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महाराष्ट्र टीईटी 2024: आवेदन की आखिरी तारीख आज, जानें कैसे करें आवेदन

महाराष्ट्र टीईटी 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन की आज यानी 30 सितंबर लास्ट डेट है. इसके बाद महाराष्ट्र स्टेट एग्जामिनेशन काउंसिल शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया बंद कर देगा. वहीं, शुल्क के भुगतान का विंडो बंद होने की भी लास्ट डेट 30 सितंबर ही है. इसलिए जो भी उम्मीदवार अब तक परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं, वो महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद की ऑफिशियल वेबसाइट mahatet.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 9 सितंबर से शुरू हुई थी.

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद महाराष्ट्र स्टेट एग्जामिनेशन काउंसिल परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी करेगी, जिसे उम्मीदवार 28 अक्टूबर से 10 नवंबर तक काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट mahatet.in पर जाकर डाउनलोड किया जा सकेगा. महाराष्ट्र टीईटी परीक्षा का पहला पेपर 11 नवंबर को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरा पेपर उसी दिन दोपहर 2 बजे से शाम 4:30 बजे तक होगा.

कैसे करें आवेदन?

सबसे पहले तो महाराष्ट्र टीईटी की आधिकारिक वेबसाइट mahatet.in पर जाएं.

फिर लॉगिन टैब पर क्लिक करें और ‘उम्मीदवार का न्यू रजिस्ट्रेशन’ विकल्प का चयन करें.

उसके बाद अपना लॉगिन डिटेल्स प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें.

अब अपने अकाउंट में लॉगिन करें.

मांगी गई जानकारी दर्ज करें.

अपने डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें.

आवेदन शुल्क का भुगतान करें.

एक बार जब ये सब हो जाए तो अपना फॉर्म सबमिट कर दें.

आवेदन पत्र के कंफर्मेशन पेज को बाद में उपयोग के लिए सुरक्षित रख लें.

आवेदन शुल्क कितना है?

पेपर 1 या पेपर 2 (केवल एक पेपर) के लिए अनुसूचित जाति (एससी) उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 700 रुपये है और अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए भी यह शुल्क 700 रुपये ही है. इसके अलावा उन विकलांग उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क भी 700 रुपये निर्धारित किया गया है, जिनकी विकलांगता 40 फीसदी या 40 फीसदी से अधिक है, जबकि अन्य उम्मीदवारों (वीजेए/डीटीए, एनटी-बी, एनटी-सी, एनटी-डी, एसबीसी, ओबीसी, एसईबीसी, ईडब्ल्यूएस, ओपन कैटेगरी) के लिए शुल्क 1,000 रुपये है.

आंध्र प्रदेश के अल्लुरी में एक एटीएम में कुछ ऐसा हुआ की अब यहां कोई भी आने से डर रहा है,जाने

आंध्र प्रदेश के अल्लुरी में रविवार को ऐसी घटना घटी जिसे सुनकर आपकी भी रूह कांप जाए. यहां एक शख्स एटीएम के अंदर पैसे निकालने के लिए घुसा. जैसे ही उसने एटीएम कार्ड मशीन में डाला उसे अजीबो-गरीब सी आवाज आई. शख्स ने इस पर इतना गौर नहीं किया. फिर उसने अपनी पिन कोट एंटर किया. वो अजीब आवाज एक बार फिर आई. शख्स को लगा जैसे यहां कुछ तो गड़बड़ जरूर है. फिर जैसे ही शख्स पीछे मुड़ा उसकी चीख निकल गई.

फन फैलाए कोबरा सांप उसके सामने था. वो उसे काटने ही वाला था कि शख्स किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल आया. उसकी चीख सुन आस-पास के लोग भी वहां आ पहुंचे. तुरंत पुलिस और रेस्क्यू टीम को सूचित किया गया. तब तक लोगों ने एटीएम का दरवाजा बंद करके रखा, ताकि सांप बाहर न निकल पाए. इसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद सांप का रेस्क्यू कर उसे जंगल में जाकर छोड़ दिया गया.

मौत दिख रही थी सामने’

लेकिन इस घटना के बाद से लोग अब इस एटीम में जाने से भी कतरा रहे हैं. पुलिस इसकी जांच कर रही है कि आखिर कोबरा यहां आया कैसे? कहीं ये किसी की शरारत तो नहीं? उधर, शख्स ने बताया कि उसके साथ क्या-क्या हुआ. शख्स बोला- मैं जैसे ही एटीएम में घुसा मुझे पहले से ही कुछ आवाज तो आ रही थी. लेकिन मैंने सोचा कि शायद ये AC की आवाज है. बाद में आवाज बहुत तेज आने लगी. जैसे ही मैं पीछे मुड़ा तो मेरी हालत खराब हो गई. वो कोबरा मुझे डसने ही वाला था. मैंने किसी तरह उससे अपनी जान बचाई. मुझे को उस वक्त मौत सामने दिखाई दे रही थी.

सांप किसी को डस लेता तो…

सांप पकड़ने वाले वासु ने बताया- मुझे फोन करके यहां बुलाया गया. मैंने कोबरा को पकड़कर उसे जंगल में छोड़ दिया है. लेकिन वो कोबरा बहुत की जहरीला था. अगर वो किसी को डस लेता तो उस शख्स की मौत पक्की थी. गर्मी के कारण कोबरा यहां एटीएम में घुस गया होगा. क्योंकि यहां एसी चलता रहता है. बाकी ये किसी की शरारत भी हो सकती है. पुलिस ने कहा- हम इस बात का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोबरा यहां कैसे आया.

दिल्ली की सड़कें सुधरेंगी: आतिशी और आप विधायकों ने सड़कों की स्थिति का किया निरीक्षण !

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के मंत्री गोपाल राय सहित आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों और सदस्यों के साथ सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों की स्थिति का निरीक्षण किया.

उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के ओखला क्षेत्र में सड़कों की स्थिति का जायजा लिया, जो कि दिल्ली सरकार की सड़क का आंकलन और मरम्मत योजना का हिस्सा है.

आप ने मंत्रियों को शहर की अलग-अलग सड़कों की जिम्मेदारी सौंपी हैं : आतिशी

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि आम आदमी पार्टी के विभिन्न मंत्रियों को शहर के विभिन्न सड़क क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

आतिशी दक्षिण और दक्षिण पूर्वी दिल्ली की देखरेख करेंगी, सौरभ भारद्वाज पूर्वी दिल्ली के प्रभारी हैं, गोपाल राय उत्तर पूर्वी दिल्ली को संभालेंगे, इमरान हुसैन मध्य और नई दिल्ली का प्रबंधन करेंगे, कैलाश गहलोत दक्षिण पश्चिम दिल्ली और बाहरी दिल्ली के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि मुकेश सहरावत उत्तर पश्चिम दिल्ली की देखरेख करेंगे.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के साथ कई सड़कों का निरीक्षण किया और पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों की रिपोर्ट तैयार करने का दावा किया. आप सुप्रीमो ने विधानसभा में आतिशी को एक पत्र भी सौंपा, जिसमें टूटी सड़कों की तत्काल मरम्मत की अपील की गई है.

आतिशी ने कहा- मैंने केजरीवाल के साथ पाया कि सड़कों की हालत बहुत खराब

ओखला क्षेत्र में सड़कों की स्थिति का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, "दो दिनों तक अरविंद केजरीवाल और मैंने दिल्ली की सड़कों का निरीक्षण किया और पाया कि सड़कों की हालत बहुत खराब है... अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के सभी विधायकों और मंत्रियों से दिल्ली की सड़कों को जल्द से जल्द बहाल करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है.1400 किलोमीटर लंबी पीडब्ल्यूडी सड़कों के एक-एक इंच का निरीक्षण किया जाएगा. अगले तीन से चार महीनों में सभी सड़कें ठीक कर दी जाएंगी. हम दिवाली तक दिल्ली के लोगों को गड्ढा मुक्त सड़कें देने की कोशिश करेंगे. विपक्ष ने हमें काम करने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश की. अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ गए हैं और हम उनके मार्गदर्शन में काम करेंगे."

सिसोदिया और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पड़पड़गंज इलाके में निरीक्षण किए

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में सड़कों की स्थिति का निरीक्षण किया.

सिसोदिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर मैंने और सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली की कुछ सड़कों का निरीक्षण किया. हमने पाया कि कई सड़कें खराब हालत में हैं. कुछ जगहों पर काम चल रहा था और पिछले 7-8 महीनों से सड़क खोदी हुई थी. कुछ जगहों पर गड्ढे खुले पड़े हैं. हम इस पर काम करेंगे और सड़कों को ठीक किया जाएगा. भाजपा ने दिल्ली की जनता को परेशान करने के लिए दिल्ली की सभी सड़कें खराब कर दी हैं... अब जब अरविंद केजरीवाल वापस आ गए हैं, तो सभी लंबित काम जल्दी पूरे किए जाएंगे... अरविंद केजरीवाल ने सीएम के साथ-साथ सभी मंत्रियों को युद्ध स्तर पर काम करने और दिल्ली की सड़कों की स्थिति पर काम करने का निर्देश दिया है."

उत्तर पूर्वी दिल्ली के बाबरपुर में गोपाल राय ने किया सड़कों का निरीक्षण

बाबरपुर इलाके (उत्तर पूर्वी दिल्ली) में सड़कों की स्थिति का निरीक्षण करने वाले गोपाल राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद सड़कों की स्थिति और खराब हो गई है.

गोपाल राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "दिल्ली में बारिश के बाद हर जगह सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं. जब से अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा गया है, दिल्ली की सड़कों की हालत और खराब हो गई है. हमने खुद तय किया है कि हम सड़कों का निरीक्षण करेंगे और जल्द से जल्द उनकी मरम्मत कराएंगे."

केजरीवाल ने कहा- मैं जेल में था सभी सड़कों के मरम्मत काम रोक दिया गया

इससे पहले, पूर्व सीएम ने निवासियों को आश्वासन दिया कि रुके हुए काम फिर से शुरू होंगे, उन्होंने हाल ही में जेल में रहने के दौरान हुई देरी का हवाला दिया.

केजरीवाल ने सड़कों का शहरवार देखने की अपील की और कहा कि सभी विधायक और मंत्री निरीक्षण में हिस्सा लेंगे और अगले दो से तीन दिनों में सड़कों की मरम्मत कराएंगे.

केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैंने कल भी आतिशी के साथ डीयू का दौरा किया था. सड़क टूटी हुई थी. आज हम यहां आए हैं. इसलिए, मैं आतिशी से आग्रह करना चाहूंगा कि अगले 3-4 दिनों में दिल्ली की सभी पीडब्ल्यूडी सड़कों का आकलन करें. हमारे सभी विधायक और मंत्री सड़क पर उतरेंगे और इसका आकलन करेंगे. अगले कुछ महीनों में सभी टूटी सड़कों की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर किया जाएगा ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो. मैं जेल में था और इसीलिए उन्होंने बहुत सारे काम रोक दिए थे, लेकिन मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं यहां हूं. सभी रुके हुए काम फिर से शुरू होंगे."

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत बिगड़ी, प्रधानमंत्री मोदी ने फोन करके जाना हाल-चाल!

जम्मू-कश्मीर के बिलावर में रविवार 29 सितंबर को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत बिगड़ गई. भाषण के दौरान खरगे बेचैनी महसूस करने लगे और उन्हें चक्कर आने लगा. हालांकि इलाज के बाद वो ठीक हो गए. वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष को फोन कर उनका हालचाल जाना है और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जसरोटा में अपने संबोधन के दौरान आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर भावुक हो गए वो शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे थे. इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें मंच से उतारा गया और कठुआ में डॉक्टरों से चेकअप कराया गया. इसके बाद ठीक होकर उन्होंने दोबारा से अपना भाषण दिया.

पीएम मोदी ने लिया खरगे का हाल चाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत बिगड़ने की जानकारी जब पीएम नरेंद्र मोदी को हुई तो उन्होंने खरगे को फोन कर बातचीत की. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनका हाल चाल भी लिया

जल्दी मरने वाला नहीं…

खरगे ने अपने संबोधन में कहा कि मैं 83 साल का हूं, मैं इतनी जल्दी नहीं मरने वाला हूं. मैं तब तक जिंदा रहूंगा जब तक वर्तमान सरकार को सत्ता से बाहर नहीं कर देता. उन्होंने कहा कि वो जब तक बीजेपी देश में शासन कर रही है वो चेन से नहीं बैठेंगे. खरगे ने अपने संबोधन में बीजेपी की नीतियों को लेकर जमकर हमला बोला.

खरगे ने जनता से मांगी माफी

उन्होंने कहा कि मैं बात करना चाहता था. लेकिन चक्कर आने के कारण मैं बैठ गया हूं. कृपया मुझे माफ करें. खरगे ने कहा कि बीजेपी हमें आतंकित करने की कोशिश कर रहे हैं. वो पाकिस्तान की बात करते हैं. लेकिन हम नहीं डरते. कांग्रेस की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को इंदिरा गांधी ने आजाद कराया था. देश में जय जवान जय किसान का नारा कांग्रेस ने दिया था. पाकिस्तान को हमने हराया. लाल बहादुर शास्त्री ने उसे हराया. यह कांग्रेस का शासन था.

जानें क्यों मजबूर हुए डॉक्टर 10 दिन बाद फिर से काम बंद करने का किया ऐलान, आज होगी आरजीकर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने फिर से 10 दिन बाद काम बंद करने का ऐलान कर दिया है. इस बीच कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने आरजी कर और सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल घटना के लिए न्याय की मांग को लेकर आरजी कर अस्पताल से श्यामबाजार तक मशाल रैली भी निकाली. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मांगों के अनुसार मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, आज आरजीकर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होगी

पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद एक बार फिर काम बंद करने का ऐलान किया है. डॉक्टर्स के मुताबिक, उन्होंने काम बंद करने का फैसला कोलकाता के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद तीन डॉक्टरों पर चिकित्सकों और तीन नर्स पर हुए हमले के विरोध में किया है. ड़ाक्टरों का ये भी कहना है कि राज्य सरकार वादे के बावजूद उन्हें सुरक्षा देने में विफल रही है.

डॉक्टरों ने क्या-क्या लगाए आरोप?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो ने कहा, ‘हमारा आंदोलन अब तक सिर्फ एक एजेंडे पर केंद्रित रहा है और वह है रेप की पीड़िता के लिए. अस्पतालों में हमारी सुरक्षा और संरक्षा के बारे में मुख्य सचिव से मिले हुए 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन हमारी मांगों के अनुसार मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हमें सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी ऐसी ही एक और घटना देखने को मिली. अगर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में हमें कुछ सकारात्मक मिलता है, तो हम इस पर पुनर्विचार करेंगे, अन्यथा हम पूरी तरह से बंद की अपील करेंगे. हमने 2 अक्टूबर को एक सामूहिक रैली का आयोजन किया है.’

आरजी कर कॉलेज की डॉक्टर श्रेया शॉ ने कहा, ‘विरोध प्रदर्शन की शुरुआत से ही हमारी मांगें एक जैसी हैं. पांच मांगें हैं जो अब तक पूरी नहीं हुई हैं. हमने यह सोचकर अपनी ड्यूटी जॉइन की कि हमारे मरीजों को हमारी जरूरत है, लेकिन इस दौरान सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी ऐसी ही एक और घटना घट गई. सीएम और सरकार के साथ हमारी सभी बैठकें बेकार गईं. हम बस इतना कहना चाहते हैं कि सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं. हमारी नजर सुप्रीम कोर्ट की हर सुनवाई पर है और हमें दबाव बनाए रखना है. हमें भरोसा है कि सीजेआई ऐसा फैसला सुनाएंगे जिससे हमें न्याय मिलेगा. हम जल्द से जल्द न्याय चाहते हैं क्योंकि न्याय में देरी न्याय से वंचित होने के बराबर है.’

सीजेआई के नेतृत्व वाली बेंच करेगी सुनवाई

दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा मामले की सुनवाई करेंगे. इससे पहले 17 सितंबर को मामले की सुनवाई हुई थी

तेजस्वी यादव ने स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार पर साधा निशाना,कहा एनडीए सरकार बिहारवासियों पर अत्याचार कर रही है

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. बिहार में स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी और बिजली के बढ़ते बिलों को लेकर इन दिनों कई समस्या आ रही है. आरजेडी नेता का कहना है कि देश के सबसे कम प्रति व्यक्ति आय वाले राज्य में स्मार्ट मीटर लगा बिजली दरों को दोगुना कर एनडीए सरकार बिहारवासियों पर अत्याचार कर रही है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी और बढ़ते बिजली बिलों से बिहारवासी त्रस्त है. स्मार्ट मीटर मुद्दा हर घर से जुड़ा हुआ है. हर घर से स्मार्ट मीटर के खिलाफ शिकायतें आ रही है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली कंपनियों, अधिकारियों और सत्तारूढ़ नेताओं की जो मिलीभगत है उसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए. बिहार की सबसे बड़ी पार्टी ने 1 अक्टूबर से इसके खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है.

सरकार किसके फायदे के लिए ऐसा कर रही है?

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी और बढ़ते बिजली बिलों को लेकर नीतीश और बीजेपी सरकार से कई सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर सवालों की लंबी लिस्ट साझा की है. इसमें उन्होंने लिखा कि लगभग सभी उपभोक्ताओं का ऐसा क्यों मानना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनका बिजली बिल डबल हो गया है? सरकार बताएं कि ऐसा क्यों हो रहा है?

अगर यह मान लिया जाए कि हर घर से केवल 100 रुपए ही फर्जीवाड़ा हो रहा है तो नीतीश सरकार बिहार भर के उपभोक्ताओं से हर महीने हजारों करोड़ रुपए की अवैध राशि वसूल रही है. बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के गजट में स्मार्ट मीटर लगाने की कोई बाध्यता नहीं है तो फिर सरकार किसके फायदे के लिए ऐसा कर रही है?

मुद्दे के निपटारा के लिए निष्पक्ष कमेटी की मांग

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार का इलेक्ट्रिसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर आउटडेटेड है. बिहार में 2 करोड़ बिजली उपभोक्ता है इसमें से केवल 50 लाख ने ही स्मार्ट मीटर लगवाया है. इसमें भी सभी की यही शिकायत है. ऐसे में सरकार को पहले पुराने उपभोक्ताओं की शंकाओं दूर करना चाहिए फिर नए पर विचार करें. उनकी मांग है कि इस मुद्दे के निपटारे के लिए कोई निष्पक्ष कमेटी होनी चाहिए.

तेजस्वी ने पूछा कि सरकार की बिजली कंपनियों के साथ क्या सांठ-गांठ है? क्या मीटर का कैलिब्रेशन गलत नहीं हो सकता है? अगर स्मार्ट मीटर सचमुच स्मार्ट है तो इसका यूजर इंटरफेस और सिस्टम इतना धीमा और खराब क्यों है. उन्होंने पूछा कि क्या बिजली मंत्री के सुपौल घर में स्मार्ट मीटर है? है तो कब लगा? कितने माननीय और अधिकारियों के सरकारी और व्यक्तिगत आवास पर स्मार्ट मीटर लगा है?

सावधान: फ्री मूवी डाउनलोड की कीमत आपको पड़ सकती है भारी, बचने के लिए करें ये काम

कई लोग फ्री मूवी डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट का सहारा लेते हैं. लेकिन ऐसा करना बहुत भारी पड़ सकता है. हाल ही में गूगल की साइबरसिक्योरिटी फर्म Mandiant ने पीकलाइट नामक मैलवेयर अटैक की वार्निंग दी है.

यह मैलवेयर ज्यादातर उन लोगों को निशाना बनाता है जो पाइरेटेड मूवी डाउनलोड करते हैं. इसके शिकंजे में आने से लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है, और उनके विंडोज कंप्यूटर-लैपटॉप में सेंधमारी की जा सकती है.

पीकलाइट एक खतरनाक मैलवेयर है. इसमें पावरशैल स्क्रिप्ट होती है, जिससे इंफेक्टेड डिवाइस में मैलवेयर की मौजूदगी को बढ़ाया जाता है. इससे साइबर क्रिमिनल्स कंप्यूटर और लैपटॉप में खतरनाक और नुकसानदायक प्रोग्राम डाल सकते हैं, जैसे- Lumma Stealer, Hijacker Loader और CryptBot.

Peaklight का पता लगाना मुश्किल

ये प्रोग्राम सर्विस के तौर पर किराए पर मिलते हैं, जिनसे साइबर हमलावर आपके कंप्यूटर-लैपटॉप से सेंसिटिव डेटा चुरा सकते हैं. इसके अलावा इन कंप्यूटर-लैपटॉप पर कंट्रोल भी किया जा सकता है.

Mandiant के मुताबिक, पीकलाइट कंप्यूटर मेमोरी में काम करता है. इसलिए इसे पकड़ना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि यह हार्ड ड्राइव पर अपनी मौजूदी को कोई सबूत नहीं छोड़ता है.

ऐसे होती है कंप्यूटर-लैपटॉप में घुसपैठ

साइबर क्रिमिनल्स ने ‘फ्री मूवी डाउनलोड’ को पीकलाइट मैलवेयर फैलाने का हथकंडा बनाया है. अटैक करने के लिए फेमस मूवी के डाउनलोड लिंक बनाए जाते हैं, जो ZIP फोल्डर होते हैं. इनमें खतरनाक तरीके से विंडोज शॉर्टकट फाइल (LNKs) होती हैं. जब लोग इन फाइल को खोलते हैं तो सिस्टम में बिन बुलाया मेहमान, यानी पीकलाइट मैलवेयर आ जाता है, और खतरनाक खेल शुरू हो जाता है.

बचने के लिए करें ये काम

कंप्यूटर की रैम में आने की वजह से पीकलाइट मैलवेयर आपके अहम डेटा पर हाथ साफ कर सकता है.

जो लोग इंटरनेट पर मुफ्त में मूवी देखने के लिए फिल्म डाउनलोड करते हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. इसलिए इंटरनेट से जब भी कुछ डाउनलोड करें तो भरोसेमंद यानी ट्रस्टेड वेबसाइट्स या सोर्स से डाउनलोड करें, वरना आप पीकलाइट जैसे मैलवेयर का शिकार बन सकते हैं.

पुणे में फैक्ट्री हादसा: शीशे के बक्से गिरने से चार मजदूरों की मौत, एक गंभीर!

महाराष्ट्र के पुणे में एक फैक्ट्री में हुए हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई है. यह फैक्ट्री शीशों का काम करती थी. रविवार को भी यहां पर ट्रक से शीशे से भरे हुए बक्से उतारने का काम चल रहा था.

इसी दौरान कुछ बक्से नीचे गिर गए. इन्ही बक्सों के नीचे काम कर रहे मजदूर दब गए. हादसे में अब तक चार मजदूरों की मौत हो चुकी है. वहीं हॉस्पिटल में एक की हालत गंभीर बनी हुई है. घटना की जानकारी के बाद मौके पर तमाम आला अधिकारी पहुंचे हैं.

जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला पुणे के येलवेवाड़ी में स्थित ग्लास इंडिया कंपनी का है. यहां पर रविवार दोपहर करीब 1.30 बजे कुछ मजदूर ट्रस से कांच से भरे हुए बॉक्स उतार रहे थे. इसी दौरान अचानक 4 शीशे के बॉक्स गिर गए. इन बक्सों का वजह बहुत ज्यादा था जिसकी वजह से इनके नीचे 6 मजदूर दब गए. वहां मौजूद अन्य मजदूरों ने दमकल को पूरे मामले की सूचना दी. जिसके बाद दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू शुरू किया

6 मजदूर दबे

अग्निशमन विभाग के कोंढ़वा स्टेशन अधिकारी समीर शेख ने बताया कि उन्हें दोपहर के वक्त येवलेवाड़ी इलाके की एक फ्रैक्ट्री में हादसे की जानकारी मिली थी. उनकी टीम तुरंत वहां पहुंची और लोगों को बॉक्स के नीचे से निकालने के प्रयास शुरू कर दिए. काफी मशक्कत के बाद बॉक्स के नीचे से 6 मजदूरों को बाहर निकाला गया. उनमें से 4 बेहोश हो गए थे. सभी मजदूरों को आनन-फानन में पास के हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंचाया गया.

4 की मौत, एक गंभीर

हॉस्पिटल में डॉक्टर ने 4 मजदूरों को मृत घोषित कर दिया है. वहीं एक मजदूर की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. मृतकों की पहचान रामचंद्र कुमार, धर्मेंद्र सत्यपाल कुमार, विकास प्रसाद गौतम, अमित शिवशंकर कुमार के रूप में हुई है. वहीं हादसे में मोनेसर कोली, जगतपाल संतराम कुमार घायल हो गए हैं. येवलेवाड़ी इलाके में कई कंपनियां हैं. इनमें से कई कंपनियां बिना लायसेंस वाली है.

बीजेपी ने बागी नेताओं के खिलाफ की सख्त कार्रवाई, 8 नेताओं को पार्टी से किया निष्कासित!

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बागी उम्मीदवारों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल आठ नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे आठ नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.

भारतीय जनता पार्टी ने जिन आठ नेताओं को पार्टी से निकाला है, उनमें कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार में मंत्री रहे रणजीत सिंह चौटाला शामिल हैं.

इसके अतिरिक्त पार्टी ने पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य और गन्नौर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे देवेंद्र कादियान को भी रास्ता दिखा दिया है.इससे पहले कांग्रेस ने पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ बगावत कर चुनाव लड़ रहे 24 बागियों को पार्टी से निष्कासित किया था.

पार्टी के इन आठ नेताओं पर गिरी गाज

हरियाणा बीजेपी जिन 8 बागियों को पार्टी से निकाला है. उनमें इन तीन नेताओं के अतिरिक्त असंध से जिलेराम शर्मा, सफीदों से बच्चन सिंह आर्य, लाडवा से संदीप गर्ग, गुरुग्राम से नवीन गोयल महम से राधा अहलावत, और हथीन से केहर सिंह रावत शामिल हैं. इन सभी बागी नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है.

तमिलनाडु: उदयनिधि स्टालिन बने उपमुख्यमंत्री, वी सेंथिल बालाजी सहित कई नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ!

तमिलनाडु के मुख्यंमत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल करने का ऐलान किया था. सीएम स्टालिन की सिफारिश पर राज्यपाल ने अधिसूचना जारी की थी. राज्यपाल की अधिसूचना के अनुसार रविवार को राज्यपाल एन रवि ने सीएम एमके स्टालिन के पुत्र और मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इसके साथ ही वी सेंथिल बालाजी को फिर से मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी. वी सेंथिल बालाजी ने गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा दे दिया था. फिर से उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई की.

इसके साथ हीडॉ. गोवी चेझियान, आर राजेंद्रन और एसएम नासर को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी. राजभवन में आयोजित शपथ समारोह में तमिलनाडु के सीएम एम स्टालिन सहित कई आला नेता उपस्थित थे.

इस अवसर पर एमके सांसद तिरुचि शिवा, तमिलनाडु एसएम एमके स्टालिन की पत्नी दुर्गा स्टालिन, तमिलनाडु के मंत्री पी.के. शेखर बाबू, वीसीके प्रमुख थोल सहित अन्य भी उपस्थित थे.

साल 2019 में युवा सचिव बनाये गये थे उदयनिधि

2019 में तमिलनाडु के उदयनिधि स्टालिन को युवा सचिव बनाया गाय था. उसके बाद उन्होंने जिलों में डीएमके नेता स्टालिन द्वारा शुरू की गई पंचायत बैठकों को सफलतापूर्वक लागू किया. इसके अलावा, उन्होंने 2019 के संसदीय चुनावों में डीएमके उम्मीदवारों के समर्थन में सक्रिय रूप से प्रचार किया.

युवा सचिव के रूप में उदयनिधि स्टालिन ने विभिन्न विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया. सक्रिय राजनीति से जुड़े उदयनिधि स्टालिन को 2021 विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया गया. 2021 के विधानसभा चुनावों में, उन्होंने तिरुवल्लिकेनी – चेपक्कम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी जीत हासिल की.

2021 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके सरकार का पतन हुआ और डीएमके सरकार सत्ता पर काबिज हो गई. उस समय उदयनिधि स्टालिन को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई थी. जब उन्हें मंत्री पद दिया गया तो वे विधान सभा के सदस्य बन गये और जनता के काम करने लगे.

2022 में पहली बार बनाये गये थे मंत्री

बाद में 2022 में कैबिनेट फेरबदल में उदयनिधि स्टालिन को मंत्री पद आवंटित किया गया. मंत्री उदयनिधि स्टालिन को युवा कल्याण और खेल विभाग आवंटित किया गया है.

इसके बाद हाल ही में उनके साथी मंत्रियों की ओर से उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग रखी गई थी. इसके साथ ही उनके उपमुख्यमंत्री बनने की अटकलें तेज हो गई थी. कैबिनेट फेरबदल में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया है. डीएमके ने 2006 से 2011 तक तमिलनाडु में सत्ता में थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री कलाकार करुणानिधि के खराब स्वास्थ्य के कारण एमके स्टालिन ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला था.

2011 से 2021 तक एआईएडीएमके सत्ता में थी. जयललिता की मृत्यु के बाद एडप्पादी पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री चुना गया और ओ पनीर सेल्वम उनके मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री थे. फिलहाल डीएमके शासन में मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया है.