस गए.

 ये मजदूर करुखाप निवासी मुगल महतो व सोमर साव हैं. दोनों मजदूरों को बेहतर इलाज के लिए रांची बर्न हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों का स्टील प्रबंधन फैक्ट्री पर आरोप है कि सीनियर अधिकारी की लापरवाही से यह घटना घटी है. 

मजदूरों के कार्य में उचित सुरक्षा मानकों का अनुपालन नहीं कर रही है. कहा कि चितपूर्णी स्टील आयरन फैक्ट्री में आए दिन बॉयलर फटने की घटना से कई मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं.

JSSC फुल एक्शन में है,आचार संहिता के पहले सभी प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम जारी करने की तैयारी में,

JSSC पर्यवेक्षिका प्रतियोगिता परीक्षा 2023 का प्रोविजलन आंसर की किया जारी


झारखंड डेस्क 

झारखंड में प्रतियोगी परिक्षाओं और परिणाम को लेकर JSSC फुल एक्शन में है। जेएसएससी की प्लानिंग है कि आचार संहिता के पहले तक सभी प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया जाये और नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाये। 

इसी कड़ी में अब महिला पर्यवेक्षिका प्रतियोगिता परीक्षा 2023 का प्रोविजलन आंसर की को जेएसएससी ने जारी कर दिया है। 

 बुधवार से आपत्तियां लेनी शुरू कर दी गयी है। वहीं 6 अक्टूबर तक दावा आपत्ति की आखिरी तारिख है। आपत्ति के साथ-साथ अभ्यर्थी को संदर्भ भी सब्मिट करना होगा। संदर्भ के रूप में मानक पुस्तक के पन्ने भी दिये जा सकते हैं। सामान्य गणित और मानसिक क्षमता जांच के अतिरिक्त अन्य विषयों में हाथ से लिखे संदर्भ स्वीकार नहीं किये जायेंगे।

जेएसएससी ने साफ कह दिया है कि निर्धारित समय के उपरांत कोई भी आपत्ति पर आयोग विचार नहीं करेगा। आपको बता दें कि पिछले महीने से 8 सितंबर से 13 सितंबर और 20 सितंबर तक अलग-अलग पालियों में परीक्षाएं आयोजित की गयी थी। महिला पर्यवेक्षिका के 444 पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की है. बीते साल आयोग ने इन पदों पर नियुक्ति विज्ञापन जारी किया था। 

इससे पहले जुलाई के महीने में इसकी परीक्षा निर्धारित की गयी थी। लेकिन बाद में फिर से इसकी संशोधित कैलेंडर जारी की गयी तो उसमें सितंबर के महीने में एग्जाम की तारीख रखी गयी थी।

अर्जुन मुंडा, संजय सेठ समेत 21 आरोपितों को मिली राहत, पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश बरकरार


डेस्क: रांची में 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा की मोरहाबादी मैदान में रैली के दौरान पुलिसकर्मियों और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद संजय सेठ, बीडी राम समेत 21 आरोपितों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश बरकरार रखा है।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कार्यक्रम के आयोजन के लिए अनुमति ली गई थी, लेकिन कई तरह की हरकतें की गई, जिस कारण सरकारी काम में बाधा पहुंचा था।

इस कारण सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस पर अदालत ने सरकार को विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

कोर्ट ने जिनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक बरकार रखा है। उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद बीडी राम एवं विद्युत वरण महतो, रांची विधायक सीपी सिंह, भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही, नवीन जायसवाल शामिल हैं।

इनके अलावा पूर्व सांसद दीपक प्रकाश, संजीव विजयवर्गीय, कुणाल यादव, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, भाजपा नेता रामचंद्र चंद्रवंशी, नारायण दास, यदुनाथ पांडेय, केदार हाजरा, रमेश कुमार सिंह, पुष्पा देवी भी शामिल हैं। मामले में लालपुर थाना में 51 नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

पीएम नरेंद्र मोदी हजारीबाग पहुंचे, 80 हजार करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का लोकार्पण किया

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जयंती पर बुधवार की दोपहर 1:10 बजे विशेष विमान से रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे. वहां से वे हेलीकॉप्टर से हजारीबाग के लिए रवाना हुए. पीएम मोदी के हजारीबाग आगमन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज फिर उन्हें झारखंड की विकास यात्रा का सहभागी बनने का मौका मिला है. इससे पहले जमशेदपुर से उन्होंने विकास योजनाओं की सौगात दी थी. पक्का मकान समेत अन्य तोहफा दिया था. आज उन्होंने 80 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि ये योजनाएं आदिवासी समाज के कल्याण से जुड़ी हैं. हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय से प्रधानमंत्री ने देश को करोड़ों की विकास योजनाओं का तोहफा दिया.

पीएम मोदी ने कहा कि हजारीबाग से उन्होंने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया है. इस योजना पर करीब 80 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत करीब 550 जिलों में 65,000 आदिवासी बहुल गांवों का विकास करने का अभियान चलाया जाएगा. इसका लाभ देश के 5 करोड़ से ज्यादा आदिवासी भाई-बहनों को मिलेगा. झारखंड के आदिवासी समाज को भी इसका बहुत बड़ा फायदा होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की धरती से हो रही है. भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन झारखंड के खूंटी से पीएम-जनमन योजना भी लॉन्च हुई थी. अगले महीने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर हम पीएम-जनमन योजना की पहली वर्षगांठ मनाएंगे.

इस योजना के जरिए आज देश के उन आदिवासी इलाकों में भी विकास पहुंच रहा है, जो सबसे पीछे छूट गए थे. आज यहां पीएम-जनमन योजना के तहत भी करीब साढ़े 1,300 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास हुआ है.

बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा के जरिये झारखंड में की 387 सभाएं, पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने झोंकी ताकत


डेस्क: विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा ने परिवर्तन यात्रा के माध्यम से पूरी ताकत झोंकी. 13 दिनों तक चली इस यात्रा के दौरान 387 छोटी-बड़ी सभाओं के माध्यम से राज्य की जनता के साथ संवाद किया. साथ ही हेमंत सरकार को किये गये वायदे पर घेरा गया. जनता से सवाल किया गया कि मुझे तो नहीं मिला, आपको मिला क्या? साथ ही पार्टी के एजेंडों से अवगत कराने का काम किया. परिवर्तन यात्रा की शुरुआत 20 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संताल परगना प्रमंडल और गिरिडीह के झारखंड धाम से की थी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 21 सितंबर को और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हजारीबाग प्रमंडल के इटखोरी और पलामू के भवनाथपुर स्थित बंशीधर मंदिर से प्रारंभ की थी. दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल के खूंटी जिले से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसकी शुरुआत 23 सितंबर को की थी.

 इनके अलावा सभा में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव सॉय, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, सांसद रवि किशन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंड़ा, चंपाई सोरेन, मधु कोड़ा, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, सांसद दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा समेत 50 से अधिक केंद्रीय व प्रदेश के नेताओं ने अलग-अलग स्थानों पर आयोजित सभा में हिस्सा लिया.

इस यात्रा के माध्यम से भाजपा राज्य के 24 जिलों, 81 विधानसभा, 223 प्रखंडों में 5209 किलोमीटर की यात्रा तय की. भाजपा का दावा है कि 516 सांगठनिक मंडलों में आयोजित इस यात्रा में 49 लाख लोगों को आना हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो अक्तूबर को परिवर्तन यात्रा का समापन करेंगे. परिवर्तन यात्रा को लेकर भाजपा के नेता व कार्यकर्ता उत्साहित हैं. परिवर्तन यात्रा के संयोजक व राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि यह यात्रा सत्ता परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगी. राज्य में डबल इंजन की सरकार बनाने में सहायक साबित होगी.