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पितृपक्ष में चावल से पिंडदान का महत्व: आखिर क्यों चावल से ही बनाता है पिंड?

पितृ पक्ष 2024 चल रहा है. सोमवार 23 सितंबर को छठवें दिन का श्राद्ध है. इसे षष्ठी का श्राद्ध भी कहते हैं. इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन हिंदू पंचांग की षष्ठी तिथि को हुआ हो.

श्राद्ध को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है. ये 16 दिन की अवधि होती है जिसमें हर दिन के हिसाब से श्राद्ध के नियम होते हैं. पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान होता है. इसे विधि पूर्वक किया जाता है और हर एक बारीक बातों का भी ध्यान रखा जाता है. जैसे कि हमेशा कुशा के साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है. वहीं पिंडदान में जो पिंड बनाए जाते हैं वो चावल के ही बनाए जाते हैं. क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है?

चावल से क्यों बनता है पिंड

चावल से पिंड दान करने के पीछे की वजह है इसके गुण. चावल की तासीर ठंडी होती है और इसके गुणों की सक्रियता भी लंबे समय तक रहती है. पूर्वजों को शीतलता मिले और लंबे समय तक उनके मन में आत्म संतुष्टि का भाव रहे, इसलिए चावल से पिंड बनाए जाते हैं. चावल का सीधा संबंध चंद्रमा से है.

इससे जोड़ते हुए भी इसे देखा जा सकता है. दरअसल चंद्रमा के माध्यम से ही पिंड, पितरों तक पहुंचता है. इसलिए पिंड बनाने के लिए चावल को श्रेष्ठ माना जाता है. चावल के अलावा जौ से या फिर काले तिल से भी पिंड बनाया जाता है.

कुशा से ही क्यों किया जाता है तर्पण

तर्पण के वक्त कुशा धारण करने के कई दृष्टिकोण और मान्यताए हैं. मान्यताओं की मानें तो समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें कुशा पर गिर गई थी. इससे कुशा हमेशा के लिए अमर हो गई. ये कभी भी नष्ट नहीं होती है.

ये सूखती है और फिर से उग जाती है. वहीं जब इंसान शरीर त्याग देता है तो आत्मा के पास तर्पण ग्रहण करने का माध्यम नहीं होता है. इसलिए कुशा से तर्पण करने पर जल, पितरों तक पहुंच जाता है और वे इसे आसानी से ग्रहण कर लेते हैं. कुछ लोग कुशा हाथ में लेते हैं तो कुछ इसकी अंगूठी बनाकर पहनते हैं.

वहीं इसे अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भी कई फायदे हैं. कुशा एक ऐसी पवित्र घास है जिसकी तासीर शीतल होती है. ऐसे में इसे धारण कर के पितरों का पिंडदान और तर्पण करने से पितरों तक शीतलता पहुंचती है और पूर्वज खुशी-खुशी इसे ग्रहण करते हैं.

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने संभाला कार्यभार, अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सीएम पद की कमान संभाल ली है. सीएम आतिशी आज पहली बार दिल्ली सचिवालय पहुंची, लेकिन सीएम आतिशी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठीं. सीएम आतिशी सचिवालय अपनी एक कुर्सी लेकर पहुंची और वो उसी कुर्सी पर बैठीं जोकि सफेद रंग की है. उनकी कुर्सी के साथ ही दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की लाल रंग की कुर्सी रखी हुई है.

सीएम आतिशी ने कहा, आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला लिया है. आज मेरे मन की वैसी ही व्यथा है जोकि भरत जी की थी, जिस तरह से भरत जी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर काम किया वैसे ही मैं अगले 4 महीने मुख्यमंत्री का पद संभालूंगी.

यह कुर्सी केजरीवाल जी की है”

सीएम आतिशी ने कहा, पिछले 2 साल से बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी, 6 महीने के लिए उन्हें जेल में डाला. कोर्ट ने भी कहा कि अरविंद केजरीवाल को एजेंसी ने दुर्भावना से गिरफ्तार किया. आतिशी ने आगे कहा, यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल जी की है, मुझे भरोसा है कि फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल जी को जीताकर फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी. तब तक अरविंद केजरीवाल जी की ये कुर्सी यहीं रहेगी.

आतिशी ने आगे कहा, अपने भरोसे के साथ विश्वास के साथ हम एक बार फिर से अरविंद केजीरवाल जी को इस कुर्सी पर बैठाएंगे और तब तक यह कुर्सी इसी कमरे में रहेगी.

केजरीवाल की हरियाणा में हुंकार: आम आदमी पार्टी के संयोजक का रोड शो और जनसभा से मतदाताओं को आकर्षित करने की रणनीति

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय बाकी है. इस बार कहा जा रहा है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकती है. दूसरी ओर बीजेपी भी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है. वहीं आम आदमी पार्टी ने भी हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी भी टक्कर में हैं. इसी बीच आप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हुंकार भरने के लिए आज से हरियाणा के तीन दिवसीय दौरे पर हैं.

अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद हरियाणा दौरे पर गए हैं, जहां वह रोड शो करेंगे. इसके साथ ही वह हरियाणा में जनसभा भी करेंगे. केजरीवाल हरियाणा की डबाली और रानिया विधानसभा सीट से रोड शो करेंगे. इसके अलावा वह मेहम और भिवानी में जनसभा को संबोधित करेंगे. रविवार को केजरीवाल ने दिल्ली के जंतर-मंतर में ‘जनता की अदालत’ लगाई थी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पहली बार जनता को संबोधित किया था.

तिहाड़ से जेल से आए बाहर

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और दिल्ली की जिम्मेदारी उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपी दी है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल फिलहाल किसी भी पद की जिम्मेदारी से फ्री हैं, तो वह हरियाणा में वोट बैंक साधने की कोशिश में लग गए हैं. केजरीवाल हाल ही में 5 से 6 महीने की जेल काटने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे, जिसके तुरंत बाद उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया था और दो दिन बाद इस्तीफा दे दिया था.

कौन मारेगा बाजी?

हरियाणा में एक ही चरण में 5 अक्टूबर को सभी सीटों पर मतदान होंगे, जिसके बाद नतीजे 8 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे. ऐसे में देखना होगा कि क्या वाकई कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है या फिर इस बार भी सत्ता पर काबिज बीजेपी ही बाजी मार जाती है और नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बनते हैं, या तीसरी पार्टी यानी आम आदमी पार्टी की किस्मत यहां से चमक जाती है.

तिरुपति मंदिर प्रसाद मिलावट मामला: मंदिर के शुद्धिकरण के लिए महाशांति यज्ञ और पंचगव्य अनुष्ठान का आयोजन

तिरुपति मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू में जानवर की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का मामला बढ़ता ही जा रहा है, जहां अब इसको लेकर एक अहम कदम उठाया गया है. चल रहे विवाद के बीच मंदिर के शुद्धिकरण का फैसला लिया गया है. शुद्धिकरण के लिए मंदिर में अनुष्ठान किया जा रहा है. मंदिर का पंचगव्य से शुद्धिकरण हो रहा है. यह अनुष्ठान तिरुपति देवस्थानम ने प्रायश्चित के लिए शुरू किया है. अनुष्ठान का उद्देश्य गलती सुधारना और मंदिर की पवित्रता बनाए रखना है.

अनुष्ठान के लिए महाशांति यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. तिरुपति मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान पंचगव्य यानी पांच पवित्र वस्तुओं से पूरी जगह का शुद्धिकरण किया जा रहा है. पंचगव्य में गाय का दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर शामिल हैं. इसके बाद लड्डू पोटू यानी लड्डू बनाने वाली रसोई और अन्नप्रसादम पोटू यानी प्रसाद बनाने वाली रसोई में शुद्धिकरण किया जाएगा.

8 पुजारी, 3 आगम सलाहकार

शुद्धिकरण के दौरान 11 खास लोग मौजूद होंगे. पूरे तिरुमला मंदिर परिसर का पंचगव्य से शुद्धिकरण करने के लिए 8 पुजारी और 3 आगम सलाहकार शामिल होंगे. इसके लिए अनुष्ठान का समय सुबह 6:00 बजे शुरू हुआ और 10 बजे तक चलेगा, इसके लिए भरपूर तैयारी की गईं. तिरुपति तिरुमला लड्डू विवाद के बाद यह कदम उठाया गया है.

क्या है मामला?

दरअसल हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवर की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की बात सामने आई थी, जिसको लेकर महंत धीरेंद्र शास्त्री से लेकर कई लोगों ने इसके खिलाफ गुस्सा जाहिर कर कार्रवाई की मांग की थी. इस मामले को लेकर खुद आंध्र-प्रदेश के सीएम ने भी बयान जारी कर कहा था कि करोड़ों भक्तों की भावनाओं, परंपराओं और धार्मिक प्रथाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. दोषी कर्माचारियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया गया है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

कटिहार के स्कूल में टीचर ने दलित छात्र को बेरहमी से पीटा, बस इतना सा था मासूम का गुनाह,पुलिस में शिकायत दर्ज


बिहार के कटिहार से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मामला कटिहार जिले के एक स्कूल है. प्राइवेट स्कूल में डायरेक्टर और टीचर ने एक छात्र को बांध कर बेरहमी से पिटाई कर दी. वहीं मामले की जानकारी हुई तो लोग हैरान रह गए, लोग कहने लगे क्या कोई ऐसा भी करता है? दरअसल, एक दलित छात्र डायरेक्टर के बेड पर सो गया था. छात्र को अपने बेड पर सोता देख डायरेक्टर आग बबूला हो गए. डायरेक्टर ने टीचरों से बच्चे की बेरहमी से पिटाई करवाई. छात्र के पिता ने घटना के बारे में जानकारी होने के बाद स्कूल के डायरेक्टर और टीचरों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है.

कटिहार जिले के पोठिया थाना क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल में एक दलित छात्र की स्कूल के डायरेक्टर और टीचर ने इस पर पिटाई कर दी कि बच्चा नीचे सोने के बजाय डायरेक्टर के बेड पर सो गया. दलित छात्र को अपने बेड पर सोता देख डायरेक्टर आग बबूला होकर पहले अपने बेड का चादर हटवाया. उसके बाद टीचर की मदद से खिड़की में बच्चे को बांधकर पिटाई कर दी. बच्चें के शरीर का कोई अंग ऐसा नहीं है जिसमें पिटाई के निशान न हो. बच्चें की उम्र 8 वर्ष है, वह एलकेजी का छात्र है.

घर पर भाई ने दी जानकारी

घटना को लेकर बच्चें के पिता मुकेश कुमार मल्लिक ने कहा कि अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए ब्राइट फ्यूचर इंटरनेशनल स्कूल, पोठिया बाजार में दाखिला कराया था. बच्चा हॉस्टल में ही रहकर पढ़ाई करता था. उन्होंने बताया कि दूसरे दिन जब उनका बड़ा बेटा स्कूल पढ़ने गया तो बच्चे की पिटाई की बात पता चली. स्कूल जाकर देखा तो बच्चे के पूरे शरीर में चोट के निशान थे और बच्चा रो रहा था. जिसके बाद उसे इलाज के लिए फलका समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.

परिजनों को मिल रही धमकी

बच्चे के पिता ने बताया कि स्कूल के डायरेक्टर रोहित सिंघानिया और शिक्षक संतोष कुमार उसके बच्चे को नीचे सोने देते थे और अन्य बच्चों से अलग बैठाकर खाना खिलाया जाता था. उन्होंने बताया कि यहां तक कि उसका बर्तन भी अलग कर दिया गया था. जब दोनों से बच्चे को पीटने के बारे में बात की गई तो कोई जवाब नहीं दिया. बच्चे के पिता ने बताया कि स्कूल संचालक दबंग है, अब उसे चुप रहने की धमकी दे रहा हैं.

पिता ने पुलिस से की शिकायत

वहीं घटना की जानकारी मिलने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम दहिम प्रसाद ने कहा कि बच्चे के परिजन से बात की गई है और स्कूली बच्चों से भी पूछताछ की गई हैं. प्रथम दृष्टया में बच्चें के साथ ज्यादती की बात आई हैं. स्कूल को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. हॉस्टल के संचालन के लिए सरकार के नियम का पालन नहीं किया गया हैं.

उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर जांच कर सीनियर अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दी गई है. वहीं बच्चें की पिटाई के बाद उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पोठिया थानाध्यक्ष विवेक कुमार ने कहा कि बच्चे के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है.

पूरे मामले पर स्कूल के डायरेक्टर रोहित सिंघानिया का कहना है कि बच्चा खेल रहा था और बदमाशी कर रहा था, इसलिए वार्डन ने उसकी थोड़ी पिटाई कर दी है.

पंजाब में कैबिनेट फेरबदल: भगवंत मान सरकार में नए चेहरों की एंट्री, पुराने मंत्रियों को मिल सकती है छुट्टी

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली कैबिनेट में सोमवार को कई बड़े बदलाव होने की संभावना है. सोमवार शाम 5 बजे चंडीगढ़ स्थित पंजाब राज भवन में कैबिनेट विस्तार की संभावना है. कैबिनेट में कुछ नये चेहरों की एंट्री के साथ ही कुछ पुराने मंत्रियों को कैबिनेट से आउट किया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक मौजूदा कैबिनेट में 4 मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है. बता दें कि काफी समय से चर्चा थी कि पंजाब कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है.

कुछ समय पहले हुए लोकसभा चुनाव में बरनाला के विधायक गुरमीत सिंह मीथैर सांसद बन गए हैं. उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. वह सरकार में खेल मंत्री समेत कई पदों पर रहे है. ऐसे में अब उनकी जगह किसी नए चेहरे को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.

इन मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी

सूत्रों के मुताबिक, जिन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है उनमें सबसे पहला नाम ब्रह्म शंकर जिम्पा का है. वर्तमान में वह सरकार में राजस्व, आपदा प्रबंधन और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग देख रहे हैं. दूसरा नाम गगन अनमोल मान का है, जो खरड़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वर्तमान में वह श्रम एवं पर्यटन विभाग के मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

सूत्रों के मुताबिक तीसरा नाम कैबिनेट मंत्री बलकार सिंह का है. वह जालंधर जिले की करतारपुर सीट से विधायक हैं. फिलहाल वह भगवंत मान सरकार में स्थानीय निकाय और संसदीय कार्य विभाग देख रहे हैं. चौथा नाम चेतन सिंह जोड़ामाजरा का है, जो कि पटियाला जिले के समाना निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा सदस्य हैं. वह वर्तमान में बागवानी, रक्षा सेवा कल्याण, स्वतंत्रता सेनानी कल्याण, सूचना और सार्वजनिक सुधार मंत्री के रूप में कार्यरत थे.

मंत्रिमंडल में इन नए चेहरों की होगी एंट्री

सूत्रों के मुताबिक कल शाम 5 बजे नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. जिन विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. इनमें दविंदरजीत सिंह लाडी धोस, बरिंदर गोयल, तरनप्रीत सिंह सोंध, जीवनजोत कौर, हरदीप सिंह मुंडियां के नाम शामिल हैं.

दविंदर सिंह लाडी धौंस मोगा जिले के बाघापुराना निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा सदस्य हैं, जबकि बरिंदर कुमार गोयल मुख्यमंत्री भगवंत मान के अपने जिले संगरूर के लहरागागा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं. तरणप्रीत सिंह सौंध लुधियाना की खन्ना सीट से विधायक हैं.

जीवनजोत कौर अमृतसर पूर्व से आम आदमी पार्टी की विधायक हैं, जबकि पांचवां नाम हरदीप सिंह मुंडिया का है. वह लुधियाना की सानेवाल सीट से विधायक हैं.

पहली बार निर्वाचित विधायक बनेंगे मंत्री!

सूत्रों के मुताबिक इस फेरबदल में खास बात ये है कि मुख्यमंत्री मान जिन चेहरों को कैबिनेट में शामिल करने जा रहे हैं. इनमें सभी विधायक पहली बार विधानसभा के सदस्य बने हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी के टिकट पर दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे कुछ विधायकों को अभी भी मौका मिलता नजर नहीं आ रहा है.

गरीब रथ एक्सप्रेस में यात्रियों को मिला बड़ा झटका: एसी कोच में निकला 5 फीट लंबा जहरीला सांप, जानें पूरी खबर

जरा सोचिए कि अगर आप एसी कोच में आरामदायक सफर कर रहे हैं और इसी दौरान आपकी बर्थ में एक सर्प निकल आए. सुनकर ही रुह कांप जाती है लेकिन यह हुआ है. जबलपुर से चलकर मुंबई की ओर जाने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन के ऐसी कोच में अचानक एक जहरीला सांप ट्रेन की बर्थ पर लहराने लगा. फिर क्या था पूरे कोच में हड़कंप मच गया और यात्री चीखने और चिल्लाने लगे. जब सांप पर पहली बार यात्रियों की नजर पड़ी, तब ट्रेन कसारा रेलवे स्टेशन के पास थी. यात्रियों ने तत्परता दिखाते हुए इस दृश्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया और इसका वीडियो बनाकर सोसश मीडिया में वायरल कर दिया.

जानकारी के अनुसार जबलपुर से चलकर मुंबई जाने वाली 12187 गरीब रथ एक्सप्रेस शाम को 7:50 मिनिट पर जबलपुर के मुख्य स्टेशन से मुम्बई के लिए निकली थी. लेकिन जैसे ही ट्रेन भुसावल और कसारा स्टेशन के बीच पहुंची तभी करीब 5 फीट लंबा सांप कोच नंबर G3 में साइड बर्थ क्रमांक 23 के पास लटकता हुआ दिखाई दिया. कोच में मौजूद सांप सीटों के नीचे कहीं छिपा हुआ था, जिससे यात्रियों को पहले उसका पता नहीं चल सका. जैसे ही एक यात्री ने सांप को देखा. उसने तुरंत अपने सहयात्रियों को इसकी जानकारी दी, जिससे कोच में हड़कंप मच गया. यात्रियों में भय का माहौल बन गया, और उन्होंने जल्द से जल्द ट्रेन स्टाफ को इस घटना की सूचना दी.

ट्रेन में सांप दिखने से मचा हड़कंप

गरीब रथ एक्सप्रेस में इस प्रकार की अप्रत्याशित घटना से यात्रियों में चिंता बढ़ गई. हालांकि, ऐसी घटनाएं भारतीय रेल में बहुत कम होती हैं, लेकिन जब भी ऐसी स्थिति बनती है तो यात्रियों की सुरक्षा और सतर्कता की चुनौती सामने आती है. यात्रियों द्वारा सांप को देखने के बाद ट्रेन को कुछ समय के लिए रोका गया और रेलवे के कर्मचारियों को सूचित किया गया. ट्रेन के स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रित किया और यात्रियों को सुरक्षित रखने के प्रयास किए.

अधिकारियों ने दिए जांच के आदेश

वहीं पूरे मामले को लेकर रेलवे विभाग की ओर से इस घटना पर प्रतिक्रिया भी आई है. पश्चिम मध्य रेल जोन के सीपीआरओ हर्षित श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह की घटना जानकारी में आई है जिसकी जांच कराई जाएगी. फिलहाल, यह घटना कसारा रेलवे स्टेशन के पास की है. इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा कि ऐसे हादसे दुर्लभ होते हैं, लेकिन फिर भी रेलवे इन घटनाओं को गंभीरता से लिया है. रेलवे की ओर से कोचों की नियमित जांच और सफाई की व्यवस्था की जाती है. इसके बावजूद, इस तरह की स्थिति यात्रियों की सतर्कता को दर्शाती है और इस बात पर बल देती है कि किसी भी अप्रत्याशित घटना के प्रति सजग रहना जरूरी है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

घटना के बाद यात्रियों ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर किया. वीडियो में सांप साइड बर्थ में लटकता हुए दिखाई दे रहा है और यात्री सांप को देख डरे हुए नजर आ रहे हैं. अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ट्रेन में सांप कैसे आया. यात्रियों की त्वरित प्रतिक्रिया और सतर्कता के चलते कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

वॉट्सऐप पर कोई आपकी चैट देख-सुन रहा है? जानें आसान तरीके से इसकी पहचान कैसे करें और सुरक्षित रखें अपनी बातचीत

WhatsApp का यूज आज के समय में सभी लोग कर रहे हैं. किसी को मैसेज करना हो या फिर कोई डॉक्यूमेंट, वीडियो या फोटो शेयर करना हो. इन सभी के लिए अक्सर मोबाइल यूजर्स वॉट्सऐप का यूज करते हैं. इसी वजह से वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा यूजर्स के लिए समय-समय पर प्राइवेसी फीचर्स लाती रहती है.

कई बार वॉट्सऐप यूजर्स को लगता है कि कोई उनके मैसेज को कोई देख सुन रहा है. अगर आपको भी ऐसा लगता है तो आपको यहां हम कुछ ट्रिक बता रहे हैं, जिसके बाद आसानी से पता लगाया जा सकता है कि कोई आपके मैसेज देख सुन तो नहीं रहा.

नोटिफिकेशन की साउंड

अगर आपके मोबाइल पर नोटिफिकेशन का साउंड तो आता है, लेकिन वॉट्सऐप का अचानक गायब हो जाता है. तो आपको समझ लेना चाहिए कि आपकी चैट का कोई सुन-देख रहा है. इससे अलावा भी कई और तरीके हैं, जिससे आप पता कर सकते हैं कि आपकी चैट को कोई देख-सुन रहा है.

बचने का आसान तरीका

वॉट्सऐप पर अगर कोई आपकी चैट देख-सुन रहा है और आप इसके लिए कंफर्म है तो आपको सबसे पहले अपने वॉट्सऐप की सेटिंग में जाकर वेब वर्जन पर क्लिक करना चाहिए. इसके बाद आपको सभी से लॉग आउट कर देना चाहिए.

फेक ऐप की पहचान और डिलीट

स्मार्टफोन यूजर्स को सबसे पहले अपने मोबाइल में मौजूद फेक ऐप की पहचान करनी चाहिए. जब एक बार गैर जरूरी और फेक ऐप की पहचान हो जाए तो आपको इन्हें अनइनस्टॉल कर देना चाहिए. ऐसा करने से थर्ड पार्टी ऐप की मदद से जो जासूसी की संभावना होती है. वह एकदम खत्म हो जाती है.

तिरुपति लड्डू विवाद: पवन कल्याण ने भगवान से माफी मांगने के लिए शुरू की प्रायश्चित दीक्षा, 11 दिनों तक रखेंगे उपवास

आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने तिरुमाला के लड्डू प्रसादम में कथित मिलावट को लेकर गुंटूर में श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 11 दिवसीय ‘प्रायश्चित दीक्षा’ शुरू कर दी है. प्रायश्चित दीक्षा लेने के बाद पवन कल्याण ने कहा कि हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा के केंद्र श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में मिलावट के प्रयासों की घटना से मैं व्यक्तिगत तौर पर बहुत आहत हूं और सच बताऊं तो अंदर से छला हुआ महसूस कर रहा हूं.

उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल मैं भगवान से माफी मांगने की कोशिश कर रहा हूं और 11 दिन का उपवास करने का संकल्प ले रहा हूं. 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा आखिरी में मैं 1 या दो अक्टूबर को तिरुपति जाकर भगवान के साक्षात दर्शन कर क्षमा प्रार्थना करूंगा और फिर प्रभु के सामने मेरी प्रायश्चित दीक्षा पूरी होगी. इससे पहले सोशल मीडिया पर जनसेना पार्टी के प्रमुख कल्याण ने हैरानी जताई थी कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कर्मचारी और बोर्ड के सदस्य कैसे अनजान रह सकते हैं.

पवन कल्याण बोले- घटना से काफी व्यथित हूं

इससे पहले शुक्रवार को डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहा था कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी पाए जाने की बाद से में काफी व्यथित हूं. उन्होंने कहा था कि मेरा सुझाव है कि मंदिरों से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए एक सनातन राष्ट्रीय बोर्ड गठित किया जाए.

इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा. लड्डुओं के बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया. तब कल्याण ने कहा था कि पिछली सरकार की ओर से गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे.

सनातन धर्म बोर्ड गठित करने की कर चुके हैं वकालत

डिप्टी सीएम ने सनातन धर्म रक्षण बोर्ड गठित करने की वकालत करते हुए कहा था कि इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, नागरिकों और संबंधित क्षेत्रों के अन्य लोगों के बीच में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार लड्डुओं में मिलावट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है

एक साथ खड़े होने की अपील

इसके साथ-साथ उन्होंने सनातन धर्म को किसी भी रूप में अपवित्र करने की घटना पर पूर्ण विराम लगाने के लिए एक साथ खड़े होने की अपील भी की. मंदिर के प्रसाद में मिलाटव के बाद से देश में सियासी तूफान आया हुआ है. सत्तापक्ष के साथ-साथ कई विपक्षी पार्टियों ने भी इस पर चिंता जता चुकी है और इसे लाखों की भावनाओं से खिलवाड़ करार दिया है.

शरद पवार ने की घोषणा, महाविकास आघाड़ी की सीट शेयरिंग 10 दिन में होगी पूरी

महाराष्ट्र में नवंबर के महीने तक विधान सभा चुनाव हो सकते हैं, इसी के चलते राज्य में चुनाव की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा, विधानसभा चुनाव के चलते महाविकास आघाड़ी की सीट शेयरिंग 10 दिन में पूरी हो सकती है.

शरद पवार ने चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, महाराष्ट्र में तीन दल (उद्धव गुट की शिव सेना, शरद पवार गुट की एनसीपी और कांग्रेस)एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा और किस पार्टी के हिस्से में कितनी सीटें आएंगी इसको लेकर दलों के बीच बातचीत की प्रक्रिया जारी है.

10 दिन में होगी सीट शेयरिंग डन

शरद पवार ने कहा, तीनों दलों के नेता बैठकर सीट शेयरिंग पर बातचीत कर रहे हैं और सीट शेयरिंग की डील को डन करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं. शरद पवार ने कहा, अगले 10 दिन में तीनों दलों के बीच सीट शेयरिंग की डील पूरी हो जाएगी और उसके बाद पता लग जाएगा कि किस दल के खाते में कौन सी और कितनी सीटें आई. इसी के बाद तीनों दल अपनी-अपनी सीटों पर उम्मीदवार तय करेंगे.

BJP को लोग दरकीनार करना चाहते हैं

शरद पवार ने कहा, देश में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में साल 2019 में महाराष्ट्र में कांग्रेस को एक ही सीट मिली थी और राष्ट्रवादी कांग्रेस को चार सीट मिली थी, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को 30 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी और उनके सहयोगी दलों को लोग दरकीनार करना चाहते हैं. यह एक आशावादी स्थिति है और इस बदलाव की प्रक्रिया में हम सब जुटे हुए है.

वन नेशन वन इलेक्शन

शरद पवार ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कहा, इंडिया गठबंधन के घटक दल का हिस्सा, हम सभी एक साथ मिलकर इस पर विचार करेंगे और एकमत से फैसला लेंगे. उन्होंने आगे कहा, अगले 8 से 10 दिनों में इंडिया गठबंधन की बैठक हो सकती है, लेकिन उस बैठक के पहले मेरे जैसे व्यक्ति के लिए वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कोई राय जाहिर करना उचित नहीं है. सभी की राय ली जानी जरूरी है.