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पैरासिटामोल समेत 53 दवाइयां गुणवत्ता परीक्षण में फेल, CDSCO रिपोर्ट में हुआ खुलासा

आमतौर पर बुखार में खाई जाने वाली पैरासिटामोल टैबलेट गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गई है। इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी-3 की सप्लीमेंट, मधुमेह की गोलियां और हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं सहित 50 से अधिक दवाएं औषधि नियामक द्वारा किए गए गुणवत्ता परीक्षण में फेल पाई गई हैं। गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुई दवाओं की लिस्ट इंडियन ड्रग्स रेग्युलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी की है। 

भारतीय औषधि नियामक- सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन हर महीने दवाईयों की जांच के लिए कुछ दवाओं को चुनता है। फिर उनकी जांच की जाती है। इस बार सरकारी संस्था ने विटामिन सी और डी3 की टैबलेट्स शेल्कल, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी सॉफ्टजेल, एंटीएसिड पैन-डी, पैरासिटामोल आईपी 500 एमजी, डायबिटीज की दवा ग्लिमेपिराइड, हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन जैसी दवाई का टेस्ट किया था।

जो क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं। ये दवाएं हेटेरो ड्रग्स, एल्केम लैबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (एचएएल),
मईयां सम्मान यात्रा के दौरान गढ़वा पहुंची गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, रोड शो, उमड़ा जन सैलाब
    
झा. डेस्क
मईयां सम्मान यात्रा के दौरान गढ़वा पहुंची गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने मंगलवार को गढ़वा में रोड शो किया। इस दौरान रंका मोड़ स्थित संकट मोचन मंदिर में बजरंगबली का आशीर्वाद लेते हुए मां गढ़देवी मंदिर में पूजा अर्चना की।

रोड शो में गढ़वा वासियों की जन सैलाब उमड़ पड़ी। जगह-जगह पर विभिन्न संगठनों के लोगों ने भव्य स्वागत किया। साथ पूरे रास्ते में फूलों की वर्षा की गई।
इससे पूर्व सभी मंत्रियों ने टाउन हॉल स्थित नीलांबर पीतांबर की प्रतिमा, चिनियां मोड़ स्थित वीर बाबा चौहरमल, महारानी अहिल्याबाई होलकर, भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर, बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर, रंका मोड़ स्थित इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। रंका मोड़ से खुली जीप में मेन रोड से रोड शो करते हुए सभी मां गढ़देवी मंदिर पहुंचे। वहां पूजा अर्चना करने के बाद मंझिआव मोड़ पर अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने स्वागत किया।

तत्पश्चात एक्सीलेंस ऑफ स्कूल रामासाहू के स्टेडियम में आयोजित मुख्यमंत्री मईयां सम्मान यात्रा कार्यक्रम में सभी शामिल हुए। रास्ते में कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी, नाई समाज, खेल संघ, पाल समाज, पासवान समाज, झामुमो महिला मोर्चा आदि संगठनों के लोगों ने भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिप अध्यक्ष शांति देवी, निवर्तमान नप अध्यक्ष पिंकी केशरी, अनिता दत्त, अराधना सिंह, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दुबे, जिलाध्यक्ष तनवीर आलम, सचिव मनोज ठाकुर, बीस सूत्री जिला उपाध्यक्ष नितेश सिंह, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रेखा चौबे, अनिता दत्त, राकेश पाल, चंदा देवी, गुप्तेश्वर ठाकुर, दशरथ ठाकुर, संजय ठाकुर, विजय ठाकुर, मनोज ठाकुर, घनश्याम ठाकुर, कंचन साहू, जितेंद्र सिंहा, संतोष केशरी, आशीष अग्रवाल, राजू ठाकुर, चंदन पासवान, नवीन तिवारी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
धनबाद के गोविंदपुरस्थित खुदिया नदी शमशान घाट के पास सड़क पर बना गोफ़
बरसात का पानी ,सड़क के गुणवत्ता की उड़ा रही है ,धज्जियां



धनबाद : गोविंदपुर शमशान घाट के सड़क पर बना पुलिया के पास बहुत बड़ा गोफ बन गया है। यह रास्ता शमशान घाट के साथ वनकाली मंदिर भी जाने का मार्ग है। इस रास्ते से दिन रात लोगों का आना जाना लगा हुआ रहता है।

गोफ बनने से कोई भी 4 चक्का वाहन नहीं जा सकता है या कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। आस पास के ग्रामीणों का कहना है लगातार हो रही बारिश की वजह से यह गोफ बना है। गोफ बनने के कारण अंतिम संस्कार के लिए आने जाने में लोगो की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सबसे बड़ी बात है की सड़क निर्माण कई बार हुआ है लेकिन बार बार यही समस्या देखने को मिलती है उच्चे स्थान में होने के बाद भी बरसात का पानी ,सड़क के गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाता नजर आ रहा, खुदिया नदी ,किसी भी  प्रतिनिधियों का ध्यान इस प्रकृति धरोहर के सौंदर्यकरण पर नही गया अभी तक के सौंदर्यकरण में समाजसेवी का ही हाथ रहा है, लोगो कहना है गोबिन्दपुर खुदिया नदी रोड मोहल्ला का विकाश में लोगो ने खुद सहयोग से विकसित बनाया है ।

सप्लाई पानी तक के लिए भी लोगो को संघर्ष करना पड़ रहा है, गोविंदपुर प्रतिनिधी सिर्फ चुनाव के समय दिखते हैं अन्य कार्यों के लिए अनुपस्थित  नजर आते हैं।
झारखंड में जितिया व्रत रखने वाली दो महिलाओं की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में कराया गया दाखिल

कोडरमा। पुत्र के दीर्घायु होने की कामना के साथ मनाये जाने वाला जितिया का व्रत संपन्न हो गया। झारखंड में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बुधवार को उपवास रखा था। इस दौरान सतगावां थाना क्षेत्र से महिलाओं के तबीयत बिगड़ने की खबर आयी।

जितिया पर्व के उपवास के दौरान कुछ महिलाओं की तबीयत बिगड़ गयी।  जानकारी के मुताबिक बुधवार की शाम को विमली देवी (40 वर्ष), पति कारण रविदास ढाब निवासी, और पूजा कुमारी (26 वर्ष), पिता सुबोध कुमार, की हालत बिगड़ गई। जानकारी के मुताबिक उपवास के चलते उनकी तबीयत खराब हो गयी, जिसके बाद परिजनों ने उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सतगावां पहुंचाया। जहां उनकी तबीयत स्थिर बतायी जा रही है।

क्या है इस व्रत का महत्व हर वर्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है। इस व्रत का महत्व बिहार, झारखंड, नेपाल, उत्तमर प्रदेश में अधिक माना गया है। महिलाएं इस खास दिन अपनी संतान के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत बेहद ही कठिन माना जाता है, क्योंकि व्रत पूरे 3 दिनों तक चलता है.

इस व्रत में जीमूतवाहन की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है. यह व्रत माताओं के लिए खास है, जो इस कठिन व्रत को रखकर ईश्वर से अपने बच्चों के लिए उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना करती हैं. उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं. माताएं इस दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं. यह व्रत मातृत्व के पवित्र बंधन को दर्शाता है।

क्या है दंत कथाएं

पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध के दौरान अश्वत्थामा पिता की मौत का समाचार सुनकर बेहद नाराज हो गए थे। वे मन में बदले की भावना लेकर पांडवों के शिविर में आ गए। शिविर में 5 लोग सो रहे थे, जिसे अश्वत्थामा ने पांडव समझकर मृत्यु लोक पहुंचा दिया था। मारे गए ये पांचों लोग द्रोपदी की संतान कही जाती हैं। इस घटना के बाद अर्जुन ने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उनकी दिव्य मणि छीन ली। जिससे क्रोधित होकर अश्वत्थामा ने गर्भ में पल रहे अभिमन्यु के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया।

इसके बाद भगवान कृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा की अजन्मी संतान को अपने सभी पुण्य का फल देकर गर्भ में ही जीवित कर दिया। गर्भ में पल रहे इस बच्चे को जीवित्पुत्रिका का नाम दिया गया। तभी से माताओं द्वारा बच्चे की लंबी उम्र और रक्षा की कामना के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की परंपरा आरंभ हुई।
हज़ारीबाग में एक नया खदान खुलने का रास्ता हुआ साफ,इस खदान से इस क्षेत्र में रोजगार खुलेंगे रोजगार के द्वार,राज्य को भी मिलेगा राजस्व


झारखंड डेस्क
झारखंड में एक और खदान खुलने का रास्ता साफ हो गया है. इससे रैयतों को मुआवजे में प्रति एकड़ 24,56,986 रुपये मिलेंगे. इस खदान के शुरु हो जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.

*इस परियोजना से झारखंड को होगा प्रतिवर्ष 500 करोड़  का  लाभ*

हज़ारीबाग में इस कोल परियोजना से जिले और राज्य को लगभग 500 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का राजस्व मिलने का अनुमान है. वहीं इस लाभ से प्रशासन अनेक लाभप्रद और कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू कर सकेगा. परियोजना से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए चंदौल गांव में 161.99 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

इसके लिए हजारीबाग समाहरणालय में रैयतों को मुआवजे के रूप में दी जाने वाली 478 करोड़ रुपए की राशि जमा कर दी गई है.

*जानिए इसके लिए कहाँ होगा भूमि अधिग्रहण*

झारखंड में 199 कोयला खदानें सालाना 15.6 करोड़ टन कोयला उत्पादित करती हैं. गोंदुलपारा परियोजना की प्रक्रिया के तहत बड़कागांव के बलोदर में 91.35 एकड़, गोंदुलपारा 285.715 एकड़, गाली में 175.45 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है.

लोगों को जमीन के बदले क्या मिलेगा ?

1.रैयतों को प्रति एकड़ भूमि के मुआवजा के रूप में 24,56,986 रूपये (गुणाक घटक-2, सांत्वना राशि 100 प्रतिशत एवं तीन वर्ष की ब्याज की राशि सहित) दिए जाएंगे.

2.भूमि पर स्थित परिसम्पतियों का भी मुआवजा मिलगा. इसके लिए राज्य सरकार का संबंधित विभाग उन सम्पत्तियों का मूल्यांकन करेगा, जिसके बाद उस राशि का दुगुना मुआवजा के रूप में दिया जाएगा.

3.विस्थापित परिवारों को तीन विकल्पों का लाभ मिलेगा, जिसके तहत वो कोई एक चुन सकते हैं.

*घर बनाने के लिए परिवार को मिलेंगे ये विकल्प*

विकल्प एक के तहत 10 लाख रुपए प्रति परिवार मिलेगा, जिससे वे खुद कहीं और निवास करने जा सकते हैं. नियमानुसार, प्रति परिवार में पति, पत्नी और उनके अवयस्क बच्चे शामिल होंगे. इसके अलावा परिवार में अगर 18 साल से ऊपर विवाहित या अविवाहित व्यक्ति हैं, तो उन्हें एक परिवार के रूप में माना जाएगा. दूसरे विकल्प के तहत पुनर्वास कॉलोनी में बना बनाया नया मकान दिया जाएगा और तीसरे विकल्प के तहत पुनर्वास कॉलोनी में जमीन का एक प्लॉट दिया जाएगा और पुनर्वास कॉलोनी में मकान के बदले सात लाख रुपए दिए जाएंगे।

*रोजगार के खुलेंगे द्वार*

इस कोयला खदान से विस्थापित होने वाले परिवारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करावाए जाएंगे. प्रभावित परिवार अपनी प्राथमिकता के अनुसार रोजगार, मुआवजा और प्रति महीने भुगतान में से एक को चुन सकते हैं. प्रभावित परिवारों और प्रशासन के साथ परामर्श कर नियमानुसार तय किए हुए मुआवजे की रूपरेखा प्रभावित परिवार के एक सदस्य को समुचित प्रशिक्षण और कौशल विकास करने के बाद उनकी योग्यता एवं कम्पनी की आवश्यकता अनुसार नौकरी का प्रावधान है. इसके बदले प्रभावित परिवार एक मुश्त पांच लाख रूपये ले सकते हैं या फिर 20 वर्षों तक दो हजार रूपये प्रतिमाह भुगतान का चयन कर सकते हैं.

जीवन-यापन समेत अन्य कार्यों के लिए भी मिलेंगे रुपए
विस्थापित कुटुंबों (रैयत) को एक वर्ष की अवधि तक जीवन यापन के लिए अनुदान के रूप में हर महीने तीन हजार रुपए मिलेंगे.
विस्थापन के दौरान पुनर्वास भत्ते के रूप में 50 हजार रुपए, परिवहन खर्च के तहत 50 हजार रुपए और पशुबाड़ा के लिए भी अलग से 35 हजार रुपए (यानि 1,45,000 रुपए) प्रति परिवार दिया जाएगा.

कारीगरों, छोटे व्यापारियों, छोटी दुकान या स्वनियोजित व्यक्ति के प्रत्येक प्रभावित परिवार को पच्चीस हजार रूपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता मिलेगी.

प्रभावित परिवारों को आवंटित जमीन या मकान के निबंधन के लिए स्टांप शुल्क और अन्य शुल्क खननकर्ता की ओर से दिए जाएंगे और आवंटित मकान के लिए भूमि पर कर नहीं लगेगा। यह उल्लेखनीय है कि जमीन या मकान पत्नी और पति दोनों के संयुक्त नाम में हो सकेगा.
हेमंत सोरेन चुनाव से पहले किया बड़ा घोषणा,मंईयां सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर 2000 करने की बात कही*

रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा एलान कर दिया है। राज्य में 18 से 50 साल तक की महिलाओं के लिए शुरू की गई झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर 2000 करने की बात कर दी है। हेमंत सोरेन की सरकार ने कहा है कि वह मंईयां सम्मान योजना की राशि को डबल कर देगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश के मुखिया ने ‘आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी दलों के नेता कहते हैं कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की है। हेमंत सोरेन ने कहा कि खुद तो ये लोग कुछ करते नहीं, जब हम महिलाओं को सम्मान देना चाहते हैं, तो हम पर आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से कहा है कि हमारा बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये दो।
हेमंत सरकार पर चम्पाई सोरेन का आरोप, प्रोटोकॉल और नियमों को ताक पर रखकर सरकार ने उसकी सुरक्षा को वापस ले लिया*

झारखंड डेस्क झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अब बीजेपी के सिपाही की भूमिका निभा रहे है. चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी पूरी राजनीतिक जिंदगी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नाम कर दिया लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उनके सम्मान का कभी कद्र नहीं किया . चंपई सोरेन ने हेमंत सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि l राज्य सरकार ने सभी नियमों और प्रोटोकॉल को ताक पर रखते हुए उनकी सुरक्षा में लगे वाहन को वापस बुला लिया है. उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक पूर्व सीएम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
झारखंड में रेल हादसा, ट्रेन 2 हिस्सों में बंटी, वंदे भारत एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनें प्रभावित*

धनबाद रेल मंडल के तुपकाडीह में रेल हादसा हुआ है। कहा जा रहा है कि स्टील प्लांट से इस्पात लेकर मालगाड़ी बहादुरगढ़ जा रही थी। इस दौरान तुपकाडीह रेलवे स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह घटना तुपकाडीह रेलवे स्टेशन के उतरी केबिन के पास हुई है। हादसे में मालगाड़ी के दो डिब्बे पलट गए और शेष वैगन का संपर्क इंजन से कट गया। इस दुर्घटना के कारण बोकारो रेल खंड पर अप और डाउन दोनों ही लाइन बाधित हो गई थी। हादसे के कारण करीब पांच घंटे तक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ, रात्रि लगभग 1 बजे से परिचालन सामान्य हो गया। धनबाद रेल मंडल के बोकारो गोमो रेल खंड इस हादसे के कारण प्रभावित हुआ और वाराणसी वंदे भारत सहित कई गाड़ियां रांची से बोकारो व बोकारो से धनबाद के बीच अलग-अलग स्टेशनों पर रुकी रहीं। क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक विनीत कुमार ने बताया कि बोकारो से बहादुरगढ़ जाने वाली मालगाड़ी रात्रि 20:32 पर तुपकाडीह से रवाना हुई और किलोमीटर संख्या 412/30 के पास दो हिस्सों में बंट गई और बैगन संख्या 15852 और 10948 पलट गए। जिससे डाउन लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए रेलवे अधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि मालगाड़ी के डिरेल होने के कारण इस रूट पर परिचालन प्रभावित हुआ है। ट्रेन संख्या 28893 और 18626 को री शेड्यूल किया गया है। वहीं ट्रेन संख्या 13303 धनबाद से डायवर्ट किया गया है।
राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद ने जीता सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का पद , एक वोट से इन्हें दी मात, पढ़िए पूरी खबर...?*

झा. डेस्क सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद के चुनाव में राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद ने बाजी मारी जीत के बाद सांसद सरफराज ने कहा कि सभी सदस्यों को साथ लेकर चलना मेरी पहली प्राथमिकता होगी. क्योंकि अकेले से यह काम नहीं होनेवाला है. इसमें सभी सदस्यों के सहयोग व उनकी सहभागिता की जरूरत है. राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गये. उन्होंने इस पद के लिए हुए मतदान में एक मात्र वोट से सामाजिक कार्यकर्ता इबरार अहमद को हराया. मालूम हो कि सुन्नी वक्फ बोर्ड की बुधवार को हज हाउस परिसर स्थित सभागार में मतदान व मतगणना कराया गया था. कल्याण विभाग के विशेष सचिव सुधीर बाड़ा ने विजयी प्रत्याशी के नाम की घोषणा की.वे वक्फ बोर्ड के दूसरे अध्यक्ष बने है. लगभग 11 सालों से इस बोर्ड का गठन नहीं हो पाया था. वर्ष 2008 से 2013 तक हाजी फहीम इसके अध्यक्ष थे. सरकार जल्द जारी करेगी अधिसूचना अहमद के अध्यक्ष बनने की अधिसूचना सरकार की ओर से जल्द जारी कर दी जायेगी. विभागीय अधिकारी ने कहा कि सप्ताह दिनों के अंदर इसे जारी कर दिया जायेगा. उधर श्री अहमद ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के कुछ ही दिनों के बाद कमेटी के सदस्यों की बैठक होगी. जिसमें आगे की रूपरेखा तय की जायेगी. सभी को साथ लेकर चलना मेरी पहली प्राथमिकता होगी सरफराज अहमद ने कहा कि सभी सदस्यों को साथ लेकर चलना मेरी पहली प्राथमिकता होगी. क्योंकि अकेले से यह काम नहीं होनेवाला है. इसमें सभी सदस्यों के सहयोग व उनकी सहभागिता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा सांसद होने के बावजूद अधिकतर समय अपने क्षेत्र में गुजारता हूं. इसलिए दोहरी जिम्मेवारी मिलने के बाद भी इस पद के साथ न्याय करूंगा. उन्होंने कहा कि शुरू से हमारी कार्यशैली अलग रही है. वक्फ की संपत्ति को सूचीबद्ध करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी. इसके लिए बिहार से बहुत सारे कागजात को भी मंगाना है. इसके अलावा कार्यालय को व्यवस्थित करने से लेकर वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा करने से लेकर अन्य कार्य किया जाना है. कमेटी में कौन -कौन से सदस्य है पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी, सामाजिक कार्यकर्ता इबरार अहमद, मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी, आंदोलनकारी सदस्य फैजी, बार काउंसिल के सदस्य कलाम रशीदी, शकील अख्तर, सरकार के संयुक्त सचिव आसिफ हसन व महबूब आलम.
निर्धारित समय पर 17500 जमा नहीं कर पाने के कारण IIT -ISM में नामांकन से एक दलित छात्र रह गया वंचित, जाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट, सहयोग का मिला आश्वास

* झारखंड डेस्क मुजफ्फरनगर जिले निवासी एक दलित छात्र अतुल को पैसों की कमी के कारण धनबाद आईआईटी की सीट गंवा बैठा.वह निर्धारित समय पर 17500/रूपये जमा नहीं कर पाया जिसके कारण उसे एडमिशन देने से संस्थान इंकार कर दिया. इसके बाद अतुल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने मदद का आश्वासन दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी मेहनत से अपने अंतिम प्रयास में आइआइटी की परीक्षा उत्तीर्ण करनेवाले गरीब दलित युवक अतुल कुमार(18) को मदद का आश्वासन दिया है. अतुल आइआइटी, धनबाद में अंतिम तिथि तक “17,500 फीस जमा नहीं करा पाया और सीट गवां दी. सीजेआइ डीवाइ चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को अतुल के वकील से कहा कि हम आपकी यथासंभव मदद करेंगे. हालांकि पीठ ने पूछा कि आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे? शुल्क जमा करने की निर्धारित समय सीमा 24 जून को समाप्त हो गयी है. अतुल के माता-पिता सीट पक्की करने के लिए “17,500 की फीस 24 जून तक जमा करने में विफल रहे थे. *अतुल के पिता हैं दिहाड़ी मजदूर* अतुल के वकील ने पीठ को बताया कि उसने अपने दूसरे और अंतिम प्रयास में जेइइ एडवांस्ड पास कर लिया है और अगर शीर्ष अदालत उसकी मदद नहीं करती है, तो वह परीक्षा में फिर से शामिल नहीं हो पायेगा. वकील ने युवक के परिवार की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि वह (अतुल) एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा है और यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के टिटोरा गांव में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले (बीपीएल) परिवार से है. सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस वकील ने दलील दी कि आइआइटी, धनबाद में सीट आवंटित होने के महज चार दिन बाद यानी 24 जून की शाम पांच बजे तक 17,500 रुपये का इंतजाम करना छात्र के लिए बहुत मुश्किल काम था. पीठ ने दलीलें सुनने के बाद इस वर्ष की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाले आइआइटी, मद्रास के संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण को नोटिस जारी किया. अतुल खटखटा चुका है झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का दरवाजा अतुल ने झारखंड के एक केंद्र से जेइइ की परीक्षा दी थी, इसलिए युवक ने झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का रुख किया. प्राधिकरण ने उसे मद्रास हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का सुझाव दिया, क्योंकि परीक्षा आइआइटी, मद्रास ने आयोजित की थी. हाइकोर्ट ने उसे शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा. उसके माता-पिता ने सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति का भी दरवाजा खटखटाया था. पर आयोग ने भी उसकी मदद करने में असमर्थता जतायी.